CBSE Class 10 Hindi Chapter 1 Harihar Kaka (हरिहर काका) Question Answers (Important) from Sanchayan Book
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हरिहर काका NCERT Solutions
प्रश्न 1 – कथावाचक और हरिहर काका के बीच क्या सम्बन्ध है और इसके क्या कारण है?
उत्तर – हरिहर काका लेखक को बचपन से ही बहुत ज्यादा प्यार करते थे। वे लेखक को अपने कंधे पर बैठा कर घुमाया करते थे। एक पिता का अपने बच्चों के लिए जितना प्यार होता है, लेखक के अनुसार हरिहर काका का उसके लिए प्यार उससे भी अधिक था। जब लेखक व्यस्क हुआ या थोड़ा समझदार हुआ तो उसकी पहली दोस्ती भी हरिहर काका के साथ ही हुई थी। उससे पहले हरिहर काका की गाँव में किसी से इतनी गहरी दोस्ती नहीं हुई थी। लेखक कहता है कि जब हरिहर काका उसके पहले दोस्त बने तो उसे ऐसा लगा जैसे हरिहर काका ने भी लेखक से दोस्ती करने के लिए इतनी लम्बी उम्र तक इन्तजार किया हो। हरिहर काका उससे कभी भी कुछ नहीं छुपाते थे, वे उससे सबकुछ खुल कर कह देते थे। इस तरह हम कह सकते हैं कि लेखक और हरिहर काका का बहुत ही घनिष्ठ सम्बन्ध था।
प्रश्न 2 – हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के क्यों लगने लगे?
उत्तर – कुछ दिनों तक तो हरिहर काका के परिवार वाले हरिहर काका की सभी चीज़ों का अच्छे से ध्यान रखते थे, परन्तु फिर कुछ दिनों बाद हरिहर काका को कोई पूछने वाला नहीं था। हरिहर काका के सामने जो कुछ बच जाता था वही परोसा जाता था। कभी-कभी तो हरिहर काका को बिना तेल-घी के ही रूखा-सूखा खाना खा कर प्रसन्न रहना पड़ता था। अगर कभी हरिहर काका के शरीर की स्थिति या मन की स्थिति ठीक नहीं होती तो हरिहर काका पर मुसीबतों का पहाड़ ही गिर जाता। क्योंकि इतने बड़े परिवार के रहते हुए भी हरिहर काका को कोई पानी भी नहीं पूछता था। बारामदे के कमरे में पड़े हुए हरिहर काका को अगर किसी चीज़ की जरुरत होती तो उन्हें खुद ही उठना पड़ता।
महंत हरिहर काका को समझाता था कि उनके हिस्से में जितने खेत हैं वे उनको भगवान के नाम लिख दें। ऐसा करने से उन्हें सीधे स्वर्ग की प्राप्ति होगी। तीनों लोकों में उनकी प्रसिद्धि का ही गुणगान होगा। जब तक इस दुनिया में चाँद-सूरज रहेंगे, तब तक लोग उन्हें याद किया करेंगे। साधु-संत भी उनके पाँव धोएंगें। महंत हरिहर काका से कहता था कि उनके हिस्से में जो पंद्रह बीघे खेत हैं। उसी के कारण उनके भाइयों का परिवार उनसे जुड़ा हुआ है। किसी दिन अगर हरिहर काका यह कह दें कि वे अपने खेत किसी और के नाम लिख रहे हैं तो वे लोग तो उनसे बात करना भी बंद कर देंगें। खून के रिश्ते ख़त्म हो जायेंगे।
असल में हरिहर काका को समझ आ गया था की दोनों ही उनसे उनकी जमीन के लिए अच्छा व्यवहार करते हैं, नहीं तो कोई उन्हें पूछता तक नहीं। इसीलिए हरिहर काका को महंत और अपने भाई एक ही श्रेणी के लगने लगे थे।
प्रश्न 3 – ठाकुरबारी के प्रति गाँव वालों के मन में अपार श्रद्धा के जो भाव हैं उससे उनकी किस मनोवृति का पता चलता है?
उत्तर – गाँव के लोगों को भोला और अंधविश्वासी मनोवृति का माना जाता है क्योंकि गाँव के ज्यादातर लोगों का विश्वास यह बना होता है कि अगर उनकी फसल अच्छी हुई है तो उसे वे अपनी मेहनत नहीं बल्कि भगवान की कृपा मानते हैं। किसी की मुक़दमे में जीत होती है तो उसका श्रेय भी भगवान को दिया जाता है। लड़की की शादी अगर जल्दी तय हो जाती है तो भी माना जाता है कि भगवान से मन्नत माँगने के कारण ऐसा हुआ है। अपनी ख़ुशी से गाँव के लोग भगवान को बहुत कुछ दान में देते हैं, कुछ तो अपने खेत का छोटा-सा भाग भगवान के नाम कर देते हैं। इसी बात का फायदा महंत-पुजारी और साधु-संत लोग उठाते हैं जो ठाकुरबारी के नाम पर और भगवान को भोग लगाने के नाम पर दिन के दोनों समय हलवा-पूड़ी बनवाते हैं और आराम से पड़े रहते हैं। सारा काम वहाँ आए लोगो से सेवा करने के नाम पर करवाते हैं। लोग ठाकुर बारी को पवित्र, निष्कलंक और ज्ञान का प्रतिक मानते हैं।
प्रश्न 4 – अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं? कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – जब हरिहर काका के भाइयों ने हरिहर काका को उनके हिस्से की जमीन को उनके नाम लिखवाने के लिए कहा, तो हरिहर काका बहुत सोचने के बाद अंत में इस परिणाम पर पहुंचे कि अपने जीते-जी अपनी जायदाद का स्वामी किसी और को बनाना ठीक नहीं होगा। फिर चाहे वह अपना भाई हो या मंदिर का महंत। हरिहर काका को अपने गाँव और इलाके के वे कुछ लोग याद आए, जिन्होंने अपनी जिंदगी में ही अपनी जायदाद को अपने रिश्तेदारों या किसी और के नाम लिखवा दिया था। उनका जीवन बाद में किसी कुत्ते की तरह हो गया था, उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं था। हरिहर काका बिलकुल भी पढ़े-लिखे नहीं थे, परन्तु उन्हें अपने जीवन में एकदम हुए बदलाव को समझने में कोई गलती नहीं हुई और उन्होंने फैसला कर लिया कि वे जीते-जी किसी को भी अपनी जमीन नहीं लिखेंगे। इससे पता चलता है कि अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते थे।
प्रश्न 5 – हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले कौन थे? उन्होंने उनके साथ कैसा बर्ताव किया?
उत्तर – हरिहर काका को जबरन उठा ले जाने वाले महंत के आदमी थे। उन्होंने ठाकुरबारी के एक कमरे में हरिहर काका को हाथ और पाँव बाँध कर रखा था और साथ ही साथ उनके मुँह में कपड़ा ठूँसा गया था ताकि वे आवाज़ न कर सकें। वे लोग काका को उस कमरे में इस तरह बाँध कर कही गुप्त दरवाज़े से भाग गए थे और उन्होंने कुछ खाली और कुछ लिखे हुए कागजों पर हरिहर काका के अँगूठे के निशान जबरदस्ती ले लिए थे। परन्तु हरिहर काका दरवाज़े तक लुढ़कते हुए आ गए थे और दरवाज़े पर अपने पैरों से धक्का लगा रहे थे ताकि बाहर खड़े उनके भाई और पुलिस उन्हें बचा सकें।
प्रश्न 6 – हरिहर काका के मामले में गाँव वालों की क्या राय थी और उसके क्या कारण थे?
उत्तर – कहानी के आधार पर गाँव के लोगों को न तो महंत जी ने कुछ बताया था और ना ही हरिहर काका के भाइयों ने कुछ बताया था। उसके बाद भी गाँव के लोग सच्चाई से खुद ही परिचित हो गए थे।गाँव के लोग जानते थे कि हरिहर काका के परिवार वाले हरिहर काका का ध्यान नहीं रखते और इसी वजह से महंत जी हरिहर काका को सुख-समृद्धि का लालच दे कर जमीन ठाकुरबारी के नाम करवाना चाहते थे। यही कारण था कि गाँव वाले दो वर्गों में बाँट गए थे। फिर तो गाँव के लोग जब भी कहीं बैठते तो बातों का ऐसा सिलसिला चलता जिसका कोई अंत नहीं था। हर जगह बस उन्हीं की बातें होती थी। कुछ लोग कहते कि हरिहर काका को अपनी जमीन भगवान के नाम लिख देनी चाहिए। इससे उत्तम और अच्छा कुछ नहीं हो सकता। इससे हरिहर काका को कभी न ख़त्म होने वाली प्रसिद्धि प्राप्त होगी। इसके विपरीत कुछ लोगों की यह राय थी कि भाई का परिवार भी तो अपना ही परिवार होता है। अपनी जायदाद उन्हें न देना उनके साथ अन्याय करना होगा। खून के रिश्ते के बीच दीवार बन सकती है।
प्रश्न 7 – कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए कि लेखक ने यह क्यों कहा, “अज्ञान की स्थिति में ही मनुष्य मृत्यु से डरते हैं। ज्ञान होने के बाद तो आदमी आवश्यकता पड़ने पर मृत्यु को वरन करने के लिए तैयार हो जाता है।”
उत्तर – जब हरिहर काका के भाई हरिहर काका को धमका रहे थे तो वे बिलकुल नहीं डरे, अगर वे हरिहर काका के अपहरण से पहले उन्हें डराते तो शायद वे डर जाते। हरिहर काका समझ गए थे कि जब मनुष्य को ज्ञान नहीं होता तभी वह मृत्यु से डरता है। परन्तु जब मनुष्य को ज्ञान हो जाता है तब वह जरूरत पड़ने पर मृत्यु का सामना करने के लिए भी तैयार हो जाता है। हरिहर काका ने सोच लिया था कि उनके भाई उन्हें एक बार ही मार दें तो सही है, लेकिन वे जमीन उनके नाम लिख कर अपनी पूरी जिंदगी घुट-घुट कर नहीं मरना चाहते, यह उन्हें ठीक नहीं लग रहा था। हरिहर काका को अपने गाँव और इलाके के वे कुछ लोग याद आए, जिन्होंने अपनी जिंदगी में ही अपनी जायदाद को अपने रिश्तेदारों या किसी और के नाम लिखवा दिया था। पहले-पहले तो रिश्तेदार बहुत आदर-सम्मान करते हैं, परन्तु बुढ़ापे में परिवार वालों को दो वक्त का खाना देना भी बुरा लगने लगाता है। बाद में उनका जीवन किसी कुत्ते के जीवन की तरह हो जाता है, उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं होता। हरिहर काका अपनी इस तरह की हालत से अच्छा एक बार ही मर जाना सही समझते थे।
प्रश्न 8 – समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
उत्तर – समाज में सुखी जीवन जीने के लिए रिश्तों-नातों का बहुत अधिक महत्त्व है। परन्तु आज के समाज में सभी मानवीय और पारिवारिक मूल्यों और कर्तव्यों को पीछे छोड़ते जा रहे हैं। आज का व्यक्ति स्वार्थी मनोवृति का हो गया है। वह केवल अपने मतलब के लिए ही लोगों से मिलता है। वह अपने अमीर रिश्तेदारों से रोज मिलना चाहता है परन्तु अपने गरीब रिश्तेदारों से कोसों दूर भागता है। ज्यादातर लोग केवल स्वार्थ के लिए ही रिश्ते निभाते हैं। रोज अखबारों और ख़बरों में सुनने को मिलता है कि जायदाद के लिए लोग अपनों की हत्या करने से भी नहीं झिझकते।
प्रश्न 9 – यदि आपके पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई हो तो आप उसकी किस तरह मदद करेंगे?
उत्तर – यदि हमारे आस-पास हरिहर काका जैसी हालत में कोई व्यक्ति होगा तो हम उसकी मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे। आज कल बहुत सी स्वयंसेवी संस्थाएँ हैं जो इस तरह से पीड़ित व्यक्तियों की मदद करती हैं, हम उनसे मदद लेंगे। उस व्यक्ति से खुद भी बात करेंगे और कारण का पता करने की कोशिश करेंगे। हम उस व्यक्ति को ख़ुशी से अपनी बाकी जिंदगी गुजारने के लिए प्रेरित करेंगे और अगर संभव हो तो उसके परिवार वालो से भी बात करके उनके बिगड़े हुए रिश्तों को सुधारने का प्रयास करेंगे।
प्रश्न 10 – हरिहर काका के गाँव में यदि मिडिया की पहुँच होती तो उनकी क्या स्थिति होती? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – हरिहर काका के गाँव में यदि मिडिया की पहुँच होती तो शायद उनकी इतनी खराब हालत नहीं होती। सबकी पोल खुल जाती, मिडिया हरिहर काका के साथ हुए अत्याचारों को सभी के सामने लाती। वे लोग जो बेसहारा बुजुर्गों पर अत्याचार करते हैं, उनकी सम्पति को हड़पने के लिए किसी भी हद तक चले जाते हैं और यहाँ तक की उन्हें दो वक्त का खाना भी नहीं देते, उन लोगो को सामने ला कर मिडिया उन्हें साजा दिलवाने के लिए सबूतों को इकठ्ठा कर सकता है और यही होता अगर हरिहर काका के गाँव में मिडिया की पहुँच होती।
Class 10 Hindi हरिहर काका Lesson 1 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1. हरिहर काका के यहाँ से मैं अभी-अभी लौटा हूँ। कल भी उनके यहाँ गया था, लेकिन न तो वह कल ही कुछ कह सके और न आज ही। दोनों दिन उनके पास मैं देर तक बैठा रहा, लेकिन उन्होंने कोई बातचीत नहीं की। जब उनकी तबियत के बारे में पूछा तब उन्होंने सिर उठाकर एक बार मुझे देखा। फिर सिर झुकाया तो मेरी ओर नहीं देखा। हालाँकि उनकी एक ही नज़र बहुत कुछ कह गई। जिन यंत्रणाओं के बीच वह घिरे थे और जिस मनः स्थिति में जी रहे थे, उसमें आँखे ही बहुत कुछ कह देती हैं, मुँह खोलने की जरूरत नहीं पड़ती।
प्रश्न 1. हरिहर काका कौन है?
उतर :- हरिहर काका लेखक (मिथिलेश्वर) के पड़ोसी और इस कहानी के नायक ।
प्रश्न 2. हरिहर काका के यहाँ से अभी-अभी कौन लौटा था?
उतर :- लेखक
प्रश्न 3. यंत्रणा का क्या अर्थ है-
उतर:- कलेश या कष्ट
प्रश्न 4. हरिहर काका किस मनः स्थिति में जी रहे थे?
उतर:- दुख और परेशानी
2. मेरा गाँव कस्बाई शहर आरा से चालीस किलोमीटर की दुरी पर है। हसनबाजार बस स्टैंड के पास। गाँव की कुल आबादी ढाई-तीन हज़ार होगी। गाँव में तीन प्रमुख स्थान हैं। गाँव के पश्चिम किनारे का बड़ा-सा तालाब। गाँव के मध्य स्थित बरगद का पुराना वृक्ष और गाँव के पूरब में ठाकुर जी का विशाल मंदिर, जिसे गाँव के लोग ठाकुरबारी कहते हैं।
प्रश्न 1. किसका गाँव कस्बाई शहर आरा से चालीस किलोमीटर की दुरी पर था ?
उतर:- लेखक का
प्रश्न 2. गाँव के बीच में क्या स्थित था?
उतर:- बरगद का पुराना वृक्ष
प्रश्न 3. गाँव के लोग ठाकुरबारी किसे कहते थे।
उतर:- ठाकुर जी का विशाल मंदिर को
3. फिर एकांत कमरे में उन्हें बैठा, खूब प्रेम से समझाने लगे-” हरिहर! यहाँ कोई किसी का नहीं है। सब माया का बंधन है। तू तो धार्मिक प्रवृति का आदमी है। मैं समझ नहीं पा रहा हूँ कि तुम इस बंधन में कैसे फँस गए? ईश्वर में भक्ति लगाओ।
प्रश्न 1. हरिहर काका को कौन एकांत में बैठाकर प्रेम से समझाने लगा?
उतर:- ठाकुरबारी का महंत
प्रश्न 2. महंत किसे ईश्वर की भक्ति करने लिए बोल?
उतर:- हरिहर काका को
Class 10 Hindi हरिहर काका प्रश्न और उत्तर (Question Answers) (including questions from Previous Years Question Papers)
In this post we are also providing important questions for CBSE Class 10 Boards in the coming session. These questions have been taken from previous years class 10 Board exams and the year is mentioned in the bracket along with the question.
प्रश्न 1. लोगों के बीच बहस छिड़ जाती है। उत्तराधिकारी के कानून पर जो जितना जानता है, उससे दस गुना अधिक उगल देता है। फिर भी कोई समाधान नहीं निकलता। रहस्य खत्म नहीं होता, आशंकाएँ बनी ही रहती हैं। लेकिन लोग आशंकाओं को नजरअंदाज कर अपनी पक्षधरता शुरू कर देते हैं।
हरिहर काका सभी के लिए चर्चा का केंद्र बने हुए थे। हरिहर काका मामले में गाँव वालों की राय तर्क सहित स्पष्ट कीजिए। (CBSE 2022-23)
उतर :- गाँव वालों की अलग-अलग राय होने के कारण दो दल बन गए थे।
- गाँव में एक तरफ़ चटोरे किस्म के लोग थे जो ठाकुरबारी में प्रसाद के बहाने तर माल खाते थे। वे महंत के पक्षधर थे। वे चाहते थे कि हरिहर काका को अपनी जमीन ठाकुरबारी के नाम लिख देनी चाहिए। इससे उन्हें पुण्य मिलेगा तथा उनकी कीर्ति स्थायी रहेगी।
- दूसरा दल ठाकुरबारी के धार्मिक पाखंड को भली- भांति जानने वालों का था। वे भाइयों के परिवार के समर्थक थे। उनकी राय थी कि हरिहर काका को अपनी जमीन भाइयों के नाम लिख देनी चाहिए। उन्हें यही राय न्यायपूर्ण प्रतीत होती थी।
प्रश्न 2. कल भी उनके यहाँ गया था, लेकिन न तो वह कल ही कुछ कह सके और न आज ही। दोनों दिन उनके पास मैं देर तक बैठा रहा, लेकिन उन्होंने कोई बातचीत नहीं की। जब उनकी तबीयत के बारे में पूछा तब उन्होंने सिर उठाकर एक बार मुझे देखा फिर सिर झुकाया तो दुबारा मेरी ओर नहीं देखा हालाँकि उनकी एक ही नज़र बहुत कुछ कह गई। जिन यंत्रणाओं के बीच वह घिरे थे और जिस मनः स्थिति में जी रहे थे, उसमें आँखें ही बहुत कुछ कह देती है, मुँह खोलने की जरूरत नहीं पड़ती।
हरिहर काका की पंद्रह बीघे ज़मीन उनके लिए जी का जंजाल बन गई। कथन के आलोक में अपने विचार व्यक्त कीजिए। (CBSE 2021-22)
उत्तर – हरिहर काका और लेखक के बीच बहुत ही मधुर एवं आत्मीय संबंध थे | लेखक गाँव में जिन लोगों का सम्मान करते थे हरिहर काका उनमें से एक थे। हरिहर काका की आँखों में लेखक ने उस दुख को देखा जो रिश्तों की गर्माहट के भावों को नकारता हुआ तथा पाँव पसारती हुई, स्वार्थ लिप्सा और धर्म की आड़ में फलने-फूलने का अवसर पा रही हिंसा प्रवृत्ति को उजागर करता है।
ठाकुरबारी के महंत एवं हरिहर काका के भाइयों का एकमात्र उद्देश्य हरिहर काका की पंद्रह बीघे ज़मीन को हथियाना था। इसके लिए उन्होंने कई तरह के हथकंडे अपनाए और हरिहर काका पर बहुत जुल्म और अत्याचार किए। उनके विश्वास को ठेस पहुँचाई। ठाकुरबारी के महंत ने ज़बरदस्ती सादे कागज़ पर अँगूठे के निशान लिए, उन्हें मारा-पीटा तथा हाथ पाँव और मुँह बांधकर कमरे में बंद कर दिया। हरिहर के भाइयों ने भी ऐसा ही किया। भौतिक सुखों की होड़, रिश्तों की अहमियत को औपचारिकता और आडंबर का जामा पहनाना इत्यादि के कारण हरिहर की पंद्रह बीघे ज़मीन उनके लिए जी का जंजाल बन गई थी।
प्रश्न 3. महंत और अपने भाई हरिहर काका को एक जैसे क्यों लगने लगते है? ‘हरिहर काका’ कहानी के आधार पर स्पष्ट कीजिए (CBSE 2020-21)|
उतर : – हरिहर काका को महंत और अपने सगे भाई एक जैसे इसलिए लगने लगते है क्योंकि दोनों ही स्वार्थ में डूबे हुए थे । और दोनों ही हरिहर काका के जमीन-जायदाद को हड़पना चाहते थे ।और उनकी जमीन को पाने के लिए वे किसी भी हद तक गिर सकते थे। यहां तक कि दोनों हरिहर काका की जान तक लेने को तैयार थे । दिखावा करने के अलावा दोनों कुछ नहीं करते थे ।
प्रश्न 4. ‘हरिहर काका एक सीधे साधे और भोले किसान की अपेक्षा चतुर हो चले थे’ कथन के संदर्भ में 60-70 शब्दों में विचार व्यक्त कीजिए (CBSE 2019-20)
उतर : – हरिहर काका को जहाँ पहले सीधे-सादे और भोले किसान के रूप में चित्रित किया गया है, वहीं कटु अनुभवों के चलते उनमें चातुर्य कौशल भी दिखाई पड़ता है। अनपढ़ होते हुए भी हरिहर काका दुनिया की बेहतर समझ रखते हैं। इसलिए अपनी ज़मीन-जायदाद को लालची लोगो से बचाना चाहते थे। एक बार ठाकुरबारी के महंत ने भी हरिहर काका से लाभ उठाने की योजना बनाई । महंत ने काका से कहा कि ठाकुरबारी के नाम जमीन दान करने से उन्हें पुण्य मिलेगा और वे सीधे स्वर्ग जाएंगे। और काका के सगे भाई भी उनसे उनकी ज़मीन-जायदाद को अपने नाम करने को कहते हैं और इसके बदले में उनका आदर-सत्कार व देखभाल करते हैं। हरिहर काका महंत और अपने भाइयों की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते, पर किसी की भी बात को नहीं मानते, क्योंकि वह जानते थे, कि इसी गाँव में कई लोगों ने अपनी जमीन-जायदाद को अपने रिश्तेदारों या किसी और के नाम लिख दिया। बाद में उनका जीवन किसी कुत्ते की तरह हो गया और उन्हें कोई पूछने वाला भी नहीं था। हरिहर काका धोखे में नहीं पड़ना चाहते थे। इसलिए वे जीते-जी अपनी जमीन किसी के भी नाम नहीं करना चाहते थे।
प्रश्न 5. ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर बताइए कि धर्म के नाम पर किस तरह साधारण जन की भावनाओं से खेला जाता है? (CBSE 2018-19)
उतर : – ‘हरिहर काका’ पाठ में धर्म के नाम पर सीधे – सादे गाँव के लोगों को ठाकुरबारी के नाम पर बेवकूफ बनाया जाता है और धर्म के ठेकेदारों द्वारा जैसे महंत इत्यादि लोग केवल आराम से ठाट – बाट का जीवन व्यतीत करते है तथा लोगों से पैसा, जमीन हड़पना, समय आने पर गुंडागर्दी मारपीट या हिंसा पर उतर आना और काका जैसे लोगों से जमीन हथियाने के लिए पहले बहलाना – फुसलाना फिर न मानने उन्हें बंधक बनाकर जबरदस्ती अंगूठा लगवाना इत्यादि काम करते है।
प्रश्न 6. समाज में रिश्तों की क्या अहमियत है? ‘हरिहर काका’ पाठ के आधार पर बताइए । (CBSE 2017-18)
उतर : – ‘आधुनिक युग रिश्ते भावनाओं की सीमाओं से परे केवल धन-दौलत पर आधारित है, हरिहर काका अपनी मर्जी से चाहे सब कुछ अपने भाइयों को ही देते लेकिन भाइयों के लालच व आतुर स्वभाव के कारण उनकी असलियत सामने आ गई, ठाकुरबारी के महंत यूं तो धर्म का ठेकेदार परंतु वह भी लालच के कारण इंसानियत की सारी हदों को पार कर गया। हरिहर काका को न तो अपनों से प्यार मिला और न ही दूसरों से हमदर्दी। आज के रिश्ते केवल दिखावे के लिए है और अंदर से खोखले।
प्रश्न 7. हरिहर काका पाठ के कौन से अंश ने आपके मन को अधिक प्रभावित किया और क्यों? अपने शब्दों में लिखिए।
उतर :- यह सत्य है कि हरिहर काका पाठ का कुछ अंश बहुत मार्मिक हैं जो पाठकों के मन को छू लेते हैं, परंतु जब अपने सगे भाइयों के द्वारा हरिहर ‘काका’ पर हमला किया जाता है, तो वह अंश ‘क्रूरता’ की सीमा को पार कर जाता है। आज समाज से लोगों के संस्कार और पारिवारिक मूल्य धीरे-धीरे लुप्त होते जा रहे हैं। ज्यादातर लोग अपने स्वार्थ के लिए रिश्ते रखते हैं। लेकिन सच यह है कि सुख-दुख में रिश्ते ही काम आते हैं, परंतु यह अत्यंत दुख की बात है आज की दुनिया में लोग स्वार्थी होते जा रहे हैं। इससे रिश्तों से प्यार और भाईचारे की भावना गायब हो रही है। इस कहानी में भी अगर पुलिस समय पर नहीं आती तो परिवार वाले हरिहर काका की हत्या कर देते। आज रिश्तों से ज्यादा पैसे को महत्व दिया जा रहा है।
प्रश्न 8. हरिहर काका ने आँगन में थाली उठाकर क्यों फेंक दी?
उतर :- हरिहर काका अपने घर के दालान में बीमार पड़े थे, लेकिन उनके भाई के घर वाले उनका ध्यान नहीं रख रहे थे । इसलिए हरिहर काका बहुत दुखी थे। इसी बीच शहर में क्लर्की करने वाले भतीजे का एक दोस्त गांव आया तो घर में उसके लिए अच्छे पकवान बनाए गए, लेकिन हरिहर काका को रूखा-सूखा ही खाना परोसा। इसी कारण हरिहर काका ने खाने की थाली उठाकर आँगन में फेंक दी।
प्रश्न 9. ‘अपने भी पराये बन जाते हैं- संपत्ति के लिए’ हरिहर काका कहानी के आधार पर सिद्ध कीजिए।
उतर :- हरिहर काका कहानी से यह पता चलता है कि संपत्ति के लिए अपने भी पराये बन जाते हैं। हरिहर काका की पंद्रह बीघे ज़मीन के लिए गाँव के ठाकुरबारी के महंत व साधु संत ही नहीं, बल्कि हरिहर काका के सगे भाई-बन्धु भी उनके साथ दुर्व्यवहार करने लग गए थे। एक बार उनके भाइयों ने उनके साथ बहुत ही ज्यादा बुरा व्यवहार किया, जबरदस्ती बहुत से कागजों पर उनके अँगूठे के निशान ले लिए और उनके विरोध करने पर वे काका पर प्रहार भी करने लगे थे। काका के चिल्लाने पर उन्होंने उनके मुँह में कपड़ा भी ठूंस दिया। अब ऐसा कोई भी बुरा व्यवहार बाकी नहीं रहा है जो उनके साथ न हुआ हो । इस प्रकार हम देखते हैं कि हरिहर काका को अपने ही लोगों से ठेस पहुँची।
प्रश्न 10. हरिहर काका की नजर में महंत कब घृणित और दुराचारी नज़र आने लगा?
उतर :- हरिहर काका गाँव के एक सम्मानित बुजुर्ग थे । उनके पास पंद्रह बीघा जमीन थी । पर उनकी अपनी कोई संतान नहीं थी। इसलिए उनके तीनों भाई तथा ठाकुरबारी के महंत उनकी जमीन को हड़पने के लालच में थे। हरिहर काका के जिंदा रहते हुए अपनी जमीन किसी के नाम न लिखने के फैसले ने महंत को परेशान कर दिया। तब महंत ने काका को अगवा कर जमीन के कागजात पर अंगूठा लगाने को मजबूर किया और इसके बाद उन्हें बहुत बुरी तरह प्रताड़ित किया। महंत के इसी छलावे के कारण हरिहर काका को वह घृणित और दुराचारी नजर आने लगा।
प्रश्न 11. महंत जी ने हरिहर काका को एकांत कमरे में बैठाकर प्रेम से क्या समझाया? अपने शब्दों में लिखिए।
उतर :- महंत जी ने एकांत कमरे में हरिहर काका को बैठाकर यह समझाया कि ये रिश्ते-नाते स्वार्थ पर टिके होते हैं। महंत ने हरिहर काका की खूब सेवा की और विभिन्न प्रकार का लालच देकर काका की जमीन हड़पने का प्रयास भी किया। लेकिन अंत में महंत ने काका से कहा कि ठाकुरबारी के नाम जमीन दान करने से उन्हें पुण्य मिलेगा और वे सीधे स्वर्ग जाएंगे। जब तक यह ठाकुरबारी रहेगी तब तक इसके साथ तुम्हारा नाम भी जुड़ा रहेगा और इसका लाभ तुम्हें अगले जन्मों तक मिलता रहेगा।इस तरह से महंत ने काका से ज़बरदस्ती कागज़ पर अंगूठे के निशान ले लिए।
प्रश्न 12. ठाकुरबारी के विषय में लेखक के क्या विचार थे?
उतर :- लेखक का ठाकुरबारी के बारे में यह विचार था कि यह अंधविश्वास और पाखंड का स्थान है। एक समय में, ठाकुरबारी के संत और महंत जीवित रहने के लिए गाँव के लोगों के दान पर निर्भर थे, लेकिन जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती गई, ‘ठाकुरबारी’ का रूप बदल गया। गाँव के लोगों का मानना था कि उन्होंने जो कुछ भी हासिल किया है वह ठाकुर जी की कृपा से हुआ है। उदाहरण के लिए पुत्र के जन्म पर वे ठाकुर जी को भेंट के रूप में धन, आभूषण, भूमि, या कुछ भी देते थे। ग्रामीणों में ठाकुर जी के प्रति अगाध श्रद्धा थी, जिसे लेखक ने धार्मिक अंधविश्वास और पाखंड के रूप में प्रकट किया है।
प्रश्न 13. हरिहर काका के परिवार का स्वरूप कैसा था?
उतर :- हरिहर काका के परिवार में हरिहर काका की दो पत्नियां थीं जो स्वर्ग सिधार चुकी थीं और हरिहर काका की कोई संतान नहीं थी। हालाँकि, उनके अन्य भाइयों के बच्चे थे, और उनका भरा-पूरा परिवार था। हरिहर काका के बड़े भाई व छोटे भाई के बच्चे सयाने हो गए थे। दो की शादियाँ हो गई थीं। उनमें से एक पढ़-लिखकर शहर के किसी दफ्तर में क्लर्क का काम करने लग गया था। भाइयों में हरिहर काका का नंबर दूसरा था। बुढ़ापे में हरिहर काका प्रेम व इत्मीनान से अपने भाइयों के परिवार के साथ रहते थे।
प्रश्न 14. हरिहर काका को पुलिस सुरक्षा क्यों प्रदान की गई?
उतर :- हरिहर काका पर दो बार हमला हुआ, लेकिन दोनों बार वे बच गए। एक बार ठाकुरबारी के साधु-संतों ने उनका अपहरण कर लिया और उन्हें मारने की कोशिश की, लेकिन वे बच गए । दूसरी बार, हरिहर काका ने अपनी ज़मीन अपने भाइयों को नहीं दी तो उन्होंने जान से मारने और जमीन में गाड़ देने की धमकी दी। लेकिन पुलिस समय पर आकर उनकी मदद की और इस तरह हरिहर काका बच गए। और बाद में हरिहर काका की जान की सुरक्षा व अपहरण से बचाने के लिए उन्हें पुलिस सुरक्षा प्रदान की गई।
प्रश्न 15. हरिहर काका की दयनीय स्थिति का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उतर :- हरिहर काका की स्थिति बहुत ही दयनीय थी। वो खुद को दुनिया में बहुत अकेला महसूस करते थे। उनके मन में भय, उदासी, हताशा और निराशा ने घर कर लिया था। एक बार उनका अपहरण भी कर लिया गया था। उनके भाइयों और ठाकुरबारी के संतों ने भी उन्हें बुरी तरह पीटा और जान से मारने की धमकी दी। इसके अलावा उनकी दो पत्नियां स्वर्ग सिधार गई थीं। वे निःसंतान थे। वह इस दुनिया में अकेले रहने को मजबूर थे। वे लाचार और असहाय थे।
प्रश्न 16. हरिहर काका ने सबसे बात करना बंद क्यों कर दिया था?
उतर :- हरिहर काका के साथ उनके भाइयों और परिवार के अन्य सदस्यों ने दुर्व्यवहार किया था और उन्हें जान से मारने की कोशिश भी की थी। और हरिहर काका को जिस महंत पर विश्वास था उसने भी उनके विश्वास को तोड़ दिया था। इसलिए हरिहर काका बहुत परेशान थे क्योंकि उन्हें लगता था कि अब वे लोगों पर भरोसा नहीं कर सकते। इसलिए काका ने लोगों से बात करना बंद कर दिया और वे उदास और परेशान रहने लगे थे।
प्रश्न 17. महंत ने क्या कहकर हरिहर काका के मन में उनके परिवार के प्रति जहर भरा?
उतर :- महंत हरिहर काका के पास बैठे थे, तभी उनकी भाइयों के परिवार वालों से कहा-सुनी हो गई। महंत ने इस मौके का फायदा उठाया और हरिहर काका के कानों में जहर घोल दिया, यह कहते हुए कि भाइयों के बीच रिश्ते झूठे हैं और सब स्वार्थ के कारण बँधे है। यहाँ कोई किसी का नहीं है। सब माया का बंधन है। भाई-बंधु और सगे संबंधी सभी अपनी स्वार्थी इच्छाओं से प्रेरित लोग हैं। अगर उन्हें वह नहीं मिला जो वे चाहते हैं तो वही तुम्हें पूछेंगे तक नहीं। और ना ही आपसे बात करेंगे। खून का रिश्ता भी खत्म हो जाएगा। यही बात महंत ने हरिहर काका को बताने की कोशिश की ताकि उनके मन में अपने भाइयों के प्रति नफरत पैदा हो जाए।
प्रश्न 18. हरिहर काका को उनके घर से जबरन कौन उठा ले गया? और उनके साथ उन्होंने कैसा व्यवहार किया?
उत्तर:- हरिहर काका को उनके घर से जबरन उठाने वाले महंत के आदमी थे। वे रात के समय हथियारों के साथ आते है और काका को ठाकुरबारी उठा कर ले जाते हैं। वहाँ उनके साथ बड़ा ही दुर्व्यवहार किया जाता है। उन्हे बहुत मारा पीटा जाता है और जबरदस्ती सादे कागजों पर अँगूठे का निशान ले लिया जाता है। उसके बाद उनके मुहँ में कपड़ा ठूँसकर उन्हें अनाज के गोदाम में बंद कर दिया जाता है।
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