NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 धर्म की आड़ Important Question Answers Lesson 5
Class 9 Hindi Dharm ki Aad Question Answers – Looking for Dharm ki Aad question answers for CBSE Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 Book Lesson 5? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग 1 पुस्तक पाठ 5 के लिए धर्म की आड़ प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे धर्म की आड़ प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।
The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.
Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.
Class 9 Hindi धर्म की आड़ Question Answers Lesson 5 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
1)
इस समय, देश में धर्म की धूम है। उत्पात किए जाते हैं, तो धर्म और ईमान के नाम पर, और जिद की जाती है, तो धर्म और ईमान के नाम पर। रमुआ और बुद्धू मियाँ
धर्म और ईमान को जानें, या न जानें, परंतु उनके नाम पर उबल पड़ते हैं और जान लेने और जान देने के लिए तैयार हो जाते हें।
देश के सभी शहरों का यही हाल है। उबल पड़नेवाले साधारण आदमी का इसमें केवल इतना ही दोष है कि वह कुछ भी नहीं समझता-बूझता, और दूसरे लोग उसे जिधर जोत देते हैं, उधर जुत जाता है। यथार्थ दोष है, कुछ चलते-पुरज़े, पढ़े-लिखे लोगों का, जो मूर्ख लोगों की शक्तियों और उत्साह का दुरुपयोग इसलिए कर रहे हैं कि इस प्रकार, जाहिलों के बल के आधार पर उनका नेतृत्व और बड़प्पन कायम रहे। इसके लिए धर्म और ईमान की बुराइयों से काम लेना उन्हें सबसे सुगम मालूम पड़ता है। सुगम है भी।
i. इस समय देश में किस की धूम है?
(क) भ्रष्टाचार
(ख) अत्याचार
(ग) आतंकवाद
(घ) धर्म
उत्तर: (घ) धर्म
ii. किसके लिए धर्म और ईमान की बुराइयों से काम लेना उन्हें सबसे सुगम मालूम पड़ता है?
(क) पढ़े लिखे लोगों के लिए
(ख) अमीर के लिए
(ग) चालाक लोगों के लिए
(घ) गरीब लोगों के लिए
उत्तर: (क) पढ़े लिखे लोगों के लिए
iii. मूर्ख लोगों की शक्तियों और उत्साह का दुरुपयोग कौन कर रहा?
(क) पढ़े लिखे लोग
(ख) अमीर
(ग) चालाक लोग
(घ) गरीब लोग
उत्तर: (क) पढ़े लिखे लोग
iv. पढ़े-लिखे लोग मूर्ख लोगों की शक्तियों और उत्साह का दुरुपयोग क्यों कर रहे हैं?
(क) कामयाब होने के लिए
(ख) पैसे कमाने के लिए
(ग) वर्चस्व के लिए
(घ) नेतृत्व और बड़प्पन के लिए
उत्तर: (घ) नेतृत्व और बड़प्पन के लिए
2)
साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में यह बात अच्छी तरह बैठी हुई है कि धर्म और ईमान की रक्षा के लिए प्राण तक दे देना वाजिब है। बेचारा साधारण आदमी धर्म के तत्त्वों को क्या जाने? लकीर पीटते रहना ही वह अपना धर्म समझता है। उसकी इस अवस्था से चालाक लोग इस समय बहुत बेजा फ़ायदा उठा रहे हैं।
पाश्चात्य देशों में, धनी लोगों की, गरीब मज़दूरों की झोंपड़ी का मज़ाक उड़ाती हुई अट्टालिकाएँ आकाश से बातें करती हैं! गरीबों की कमाई ही से वे मोटे पड़ते हैं, और उसी के बल से, वे सदा इस बात का प्रयत्न करते हैं कि गरीब सदा चूसे जाते रहें। यह भयंकर अवस्था है! इसी के कारण, साम्यवाद, बोल्शेविज़्म आदि का जन्म हुआ।
हमारे देश में, इस समय, धनपतियों का इतना ज़ोर नहीं हैं। यहाँ, धर्म के नाम पर, कुछ इने-गिने आदमी अपने हीन स्वार्थों की सिद्धि के लिए, करोड़ों आदमियों की शक्ति का दुरुपयोग किया करते हैं। गरीबों का धनाढयों द्वारा चूसा जाना इतना बुरा नहीं है, जितना बुरा यह है कि वहाँ है धन की मार, यहाँ है बुद्धि पर मार। वहाँ धन दिखाकर करोड़ों को वश में किया जाता है, और फिर मनमाना धन पैदा करने के लिए जोत दिया जाता है। यहाँ है बुद्धि पर परदा डालकर पहले ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, और फिर, धर्म, ईमान, ईश्वर और आत्मा के नाम पर अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।
i. साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में कौन सी बात अच्छी तरह बैठी हुई है?
(क) धर्म सबसे बड़ा होता है
(ख) धर्म की रक्षा करने में प्राण तक देना वाजिब है
(ग) देश से बड़ा धर्म है
(घ) विकल्प क और ग
उत्तर: (ख) धर्म की रक्षा करने में प्राण तक देना वाजिब है
ii. धर्म के तत्त्वों को कौन नहीं जानता?
(क) साधारण आदमी
(ख) अमीर
(ग) गरीब
(घ) नेता
उत्तर: (क) साधारण आदमी
iii. साधारण आदमी किसको अपना धर्म समझता है?
(क) ईश्वर की पूजा करना
(ख) दूसरे धर्मो की अपेक्षा अपने धर्म को श्रेष्ठ बताना
(ग) अपने धर्म के लिए प्राण दे देना
(घ) लकीर पीटना
उत्तर: (घ) लकीर पीटना
iv. भारत में गरीबों को कैसे चूसा जा रहा है?
(क) उनकी जमीनों को हथियाकर
(ख) मंहगाई बढ़ाकर
(ग) धन का लालच लेकर
(घ) बुद्धि में धर्म का परदा डाल कर
उत्तर: (घ) बुद्धि में धर्म का परदा डाल कर
3)
मूर्ख बेचारे धर्म की दुहाइयाँ देते और दीन-दीन चिल्लाते हैं, अपने प्राणों की बाजियाँ खेलते और थोडे-से अनियंत्रित और धूर्त आदमियों का आसन ऊँचा करते और उनका बल बढ़ाते हैं। धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले इस भीषण व्यापार को रोकने के लिए, साहस और दृढ़ता के साथ, उद्योग होना चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक भारतवर्ष में नित्य-प्रति बढ़ते जाने वाले झगड़े कम न होंगे।
i. मूर्ख बेचारे किसकी दुहाई देते हैं?
(क) ईमान की
(ख) बीवी बच्चो की
(ग) गरीबी की
(घ) धर्म की
उत्तर: (घ) धर्म की
ii. अपने प्राणों की बाजियाँ कौन खेलता है?
(क) पढ़े लिखे लोग
(ख) अमीर
(ग) चालाक लोग
(घ) मूर्ख लोग
उत्तर: (घ) मूर्ख लोग
iii. मूर्ख लोग किसका आसन ऊँचा करते और उनका बल बढ़ाते हैं?
(क) पढ़े लिखे लोगों के
(ख) नेताओ के
(ग) चालाक लोगों के
(घ) अमीरों के
उत्तर: (ग) चालाक लोगों के
iv. लेखक के अनुसार, धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले इस भीषण व्यापार को रोकने के लिए क्या जरूरी है?
(क) पैसा और सबका साथ
(ख) साहस और दृढ़ता के साथ उद्योग
(ग) साहस और पैसा
(घ) धैर्य और आर्थिक संपन्नता के साथ ऊंचा पद
उत्तर: (ख) साहस और दृढ़ता के साथ उद्योग
4)
देश की स्वाधीनता के लिए जो उद्योग किया जा रहा था, उसका वह दिन निःसंदेह, अत्यंत बुरा था, जिस दिन, स्वाधीनता के क्षेत्र में खिलाफ़त, मुल्ला, मौलवियों और धर्माचार्यों को स्थान दिया जाना आवश्यक समझा गया। एक प्रकार से उस दिन हमने स्वाधीनता के क्षेत्र में, एक कदम पीछे हटकर रखा था।
उसी पाप का फल आज हमें भोगना पड़ रहा है। देश को स्वाधीनता के संग्राम ही ने मौलाना अब्दुल बारी और शंकराचार्य को देश के सामने दूसरे रूप में पेश किया, उन्हें अधिक शक्तिशाली बना दिया और हमारे इस काम का फल यह हुआ है कि इस समय, हमारे हाथों ही से बढ़ाई इनकी और इनके से लोगों की शक्तियाँ हमारी जड़ उखाड़ने और देश में मज़हबी पागलपन, प्रपंच और उत्पात का राज्य स्थापित कर रही हैं।
i. किसने मौलाना अब्दुल बारी और शंकराचार्य को देश के सामने दूसरे रूप में पेश किया?
(क) नेताओ ने
(ख) हिंदू मुस्लिम धर्म गुरुओं ने
(ग) स्वाधीनता आंदोलन ने
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (ग) स्वाधीनता आंदोलन ने
ii. देश में मज़हबी पागलपन का कारण कौन बना?
(क) मौलवी और धर्माचार्यों को दी गई शक्तियां
(ख) नेताओ का स्वार्थ
(ग) वोट बैंक
(घ) आतंकवाद
उत्तर: (क) मौलवी और धर्माचार्यों को दी गई शक्तियां
iii. हमने स्वाधीनता के क्षेत्र में, कब एक कदम पीछे हटकर रखा था?
(क) जिस दिन मौलवी और धर्माचार्यों को शक्तियां दी गई
(ख) नेताओ को अधिकार दिए गए
(ग) आरक्षण की व्यवस्था की गई
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) जिस दिन मौलवी और धर्माचार्यों को शक्तियां दी गई
iv. हमारी जड़ उखाड़ने में कौन लगा हुआ है?
(क) धर्मगुरु
(ख) नेता
(ग) अमीर
(घ) विदेशी नीतियां
उत्तर: (क) धर्मगुरु
5)
महात्मा गांधी धर्म को सर्वत्र स्थान देते हैं। वे एक पग भी धर्म के बिना चलने के लिए तैयार नहीं। परंतु उनकी बात ले उड़ने के पहले, प्रत्येक आदमी का कर्तव्य यह है कि वह भली-भाँति समझ ले कि महात्माजी के “धर्म” का स्वरूप क्या है? धर्म से महात्माजी का मतलब धर्म ऊँचे और उदार तत्त्वों ही का हुआ करता है। उनके मानने में किसे एतराज़ हो सकता है।
अजाँ देने, शंख बजाने, नाक दाबने और नमाज़ पढ़ने का नाम धर्म नहीं है। शुद्धाचरण और सदाचार ही धर्म के स्पष्ट चिह्न हैं। दो घंटे तक बैठकर पूजा कीजिए, और पांच वक्त का नमाज भी अदा कीजिए, परंतु ईश्वर को इस प्रकार रिश्वत के दे चुकने के पश्चात्, यदि आप अपने को दिन-भर बेईमानी करने और दूसरों को तकलीफ़ पहुँचाने के लिए आज्ञाद समझते हैं तो, इस धर्म को, अब आगे आने वाला समय कदापि नहीं टिकने देगा। अब तो, आपका पूजा-पाठ न देखा जाएगा, आपकी भलमनसाहत की कसौटी केवल आपका आचरण होगी। सबके कल्याण की दृष्टि से, आपको अपने आचरण को सुधारना पड़ेगा और यदि आप अपने आचरण को नहीं सुधारेंगे तो नमाज और रोज़े, पूजा और गायत्री आपको देश के अन्य लोगों की आज़ादी को रौंदने और देश-भर में उत्पातों का कीचड़ उछालने के लिए आज़ाद न छोड़ सकेगी।
ऐसे धार्मिक और दीनदार आदमियों से तो, वे ला-मज़हब और नास्तिक आदमी कहीं अधिक अच्छे और ऊँचे हैं, जिनका आचरण अच्छा है, जो दूसरों के सुख-दुःख का खयाल रखते हैं और जो मूर्खों को किसी स्वार्थ सिद्धि के लिए उकसाना बहुत बुरा समझते हें। ईश्वर इन नास्तिकों और ला-मज़हब लोगों को अधिक प्यार करेगा, और वह अपने पवित्र नाम पर अपवित्र काम करने वालों से यही कहना पसंद करेगा।
i. लेखक के अनुसार, भलमनसाहत की कसौटी क्या होगी?
(क) धर्म
(ख) आचरण
(ग) मानवता
(घ) ईमानदारी
उत्तर: (ख) आचरण
ii. भ्रष्ट आचरण वाले धार्मिक और दीनदार आदमियों से कौन बेहतर है?
(क) नास्तिक
(ख) पढ़ा लिखा
(ग) गरीब
(घ) साधारण आदमी
उत्तर: (क) नास्तिक
iii. महात्मा गांधी किसको सबसे ऊंचा समझते हैं?
(क) धर्म
(ख) आचरण
(ग) मानवता
(घ) ईमानदारी
उत्तर: (क) धर्म
iv. धर्म से महात्मा गांधी का क्या मतलब है?
(क) भगवान पर विश्वास करना
(ख) सच्ची आस्था से पूजा करना
(ग) ऊँचे और उदार तत्त्वों की उपस्थिति
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (ग) ऊँचे और उदार तत्त्वों की उपस्थिति
Class 9 Hindi Sparsh Lesson 5 धर्म की आड़ बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
Q1. लेखक के अनुसार, भलमनसाहत की कसौटी क्या होगी?
(क) धर्म
(ख) आचरण
(ग) मानवता
(घ) ईमानदारी
उत्तर: (ख) आचरण
Q2. पढ़े-लिखे लोग मूर्ख लोगों की शक्तियों और उत्साह का दुरुपयोग क्यों कर रहे हैं?
(क) कामयाब होने के लिए
(ख) पैसे कमाने के लिए
(ग) वर्चस्व के लिए
(घ) नेतृत्व और बड़प्पन के लिए
उत्तर: (घ) नेतृत्व और बड़प्पन के लिए
Q3. धर्म से महात्मा गांधी का क्या मतलब है?
(क) भगवान पर विश्वास करना
(ख) सच्ची आस्था से पूजा करना
(ग) ऊँचे और उदार तत्त्वों की उपस्थिति
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (ग) ऊँचे और उदार तत्त्वों की उपस्थिति
Q4. इस समय देश में किस की धूम है?
(क) भ्रष्टाचार
(ख) अत्याचार
(ग) आतंकवाद
(घ) धर्म
उत्तर: (घ) धर्म
Q5. महात्मा गांधी किसको सबसे ऊंचा समझते हैं?
(क) धर्म
(ख) आचरण
(ग) मानवता
(घ) ईमानदारी
उत्तर: (क) धर्म
Q6. मूर्ख लोगों की शक्तियों और उत्साह का दुरुपयोग कौन कर रहा?
(क) पढ़े लिखे लोग
(ख) अमीर
(ग) चालाक लोग
(घ) गरीब लोग
उत्तर: (क) पढ़े लिखे लोग
Q7. भारत में गरीबों को कैसे चूसा जा रहा है?
(क) उनकी जमीनों को हथियाकर
(ख) मंहगाई बढ़ाकर
(ग) धन का लालच लेकर
(घ) बुद्धि में धर्म का परदा डाल कर
उत्तर: (घ) बुद्धि में धर्म का परदा डाल कर
Q8. किसने मौलाना अब्दुल बारी और शंकराचार्य को देश के सामने दूसरे रूप में पेश किया?
(क) नेताओ ने
(ख) हिंदू मुस्लिम धर्म गुरुओं ने
(ग) स्वाधीनता आंदोलन ने
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (ग) स्वाधीनता आंदोलन ने
Q9. किसके लिए धर्म और ईमान की बुराइयों से काम लेना उन्हें सबसे सुगम मालूम पड़ता है?
(क) पढ़े लिखे लोगों के लिए
(ख) अमीर के लिए
(ग) चालाक लोगों के लिए
(घ) गरीब लोगों के लिए
उत्तर: (क) पढ़े लिखे लोगों के लिए
Q10. मूर्ख बेचारे किसकी दुहाई देते हैं?
(क) ईमान की
(ख) बीवी बच्चो की
(ग) गरीबी की
(घ) धर्म की
उत्तर: (घ) धर्म की
Q11. भ्रष्ट आचरण वाले धार्मिक और दीनदार आदमियों से कौन बेहतर है?
(क) नास्तिक
(ख) पढ़ा लिखा
(ग) गरीब
(घ) साधारण आदमी
उत्तर: (क) नास्तिक
Q12. देश में मज़हबी पागलपन का कारण कौन बना?
(क) मौलवी और धर्माचार्यों को दी गई शक्तियां
(ख) नेताओ का स्वार्थ
(ग) वोट बैंक
(घ) आतंकवाद
उत्तर: (क) मौलवी और धर्माचार्यों को दी गई शक्तियां
Q13. अपने प्राणों की बाजियाँ कौन खेलता है?
(क) पढ़े लिखे लोग
(ख) अमीर
(ग) चालाक लोग
(घ) मूर्ख लोग
उत्तर: (घ) मूर्ख लोग
Q14. साधारण आदमी किसको अपना धर्म समझता है?
(क) ईश्वर की पूजा करना
(ख) दूसरे धर्मो की अपेक्षा अपने धर्म को श्रेष्ठ बताना
(ग) अपने धर्म के लिए प्राण दे देना
(घ) लकीर पीटना
उत्तर: (घ) लकीर पीटना
Q15. मूर्ख लोग किसका आसन ऊँचा करते और उनका बल बढ़ाते हैं?
(क) पढ़े लिखे लोगों के
(ख) नेताओ के
(ग) चालाक लोगों के
(घ) अमीरों के
उत्तर: (ग) चालाक लोगों के
Q16. हमने स्वाधीनता के क्षेत्र में, कब एक कदम पीछे हटकर रखा था?
(क) जिस दिन मौलवी और धर्माचार्यों को शक्तियां दी गई
(ख) नेताओ को अधिकार दिए गए
(ग) आरक्षण की व्यवस्था की गई
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) जिस दिन मौलवी और धर्माचार्यों को शक्तियां दी गई
Q17. धर्म के तत्त्वों को कौन नहीं जानता?
(क) साधारण आदमी
(ख) अमीर
(ग) गरीब
(घ) नेता
उत्तर: (क) साधारण आदमी
Q18. लेखक के अनुसार, धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले इस भीषण व्यापार को रोकने के लिए क्या जरूरी है?
(क) पैसा और सबका साथ
(ख) साहस और दृढ़ता के साथ उद्योग
(ग) साहस और पैसा
(घ) धैर्य और आर्थिक संपन्नता के साथ ऊंचा पद
उत्तर: (ख) साहस और दृढ़ता के साथ उद्योग
Q19. हमारी जड़ उखाड़ने में कौन लगा हुआ है?
(क) धर्मगुरु
(ख) नेता
(ग) अमीर
(घ) विदेशी नीतियां
उत्तर: (क) धर्मगुरु
Q20. साधारण से साधारण आदमी तक के दिल में कौन सी बात अच्छी तरह बैठी हुई है?
(क) धर्म सबसे बड़ा होता है
(ख) धर्म की रक्षा करने में प्राण तक देना वाजिब है
(ग) देश से बड़ा धर्म है
(घ) विकल्प क और ग
उत्तर: (ख) धर्म की रक्षा करने में प्राण तक देना वाजिब है
Class 9 Hindi धर्म की आड़ प्रश्न और उत्तर (including questions from Previous Years Question Papers)
Q1. किसके कारण, साम्यवाद, बोल्शेविज़्म आदि का जन्म हुआ?
उत्तर: पाश्चात्य देशों में, धनी लोगों की, गरीब मज़दूरों की झोंपड़ी का मज़ाक उड़ाती हुई अट्टालिकाएँ आकाश से बातें करती हैं! गरीबों की कमाई ही से वे मोटे पड़ते हैं, और उसी के बल से, वे सदा इस बात का प्रयत्न करते हैं कि गरीब सदा चूसे जाते रहें। इसी के कारण, साम्यवाद, बोल्शेविज़्म आदि का जन्म हुआ।
Q2. लेखक क्यों कहता है कि इस समय देश में धर्म की धूम है?
उत्तर: लेखक के अनुसार, उसके देश में इस समय उत्पात किए जाते हैं, तो धर्म और ईमान के नाम पर, और जिद की जाती है, तो धर्म और ईमान के नाम पर, अमीर लोग गरीबों से अपना काम धर्म और ईमान के नाम पर निकलवाते हैं, इसलिए लेखक कहता है कि इस समय देश में धर्म की धूम है।
Q3. लेखक साधारण आदमी की धर्म और ईमान के विषय में क्या विवशता और दोष बताते हैं?
उत्तर: लेखक के अनुसार, चालाक लोग धर्म ईमान का सहारा लेकर साधारण आदमी जिनके लिए धर्म और ईमान की रक्षा के लिए प्राण तक दे देना वाजिब है को भड़का देता है अब बेचारा साधारण आदमी धर्म के तत्त्वों को क्या जाने? लकीर पीटते रहना ही वह अपना धर्म समझता है। उसकी इस अवस्था से चालाक लोग इस समय बहुत बेजा फ़ायदा उठा रहे हैं।
Q4. लेखक पश्चिमी देशों की तुलना अपने देश से कैसे कर रहा है?
उत्तर: लेखक कहते हैं कि पश्चिमी देशों में है धन की मार, यहाँ है बुद्धि पर मार। वहाँ धन दिखाकर करोड़ों को वश में किया जाता है, और फिर मनमाना धन पैदा करने के लिए जोत दिया जाता है। यहाँ है बुद्धि पर परदा डालकर पहले ईश्वर और आत्मा का स्थान अपने लिए लेना, और फिर, धर्म, ईमान, ईश्वर और आत्मा के नाम पर अपनी स्वार्थ-सिद्धि के लिए लोगों को लड़ाना-भिड़ाना।
Q5. लेखक धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले इस भीषण व्यापार को रोकने का क्या उपाय बताते हैं?
उत्तर: लेखक कहते हैं कि धर्म और ईमान के नाम पर किए जाने वाले इस भीषण व्यापार को रोकने के लिए, साहस और दृढ़ता के साथ, उद्योग होना चाहिए। जब तक ऐसा नहीं होगा, तब तक भारतवर्ष में नित्य-प्रति बढ़ते जाने वाले झगड़े कम न होंगे।
Q6. लेखक के अनुसार महात्मा गांधी के धर्म से क्या मतलब था?
उत्तर: लेखक के अनुसार, धर्म से महात्माजी का मतलब धर्म ऊँचे और उदार तत्त्वों ही का हुआ करता है। उनके मानने में किसे एतराज़ हो सकता है।
अजाँ देने, शंख बजाने, नाक दाबने और नमाज़ पढ़ने का नाम धर्म नहीं है। शुद्धाचरण और सदाचार ही धर्म के स्पष्ट चिह्न हैं।
Q7. लेखक के अनुसार एक नास्तिक व्यक्ति पूजा पाठ करने वाले व्यक्ति से अधिक भगवान को क्यों प्रिय हो सकता है?
उत्तर: लेखक के अनुसार पूजा पाठ करने वाले किंतु मूर्खों को किसी स्वार्थ सिद्धि के लिए उकसाने वाले व्यक्तियों की अपेक्षा नास्तिक आदमी कहीं अधिक अच्छे और ऊँचे हैं, जिनका आचरण अच्छा है, जो दूसरों के सुख-दुःख का खयाल रखते हैं और जो मूर्खों को किसी स्वार्थ सिद्धि के लिए उकसाना बहुत बुरा समझते हें। ईश्वर इन नास्तिकों और ला-मज़हब लोगों को अधिक प्यार करेगा।
Q8. लेखक के अनुसार, हमने कब स्वाधीनता के क्षेत्र में एक कदम पीछे हटकर रखा था?
उत्तर: लेखक के अनुसार जिस दिन, स्वाधीनता के क्षेत्र में खिलाफ़त, मुल्ला, मौलवियों और धर्माचार्यों को स्थान दिया जाना आवश्यक समझा गया। एक प्रकार से उस दिन उन्होंने और उसके देश ने स्वाधीनता के क्षेत्र में, एक कदम पीछे हटकर रखा था। उसी पाप का फल आज लेखक के देशवासियों भोगना पड़ रहा है कि देश में मज़हबी पागलपन, प्रपंच और उत्पात का राज्य स्थापित हो रहा है।
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