Rajni Summary

 

CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag 1 Book Chapter 6 रजनी Summary 

इस पोस्ट में हम आपके लिए CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag 1 Book के Chapter 6 रजनी का पाठ सार लेकर आए हैं। यह सारांश आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप जान सकते हैं कि इस कहानी का विषय क्या है। इसे पढ़कर आपको को मदद मिलेगी ताकि वे इस कहानी के बारे में अच्छी तरह से समझ सकें। Rajni Summary of CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag-1 Chapter 6.

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रजनी पाठ सार (Rajni Summary)

‘रजनी ‘ पटकथा मन्नू भंडारी द्वारा लिखी गई है, जो पिछली सदी के नवें दशक का एक धारावाहिक रहा है। बासु चटर्जी के निर्देशन में बने इस धारावाहिक की हर कड़ी अपने में स्वतंत्र और मुकम्मल होती थी और उन्हें आपस में गूँथने वाली सूत्र रजनी थी। हर कड़ी में यह जुझारू और इन्साफ-पसंद स्त्री-पात्र किसी-न-किसी सामाजिक-राजनीतिक समस्या से जूझती नजर आती थी। प्रस्तुत अंश भी व्यवसाय बनती शिक्षा की समस्या की ओर हमारा ध्यान खींचता है।

पटकथा की शुरुआत लीला के घर से होती है, जो रजनी की पड़ोसन है। रजनी लीला से बाजार साथ चले को कहती है, लेकिन लीला उसे यह कहकर रोक लेती है कि उसके बेटे का रिजल्ट आने वाला है। रजनी यह सुनकर बहुत खुश होती है क्योंकि उसे पूरा विश्वास है कि परीक्षा में अमित के अच्छे अंक आएँगे। लेकिन जब अमित घर आता है तो सबको पता चला कि अमित को गणित में सिर्फ 72 अंक मिले थे। अमित ने अध्यापक के बार-बार कहने पर भी ट्यूशन नहीं ली जिसके कारण उसे कम अंक मिले थे। रजनी ने सारी बातों पर गंभीरता से अमित से सवाल-जवाब किए और फिर रजनी ने इस बात की शिकायत स्कूल के हैडमास्टर से की, लेकिन उन्होंने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और इसमें स्कूल की कोई जिम्मेदारी न बताकर इसे अध्यापक और छात्र के बीच का आपसी मामला कहकर टाल दिया। रजनी के पति को यह बात पता चली तो वह रजनी को इस मामले में न पड़ने की सलाह देता है। लेकिन रजनी किसी की नहीं सुनती।

रजनी ने इस बात की शिकायत स्कूल के शिक्षा निदेशक से की। वहाँ भी उसकी बात कोई नहीं सुनता। शिक्षा निदेशक ने रजनी से इस बात की शिकायत स्कूल के हैडमास्टर से करने की सलाह दी। इस प्रकार, उन्होंने भी इसके विरूद्ध कोई कारवाई नहीं की। आखिरकार रजनी इस समस्या को लेकर अखबार के संपादक से मिली, जहाँ उसे थोड़ी उम्मीद नजर आई। अखबार वालों के सहयोग से उसने अभिभावकों की एक मीटिंग का आयोजन किया। वहाँ उसने प्रस्ताव दिया कि अध्यापकों द्वारा जबरदस्ती ट्यूशन लिए जाने से संबंधित सख्त-से-सख्त नियम बनाए जाने चाहिए। ट्यूशन न लिए जाने पर बच्चों के अंक काटने पर अध्यापकों के विरूद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी। बोर्ड रजनी के इस प्रस्ताव को ज्यों – का – त्यों मान लेता है। इस प्रकार, रजनी ने जिस उद्देश्य के साथ यह आंदोलन शुरू किया था, उसमें सफल होती है।

 

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