NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 भोर और बरखा Important Question Answers Lesson 16
Class 7 Hindi Bhor Aur Barkha Question Answers- Looking for Bhor Aur Barkha question answers for CBSE Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Book Chapter 16? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.
सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 पुस्तक पाठ 16 के लिए भोर और बरखा प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे भोर और बरखा प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।
The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.
Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.
- Bhor Aur Barkha Extract Based Questions
- Bhor Aur Barkha Multiple Choice Questions
- Bhor Aur Barkha Questions Answers
- Bhor Aur Barkha Extra Question Answers
- Bhore or Barkha Class 7 Hindi Chapter 16 Summary, Explanation, Question Answers
- Class 7 Hindi Chapter 16 Bhor Aur Barkha MCQs
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Class 7 Hindi भोर और बरखा Question Answers Lesson 16 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1)
जागो बंसीवारे ललना !
जागो मोरे प्यारे !
रजनी बीती , भोर भयो है , घर – घर खुले किंवारे।
गोपी दही मथत , सुनियत हैं कंगना के झनकारे ।।
उठो लालजी ! भोर भयो है , सुर – नर ठाढ़े द्वारे।
ग्वाल – बाल सब करत कुलाहल , जय – जय सबद उचारै ।।
माखन – रोटी हाथ मँह लीनी , गउवन के रखवारे।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर , सरण आयाँ को तारै ।।
प्रश्न 1. उपर्युक्त पद्यांश के पाठ का नाम और लेखक का नाम लिखिए।
(क) पाठ का नाम- भोर और बरखा , कवयित्री का नाम- मीरा बाई
(ख) पाठ का नाम- रहीम के दोहे, लेखक- रहीम
(ग) पाठ का नाम- सूरदास के पद, लेखक- सूरदास
(घ) पाठ का नाम- एक तिनका, लेखक का नाम- हरिऔध जी
उतर – (क) पाठ का नाम- भोर और बरखा , कवयित्री का नाम- मीरा बाई
प्रश्न 2. रजनी बीतने पर क्या होता है?
(क) सुबह हो जाती है।
(ख) सभी घरों के दरवाजे खुल जाते हैं।
(ग) गोपियाँ दही को मथकर मक्खन निकालती है।
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3. ग्वालों ने हाथ में क्या ले रखा है?
(क) रोटी
(ख) माखन
(ग) क और ख दोनो
(घ) लाठी
उतर – (ग) क और ख दोनो
प्रश्न 4. सभी लोग किसकी जय – जयकार कर रहे हैं?
(क) कान्हा जी की
(ख) यशोदा जी की
(ग) नंद बाबा जी की
(घ) ग्वालों की
उतर – (क) कान्हा जी की
प्रश्न 5. ‘कुलाहल’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) शोर
(ख) धूम
(ग) कुहराम
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 6. कृष्ण सभी नगर वासियों की रक्षा के लिए क्या धारण किया है?
(क) विराट रूप
(ख) पर्वत
(ग) धनुष-तीर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (ख) पर्वत
2)
बरसे बदरिया सावन की।
सावन की , मन – भावन की ।।
सावन में उमग्यो मेरो मनवा , भनक सुनी हरि आवन की।
उमड़ – घुमड़ चहुँदिस से आया , दामिन दमकै झर लावन की ।।
नन्हीं – नन्हीं बूँदन मेहा बरसे , शीतल पवन सुहावन की।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर ! आनंद – मंगल गावन की ।।
प्रश्न 1. उपर्युक्त पद्यांश में किस ऋतु का वर्णन है?
(क) भादो
(ख) सावन
(ग) आषाढ़
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ख) सावन
प्रश्न 2. सावन के महीने में किसका मन उमंग से भर जाता है?
(क) मीराबाई का
(ख) यशोदा का
(ग) कृष्ण का
(घ) गोपियों का
उतर – (क) मीराबाई का
प्रश्न 3. ‘उमग्यो’ शब्द से क्या अर्थ है?
(क) उमंग आना
(ख) मन भा जाना
(ग) उत्साहित होना
(घ) खुश होना
उतर – (ग) उत्साहित होना
प्रश्न 4. चारों दिशाओं से उमड़ – घुमड़ कर क्या आ रहे हैं?
(क) उत्साहित
(ख) उमंग
(ग) हवा
(घ) बादल
उतर – (घ) बादल
प्रश्न 5. वर्षा ऋतु में क्या सुहावना लगता है?
(क) बारिश
(ख) शीतल पवन
(ग) बिजली
(घ) मौसम
उतर – (ख) शीतल पवन
Class 7 Hindi Vasant Lesson 16 भोर और बरखा बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 1. ‘भोर और बरखा’ शीर्षक कविता के रचयिता कौन हैं?
(क) रहीम
(ख) कबीर
(ग) महादेवी वर्मा
(घ) मीरा बाई
उतर – (घ) मीरा बाई
प्रश्न 2. यशोदा माता भोर होने पर किसे उठाती हैं ?
(क) बलराम को
(ख) नंद बाबा को
(ग) कान्हा जी को
(घ) गोपियों को
उतर – (ग) कान्हा जी को
प्रश्न 3. मीरा बाई किस काल की कवयित्री है?
(क) भक्तिकाल की
(ख) आधुनिक काल की
(ग) मध्यकाल की
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (क) भक्तिकाल की
प्रश्न 4. मीरा बाई की प्रमुख रचनाएं निम्नलिखित में कौन – कौन है?
(क) नरसी का मायरा
(ख) राग सोरठा के पद
(ग) राग गोविंद
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 5. कवयित्री ‘मीरा बाई‘ किसके लिए जानी जाती हैं?
(क) अपनी सुंदरता के लिए
(ख) अपनी कृष्ण भक्ति के लिए
(ग) अपनी महानता के लिए
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (ख) अपनी कृष्ण भक्ति के लिए
प्रश्न 6. दूसरे पद में कवयित्री मीरा बाई ने किसका मनमोहक चित्रण किया है?
(क) भक्ति का
(ख) कान्हा जी का
(ग) सावन मास का
(घ) भगवान के छवि का
उतर – (ग) सावन मास का
प्रश्न 7. कवयित्री मीरा बाई ने पहले पद में किसका वर्णन किया है?
(क) कान्हा जी द्वारा गोपियों को परेशान करने वाला दृश्य का वर्णन किया है।
(ख) यशोदा माँ द्वारा कान्हा जी को सुबह जगाने के दृश्य का वर्णन किया है।
(ग) कान्हा जी द्वारा गायों को चराने ले जाने वाला दृश्य का वर्णन किया है।
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ख) यशोदा माँ द्वारा कान्हा जी को सुबह जगाने के दृश्य का वर्णन किया है।
प्रश्न 8. ‘भोर और बरखा’ पाठ में मीराबाई ने किसका वर्णन किया है?
(क) कृष्ण जी का
(ख) श्रावण मास का
(ग) क और ख दोनों
(घ) बारिश की झड़ी की
उतर – (ग) क और ख दोनों
प्रश्न 9. मीरा ने किस ऋतु का सजीव चित्रण करते हुए कृष्ण के प्रति अपना प्यार व्यक्त किया है?
(क) श्रावण मास का
(ख) भादो मास का
(ग) पतझर मास का
(घ) वसंत मास का
उतर – (क) श्रावण मास का
प्रश्न 10. गोपियाँ दही को मथकर क्या निकालती हैं?
(क) मलाई
(ख) लस्सी
(ग) मक्खन
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (ग) मक्खन
प्रश्न 11. ‘भनक’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) मंद और अस्पष्ट ध्वनि
(ख) आभास
(ग) उड़ती हुई ख़बर
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 12. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘मीरा के प्रभु ____ नागर , सरण आयाँ को तारै’’।
(क) गिरधर
(ख) गोपाल
(ग) लालजी
(घ) इनमे से कोई नही
उत्तर – (क) गिरधर
प्रश्न 13. भोर होने पर देवता और मनुष्य किसके दर्शन करने के लिए इंतज़ार करते हैं?
(क) श्रीकृष्ण के
(ख) यशोदा मां के
(ग) कवयित्री के
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (क) श्रीकृष्ण के
प्रश्न 14. ‘तारै’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) तरण करना
(ख) उद्धार करना
(ग) कल्याण करना
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 15. रिक्त स्थान को पूरा करो- ‘‘नन्हीं – नन्हीं बूँदन मेहा बरसे , शीतल पवन ____ की”।
(क) मनभावन
(ख) लुभावन
(ग) सुहावन
(घ) सुखावन
उत्तर – (ग) सुहावन
प्रश्न 16. बरसात क्या प्रदान करने वाली होती हैं?
(क) मन में अशांति
(ख) मन को शांति
(ग) शांत वातावरण
(घ) हर जगह हरियाली
उत्तर – (ख) मन को शांति
प्रश्न 17. सभी ग्वाले हाथ में मक्खन और रोटी लिए किसका इंतजार करते है?
(क) कान्हा जी का
(ख) गायों का
(ग) अन्य दोस्तों का
(घ) अपने बाबा का
उत्तर – (क) कान्हा जी का
प्रश्न 18. ‘चहुँदिस’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) दिशा की ओर
(ख) चारों ओर
(ग) चारों दिशाओं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) चारों दिशाओं
प्रश्न 19. शरण में आने वाले लोगों के साथ प्रभु क्या करते है?
(क) उन सभी का सम्मान करते है।
(ख) उन सभी का उद्धार करते हैं।
(ग) उन सभी का ध्यान रखते है।
(घ) सबकी मनोकामना पूर्ण करते है।
उतर – (ख) उन सभी का उद्धार करते हैं।
प्रश्न 20. सावन की बरसात कवयित्री मीरा बाई को क्या महसूस करवाती हैं?
(क) मानों सावन की मास मन में अशांति लाती है।
(ख) मानों सावन की मास सबका कल्याण के लिए आया हो।
(ग) मानो श्रीकृष्ण ख़ुद चलकर उनके कल्याण के लिए उनके समक्ष सावन के रूप में आ गए हैं।
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (ग) मानो श्रीकृष्ण ख़ुद चलकर उनके कल्याण के लिए उनके समक्ष सावन के रूप में आ गए हैं।
Class 7 Hindi भोर और बरखा प्रश्न और उत्तर Questions Answers
कविता से
प्रश्न 1. ‘ बंसीवारे ललना ’ ‘ मोरे प्यारे ’, ‘ लाल जी ’ कहते हुए , यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन – कौन सी बातें कहती हैं ?
उत्तर – ‘ बंसीवारे ललना ’ ‘ मोरे प्यारे ’ व ‘ लाल जी ’ कहते हुए , यशोदा श्रीकृष्ण को जगाने का प्रयास कर रही हैं। वह उनसे कहती हैं कि बाँसुरी धारण करने वाले मेरे प्यारे पुत्र अर्थात कान्हा अब जाग जाओ। रात अब बीत गयी है और सुबह हो चुकी है। सभी लोगों ने अपने – अपने घरों के दरवाजे खोल दिए हैं। सभी गोपियाँ दही को मथकर मक्खन निकाल रही हैं और दही मथते हुए उनके कंगनों में खनखनाहट हो रही है। यशोदा माता बड़े प्यार से कान्हा जी को उठाते हुए कहती हैं कि मेरे दुलारे अब उठ जाओ। सुबह हो गई है और हमारे दरवाज़े पर देवता और सभी मनुष्य तुम्हारे दर्शन करने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। तुम्हारे सभी ग्वाल – मित्र तुम्हारे साथ खेलने के किए शोर मचा रहे हैं और सभी तुम्हारी जय – जयकार कर रहे हैं। वो सब हाथ में मक्खन और रोटी लिए , गौ रक्षक अर्थात तुम्हारा गाय चराने जाने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं।
प्रश्न 2. नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए – ‘ माखन – रोटी हाथ मँह लिनी , गउवन के रखवारे। ’
उत्तर – तुम्हारे सभी ग्वाल – मित्र तुम्हारे साथ खेलने के किए शोर मचा रहे हैं और सभी तुम्हारी जय – जयकार कर रहे हैं। वो सब हाथ में मक्खन और रोटी लिए , गौ रक्षक अर्थात तुम्हारा गाय चराने जाने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। हे कृष्ण उठो और जाओ।
प्रश्न 3. पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए।
उत्तर – ब्रज में भोर होते ही सभी लोगों ने अपने – अपने घरों के दरवाजे खोल दिए हैं। सभी गोपियाँ दही को मथकर मक्खन निकाल रही हैं और दही मथते हुए उनके कंगनों में खनखनाहट हो रही है। घर – घर में मंगलाचार होता है , ग्वाल – बाल गौओं को चराने के लिए वन में जाने की तैयारी करते हैं।
प्रश्न 4. मीरा को सावन मनभावन क्यों लगने लगा ?
उत्तर – सावन के महीने में बादलों से बरसात हो रही है , जो मीरा को अत्यंत मनमोहक लग रही है। सावन की यह बरसात मन को अत्यधिक प्रिय लगने वाली होती हैं अर्थात बरसात मन को शांति प्रदान करने वाली होती हैं। कवयित्री मीरा बाई का मन सावन मास में अत्यधिक उत्साहित होता है क्योंकि बरसात के आगमन से उन्हें उनके प्रभु के आने का आभास होता है।
प्रश्न 5. पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर – सावन के आते ही उमड़ – घुमड़ कर बादल आसमान में चारों दिशाओं से आ जाते हैं और आसमान में बिजली भी बहुत तेज कड़कती है जैसे वह बारिश की झड़ी लगाने वाली हों। आसमान से बरसात की नन्ही – नन्ही बूँदें गिरती हैं और साथ – ही – साथ ठंडी हवाऐं चलने से यह मौसम और भी ज्यादा दिलकश हो जाता है।
कविता से आगे
प्रश्न 1. मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
प्रश्न 2. सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा ऋतु से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।
उत्तर –
(i) आषाढ़
(ii) भादो
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है?
उत्तर – सुबह जगने के समय मुझे शांत वातावरण अच्छा लगता है।
प्रश्न 2. यदि आपको अपने छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े, तो कैसे जगाएँगे?
उत्तर – यदि हमें छोटे भाई-बहन को जगाना पड़े तो प्यार से उनके सिर और बालों को सहलाते हुए जगाएँगे।
प्रश्न 3. वर्षा में भींगना और खेलनों आपको कैसा लगता है?
उत्तर – वर्षा में भींगना और खेलना मुझे बहुत अच्छा लगता है।
प्रश्न 4. मीरा बाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है–
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में
(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर
(ग) नदी या समुद्र के किनारे
(घ) पहाड़ों पर
उत्तर –
(क) गाँवों में सुबह-सुबह लोगों की चहल-पहल शुरू हो जाती है सब अपने – अपने काम में लग जाते है । कुछ लोग खाना बनाते दिखते है तो कुछ मंदिर जाते दिखते है और किसान हल लेकर खेतों पर जाने को तैयार हो जाते हैं।
(ख) रेलवे प्लेटफार्म पर सुबह-सुबह सफ़ाई कर्मचारी साफ-सफाई करते दिखाई देते हैं और लोग ट्रेन पकड़ने के लिए इंतजार करते दिखाई देते हैं। रेलवे स्टेशन पर ट्रेनो का आवागमन होने लगता है। सवारियाँ उतरती-चढ़ती रहती हैं और कुछ लोग खाना, पानी, चाय आदि आवाज लगाते हुए बेचते है।
(ग) नदी या समुद्र के किनारे सुबह का वातावरण बहुत शांत होता है। उनमें जल धीमी गति से प्रवाहित होता रहता है। कुछ लोग सैर करते हुए दिखाई देते हैं।
(घ) पहाड़ों पर सुबह का वातावरण बहुत लुभावनी होती है। उगते हुए सूरज की किरणे अत्यंत मनोरम दृश्य उपस्थित करती हैं। यहाँ मंद-मंद हवाएँ चलती रहती हैं।
भाषा की बात
प्रश्न 1. कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थ है गौओं का पालन करनेवाले। इसके लिए एक शब्द दें।
उत्तर – ग्वाला
प्रश्न 2. नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।
‘नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे’
‘घर-घर खुले किंवारे’
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- इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है?
जैसे–मीठी-मीठी बातें, फूल-फूल महके।
- इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है?
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उत्तर –
विशेषण पुनरुक्ति
गरम-गरम – बुआ ने गरम-गरम पकोड़े बनाए।
तरह-तरह – बाग में तरह-तरह के फूल खिले थे।
सुंदर-सुंदर – सुधा ने सुंदर-सुंदर साड़ियों का चुनाव कर लिया।
मीठे-मीठे – शबरी ने मीठे-मीठे बेर राम को खिलाए।
संज्ञा पुनरुक्ति
गली-गली – नेताओं ने गली-गली में प्रचार शुरू कर दिया।
गाँव-गाँव – सरकार ने गाँव-गाँव में नल लगवाने का प्रस्ताव जारी किया।
बच्चा-बच्चा – मोहल्ले का बच्चा-बच्चा यह बात जान गया कि मंदिर में चोरी एक बूढ़े आदमी ने की है।
वन-वन – राम, लक्ष्मण और सीता वनवास के समय वन-वन भटकते रहे।
कुछ कहने को
प्रश्न 1. कृष्ण को ‘गिरधर’ क्यों कहा जाता है? इसके पीछे कौन सी कथा है? पता कीजिए और कक्षा में बताइए।
उत्तर – कृष्ण को ‘गिरधर’ इसलिए कहा गया है क्योंकि उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठ अंगुली पर उठाया था अर्थात गिरि को धारण करने वाले।
इसके पीछे की कथा निम्नलिखित है।
एक बार इंद्रदेव को अभिमान हो गया, तब लीलाधारी श्री कृष्ण ने एक लीला रची। एक दिन श्री कृष्ण ने देखा कि सभी ब्रजवासी तरह-तरह के पकवान बना रहे हैं पूजा का मंडप सजाया जा रहा है और सभी लोग प्रातःकाल से ही पूजन की सामग्री एकत्रित करने में व्यस्त हैं। तब श्री कृष्ण ने यशोदा जी से पूछा, ‘मईया’ ये आज सभी लोग किसके पूजन की तैयारी कर रहे हैं, इस पर मईया यशोदा ने कहा कि पुत्र सभी ब्रजवासी इंद्र देव के पूजन की तैयारी कर रहे हैं। तब कन्हैया ने कहा, कि सभी लोग इंद्रदेव की पूजा क्यों कर रहे हैं, तो माता यशोदा उन्हें बताते हुए कहती हैं, क्योंकि इंद्रदेव वर्षा करते हैं और जिससे अन्न की पैदावार अच्छी होती है और हमारी गायों को चारा प्राप्त होता है।
तब श्री कृष्ण ने कहा कि वर्षा करना तो इंद्रदेव का कर्तव्य है। यदि पूजा करनी है तो हमें गोवर्धन पर्वत की करनी चाहिए, क्योंकि हमारी गायें तो वहीं चरती हैं और हमें फल-फूल, सब्जियां आदि भी गोवर्धन पर्वत से प्राप्त होती हैं। इसके बाद सभी ब्रजवासी इंद्रदेव की बजाए गोवर्धन पर्वत की पूजा करने लगे। इस बात को देवराज इंद्र ने अपना अपमान समझा और क्रोध में आकर प्रलय दायक मूसलाधार बारिश शुरू कर दी। जिससे हर ओर त्राहि-त्राहि होने लगी। सभी अपने परिवार और पशुओं को बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। तब ब्रजवासी कहने लगे कि यह सब कृष्णा की बात मानने का कारण हुआ है, अब हम सबको इंद्रदेव का कोप सहना पड़ेगा।
भगवान कृष्ण ने इंद्रदेव का अहंकार दूर करने और सभी ब्रजवासियों की रक्षा करने हेतु गोवर्धन पर्वत को अपनी कनिष्ठा उंगली पर उठा लिया। तब सभी ब्रजवासियों ने गोवर्धन पर्वत के नीचे शरण ली। इसके बाद इंद्रदेव को अपनी भूल का अहसास हुआ और उन्होंने श्री कृष्ण से क्षमा याचना की। इसी के बाद से गोवर्धन पर्वत के पूजन की परंपरा आरंभ हुई।
Class 7 Hindi भोर और बरखा अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)
प्रश्न 1. कविता का शीर्षक ‘भोर और बरखा’ क्या प्रदर्शित करता है ?
उत्तर – भोर प्रदर्शित करता है ब्रज प्रदेश की सुबह को और बरखा प्रदर्शित करता है मन में आने की प्रसन्नता को।
प्रश्न 2. किसका मन उमंग से भर गया है और क्यों?
उत्तर – कवयित्री मीरा का मन उमंग से भर गया क्योंकि उन्हें कृष्ण के आने की भनक हो गई है।
प्रश्न 3. मीरा बाई के प्रमुख रचनाएं कौन – कौन सी है?
उत्तर – मीरा बाई के प्रमुख रचनाएं नरसी का मायरा, राग सोरठा के पद, राग गोविंद आदि हैं। मीरा के पद एक ग्रन्थ में भी संकलित हैं।
प्रश्न 4. मीरा बाई को सावन मास क्यों अच्छा लगा ?
उत्तर – कवयित्री मीरा बाई का मन सावन मास में अत्यधिक उत्साहित होता है क्योंकि बरसात के आगमन से उन्हें उनके प्रभु के आने का आभास होता है। इसलिए मीराबाई को सावन मास अच्छा लगता है।
प्रश्न 5. निम्नलिखित शब्दों का शब्दार्थ लिखिए – बदरिया, भनक, मन-भावन, मंगल, ठाढ़े |
उत्तर –
बदरिया – बादल का टुकड़ा, घटा
भनक – मंद और अस्पष्ट ध्वनि , आभास , उड़ती हुई ख़बर
मन-भावन – मन को भाने वाला , मन को प्रिय या भला लगने वाला , प्रियदर्शी , आत्मीय
मंगल – कल्याण , भलाई
ठाढ़े – खड़े होना
प्रश्न 6. ‘भोर और बरखा’ कविता के अनुसार ब्रज की सुबह का वर्णन कीजिए।
उत्तर – ‘भोर और बरखा’ कविता के अनुसार ब्रज में सुबह होते ही हर एक घर के द्वार खुल जाते हैं। ग्वालिन दही तथा मक्खन बनाना आरंभ कर देती है और उनके कंगन की खनखनाहट हर घर में गूंजती रहती है। ग्वाल लड़के अपने हाथों में मक्खन और रोटी लेकर गायों को चराने के लिए तैयार हो जाते हैं।
प्रश्न 7. ‘भोर और बरखा’ कविता में कुल कितने पद है? पदों में क्या भिन्नता है?
उत्तर – कविता में कुल दो पद हैं। पहले पद में मीराबाई ने यशोदा माँ द्वारा श्रीकृष्ण को जगाने के किस्से का वर्णन किया है। मीरा के इस पद में माता यशोदा कान्हा को तरह-तरह के प्रलोभन देकर उठाने का प्रयास कर रही हैं। दूसरे पद में मीरा ने सावन के महीने का मनमोहक चित्रण किया है। साथ ही, इन दोनों पदों में मीरा बाई ने श्री कृष्ण के प्रति अपने प्रेम का वर्णन भी किया है।
प्रश्न 8. ‘भोर और बरखा’ कविता के पहले पद में मीराबाई ने किसका वर्णन किया है?
उत्तर – कवयित्री मीरा बाई कविता के पहले पद में यशोदा माँ द्वारा कान्हा जी को सुबह जगाने के दृश्य का अत्यधिक मनोरम दृश्य प्रस्तुत किया है। गाँव में सुबह जहाँ एक ओर गोपियाँ अपने कामों में व्यस्त हो गई हैं वहीँ दूसरी और देवता और मनुष्य सभी श्री कृष्ण के उठने और उनके दर्शन के इन्तजार में उनके दरवाजे पर खड़े हैं। मीरा बाई ने इस पद के द्वारा श्री कृष्ण को सभी का उद्धार करने वाला बताया है।
प्रश्न 9. मीरा ने सावन का वर्णन किस प्रकार किया है?
उत्तर – कविता के दूसरे पद में मीराबाई ने सावन का बड़ा ही मनमोहक चित्रण किया हैं। वे कहती हैं कि सावन के महीने में होने वाली बरसात मन को शांत करने वाली होती है। बरसात के आगमन से उन्हें उनके प्रभु के आने का आभास होता है। उमड़-घुमड़ कर बादल आसमान में चारों तरफ फैल जाते हैं, आसमान में बिजली भी कड़कती है। बरसात मीरा बाई को ऐसा महसूस करवाती हैं, मानो श्रीकृष्ण ख़ुद चलकर उनके कल्याण के लिए उनके समक्ष सावन के रूप में आ गए हैं।
प्रश्न 10. माता यशोदा अपने कान्हा जी को सुबह किस प्रकार और क्या कहकर जगाती है?
उत्तर – यशोदा माता बड़े प्यार से कान्हा जी को सुबह उठाते हुए कहती हैं कि बाँसुरी धारण करने वाले मेरे प्यारे पुत्र अब जाग जाओ। रात अब बीत गयी है और सुबह हो चुकी है। सभी लोगों ने अपने-अपने घरों के दरवाजे खोल दिए हैं। सभी गोपियाँ दही को मथकर मक्खन निकाल रही हैं और हमारे दरवाज़े पर देवता और मनुष्य तुम्हारे दर्शन करने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। तुम्हारे सभी ग्वाल – मित्र हाथ में मक्खन और रोटी लिए , गौ रक्षक अर्थात तुम्हारा गाय चराने जाने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं।
प्रश्न 11. “नन्हीं – नन्हीं बूँदन मेहा बरसे , शीतल पवन सुहावन की।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर ! आनंद – मंगल गावन की ।।”
उपर्युक्त पंक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर – कवयित्री मीराबाई के अनुसार, आसमान से बरसात की नन्ही – नन्ही बूँदें गिरती हैं और साथ-ही-साथ ठंडी हवाऐं चलने से यह मौसम और भी ज्यादा दिलकश हो जाता है। आगे कहती हैं कि उनके प्रभु ने जिस तरह सभी नगरवासियों की रक्षा के लिए पर्वत को धारण किया था उसी तरह आभास होता है कि प्रभु अपने भक्तों को अलौकिक ख़ुशी का अनुभव और उनके कल्याण के लिए उनके समक्ष सावन के रूप में आ गए हैं।
प्रश्न 12. “सावन में उमग्यो मेरो मनवा , भनक सुनी हरि आवन की।
उमड़ – घुमड़ चहुँदिस से आया , दामिन दमकै झर लावन की।।”
उपर्युक्त पंक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर – कवयित्री मीराबाई के अनुसार, सावन की बरसात मन को शांति प्रदान करने वाली होती हैं। कवयित्री मीरा बाई का मन सावन मास में अत्यधिक उत्साहित होता है क्योंकि बरसात के आगमन से उन्हें उनके प्रभु के आने का आभास होता है। उमड़ – घुमड़ कर बादल आसमान में चारों दिशाओं से आ जाते हैं और आसमान में बिजली भी बहुत तेज कड़कती है जैसे वह बारिश की झड़ी लगाने वाली हों।
प्रश्न 13. “उठो लालजी ! भोर भयो है , सुर – नर ठाढ़े द्वारे।
ग्वाल – बाल सब करत कुलाहल , जय – जय सबद उचारै ।।
माखन – रोटी हाथ मँह लीनी , गउवन के रखवारे।
मीरा के प्रभु गिरधर नागर , सरण आयाँ को तारै ।।”
उपर्युक्त पंक्तियों का भावार्थ लिखिए ।
उत्तर – कवयित्री मीराबाई के अनुसार, यशोदा माता बड़े प्यार से कान्हा जी को उठाते हुए कहती हैं कि मेरे दुलारे अब उठ जाओ। सुबह हो गई है और हमारे दरवाज़े पर देवता और सभी मनुष्य तुम्हारे दर्शन करने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। तुम्हारे सभी ग्वाल – मित्र तुम्हारे साथ खेलने के किए शोर मचा रहे हैं और सभी तुम्हारी जय – जयकार कर रहे हैं। वो सब हाथ में मक्खन और रोटी लिए , गौ रक्षक अर्थात तुम्हारा गाय चराने जाने के लिए इंतज़ार कर रहे हैं। कवियत्री मीरा बाई कहती हैं कि उनके प्रभु ने जिस तरह सभी नगरवासियों की रक्षा के लिए पर्वत को धारण किया था उसी तरह जो कोई भी उनकी शरण में जाता है वे सभी का उद्धार करते हैं।
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