NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 वीर कुँवर सिंह Important Question Answers Lesson 17
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Class 7 Hindi वीर कुँवर सिंह Question Answers Lesson 17 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
(1) बाबू कुँवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के बाद सन् 1827 में अपनी रियासत की जिम्मेदारी सँभाली। उन दिनों ब्रिटिश हुकूमत का अत्याचार चरम सीमा पर था।इससे लोगों में ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ भयंकर असंतोष उत्पन्न हो रहा था। कृषि , उद्योग और व्यापार का तो बहुत ही बुरा हाल था। रजवाड़ों के राजदरबार भी समाप्त हो गए थे। भारतीयों को अपने ही देश में महत्त्वपूर्ण और ऊँची नौकरियों से वंचित कर दिया गया था। इससे ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध देशव्यापी संघर्ष की स्थिति बन गई थी। ऐसी स्थिति में कुँवर सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेने का संकल्प लिया।
प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ के नाम बताएं?
(क) अपूर्व अनुभव
(ख) झाँसी की रानी
(ग) वीर कुँवर सिंह
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) वीर कुँवर सिंह
प्रश्न 2. कुँवर सिंह रियासत की जिम्मेदारी कब सँभाली?
(क) पिता की मृत्यु के बाद सन् 1827 में
(ख) पिता की मृत्यु के बाद सन् 1826 में
(ग) पिता की मृत्यु के बाद सन् 1822 में
(घ) पिता की मृत्यु के बाद सन् 1825 में
उत्तर – (क) पिता की मृत्यु के बाद सन् 1827 में
प्रश्न 3. भारतीयों को कहॉं पर महत्त्वपूर्ण और ऊँची नौकरियों से वंचित कर दिया गया था?
(क) विदेशों में
(ख) अपने ही देश में
(ग) अंग्रेजों के कार्यालय में
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) अपने ही देश में
प्रश्न 4. कुँवर सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत से क्या लेने का संकल्प लिया?
(क) लोहा
(ख) बदला
(ग) धूल चटाने का
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) लोहा
(2) वीर कुँवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 ई॰ में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबज़ादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबज़ादा सिंह जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे , परंतु उनको अपनी ज़मींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर सिंह के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल नहीं कर सके। जगदीशपुर लौटने के बाद ही वे कुँवर सिंह की पढ़ाई – लिखाई की ठीक से व्यवस्था कर पाए।
प्रश्न 1. पंचरतन कुँवर किसकी माता का नाम था?
(क) साहबज़ादा कुँवर की
(ख) मंगल पांडे की
(ग) बेगम हजरत महल की
(घ) कुँवर सिंह की
उत्तर – (घ) कुँवर सिंह की
प्रश्न 2. अपनी ज़मींदारी हासिल करने में किसको बहुत संघर्ष करना पड़ा?
(क) कुँवर सिंह को
(ख) रानी लक्ष्मीबाई को
(ग) साहबज़ादा कुँवर को
(घ) बेगम हजरत महल को
उत्तर – (ग) साहबज़ादा कुँवर को
प्रश्न 3. कुँवर सिंह के पिता का नाम था?
(क) नाना साहेब
(ख) साहबज़ादा कुँवर
(ग) पंचरतन कुँवर
(घ) राव तुला राम
उत्तर – (ख) साहबज़ादा कुँवर
प्रश्न 4. कुँवर सिंह की पढ़ाई – लिखाई की व्यवस्था किसने की?
(क) लक्ष्मीबाई ने
(ख) पंचरतन कुँवर ने
(ग) नाना साहेब ने
(घ) साहबज़ादा कुँवर ने
उत्तर – (घ) साहबज़ादा कुँवर ने
(3) 25 जुलाई 1857 को दानापुर की सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया और सैनिक सोन नदी पार कर आरा की ओर चल पड़े। कुँवर सिंह से उनका संपर्क पहले से ही था। इस मुक्तिवाहिनी के सभी बागी सैनिकों ने कुँवर सिंह का जयघोष करते हुए आरा पहुँचकर जेल की सलाखें तोड़ दीं और कैदियों को आज़ाद कर दिया। 27 जुलाई 1857 को कुँवर सिंह ने आरा पर विजय प्राप्त की।
प्रश्न 1. आरा की ओर जाने के लिए सैनिकों ने कौन सी नदी पार की?
(क) यमुना नदी
(ख) गंगा नदी
(ग) सोन नदी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) सोन नदी
प्रश्न 2. 25 जुलाई 1857 को कहॉं की सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया ?
(क) आरा की
(ख) दानापुर की
(ग) जगदीशपुर की
(घ) कानपुर की
उत्तर – (ख) दानापुर की
प्रश्न 3. कुँवर सिंह ने आरा पर विजय कब प्राप्त की?
(क) 27 जुलाई 1867 को
(ख) 27 जुलाई 1858 को
(ग) 25 जुलाई 1857 को
(घ) 27 जुलाई 1857 को
उत्तर – (घ) 27 जुलाई 1857 को
(4) कुँवर सिंह उदार एवं अत्यंत संवेदनशील व्यक्ति थे। इब्राहीम खाँ और किफ़ायत हुसैन उनकी सेना में उच्च पदों पर आसीन थे। उनके यहाँ हिन्दुओं और मुसलमानों के सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते थे। उन्होंने पाठशालाएँ और मकतब भी बनवाए। बाबू कुँवर सिंह की लोकप्रियता इतनी थी कि बिहार की कई लोकभाषाओं में उनकी प्रशस्ति लोकगीतों के रूप में आज भी गाई जाती है।
प्रश्न 1. कुँवर सिंह का व्यक्तित्व कैसा था?
(क) उदार
(ख) अत्यंत संवेदनशील
(ग) क और ख दोनों
(घ) दयालु और चंचल
उत्तर – (ग) क और ख दोनों
प्रश्न 2. इब्राहीम खाँ और किफ़ायत हुसैन किसकी सेना में उच्च पदों पर आसीन थे?
(क) रानी लक्ष्मीबाई के
(ख) कुँवर सिंह के
(ग) नाना साहेब के
(घ) राव तुला राम के
उत्तर – (ख) कुँवर सिंह के
प्रश्न 3. कुँवर सिंह ने क्या-क्या बनवाया?
(क) जेले
(ख) मकतब
(ग) पाठशालाएँ
(घ) ख और ग दोनों
उत्तर – (घ) ख और ग दोनों
Class 7 Hindi Vasant Lesson 17 वीर कुँवर सिंह बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 1. वीर कुँवर सिंह का जन्म किस राज्य में हुआ था?
(क) उत्तराखंड
(ख) बिहार
(ग) उत्तर प्रदेश
(घ) दिल्ली
उत्तर – (ख) बिहार
प्रश्न 2. अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने पर मंगल पांडे को कहॉं फाँसी दे दी गई?
(क) सन् 1857 – सहारनपुर में
(ख) सन् 1857 – बैरकपुर में
(ग) सन् 1857 – लखनऊ में
(घ) सन् 1857 – काशी में
उत्तर – (ख) सन् 1857 – बैरकपुर में
प्रश्न 3. अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने पर मंगल पांडे को कब फाँसी दे दी गई?
(क) 10 अप्रैल 1857 को
(ख) 7 अप्रैल 1857 को
(ग) 4 अप्रैल 1857 को
(घ) 8 अप्रैल 1857 को
उत्तर – (घ) 8 अप्रैल 1857 को
प्रश्न 4. 11 मई 1857 को भारतीय सैनिकों ने किस पर कब्जा कर लिया?
(क) लखनऊ
(ख) बैरकपुर
(ग) कानपुर
(घ) दिल्ली
उत्तर – (घ) दिल्ली
प्रश्न 5. अंग्रेज़ी सेना और स्वतंत्रता सेनानियों के मध्य कहाँ भीषण युद्ध हुआ?
(क) लखनऊ
(ख) कानपुर
(ग) बुंदेलखंड और आरा
(घ) उपर्युक्त सभी
उत्तर – (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 6. मंगल पांडे ने अंग्रेजों के विरुद्ध कहाँ बगावत किया था?
(क) बरेली में
(ख) कानपुर में
(ग) बैरकपुर में
(घ) आजमगढ़ में
उत्तर – (ग) बैरकपुर में
प्रश्न 7. कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में किस सन् में हुआ था?
(क) 1782 ई. में
(ख) 1784 ई. में
(ग) 1781 ई. में
(घ) 1783 ई. में
उत्तर – (क) 1782 ई. में
प्रश्न 8. कुँवर सिंह के पिता कैसे व्यक्ति थे?
(क) स्वाभिमानी
(ख) उदार स्वभाव के
(ग) क और ख
(घ) अकरालु
उत्तर – (ग) क और ख
प्रश्न 9. कुँवर सिंह का जन्म बिहार राज्य के किस जनपद में हुआ?
(क) जहानाबाद
(ख) छपरा
(ग) शाहाबाद
(घ) आरा
उत्तर – (ग) शाहाबाद
प्रश्न 10. कुँवर सिंह के पिता साहबज़ादा सिंह जगदीशपुर रियासत के क्या थे ?
(क) आंदोलनकारी
(ख) सैनिक
(ग) ज़मींदार
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (ग) ज़मींदार
प्रश्न 11. कुँवर सिंह के पिता की मृत्यु कब हुई?
(क) सन् 1827 में
(ख) सन् 1827 में
(ग) सन् 1822 में
(घ) सन् 1826 में
उत्तर – (ख) सन् 1827 में
प्रश्न 12. जगदीशपुर के जंगलों में कौन सिद्ध संत रहते थे?
(क) बसुरिया बाबा
(ख) जगदीशपुरीया बाबा
(ग) महान सिद्ध बाबा
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (क) बसुरिया बाबा
प्रश्न 13. कुँवर सिंह बिहार के कौन-सी जगह को अपनी गुप्त बैठकों की योजना के लिए चुना?
(क) मधुबनी जिले को
(ख) आरा जिले को
(ग) बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को
प्रश्न 14. बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेला किस अवसर पर लगता है?
(क) एक विशेष तिथि के अवसर पर
(ख) कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर
(ग) बैसाखी के अवसर पर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर
प्रश्न 15. सोनपुर का मेला किसके लिए विख्यात है?
(क) हाथियों के क्रय – विक्रय के लिए
(ख) घोडो के क्रय – विक्रय के लिए
(ग) बैलों के क्रय – विक्रय के लिए
(घ) ऊंटों के क्रय – विक्रय के लिए
उत्तर – (क) हाथियों के क्रय – विक्रय के लिए
प्रश्न 16. कुँवर सिंह ने आरा पर विजय कब प्राप्त की?
(क) 23 जुलाई 1857 को
(ख) 25 जुलाई 1857 को
(ग) 27 जुलाई 1857 को
(घ) 29 जुलाई 1857 को
उत्तर – (ग) 27 जुलाई 1857 को
प्रश्न 17. 13 अगस्त 1857 को जगदीशपुर में कुँवर सिंह की सेना अंग्रेज़ो से ____ गई?
(क) जीत
(ख) हार
(ग) डर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) हार
प्रश्न 18. कुँवर सिंह की सेना अंग्रेज़ों से घमासान युद्ध करके आज़मगढ़ पर कब कब्ज़ा कर लिया?
(क) 22 मार्च 1857 को
(ख) 22 मार्च 1859 को
(ग) 22 मार्च 1858 को
(घ) 22 मार्च 1856 को
उत्तर – (ग) 22 मार्च 1858 को
प्रश्न 19. कुँवर सिंह की मृत्यु कब हुई?
(क) 26 अप्रैल 1858 को
(ख) 23 अप्रैल 1858 को
(ग) 25 अप्रैल 1858 को
(घ) 28 अप्रैल 1858 को
उत्तर – (क) 26 अप्रैल 1858 को
प्रश्न 20. गंगा नदी को पार करते समय किसने वीर कुँवर सिंह पर हमला कर दिया?
(क) क्रांतिकारियों ने
(ख) अंग्रेज़ सेनापति डगलस ने
(ग) अंग्रेजों के सिपाहियों ने
(घ) इनमें से कोई नही
उत्तर – (ख) अंग्रेज़ सेनापति डगलस ने
प्रश्न 21. किसके कारण कुँवर सिंह को अपना बायां हाथ को काटना पड़ा?
(क) चोट लगने के कारण
(ख) सांप काटने के कारण
(ग) गोली लगने के कारण
(घ) टुट जाने के कारण
उत्तर – (ग) गोली लगने के कारण
Class 7 Hindi वीर कुँवर सिंह प्रश्न और उत्तर Questions Answers
निबंध से
प्रश्न 1. वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की कौन – कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया ?
उत्तर – वीर कुँवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताओं ने हमें प्रभावित किया है –
वीर सेनानी – वीर कुँवर सिंह एक महान वीर सेनानी थे। 1857 के विद्रोह में उन्होंने अपना पूर्ण योगदान दिया था। उन्होंने स्वतंत्रता प्राप्ति की लड़ाई में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया व अंग्रेजों को कदम – कदम पर परास्त किया। कुँवर सिंह की वीरता पूरे उत्तर भारत द्वारा भुलाई नहीं जा सकती। आरा पर विजय प्राप्त करने पर इन्हें फौजी सलामी भी दी गई।
स्वाभिमानी – वीर कुँवर सिंह वीर होने के साथ – साथ स्वाभिमानी भी थे। जब वे शिवराजपुर से गंगा पार करते हुए जा रहे थे तो डगलस की गोली का निशाना बन गए। उनके हाथ पर गोली लगी। उस समय वे न तो वहाँ से भागे और न ही उपचार की चिंता की , बल्कि हाथ ही काटकर गंगा में बहा दिया।
उदार स्वभाव – वीर कुँवर सिंह का स्वाभाव अत्यधिक उदार था। वे किसी भी व्यक्ति से जातिगत भेदभाव नहीं करते थे। यहाँ तक कि उनकी सेना में इब्राहिम खाँ और किफायत हुसैन मुसलमान होते हुए भी उच्च पदों पर आसीन थे। वे हिंदू – मुसलमान दोनों के त्योहार सबके साथ मिलकर मनाते थे।
दृढनिश्चयी – वीर कुँवर सिंह ने अपना पूरा जीवन देश की रक्षा हेतु समर्पित किया। जीवन के अंतिम पलों में इतने वृद्ध हो जाने पर भी सदैव युद्ध हेतु तत्पर रहते थे। यहाँ तक कि मरने से तीन दिन पूर्व ही उन्होंने जगदीशपुर में विजय पताका फहराई थी।
समाज सेवक – एक वीर सिपाही होने के साथ – साथ वे समाज सेवक भी थे। उन्होंने अपने इलाके में कई पाठशालाओं – मदरसों , कुओं व तालाबों का निर्माण करवाया था। अपनी आर्थिक स्थिति सही न होने पर भी वे निर्धनों की सदा सहायता करते थे।
साहसी – वीर कुँवर सिंह के साहस की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। 13 अगस्त, 1857 को जब कुँवर सिंह की सेना जगदीशपुर में अंग्रेजों से परास्त हो गई तो उन्होंने साहस नहीं छोड़ा, परन्तु इससे वीरवर कुँवर सिंह का आत्म विश्वास टूटा नहीं और वे भविष्य में होने वाले स्वतंत्रता प्राप्ति के युद्ध की योजना बनाने में लगन और निष्ठा के साथ तैयारियाँ करने में लग गए अर्थात एक बार असफल हो जाने के कारण उन्होंने पीछे हटने के बजाए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयारियाँ करना सही समझा। सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर, लखनऊ से आजमगढ़ की ओर बढ़ते हुए उन्होंने आजादी की आग को जलाए रखा। पूरे उत्तर भारत में उनके साहस की चर्चा थी। अंत में 23 अप्रैल, 1858 को आजमगढ़ में अंग्रेजों को हराते हुए उन्होंने जगदीशपुर में स्वाधीनता की विजय पताका फहरा कर ही दम लिया।
प्रश्न 2. कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मज़ा आता था ? क्या उन्हें उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली ?
उत्तर – वीर कुँवर सिंह को बचपन में पढ़ने – लिखने में उतना मन नहीं लगता था , जितना मन घुड़सवारी , तलवारबाज़ी और कुश्ती लड़ने में लगता था। जब बड़े होकर स्वतंत्रता सेनानी बने तो इन कार्यों से उन्हें बहुत सहायता मिली। तलवार चलाने व तेज़ घुड़सवारी से तो वे कदम – कदम पर अंग्रेजों को मात देते रहे।
प्रश्न 3. सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी। पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर – कुँवर सिंह की सांप्रदायिक सद्भाव में गहरी आस्था थी। उनकी सेना में मुसलमान भी उच्च पदों पर थे। थे। इब्राहीम खाँ और किफ़ायत हुसैन उनकी सेना में ऊँचे पदों पर आसीन थे , इससे पता चलता है कि वीर कुँवर सिंह हिन्दुओं और मुसलमानों में कोई भेद नहीं करते थे। उनके यहाँ हिन्दुओं और मुसलमानों के सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते थे। उन्होंने पाठशालाएँ तो बनवाई ही थी साथ ही साथ उन्होंने इस्लाम धर्म की शिक्षा – दीक्षा की पाठशालाओं को भी बनवाया था।
प्रश्न 4. पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुँवर सिंह साहसी , उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे ?
उत्तर – वीर कुँवर सिंह के साहस की तुलना किसी से नहीं की जा सकती। 13 अगस्त, 1857 को जब कुँवर सिंह की सेना जगदीशपुर में अंग्रेजों से परास्त हो गई तो उन्होंने साहस नहीं छोड़ा, परन्तु इससे वीरवर कुँवर सिंह का आत्म विश्वास टूटा नहीं और वे भविष्य में होने वाले स्वतंत्रता प्राप्ति के युद्ध की योजना बनाने में लगन और निष्ठा के साथ तैयारियाँ करने में लग गए अर्थात एक बार असफल हो जाने के कारण उन्होंने पीछे हटने के बजाए अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तैयारियाँ करना सही समझा। वीर कुँवर सिंह वीर होने के साथ – साथ स्वाभिमानी भी थे। जब वे शिवराजपुर से गंगा पार करते हुए जा रहे थे तो डगलस की गोली का निशाना बन गए। उनके हाथ पर गोली लगी। उस समय वे न तो वहाँ से भागे और न ही उपचार की चिंता की , बल्कि हाथ ही काटकर गंगा में बहा दिया। वीर कुँवर सिंह का स्वाभाव अत्यधिक उदार था। वे किसी भी व्यक्ति से जातिगत भेदभाव नहीं करते थे। यहाँ तक कि उनकी सेना में इब्राहिम खाँ और किफायत हुसैन मुसलमान होते हुए भी उच्च पदों पर आसीन थे। वे हिंदू – मुसलमान दोनों के त्योहार सबके साथ मिलकर मनाते थे। उन्होंने पाठशालाएँ तो बनवाई ही थी साथ ही साथ उन्होंने इस्लाम धर्म की शिक्षा – दीक्षा की पाठशालाओं को भी बनवाया था।
प्रश्न 5. आमतौर पर मेले मनोरंजन , खरीद – फरोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुँवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया ?
उत्तर – प्रायः मेले का उपयोग लोगों के मनोरंजन , खरीद – फरोख्त तथा मेलजोल के लिए किया जाता है , लेकिन कुँवर सिंह ने सोनपुर के मेले का उपयोग स्वाधीनता संग्राम की योजना बनाने के लिए किया। उन्होंने यहाँ सोनपुर के मेले का उपयोग अंग्रेजों के विरुद्ध अपनी बैठकों एवं योजनाओं के लिए किया। यहाँ लोग गुप्त रूप से इकट्ठे होकर क्रांति के बारे में योजनाएँ बनाते थे। सोनपुर में एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला लगता है। इसका आयोजन कार्तिक पूर्णिमा पर होता है। इस मेले में हाथियों की खरीद-बिक्री होती है। इस मेले की आड़ में कुँवर सिंह अंग्रेजों को चकमा देने में सफल रहे।
निबंध से आगे
प्रश्न 1. सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेनेवाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए।
उत्तर –
i) नाना साहेब – नाना साहेब सन् 1857 के भारतीय स्वतन्त्रता के प्रथम संग्राम के शिल्पकार थे। उनका मूल नाम ‘धोंडूपंत’ था। स्वतंत्रता संग्राम में नाना साहेब ने कानपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध नेतृत्व किया।
ii) मंगल पांडे – अंग्रेजी सेना का सिपाही मंगल पांडे कट्टर धर्मावलंबी था। कारतूस में गाय और सुअर की चर्बी मिलने की खबर फैलने के बाद उन्होंने विद्रोह की शुरुआत की थी, फलस्वरूप उन्हें गिरफ्तार कर 8 अप्रैल 1857 को फांसी दे दी गई।
iii) रानी लक्ष्मीबाई – झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई स्वाधीनता संग्राम की प्रथम महिला थीं, जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई थी। वह स्वाभिमानिनी, कुशल योद्धा, कुशल प्रशासिका, विदुषी, भागवत गीता के सिद्धांतों को मानने वाली थी। अंग्रेजों से अंत तक लड़ती रही और लड़ते-लड़ते 23 वर्ष की अल्पायु में वीरगति को प्राप्त हो गई।
iv) तात्या टोपे – तात्या टोपे का मूल नाम ‘रामचंद्र पांडुरंग’ था और ये भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम के एक प्रमुख सेनानायक थे। सन् 1857 के महान विद्रोह में उनकी भूमिका सबसे महत्त्वपूर्ण, प्रेरणादायक और बेजोड़ थी।
प्रश्न 2. सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित गीत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में गाए जाते हैं। ऐसे कुछ गीतों को संकलित कीजिए।
उत्तर – कुछ गीतों का संकलन निम्नलिखित है-
i)
1857 की जंग ए आज़ादी का क़ौमी गीत !
हम हैं इसके मालिक , हिंदुस्तान हमारा ,
पाक वतन है क़ौम का , जन्नत से भी प्यारा ,
ये है हमारी मिलकियत , हिंदुस्तान हमारा,
इसकी रूहानियत से रोशन है , जग सारा।
कितनी क़दीम , कितनी नईम , सब दुनिया से न्यारा ,
करती है , जरखेज जिसे , गंग ओ जमुन की धारा ,
ऊपर बर्फीला परवत , पहरेदार हमारा।
नीचे साहिल पर बजता , सागर का नक्कारा।
ii)
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, ओय रंग बेसमान है।
बसंती चोला माई रंग दे बसंती चोला …………
दम निकले इस देश की खातिर बस इतना अरमान है
एक बार इस राह में मरना सौ जन्मों के समान है।
देख के वीरों की कुर्बानी अपना दिल भी बोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला, ओय रंग दे बसंती चोला
माई रंग दे बसंती चोला
जिस चोले को पहन शिवाजी खेले अपनी जान पे
जिसे पहन झाँसी की रानी मिट गई अपनी आन पे
आज उसी को पहन के निकला पहन के निकला
आज उसी को पहन के निकला, हम मरदों को टोला
मेरा रंग दे बसंती चोला
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला मेरा रंग दे
ओ मेरा रंग दे बसंती चोला ओय रंग दे
बसंती चोला माई रंग दे बसंती चोला
माई रंग दे …………………..
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. वीर-कुँवर सिंह का पढ़ने के साथ-साथ कुश्ती और घुड़सवारी में अधिक मन लगता था। आपको पढ़ने के अलावा और किन-किन गतिविधियों या कामों में खूब मज़ा आता है? लिखिए?
उत्तर – मुझे पढ़ने के अलावा खाना बनाना, कॉमिक बुक पढ़ना, गाना सुनना और अपने दोस्तों के साथ घूमना बहुत अच्छा लगता है। इसके अलावा तैराकी करना भी अच्छा लगता है।
प्रश्न 2. सन् 1857 में अगर आप 12 वर्ष के होते तो क्या करते? कल्पना करके लिखिए।
उत्तर – 1857 में यदि मैं 12 वर्ष का होता तो अवश्य वीर सेनानियों के कार्यों से प्रभावित होता। मैं भी तलवार चलाना व घुड़सवारी आदि सीखता ताकि समय आने पर देश की रक्षा के खातिर प्राणों की बाजी लगा देता।
प्रश्न 3. अनुमान लगाइए, स्वाधीनता की योजना बनाने के लिए सोनपुर के मेले को क्यों चुना गया होगा?
उत्तर – स्वाधीनता की योजना बनाने के लिए सोनपुर के मेले को इसलिए चुना गया होगा क्योंकि सोनपुर का मेला एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है । इसमें काफी भीड़ होती है तथा यह मेला हाथियों की खरीद-बिक्री के लिए प्रसिद्ध है। इस मेले में इतनी भीड़ होती है कि यदि स्वतंत्रता सेनानी यहाँ कोई योजना बनाने के लिए इकट्ठे हो जाएँ तो भी अंग्रेजी सरकार को कभी शक नहीं हो सकता था।
भाषा की बात
प्रश्न 1. आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है, जैसे- सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के ‘वर्ण’ ‘नी’ की मात्रा दीर्घ ‘ ी ‘ (ई) से ह्रस्व ‘‘ि’ (इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिसके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में ह्रस्व इकार होता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता; जैसे- दृष्टि से दृष्टियों।
- नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए
उत्तर –
नीति – नीतियों
जिम्मेदारियों – जिम्मेदारी
सलामी – सलामियों
स्थिति – स्थितियों
स्वाभिमानी – स्वाभिमानियों
गोली – गोलियाँ
Class 7 Hindi वीर कुँवर सिंह अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)
प्रश्न 1. भारत का अंतिम मुगल शासक कौन था?
उत्तर – भारत का अंतिम मुगल शासक ‘बहादुरशाह ज़फ़र’ था।
प्रश्न 2. वीर कुँवर सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ था?
उत्तर – वीर कुंवर सिंह का जन्म 1782 ई० में बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में हुआ था।
प्रश्न 3. कुँवर सिंह के माता और पिता का क्या नाम था?
उत्तर – कुँवर सिंह के माता का नाम पंचरतन कुँवर और पिता का नाम साहबज़ादा सिंह था।
प्रश्न 4. कुँवर सिंह ने रियासत की जिम्मेदारी कब सँभाली?
उत्तर – कुँवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1827 में रियासत की जिम्मेदारी सँभाली।
प्रश्न 5. जगदीशपुर के जंगलों में किस नाम के एक सिद्ध संत रहते थे?
उत्तर – जगदीशपुर के जंगलों में ‘ बसुरिया बाबा ’ नाम के एक सिद्ध संत रहते थे।
प्रश्न 6. दानापुर की सैनिक टुकड़ी ने कब विद्रोह किया?
उत्तर – 25 जुलाई 1857 को दानापुर की सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह किया।
प्रश्न 7. कुँवर सिंह की सेना अंग्रेज़ो से कब परास्त हो गई?
उत्तर – 13 अगस्त 1857 को जगदीशपुर में कुँवर सिंह की सेना अंग्रेज़ो से परास्त हो गई।
प्रश्न 8. मंगल पांडे को फाँसी क्यों दी गई?
उत्तर – मार्च 1857 में बैरकपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने पर मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फाँसी दी गई।
प्रश्न 9. दिल्ली के अतिरिक्त और कहाँ अत्यधिक भीषण युद्ध हुआ?
उत्तर – दिल्ली के अतिरिक्त कानपुर , लखनऊ , बरेली , बुंदेलखंड और आरा में अत्यधिक भीषण युद्ध हुआ।
प्रश्न 10. निम्नलिखित शब्दों का शब्दार्थ बताएं – बागी, पतन, व्याप्त, ओजस्वी, अकिंचन।
उत्तर –
बागी – बगावत करने वाला , विद्रोही , न दबने वाला , अवज्ञाकारी , उपेक्षाकारी
पतन – ऊपर से नीचे आने या गिरने का भाव या क्रिया , मरण , संहार , नाश , घटाव
व्याप्त – फैला हुआ , समाया हुआ , सब ओर से आच्छादित या ढका हुआ
ओजस्वी – जिसमें ओज हो , शक्तिशाली , तेजस्वी , प्रभावशाली , जोश पैदा करने वाला
अकिंचन – अतिनिर्धन , दरिद्र , कंगाल , मामूली , महत्वहीन
प्रश्न 11. सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने वाले मुख्य स्वतंत्रता सेनानियों के नाम लिखे?
उत्तर – सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेने वाले मुख्य स्वतंत्रता सेनानियों नाम निम्नलिखित है – नाना साहेब , ताँत्या टोपे , बख्त खान , अजीमुल्ला खान , रानी लक्ष्मीबाई , बेगम हजरत महल , कुँवर सिंह , मौलवी अहमदुल्लाह , बहादुर खान और राव तुलाराम थे।
प्रश्न 12. कुँवर सिंह किस उद्देश्य से आज़मगढ़ गए?
उत्तर – कुँवर सिंह का उद्देश्य इलाहाबाद एवं बनारस पर आक्रमण कर शत्रुओं को पराजित करना और अंततः जगदीशपुर पर अधिकार करना। स्वतंत्रता की इस लड़ाई में अंग्रेज़ों और कुँवर सिंह की सेना के बीच भयानक युद्ध हुआ। इस लड़ाई में कुँवर सिंह की सेना ने अंग्रेजों को हरा कर 22 मार्च 1858 को आज़मगढ़ पर कब्जा कर लिया।
प्रश्न 13. 1857 की क्रांति की क्या उपलब्धियाँ थीं?
उत्तर – 1857 की क्रांति की सबसे बड़ी उपलब्धि यह थी कि यह आंदोलन देश को आजादी पाने की दिशा में एक प्रथम चरण था। इस क्रांति के परिणामस्वरूप लोगों की आँखें खुल गईं और उनमें राष्ट्रीय एकता और स्वा
धीनता की पृष्ठभूमि का विकास हुआ। इस आंदोलन की उपलब्धि सांप्रदायिक सौहार्द की भावना के विकास के रूप में हुआ। हिंदू-मुस्लिम एकता बढ़ी। राष्ट्रीय भावना लोगों में जाग्रत हुई।
प्रश्न 14. जगदीशपुर में कुँवर सिंह की सेना अंग्रेज़ो से क्यों परास्त हो गई?
उत्तर – परास्त होने के मुख्य कारण थे जैसे – देसी सैनिकों में अनुशासन की कमी का होना , स्थानीय ज़मींदारों का बगावत करने वाले सैनिकों का साथ न दे कर अंग्रेजों के साथ सहयोग करना तथा उस समय के जो समकालीन युद्ध के समय लड़ाई के उपकरण थे , बगावत करने वाले सैनिकों के पास उनकी कमी थी जिसके कारण जगदीशपुर का पतन रोका न जा सका। 13 अगस्त को जगदीशपुर में कुँवर सिंह की सेना अंग्रेज़ो से परास्त हो गई।
प्रश्न 15. आज़मगढ़ की ओर जाने का वीर कुँवर सिंह का क्या उद्देश्य था?
उत्तर – वीर कुँवर सिंह आज़मगढ़ की ओर जाने का उद्देश्य था – इलाहाबाद एवं बनारस पर आक्रमण कर शत्रुओं को पराजित करना और अंततः जगदीशपुर पर अधिकार करना। स्वतंत्रता की इस लड़ाई में अंग्रेज़ों और कुँवर सिंह की सेना के बीच भयानक युद्ध हुआ। इस लड़ाई में कुँवर सिंह की सेना ने अंग्रेजों को हरा कर 22 मार्च 1858 को आज़मगढ़ पर कब्जा कर लिया। अंग्रेज़ों ने दोबारा आज़मगढ़ पर आक्रमण किया। कुँवर सिंह ने एक बार फिर आज़मगढ़ में अंग्रेज़ों को हराया। इस प्रकार अंग्रेजी सेना को परास्त कर वीर कुँवर सिंह 23 अप्रैल 1858 को स्वाधीनता की विजय पताका फहराते हुए जगदीशपुर पहुँच गए।
प्रश्न 16. वीर कुँवर सिंह के बचपन के बारे में उल्लेख करें?
उत्तर – वीर कुँवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। लेकिन कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 ई॰ में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबज़ादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबज़ादा सिंह जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे । पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर सिंह के पिता बचपन में उनकी ठीक से देखभाल नहीं कर सके। लेकिन जगदीशपुर लौटने के बाद वे घर पर ही कुँवर सिंह की शिक्षा – दीक्षा की व्यवस्था की, वहीं उन्होंने हिंदी, संस्कृत और फ़ारसी सीखी। परंतु कुँवर सिंह का पढ़ने – लिखने से अधिक उनका मन घुड़सवारी, तलवारबाज़ी और कुश्ती लड़ने में लगता था।
प्रश्न 17. वीर कुँवर सिंह के जीवन के अंतिम दिनों के बारे में लिखिए।
उत्तर – वीर कुँवर सिंह जीवन के अंतिम दिनों में भी अंग्रेज़ों से डटकर मुकाबला करते रहे। उन्होंने अंग्रेज़ों को हराकर 22 मार्च 1858 को आज़मगढ़ पर कब्ज़ा कर लिया। अंग्रेज़ों ने दोबारा आज़मगढ़ पर आक्रमण किया। कुँवर सिंह ने फिर से आज़मगढ़ में अंग्रेज़ों को हराया। इस प्रकार अंग्रेजी सेना को परास्त कर वीर कुँवर सिंह 23 अप्रैल 1858 को स्वाधीनता की विजय पताका फहराते हुए जगदीशपुर पहुँच गए। किन्तु अब वीर कुँवर सिंह बूढ़े हो चले थे और अपनी जीत की ख़ुशी इस बूढ़े शेर को बहुत अधिक दिनों तक आनंदित नहीं कर पाई । 23 अप्रैल 1858 को ही अपनी जीत का उत्सव मनाते हुए लोगों ने यूनियन जैक (अंग्रेजों का झंडा) उतारकर अपना झंडा फहराया। परन्तु इसके तीन दिन बाद ही 26 अप्रैल 858 को यह वीर इस संसार से विदा होकर अपनी अमर कहानी छोड़ गया अर्थात वीर कुँवर सिंह का निधन हो गया।
प्रश्न 18. मंगल पांडे के बलिदान के बाद भारतीय सैनिकों ने किसके विरुद्ध आंदोलन किया?
उत्तर – ब्रिटिश शासन ने भारत में दमन नीति का आरंभ किया। जिसके चलते ब्रिटिश शासन ने लोगों को जबरन अपना गुलाम बनाने तथा भारत को अपने अधीन करना शुरू कर दिया था। इसी दमन नीति को न मानने के कारण मार्च 1857 में बैरकपुर में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने पर मंगल पांडे को 8 अप्रैल 1857 को फाँसी दे दी गई। मंगल पांडे को फाँसी देने के बाद इस आंदोलन ने गति पकड़ी और 10 मई 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन किया और आंदोलन को सीधे दिल्ली की ओर कूच कर गए। दिल्ली पहुँचते ही वहॉं तैनात सैनिकों के साथ मिलकर 11 मई को उन्होंने दिल्ली पर कब्जा कर लिया और अंतिम मुगल शासक बहादुरशाह ज़फ़र को भारत का शासक घोषित कर दिया। यह विद्रोह जंगल की आग की भाँति दूर – दूर तक फैल गया। और बहुत लम्बे समय तक ये विद्रोही अंग्रेजों की नाक में दम करने में सफल रहे।
प्रश्न 19. वीर कुँवर सिंह ने अपना बायाँ हाथ गंगा मैया को समर्पित क्यों किया?
उत्तर – जब कुँवर सिंह शिवराजपुर नामक स्थान से सेनाओं को गंगा पार करवा रहे थे तो केवल एक अंतिम नाव ही रह गई थी और कुँवर सिंह उसी नाव पर सवार होकर गंगा नदी पार कर रहे थे। उसी समय उनकी खोज में अंग्रेज सेनापति डगलस आया और उसने कुँवर सिंह पर हमला करने का यह अच्छा मौका देखकर गोलियाँ बरसानी शुरू कर दी। उसकी गोलियों में से एक गोली कुँवर सिंह के बाएँ हाथ की कलाई को भेदती हुई निकल गई। गोली लगने के कारण कुँवर सिंह को लगा कि अब उनका वह हाथ तो बेकार हो ही गया है और गोली लगने के कारण गोली का ज़हर भी शरीर में फैलेगा, यही सोच कर उसी पल बिना कुछ ज्यादा सोचे उन्होंने गंगा मैया की ओर भावना पूर्ण नेत्रों से देखा और अपने बाएँ हाथ को काटकर गंगा मैया को अर्पित कर दिया।
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