Short Essay on Hindi Diwas in Hindi

 

Hindi Essay and Paragraph Writing – Hindi Diwas (हिन्दी दिवस) for all classes from Class 1 to Class 12

 

हिन्दी दिवस पर निबंध –  इस लेख में हिन्दी दिवस क्यों मनाया जाता है, हिंदी दिवस का इतिहास और हिंदी दिवस का महत्व क्या है के बारे में जानेंगे | हिन्दी को संविधान सभा ने 14 सितम्बर, 1949 को राजभाषा के रूप में अंगीकार किया, इसीलिए भारतवर्ष में प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है| अक्सर स्टूडेंट्स से असाइनमेंट के तौर या परीक्षाओं में हिन्दी दिवस पर निबंध पूछ लिया जाता है। इस पोस्ट में हिन्दी दिवस पर कक्षा 1 से 12 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 250 और 350 शब्दों में संक्षिप्त निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

हिन्दी दिवस महत्व पर 10 लाइन 10 lines on Hindi Diwas in Hindi

 

  1. हिन्दी दिवस भारत में हर साल 14 सितम्बर को मनाया जाता है।
  2. हिन्दी दिवस हिंदी के महत्व को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है।
  3. हिन्दी भाषा हमारे समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक है। 
  4. हिंदी, भारत संघ की राजभाषा है और यहाँ की सभी विविधताओं को दर्शाती है।
  5. गांधी जी का कहना था कि “राष्ट्रीय व्यवहार में हिन्दी का प्रयोग देश की एकता और उन्नति के लिए आवश्यक है”।
  6. संविधान सभा ने 14 सितम्बर, 1949 को हिन्दी भारत संघ की आधिकारिक भाषा घोषित किया था।
  7. हिंदी दिवस के दिन विभिन्न स्कूल, कॉलेज, सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  8. पहली बार हिंदी दिवस सन् 1953 में मनाया गया था।
  9. विश्व में सर्वाधिक बोले जाने वाली भाषाओं में हिंदी तीसरे नंबर पर आती है।
  10. विश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है।

Short Essay on Hindi Diwas in Hindi हिन्दी दिवस पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 250 से 300 शब्दों में

 

हिन्दी दिवस पर निबंध – भारत में हर साल 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस महत्वपूर्ण दिन का उद्देश्य हिंदी के महत्व पर जोर देना और इसके उपयोग को बढ़ावा देना है। हिन्दी भारत के जनमानस की भाषा और संपर्क का माध्यम है। इसके अतिरिक्त, यह आधिकारिक मामलों के लिए भारत संघ की आधिकारिक भाषा है।

हिन्दी दिवस पर निबंध कक्षा 1, 2, 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में 

 

हिन्दी के महत्व को बढ़ावा देने के लिए भारत में हर साल 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया जाता है। हिंदी वह भाषा है जिसे भारत में अधिकांश लोग बोलते हैं और यह हमारी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक भी है। पहला हिंदी दिवस 1953 में मनाया गया था जब भारत सरकार ने हिंदी को राजभाषा के रूप में मान्यता दी थी। तब से हर साल हिन्दी दिवस मनाये जाने लगा। हिंदी दिवस के अवसर पर, सभी स्कूलों में कार्यक्रम के जरिए छात्र-छात्राओं को हिन्दी के प्रति सम्मान और दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने की शिक्षा दी जाती है। हमें हिंदी को सीखना, उसका सदुपयोग करना और उसका संरक्षण करना चाहिए, ताकि हमारे समृद्ध भाषा धरोहर को बचाया और बढ़ावा दिया जा सके।

हिन्दी दिवस पर निबंध कक्षा 4, 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में 

 

भारत में हिन्दी दिवस 14 सितम्बर को मनाया जाता है। यह दिवस हिन्दी भाषा को सम्मान देने और बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है। हिंदी को 14 सितंबर 1949 में भारत संघ की राजभाषा का दर्जा मिला था। क्योंकि भारत के अधिकतर क्षेत्रों में ज्यादातर हिन्दी भाषा बोली जाती थी इसलिए हिन्दी को राजभाषा बनाने का निर्णय लिया गया था। इसी निर्णय के महत्व को बढ़ावा देने और सभी क्षेत्रों में इसे अपनाने के लिये वर्ष 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

हिन्दी दिवस के दौरान स्कूलों और कॉलेजों में कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इन कार्यक्रमों में हिंदी में निबंध लेखन, वाद-विवाद, भाषण और कविता जैसी प्रतियोगिताएं शामिल हैं। बच्चे इन प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और अच्छा प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। इन आयोजनों का मुख्य उद्देश्य  बच्चों में हिन्दी के प्रति सराहना की भावना जगाना, ताकि बच्चे अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहे। 

हिन्दी दिवस पर निबंध कक्षा 6, 7, 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में 

 

हिन्दी दिवस हर साल 14 सितम्बर को देश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, सरकारी व गैर-सरकारी संगठनों में पूरे जोश और उत्साह से मनाया जाता है। हिन्दी सिर्फ हमारी मातृभाषा ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक धरोहर, राष्ट्रीय एकता और सामाजिक सद्भाव का प्रतीक भी है। यह एक ऐसी भाषा है जो भारत के विभिन क्षेत्रों में व्यापक रूप से बोली जाती है। गांधी जी हिन्दी भाषा को जनमानस की भाषा कहते थे। वर्ष 1918 में गांधी जी ने हिन्दी साहित्य सम्मेलन के दौरान हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने का आग्रह किया था। हालाँकि, भारत की आजादी के दो साल बाद, 14 सितंबर, 1949 को, हिंदी को आधिकारिक तौर पर राजभाषा के रूप में मान्यता दी गई। इसके बाद हिन्दी को सम्मान और बढ़ावा देने के लिए 1953 से पूरे भारत में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाए जाने लगा। हिंदी सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में अंग्रेजी और चीनी भाषा (मंदारिन) के बाद तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है और इससे भारत को एक विशिष्ट अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है।

इसलिए हिंदी दिवस पर हमें अपनी मातृभाषा के प्रति गर्व और समर्पण का प्रतीक बनना चाहिए। हमें लिखने, पढ़ने और बोलने में हिंदी का प्रयोग करना चाहिए। हमें दूसरों को भी अपने रोजमर्रा के जीवन में हिंदी का प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। इसके अलावा, हमें स्कूल-कॉलेजो और समाज में हिंदी के महत्व को प्रमोट करने का काम करना चाहिए, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ियाँ भी इसके महत्व को समझें और इसको बढ़ावा दें।

हिन्दी दिवस पर निबंध कक्षा 9, 10, 11, 12 के छात्रों के लिए 250 से 300 शब्दों में 

 

भारत में हिंदी को देश की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाने के उपलक्ष्य में 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाया जाता है। हिंदी सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि यह भारत की एकता, संस्कृति और समृद्धि की प्रतीक है। यह स्वतंत्रता के लिए हमारी लड़ाई की भावना, हमारी समृद्ध साहित्यिक विरासत, हमारी कलात्मक अभिव्यक्ति और हमारी राष्ट्रीय पहचान का प्रतीक भी है। हिंदी न केवल भारत में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा होने का गौरव रखती है, बल्कि दुनिया भर में तीसरी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा भी है।

इसलिए, हिंदी दिवस पर, हमारे लिए अपनी मातृभाषा के प्रति सम्मान और प्रतिबद्धता का प्रतिनिधित्व करना अनिवार्य है और उन सभी हिन्दी के कवियो, लेखको, विद्वानों का सम्मान और धन्यवाद करना चाहिए जिन्होंने हिन्दी भाषा को इतना समृद्ध और सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 

हिन्दी को राजभाषा का दर्जा स्वतंत्र भारत की संविधान सभा ने 14 सितंबर 1949 में दिया क्योंकि भारत भूमि में सदियों से हिन्दी ही एक ऐसी भाषा रही है जो पूरे भारत वर्ष में  किसी न किसी रूप में लिखी, पढ़ी, या बोली अथवा समझी जाती रही है तथा संपर्क का माध्यम रही है। वह भारतीय राष्ट्रीयता के स्वरूप को साकार करने में एक अहम कारक भी रही है। यानी हिन्दी भारत की जन-गण की भाषा रही है।

स्वतंत्रता संग्राम के दिनों में राष्ट्रभक्त आंदोलनकारियों के बीच हिंदी राष्ट्रीय एकता के सबल सूत्र के रूप में कार्य करती रही जिसे भारतीय जनमानस ने राष्ट्रभाषा के रूप में मान दिया किंतु स्वतंत्र भारत के संविधान ने हिन्दी को राष्ट्रभाषा के रूप में नहीं, शासकीय प्रयोजनों के लिए भारत संघ की राजभाषा के रूप में अंगीकार किया और कहा कि भारत संघ की राजभाषा हिन्दी और उसकी लिपि देवनागरी होगी। इसके बाद हिंदी को हर क्षेत्र में प्रसारित करने के लिए राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर 1953 से पूरे भारत में 14 सितंबर को हर साल हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। 14 सितंबर 1953 को पहली बार देश में हिंदी दिवस मनाया गया था। तब से हर साल हिंदी दिवस मनाया जाता है।

हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य वर्तमान के भावी पीढ़ियों में हिंदी के प्रति सराहना की भावना जगाना और साथ ही अपनी मातृभाषा के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को बढ़ावा देना है।