CBSE Class 10 Hindi Chapter 3 Atmakathya (आत्मकथ्य) Question Answers (Important) from Kshitij Book
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- Atmakathya NCERT Solution
- Atmakathya Extract Based Questions
- Atmakathya Extra Question Answers
- Atmakathya Multiple choice Questions
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Atmakathya NCERT Solution
प्रश्न 1 – कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचना चाहता है ?
उत्तर – कवि आत्मकथ्य लिखने से इसलिए बचना चाहते है क्योंकि उन्हें ऐसा नहीं लगता कि हिंदी साहित्य में न जाने कितने महान् पुरुषों अर्थात लेखकों के जीवन का इतिहास उनकी आत्मकथा के रूप में मौजूद हैं। लोग इन महान लेखकों की आत्मकथा को पढ़कर उनकी कमियों का मजाक बनाते हैं। कवि अपना मज़ाक नहीं बनवाना चाहते। कवि अपने प्रपंची मित्रों की असलियत दुनिया के सामने ला कर , उनको शर्मिंदा नही करना चाहते हैं। और कवि अपनी पत्नी के साथ बिताए हुए मधुर पलों को अपनी “उज्ज्वल गाथा ” के रूप में देखते हैं और उन्हें किसी के साथ बांटना नहीं चाहते हैं। कवि को यह भी लगता है कि उन्होंने अभी तक ऐसी कोई उपलब्धि हासिल भी नहीं की है जिसे पढ़कर किसी को खुशी मिलेगी या जिसे पढ़ने में किसी की कोई रूचि हो। उन्हें लगता है कि उनका जीवन केवल कष्टों से भरा हुआ है अतः वे अपने कष्टों को लोगों को बताना नहीं चाहते तथा उन्हें अपने तक ही सीमित रखना चाहते हैं। यही कारण है कि कवि अपनी आत्मकथा नहीं लिखना चाहते।
प्रश्न 2 – आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ” अभी समय भी नहीं ” कवि ऐसा क्यों कहता है ?
उत्तर – आत्मकथा सुनाने के संदर्भ में ‘ अभी समय भी नहीं ‘ कवि ने ऐसा इसलिए कहा है क्योंकि कवि को लगता है कि उसने जीवन में अब तक कोई भी ऐसी उपलब्धि हासिल नहीं की है , जो दूसरों को बताने योग्य हो या जिससे कोई उसके जीवन से कोई प्रेरणा ले सके। तथा आत्मकथा लिखकर कवि अपने मन में दबे हुए कष्टों को फिर से याद नहीं करना चाहता है। अपनी छोटी सी कथा को बड़ा आकार देने में वह असमर्थ हैं। उसके जीवन में उसे सुख की प्राप्ति नहीं हुई है। इसीलिए कवि कहते हैं कि अभी सही समय नहीं है अपने दुःख भरे क्षणों को याद करने का क्योंकि उनका दुःख इस समय शांत है। वह अभी थककर सोया है। कवि अपने दुखद क्षणों को भूलना चाहते है और इस समय वो अपने दुखद अतीत को कुछ समय के लिए भूले हैं। इसीलिए वो वापस अपने दुखद अतीत को कुरेद कर फिर से दुखी नहीं होना चाहते हैं।
प्रश्न 3 – स्मृति को ‘ पाथेय ’ बनाने से कवि का क्या आशय है ?
उत्तर – ‘ पाथेय ’ अर्थात् सहारा। स्मृति को पाथेय बनाने से कवि का आशय अपनी प्रिय की स्मृति के सहारे जीवन जीने से है। कवि की पत्नी की मृत्यु युवावस्था में ही हो गई थी। अपनी पत्नी के साथ बिताये मधुर पलों की स्मृतियाँ ही अब कवि के जीवन जीने का एकमात्र सहारा व मार्गदर्शक हैं। इसीलिए कवि उन्हें किसी के साथ बांटना नहीं चाहते हैं। उन्हें सिर्फ अपने दिल में संजो कर रखना चाहते है। जैसे थका हुआ यात्री शेष रास्ता देखते हुए अपनी मंजिल पा जाता है वैसे ही कवि अपनी पत्नी की यादों के सहारे अपना शेष जीवन बिता लेगा। मनुष्य अपनी सुखद स्मृतियों की याद में अपना सारा जीवन व्यतीत कर सकता है।
प्रश्न 4 – भाव स्पष्ट कीजिए –
( क ) मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया।
आलिंगन में आते – आते मुसक्या कर जो भाग गया।
उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियां कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा रचित आत्मकथ्य कविता से ली गई है। उक्त पंक्तियों का भाव यह है कि कवि भी दूसरे लोगों के जैसा सुखमय तथा आनंदरूपी जीवन व्यतीत करना चाहता था पर उसे वह सुख नहीं मिल सका जिसकी वह कल्पना कर रहा था। उसे सुख पाने का अवसर भी मिला पर वह हाथ आते – आते चला गया अर्थात् उसकी पत्नी की मृत्यु हो जाने से वह सुखद जिंदगी अधिक समय तक व्यतीत न कर सका। मनुष्य के सपने कभी हकीकत नहीं होते। जरूरी नहीं है कि सुख के सपने पूरे साकार हों। कवि इन पक्तियों के जरिए यह बताना चाहते हैं कि जीवन में सुख क्षणिक है।
( ख ) जिसके अरुण कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में।
उत्तर – प्रस्तुत पंक्तियां कवि जयशंकर प्रसाद द्वारा लिखित आत्मकथ्य कविता से अवतरित हैं। कवि ने इन पंक्तियों में जीवन के सुखद क्षणो की अभिव्यक्ति की है। यही सुखद क्षण उसके जीवन का सहारा है। कवि अपनी प्रेयसी के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहता है कि उसकी प्रेयसी अत्यंत सुंदर थी। उसके कपोल अर्थात गाल इतने लाल , सुंदर और मनोहर थे कि प्रात:कालीन सुबह भी अपना सौंदर्य बढ़ाने के लिए लालिमा इन्हीं गालों से लिया करती थी। अर्थात् कवि कहना चाहते हैं कि उनकी पत्नी के लाल – लाल गाल सूर्य की लालिमा से भी बढ़कर सुंदर थे।
प्रश्न 5 – ‘ उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ , मधुर चाँदनी रातों की ’ – कथन के माध्यम से कवि क्या कहना चाहता है ?
उत्तर – कवि अपनी पत्नी के साथ बिताये गये मधुर पलों का जिक्र करते हुए कहना चाहता है कि चांदनी रातों में उन्होंने अपनी प्रेयसी ( पत्नी ) के साथ एकांत में खिलखिला कर हंसते हुए , उससे प्यार भरी मीठी बातें करते हुए , जो समय बिताया था। वे सुख के क्षण उज्ज्वल गाथा की तरह ही पवित्र है जो उसके लिए अब अपने अकेलेपन के जीवन को व्यतीत करने का एकमात्र सहारा बनकर रह गए हैं। वही मधुर स्मृतियों ही तो अब उनके जीवन जीने का एक मात्र सहारा है। उन निजी क्षणों का वर्णन वे सब के सामने कैसे कर सकते हैं ? ऐसी स्मृतियों को वह सबके सामने प्रस्तुत कर अपने आप को शर्मिंदा नहीं करना चाहते हैं। उन आनंद भरे पलों की बातों को वे दूसरों के साथ बांटना नहीं चाहते। बल्कि अपने तक ही सीमित रखना चाहते हैं।
प्रश्न 6 – ‘ आत्मकथ्य ’ कविता की काव्यभाषा की विशेषताएँ उदाहरण सहित लिखिए।
उत्तर – ‘ जयशंकर प्रसाद ’ द्वारा रचित कविता ‘ आत्मकथ्य ’ की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं –
( क ) कविता में हिंदी भाषा की खड़ी बोली का उपयोग किया है।
( ख ) अपने मनोभावों को व्यक्त कर उसमें सजीवता लाने के लिए कवि ने ललित , सुंदर एवं नवीन बिंबों का प्रयोग किया है। जैसे – “ जिसके अरुण – कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में। अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में। ”
( ग ) प्रस्तुत कविता में कवि ने नवीन शब्दों का प्रयोग किया है।
( घ ) मानवीकरण शैली का प्रयोग किया गया है।
( ड़ ) अलंकारों के प्रयोग से काव्य सौंदर्य बढ़ गया है।
जैसे –
खिल – खिलाकर , आते – आते – में पुनरुक्ति अलंकार है।
अरुण – कपोलों – में रुपक अलंकार है।
मेरी मौन , अनुरागी उषा – में अनुप्रास अलंकार है।
प्रश्न 7 – कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कविता में किस रूप में अभिव्यक्त किया है ?
उत्तर – कवि ने जो सुख का स्वप्न देखा था उसे कवि ने अपनी प्रेयसी नायिका के माध्यम से व्यक्त किया है। कवि कहता है कि नायिका स्वप्न में उसके पास आते – आते मुस्कुरा कर चली गई। कवि कहना चाहता है कि जो सपने उसने और उसकी प्रेमिका ने मिलकर देखे थे वो तो उसे कभी प्राप्त नहीं हुआ। उसने जिस सुख की कल्पना की थी वह उसे कभी प्राप्त न हुआ और उसका जीवन हमेशा उस सुख से वंचित ही रहा। इस दुनिया में सुख छलावा मात्र है। हम जिसे सुख समझते हैं वह अधिक समय नहीं रहता है , किसी स्वप्न की भांति जल्दी ही गायब हो जाता है।
Class 10 Hindi Atmakathya Lesson 3– Extract Based Questions (पठित काव्यांश)
पठित काव्यांश प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1-
मधुप गुन – गुनाकर कह जाता कौन कहानी यह अपनी ,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी ।
इस गंभीर अनंत – नीलिमा में असंख्य जीवन – इतिहास
यह लो , करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य – मलिन उपहास
तब भी कहते हो – कह डालूँ दुर्बलता अपनी बीती ।
तुम सुनकर सुख पाओगे , देखोगे – यह गागर रीती ।
किंतु कहीं ऐसा न हो कि तुम ही खाली करने वाले –
अपने को समझो , मेरा रस ले अपनी भरने वाले ।
प्रश्न 1 – ‘गागर रीती’ शब्द का काव्यांश में क्या अर्थ है?
(क) खाली घड़ा
(ख) ऐसा मन जिसमें भाव नहीं है
(ग) रूढ़िवादी सोच
(घ) खोखले रीतिरिवाज़
उत्तर – (ख) ऐसा मन जिसमें भाव नहीं है
प्रश्न 2 – कवि का मन रूपी भँवरा कहाँ गुन-गुना कर गुंजार करते हुए कोई कहानी कहना चाह रहा है?
(क) वर्तमान परिस्थितियों के आसपास
(ख) सुखद यादों के आसपास
(ग) अतीत की यादों के आसपास
(घ) माता-पिता की यादों के आसपास
उत्तर – (ग) अतीत की यादों के आसपास
प्रश्न 3 – कवि का सुख व आनंद रूपी जीवन वृक्ष से सभी पत्तियों मुरझा कर एक-एक करके गिर रही हैं। इसका क्या आशय है?
(क) कवि के जीवन की परिस्थितियां बदल चुकी है
(ख) कवि इस वक्त अपने जीवन रूपी वृक्ष में पतझड़ का सामना कर रहे हैं।
(ग) कवि के जीवन में सुख की जगह दुख और निराशा ने ले ली है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 4 – कवि जयशंकर प्रसाद अपनी आत्मकथा लिखने से बचने के लिए क्या तर्क दे रहे थे?
(क) आत्मकथा लिखना महान व्यक्तियों का कार्य है
(ख) लेखकों की आत्मकथा को पढ़कर लोग उनकी कमियों का मजाक बनाते हैं
(ग) आत्मकथा लिखने के लिए जीवन में बहुत सी घटनाओं का घटित होना आवश्यक है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) लेखकों की आत्मकथा को पढ़कर लोग उनकी कमियों का मजाक बनाते हैं
प्रश्न 5 – कवि अपनी आत्मकथा क्यों नहीं लिखना चाहते?
(क) कवि अपने खाली जीवन के लिए पाठकों को दोष नहीं देना चाहता
(ख) कवि के अनुसार उनका जीवन दुखों से भरा है
(ग) कवि के अनुसार उनके जीवन के सभी सुख रूपी रस समाप्त हो चुके हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
2 –
यह विडंबना ! अरी सरलते तेरी हँसी उड़ाऊँ मैं ।
भूलें अपनी या प्रवंचना औरों की दिखलाऊँ मैं ।
उज्ज्वल गाथा कैसे गाऊँ , मधुर चाँदनी रातों की ।
अरे खिल – खिला कर हँसते होने वाली उन बातों की ।
मिला कहाँ वह सुख जिसका मैं स्वप्न देखकर जाग गया ।
आलिंगन में आते – आते मुसक्या कर जो भाग गया ।
प्रश्न 1 – कवि के अनुसार उनके जीवन की “मधुर चांदनी रात” क्या है?
(क) उनके जीवन के गहरे राज़
(ख) उनके जीवन के सुनहरे समय
(ग) उनके जीवन का दुखमय समय
(घ) उनके द्वारा पत्नी के साथ बिताया समय
उत्तर – (ख) उनके जीवन के सुनहरे समय
प्रश्न 2 – “खिल-खिला कर हंसते, होने वाली बातें” से क्या तात्पर्य है?
(क) खुशी-खुशी होने वाली बातें
(ख) दुःख को दूर करने वाली बातें
(ग) पति-पत्नी में होने वाली बातें
(घ) प्रेमी-प्रेमिका में होने वाली बातें
उत्तर – (क) खुशी-खुशी होने वाली बातें
प्रश्न 3 – “उज्जवल गाथा कैसे गांऊ ? ” , पंक्ति में कौनसा अलंकार है?
(क) मानवीकरण अलंकार
(ख) रूपक अलंकार
(ग) उपमा अलंकार
(घ) प्रश्न अलंकार
उत्तर – (घ) प्रश्न अलंकार
प्रश्न 4 – कवि अपने प्रपंची मित्रों की असलियत दुनिया के सामने क्यों नहीं लाना चाहता?
(क) कवि उनको याद कर दुःखी नही होना चाहते हैं
(ख) कवि उनकी असलियत छुपाना चाहते हैं
(ग) कवि उनको शर्मिंदा नही करना चाहते हैं
(घ) कवि उनकी तरह उन्हें धोखा नही देना चाहते हैं
उत्तर – (ग) कवि उनको शर्मिंदा नही करना चाहते हैं
प्रश्न 5 – कवि द्वारा अपनी पत्नी के साथ सुखपूर्वक जीवन जीने की कल्पना कब समाप्त हो गई थी?
(क) उनकी मृत्यु के साथ ही
(ख) उनके कवि से दूर जाने के साथ ही
(ग) उनके कवि को धोखा देने के साथ ही
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) उनकी मृत्यु के साथ ही
3 –
जिसके अरुण – कपोलों की मतवाली सुंदर छाया में ।
अनुरागिनी उषा लेती थी निज सुहाग मधुमाया में ।
उसकी स्मृति पाथेय बनी है थके पथिक की पंथा की ।
सीवन को उधेड़ कर देखोगे क्यों मेरी कंथा की ?
छोटे से जीवन की कैसे बड़ी कथाएँ आज कहूँ ?
क्या यह अच्छा नहीं कि औरों की सुनता मैं मौन रहूँ ?
सुनकर क्या तुम भला करोगे मेरी भोली आत्म-कथा ?
अभी समय भी नहीं , थकी सोई है मेरी मौन व्यथा ।
प्रश्न 1 – कवि को अपनी प्रेयसी के लाल गालों को देखकर कैसा लगता था?
(क) जैसे सूरज की गर्मी उसी से आती हो
(ख) जैसे सुबह भी अपनी लालिमा उसी से लिया करती थी
(ग) जैसे प्रेयसी सुबह से लालिमा लेती हो
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) जैसे सुबह भी अपनी लालिमा उसी से लिया करती थी
प्रश्न 2 – कवि के थके हुए जीवन का सहारा कौन बनीं?
(क) पत्नी के साथ बिताये क्षण
(ख) उसके दोस्तों का साथ
(ग) उसके जीवन का सुख
(घ) उसके जीवन की सफलता
उत्तर – (क) पत्नी के साथ बिताये क्षण
प्रश्न 3 – “कंथा” शब्द का प्रयोग कवि ने किसके लिए किया है?
(क) कठिनाइयों के लिए
(ख) पत्नी के लिए
(ग) अंतर्मन के लिए
(घ) अपने जीवन के लिए
उत्तर – (ग) अंतर्मन के लिए
प्रश्न 4 – कवि अपने अतीत को याद क्यों नही करना चाहते हैं?
(क) क्योंकि वो फिर से दुखी नहीं होना चाहते हैं
(ख) क्योंकि उनके अनुसार उनके जीवन में बताने लायक कुछ नहीं हैं
(ग) क्योंकि वो अपने धोखेबाज़ दोस्तों को याद नहीं करना चाहते हैं
(घ) क्योंकि वो अपनी पत्नी की यादों को मिटाना चाहते हैं
उत्तर – (क) क्योंकि वो फिर से दुखी नहीं होना चाहते हैं
प्रश्न 5 – “थकी सोई है मेरी मौन व्यथा” , में कौन सा अलंकार है?
(क) अनुप्रास अलंकार
(ख) उत्प्रेक्षा अलंकार
(ग) मानवीकरण अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर – (ग) मानवीकरण अलंकार
Class 10 Hindi Atmakathya Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
प्रश्न 1 – कवि जयशंकर प्रसाद किसके माध्यम से और किस तरह अपने जीवन की कथा का उल्लेख कर रहे हैं?
उत्तर – कवि जयशंकर प्रसाद भौंरे के माध्यम से अपनी कथा का उल्लेख कर रहे हैं। कवि कहते हैं कि उनका मन रूपी भौंरा गुन–गुनाकर अपनी कौन–सी कहानी कह रहा है ? कहने का तात्पर्य यह है कि जिस तरह से एक भौंरा फूलों के आसपास गुंजार करते हुए मंड़राता फिरता हैं। ठीक उसी प्रकार आज कवि का मन रूपी भँवरा भी अतीत की यादों के आसपास गुन–गुना कर गुंजार करते हुए न जाने अपनी कौन सी कहानी कहना चाह रहा है।
प्रश्न 2 – कवि के जीवन रूपी वृक्ष को पतझड़ का सामना क्यों करना पड़ रहा है?
उत्तर – कवि का जीवन रूपी वृक्ष जो कभी सुख व आनंद रुपी पत्तियों से हरा भरा था। अब वो सभी पत्तियों मुरझा कर एक–एक करके गिर रही हैं। क्योंकि आज कवि के जीवन की परिस्थितियां बदल चुकी है। उनके जीवन में सुख की जगह दुख और निराशा ने ले ली है। और कवि इस वक्त अपने जीवन रूपी वृक्ष में पतझड़ का सामना कर रहे हैं।
प्रश्न 3 – कवि अपनी आत्मकथा क्यों नहीं लिखना चाहते?
उत्तर – कवि कहते हैं कि हिंदी साहित्य रूपी इस विशाल विस्तार वाले आकाश में न जाने कितने महान् पुरुषों अर्थात लेखकों के जीवन का इतिहास उनकी आत्मकथा के रूप में मौजूद हैं। उन्हें पढ़कर ऐसा प्रतीत होता है कि वह स्वयं अपना मजाक उड़वाते हैं। कहने का तात्पर्य यह है कि लोग इन महान लेखकों की आत्मकथा को पढ़कर उनकी कमियों का मजाक बनाते हैं। इस कड़वे सत्य को जानते हुए भी कि प्रत्येक व्यक्ति एक दूसरे की दुर्बलताओं और कमजोरियों का मजाक बनाने में लगा है। फिर भी हम कवि से कहते हैं कि उनके जीवन में जो कमियाँ हैं , जो उनके साथ घटित हुआ है , उसे वे सबके सामने कह डालें। कवि कहते हैं कि क्या उनकी कहानी को सुनकर कोई सुख प्राप्त कर सकेगा? कवि के अनुसार उनका जीवन रूपी घड़ा एकदम खाली है, जिसमें कोई भाव नहीं है। इसके बाद भी कवि यदि अपनी आत्मकथा को लिखने के लिए तैयार हो जाते हैं, तो वे चेतावनी भी देते हैं कि वे कुछ ऐसा भी लिख सकते हैं जिसे पढ़कर कही कोई ऐसा न समझे कि उनके जीवन में जो सुख, खुशियों और आनंद रूपी रस थे, वो उन सभी ने ही खाली किये हैं और कवि का जीवन दुखों से भर दिया है। असल में यह भी कवि का एक तर्क ही है जिसको दे कर वे अपनी आत्मकथा को लिखने से बचना चाहते हैं।
प्रश्न 4 – कवि आत्मकथा न लिखने के लिए क्या तर्क देते हैं?
उत्तर – कवि तर्क देते हैं कि यह तो बड़े दुर्भाग्य की बात है कि कवि को उनकी आत्मकथा लिखने को कहा जा रहा है क्योंकि सरल मन वाले की हँसी कैसे उड़ाई जाए। कवि तो अभी तक स्वयं दूसरों के स्वभाव को समझ नहीं पाया है। उनके सरल स्वभाव के कारण जीवन में उनसे जो गलतियां हुई। कुछ लोगों ने जो उन्हें धोखे दिए या उनके साथ जो छल–प्रपंच किया हैं। उन सभी के बारे में लिखकर वे अपना और उनका मजाक नहीं बनाना चाहते। कहने का तात्पर्य यह है कि कवि अपने प्रपंची मित्रों की असलियत दुनिया के सामने ला कर, उनको शर्मिंदा नही करना चाहते हैं। इसीलिए कवि अपनी आत्मकथा नहीं लिखना चाहते हैं।
प्रश्न 5 – कवि अपनी पत्नी के साथ बिताए गए पलों का वर्णन किस प्रकार करते हैं?
उत्तर – कवि अपनी पत्नी के साथ बिताये गये मधुर पलों का जिक्र करते हुए कहते हैं कि चांदनी रातों में उन्होंने अपनी प्रेयसी (पत्नी) के साथ एकांत में खिलखिला कर हंसते हुए, उससे प्यार भरी मीठी बातें करते हुए, जो समय बिताया था। वही मधुर स्मृतियों ही तो अब कवि के जीवन जीने का एक मात्र सहारा है। उन निजी क्षणों का वर्णन कवि कैसे कर सकता है? उन आनंद भरे पलों की बातों को कवि दूसरों के साथ बांटना नहीं चाहता।
प्रश्न 6 – कवि अपनी पत्नी के साथ बिताए गए पलों को किसी के साथ क्यों नहीं बाँटना चाहते?
उत्तर – कवि ने अपनी पत्नी के साथ सुखपूर्वक जीवन जीने की जो कल्पना की थी, वह उनकी मृत्यु के साथ ही खत्म हो गयी। और उनका सारा जीवन दुखों से भर गया। कवि की पत्नी की मृत्यु युवावस्था में ही हो गई थी। अपनी पत्नी के साथ बिताये मधुर पलों की स्मृतियाँ ही अब कवि के जीवन जीने का एकमात्र सहारा व मार्गदर्शक हैं। इसीलिए वो अपनी पत्नी के साथ बिताए हुए उन मधुर पलों को अपनी “उज्ज्वल गाथा ” के रूप में देखते हैं और उन्हें किसी के साथ बांटना नहीं चाहते हैं। उन्हें सिर्फ अपने दिल में संजो कर रखना चाहते है।
प्रश्न 7 – कवि ने कविता में अपनी पत्नी की सुंदरता का वर्णन किस प्रकार किया है? वर्णन कीजिए।
उत्तर – कवि अपनी प्रिया के सौंदर्य का वर्णन करते हुए कहते हैं कि उसके लाल गालों को देखकर ऐसा लगता था जैसे उसके लाल गालों की मदहोश कर देने वाली सुंदर छाया में प्रेम बिखेरती हुई प्रेम भरी सुबह सुहागिन की तरह उदित हो रही हो अर्थात् ऐसा लगता था जैसे सुबह भी अपनी लालिमा उसी से लिया करती थी । आज उसकी ही यादों का सहारा लेकर कवि अपने जीवन के रास्ते की थकान दूर करता है अर्थात् उसी की यादें कवि के थके हुए जीवन का सहारा बनीं हुई हैं।
प्रश्न 8 – कवि के अनुसार वे अपनी आत्मकथा को लिखना क्यों सही नहीं समझते?
उत्तर – कवि के अनुसार उनका जीवन बहुत छोटा सा है। उसकी बड़ी–बड़ी कहानियां कवि कैसे लिख सकता है। उनके अनुसार इस छोटे से जीवन में उन्होंने अभी तक सुनाने लायक कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं की हैं। जो वे किसी को सुना सके। कवि के अनुसार ज्यादा बढ़िया यह रहेगा कि कवि चुप रहकर, बड़ी शान्ति के साथ, अन्य लोगों की कहानियों या आत्मकथाओं को सुनें। कवि के अनुसार उनकी आत्मकथा में ऐसा कुछ भी ख़ास नहीं है। या उन्होंने अभी तक ऐसी कोई उपलब्धि हासिल भी नहीं की है जिसे पढ़कर किसी को खुशी मिलेगी या जिसे पढ़ने में किसी की कोई रूचि हो। कवि के अनुसार वैसे भी अभी सही समय नहीं है अपने दुःख भरे क्षणों को याद करने का क्योंकि उनका दुःख इस समय शांत है। वह अभी थककर सोया है। कवि अपने दुखद क्षणों को भूलना चाहते है और इस समय वो अपने दुखद अतीत को कुछ समय के लिए भूले हैं। इसीलिए वो वापस अपने दुखद अतीत को कुरेद कर फिर से दुखी नहीं होना चाहते हैं।
Class 10 Hindi A Kshitij Lesson 3 Atmakathya Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
प्रश्न 1 – “आत्मकथ्य” कविता में, कवि के अनुसार संसार क्या है?
(क) सुखद वस्तु
(ख) दुखों का घर
(ग) नश्वर
(घ) हमारा आसरा
उत्तर – (ग) नश्वर
प्रश्न 2 – कविता में, “मधुप यानि भँवरा” किसे कहा गया है?
(क) कवि को
(ख) मन को
(ग) यादों को
(घ) सुखद पलों को
उत्तर – (ख) मन को
प्रश्न 3 – कविता में मुरझा कर गिर रही पत्तियाँ किसका प्रतीक है?
(क) हताशाओं व खुशियों का
(ख) खुशियों व निराशाओं का
(ग) हताशाओं व निराशाओं का
(घ) खुशियों व दुखों का
उत्तर – (ग) हताशाओं व निराशाओं का
प्रश्न 4 – कवि के अनुसार कितने लोगों ने अपने जीवन का इतिहास लिखा है?
(क) असंख्य लोगों ने
(ख) हजारों लोगों ने
(ग) लाखों लोगों ने
(घ) कुछ ख़ास लोगों ने
उत्तर – (क) असंख्य लोगों ने
प्रश्न 5 – कविता में “गागर रीती” से कवि का क्या तात्पर्य है?
(क) रूढ़िवादी विचार
(ख) खली घड़ा
(ग) सुखों से खाली जीवन
(घ) पुराने रीति-रिवाज़
उत्तर – (ग) सुखों से खाली जीवन
प्रश्न 6 – कवि के अनुसार उनके जीवन रूपी घड़े में अब क्या मौजूद नहीं हैं?
(क) खुशी या आनंद रुपी रस
(ख) उनकी पत्नी का साथ
(ग) उनकी कामयाबी
(घ) उनका दोस्तों पर विश्वास
उत्तर – (क) खुशी या आनंद रुपी रस
प्रश्न 7 – कवि अपनी आत्मकथा में क्या लिखने की बात करता है?
(क) अपनी कामयाबियों को
(ख) अपनी जीवन समृद्धियों को
(ग) अपनी दुर्बलताओं व कमजोरियों को
(घ) अपनी इच्छाओं को
उत्तर – (ग) अपनी दुर्बलताओं व कमजोरियों को
प्रश्न 8 – कवि अपने प्रपंची मित्रों की असलियत दुनिया के सामने लाकर क्या नहीं करना चाहते हैं?
(क) अपने आप को शर्मिंदा
(ख) उन्हें शर्मिंदा
(ग) अपने आप को कोसना नहीं चाहते
(घ) उन्हें जताना नहीं चाहते
उत्तर – (ख) उन्हें शर्मिंदा
प्रश्न 9 – कवि के जीवन जीने का एकमात्र सहारा व मार्गदर्शक क्या हैं?
(क) कवि की कामयाबी
(ख) कवि का अकेलापन
(ग) कवि की कवितायेँ
(घ) अपनी पत्नी के साथ बिताये मधुर पलों की स्मृतियाँ
उत्तर – (घ) अपनी पत्नी के साथ बिताये मधुर पलों की स्मृतियाँ
प्रश्न 10 – कवि ने “मधुर चांदनी रात” किसे कहा है?
(क) अपने जीवन के सुनहरे समय को
(ख) अपने जीवन के दुखद समय को
(ग) अपने जीवन के मित्रों को
(घ) अपनी पत्नी को
उत्तर – (क) अपने जीवन के सुनहरे समय को
प्रश्न 11 – कवि अपनी पत्नी के साथ बिताए हुए मधुर पलों को किसी के साथ क्यों नहीं बांटना चाहते?
(क) क्योंकि उनकी पत्नी को यह पसंद नहीं है
(ख) क्योंकि वो उनके निजी पल हैं
(ग) क्योंकि कवि उन पलों को बार-बार जीना चाहता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) क्योंकि वो उनके निजी पल हैं
प्रश्न 12 – कवि ने अपनी “प्रेयसी के गालों की लालिमा” की तुलना किससे की है?
(क) गुलाब के फूल से
(ख) कमल की पंखुड़ियों से
(ग) उषा काल की लालिमा से
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) उषा काल की लालिमा से
प्रश्न 13 – कवि किसका सपना देख कर जाग गया था?
(क) सुख का
(ख) पत्नी का
(ग) कामयाबी का
(घ) कल्पना का
उत्तर – (क) सुख का
प्रश्न 14 – कवि ने अपनी पुरानी मधुर यादें कहाँ संजो कर रखा है?
(क) अपनी कविताओं में
(ख) अंतरमन रूपी गुदड़ी में
(ग) अपनी आत्मकथा में
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) अंतरमन रूपी गुदड़ी में
प्रश्न 15 – कवि अपने जीवन को कैसा मानते हैं?
(क) बहुत सुखद
(ख) बहुत दुखद
(ग) बहुत कामयाब
(घ) बहुत छोटा
उत्तर – (घ) बहुत छोटा
प्रश्न 16 – कवि अपनी आत्मकथा लिखने के बजाय क्या करना चाहते है?
(क) दूसरों की आत्मकथा सुनना चाहते है
(ख) केवल अपनी कवितायेँ लिखना चाहते हैं
(ग) केवल अकेले समय बिताना चाहते हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) दूसरों की आत्मकथा सुनना चाहते है
प्रश्न 17 – कवि आत्मकथा लिखने से क्यों बचते हैं?
(क) क्योंकि वो मानते हैं कि उनकी आत्मकथा में कुछ विशेष नही हैं
(ख) क्योंकि वो मानते हैं कि उन्होंने अभी तक कोई ख़ास काम नहीं किया है
(ग) क्योंकि वे अपना और किसी और का मजाक नहीं बनाना चाहते
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 18 – कवि अपने अतीत को याद नही करना चाहते। ऐसा क्यों?
(क) क्योंकि वो अपने धोखेबाज़ मित्रों को याद नहीं करना चाहते
(ख) क्योंकि वो फिर से दुखी नहीं होना चाहते हैं
(ग) क्योंकि वो फिर से अपने जीवन की मधुर यादों को नहीं जीना चाहते
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) क्योंकि वो फिर से दुखी नहीं होना चाहते हैं
प्रश्न 19 – कवि के जीवन के सारे दुख दर्द अब कैसे हैं?
(क) अब भी हरे हैं
(ख) समाप्त हो चुके हैं
(ग) मौन अवस्था में हैं
(घ) अब भी परेशान करते हैं
उत्तर – (ग) मौन अवस्था में हैं
प्रश्न 20 – कवि ने अंत में क्या निर्णय लिया?
(क) अपनी आत्मकथा को लिखने का
(ख) अपनी आत्मकथा ना लिखने का
(ग) अपनी पत्नी के बारे में लिखने का
(घ) अपनी जीवन पर कविता लिखने का
उत्तर – (ख) अपनी आत्मकथा ना लिखने का
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