Character Sketch of Balgobin Bhagat

 

बालगोबिन भगत और उनकी बहू का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Balgobin Bhagat and His Daughter-in-Law from CBSE Class 10 Hindi Chapter 8 बालगोबिन भगत

  

बालगोबिन भगत रामवृक्ष बेनीपुरी की कृति है। इसमें बालगोबिन भगत के माध्यम से एक आदर्श भारतीय वृद्ध पुरुष के चरित्र और स्वभाव का वर्णन किया गया है। 

 

बालगोबिन भगत का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Balgobin Bhagat)

  • सरल प्रकृति: बालगोबिन भगत बड़े सरल प्रकृति के इंसान थे। उनको कोई मोह माया नहीं थी। उनकी जिंदगी एक संन्यासी जैसी थी। 
  • जिद्दी: बालगोबिन बड़े जिद्दी और दृढ़ निश्चय वाले व्यक्ति थे। तबीयत खराब होने पर भी लोगों के लाख समझाने पर भी वह 30 कोस दूर गंगा नहाने गए। 
  • संगीत प्रिय: बालगोबिन संगीत के बहुत शौकीन थे। वह चाहे जहां भी रहे, बस उनके साथ उनका संगीत रहता था। यहां तक कि जब बेटे की मौत हुई तब भी वह बस संगीत ही बजा रहे थे। 
  • मोह से मुक्त: बालगोबिन मोह माया से मुक्त थे। उनको देश दुनिया पैसा रिश्तों से कोई मोह नहीं था। तभी जब बेटा की मृत्यु हुई तो वह बहु को रोने के बजाए जश्न मनाने को बोले क्योंकि आत्मा परमात्मा से मिल गई। 
  • कर्तव्यनिष्ठ: बालगोबिन भले ही मोह माया मुक्त हो लेकिन कर्तव्यनिष्ठ थे। वह अपने खेत का सारा काम खुद करते थे और बेटे की मृत्यु के बाद अपने बहु को दूसरी शादी के लिए बोले। 

 

बालगोबिन भगत के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Balgobin Bhagat)

  1. बालगोबिन भगत साधु जैसे क्यों रहते थे?
  2. बालगोबिन भगत अपनी बेटे की मृत्यु पर क्यों संगीत बजा रहे थे? 
  3. बालगोबिन भगत के प्रमुख गुणों का वर्णन करो। 

 

बालगोबिन भगत की बहू का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Balgobin Bhagat’s Daughter-in-Law) 

  • पतिव्रता: बालगोबिन भगत की बहू बड़ी ही पतिव्रता नारी थी तभी उसने अपने पति के मृत्यु के बाद दूसरी शादी करने की बात को अस्वीकार कर दिया। 
  • कर्तव्यनिष्ठ: बालगोबिन की बहू बड़ी कर्तव्य परायण नारी थी पति की मृत्यु के बाद उसने दूसरी शादी की बात को अस्वीकार करते हुए अपने ससुर की सेवा करने को ही अपना धर्म समझा। 
  • सुशील: भगत की बहू काफी सुशील नारी थी। वह अपने ससुर के साथ खेत में तथा घर का सारा काम करती थी। उसने कभी भी अपनी ससुर की बात का निरादर नहीं किया। 

 

बालगोबिन भगत की बहू के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Balgobin Bhagat’s Daughter-in-Law)

  1. पति के मृत्य के बाद बालगोबिन भगत की बहु दूसरी शादी को मना क्यों कर देती है? 
  2. पति के मृत्य पर बालगोबिन अपनी बहु से रोने के बजाए आनंद मनाने को क्यों कहते हैं? 

 

Balgobin Bhagat Summary

बालगोबिन भगत नामक पाठ में एक बालगोबिन भगत नाम के मध्यम लंबाई के गोरे वृद्ध आदमी थे जिनकी उम्र 60 वर्ष से ज्यादा थी। वह एक सन्यासी की तरह जीवन व्यतीत करते थे। उनके तरह ही कपड़े पहनते थे। 

लेखक आगे बताते हैं कि बालगोबिन कबीर के बहुत बड़े अनुयायी थे और संगीत के बहुत बड़े प्रेमी। यहां तक कि वह खेतों में काम करते समय भी संगीत गया करते थे। उनके एक बेटा और बहू थी। जब बेटा की मृत्यु हुई तब भी वह उसकी लाश के सामने बैठकर संगीत बजा रहे थे और बहू से बोल रहे थे कि बहु रो नही बल्कि उत्सव मनाओ क्यूंकि आत्मा परमात्मा से मिल गई। ये खुशी की बात है। अगले दिन ही भाई के बुलाकर बहु को उसके मायके भेज दिया और दूसरी शादी करने को बोल दिया। 

बालगोबिन भगत सुबह सुबह गंगा नहाने जाया करते थे उसके बाद ही कुछ खाते पीते थे। गंगा 30 कोस दूर थी। एक दिन लौटते लौटते बहुत थक गए थे और बीमार पड़ गए। अगले दिन से कोई भी बालगोबिन भगत का संगीत न सुन पाया। 

 

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