Character Sketch of Ek Kahani Yeh Bhi

 

लेखिका और लेखिका के पिताजी का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Author (Mannu Bhandari) and her Father from CBSE Class 10 Hindi Chapter 10 एक कहानी यह भी

 

“एक कहानी यह भी” लेखिका मन्नू भंडारी की जिंदगी से जुड़ी है, जिसमें लेखिका और उसके परिवार से संबंधों एवं लेखिका के कॉलेज दिनों का वर्णन है।

 

लेखिका का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of  the Author Mannu Bhandari)

  • दृढ़ निश्चय: लेखिका दृढ़ निश्चय प्रकृति की थी तभी कॉलेज से बाहर निकाल देने के बाद भी उन्होंने देश सेवा जारी रखी। 
  • देशभक्त: लेखिका मन्नू भंडारी एक सच्ची देशभक्त थी। तभी उन्होंने लाज, मर्यादा या अपने जीवन की फिक्र करने के बजाए अपना भाषण और देश सेवा जारी रखा। 
  • अच्छी नेता: लेखिका एक बहुत अच्छी नेता थी। यह उनकी नेतृत्व शक्ति का ही परिणाम था कि कॉलेज की सभी छात्र छात्राएं देशभक्ति में इतना डूब गई कि अंग्रेजो के खिलाफ कॉलेज में रोज ही हड़ताल, जुलूस और भाषण होने लगे। 
  • अच्छी वक्ता: लेखिका अच्छी नेता होने के साथ-साथ एक अच्छी वक्ता भी थी तभी कॉलेज के सभी छात्र और छात्राएं भी उनके साथ हड़ताल और जुलूस करने लगते थे। 

 

लेखिका के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of the Author)

  • लेखिका के अंदर हीन की भावना क्यों पैदा हुई? 
  • लेखिका के मन के अंदर लेखिका के पिता ने किस तरकीब से देशभक्ति की भावना पैदा की?

 

लेखिका के पिताजी का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of  Author’s Father)

  • देश भक्त: लेखिका के पिताजी एक सच्चे देशभक्त थे। तभी वह मानसिक रूप से कमजोर होने के बाद भी अपनी बेटी के अंदर देशभक्ति की भावना पैदा करने के लिए घर के काम बंद करने और बाहर जाकर दुनिया देखने को बोले। 
  • समाजसेवी: लेखिका के पिताजी एक नेता होने के साथ-साथ एक समाज सेवी भी थे लेकिन वक्त ने ऐसा करवट बदला कि वह मानसिक रोगी हो गए। 
  • नेता: लेखिका के पिताजी कांग्रेस के एक बहुत बड़े नेता थे तथा समाज सेवी भी थे । अपने पिताजी की नेतृत्व शक्ति तथा देशभक्ति को लेखिका ने अपने सभी भाई बहनों से ज्यादा आशीर्वाद के रूप में प्राप्त किया था। 

 

लेखिका के पिताजी के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Author’s Father)

  • लेखिका के पिता आर्थिक रूप से बेहाल क्यों हो गए थे? 
  • लेखिका के पिता ने लेखिका को घर का काम नहीं करने को क्यों कहें?  

 

Ek Kahani Yeh Bhi summary 

प्रस्तुत पाठ में लेखिका कहती हैं कि वैसे तो उनका जन्म मध्य प्रदेश में हुआ था किंतु उन्होंने जब से होश संभाला तब से उनकी यादें राजस्थान के अजमेर के ब्रह्मापुरी नामक मोहल्ले से शुरू होती है, जब से उनके पिता की मनो: स्थिति गड़बड़ा होनी शुरू हुई थी। वैसे तो उनके पिता एक समाज सेवी और संपन्न व्यक्ति थे किंतु एक व्यक्ति ने उनको ऐसा धोखा दिया कि वह आर्थिक तथा मानसिक रूप से कमजोर हो गए। 

लेखिका आगे कहती है कि उनके पिता की मानसिक स्थिति इतनी कमजोर हो गई थी कि वह अपने परिवार को बुरा भला कहने लगे थे। अपने पांचो भाई बहनों में वह सबसे छोटी थी। 

लेखिका आगे कहती है कि उनका रंग काला था तथा उनकी बहन का रंग गोरा था, जिसके कारण उनके पिता हमेशा उनका नीचा दिखाते रहते थे। 

बड़ी बहन के विवाह के बाद पिताजी लेखिका के ऊपर ध्यान देने लगे और उन्होंने लेखिका को घर का काम कम करने के बजाय देश दुनिया घूमने और दुनिया का हाल जानने के लिए कहा। 

पिता तो बस अपनी बेटी के मन में देशभक्ति जागना चाहते थे इसीलिए घर में जब भी कभी राजनीतिक लोग इकट्ठा होते थे तो उनके पिताजी लेखिका को ही बहस में बैठाया करते थे। 

इसका परिणाम यह हुआ की लेखिका बाहर जाकर देश सेवा करने लगी और अपने भाषण के द्वारा लोगों को देश के प्रति जागरूक करने लगी। हालांकि इससे उनके पिता से कई बार प्रिंसिपल तथा उनके दोस्त लेखिका की शिकायत की है लेकिन लेखिका के ऊपर गुस्सा होने के बाद जाए उनके पिता लेखिका की तारीफ किया करते थे। 

 

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