तारकेश्वर और उनके पिता और माता का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Tarkeshwar and his Father and Mother from CBSE Class 10 Hindi Chapter 1 माता का आंचल
माता का चल शिव पूजन सहाय जी की एक अत्यंत जी मनोरम कृति है इस कृति में एक ग्रामीण क्षेत्र के बच्चे के बचपन की बहुत अच्छी प्रस्तुति की गई है।
तारकेश्वर का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Tarkeshwar)
- शैतान: लेखक बड़ा शैतानी प्रवृत्ति का बच्चा था तभी वह मूसन तिवारी को बुढ़वा बेईमान कहकर चिढ़ाता और चूहे के बिल में पानी डाल देता था ।
- नखरे वाला: लेखक बहुत नखरे करता है। हर बार उसके नखरों पर उसके बाबू जी हंस देते हैं।
- आज्ञाकारी: लेखक बहुत आज्ञाकारी बच्चा है। वह अपने बाबू जी की हर बात मानता है। कभी भी अपने बाबू जी की बात को अस्वीकार नहीं किया।
- खेल खेलने में माहिर: लेखक बचपन में काफी सारे खेल खेलने में माहिर थे, जैसे कि, मिठाई की दुकान, चबूतरे पर नाटक, घरौदा, बारात का जुलूस आदि।
- ढीठ: लेखक अपने माता पिता का लाडला होने के कारण काफी ढीठ था। इसी ढीठता में वह मूसन तिवारी को चिढ़ा देता है।
तारकेश्वर के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Tarkeshwar)
- लेखक बचपन में अपने दोस्तों के साथ कौन कौन से खेल खेलता था?
- कहानी से आपको तारकेश्वर के बारे में क्या पता चलता है ?
तारकेश्वर के पिताजी का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Tarkeshwar’s Father)
- धर्म कर्म वाले: लेखक के पिता जी काफी धर्म कर्म वाले व्यक्ति थे। वह रोज पूजा करना और रामायण पढ़ना नहीं भूलते थे।
- दयालु: लेखक के पिता जी काफी दयालु प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। वह गंगा नदी में मछलियों को दाना खिलाने जाया करते थे।
- बच्चो वाला स्वभाव: लेखक के पिता अभी भी अपने अंदर के बच्चे को जीवित रखे हैं। तभी वह तारकेश्वर के साथ खुद भी खेलने लगते थे।
तारकेश्वर के पिताजी के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Tarkeshwar’s Father)
- लेखक के पिता लेखक के खेल में कैसे भागीदारी करते थे?
तारकेश्वर के माताजी का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Tarkeshwar’s Mother)
- चतुर: लेखक की माता काफी चतुर स्वभाव की हैं। तभी जब लेखक खाना खानें को मना करता है तो वह काफी सारी चिड़ियों का नाम लेकर उसको खाना खिला देती हैं।
- कोमल ह्रदय वाली: लेखक की मां काफी कोमल ह्रदय की हैं। जब लेखक सांप से डरकर लहूलुहान होकर घर आता है तब उसको देखकर वह सारा काम छोड़कर उसको सीने से लगाकर हल्दी लगाती हैं।
तारकेश्वर के माताजी के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Tarkeshwar’s Mother)
- लेखक अपने पिता के ज्यादा करीब था लेकिन पाठ का नाम माता का आंचल क्यों रखा गया है ?
Mata Ka Aanchal Summary
लेखक कहते हैं कि उनकी इस कहानी का मुख्य नायक एक छोटा सा बच्चा है, जिसका नाम तारकेश्वर है। बच्चा अपने पिताजी के साथ काफी समय बीतता है और खेल कूद परन्तु अंत में स्नेह और लाड उसे अपनी माता से ही मिलता है। अतः पाठ का शीर्षक बताता है की माता के आँचल का बहुत महत्तव है।
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