बेबी हालदार और लेखक के मकान मालिक तातुश का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of the Writer (Baby Haldar) and her Owner Tatush from CBSE Class 11 Hindi Vitan Book Chapter 3 आलो आँधारि
लेखक (बेबी हालदार) का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of the Writer Baby Haldar)
“आलो आँधारि यानि अंधेरे का उजाला” पाठ की लेखिका बेबी हालदार हैं। यह बेबी हालदार की अपनी ही आत्मकथा है जो उनके जीवन के संधर्षों को बयां करती हैं। इस पाठ के माध्यम से लेखिका बेबी हालदार के व्यक्तित्व की निम्नलिखित जानकारी मिलती है –
बेबी हालदार का बचपन अत्यंत कठिनाइयों से भरा था – बेबी हालदार का जन्म जम्मू कश्मीर में हुआ था लेकिन उनका विवाह मात्र 13 वर्ष की आयु में उनसे दोगुनी उम्र के व्यक्ति से कर दिया गया जिस कारण उन्हें अपनी पढ़ाई सातवीं कक्षा में ही छोड़नी पड़ी। उनके पति उनके साथ बहुत बुरा बर्ताव करते थे। इसीलिए उन्होंने बारह–तेरह वर्ष अपने पति के साथ बिताने के बाद उनका घर छोड़ दिया और अपने तीन बच्चों के साथ दुर्गापुर से फरीदाबाद रहने आ गई।
बेबी हालदार एक स्वाभिमानी स्त्री थी – बेबी हालदार गुड़गांव आकर अपने तीनों बच्चों के साथ किराए के एक मकान में रहने लगी। वो दिन भर काम की तलाश में इधर–उधर भटकती थी। वो अपने मिलने जुलने वालों व अपनी जान–पहचान वालों से भी अपने लिए काम ढूंढने को कहती और स्वयं भी काम ढूंढने का हर संभव प्रयास करती थी। उन्हें हर वक्त अपने बच्चों के भविष्य, घर के खर्चों व किराए की चिंता खाये जाती थी। एक दिन सुनील नाम के एक युवक की मदद से उन्हें एक घर में नौकरानी का काम मिल गया जिसके मकान मालिक बहुत ही सज्जन, उदार स्वभाव के व्यक्ति थे।
बेबी हालदार एक मेहनती स्त्री थी – बेबी हालदार अब रोज सवेरे उन सज्जन के घर पर आती और दोपहर तक सारा काम खत्म कर वापस अपने घर जाकर अपने बच्चों की देखभाल में अपना समय बिताती थी। इस बीच ज्यादा किराया होने के कारण उन्होंने अपना पुराना घर भी बदल लिया और थोड़े सस्ते नये घर में आकर रहने लगी। उन्हें सदैव अपने बच्चों के भविष्य की चिंता रहती थी। इसीलिए वो अक्सर अपने नये मालिक से किसी और जगह भी काम दिलावाने को कहती थी ताकि उनका घर खर्च आराम से चल सके। नए मालिक को जब लेखिका के दिनभर के कामकाज व जीवन के बारे में पता चला, तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ और वो लेखिका से हमदर्दी रखने लगे।
बेबी हालदार को पढ़ाई–लिखाई में रूचि थी – बेबी हालदार का कामकाज व व्यवहार देखकर, नए मालिक उन्हें अपनी बेटी की तरह ही मानने लगे थे। जब भी बेबी हालदार पुस्तकों की अलमारी की साफ–सफाई करती तो वह पुस्तकों को उत्सुकता बस देखने लगती थी। उनकी पुस्तकों में रूचि देखकर तातुश उन्हें पढ़ने–लिखने के लिए उत्साहित करने लगे और तरह–तरह की किताबें उन्हें पढ़ने को देने लगे। एक दिन तातुश ने लेखिका को एक कॉपी और पेन ला कर दिया और उनसे कहा कि वो समय निकालकर इसमें रोज कुछ ना कुछ अवश्य लिखें। उन्होंने लेखिका को अपने जीवन की कहानी लिखने के लिए भी प्रेरित किया। वो रोज कुछ ना कुछ उस कॉपी में लिखने लगी। धीरे–धीरे यह उनकी आदत में शामिल हो गया।
बेबी हालदार एक हिम्मती स्त्री थी – बेबी हालदार को अपने किराए के घर में बाथरूम व पानी की असुविधाओं का सामना करना पड़ता और कभी–कभी देर से घर पहुंचने पर मकान मालिक के सवालों का भी जवाब देना पड़ता था। उनके पति उनके साथ नहीं रहते थे। इसीलिए लोग अक्सर उनके बारे में तरह–तरह की बातें करते थे। कुछ लोग बेबी हालदार से छेड़खानी करने की कोशिश करते थे तो कुछ उनके घर में जबरदस्ती घुस आते थे लेकिन बेबी हालदार इन सभी बातों को भूल कर तातुश के घर में मन लगाकर काम करती थी।
लेखक (बेबी हालदार) के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of the Writer)
प्रश्न 1 – बेबी हालदार को बचपन में किन कठिनाइयों से जूझना पड़ा?
प्रश्न 2 – बेबी हालदार एक स्वाभिमानी स्त्री थी। स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 3 – पाठ के किस अंश से स्पष्ट होता है कि बेबी हालदार को पढ़ाई–लिखाई में रूचि थी?
प्रश्न 4 – बेबी हालदार ने अपनी हिम्मत का प्रदर्शन किस प्रकार किया?
लेखक के मकान मालिक तातुश का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Writer’s Owner Tatush)
मकान मालिक बहुत ही सज्जन व्यक्ति थे – बेबी हालदार अक्सर अपने नये मालिक से किसी और जगह भी काम दिलावाने को कहती थी ताकि उनका घर खर्च आराम से चल सके। नए मालिक को जब बेबी हालदार के दिनभर के कामकाज व जीवन के बारे में पता चला, तो उन्हें बड़ा आश्चर्य हुआ और वो बेबी हालदार से हमदर्दी रखने लगे। बेबी हालदार का कामकाज व व्यवहार देखकर, नए मालिक उन्हें अपनी बेटी की तरह ही मानने लगे और बेबी हालदार भी उन्हें “तातुश” कहकर बुलाने लगी।
तातुश एक उदार स्वाभाव के व्यक्ति थे – तातुश बेबी हालदार का बहुत अधिक ध्यान रखने लगे। जब भी बेबी हालदार पुस्तकों की अलमारी की साफ–सफाई करती तो वह पुस्तकों को उत्सुकता बस देखने लगती थी। उनकी पुस्तकों में रूचि देखकर तातुश उन्हें पढ़ने–लिखने के लिए उत्साहित करने लगे और तरह–तरह की किताबें उन्हें पढ़ने को देने लगे। तातुश ने बेबी हालदार को एक कॉपी और पेन ला कर दिया और उनसे कहा कि वो समय निकालकर इसमें रोज कुछ ना कुछ अवश्य लिखें। उन्होंने लेखिका को अपने जीवन की कहानी लिखने के लिए भी प्रेरित किया।
तातुश हमेशा दूसरों की सहायता के लिए उपस्थित रहते थे – तातुश अक्सर बेबी हालदार से उनकी पढ़ाई व अन्य परेशानियों के बारे में बात करते थे। तातुश ने अपने मित्रों को भी बेबी हालदार व उसकी पढ़ाई लिखाई के बारे में बताया था। एक दिन बेबी हालदार जब अपने काम से घर वापस लौटी तो उनका किराए का घर टूट चुका था। वो सारी रात अपने बच्चों व घर के सामान के साथ खुले आसमान के नीचे बैठी रही। इस मुसीबत के वक्त भी उनके आस–पास ही रहने वाले उनके भाइयों ने उनकी कोई मदद नहीं की। लेकिन तातुश को जैसे ही इस बात का पता चला तो उन्होंने लेखिका को अपने घर में ही एक कमरा रहने को दे दिया।
तातुश बेबी हालदार को दुखी नहीं देख सकते थे – बेबी हालदार व उनके बच्चे तातुश के घर में आकर रहने लगे। तातुश भी उन सभी का बहुत अधिक ख्याल रखते थे। लेखिका का बड़ा लड़का किसी और जगह काम करता था जिसका दो महीने से कोई अता–पता नहीं था। इसीलिए वो उदास रहने लगी। तातुश ने उनके बड़े लड़के को ढूढ़कर उनसे मिलवाया। कुछ समय बाद उन्होंने उसे एक अच्छी जगह पर काम भी दिलवा दिया। तातुश हमेशा लेखिका को लिखने–पढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते थे। उन्होंने लेखिका द्वारा लिखे गए कुछ लेख अपने मित्रों को भी दिखाये। इसके बाद उनके मित्र भी लेखिका को लिखने के लिए प्रेरित करने लगे।
तातुश की दरियादिली व सहायता के कारण बेबी हालदार का पूरा जीवन ही बदल गया था – बेबी हालदार अब एक साधारण धरेलू नौकरानी से लेखिका बन गई। उनका बड़ा लड़का घर के पास ही नौकरी करने लगा और दोनों छोटे बच्चे स्कूल जाने लगे। आखिरकार एक दिन बेबी हालदार की लिखी एक रचना एक पत्रिका में छप गई। पत्रिका में उनकी रचना का शीर्षक “आलो आँधारि, बेबी हालदार” था जिसे देख बेबी हालदार की खुशी का ठिकाना न रहा। वो दौड़कर तातुश के पास पहुंची और उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लिया।
लेखक के मकान मालिक तातुश के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Writer’s Owner Tatush)
प्रश्न 1 – तातुश एक सज्जन व्यक्ति थे। स्पष्ट कीजिए।
प्रश्न 2 – तातुश के उदार स्वभाव का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
प्रश्न 3 – तातुश दूसरों की सहायता करने से पीछे नहीं हटते थे। उदाहरण सहित लिखिए।
प्रश्न 4 – तातुश की दरियादिली व सहायता के कारण बेबी हालदार का पूरा जीवन कैसे बदल गया?
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