Hindi Essay Writing – विज्ञान वरदान है या अभिशाप (Is science a boon or a curse?)
विज्ञान वरदान है या अभिशाप पर निबंध – इस लेख हम विज्ञान क्या है, विज्ञान के बढ़ते कदम, विज्ञान से लाभ, तथा हानि के बारे में जानेगे |
प्रस्तावना
आज का युग विज्ञान का युग है आदि काल से लेकर अब तक मनुष्य ने जितनी भी प्रगति की है वह सब विज्ञान की ही देन है। यह हम सब भली भांति जानते हैं कि- ” आवश्यकता ही आविष्कार की जननी है” और जैसे-जैसे मनुष्य की आवश्यकताएं बढ़ती जा रही है , वह नए-नए आविष्कार करता जा रहा है और आगे भी करता जाएगा। प्राचीन काल में असंभव समझे जाने वाले तथ्यों, कार्यों को विज्ञान ने आज संभव कर दिखाया है । छोटी-सी सुई से लेकर आकाश की दूरी नापते हवाई जहाज तक सभी विज्ञान की ही देन हैं । आगे चलकर कई ऐसे आविष्कार भी होने हैं जिन पर हो सकता है अभी हम को विश्वास ही ना हो , विज्ञान ने वास्तव में, हमें बहुत कुछ दिया है , जिसके हम सदा ऋणी रहेंगे।
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विज्ञान क्या है
विज्ञान दो शब्दों से मिलकर बना है – वि+ज्ञान । वि का अर्थ है विशेष और ज्ञान का अर्थ है जानना। इस प्रकार किसी विशेष को जानना ही विज्ञान हैं। दूसरे शब्दो में कहे तो विशिष्ट प्रकार का ज्ञान ही विज्ञान हैं। विज्ञान ने आज हमारे जीवन को बदल कर रख दिया है , मनुष्य जीवन को बहुत ही सुविधाजनक बना दिया है। अतः यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि विज्ञान किसी वरदान से कम नहीं ।
आज इंसान ने बैलगाड़ी से लेकर अंतरिक्ष तक की यात्रा का सफर तय कर लिया है। विज्ञान से मानव को असीमित शक्ति प्राप्त हुई है। आज मनुष्य विज्ञान की सहायता से पक्षियों की भांति आसमान में उड़ सकता है। गहरे से गहरे पानी में सांस ले सकता है। पर्वतों को लांघ सकता हैं तथा कई मीलों की दूरियों को चंद घंटो में पार कर सकता है।
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विज्ञान के बढ़ते कदम
विज्ञान की वजह से मनुष्य का जीवन बहुत आरामदायक हो गया है । इसमें हमारे समय की भी बचत की है।
- घर में – विज्ञान की सहायता से हमारा घरेलू जीवन भी सुखमय हो गया है। आज घरों में हीटर, रेफ्रिजरेटर टेलीविजन, रेडियो, टेप रिकॉर्डर टेलीफोन, स्कूटर आदि वस्तुएं आ गई है। गृहणियों के अनेक कार्य आज विज्ञान की सहायता से मिनटों में हो जाते हैं।
- यातायात के क्षेत्र में- दो पहिए की गाड़ी से शुरू हुआ सफर अंतरिक्ष तक पहुंच गया है । हमने कई महीनों के सफर को मिनटों में तय कर लिया है। विज्ञान के आविष्कार का प्रत्यक्ष उदाहरण हमारे सामने है बुलेट ट्रेन। हवाई जहाज के माध्यम से हम मीलों का सफर मिनटों में तय कर लेते हैं । चाहे कश्मीर से कन्याकुमारी तक का सफर ही क्यों ना हो । विज्ञान ने इसे सहज और सरल बना दिया है। आज विज्ञान ने जल, थल, आकाश तीनों की दूरियों को माप लिया है। जल में बड़े-बड़े जहाज, थल पर बुलेट ट्रेन और हवा में हवाई जहाज , हेलीकॉप्टर ने मीलों की दूरियों को समेट दिया है।
- संचार के क्षेत्र में – संचार के क्षेत्र में विज्ञान ने तेजी से प्रगति की है। 1GB से शुरू हुआ यह सफर 5gb तक पहुंच चुका है। इंटरनेट प्रकाश की गति से पंख लगाकर उड़ने को तत्पर है। इंटरनेट की स्पीड आज इतनी है जिसकी कभी कल्पना भी नहीं की थी। वीडियो कॉल, वर्चुअल कॉल विज्ञान की वजह से संभव हुआ हैं।
- शिक्षा के क्षेत्र में – शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान ने कई आविष्कार किए हैं । आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, रोबोट के आ जाने से स्कूलों में पढ़ाने के तरीकों में बदलाव आया है । विजुअल तकनीक के माध्यम से आज कठिन विषयों को भी आसानी से पढ़ाया जा रहा हैं।
- मनोरंजन के क्षेत्र में – मनोरंजन के क्षेत्र में विज्ञान ने अपना बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। मनोरंजन करना इंसान की स्वाभाविक प्रकृति होती है। विज्ञान की तरक्की के साथ मनोरंजन के साधनों में भी प्रगति हुई है। चलचित्र, वीडियो, दूरदर्शन, खेल आदि सभी मनोरंजन के आधुनिक और वैज्ञानिक साधन हैं
- चिकित्सा के क्षेत्र में – चिकित्सा के क्षेत्र में तो विज्ञान ने आश्चर्यजनक चमत्कार किए हैं । आज दुर्लभ से दुर्लभ बीमारी का इलाज भी विज्ञान ने ढूंढ निकाला है, आज चिकित्सा बहुत आसान हो गई है। एक्स रे मशीन की सहायता से शरीर के अंदर के भागों का रहस्य जाना जा सकता है । शरीर के किसी भी भाग का ऑपरेशन किया जाना संभव है । लेजर के आविष्कार से बिना चीरफाड़ के ऑपरेशन किए जा रहे हैं । अंग प्रत्यारोपण की सुविधा आज विज्ञान की वजह से संभव हो पाई है । रक्तदान, प्लास्टिक सर्जरी जैसे दुर्लभ कार्य आज विज्ञान की वजह से संभव है। स्मार्टफोन पर बैठे ही अपना इलाज करवा कर, दवाइयों की होम डिलीवरी भी करवा सकते हैं । इसने समय और पैसे दोनों की बचत की है।
- विद्युत – विज्ञान ने मनुष्य को भाप, खनिज, तेल, कोयला, व बिजली को असीमित शक्ति के रूप में प्रदान किया है। बिजली के आविष्कारों ने चारों तरफ चकाचौंध कर दिया है। बिजली एक तरफ तो हमें शक्ति देती है तो दूसरी तरफ रौशनी देकर रात को दिन की तरह बना देती है। आज के समय में बिजली ने मनुष्य का बहुत कल्याण किया है।
- कंप्यूटर के क्षेत्र में – आज हर कोई कंप्यूटर चलाना और उस पर काम करना जानता है । ऐसा कोई क्षेत्र नहीं रहा जो कंप्यूटर से अछूता हो । विज्ञान का सबसे बड़ा आविष्कार तो स्मार्टफोन है जो आज हर आम आदमी की पहुंच में है । जिसकी वजह से घर बैठे आप शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जो चाहे सीख सकते हैं, घर बैठे बिजनेस शुरू कर सकते हैं या दुनिया भर की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, यह ऐसा अद्भुत चमत्कार है जिसने असंभव को भी संभव बना दिया है। कंप्यूटर में भी दिन प्रतिदिन कई तकनीकों के आ जाने से हमारा काम और भी तेजी से कम समय में सुविधा पूर्वक हो जाता है।
- अंतरिक्ष के क्षेत्र में – अब अंतरिक्ष कोई अनजान विषय नहीं रहा । धीरे-धीरे विज्ञान की मदद से अंतरिक्ष के रहस्यों से पर्दा उठ रहा है । विज्ञान के माध्यम से आज अंतरिक्ष के सारे रहस्यों को वैज्ञानिक सुलझा रहे हैं । भारत का मंगलयान, चंद्रयान जैसे मिशन अंतरिक्ष की तरफ बढ़ते इंसानों के कदमों की पदचाप है।
- सुरक्षा के क्षेत्र में – आज ड्रोन, सीसीटीवी कैमरे, पासवर्ड , वर्चुअल ताले आ जाने से सुरक्षा के क्षेत्र में कई सारे बदलाव हुए हैं ।
- कृषि के क्षेत्र में -नवीन वैज्ञानिक आविष्कार ने कृषि उत्पादन में वृद्धि की है साथ ही साथ कार्यों को आसान बना दिया है। ट्रैक्टर और नवीनतम आधुनिक उपकरणों के आ जाने से खेती और भी सरल और सहज हो गई है।
विज्ञान से हानि
विज्ञान ने यदि हमारे जीवन को सर्व सुलभ बनाया है तो वहीं कई सारी समस्याएं भी उत्पन्न की है।
दुर्लभ बीमारियां –
- आजकल इतनी दुर्लभ तरीके की बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं जिनका पहले कभी नामोनिशान नहीं था। कोरोनावायरस इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है, पहले इस तरह का कोई वायरस नहीं था।
- खेतों में हानिकारक रसायनिक पदार्थों के छिड़काव से उत्पादन तो बढ़ रहा है लेकिन फसल में वह पोषक तत्व और वह शुद्धता नहीं रही और इस वजह से कई बीमारियां उत्पन्न हो रही है।
ग्लोबल वार्मिंग –
- वृक्षों की अंधाधुंध कटाई से, बढ़ते औद्योगिकीकरण से, वातावरण में बहुत ही तेजी से परिवर्तन हो रहे हैं । ग्लेशियर पिघल रहे हैं, ग्लोबल वार्मिंग बढ़ रही है।
- जल स्त्रोतों की कमी हो रही है और तो और वृक्षों की कमी से प्राणवायु ऑक्सीजन में भी कमी आ रही है।
- पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण अनेक प्रकार की बीमारियां उत्पन्न हुई है ।
- तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता के कारण भी कई संकट उत्पन्न हुआ है। यदि आज के समय में इंटरनेट बंद हो जाए तो कई करोड़ों लोग बेरोजगार हो जाएंगे क्योंकि हमने खुद को विज्ञान पर इतना अधिक निर्भर कर लिया है कि अब इसके बिना हमारी अर्थव्यवस्था नहीं चल सकती।
तकनीक पर अत्यधिक निर्भरता
- विज्ञान ने जहां एक ओर कई सुविधाएं दी हैं तो कई समस्याएं भी पैदा की हैं । तकनीक ने जहां कई कार्यों को आसान बनाया है, वही हमें आलसी भी बना दिया है। आज हर छोटे से छोटे काम के लिए हम तकनीक पर निर्भर हो गए हैं। चाहे घर में खाना बनाना हो, कपड़े धोना हो या मनोरंजन ,हर चीज के लिए हमें तकनीक की आवश्यकता होती है ।
मोबाइल एडिक्शन
- कोरोना काल में हम सभी घर पर बंद हो गए थे और इस वजह से छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक का स्क्रीन टाइम काफी बढ़ गया था । इस वजह से बच्चे मोबाइल स्क्रीन के आदी हो चुके हैं । जिस वजह से वह बचपन से ही उनके आंखों पर चश्मा लग गया है और मोबाइल एडिक्शन के कारण चिड़चिड़ापन, अत्यधिक क्रोध आना ,भूख ना लगना ध्यान केंद्रित ना हो पाना जैसी कई समस्याएं पैदा हुए हैं।
- इन सब की वजह से आज मनुष्य खुद की बनाई तकनीकों की वजह से परेशान हो रहा है।
उपसंहार
इस प्रकार हम देखते हैं कि जिस प्रकार हर सिक्के के 2 पहलू होते हैं उसी प्रकार विज्ञान के भी दो पहलू हैं
एक सकारात्मक पक्ष जिससे हमने बहुत कुछ अर्जित किया है तो वही नकारात्मक पक्ष जहां हमने बहुत कुछ खोया है।
अंग्रेजी में कहावत है कि –
“साइंस इज ए गुड सर्वेंट बट अ बेड मास्टर” अर्थात साइंस विज्ञान एक अच्छा नौकर तो है किंतु एक बुरा मालिक है ।
यदि हमने विज्ञान का सही तरीके से इस्तेमाल किया तो यह हमारे भविष्य में भी लाभदायक होगा। किंतु यदि हमने तकनीक को खुद के ऊपर हावी होने दिया तो वह दिन दूर नहीं जब हम इसके पूरी तरह गुलाम बन जाएंगे।
विज्ञान ने एक ओर मनुष्य को जहाँ अपार सुविधाएँ प्रदान की हैं वहीं दूसरी ओर दुर्भाग्यपूर्ण यह है कि नाभिकीय यंत्रों आदि के विध्वंशकारी आविष्कारों ने संपूर्ण मानवजाति को विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है । वास्तविक रूप में यदि हम विज्ञान से होने वाले लाभ और हानियों का अवलोकन करें तो हम देखते हैं कि विज्ञान का सदुपयोग व दुरुपयोग मनुष्य के हाथ में है । यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वह इसे किस रूप में लेता है । उदाहरण के तौर पर यदि नाभिकीय ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग किया जाए तो यह मनुष्य को ऊर्जा प्रदान करता है जिसे विद्युत उत्पादन जैसे उपभोगों में लिया जा सकता है । परंतु दूसरी ओर यदि इसका गलत उपयोग हो तो यह अत्यंत विनाशकारी हो सकता है । द्वितीय विश्व युद्ध के समय जापान के हिरोशिमा एवं नागासाकी शहरों में परमाणु बम द्वारा हुई विनाश-लीला इसका ज्वलंत उदाहरण है । विश्व आज अनेक खेमों में बँट गया है । इसके अतिरिक्त स्वयं को अधिक शक्तिशाली बनाने के लिए (हाइड्रोजन बमों एवं परमाणु बमों की खोज ने) हथियारों की होड़-सी लग गई है । जिसने संपूर्ण मानव सभ्यता को विनाश के कगार पर लाकर खड़ा कर दिया है । बेरोजगारी व निर्धनता दिन-प्रतिदन बढ़ रही है। लोगों का गाँवों से शहरों की ओर पलायन जारी है, जिससे महानगरों एवं शहरों की जनसंख्या अत्यधिक बढ़ गई है ।
इस प्रकार विज्ञान का दुरुपयोग संपूर्ण मानव सभ्यता के लिए अभिशाप सिद्ध हो रहा है । विज्ञान का समुचित उपयोग न करने का ही यह परिणाम है कि आज दुनिया की आबादी बेतहाशा बढ़ रही है । आबादी रोकने के जितने भी साधन विज्ञान ने उपलब्ध कराए हैं वे सभी निर्विवाद रूप से कारगर हैं पर अविकसित देशों द्वारा इन साधनों को न अपनाने के फलस्वरूप ऐसे देश कई प्रकार की समस्याओं से घिर गए हैं ।
विज्ञान की मदद से बड़े पैमाने पर रोजगार उपलब्ध हो सकता है लेकिन कई देशों में अपने संसाधनों का इस्तेमाल न कर पाने की समस्या है । विज्ञान ने बृहत् पैमाने पर शिक्षा देने के साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित कर दी है फिर भी कई देशों में भारी तादाद में अनपढ़ लोग हैं । वैज्ञानिक कृषि अपनाए जाने पर दुनिया से भुखमरी और कुपोषण की समस्या समाप्त हो सकती है, बावजूद इसके लोग खाद्यान्नों के बिना संकटग्रस्त दशा में हैं । अत: कहा जा सकता है कि वे अभिशाप जो विज्ञान के कारण उत्पन्न समझे जाते हैं वास्तव में मानव सृजित हैं ।
हम सभी का यह कर्तव्य है कि हम विज्ञान की अद्भुत देन का रचनात्मक कार्यों में ही प्रयोग करें । विज्ञान के दुरुपयोग के विरुद्ध अभियान छेड़ा जाना चाहिए । विश्व के समस्त देशों को विश्व शांति का प्रयास करना चाहिए तथा हथियारों की जो होड़ बढ़ती जा रही है उसका विरोध एवं उस पर अंकुश लगाना चाहिए ।
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