Prefixes in Hindi – उपसर्ग की परिभाषा, उपसर्ग के भेद और उदाहरण
Prefixes in Hindi – Upsarg (उपसर्ग): इस लेख में हम कुछ उपसर्गों के बारे में जानेंगे। उपसर्ग क्या होते हैं? उपसर्गों की क्या विशेषताएँ हैं? संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषाओं के मुख्य उपसर्ग कौन-कौन से हैं? उपसर्ग क्यों आवश्यक हैं? इन सभी प्रश्नों के बारे में इस लेख में वर्णन किया गया है। सबसे पहले उपसर्ग क्या होते हैं इस प्रश्न का हल जानेंगे –
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Prefixes उपसर्ग
संस्कृत एवं संस्कृत से उत्पन्न भाषाओँ में उस शब्दांश या अव्यय को उपसर्ग कहते है, ‘जो किसी शब्द के आरंभ में जुड़कर उसके अर्थ में (मूल शब्द के अर्थ में) विशेषता ला दे या उसका अर्थ ही बदल दे’। शब्दांश होने के कारण स्वतंत्र रूप से उपसर्गों का कोई महत्व नहीं माना जाता है। उपसर्ग शब्द के पहले आते है।
यह दो शब्दों (उप+सर्ग) के योग से बनता है। ‘उप’ का अर्थ ‘समीप’, ‘निकट’ या ‘पास में’ है। ‘सर्ग’ का अर्थ है सृष्टि करना अर्थात निर्माण करना। ‘उपसर्ग’ का अर्थ है पास में बैठाकर दूसरा, नया अर्थवाला शब्द बनाना।
उदाहरण :- ‘हार’ एक शब्द है जिसका अर्थ होता है ‘पराजय’। लेकिन इसके आगे ‘आ’ उपसर्ग लगने से नया शब्द बनेगा जैसे ‘आहार’ जिसका मतलब होता है ‘भोजन’। और यदि इसी ‘हार’ के पहले ‘प्र’ उपसर्ग लगा दिया जाए, तो एक नया शब्द ‘प्रहार’ बन जाता है, जिसका नया अर्थ हुआ ‘मारना’।
हिंदी बोलते समय हम संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू – चारों भाषाओं के उपसर्गों का प्रयोग करते हैं। चारों के ही अपने-अपने शब्द और उपसर्ग होते हैं। इस लेख में कुछ महत्वपूर्ण संस्कृत, हिंदी, अंग्रेजी और उर्दू भाषाओं के उपसर्गों के बारे में जानेंगे। उपसर्गों का सही अर्थ व प्रयोग आने से शब्द-रचना सरल हो जाती है और शब्दों के भाव सरलता से स्पष्ट होने लगते हैं। इसीलिए इन्हें सीखना जरूरी है। इससे आपको हिंदी और भी सरल लगेगी।
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उपसर्गों की क्या विशेषताएँ हैं इसके बारे में जानेंगे –
उपसर्ग की तीन विशेषताएँ कही जाती हैं –
(1) शब्द के अर्थ में नई विशेषता लाना।
जैसे- प्र + बल= प्रबल
अनु + शासन= अनुशासन
(2) शब्द के अर्थ को उलट देना।
जैसे- अ + सत्य= असत्य
अप + यश= अपयश
(3) शब्द के अर्थ में, कोई खास परिवर्तन न करके मूलार्थ के इर्द-गिर्द अर्थ प्रदान करना।
जैसे- वि + शुद्ध= विशुद्ध
परि + भ्रमण= परिभ्रमण
उपसर्ग हमेशा मूल शब्द के आगे लगते हैं और एक से दो अक्षर के होते हैं। उपसर्ग और मूल शब्द की संधि के बाद जो नया शब्द बनता है, वह मूल शब्द के अर्थ में या तो कुछ-न-कुछ विशिष्ट जोड़ देता है या अर्थ को ही बदल देता है।
संस्कृत के उपसर्ग-
संस्कृत के उपसर्ग, उनके अर्थ और उदाहरण –
क्रमांक | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने शब्द |
1 | अति | अधिक, ऊपर, उस पार | अतिकाल, अत्याचार, अतिकर्मण, अतिरिक्त, अतिशय, अत्यन्त, अत्युक्ति, अतिक्रमण, इत्यादि । |
2 | अधि | ऊपर, श्रेष्ठ | अधिकरण, अधिकार, अधिराज, अध्यात्म, अध्यक्ष, अधिपति इत्यादि। |
3 | अप | बुरा, अभाव, हीनता, विरुद्ध | अपकार, अपमान, अपशब्द, अपराध, अपहरण, अपकीर्ति, अपप्रयोग, अपव्यय, अपवाद इत्यादि। |
4 | अ | अभाव | अज्ञान, अधर्म, अस्वीकार इत्यादि। |
5 | अनु | पीछे, समानता, क्रम, पश्र्चात | अनुशासन, अनुज, अनुपात, अनुवाद, अनुचर, अनुकरण, अनुरूप, अनुस्वार, अनुशीलन इत्यादि। |
6 | आ | ओर, सीमा, समेत, कमी, विपरीत | आकाश, आदान, आजीवन, आगमन, आरम्भ, आचरण, आमुख, आकर्षण, आरोहण इत्यादि। |
7 | अव | हीनता, अनादर, पतन | अवगत, अवलोकन, अवनत, अवस्था, अवसान, अवज्ञा, अवरोहण, अवतार, अवनति, अवशेष, इत्यादि। |
8 | उप | निकटता, सदृश, गौण, सहायक, हीनता | उपकार, उपकूल, उपनिवेश, उपदेश, उपस्थिति, उपवन, उपनाम, उपासना, उपभेद इत्यादि। |
9 | नि | भीतर, नीचे, अतिरिक्त | निदर्शन, निपात, नियुक्त, निवास, निरूपण, निवारण, निम्र, निषेध, निरोध, निदान, निबन्ध इत्यादि। |
10 | निर् | बाहर, निषेध, रहित | निर्वास, निराकरण, निर्भय, निरपराध, निर्वाह, निर्दोष, निर्जीव, निरोग, निर्मल इत्यादि। |
11 | परा | उल्टा, अनादर, नाश | पराजय, पराक्रम, पराभव, परामर्श, पराभूत इत्यादि। |
12 | परि | आसपास, चारों ओर, पूर्ण | परिक्रमा, परिजन, परिणाम, परिधि, परिपूर्ण इत्यादि। |
13 | प्र | अधिक, आगे, ऊपर, यश | प्रकाश, प्रख्यात, प्रचार, प्रबल, प्रभु, प्रयोग, प्रगति, प्रसार, प्रयास इत्यादि। |
14 | प्रति | विरोध, बराबरी, प्रत्येक, परिवर्तन | प्रतिक्षण, प्रतिनिधि, प्रतिकार, प्रत्येक, प्रतिदान, प्रतिकूल, प्रत्यक्ष इत्यादि। |
15 | वि | भित्रता, हीनता, असमानता, विशेषता | विकास, विज्ञान, विदेश, विधवा, विवाद, विशेष, विस्मरण, विराम, वियोग, विभाग, विकार, विमुख, विनय, विनाश इत्यादि। |
16 | सम् | पूर्णता | संयोग संकल्प, संग्रह, सन्तोष, संन्यास, संयोग, संस्कार, संरक्षण, संहार, सम्मेलन, संस्कृत, सम्मुख, संग्राम इत्यादि। |
17 | सु | सुखी, अच्छा भाव, सहज, सुन्दर | सुकृत, सुगम, सुलभ, सुदूर, स्वागत, सुयश, सुभाषित, सुवास, सुजन इत्यादि। |
18 | अध | आधे के अर्थ में | अधजला, अधपका, अधखिला, अधमरा, अधसेरा इत्यादि। |
19 | अ-अन | निषेध के अर्थ में | अमोल, अनपढ़, अजान, अथाह, अलग, अनमोल, अनजान इत्यादि। |
20 | उन | एक कम | उत्रीस, उनतीस, उनचास, उनसठ, उनहत्तर इत्यादि। |
21 | औ | हीनता, निषेध | औगुन, औघट, औसर, औढर इत्यादि। |
22 | दु | बुरा, हीन | दुकाल, दुबला इत्यादि। |
23 | नि | निषेध, अभाव, विशेष | निकम्मा, निखरा, निडर, निहत्था, निगोड़ा इत्यादि। |
24 | बिन | निषेध | बिनजाना, बिनब्याहा, बिनबोया, बिनदेखा, बिनखाया, बिनचखा, बिनकाम इत्यादि। |
25 | भर | पूरा, ठीक | भरपेट, भरसक, भरपूर, भरदिन इत्यादि। |
26 | कु-क | बुराई, हीनता | कुखेत, कुपात्र, कुकाठ, कपूत, कुढंग इत्यादि। |
हिंदी के उपसर्ग-
क्रमांक | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने शब्द |
1 | अन | निषेध अर्थ में | अनमोल, अलग, अनजान, अनकहा, अनदेखा इत्यादि। |
2 | अध् | आधे अर्थ में | अधजला, अधखिला, अधपका, अधकचरा, अधकच्चा, अधमरा इत्यादि। |
3 | उन | एक कम | उनतीस, उनचास, उनसठ, इत्यादि। |
4 | भर | पूरा ,ठीक | भरपेट, भरपूर, भरदिन इत्यादि। |
5 | दु | बुरा, हीन, विशेष | दुबला, दुर्जन, दुर्बल, दुकाल इत्यादि। |
6 | नि | आभाव, विशेष | निगोड़ा, निडर, निकम्मा इत्यादि। |
7 | अ | अभाव, निषेध | अछूता, अथाह, अटल |
8 | क | बुरा, हीन | कपूत, कचोट |
9 | कु | बुरा | कुचाल, कुचैला, कुचक्र |
10 | भर | पूरा | भरपेट, भरपूर, भरसक, भरमार |
11 | सु | अच्छा | सुडौल, सुजान, सुघड़, सुफल |
12 | पर | दूसरा, बाद का | परलोक, परोपकार, परसर्ग, परहित |
13 | बिन | बिना, निषेध | बिनब्याहा, बिनबादल, बिनपाए, बिनजाने |
उर्दू के उपसर्ग-
क्रमांक | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने शब्द |
1 | ला | बिना | लाचार, लाजवाब, लापरवाह, लापता इत्यादि। |
2 | बे | बिना | बेकाम, बेअसर, बेरहम, बेईमान, बेरहम इत्यादि। |
3 | कम | थोड़ा, हीन | कमसिन, कामखयाल, कमज़ोर, कमदिमाग, कमजात, इत्यादि। |
4 | ग़ैर | के बिना, निषेध | गैरकानूनी, गैरजरूरी, ग़ैर हाज़िर, गैर सरकारी, इत्यादि। |
5 | खुश | श्रेष्ठता के अर्थ में | खुशनुमा, खुशगवार, खुशमिज़ाज, खुशबू, खुशदिल, खुशहाल इत्यादि। |
6 | ना | अभाव | नाराज, नालायक, नादनामुमकिन, नादान, नापसन्द, नादान इत्यादि। |
7 | अल | निश्र्चित | अलबत्ता, अलगरज आदि। |
8 | बर | ऊपर, पर, बाहर | बरखास्त, बरदाश्त, बरवक्त इत्यादि। |
9 | बिल | के साथ | बिलआखिर, बिलकुल, बिलवजह |
10 | हम | बराबर, समान | हमउम्र, हमदर्दी, हमपेशा इत्यादि। |
11 | दर | में | दरअसल, दरहक़ीक़त |
12 | फिल/फी | में प्रति | फिलहाल, फीआदमी |
13 | ब | और, अनुसार | बनाम, बदौलत, बदस्तूर, बगैर |
14 | बा | सहित बाकाय | दा, बाइज्जत, बाअदब, बामौक़ा |
15 | सर | मुख्य | सरताज, सरदार, सरपंच, सरकार |
16 | बिला | बिना | बिलावजह, बिलाशक |
17 | हर | प्रत्येक | हरदिन हरसाल हरएक हरबार |
अंग्रेजी भाषा में भी कुछ उपसर्ग होते हैं जो इस प्रकार हैं –
क्रमांक | उपसर्ग | अर्थ | उपसर्ग से बने शब्द |
1 | सब | अधीन, नीचे | सब-जज, सब-कमेटी, सब-इंस्पेक्टर |
2 | डिप्टी | सहायक | डिप्टी-कलेक्टर, डिप्टी-रजिस्ट्रार, डिप्टी-मिनिस्टर |
3 | वाइस | सहायक | वाइसराय, वाइस-चांसलर, वाइस-पप्रेसीडेंट |
4 | जनरल | प्रधान | जनरल मैनेजर, जनरल सेक्रेटरी |
5 | चीफ | प्रमुख | चीफ-मिनिस्टर, चीफ-इंजीनियर, चीफ-सेक्रेटरी |
6 | हेड | मुख्य | हेडमास्टर, हेड क्लर्क |
यह जरूरी नहीं है कि एक मूल शब्द के आगे एक ही उपसर्ग लगे, कुछ ऐसे भी शब्द होते हैं जो दो उपसर्गों का एकसाथ प्रयोग करके बनते हैं।
उदाहरण देखिए –
- प्रति + उप + कार = प्रत्युपकार
- सु + सम् + कृत = सुसंस्कृत
- अन् + आ + हार = अनाहार
- सम् + आ + चार = समाचार
- अ + सु + रक्षित = असुरक्षित
- सु + सम् + गठित = सुसंगठित
- अ + नि + यंत्रित = अनियंत्रित
- अ + प्रति + अक्ष = अप्रत्यक्ष
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