Class 10 NCERT Hindi (Course A) Kshitij Bhag-2 Chapter Wise difficult word meanings
Here, the difficult words and their meanings of all the Chapters of CBSE Class 10 Hindi (Course A) Kshitij Bhag-2 Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the Chapters from the NCERT Class 10 Hindi Kshitij Bhag-2 Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.
CBSE Class 10 Hindi Kshitij Bhag 2 (Course A) Book Word meaning (शब्दार्थ)
- सूरदास के पद
- राम लक्ष्मण परशुराम संवाद
- सवैया
- आत्मकथ्य
- उत्साह और अट नहीं रही है
- यह दंतुरित मुस्कान और फसल
- छाया मत छूना
- कन्यादान
- संगतकार
- नेता जी का चश्मा
- बालगोबिन भगत
- लखनवी अंदाज़
- मानवीय करुणा की दिव्य चमक
- एक कहानी यह भी
- स्त्री – शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
- नौबतखाने में इबादत
- संस्कृति
पाठ 1 – सूरदास के पद
- ऊधौ – उद्धव ( श्री कृष्ण के सखा / मित्र )
- हौ – हो
- अति – बहुत , अधिकता , जिसको करने में मर्यादा का उल्लंघन या अतिक्रमण किया गया हो , सीमा से अधिक किया गया
- बड़भागी – भाग्यवान , ख़ुशनसीब
- अपरस – अछूता , जिसे किसी ने छुआ न हो , अस्पृश्य , अनासक्त , अलिप्त
- सनेह – स्नेह
- तगा – धागा / बंधन
- नाहिन – नहीं
- अनुरागी – प्रेम से भरा हुआ , अनुराग करने वाला , प्रेमी , भक्त , आसक्त
- पुरइनि पात – कमल का पत्ता
- दागी – दाग , धब्बा
- ज्यौं – जैसे
- माहँ – बीच में
- गागरि – मटका
- ताकौं – उसको
- प्रीति नदी – प्रेम की नदी
- पाउँ – पैर
- बोरयौ – डुबोया
- दृष्टि – नज़र , निगाह
- परागी – मुग्ध होना
- अबला – बेचारी नारी , जिसमें बल न हो , असहाय , कमज़ोर
- भोरी – भोली
- गुर चाँटी ज्यौं पागी – जिस प्रकार चींटी गुड़ में लिपटती है
- माँझ – अंदर ही
- जाइ – जा कर
- अवधि – समय
- अधार – आधार , अवलंब , सहारा , नींव
- आस – आशा , किसी कार्य या बात के पूर्ण हो जाने की उम्मीद , इच्छा , विश्वास , उम्मीद , संभावना
- आवन – आने की
- बिथा – व्यथा , मानसिक या शारीरिक क्लेश , पीड़ा , वेदना , चिंता , कष्ट
- जोग सँदेसनि – योग के संदेशों को
- बिरहिनि – वियोग में जीने वाली
- बिरह दही – विरह की आग में जल रही हैं
- हुती – थीं
- गुहारि – रक्षा के लिए पुकारना
- जितहि तैं – जहाँ से
- उत तैं- उधर से
- धार – योग की धारा
- धीर – धैर्य
- धरहिं – धारण करें / रखें
- मरजादा – मर्यादा
- लही – रही
- हरि – श्री कृष्ण
- हारिल – ऐसा पक्षी , जो अपने पैरों में लकड़ी दबाए रहता है
- लकरी – लकड़ी
- क्रम – कार्य
- नंद – नंदन – नंद का पुत्र अर्थात श्री कृष्ण
- उर – हृदय
- दृढ़ – मज़बूती से / दृढ़तापूर्वक
- पकरी- पकड़ी
- जागत – जागना
- सोवत – सोना
- दिवस – दिन
- निसि – रात
- जक री – रटती रहती हैं
- जोग – योग का संदेश
- करुई – कड़वी
- ककरी – ककड़ी / खीरा
- सु – वह
- ब्याधि – रोग
- तिनहिं – उनको
- मन चकरी – जिनका मन स्थिर नहीं रहता
- पढ़ि आए – पढ़कर / सीखकर आए
- मधुकर – भौरा , गोपियों द्वारा उद्धव के लिए प्रयुक्त संबोधन
- पाए – प्राप्त करना
- पठाए – भेजा
- आगे के – पहले के
- पर हित- दूसरों की भलाई के लिए
- डोलत धाए – घूमते – फिरते थे
- फेर – फिर से
- पाइहैं – चाहिए
- हुते – थे
- आपुन – अपनों पर
- अनीति – अन्याय
पाठ 2 – राम लक्ष्मण परशुराम संवाद
- संभु – शंभु अथवा शिव
- धनु – धनुष
- भंजनिहारा – भंग करने वाला , तोड़ने वाला , नष्ट करने वाला
- होइहि – ही होगा
- केउ – कोई
- आयेसु – आज्ञा
- काह – क्या
- कहिअ – कहते
- किन – क्यों नहीं
- मोही – मुझे
- रिसाइ – क्रोध करना
- कोही – क्रोधी
- अरिकरनी – शत्रु का काम
- लराई – लड़ाई
- जेहि – जिसने
- तोरा – तोड़ा
- सहसबाहु – सहस्त्रबाहु , हजार भुजाओं वाला
- सम – समान
- सो – वह
- रिपु – शत्रु
- बिलगाउ – अलग होना
- बिहाइ – छोड़कर
- जैहहिं – जाएँगे
- अवमाने – अपमान करना
- लरिकाईं – बचपन में
- कबहुँ – कभी
- असि – ऐसा
- रिस – क्रोध
- कीन्हि – किया
- गोसाईं – स्वामी / महाराज
- येहि – इस
- भृगुकुलकेतू – भृगुकुल की पताका अर्थात् परशुराम
- नृपबालक – राजपुत्र / राजा का बेटा
- त्रिपुरारि – शिव जी
- बिदित – जानता है
- सकल – सारा
- हसि – हँसकर
- हमरे – मेरे
- सुनहु – सुनो
- छति – क्षति / नुकसान
- जून – पुराना
- तोरें – तोड़ने में
- भोरें – धोखे में
- छुअत टूट – छूते ही टूट गया
- रघुपतिहु – राम का
- दोसू – दोष / गलती
- बिनु – बिना
- काज – कारण
- रोसु – क्रोध
- चितै – देखकर
- परसु – फरसा
- सठ – दुष्ट
- सुनेहि – सुना है
- सुभाउ – स्वभाव
- बधौं – वध करता हूँ
- तोही – तुझे
- अति कोही – बहुत अधिक क्रोधित
- बिस्वबिदित – दुनिया में प्रसिद्ध
- द्रोही – घोर क्षत्रु
- भुजबल – भुजाओं के बल से
- कीन्ही – कई बार
- भूप – राजा
- बिपुल – बहुत
- महिदेवन्ह – ब्राह्मणों को
- छेदनिहारा – काट डाला
- बिलोकु – देखकर
- महीपकुमारा – राजकुमार
- गर्भन्ह – गर्भ के
- अर्भक – बच्चा
- दलन – कुचलने वाला
- अति घोर – अत्यधिक भयंकर
- बिहसि – हँसकर
- मृदु – कोमल
- बानी – बोली , वाणी
- मुनीसु – महामुनि
- महाभट – महान् योद्धा
- मानी – मानना
- पुनि पुनि – बार बार
- कुठारु – फरसा / कुल्हाड़ा
- पहारू – पहाड़
- इहाँ – यहाँ
- कुम्हड़बतिआ – सीताफल / कुम्हड़ा का छोटा फल
- तरजनी – अँगूठे के पास की अँगुली
- सरासन – धनुष
- बाना – बाण
- भृगुसुत – भृगुवंशी
- सहौं – सहन करना
- सुर – देवता
- महिसुर – ब्राह्मण
- हरिजन – ईश्वर भक्त
- अरु – और
- गाईं – गाय
- सुराई – वीरता दिखाना
- बधें – वध करने से , मारने से
- अपकीरति – अपयश
- मारतहू – मार दो
- पा – पैर
- परिअ – पड़ना
- कोटि – करोड़
- कुलिस – वज्र / कठोर
- कहेउँ – कह दिया हो
- छमहु – क्षमा करना
- धीर – धैर्यवान
- सरोष – क्रोध में भरकर
- गिरा – वाणी
- कौसिक – विश्वामित्र
- सुनहु – सुनिए
- मंद – मुर्ख , कुबुद्धि
- येहु – यह
- कुटिलु – दुष्ट
- कालबस – मृत्यु के वशीभूत
- घालकु – घातक
- भानुबंस – सूर्यवंशी
- राकेस कलंकू – चंद्रमा का कलंक
- निपट – पूरी तरह
- निरंकुसु – जिस पर किसी का वश न चले
- अबुधु – नासमझ
- असंकू – शंकारहित
- कालकवलु – काल का ग्रसित / मृत
- छन माहीं – क्षण भर में
- खोरि – दोष
- हटकहु – रोको
- उबारा – बचाना
- सुजसु – सुयश / सुकीर्ति
- अछत – आपके रहते हुए
- बरनै – वर्णन
- पारा – दुसरा
- करनी – काम
- बरनी – वर्णन किया
- दुसह – असह्य
- बीरब्रती – वीरता का व्रत धारण करने वाला
- अछोभा – क्षोभरहित
- गारी – गाली
- सूर – शूरवीर
- समर – युद्ध
- रन – युद्ध
- कथहिं प्रतापु – प्रताप की डींग मारना
- कालु – काल / मृत्यु
- हाँक – आवाज़ लगाना
- जनु – जैसे
- लावा – लगाना
- सुधारि – सुधारकर
- कर – हाथ
- देइ – देना
- दोसु – दोष
- कटुबादी – कड़वे वचन बोलने वाला
- बधजोगू – मारने योग्य , वध के योग्य
- बाँचा – बचाया
- मरनिहार – मरने वाला
- साँचा – सच में ही
- छमिअ – क्षमा करना
- गनहिं – गिनना
- खर – दुष्ट
- अकरुन – जिसमें दया और करुणा न हो
- कोही – क्रोधी
- गुरहि – गुरु के
- उरिन – ॠण से मुक्त
- श्रमथोरे – थोड़े परिश्रम से
- गाधिसूनु – गाधि के पुत्र अर्थात् विश्वामित्र
- हरियरे – हरा ही हरा
- अयमय – लोहे की बनी हुई
- खाँड़ – तलवार
- ऊखमय – गन्ने से बनी हुई
- अजहुँ – अब भी
- सीलु – शील स्वभाव
- बिदित – पता है
- उरिन – ऋणमुक्त
- भये – हो गए
- नीकें – भली प्रकार
- गुररिनु – गुरु का ऋण
- हमरेहि – मेरे ही
- ब्यवहरिआ – हिसाब लगाने वाले को
- बिप्र – ब्राह्मण
- सुभट – बड़े – बड़े योद्धा
- द्विजदेवता – ब्राह्मण
- सयनहि – आँख के इशारे से
- नेवारे – मना किया
- कृसानु – अग्नि
- रघुकुलभानु – रघुवंश के सूर्य श्रीरामचंद्र
पाठ 3 – सवैया
- पाँयनि – पैरों के
- नूपुर – पायल
- मंजु – मधुर
- बजै – बजना
- कटि – कमर
- किंकिनि – करघनी / कमर का आभूषण
- धुनि – धुन
- साँवरे – साँवले
- अंग – शरीर
- लसै – लिपटा
- पट – वस्त्र
- पीत – पीला
- हिये – हृदय पर
- बनमाल – तुलसी , कुंद , मंदार , परजाता और कमल इन पाँच चीजों की बनी हुई माला
- सुहाई – सुशोभित होना
- किरीट – मुकुट
- दृग – आँखें
- मंद – धीरे
- मुखचंद – चाँद जैसा मुँह
- जुन्हाई – चाँदनी
- जै – जैसे
- जग – संसार
- श्रीब्रजदूलह – श्री कृष्ण
- सहाई – मदद करने वाला , साथ देने वाला
- डार – डाल
- द्रुम – पेड़
- पलना – पालना
- बिछौना – बिस्तर
- नव पल्लव – नई पत्तियाँ
- सुमन – फूल
- झिंगूला – झूला
- सोहै – शोभा
- तन – शरीर
- पवन – हवा
- झूलावै – झुलाना
- केकी – मोर
- कीर – तोते
- बतरावैं – बातें करना
- कोकिल – कोयल
- हलावै – हिलाना
- कर तारी दै – हाथ से ताली बजाना
- पूरित – पूर्ण किया या भरा हुआ
- सों – ऐसी
- उतारो – उतारना
- राई – एक प्रकार की छोटी सरसों
- नोन – नमक
- कंजकली – कमल की कली
- लतान – लता रूपी
- सारी – साड़ी
- मदन – कामदेव
- महीप – महाराज
- प्रातहि – सुबह – सुबह
- जगावत – जागना
- चटकारी दै – चुटकी बजाकर
- फटिक – स्फटिक
- सिलानि – शिला ( पत्थर )
- सौं – जैसे
- सुधारयौ – पारदर्शी
- सुधा – चाँदनी
- उदधि – समुद्र
- दधि – दहीं
- को सो – के जैसा
- अधिकाइ – अत्यधिक
- उमगे – उमड़ना
- अमंद – श्रेष्ठ , उत्तम , चुस्त , फ़ुरतीला , प्रयत्नशील
- को सो – के जैसा
- फेन – झाग
- फैल्यो – फैलना
- फरसबंद – फर्श पर
- तरुनि – चाँदनी
- तामें – रात में
- ठाढ़ी झिलमिली – झीनी और पारदर्शी
- जोति – चमकमिल्यो – मिलना
- मल्लिका – चमेली , एक प्रकार का फूल , बेला
- मकरंद – पुष्प रस , फूलों का रस
- आरसी – दर्पण , आईना , शीशा
- अंबर – आकाश
- आभा – चमक
- उजारी – उज्जवल
- प्रतिबिंब – पानी व शीशे में दिखाई देने वाली छाया , परछाईं
- सो – जैसा
पाठ 4 – आत्मकथ्य
- मधुप – भौंरा
- घनी – अधिक
- अनंत – विशाल
- नीलिमा – नीला आकाश
- असंख्य – जिसकी कोई संख्या न हो , अनगिनत
- जीवन – इतिहास – जीवन की कहानी
- व्यंग्य – मज़ाक
- मलिन – गंदा
- उपहास – मज़ाक
- दुर्बलता – कमज़ोरी
- बीती – गुजरी हुई स्थति या बात , खबर , हाल
- गागर रीती – खाली घड़ा ( ऐसा मन जिसमें भाव नहीं है )
- विडंबना – दुर्भाग्य , कष्टकर स्थिति , निंदा करना
- सरलते – सरल मन वाले
- प्रवंचना – छल , धोखा , कपट , झूठ , धूर्तता
- उज्ज्वल गाथा – सुखभरी कहानी
- आलिंगन – बाँहों में भरना
- मुसक्या – मुसकुराकर
- अरुण – कपोलों – लाल गाल
- मतवाली – मस्त कर देने वाली
- अनुरागिनी – प्रेमभरी
- उषा – सुबह
- निज – अपना
- सुहाग – सुहागिन होने की अवस्था , सधवा-अवस्था , सौभाग्य
- मधुमाया – प्रेम से भरी हुई
- स्मृति – यादें
- पाथेय – सहारा
- पथिक – यात्री
- पंथा – रास्ता
- सीवन – सिलाई
- उधेड़ – खोलन , टांके तोड़ना , परत उतारना या उखाड़ना
- कंथा – गुदड़ी / अंतर्मन ( जीवन की कहानी या मन के भाव )
- मौन – चुप
- व्यथा – दुःख
पाठ 5 – उत्साह और अट नहीं रही है
- गरजो – जोरदार गर्जना ( जोरदार आवाज करना )
- घेर घेर – पूरी तरह से घेर लेना
- घोर – भयङ्कर
- गगन – आकाश
- धाराधर – बादल
- ललित ललित – सुंदर – सुंदर
- घुंघराले – गोल – गोल छल्ले का सा आकार
- बाल कल्पना – छोटे बच्चों की कल्पनाएँ ( इच्छाएँ )
- के – से पाले – की तरह बदलना
- विद्युत – बिजली
- छबि – चित्र , चलचित्र , प्रतिच्छाया , तसवीर
- उर – हृदय , मन , चित्त
- नवजीवन – नया जीवन
- वज्र – कठोर
- नूतन – नया
- विकल – व्याकुल , विह्वल , बेचैन , अधीर
- उन्मन – अनमना , उदास , अनमनापन
- विश्व – संसार
- निदाघ – गरमी , ताप , वह मौसम या समय जब कड़ी धूप होती है
- सकल – सब
- जन – लोग
- अज्ञात – जो ज्ञात न हो , जिसके बारे में पता न हो
- अनंत – जिसका कोई अन्त न हो
- घन – मेघ , बादल
- तप्त धरा – तपती धरती , गर्म धरती
- शीतल – ठंडा , शीत उत्पन्न करने वाला , सर्द , जो ठंडक उत्पन्न करता हो
- अट – बाधा , रुकावट
- आभा – चमक
- फागुन – शिशिर ऋतु का दूसरा महीना , माघ के बाद का मास
- तन – शरीर
- सट – समाना
- नभ – आकाश , आसमान
- पर – पंख
- लदी – भरी
- डाल – पेड़ की शाखा
- उर – हृदय
- मंद – धीमे , धीरे
- गंध – खुशबू , सुगंध
- पुष्प माल – फूलों की माला
- पाट – पाट – जगह – जगह
- शोभा श्री – सौन्दर्य से भरपूर
- पट – समाना
पाठ 6 – यह दंतुरित मुस्कान और फसल
- दंतुरित – नन्हें – नन्हें निकलते दाँत
- मुस्कान – मुस्कराहट
- मृतक – जिस व्यक्ति के प्राण निकल गए हों , जो मर गया हो
- धूलि – धूल
- धूसर – पीलापन लिए भूरा या मटमैला रंग
- गात – शरीर , काया , जिस्म , बदन , देह , तन
- जलजात – जो जल में उत्पन्न हो , कमल
- परस – स्पर्श , छूना
- कठिन – कठोर
- पाषाण – पत्थर
- शेफालिका – छह से बारह फुट ऊँचा एक सदाबहार पौधा जिसमें अरहर के समान पाँच-पाँच पत्तियाँ होती हैं और इसके पूरे शरीर पर छोटे-छोटे रोम पाए जाते हैं , नील सिंधुआर का पौधा , निर्गुंडी , निलिका
- अनिमेष – बिना पलक झपकाए , बिना पलक गिराए हुए , अपलक , एकटक
- फेर – हटाना
- परिचित – जिसका परिचय प्राप्त हो , जिसे जानते हों , जाना – पहचाना हुआ
- माध्यम – साधन , ज़रिया , ( मीडियम )
- धन्य – प्रशंसा या बड़ाई के लायक , परोपकार करने वाला
- चिर – जो बहुत दिनों से हो , बहुत दिनों तक चलता रहे , दीर्घ कालव्यापी
- प्रवासी – परदेश में रहने वाला व्यक्ति , मूलस्थान छोड़कर अन्य स्थान में बसा व्यक्ति , प्रवास करने वाला
- इतर – अन्य , कोई और , दूसरा , भिन्न
- अतिथि – मेहमान
- संपर्क – मिलावट , संयोग , मेल , संबंध , आपसी लगाव , वास्ता , संगति
- मधुपर्क – पूजा के लिए बनाया गया दही , घी , जल , चीनी और शहद का मिश्रण , पंचामृत , चरणामृत
- कनखी – आँख की कोर , दूसरों की निगाह बचाकर किया जाने वाला संकेत , तिरछी निगाह से देखने की क्रिया , आँख का इशारा
- आँखें चार – ( मुहावरा ) – प्रेम होना , किसी का आमने सामने होना , नजरों से नजरों का मिलना
- छविमान – सुंदर , मनमोहक
- ढ़ेर सारी – बहुत अधिक
- कोटि – करोड़
- स्पर्श – छूना
- गरिमा – गुरुत्त्व , भारीपन , महत्व , गौरव , गर्व
- गुण धर्म – किसी वस्तु में पाई जाने वाली वह विशेष बात या तत्व जिसके द्वारा वह दूसरी वस्तु से अलग मानी जाए
- महिमा – महत्वपूर्ण या महान होने की अवस्था या भाव , महानता , बड़ाई , गौरव , बड़प्पन
- भूरी – भूरा रंग
- काली – काला रंग
- संदली – एक प्रकार का हलका पीला रंग
- रूपांतर – रूप में परिवर्तन , किसी वस्तु का बदला रूप , ( ट्रांसफॉरमेशन )
- सिमटा – जिसका संकुचन हुआ हो , सिकुड़ा
- संकोच – झिझक , हिचकिचाहट , असमंजस
- थिरकन – भावों के साथ पैरों को उठाते , गिराते एवं हिलाते हुए नाचने की अवस्था , थिरक
पाठ 7 – छाया मत छूना
- छाया – किसी प्रकाश स्रोत के मार्ग में किसी वस्तु या आड़ से होने वाला अंधकार, परछाईं , छाँव, अँधेरा
- दूना – दुगना
- सुरंग – रंग – बिरंगी , जिसका रंग सुंदर हो
- सुधियाँ – यादें , स्मृतियाँ
- सुहावनी – सुंदर और सुखद
- छवि – आभामंडल , प्रभाव , स्वरूप ( व्यक्तित्व ) , सौंदर्य – चित्र , सुंदरता
- चित्र – गंध – हरताल
- मनभावनी – मन को लुभावने वाली
- तन – शरीर
- सुगंध – सुवास , ख़ुशबू , प्रिय या अच्छी गंध
- शेंष रही – बाकी रहना
- यामिनी – रात , रात्रि , निशा , तारों भरी चाँदनी रात
- कुंतल – केश , सिर के बाल , जुल्फ़ , हल , बहुरूपिया
- छुअन – छूना , स्पर्श
- जीवित – जिन्दा
- क्षण – पल ,अवसर , मौक़ा
- यश – प्रसिद्धि , कीर्ति , नाम , सुख्याति
- वैभव – संपदा , समृद्धि , धन – दौलत , ऐश्वर्य
- मान – आदर , इज़्ज़त , सम्मान
- सरमाया – मूल-धन , पूँजी , संपत्ति , धन – दौलत
- भरमाया – भ्रमित करना , भ्रम में डालना
- प्रभुता – प्रभु होने की अवस्था या भाव , प्रभुत्व , स्वामित्व , अधिकार , बड़प्पन , महत्व
- शरण – आश्रय , पनाह , रक्षित स्थान , रक्षा का भाव
- बिंब – अक्स , परछाँई , ( इमेज )
- मृगतृष्णा – मृग – मरीचिका , तेज़ धूप और गरमी में रेगिस्तानी क्षेत्र में जलधारा या पानी दिखने का भ्रम
- चंद्रिका – चाँदनी
- कृष्णा – काला
- यथार्थ – उचित , सत्य , जैसा होना चाहिए , ठीक वैसा
- विधा – अनिश्चय की मनःस्थिति , मन की अस्थिरता , द्वंद्व , असमंजस , संदेह , आशंका , खटका
- हत – जो मार डाला गया हो , वध किया हुआ , ताड़ित , जिसपर आघात हुआ हो , आहत
- साहस – मन की दृढ़ इच्छा जो बड़े से बड़ा काम करने को प्रवृत्त करती है , हिम्मत
- पंथ – पथ , राह , रास्ता , मार्ग
- देह – शरीर , काया , तन
- शरद – एक ऋतु , जो अश्विन ( क्वार ) और कार्तिक मास में मानी जाती है
- रस – बसंत – रस से भरपूर मतवाली बसंत ऋतु
- वरण – अपनी इच्छा से किया जाने वाला चयन , स्वीकार
पाठ 8 – कन्यादान
- प्रामाणिक – जो प्रमाण के रूप में माना जाता हो या माना जा सकता हो , जो शास्त्रों आदि द्वारा प्रमाणित या सिद्ध हो , जिसकी सत्यता पर कोई संदेह न हो , सत्य , विश्वसनीय
- दान – धर्म एवं श्रद्धा की दृष्टि से किसी को कुछ देना
- वक्त – समय , काल
- अंतिम – आख़िरी , अंत का , ( फ़ाइनल )
- पूँजी – संचित धन , जमा किया हुआ धन
- सयानी – चतुराई , चालाकी , अनुभवी तथा बुद्धिमान् स्त्री
- भोली – जिसे दुनियादारी की पूरी समझ न हो
- सरल – जिसके मन में छल – कपट न हो , सच्चा , भोला , ईमानदार
- आभास – प्रतीति , सादृश्य , संकेत , अनुभूति होने का भाव
- बाँचना – पढ़ना , पत्र, लेख, पुस्तक आदि को पढ़ कर सुनाना , समझ न आना
- पाठिका – विद्यार्थी , छात्रा ,पाठ पढ़ने वाली
- धुँधले – जो साफ न हो
- तुक – किसी कविता , गीत का कोई पद , चरण या कड़ी जिसमें ध्वनि साम्य हो
- लयबद्ध – लय से बँधा हुआ , लय से युक्त जैसे – साँसों की लयबद्ध गति
- झना – किसी की विशेष चेष्टा , गुण , रूप देखकर मुग्ध या अनुरक्त होना , किसी पर प्रसन्न होना , मोहित होना
- सेंकना – पकाना
- वस्त्र – कपड़ा , परिधान , पोशाक
- आभूषण – आभरण , गहना , अलंकार
- शाब्दिक – शब्द संबंधी , शब्द का , शब्द पर आश्रित
- भ्रम – दुविधा , संदेह , संशय
पाठ 9 – संगतकार
- मुख्य गायक – मुख्य संगीतकार
- चट्टान – पत्थर का बहुत बड़ा और विशाल खंड
- भारी स्वर – गंभीर आवाज
- कमजोर – दुर्बल , निर्बल , अशक्त , शक्तिहीन , ढीला
- शिष्य – छात्र
- गरज – बहुत गंभीर या घोर शब्द
- गूँज – भौरों के गुंजार करने का शब्द , गुंजार , कलरव , प्रतिध्वनि , गुंजार
- प्राचीन काल – प्राचीन समय या बहुत पहले बिता हुआ समय
- अंतरा – मुखड़े को छोड़कर गीत का शेष भाग , गीत की टेक से अगली पंक्तियाँ , गीत के चरण
- जटिल – उलझा हुआ , कठिन , दुर्बोध , जो आसानी से सुलझ न सके
- तान – संगीत में स्वरों का कलात्मक विस्तार
- सरगम – सात सुरों का समूह , स्वर-ग्राम , सप्तक , सातों सुरों के उतार – चढ़ाव या आरोह – अवरोह का क्रम , किसी गीत या ताल में लगने वाले स्वरों का उच्चारण
- लॉघकर – पर करना
- अनहद – अनाहत या सीमातीत
- स्थायी – हमेशा बना रहने वाला , सदा स्थित रहने वाला , नष्ट न होने वाला
- समेटना – बिखरी या फैली हुई वस्तु को इकट्ठा करना , बटोरना
- नौसिखिया – जिसने कोई काम हाल ही में सीखा हो , जो काम में निपुण न हो , अनाड़ी , अदक्ष
- तारसप्तक – संगीत शास्त्र से संबंधित एक विधा , हिंदी साहित्य में प्रयोगवादी कवियों द्वारा संपादित काव्य – ग्रंथ
- प्रेरणा – किसी को किसी कार्य में प्रवृत्त करने की क्रिया या भाव , मन में उत्पन्न होने वाला प्रोत्साहनपरक भाव-विचार , ( इंस्पिरेशन )
- उत्साह – उमंग , जोश , उछाह , हौसला , साहस , हिम्मत , दृढ़ संकल्प
- ढाँढस बँधता – तसल्ली देना
- राग – किसी ख़ास धुन में बैठाये हुए स्वर का ढाँचा , प्रेम , अनुराग
- हिचक – हिचकने की क्रिया , हिचकिचाहट , कोई काम करने से पहले मन में होने वाली हलकी रुकावट , संकोच , झिझक
- विफलता – विफल होने की अवस्था या भाव , असफलता , नाकामयाबी
- मनुष्यता – इनसानियत , मानवता , दया , बुद्धि आदि , सज्जनता।
पाठ 10 – नेता जी का चश्मा
- हालदार – हवलदार
- कस्बा – छोटा शहर या नगर , नगर से छोटी और गाँव से बड़ी बस्ती
- ओपन एयर – खुला हवादार
- ठो – दो
- पेशाबघर – पेशाबख़ाना , पेशाब करने के लिए बनाया गया स्थान
- सम्मेलन – किसी विशेष उद्देश्य या विषय पर विचार करने हेतु एकत्र होने वाले व्यक्तियों का समूह ( कॉन्फ़्रेंस ) , समारोह , अधिवेशन , सभा
- उत्साही – उत्साहयुक्त , आनंद तथा तत्परता के साथ काम में लगने वाला , हौसले वाला , उमंगवाला
- चौराहा – वह स्थान जहाँ चार रास्ते मिलते हों , चौरास्ता , चौमुहानी
- प्रतिमा – किसी की वास्तविक अथवा कल्पित आकृति के अनुसार बनाई हुई मूर्ति या चित्र
- मूर्तिकार – मूर्तियाँ बनाने वाला
- लागत – किसी वस्तु , मकान आदि को बनाने में होने वाला ख़र्च , व्यय
- अनुमान – अंदाज़ा , अटकल
- बजट – आय-व्यय का लेखा
- उफहापोह – भाग – दौड़
- शासनावधि – शासन करने का समय
- स्थानीय – स्थान विशेष से संबंध रखने वाला , ग्राम – नगर आदि के लोगों का , ( लोकल )
- अवसर – मौका
- निर्णय – संकल्प , निश्चय , ( डिसीज़न )
- इकलौते – एक मात्र
- संगमरमर – एक प्रकार का चिकना पत्थर , सफ़ेद रंग का एक प्रसिद्ध मुलायम पत्थर
- बस्ट – एक व्यक्ति के सिर , कंधे और छाती की मूर्ति
- मासूम – निश्छल , भोला , निरपराध , बेगुनाह
- कमसिन – अवयस्क , नाबालिग , सुकुमार , कम आयुवाला , अल्पवयस्क
- वगैरह – आदि , इत्यादि
- सराहनीय – प्रशंसा के योग्य , तारीफ़ के लायक , प्रशंसनीय
- प्रयास – कोशिश , प्रयत्न , मेहनत , परिश्रम
- कसर – त्रुटि , कमी , अभाव
- खटकना – गड़बड़ी या अनहोनी
- सामान्य – साधारण , मामूली , आम , जिसमें कोई विशेषता न हो
- सचमुच – वास्तव में , यथार्थत
- फ्रेम – चश्मे आदि का बाहरी ढाँचा
- गुज़रना – किसी जगह से आगे बढ़ना
- लक्षित – देखा हुआ , ध्यान में आया हुआ , अनुमान से जाना या समझा हुआ
- कौतुक – कुतूहल , आश्चर्य , अचंभा , विनोद , हँसी – मज़ाक , उत्सुकता , जिज्ञासा
- आइडिया – विचार , कल्पना
- रियल – असली
- निष्कर्ष – सारांश , निचोड़ या सिद्धांत , नतीजा , परिणाम
- भावना – ध्यान , चिंतन , कामना , इच्छा , चाह
- तर – फ़र्क , भिन्नता , भेदभाव
- चौकोर – जिसके चारों कोने या पार्श्व बराबर हों , चौखूँटा , चौकोना
- कौतुक – जिज्ञासा
- ठुँसा – मुँह को पूरी तरह भरना
- खुशमिज़ाज़ – हमेशा खुश दिखने वाला या हमेशा खुश रहने वाला
- आँखों – ही – आँखों में हँसना – मन में हंसना , अंदरूनी हंसना
- तोंद थिरकी – पेट का हिलना
- चेंज – बदलना
- गिराक – ग्राहक
- चौखट – देहली , देहरी , सीमा
- किदर – किधर
- उदर – उधर
- बगैर – बिना , रहित , सिवा
- आहत – चोट खाया हुआ , घायल , ज़ख़्मी
- असुविधा – कठिनाई , परेशानी , दिक्कत
- उपलब्ध – सुलभ , जो मिल सकता हो , मिला हुआ
- गिने – चुने – थोड़े – बहुत
- दरकार – आवश्यक , ज़रूरी , अपेक्षित , अभिलाषित , आवश्यकता
- संभवतः – हो सकता है , संभव है , संभावना है , मुमकिन है
- ओरिजिनल – वास्तविक
- कत्था – खैर की लकड़ियों को उबालकर निकाला हुआ गाढ़ा और सुखाया गया अर्क या सार जो पान में खाया जाता है
- मज़ेदार – बढ़िया , सुखदायी , जिसमें आनंद आता हो , दिलचस्प , रोचक , मनोरंजक
- चकित – विस्मित , अचंभित , आश्चर्यचकित , भौंचक , हैरान
- द्रवित – प्रवाही
- वाकई – वास्तव में , सचमुच , वस्तुतः
- पारदर्शी – इस पार से उस पार तक दिखने वाला , जैसे – काँच , हवा , झीना वस्त्र
- असफल – जो सफल न हो , विफल , नाकामयाब
- विचित्र – अनूठा , विलक्षण , अजीब , असाधारण , कौतूहल उत्पन्न करने वाला ,
- चकित – विस्मित , अचंभित , आश्चर्यचकित , भौंचक , हैरान
- विस्मित – जिसे विस्मय या आश्चर्य हुआ हो , चकित , अचंभित
- समक्ष – आँखों के सामने , सम्मुख , प्रत्यक्ष , सामने
- नतमस्तक – ( किसी के सम्मान में ) सिर झुकाने वाला , नम्र या विनीत
- भूतपूर्व – जो बीत चुका हो , पहले वाला , प्राचीन , पूर्ववर्ती , सेवानिवृत्त
- अवाक – विस्मित , स्तब्ध , चकित , चकित या हक्का-बक्का हो जाना
- बेहद – जिसकी हद या सीमा न हो , असीम , अपार , बहुत अधिक
- मरियल – अत्यंत दुर्बल , बहुत दुर्बल या दुबला और कमज़ोर , बे-दम
- संदूकची – छोटा संदूक , छोटा लकड़ी का डिब्बा
- बेचैन – व्याकुल , जिसे चैन न मिलता हो
- प्रफुल्ल्ता – ख़ुशी
- रवाना – जो एक स्थान से दूसरे स्थान के लिए चल पड़ा हो , प्रस्थित , चला हुआ
- कौम – जाति , बिरादरी , वंश , नस्ल , राष्ट्र , ( नेशन )
- होम – कुर्बान
- हृदयस्थली – हृदय की ज़मीन
- प्रतिष्ठापित – जिसका प्रतिष्ठापन किया गया हो या हुआ हो
- अटेंशन – सावधान
- सरकंडा – एक पौधा जिसके तने में गाँठें होती हैं , गाँठदार सरपत , मूँज , सरई
- भावुक – दयालु , जज़्बाती , संवेदनशील
पाठ 11 – बालगोबिन भगत
- मँझोले – बीच के
- बाल पक जाना – बाल सफेद हो जाना
- जटाजूट – लंबे बालों या जटा को समेटकर बनाया जाने वाला जूड़ा
- जगमग – जगमगाहट , जो प्रकाश पड़ने पर चमकता हो , चमकीला
- लंगोटी – लंगोट पुरुषों द्वारा पहना जाने वाला एक अन्त:वस्त्र है , यह पुरुष जननांग को ढककर एवं दबाकर रखने में सहायता करता है
- जाड़ा – छह ऋतुओं में से एक जिसमें ठंड पड़ती है , शीत ऋतु , सरदी का मौसम , हेमंत और शिशिर ऋतुओं का काल , आधे कार्तिक से आधे फागुन तक का समय
- काली कमली – काले रंग का कम्बल
- ओढ़ना – ओढ़नी , शरीर ढकने हेतु शरीर के उपर से डाला जाने वाला वस्त्र
- छोर – किसी चीज़ का अंतिम सिरा , किनारा , किसी वस्तु का भाग या विस्तार , सीमा , कोना
- बेडौल – जो सुडौल न हो , भद्दा , कुरूप , भद्दी बनावट का , बेढंगा
- साधु – संत , महात्मा , सज्जन व भला पुरुष , उत्तम , अच्छा , भला , विरक्त , धार्मिक , सदाचारी
- गृहस्थ – पत्नी और बाल – बच्चों वाला आदमी
- गृहिणी – घर पर रहने वाली विवाहित स्त्री , घर की कर्ता – धर्ता स्त्री , गृहस्वामिनी , पत्नी , भार्या
- पतोहू – पुत्र की पत्नी , पुत्रवधू
- खेतीबारी – खेती – किसानी , कृषि – कर्म , सब्ज़ी इत्यादि उगाने का काम
- खरा उतरना – किसी बात को सिद्ध करना
- खरा – सच्चा , जिसमें किसी प्रकार का खोट या मैल न हो , छल – कपट से रहित , निष्कपट , ईमानदार
- व्यवहार – बरताव , सलूक
- संकोच – झिझक , हिचकिचाहट , असमंजस , थोड़े में बहुत सी बातें करना , भय या लज्जा का भाव
- खामखाह – बिना किसी बात के
- झगड़ा मोल लेना – झगड़ा करना
- कुतूहल – जानने और सीखने की प्रबल इच्छा , किसी अद्भुत या विलक्षण विषय के प्रति होने वाली जिज्ञासा , उत्सुकता , आश्चर्य , अचंभा
- शौच – पाख़ाना ( लैटरिन ) जाना
- कोस – दूरी मापने की प्राचीन भारतीय पद्धति का एक पैमाना , दो किलोमीटर से कुछ अधिक की दूरी
- भेंट – उपहार , सौगात में दी गई वस्तु
- प्रसाद – अनुग्रह , कृपा , आशीर्वाद , वह खाद्य पदार्थ या मिठाई जिसे देवता आदि को चढ़ाने के उपरांत लोग ग्रहण करते हैं
- गुज़र – गुज़ारा , जीवनचर्या
- मुग्ध – मोहित , आसक्त
- मधुर गान – मीठा गीत , कर्णप्रिय गीत
- सर्वदा – हमेशा , सदा
- सजीव – जिसमें जीवन या प्राण हो , जीवनयुक्त , सप्राण , ओजपूर्ण , जीवंत
- आसाढ़ – जेठ के बाद का महीना
- रिमझिम – वर्षा की छोटी – छोटी बूँदें गिरना , फुहार पड़ना
- समूचा – संपूर्ण , पूरा
- रोपनी – बीज या पौधे आदि एक स्थान से लाकर दूसरे स्थान पर लगाने की क्रिया
- धान – एक फ़सल जिसके बीज को कूटकर चावल निकाले जाते हैं
- कलेवा – सुबह का जलपान नाश्ता , उपाहार , यात्रा के दौरान खाने के लिए लिया गया खाद्य पदार्थ
- मेंड – खेत का अंत
- पुरवाई – पुरवा हवा , पूर्व से चलने वाली या आने वाली वायु , पूर्व की वायु
- स्वर – तरंग – स्वरों का आरोह – अवरोह
- झंकार – झन – झन की ध्वनि , झनझनाहट , धातु की किसी चीज़ पर चोट करने से उससे उत्पन्न होने वाली झनझनाहट , झींगुर आदि कीटों के बोलने का शब्द
- लिथड़े – लिपटना
- पंक्तिबद्ध – किसी उद्देश्य से एक सीध में या क्रमिक रूप से खड़े हुए , एक शृंखला में बँधा हुआ , क्रमिक, कतारबद्ध , श्रेणीबद्ध
- हलवाहा – हल चलाने वाला
- भादो – श्रावण और आश्विन के बीच का महीना जो अंग्रेजी महीने के अगस्त और सितम्बर के बीच में आता है
- अंधेरी – ऐसी रात जिसमें चारों तरफ़ अँधेरा छाया रहता है या चंद्रमा की रोशनी नहीं होती
- अधरतिया – आधी रात
- मुसलधार वर्षा – वह वर्षा जो मोटी – मोटी बूंदों के रूप में बरसती है
- गरज – बहुत गंभीर या घोर शब्द
- तड़प – छटपटाहट , व्याकुलता , बेचैनी
- झिल्ली – झींगुर
- झंकार – झन – झन की ध्वनि , झनझनाहट , धातु की किसी चीज़ पर चोट करने से उससे उत्पन्न होने वाली झनझनाहट , झींगुर आदि कीटों के बोलने का शब्द
- दादुरों – मेंढक , दर्दुर
- कोलाहल – अनेक लोगों के बोलने , चीखने – चिल्लाने से होने वाला शब्द , ध्वनि या शोर , हलचल
- खँजड़ी – संगीत उत्पन्न करने वाला एक यंत्र
- चिहुँक – चहकना
- अकस्मात – अचानक , एकदम से , एकाएक , औचक , सहसा , संयोगवश
- कौंध – चमक , आकाशीय विद्युत की चमक
- चौंकाना – एकाएक कोई ऐसी बात या घटना का हाल कहना जिसे सुनकर लोग आश्चर्यचकित हो उठें
- निस्तब्धता – निस्तब्ध होने की अवस्था या भाव , निश्चेष्टता , गतिहीनता
- गठरी – कपड़े में गाँठ लगाकर बाँधा हुआ सामान , बड़ी पोटली , इकट्ठी की गई धन – दौलत , माल , बड़ी रकम
- मुसाफ़िर – यात्री , सफ़र करने वाला व्यक्ति , पथिक , बटोही , परदेशी
- कातिक – आश्विन और मार्गशीर्ष के बीच में पड़ता है और जो अंग्रेजी महीने के अक्टूबर और नवम्बर के बीच में आता है
- प्रभातियाँ – एक प्रकार का गीत जो प्रातःकाल गाया जाता है
- मील – दूरी की एक नाप 1760 गज
- पोखर – छोटा तालाब , बड़ा गड्ढा जिसमें वर्षा का जल जमा हो जाता है
- गाने टेरने लगना – गाना गाने लगना
- भोर – सूर्योदय के पूर्व की स्थिति , प्रातःकाल , तड़के
- लोही – अरुणिमा , लालिमा
- लालिमा – लाल होने की अवस्था या भाव , लाली , सुर्ख़ी , अरुणिमा
- कुहासा – हवा में मिले हुए या वातावरण में मौजूद जलवाष्प के अत्यंत सूक्ष्म कण जो बादल की तरह अदृश्यता या धुँधलापन पैदा करते हैं , धुंध , कोहरा , नीहार
- आवृत – ढका हुआ , आच्छादित
- कुश – कड़ी और नुकीली पत्तियों वाली एक प्रसिद्ध घास जिसकी पत्तियाँ हिंदुओं की पूजा , यज्ञ आदि में काम आती हैं, दर्भ
- मस्त – मद या नशे में चूर , मदोन्मत्त , मतवाला , मनमौजी , लापरवाह , बेफ़िक्र
- सुरूर – नशा , हलका नशा , ख़ुशी , आनंद , प्रसन्नता
- उत्तेजित – आवेश में आया हुआ , उत्तेजना से भरा हुआ , प्रेरित , प्रोत्साहित , क्षुब्ध , भड़का हुआ
- सरकना – फिसलना , गिरना
- मस्तक – सिर का ऊपरी और सामने वाला भाग , माथा , भाल , ललाट
- श्रम बिंदु – परिश्रम के कारण आई पसीने की बूँदें
- संझा – शाम , संध्या , सायंकाल
- उमस – वर्षा ऋतु की ऐसी गरमी जो हवा बंद हो जाने पर लगती है , बरसात की नमी युक्त गरमी
- शीतल – ठंडा , शीत उत्पन्न करने वाला , सर्द , जो ठंडक उत्पन्न करता हो , जिसमें शीतलता हो
- आसन – मूँज , कुश , ऊन आदि से निर्मित छोटी चटाई
- करतालों – दोनों हथेलियों के टकराने या आघात से उत्पन्न ध्वनि , ताली , लकड़ी – काँसे आदि का बना हुआ एक वाद्य , मजीरा
- भरमार – बहुतायत , प्रचुरता , चीज़ों की अधिकता , समृद्धि
- दुहराना – किसी बात या काम को दुबारा कहना या करना , पुनरावृत्ति करना
- श्रोता – सुनने वाला व्यक्ति , किसी सभा आदि में हो रहे भाषण आदि को सुनने वाला व्यक्ति या समूह
- चरम – आख़िरी हद या पराकाष्ठा पर पहुँचा हुआ , जैसे – चरम सुख , अत्यधिक , परम , सबसे ऊँचा या ऊपर का
- उत्कर्ष – ऊपर की ओर जाने या उठने की क्रिया या भाव , उन्नति , विकास , समृद्धि
- इकलौता – ऐसी संतान जिसके अन्य भाई – बहन न हों , अकेली औलाद जो अधिक लाड़ – प्यार में पलती है
- बोदा – कमज़ोर , कमअक्ल , तुच्छ , निकम्मा
- निगरानी – देख – रेख , निरीक्षण , देख – भाल , संरक्षण
- हकदार – हक या अधिकार रखने वाला , अधिकारी
- साध – लालसा , मन्नत , अभिलाषा
- पतोहू – पुत्र की पत्नी , पुत्रवधू
- सुभग – सुंदर , मनोहर , भाग्यवान , प्रिय
- सुशील – उत्तम शील या स्वभाववाला , सच्चरित्र , विनीत , सीधे या सरल स्वभाव का
- प्रबंधिका – व्यवस्थापक , प्रबंधकर्ता , ( मैनेजर ) ,व्यवस्था करने वाली , प्रबंध करने वाली
- निवृत्त – प्रत्यागमन , सांसारिक विषयों से विरक्त , अवकाश प्राप्त , मुक्त
- कुतूहल – जानने और सीखने की प्रबल इच्छा , कौतूहल , किसी अद्भुत या विलक्षण विषय के प्रति होने वाली जिज्ञासा , उत्सुकता , आश्चर्य , अचंभा
- तुलसीदल – तुलसी के पौधे का पत्ता , तुलसीपत्र
- क्रिया – कर्म – अंतिम संस्कार
- तूल – किसी बात का बहुत बढ़ जाना
- ज्योंही – जैसे ही
- श्राद्ध – पितरों अथवा मृत व्यक्तियों के लिए किया जाने वाला धार्मिक कर्मकांड , पिंडदान, अन्नदान आदि
- अवधि – निर्धारित समय , नियत समय , मीयाद , सीमा , हद
- चुल्लू – उँगलियों को थोड़ा मोड़कर गहरी की हुई हथेली , अंजलि
- अटल – दृढ़ , दृढ़निश्चयी , पक्का , निश्चित , अवश्यंभावी , अचल , स्थिर
- दलील – अपने पक्ष में सोच – विचार कर रखा जाने वाला तर्क , युक्ति , वाद – विवाद , बहस
- अनुरूप – सदृश , समरूप , अनुसार , मुताबिक , अनुकूल
- आस्था – धार्मिक विश्वास , निष्ठा , धारणा , आलंबन , श्रद्धा
- संत – साधु , संन्यासी , त्यागी , विरक्त पुरुष , महात्मा , सज्जन
- समागम – नज़दीक या पास आना , आगमन , सामने आना , मिलना , एकत्र होना , सम्मेलन , सभा
- लोक – दर्शन – लोगों से मिलना
- संबल – कोई सहायक वस्तु , बात या विचार , सहारा , ताकत
- उपवास – एक व्रत जिसमें व्यक्ति निराहार रहता है , अनशन
- दोनों जून – दो वक्त
- छीजना – किसी चीज़ का क्षीण होना या घिस जाना , समाप्त होना , ख़राब होना
- पंजर – हड्डियों का ढाँचा , मांस – त्वचा आदि से ढके हुए शरीर की हड्डियों का ढाँचा जिनके आधार पर शरीर ठहरा रहता है , कंकाल , ठठरी
पाठ 12 – लखनवी अंदाज़
- मुफस्सिल – गांव की बस्ती
- पैसेंजर ट्रेन – वह सवारी गाड़ी जो प्रत्येक ठहराव पर रुकती है , ( लोकल ट्रेन )
- उतावला – किसी काम को जल्द करने की हड़बड़ी , बेचैनी , अधीरता , जल्दबाज़ी
- फूँकार – फूंक मारना
- दाम – मूल्य , कीमत , रुपया , पैसा
- एकांत – निर्जन स्थान , सूना स्थान , शांत या शोरगुल रहित ऐसा स्थान जहाँ कोई न हो , तनहाई , जो स्थान निर्जन या सूना हो
- अनुमान – अंदाज़ा , अटकल
- प्रतिकूल – खिलाफ़ , विरुद्ध , विपरीत
- निर्जन – वह स्थान जहाँ कोई व्यक्ति न हो
- सहसा – अचानक
- एकांत चिंतन – गहराई से सोचने का भाव , सोचना – विचारना , कोई बात समझने या सोचने के लिए बार – बार किया जाने वाला उसका ध्यान
- विघ्न – बाधा या अड़चन
- असंतोष – नाख़ुशी , नाराज़गी , अप्रसन्नता
- अपदार्थ – अद्रव्य , नगण्यता , तुच्छता , तुच्छ चीज़
- संकोच – झिझक , हिचकिचाहट , असमंजस
- ठाली – जो कुछ भी काम – धंधा न करता हो , निठल्ला
- कल्पना – सोचना , मान लेना
- असुविधा – कठिनाई , परेशानी , सुविधाविहीनता , ज़हमत , दिक्कत
- संकोच – सिकुड़ने की क्रिया या भाव , झिझक , हिचकिचाहट , असमंजस , थोड़े में बहुत सी बातें करना
- अनुमान – अंदाज़ा , अटकल
- संभव – हेतु , कारण , उपयुक्तता , समीचीनता , कर सकने की योग्यता
- किफायत – बचत
- गवारा – जो मान्य हो , सहने लायक , मनोनुकूल , सह्य , स्वीकार्य
- मँझला – बिचला , बीच का , मध्यम , मध्य का
- कनखियों – आँखों के कोनों से
- संबोधन – जगाना , बतलाना , समझाना – बुझाना , आह्वान करना , पुकारना
- आदाब – अर्ज़ – नमस्कार कहने का एक तरीक़ा होता है
- सहसा – अचानक , अकस्मात , एकाएक , एकदम
- भाँप – जान लेना
- शराफत – शरीफ या सज्जन होने की अवस्था या भाव , सज्जनोचित कोई व्यवहार या शिष्टाचार
- गुमान – अभिमान , अहंकार , गर्व
- मामूली – साधारण , सामान्य , मध्यमस्तरीय , महत्वहीन
- लथेड़ना – ज़मीन पर या कीचड़ आदि में घसीटना , पटकना , पछाड़ना , परेशान करना या तंग करना
- किबला – बाप – दादा एवं अन्य प्रतिष्ठित और सम्मानित व्यक्तियों के लिए संबोधन का शब्द
- गोदना – गड़ाना , चुभाना , कोंचना
- एहतियात – सावधानी , ख़बरदारी , चौकसी , सतर्कता
- फाँक – भाग विशेष , टुकड़ा , निश्चित मात्रा , फल आदि का लंबाई में काटा हुआ खंड
- करीने से – कोई भी काम तरीक़े से करना
- इस्तेमाल – उपयोग , प्रयोग , किसी वस्तु को काम में लाने का भाव
- पुड़िया – किसी कागज़ आदि में किसी वस्तु को विशेष प्रकार से ऐसे लपेट देना
- हाज़िर – उपस्थित , मौजूद , जो सामने हो , प्रस्तुत
- सुर्खी – लाली , ललाई
- बुरक – बिखेरना
- स्फुरण – अंकुरण , स्फुटन , कंपन , फड़कन , स्फूर्ति
- रसास्वादन – किसी रस का स्वाद लेना , किसी सुख अथवा आनंद का उपभोग करना
- प्लावित – जल से व्याप्त , तैराया हुआ
- रईस – धनी , अमीर , बड़ा आदमी
- बालम – प्रेमी , प्रियतम
- पनियाती – रसीला , रसभरा , रसदार , पानी से सराबोर होना , पानी से भरपूर , जिसके अंदर पानी की मात्रा हो
- तलब – माँग , चाह , इच्छा , लत , आवश्यकता
- मेदा – आमाशय , पेट , उदर
- सतृष्ण – तृष्णा – युक्त , तृष्णापूर्ण , लालसा
- संयोग – मेल , मिश्रण , ( कॉम्बिनेशन ) , समागम
- दीर्घ निश्वास – लम्बी साँस
- मुँद गईं – बंद हो गई
- वासना – भावना , कामना , इच्छा , कल्पना , विचार , ख़याल , दबी हुई इच्छा
- रसास्वादन – किसी रस का स्वाद लेना , किसी सुख अथवा आनंद का उपभोग करना
- तसलीम – किसी बात को मान लेने या अंगीकार कर लेने की क्रिया या भाव , स्वीकार , अभिवादन , नतमस्तक
- तहज़ीब – शिष्टाचार , भल – मनसाहत , सज्जनता , सभ्यता , संस्कृति
- नफ़ासत – मृदुलता , कोमलता , सुंदरता , अच्छाई , स्वच्छता , सफ़ाई , निर्मलता
- नज़ाकत – नाज़ुक होने का भाव , सुकमारता , स्वभावगत कोमलता , मृदुलता
- संतुष्ट – जिसके मन को तुष्ट कर दिया गया हो या जो तुष्ट हो गया हो , तृप्त , प्रसन्न , जो राजी हो गया हो या मान गया हो
- नफ़ीस – उत्तम , उमदा , श्रेष्ठ
- एब्स्ट्रैक्ट – विचार में विद्यमान
- उदर – आमाशय , पेट
- तृप्ति – आनंद , संतुष्टि , ख़ुशी , प्रसन्नता
- लज़ीज़ – स्वादिष्ट , ज़ायकेदार
- सकील – भारी , वज़नी ,जल्दी न पचने वाला
- नामुराद – अभागा , बदनसीब , दुर्भाग्यशाली
पाठ 13 – मानवीय करुणा की दिव्य चमक
- फ़ादर – गिरजाघर का पुजारी , ईसाई पादरी
- ज़हरबाद – बहुत ज़हरीला फोड़ा
- मिठास – मीठे होने की स्थिति या भाव , मीठापन , माधुर्य
- विधान – किसी प्रकार का आयोजन और उसकी व्यवस्था , प्रबंध , निर्माण , रचना , नियम , कायदा , उपाय , तरकीब
- आस्था – धार्मिक विश्वास , निष्ठा , धारणा , आलंबन , श्रद्धा , मूल्य , आशा
- अस्तित्व – वजूद , होने का भाव , हस्ती , हैसियत , सत्ता , विद्यमानता , मौजूदगी , उपस्थिति
- देह – शरीर , काया , तन
- यातना – बहुत अधिक शारीरिक या मानसिक कष्ट , तकलीफ़ , पीड़ा , व्यथा
- देहरी – द्वार की चौखट के नीचे वाली लकड़ी या पत्थर जो ज़मीन पर रहती है , देहली , दहलीज़ , ड्योढ़ी , चौखट , घर के मुख्य-द्वार का बाहरी भाग
- चोगा – घुटनों तक लंबा एक ढीला – ढाला पहनावा , लबादा
- आकृति – ढाँचा , शक्ल , बनावट
- झाँईं – छाया
- आतुर – पूरी तरह उत्सुक , उतावला , व्याकुल , अधीर
- ममता – बच्चे के प्रति माँ का प्रेम या स्नेह
- अपनत्व – अपनापन , आत्मीयता , स्वजन भावना
- साधु – उत्तम आचरण तथा उत्तम प्रकृति वाला पुरुष , सदाचारी , संत , महात्मा , सज्जन व भला पुरुष , विरक्त , धार्मिक , सदाचारी
- प्रियजन – प्रिय लोग
- उमड़ना – उठकर फैलना , छाना , घेरना
- साक्षी – किसी बात को प्रमाणित करने के लिए दी जाने वाली गवाही , जिसने घटना आदि को घटते हुए अपनी आँखों से देखा हो , प्रत्यक्षदर्शी , चश्मदीद
- महसूस – इंद्रियों के द्वारा जिसका अनुभव किया जाए , अनुभूत , मालूम , ज्ञात , प्रकट , स्पष्ट
- करुणा – मन में उत्पन्न वह भाव जो दूसरों का कष्ट देखकर उसे दूर करने हेतु उत्पन्न होता है , दया , अनुकंपा , रहम
- निर्मल – जिसमें मैल या मलीनता न हो , स्वच्छ , साफ़ , जिसमें किसी प्रकार का दोष न हो , शुद्ध , निर्दोष , पवित्र , पापरहित
- संकल्प – दृढ़ निश्चय , प्रतिज्ञा , इरादा , विचार , कोई कार्य करने की दृढ इच्छा या निश्चय , प्रयोजन , उद्देश्य , नीयत
- परिमल – कुमकुम – चंदन आदि के मर्दन से उत्पन्न सुगंधि , कुमकुम – चंदन आदि को मलना , सुगंध , सुवास , विद्वद्मंडल , पंडितसभा
- पारिवारिक – परिवार संबंधी – परिवार का
- निर्लिप्त – जो किसी में लिप्त या आसक्त न हो , जिसका किसी से लगाव न हो , सांसारिक माया – मोह , राग – द्वेष आदि से रहित
- गोष्ठि – सभा
- गंभीर – जिसको समझना कठिन हो , जटिल , दुरूह , गूढ़ , गहरा , घना , गहन , जिसका निराकरण या समाधान करना मुश्किल हो , कठिन
- बहस – वाद – विवाद , ज़िरह
- बेबाक – स्पष्टभाषी , मुँहफट , बिना किसी बाधा या कठिनाई के बोलने वाला , निर्लज्ज , बेशर्म
- राय – सुझाव , सलाह , मत , विचार , तदवीर
- उत्सव – त्योहार , पर्व , आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाने वाला शुभ मंगल कार्य
- संस्कार – जन्म से लेकर मृत्यु तक किए जाने वाले वे सोलह कृत्य जो धर्मशास्त्र के अनुसार द्विजातियों के लिए ज़रूरी हैं , जैसे – मुंडन , यज्ञोपवीत , विवाह आदि
- पुरोहित – किसी भी जाति या धर्म का वह व्यक्ति जो धार्मिक कृत्य कराता हो
- आशीष – किसी के कल्याण , सफलता आदि के लिए कामना करना , आशीर्वाद , मंगल कामना
- वात्सल्य – प्रेम , स्नेह , विशेषतः माता – पिता के हृदय में होने वाला अपने बच्चों के प्रति नैसर्गिक प्रेम
- देवदारु – एक प्रकार का पहाड़ी वृक्ष
- क्रोध – कोई अनुचित या प्रतिकूल कार्य होने पर मन में उत्पन्न उग्र या तीक्ष्ण मनोविकार , गुस्सा , कोप , रोष
- आवेश – जोश , तैश , आक्रोश , उद्दीप्त मनोवेग , अभिनिवेश , झोंक , अंतःप्रेरणा
- लबालब – मुँह या किनारे तक भरा हुआ , पूर्णतः भरा हुआ , लबरेज़
- छलकना – मुँह तक भरा होने के कारण पानी या किसी तरल पदार्थ का बरतन से बाहर गिरना या उछलना , पूरी तरह भर जाने या भरपूर होने के कारण उमड़ना , किसी तरल पदार्थ का हिलने – डुलने के कारण किसी पात्र से उछलकर बाहर गिरना
- महसूस – इंद्रियों के द्वारा जिसका अनुभव किया जाए , अनुभूत , मालूम , ज्ञात , प्रकट , स्पष्ट
- अकसर – प्रायः , अधिकतर , बहुधा , अमूमन , बारंबार
- संन्यासी – वह जो संन्यास ले चुका हो , संन्यास आश्रम का पालन करने वाला व्यक्ति , त्यागी पुरुष
- जन्मभूमि – वह स्थान , प्रदेश या देश जहाँ किसी का जन्म हुआ हो , जन्मस्थान
- स्मृति – बुद्धि का वह प्रकार जो अतीत की घटनाओं को याद रखता है , स्मरणशक्ति , याददाश्त , अनुस्मरण , ( मेमोरी )
- अभिन्न – जो अलग न किया जा सके , जुड़ा हुआ , एक में मिला हुआ , संबद्ध , एकीकृत , आत्मीय , अंतरंग , अधिकाधिक निकट , घनिष्ठ
- लगाव – किसी के साथ लगे होने की अवस्था या भाव , अपनापन , जुड़ने का भाव , मोह , संबंध , वास्ता , खिंचाव , आकर्षण
- व्यवसायी – व्यापार करने वाला , व्यापारी
- सख्त – कठोर
- ज़िद्दी – ज़िद करने वाला , हठी , आग्रही , जिसने ठान लिया हो , स्वेच्छाचारी , दुराग्रही , अड़ियल , दृढ़
- व्यक्त – जो प्रकट किया या सामने लाया गया हो , स्पष्ट , अभिव्यक्त
- सरलता – सरल होने की अवस्था , गुण या भाव , स्वभाव या व्यवहार आदि का सीधापन , सिधाई , भोलापन , सुगमता , आसानी
- घोषित – जिसकी घोषणा की गई हो , जो जानकारी में हो
- धर्म गुरु – धर्म की शिक्षा देने वाला
- शर्त – अपनी बात मनवाने के लिए किया जाने वाला करार , प्रतिज्ञा , बाज़ी , उपबंध , पाबंदी
- धर्माचार – धर्म का आचरण की शिक्षा
- विभाग – भागों में बँटा हुआ , बँटवारा , बाँट , अंश , खंड , कार्यक्षेत्र , महकमा
- अध्यक्ष – संस्था , सभा आदि का प्रधान या मुखिया , ( चेयरपर्सन ) , मुख्य अधिकारी , नियामक , स्वामी
- शोधप्रबंध – विश्वविद्यालय से शोध – उपाधि प्राप्त करने के लिए लिखा गया शोधपूर्ण ग्रंथ , शोधग्रंथ , अनुसंधानपरक ग्रंथ , ( थिसिस)
- रूपांतर – रूप में परिवर्तन , किसी वस्तु का बदला रूप , ( ट्रांसफॉरमेशन )
- विभागाध्यक्ष – किसी विभाग का प्रधान अधिकारी
- कोश – भंडार , ख़जाना , निधि , डिब्बा , वह ग्रंथ जिसमें एक विशेष क्रम से शब्द और उनके अर्थ आदि दिए जाते हैं ( शब्दकोश )
- अनुवाद – भाषांतर , रूपांतर , पुनः कथन , दुहराव , पुनरुक्ति , एक भाषा में लिखी हुई बात को दूसरी भाषा में लिखने का कार्य
- दसियों – दस साल
- मंच – ऊँचा बना हुआ स्थान , चबूतरा , भाषण स्थल , रंगमंच
- बयान – अभियुक्त या साक्षी द्वारा कही गई बात , कथन , वृत्तांत , वर्णन , ज़िक्र
- अकाट्य – जो काटा न जा सके , जिसकी कोई काट न हो , अत्यंत दृढ़ , मज़बूत , कठोर , जिसका तर्क या तथ्य से खंडन न किया जा सके , अखंडनीय , अटूट
- तर्क – किसी कथन को पुष्ट करने हेतु दिया जाने वाला साक्ष्य , दलील , कारण , ( आर्ग्यूमेंट )
- झुँझलाना – क्रुद्ध या व्यथित होकर कोई बात कहना , खिजलाना , खीजना , चिड़चिड़ाना , चिढ़ना , उकताना , बिगड़ना
- निजी – व्यक्तिगत , ( पर्सनल ) , अपना , निज , किसी समूह के कुछ विशेष लोगों से संबंधित , आपसी , गैर – सरकारी , ( प्राइवेट )
- स्वभाव – आदत , जीवन जीने या कार्य करने का ढंग , प्रवृत्ति , ( हैबिट ) , मानसिकता
- सांत्वना – दुखी और शोकाकुल व्यक्ति को समझाने – बुझाने और ढाढ़स देने की क्रिया , तसल्ली , आश्वासन , तुष्ट करने वाले शब्द और कथन
- जनमती – जन्म लेना
- झरती – झड़ती
- विरल – दुर्लभ , जो घना न हो , शून्य , रिक्त , ख़ाली , पतला , अल्प , थोड़ा , कम , निर्जन , एकांत
- उलझाना – फँसाना , लगाए रखना
- ताबूत – मृत शरीर रखने का संदूक
- जिस्म – देह , शरीर , काया , बदन
- थिर – जो स्थिर हो , जो हिलता – डुलता न हो , जो चलता न हो , अचल , ठहरा हुआ , जिसमें चंचलता न हो , धीर , शांत
- तरलता – तरल होने का भाव या अवस्था , द्रवता , पतलापन , विरलता , चपलता , चंचलता
- परिजन – परिवार के सदस्य , जैसे – पत्नी , पुत्र आदि , भरण – पोषण के लिए आश्रित लोग , साथ रहने वाले लोग , अनुगामी और अनुचर वर्ग
- सँकरा – पतला और तंग , जिसकी चौड़ाई कम हो , कसा हुआ , संकीर्ण
- छाँह – छाया
- कब्रगाह – वह स्थान जहाँ शव गाड़े जाते हैं , कब्रिस्तान , समाधि स्थल
- छोर – किसी चीज़ का अंतिम सिरा , किनारा , साहिल , किसी वस्तु का भाग या विस्तार , सीमा , कोना , नोक
- कब्र – वह गड्ढा जो शव को गाड़ने के लिए खोदा जाता है
- अवाक – विस्मित , स्तब्ध , चकित , मौन , चुप
- करील – एक प्रकार की काँटेदार झाड़ी
- वृत्त – गोल , वर्तुल
- गैरिक – गेरू , गेरुआ , सोना , गेरू रंग में रँगा हुआ , गेरूए रंग का
- वसन – वस्त्र , कपड़ा , आच्छादन , आवरण
- अपरिचित – जिसकी जानकारी न हो , जिससे परिचय न हो , अजनबी , जिसे जानकारी न हो , नावाकिफ़
- आहट – पैरों से चलने की धमक या पदचाप , हिलने – डुलने से होने वाली हलकी ध्वनि
- सिमटना – संकुचित होना , सिकुड़ना , पास आना , करीब आनामसीही – ईसाई , ईसा को मानने वाला व्यक्ति , ईसा मसीह से संबंधित , ईसाई धर्म का
- विधि – व्यवस्था आदि का तरीका या प्रणाली , व्यवस्था द्वारा नागरिकों के निमित्त निर्मित कानून , ( लॉ )
- श्रद्धांजलि – अंजली में फूल आदि भरकर श्रद्धा से किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति को चढ़ाना , किसी मृत व्यक्ति की स्मृति में आदरपूर्ण कथन , ( होमेज )
- अर्पित – अर्पण किया हुआ , श्रद्धा के साथ अपने अभीष्ट को न्योछावर किया हुआ , दिया हुआ , चढ़ाया हुआ , समर्पित
- अनुकरणीय – अनुकरण करने योग्य , नकल करने योग्य , पीछे चलने योग्य , अनुगमनीय
- नमन – झुकने की क्रिया या भाव , नमस्कार , प्रणाम
- आजीवन – जीवन पर्यंत , जीवनभर , जीवित रहने तक
- ज्योति – प्रकाश , उजाला , रोशनी , द्युति
- श्रद्धानत – आदर में झुका हुआ
पाठ 14 – एक कहानी यह भी
- सिलसिला – एक के बाद एक चलते रहने वाला क्रम , क्रमिकता , श्रेणी , पंक्ति , कतार
- साम्राज्य – एक विशाल राज्य जिसके अधीन अनेक छोटे – छोटे राज्य या देश हों , सार्वभौम राज्य , सल्तनत
- निहायत – अत्यंत , बहुत अधिक , ज़्यादा , हद , सीमा
- अव्यवस्थित – असहज , जो ठीक क्रम से न हो , बेतरतीब
- डिक्टेशन – श्रुतलेख , सुनकर लिखा जाने वाला लेख , इमला , अनुलेखन
- सदैव तत्पर – आज्ञाकारी , आतुर , उतावला , उत्साही , इच्छुक
- प्रतिष्ठा – मान – मर्यादा , सम्मान , इज़्ज़त
- ओहदों – पद , पदवी
- दरियादिली – सज्जनता , नेकी , सहृदयता , अति उदारता , दान देने की प्रवृत्ति , दयालुता
- अहंवादी – स्वयं को दूसरों से बदकर समझने वाला , अहंमन्य , घमंडी
- भग्नावशेष – मलबा , अवशेष
- हौसला – उत्साह , साहस , हिम्मत
- शब्दकोश – शब्दों के वर्ण विन्यास , अर्थ , प्रयोग , व्युत्पत्ति तथा पर्याय आदि से संबंधित ग्रंथ , अभिधान कोश , कोश
- विषयवार – विषय अनुसार
- यश – प्रशंसा , बड़ाई , कीर्ति , नाम , सुख्याति
- सकारात्मक – निश्चित और स्थिर स्वरूप वाला , निश्चयी , ( पॉजिटिव ) , उपयोगी
- सिकुड़ना – आकुंचित होना , सिमटना , आकार में छोटा हो जाना , शिकन , सिलवट पड़ना
- विस्फारित – फैलाया हुआ , फाड़ा हुआ , खोला हुआ
- अहं – स्वयं की सत्ता , औरों से भिन्न अपनी पृथक सत्ता का भान , अहंकार , घमंड , अहम्मन्यता
- अनुमति – किसी कार्य को करने की इजाज़त , स्वीकृति , ( एस्सेंट ) , अनुज्ञा , ( परमिशन )
- विवशता – चाहकर भी किसी काम को न कर पाने की स्थिति , विवश होने की अवस्था या भाव , लाचारी , पराधीनता
- भागीदार – भाग या हिस्सा प्राप्त करने वाला व्यक्ति , हिस्सेदार , साझेदार , हकदार
- महत्वाकांक्षाएँ – उन्नति को प्राप्त करने की इच्छा , बड़ा बनने की आकांक्षा , सपन , तमन्ना , अरमान , कामना )
- हाशिए – अंतिम किनारा , आख़िरी छोर , कोर
- सरकना – खिसकना , रेंगना , ज़मीन से सटे हुए आगे बढ़ना , धँसना , फिसलना , हट जाना
- यातना – बहुत अधिक शारीरिक या मानसिक कष्ट , तकलीफ़ , पीड़ा , व्यथा
- विश्वासघात – छल , धोखा , विश्वास को तोड़ना , किसी के विश्वास के विरुद्ध किया गया काम , दगाबाज़ी
- आँख मूँदकर – आँख बंद करके
- शक्की – शक करने वाला , शंकाशील , संदेह करने वाला
- चपेट – लपेट , घेरा , धक्का , झोंका , प्रहार , आघात , टक्कर , कठिनाई या संकट की स्थिति
- पितृ – गाथा – पिता की प्रशंसा
- गौरव – सम्मान , आदर , इज़्ज़त , प्रतिष्ठा , मर्यादा , महिमा , गरिमा , महानता , बड़प्पन
- खूबी – अच्छाई , अच्छापन , विशेषता
- खामियाँ – कमियाँ , बुराइयाँ
- ग्रंथि – शरीर में गाँठ के रूप में होने वाला वह अवयव जो शरीर के लिए उपयोगी रस उत्पन्न करता है
- लेखकीय – लेखक संबंधी
- उपलब्धि – उपलब्धता , प्राप्ति , महत्वपूर्ण सफलता , अनुभव , प्रत्यक्ष ज्ञान
- संकोच – झिझक , हिचकिचाहट , असमंजस , भय या लज्जा का भाव
- अचेतन – बेहोश , बेसुध , निर्जीव , अज्ञानी , चेतना – रहित
- खंडित – जिसे तोड़ा गया हो , जो कई जगह से टूटा हुआ हो
- व्यथा – मानसिक या शारीरिक क्लेश , पीड़ा , वेदना , चिंता , कष्ट
- झलक – आकृति का आभास या प्रतिबिंब
- उपजा – उत्पन्न , पैदा
- शक – संदेह , संशय , शंका , भ्रांति होना या पड़ना
- कुंठा – निराशाजन्य अतृप्त भावना , ( फ़्रस्ट्रेशन )
- प्रतिक्रिया – किसी कार्य या घटना के परिणाम – स्वरूप होने वाला कार्य , ( रिएक्शन )
- प्रतिच्छाया – चित्र , तस्वीर , प्रतिरूप , परछाईं , प्रतिबिंब , प्रतिमा
- परंपरा – प्राचीन समय से चली आ रही रीति , परिपाटी , ( ट्रैडिशन )
- आसन्न – निकट या नज़दीक आया हुआ , समीपस्थ , उपस्थित
- प्रवाह – बहाव , बहने की क्रिया या भाव , धार , धारा
- विपरीत – जैसा होना चाहिए उससे उलटा , विरुद्ध , प्रतिकूल , ख़िलाफ़ , विपरीत क्रम , भिन्न
- धैर्य – शांति , सब्र
- सहनशक्ति – सहने की शक्ति या सामर्थ्य
- ज़्यादती – ज़ुल्म , ज़बरदस्ती , अत्याचार , कठोर व्यवहार
- प्राप्य – जो कहीं से या किसी से प्राप्त हो सकता हो , प्राप्त करने के योग्य , जो मिल सके , मिलने के योग्य
- फ़रमाइश – किसी बात या काम को करने का आग्रह , निवेदन , आज्ञा के रूप में कुछ माँगना , ( ऑर्डर ) , अनुरोध के साथ की गई माँग
- ज़िद – किसी बात पर अड़े रहने का भाव , हठ , किसी अनुचित बात के लिए किया जाने वाला दुराग्रह , अड़ , दृढ़ता
- सहज – सरल , सुगम , स्वाभाविक , सामान्य , साधारण
- लगाव – शायद सहानुभूति से उपजा
- निहायत – अत्यंत , बहुत अधिक , ज़्यादा , हद , सीमा
- असहाय – जिसकी कोई सहायता करने वाला न हो , मजबूर , निराश्रय , अनाथ
- सहिष्णुता – सहिष्णु होने की अवस्था , गुण या भाव , सहनशीलता , क्षमाशीलता
- पैतृक – पिता संबंधी , पुरखों का , पुश्तैनी
- पुराण – प्राचीन घटना या उसका वृत्तांत , बहुत पुराना होने के कारण जीर्ण – शीर्ण
- धुँधली – अँधेरा , अस्पष्ट , नज़र की कमी या दोष
- आँगन – मकान की सीमा में आने वाला वह खुला स्थान जिसे घर के कामों के लिए उपयोग में लाया जाता है
- सतोलिया – सतोलिया खेल को खेलने के लिए सात चपटे पत्थर ढूँढ़ने पड़ते हैं जिन्हें एक के ऊपर एक जमाया जाता है। सबसे बड़ा पत्थर नीचे और फिर ऊपर की तरफ छोटे होते हुए पत्थर लगाये जाते हैं
- दायरा – अधिकार या कर्म का क्षेत्र
- पाबंदी – पाबंद होने की क्रिया , भाव या अवस्था , किसी नियम , वचन , सिद्धांत आदि का पूर्ण रूप से पालन करने की विवशता या लाचारी , किसी के अधीन होकर काम करने का भाव
- शिद्दत – प्रबलता , तीव्रता , लगन , तीव्र भावना , गरमजोशी
- आधुनिक – वर्तमान समय या युग का , समकालीन , सांप्रतिक , हाल का
- परंपरागत – परंपरा से प्राप्त होने वाला , परंपरा से संबद्ध , पीढ़ी दर पीढ़ी होने वाला
- विच्छिन्न – जिसका विच्छेद हुआ हो , काटकर या छेदकर अलग किया हुआ , पृथक , विभाजित , छिन्न – भिन्न , समाप्त
- संकुचित – संकीर्ण , तंग , सँकरा , अनुदार
- आरंभिक – शुरुआती , शुरू का , आरंभ का , प्रारंभिक
- पात्र – उपन्यास , कहानी , नाटक आदि में वे व्यक्ति जो कथा – वस्तु की घटनाओं के घटक होते हैं और जिनके क्रिया – कलाप या चरित्र से कथावस्तु की सृष्टि और उसका परिपाक होता है , अभिनेता
- किशोरावस्था – बारह से अठारह वर्ष तक की आयु
- युवावस्था – जवानी , यौवन , तरुण अवस्था
- अहसास – अनुभव , प्रतीति , संवेदन , ध्यान , ख़याल
- अंतराल – फ़ासला , दूरी , लंबाई , विस्तार
- भाव – भंगिमा – कला पूर्ण शारीरिक मुद्रा , स्त्रियों के हाव – भाव या कोमल चेष्टाएँ , कुटिलता , वक्रता
- व्यक्तित्व – अलग सत्ता , पृथक अस्तित्व , निजी विशेषता , वैयक्तिकता
- अभिव्यक्ति – प्रकटीकरण , स्पष्टीकरण , परोक्ष और सूक्ष्म कारणों का प्रत्यक्ष कार्य के रूप में सामने आना , जैसे – बीज से अंकुर का प्रस्फुटन
- आश्चर्य – विस्मय , अद्भुत रस का स्थायी भाव , अचरज , अचंभा , हैरानी
- अनिवार्य – जिसके बिना काम न चल सके , नितांत आवश्यक , ( कंपल्सरी ) , अवश्यंभावी
- योग्यता – गुण , क्षमता , औकात , बुद्धिमानी , प्रतिष्ठा
- मैट्रिक – हाईस्कूल , दसवीं , प्रवेशिका
- छत्र – छाया – सुरक्षा , पनाह , शरण
- वज़ूद – सत्ता , अस्तित्व
- एहसास – अनुभव , संवेदन , प्रतीति , भावना
- केंद्रित – केंद्र में स्थित , केंद्र में लाया हुआ , किसी निश्चित स्थान में एकत्रित
- सुघड़ – ठीक ढंग से गढ़ा हुआ , सुडौल , सुंदर , किसी कार्य में कुशल , निपुण , हुनरमंद , सलीकेदार
- गृहिणी – घर पर रहने वाली विवाहित स्त्री , घर की कर्ता – धर्ता स्त्री , गृहस्वामिनी , पत्नी , भार्या
- कुशल – जो किसी काम को करने में दक्ष हो , जो किसी काम को श्रेष्ठ तरीके से करता हो , प्रशिक्षित , योग्य
- पाक – शास्त्री – खाना बनाने की कला में निपुण
- नुस्खे – उपाय
- आग्रह – अनुरोध , निवेदन , किसी बात पर बार – बार ज़ोर देना , किसी बात पर अड़े रहना , हठ
- विभिन्न – भिन्न – भिन्न , विविध प्रकार का , कई तरह का
- जमावड़ा – एक स्थान पर इकट्ठा हुए लोगों का समूह , भीड़ , मजमा , एकत्रीकरण
- बहस – वाद – विवाद , ज़िरह
- शगल – शौक , मनबहलाव का कोई काम
- नाश्ता – सुबह का अल्पाहार , जलपान , कलेवा , ( ब्रेकफास्ट )
- विरोध – अवरोध , रुकावट , बाधा , आपसी अनबन या बिगाड़ , लड़ाई , झगड़ा , संघर्ष
- मतभेद – राय न मिलना , मत की भिन्नता , मतांतर , पारस्परिक मतभेद
- रोमानी – रोमांटिक , जो रूह को अच्छा लगे
- आकर्षण – विशेष प्रकार का खिंचाव , लगाव
- आक्रांत – वशीभूत , अभिभूत , ग्रस्त , सताया हुआ , व्याप्त
- आलम – हालत , दशा
- अहमियत – महत्व , गंभीरता , वजनदारी
- परिचित – जिसका परिचय प्राप्त हो , जिसे जानते हों , जाना – पहचाना हुआ , समझा हुआ , ज्ञात , जिससे जान – पहचान या मेलजोल हो
- प्राध्यापिका – महिला प्राध्यापक
- ककहरा – हिंदी वर्णमाला में ‘ क ‘ से ‘ ह ‘ तक के वर्णों का समूह , वर्णमाला , किसी विषय का आरंभिक या ज़रूरी ज्ञान
- नियुक्त – किसी काम पर लगाया हुआ , तैनात या मुकर्रर किया हुआ , जो किसी पद पर रखा गया हो , नियोजित
- बाकायदा – विधिपूर्वक , कायदे से , नियम से , भली – भाँति
- आकृष्ट – आकर्षित , खींचा हुआ , मुग्ध
- सीमित – जिसकी सीमाएँ हों , एक निश्चित विस्तार या सीमा तक
- झोंक – नशा , मनोविकार , गति की ऐसी तीव्रता या वेग जो सहसा रुक न सकता हो
- मंथन – किसी समस्या या सिद्धांत के लिए किया जाने वाला गंभीर विचार – विमर्श , चिंतन , गूढ़ तत्व की छानबीन
- ध्वस्त – ढहा हुआ , नष्ट , पतित , गिरा हुआ
- दायरा – अधिकार या कर्म का क्षेत्र
- सक्रिय – जो कोई क्रिया कर रहा हो , क्रियाशील , क्रियायुक्त , कर्मठ , जो क्रियात्मक रूप में हो , फुरतीला
- संभव – होना , घटित होना , हेतु , कारण , मिलन , संयोग , कर सकने की योग्यता
- प्रभात – भोर , सुबह , प्रातः काल
- फेरियाँ – फिराना , घुमाना , चलाना , नाच और गाने में घूमना , बलाएँ लेना
- दमखम – क्षमतापूर्णता , ताकत , शक्तिपूर्णता , समर्थता , सुदृढ़ता
- उन्माद – अत्यधिक प्रेम ( अनुराग ) , पागलपन , सनक , एक संचारी भाव
- जोशीली – जोश से भरा हुआ , जिसमें खूब जोश हो
- बवंडर – तेज़ हवा की वह अवस्था जिसमें वह घेरा बाँधकर चक्र की तरह घूमती हुई ऊपर उठती हुई आगे बढती है , चक्रवात , अंधड़
- निषेध – मनाही , प्रतिबंध , रोक , बाधा , अस्वीकृति , इनकार , ऐसा नियम या आज्ञा जिसमें किसी बात की मनाही हो
- वर्जनाएँ – निषेध , मनाही , किसी कार्य या बात के वर्जित होने की अवस्था या भाव , प्रतिबंध
- यश – कामना – प्रशंसा की इच्छा , बड़ाई की इच्छा , कीर्ति , नाम , सुख्याति
- यश – लिप्सा – किसी चीज़ को किसी भी प्रकार पाने की अनियंत्रित इच्छा या चाहत , प्राप्ति की प्रबल कामना
- दुर्बलता – कमज़ोरी , दुबलापन
- धुरी – अक्ष , चूल
- सिद्धांत – पर्याप्त तर्क – वितर्क के पश्चात निश्चित किया गया मत , उसूल , ( प्रिंसिपल )
- विशिष्ट – असाधारण , अद्भुत , विलक्षण , प्रसिद्ध , यशस्वी
- प्रतिष्ठा – मान – मर्यादा , सम्मान , इज़्ज़त
- वर्चस्व – तेज , दीप्ति , कांति , प्राबल्य , आधिपत्य
- कोप – क्रोध , गुस्सा
- गतिविधि – रहने – सहने का ढंग , आचरण , चाल – ढाल , चेष्टा , क्रिया – कलाप
- भन्ना – क्रोध और हताशा
- कहर – आफ़त , विपत्ति , आपत्ति , संकट , प्रकोप
- बरपा – बरसना
- गुबार – मन में दबा हुआ दुर्भाव या क्रोध , शिकायत , मैल , मन में भरी बातें कह डालना
- रौब – रोब , रुआब , दबदबा
- आग्रह – अनुरोध , निवेदन , किसी वस्तु को ग्रहण करना , नैतिक बल , किसी बात पर बार – बार ज़ोर देना , किसी बात पर अड़े रहना , हठ
- गद्गद – ख़ुशी से भाव – विभोर हो जाने पर जब गला भर जाता है
- अवाक – विस्मित , स्तब्ध , चकित , मौन , चुप
- हकीकत – वास्तविकता , यथार्थता , सच्चाई , सत्यता , असलियत
- चौपड़ – मुख्य बाजार का चौराहा
- निहायत – अत्यंत , बहुत अधिक , ज़्यादा
- दकियानूसी – जो रुढ़िवादी हो , पुराने ख़याल या विचारों का , संकीर्ण सोचवाला , अंधविश्वास से युक्त , नवीनता का विरोधी
- भभकना – तेज़ी से जल उठना , भड़कना , उबलना , दहकना
- बेखबर – जिसे कोई खबर न हो , जिसे कोई बात पता न हो
- धुआँधार – घोर , भीषण , मूसलाधार , लगातार वेग से , बहुत तेज़ी से
- संतोष – ऐसी मानसिक अवस्था जिसमें प्रदत्त वस्तु या स्थिति ही यथेष्ट हो , तृप्ति का भाव , सब्र , संतुष्टि , आनंद , हर्ष , धैर्य
- राहत – आराम , चैन , सुख , छूट , बचाव
- अंतर्विरोधों – किसी कार्य या बात में एक ही समय में परस्पर विरोधी स्वर या स्थितियाँ
- प्रबल – शक्तिशाली , बलवान , जिसमें बहुत अधिक बल हो , प्रचंड , उग्र , तेज़ , बहुत ज़ोरों का , घोर , भारी
- लालसा – किसी चीज़ को पाने की उत्कट इच्छा या अभिलाषा , लिप्सा
- छवि – आभामंडल , प्रभाव , स्वरूप ( व्यक्तित्व ) , सौंदर्य – चित्र , सुंदरता , शोभा , आकर्षक रूप , प्रभा , कांति , चमक
- सजगता – सावधानी , सतर्कता , होशियारी , चौकन्नापन , चालाकी
- निषिद्ध – जिसका निषेध किया गया हो , मना किया हुआ , वर्जित , जिसपर सरकार द्वारा रोक लगाई गई हो , जिसके आयात – निर्यात की मनाही हो
- चिर – जो बहुत दिनों से हो , बहुत दिनों तक चलता रहे , चिरायु , सदा , हमेशा
- प्रतीक्षित – जिसकी प्रतीक्षा की गई हो अथवा की जा रही हो , जिसका यथेष्ट ध्यान रखा गया हो
- बिला – बिना , बगैर , रहित , सिवा
पाठ 15 – स्त्री – शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन
- शोक – किसी आत्मीय की मृत्यु के कारण होने वाला दुख , मातम , पीड़ा , रंज , अंतर्वेदना , अफ़सोस , अवसाद , मनोव्यथा , गम , दर्द , दुखड़ा
- विद्यमान – अस्तित्व में होना , उपस्थित , वर्तमान , मौजूद , यथार्थ
- सुशिक्षित – जिसने अच्छी शिक्षा पाई हो , सुशिक्षा प्राप्त , अच्छी तरह से सिखाया हुआ
- पेशा – जीविका हेतु किया जाने वाला धंधा , व्यवसाय , काम
- कुशिक्षितों – जिसमें ज्ञान की कमी हो
- कुमार्गगामियों – जो गलत मार्ग पर चलने वाला हो
- सुमार्गगामी – सही मार्ग या दिशा में चलने वाला
- अधार्मिकों – जो धार्मिक या धर्म से संबद्ध न हो , धर्म से संबंध न रखने वाला , धर्म को न मानने वाला , धर्म – विरुद्ध
- दलीलें – अपने पक्ष में सोच – विचार कर रखा जाने वाला तर्क , युक्ति , वाद – विवाद , बहस
- कुलीन – उत्तम या प्रसिद्ध कुल में उत्पन्न , ख़ानदानी , अभिजात , किसी प्रसिद्ध कुल का व्यक्ति
- अपढ़ों – अनपढ़ , जो पड़ा – लिखा न हो
- प्रमाणित – प्रमाण द्वारा सिद्ध , प्रमाणसिद्ध
- नियमबद्ध – नियमों से बँधा हुआ , नियमों के अनुसार चलने या होने वाला , नियमानुकूल
- प्रणाली – परंपरा , प्रथा
- अनर्थ – बुरा , अशुभ , उलटा – पुल्टा , अर्थहीन
- तिस – जिस
- कटु – अप्रिय , बुरा लगने वाला , कटुभाषी , कर्कश , कुभाषी , दुखद , कष्टकारी
- दुष्परिणाम – बुरा नतीजा , घातक परिणाम
- प्रभावशाली – जिसमें प्रभाव उत्पन्न करने की शक्ति हो , प्रभाववाला , जिसका दूसरों पर बहुत प्रभाव या असर पड़ता हो , असरदार , तेजस्वी , फलप्रद , परिणामकारी
- उपेक्षा – किसी की इस प्रकार अवहेलना करना कि वह अपमानजनक प्रतीत हो , तिरस्कार , अनादर
- सबूत – वह बात या वस्तु जिससे कोई बात साबित या प्रमाणित होती हो , प्रमाण
- समस्त – आदि से अंत तक जितना हो वह सब , संपूर्ण , सभी , पूरा , कुल
- समुदाय – समूह , झुंड़ , दल , समाज , वर्ग , जाति , बिरादरी
- सबूत – वह बात या वस्तु जिससे कोई बात साबित या प्रमाणित होती हो , प्रमाण
- चलन – रिवाज , रीति , ( फ़ैशन , ट्रेंड )
- प्रचलित – जिसका प्रचलन हो , जो उपयोग या व्यवहार में आ रहा हो
- त्रिपिटक – बौद्धों का मूल ग्रंथ जो तीन पिटकों या भागों ( विनय , सुत्त और अभिधम्म )
- विभक्त – अलग किया हुआ , जिसके भाग किए गए हों , बाँटा हुआ , विभाजित
- सर्वसाधारण – आम आदमी , आम जनता , सभी प्रकार के सामान्य लोग , जो सब लोगों के लिए हो , सार्वजनिक
- चिह्न – निशान , छाप , पहचान , लक्षण , दाग , धब्बा , झंडा , पताका , निशानी , कोई वस्तु या भेंट जिसे देखकर उससे जुड़ी बातें या कोई घटना याद आ जाए
- संपादक – पुस्तक या सामयिक पत्र आदि को संशोधित कर प्रकाशन के योग्य बनाने वाला व्यक्ति , ( एडिटर ) , प्रस्तुत करने वाला
- प्राकृत – एक भाषा जिसका प्रयोग प्राचीन साहित्य में मिलता है
- नाट्यशास्त्र – नृत्य , संगीत एवं अभिनय आदि से संबंधित कलाओं की विस्तृत विवेचना करने वाला शास्त्र
- नियमबद्ध – नियमों से बँधा हुआ , नियमों के अनुसार चलने या होने वाला , नियमानुकूल
- उल्लेख – वर्णन , चर्चा , ज़िक्र
- द्वीपांतरों – एक द्वीप से दूसरे द्वीप तक
- दर्शक – दर्शन करने वाला , देखने वाला , द्रष्टा
- हवाला – प्रमाण या साक्ष्य का उल्लेख , पता , निशान , उदाहरण , दृष्टांत
- प्रगल्भ – प्रायः बढ़ – चढ़कर बोलने वाला , अधिक बोलने वाला , प्रतिभाशाली , हाज़िरजवाब , निडर , निर्भय
- तत्कालीन – उस समय या उसी समय का
- तर्कशास्त्रज्ञता – तर्क शास्त्र को जानना
- न्यायशीलता – न्याय के अनुसार आचरण करना
- बलिहारी – प्रेम , श्रद्धा आदि के कारण अपने आपको किसी के अधीन या किसी पर न्योछावर कर देना
- ईश्वर – कृत – ईश्वर द्वारा निर्मित , जिनका निर्माण स्वयं ईश्वर ने किया हो
- विश्ववरा – वैदिक काल की एक प्रसिद्ध विद्वान स्त्री
- ककहरा – हिंदी वर्णमाला में ‘ क ‘ से ‘ ह ‘ तक के वर्णों का समूह , किसी विषय का आरंभिक या ज़रूरी ज्ञान
- आदृत – आदर किया या पाया हुआ , आदरप्राप्त , सम्मानित , प्रतिष्ठित
- शार्ङ्गधर – शार्ङ्गधर मध्यकाल के एक आयुर्वेदाचार्य थे
- विज्ञ – जानकार , विद्वान , ज्ञाता , विशेषज्ञ , निपुण
- व्याख्यान – किसी विषय पर अपने विचार प्रस्तुत करना , ( लेक्चर ) , भाषण
- पांडित्य – पंडित होने की अवस्था या भाव , पंडिताई , विद्वता
- ब्रह्मवादियों – वेद पढ़ने – पढ़ाने वाला
- सहधर्मचारिणी – पत्नी
- दुराचार – निंदनीय आचरण , बदचलनी , कदाचार , कुकृत्य , दुष्कर्म , कुकर्म
- कुफल – किसी गलत कार्य या बात के परिणामस्वरूप मिलने वाला बुरा फल या नतीजा , दुष्परिणाम
- कालकूट – समुद्र मंथन के समय निकला हुआ विष जिसका शिव ने पान किया था
- पीयूष – अमृत
- दृष्टांतों – किसी विषय को समझाने के लिए उसके समान किसी दूसरी बात का कथन , उदाहरण , मिसाल
- गौरव – सम्मान , आदर , इज़्ज़त , प्रतिष्ठा , मर्यादा , श्रेष्ठता , प्रभुता , महानता , बड़प्पन , वर्चस्व
- विपक्षी – जिसका संबंध विपक्ष से हो , विरोधी , विपरीत , उलटा , प्रतिद्वंद्वी , प्रतिवादी , शत्रु , वैरी
- कल्पना – रचनाशीलता की मानसिक शक्ति , कल्पित करने का भाव , उद्भावना , सोच , मान लेना
- उत्तरार्द्ध – किसी वस्तु के दो खंडों या भागों में से उत्तर अर्थात् अंत की ओर या बाद में पड़ने वाला खंड या भाग , पिछला आधा भाग
- त्रेपनवाँ – 53
- एकांत – निर्जन स्थान , सूना स्थान , शांत या शोरगुल रहित ऐसा स्थान जहाँ कोई न हो , तनहाई
- अल्पज्ञ – कम जानने वाला , कम ज्ञान रखने वाला , अबोध
- सूचक – सूचित करने वाला , सूचना देने वाला , किसी चीज़ अथवा तथ्य का लक्षण या भेद बताने वाला , बोधक , परिचायक
- सनातन – सदा बना रहने वाला , नित्य , शाश्वत , चिरंतन , निश्चल , स्थिर ,अनंत , अनादि
- धर्मावलंबी – वह जो किसी धर्म को मानता हो
- अपेक्षा – आशा , उम्मीद , भरोसा ,आवश्यकता , तुलना में
- प्राक्कालीन – जिसे हुए या बने बहुत दिन हो गये हों
- विक्षिप्तों – जिसके मस्तिष्क में विकार हो गया हो , पागल , सनकी
- बातव्यथितों – बातों से दुःखी होने वाला
- ग्रहग्रस्तों – पाप ग्रह से प्रभावित
- गांधर्व – विवाह – प्रेम – विवाह
- मुकरना – अपनी कही हुई बात से हट जाना , इनकार करना , नटना
- किंचित – थोड़ा , अल्प , कुछ
- साध्वी – पतिव्रता स्त्री , नारी , पवित्र आचरणवाली , शुद्ध आचरणवाली
- दुर्वाक्य – बुरा वाक्य
- परित्यक्त – पूर्ण रूप से त्यागा हुआ , पूर्णत , उपेक्षा पूर्वक छोड़ा हुआ
- मिथ्यावाद – असत्य कथन , झूठी बात
- अनुरूप – अनुसार , मुताबिक , अनुकूल
- उक्ति – कवित्वमय कथन , वचन , वाक्य , अनोखा व चमत्कारपूर्ण वाक्य , महत्वपूर्ण कथन , किसी की कही हुई बात
- अतएव – इसलिए
- सर्वथा – सब प्रकार से , हर विचार और दृष्टि से , बिल्कुल , सरासर , पूरा
- हरगिज़ – कदापि , कत्तई , किसी भी हालत में ( नकारात्मक अर्थ में प्रायः ‘ नहीं ‘ के साथ प्रयुक्त , कभी , किसी दशा में भी नहीं )
- मुमानियत – मनाही , अस्वीकृति , रोक , पाबंदी
- अभिज्ञता – जानकारी , ज्ञान , कुशलता , निपुणता
- दंडनीय – दंड के योग्य , जो दंडित होने योग्य हो
- निरक्षर – जिसे अक्षर ज्ञान न हो , जो पढ़ा लिखा न हो , अनपढ़ , अशिक्षित
- अपकार – अहित , अनिष्ट , अत्याचार , अनुचित आचरण या व्यवहार
- बाधा – अड़चन , विघ्न , रुकावट , रोक , प्रतिबंध , कष्ट , पीड़ा , संकट
- व्यापक – विस्तृत , चारों ओर फैला हुआ
- समावेश – एक जगह जाना , साथ रहना , सम्मिलित होना
- अंतर्गत – अंदर समाया हुआ , शामिल , ( इनक्लुडिड ) , किसी के अंग के रूप में उसमें शामिल , अधीन
- अनर्थकारी – अनिष्टकारी , अहितकर , अनर्थ करने वाला , उत्पाती , उपद्रवी
- संशोधन – शुद्ध या साफ़ करना , सुधारना , ठीक करना , शुद्धीकरण , परिष्कार
- अभिमान – घमंड , अहंकार , मद , गुमान , नाज़ , गर्व , आक्षेप
- उत्पादक – उत्पादन करने वाला , जिससे कुछ उत्पादन हो
- सोलहों आने – पूरे तौर पर
- मिथ्या – असत्य , झूठ , तथ्यहीन , निराधार , कृत्रिम , बनावटी
पाठ 16 – नौबतखाने में इबादत
- पंचगंगा – काशी का एक प्रसिद्ध घाट जो मान्यतानुसार पाँच नदियों का संगमस्थान है
- घाट – नदी , सरोवर या तालाब का वह किनारा जहाँ लोग पानी भरते , नहाते – धोते एवं नावों पर चढ़ते उतरते हैं , नदी , झील आदि का वह किनारा जहाँ पानी में उतरने के लिए सीढ़ियाँ बनी होती हैं
- ड्योढ़ी – दरवाज़ा , फाटक , दहलीज़ , द्वार या दरवाज़े के पास की ज़मीन , किसी घर में प्रवेश करने की जगह , चौखट
- नौबतखाना – वह स्थान जहाँ नक्कारे या नगाड़े बजते हैं
- मंगलध्वनि – मांगलिक अवसरों या उत्सव आदि में होने वाली ध्वनि , मंगलगीत
- राग – किसी ख़ास धुन में बैठाये हुए स्वर का ढाँचा
- भीमपलासी – दिन के रागों में अति मधुर और कर्णप्रिय राग है
- मुलतानी – भारतीय शास्त्रीय संगीत का एक राग
- वाज़िब – सही
- लिहाज – शील , संकोच आदि के विचार से रखा जाने वाला ध्यान
- गोया – वक्ता , बोलने वाला , सदृश
- मामाद्वय – दो मामा
- वादक – वाद्ययंत्र को बजाने वाला
- रियासतों – मिलकियत , संपत्ति , शासन , हुकूमत
- रोज़नामचे – एक रोजनामचा एक विस्तृत खाता है जो किसी व्यवसाय के सभी वित्तीय लेनदेन को रिकॉर्ड करता है , जिसका उपयोग भविष्य के सामंजस्य के लिए किया जाता है
- ड्योढ़ी – दहलीज़
- खानदानी – ऊँचे वंश का , अच्छे कुल का , वश परपरागत , पैतृक , पुश्तैनी
- पेशा – काम
- ननिहाल – नाना – नानी का घर , माता के माता – पिता का घर
- रीड – रीड अंदर से पोली होती है जिसके सहारे शहनाई को फूँका जाता है
- नरकट – एक प्रकार की घास , नरकट एक घास है जिसके पौधे का तना खोखला गाँठ वाला होता है
- महत्ता – महत्व , उपयोगिता , महिमा
- उस्ताद – फ़ारसी और उर्दू में गुरु के लिए प्रयोग किया जाने वाला शब्द , गायन – नृत्य आदि कलाओं की शिक्षा देने वाला
- परदादा – प्रपितामह , पिता का दादा
- साहबजादे – पुत्र
- मसलन – उदाहरणस्वरूप , उदाहरणार्थ
- रियाज़ – अभ्यास , संगीत – नृत्य आदि कलाओं के अभ्यास में किया जाने वाला परिश्रम , मेहनत
- मार्फत – द्वारा
- ढेरों – बहुत सारे
- साक्षात्कार – आँखों के सामने उपस्थित होना , सामने आना , भेंट , मुलाकात , मिलन
- आसक्ति – आसक्त होने की अवस्था या भाव , अनुरक्ति , अनुराग , लगन
- अबोध् – कच्ची , कम
- अनुभव – प्रत्यक्ष ज्ञान , संवेदन , तज़ुर्बा , अहसास , ( एक्सपीरिएंस )
- उकेरी – उकेरने या खोदकर बेलबूटे बनाने का कार्य , नक्काशी करने की क्रिया
- वैदिक – वेद संबंधी , वेद का , वेदों के अनुकूल
- उल्लेख – वर्णन
- शास्त्रांतर्गत – शास्त्रों के अनुसार
- सुषिर – वाद्यों – संगीत में वह यंत्र जो वायु के जोर से बजता हो
- नाड़ी – नरकट या रीड
- शाह – बड़ा मुगल सम्राट , बादशाह , सुलतान
- मंगल – कल्याण , भलाई , शुभ , आनंद , इच्छापूर्ति
- परिवेश – वातावरण , माहौल
- प्रतिष्ठित – सम्मानित , जिसकी स्थापना की गई हो , निश्चित , निर्धारित , प्रयुक्त
- प्रभाती – एक प्रकार का गीत जो प्रातःकाल गाया जाता है
- नायक – लोगों को अपनी आज्ञा के अनुसार चलाने वाला व्यक्ति , नेता , राह दिखाने वाला , मार्गदर्शक , प्रधान , सरदार , अधिपति
- बरस – वर्ष , साल
- सुर – स्वर , आवाज़
- नेमत – धन , पूँजी , संपत्ति , दौलत , समृद्धि ईश्वर की कृपा , ईश्वरीय देन , उपहार , वरदान
- सज़दा – ईश्वर के लिए सर झुकाना , नतमस्तक होना , श्रद्धा या भक्ति में माथे को जमीन पर रखना , माथा टेकना
- इबादत – बंदगी , आराधना , पूजा , उपासना , वंदना
- तासीर – गुण , योग्यता , प्रकृति
- मेहरबान – कृपालु , दयालु , अनुग्राहक , अनुग्राही , दयावान , दयावंत , दयाशील
- मुराद – इच्छा , अभिलाषा , आकांक्षा , मनौती , मन्नत
- शरण – आश्रय , पनाह
- दुश्चिंता – बुरी चिंता
- दुर्बलता – दुर्बल होने की अवस्था या भाव , कमज़ोरी , दुबलापन
- तिलिस्म – जादू , भ्रम , कोई अद्भुत कार्य , चमत्कार , करामात , अलौकिक या अद्भुत प्रतीत होने वाला कार्य
- गमक – महक , सुगंध , गंध
- मुहर्रम – मुसलमानों का प्रमुख त्योहार , निषिद्ध किया हुआ , इस्लामी वर्ष का प्रथम महीना
- अज़ादारी – शोक मनाना
- शिरकत – एक साथ मिलकर कार्य में प्रवृत्त होना , साझेदारी , हिस्सेदारी
- नौहा – मातम , स्यापा , मृतक के लिए रोना – पीटना , मातम के समय गाया जाने वाला गीत , शोकगीत
- अदायगी – अदा करना या होना , भुगतान
- निषेध् – मनाही
- शहादत – शहीद होने का भाव , देश हित में प्राण देना
- अज़ादारी – किसी के मरने पर मातम या शोक मनाना
- परंपरा – प्राचीन समय से चली आ रही रीति , परिपाटी , ( ट्रैडिशन )
- सहज – सरल , सुगम , स्वाभाविक , सामान्य , साधारण
- गमज़दा – दुखी , रंजीदा , गमगीन , शोकसंतप्त
- माहौल – वातावरण , परिवेश , परिस्थिति
- सुकून – आराम , इतमीनान , शांति , अमन , धैर्य , सब्र , संतोष
- जुनून – पागलपन , उन्माद , विक्षिप्तता , नशा , लगन
- रहस्यमय – रहस्य पूर्ण , रहस्य से भरा
- बदस्तूर – नियमपूर्वक , जिस प्रकार पहले से होता आया हो , उसी प्रकार से , बिना किसी परिवर्तन या हेर – फेर के, यथापूर्व , यथावत
- बालसुलभ – बच्चों की तरह , बच्चों का – सा , शिशुवत
- नैसर्गिक – प्राकृतिक , स्वाभाविक
- खारिज़ – नकारना
- सम – सादृश्य , समानता
- हासिल – जो कुछ हाथ लगा हो , लब्ध , प्राप्त
- मेहनताना – पारिश्रमिक , मज़दूरी
- संगीतमय – संगीत से भरा , लययुक्त
- आरोह – अवरोह – उतार – चढ़ाव
- आयोजन – समारोह , कार्यक्रम , प्रबंध , इंतज़ाम , बंदोबस्त , व्यवस्था
- शास्त्रीय – शास्त्र संबंधी , शास्त्रानुमोदित , शास्त्रसम्मत , शास्त्रीय ज्ञान पर आश्रित
- गायन – गाने की क्रिया या भाव , गाना
- वादन – बोलना , वाद्ययंत्र को बजाना
- उत्कृष्ट – श्रेष्ठ , उच्च कोटि का , उन्नत
- अपार – अनंत , असीम , अथाह , बहुत अधिक
- पुश्तों – पीढ़ी , वंश परंपरा में क्रम से बढ़ने वाला स्थान
- प्रतिष्ठित – सम्मानित
- तालीम – शिक्षा – दीक्षा , ज्ञान , उपदेश
- अदब – शिष्टाचार , बड़ों का आदर – सम्मान , उनके प्रति विनीत व्यवहार , कायदा , नियम
- रसिकों – जिसके हृदय में सौंदर्य – प्रेम – भक्ति – कला आदि के प्रति अनुराग हो
- उपकृत – कृतज्ञ , अहसानमंद
- अपार – जिसका पार न हो , अनंत , असीम , अथाह , बहुत अधिक , असंख्य , अतिशय
- तहज़ीब – शिष्टाचार , भल – मनसाहत , सज्जनता
- अकसर – प्रायः , अधिकतर , बहुधा , अमूमन , बारंबार
- आशय – तात्पर्य , अभिप्राय , मतलब
- सरगम – सात सुरों का समूह , सातों सुरों के उतार – चढ़ाव , किसी गीत या ताल में लगने वाले स्वरों का उच्चारण
- परवरदिगार – ईश्वर , भगवान
- नसीहत – सदुपदेश , शिक्षा , सीख , राय , लाभप्रद सम्मति , अच्छी सलाह
- करतब – कार्य , कर्म , काम , कमाल , कौशल , करामात
- प्रतिष्ठा – मान – मर्यादा , सम्मान , इज़्ज़त
- भारतरत्न – भारत सरकार का एक सर्वोच्च सम्मान या उपाधि जो उच्चकोटि के पांडित्य , अद्वितीय राष्ट्रसेवा , विश्वशांति के प्रयत्न आदि के लिए दिया जाता है
- तहमद – धोती के स्थान पर कमर में लपेटने का छोटा टुकड़ा
- लाड़ – दुलार , स्नेह , प्यार , वात्सल्य प्रेमपूर्ण व्यवहार
- पक्का महाल – काशी विश्वनाथ से लगा हुआ अधिकतम इलाका
- लुप्त – छिपा हुआ , जो छिप गया हो , अदृश्य , गायब
- साधक – योगी , तपस्वी , साधन , ज़रिया , साधना करने वाला
- थापों – ढोलक , तबले , मृदंग आदि बजाते समय उस पर हथेली से किया जाने वाला आघात
- मरण – मृत्यु
- नायाब – जो जल्दी न मिले , जो सरलता से न मिलता हो , अप्राप्य , दुर्लभ , बहुत बढ़िया
- मानद – मान या प्रतिष्ठा बढ़ाने वाला , किसी के सम्मान में दिया जाने वाला
- अलंकृत – विभूषित , सम्मानित , सजाया – सँवारा हुआ
- अजेय – जिसे जीता न जा सके , अतिशक्तिशाली , बाहुबली
- संपूर्णता – पूर्णता , समग्रता , अंत , समाप्ति
- जिजीविषा – जीने की इच्छा या उत्कट कामना , जीवटता , जीवन की चाह
पाठ 17 – संस्कृति
- उपयोग – किसी वस्तु , व्यक्ति अथवा स्थान को इस्तेमाल में लाना,प्रयोग में लाना
- सभ्यता – सभ्य होने की अवस्था भाव , शिष्टता , तहज़ीब , अदब , कायदा , शराफ़त , शालीनता , बुद्धिमान होने का गुण , विचारशीलता
- संस्कृति – परंपरा से चली आ रही आचार – विचार , रहन – सहन एवं जीवन पद्धति , संस्कार
- विशेषण – संज्ञा की विशेषता बताने वाला शब्द , वह जिससे कोई विशेषता सूचित हो
- भौतिक – शरीर संबंधी , पार्थिव , सांसारिक , लौकिक , पाँचों भूत से बना हुआ
- आध्यात्मिक – अध्यात्म या धर्म संबंधी , परमात्मा या आत्मा से संबंध रखने वाला
- अंतर – फ़र्क , भिन्नता , भेदभाव , किन्हीं दो स्थानों के बीच का फ़ासला , स्थान संबंधी दूरी
- तरीका – काम करने का ढंग या शैली , उपाय , युक्ति , आचार या व्यवहार
- कल्पना – सोचना , मान लेना , रचनाशीलता की मानसिक शक्ति , कल्पित करने का भाव
- साक्षात – मूर्तिमान , साकार , आँखों के सामने , प्रत्यक्ष , सम्मुख या मुँह की सीध में , शरीरधारी व्यक्ति के रूप में
- आविष्कार – प्राकट्य , नई खोज , ईजाद
- आविष्कर्ता – आविष्कार करने वाला , नई खोज करने वाला
- परिचय – पहचान , ( इंट्रोडक्शन ) , जानकारी , जान – पहचान
- पिरोना – सुई आदि से किसी छेद वाली वस्तु में धागा डालना
- योग्यता – गुण , क्षमता , औकात , बुद्धिमानी
- प्रवृत्ति – स्वभाव , आदत , झुकाव , रुझान , प्रवाह , बहाव , आचार – व्यवहार
- प्रेरणा – उत्तेजन , उकसाव , मन की तरंग , उमंग
- आविष्कृत – जिसका आविष्कार हुआ हो
- परिष्कृत – जिसका परिष्कार किया गया हो , शुद्ध किया हुआ , जिसे सजाया या सँवारा गया हो , अलंकृत , स्वच्छ , निर्मल
- पूर्वज – परबाबा – बाबा – दादा आदि पुरखे , बड़ा भाई , अग्रज , जिसकी उत्पत्ति या जन्म पहले हुआ हो , अपने से पूर्व का जन्मा हुआ
- अनायास – बिना कोशिश के , बिना मेहनत के , आसानी से , स्वतः
- विवेक – अच्छे – बुरे की परख , सत्य का बोध , सद्बुद्धि , अच्छी समझ
- तथ्य – यथार्थपरक बात , सच्चाई , वास्तविकता
- वास्तविक – यथार्थ , ( रीअल ) , परमार्थ , सत्य
- सभ्य – शिष्ट , शरीफ़ , भले आदमियों की तरह व्यवहार करने वाला , सुशील , विनम्र , सामाजिक – राजनीतिक – शैक्षणिक आदि सभी दृष्टियों से उन्नत व उत्तम
- आधुनिक – वर्तमान समय या युग का , समकालीन , सांप्रतिक , हाल का
- गुरुत्वाकर्षण – भार के कारण वस्तु का पृथ्वी के केंद्र की ओर खींचा जाना , ( ग्रैविटेशन )
- सिद्धांत – पर्याप्त तर्क – वितर्क के पश्चात निश्चित किया गया मत , उसूल , ( प्रिंसिपल )
- भौतिक विज्ञान – प्राकृतिक नियमों के सिद्धांतों का विज्ञान
- कदाचित – संभवतः , शायद , कभी
- शीतोष्ण – शीत और उष्ण , ठंडा और गरम , शीत और उष्ण का लगभग बराबर तालमेल , ( टेंपरेट )
- प्रवृति – स्वभाव , आदत , झुकाव , रुझान , प्रवाह , बहाव , आचार – व्यवहार , अध्यवसाय
- कल्पना – रचनाशीलता की मानसिक शक्ति , कल्पित करने का भाव , सोचना , मान लेना
- थाल – पीतल या स्टील का चौड़ा और छिछला पात्र जिसमें भोजन परोसा जाता है , बड़ी थाली
- निठल्ला – जिसके पास कोई काम – धंधा न हो , बेरोज़गार , खाली , बेकार , जो कोई काम न करता हो , आलसी
- चेतना – ज्ञान , बुद्धि , याद , स्मृति , चेतनता , जीवन , सोचना , समझना
- स्थूल – बड़े आकार का , बड़ा , जो सूक्ष्म न हो , जो स्पष्ट दिखाई देता हो , मंद बुद्धि का , मूर्ख
- मनीषियों – विद्वान , बुद्धिमान , पंडित , ज्ञानी , चिंतन – मनन करने वाला , विचारशील
- वशीभूत – अधीन हो कर , वश में होकर , मुग्ध , मोहित , सम्मोहित
- सहज – सरल , सुगम , स्वाभाविक , सामान्य , साधारण
- पुरस्कर्ता – प्रस्तुत करने वाला व्यक्ति , सामने लाने वाला व्यक्ति
- ज्ञानेप्सा – ज्ञान प्राप्त करने की लालसा
- कौर – रोटी का एक टुकड़ा , ग्रास , निवाला
- तृष्णा – अप्राप्त को पाने की तीव्र इच्छा , पिपासा , लालसा , प्रबल वासना , कामना
- सर्वस्व – सब कुछ , सारी धन – संपत्ति , अमूल्य निधि या पदार्थ
- गमना – गमन – आने – जाने
- परस्पर – एक दूसरे के साथ , एक दूसरे के प्रति , दो या दो से अधिक पक्षों में
- अवश्यंभावी – जिसका होना निश्चित हो , जिसके होने की पूरी संभावना हो , जिसे टाला न जा सके , अनिवार्य
- रक्षणीय – रक्षा करने योग्य , जिसे सुरक्षित रखना हो , रखने योग्य
- प्रज्ञा – बुद्धि , समझ , विवेक , मति , मनीषा
- मैत्री – दोस्ती , मित्रता
- अविभाज्य – जो विभाजित न किया जा सके , जिसे बाँटा न जा सके
- अपेक्षा – तुलना में
- श्रेष्ठ – सर्वोत्तम , उत्कृष्ट , जो सबसे अच्छा हो
- स्थायी – हमेशा बना रहने वाला , सदा स्थित रहने वाला , नष्ट न होने वाला