Paryayvachi Shabd in Hindi, Synonyms in Hindi Meaning, Types and Examples of Synonyms in Hindi
Paryayvachi Shabd – In this lesson, the Hindi Grammar topic of Paryayvaachi Shabd (समानार्थक शब्द) – synonyms have been discussed. The definition of Paryayvaachi Shabd and a list of synonyms in Hindi has been given for the convenience of students – Samanarthi Shabd.
प्रायवाची शब्द – यहाँ हम कुछ ऐसे शब्दों को जानेंगे जिनके एक जैसे अर्थ होते हैं। कहने का अभिप्राय यह है कि एक शब्द जिसके कई अर्थ हैं और साथ-ही-साथ उसके जो अर्थ हैं, वे भी उन्हीं समान अर्थों को बतलाते हैं जो उस शब्द के बताए गए हैं। ऐसे शब्दों को पर्यायवाची या समानार्थक शब्द कहा जाता है। विस्तार से और आसान तरीके से जानने के लिए पहले पर्यायवाची या समानार्थक शब्द की परिभाषा को जान लेना आवश्यक है।
- पर्यायवाची का अर्थ
- ‘पर्यायवाची शब्द’ और ‘अनेकार्थी शब्द’ में अंतर
- See Video for Explanation and Summary of the Paryayvaachi Shabd
- पर्यायवाची शब्दों की सूची
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‘पर्याय’ का अर्थ है- ‘समान’ तथा ‘वाची’ का अर्थ है- ‘बोले जाने वाले’ अर्थात जिन शब्दों का अर्थ एक जैसा होता है, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते हैं। इसे हम ऐसे भी कह सकते है- जिन शब्दों के अर्थ में समानता हो, उन्हें ‘पर्यायवाची शब्द’ कहते है।
दूसरे अर्थ में- समान अर्थवाले शब्दों को ‘पर्यायवाची शब्द’ या समानार्थक भी कहते है।
जैसे- सूर्य, दिनकर, दिवाकर, रवि, भास्कर, भानु, दिनेश- इन सभी शब्दों का अर्थ है ‘सूरज’।
इस प्रकार ये सभी शब्द ‘सूरज’ के पर्यायवाची शब्द कहलायेंगे।
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‘पर्यायवाची शब्द’ और ‘अनेकार्थी शब्द’ में अंतर
यहाँ आपको लग सकता है कि जो अनेकार्थी शब्द होते हैं वहाँ भी तो एक शब्द के एक से अधिक अर्थ निकलते हैं। और यहाँ समानार्थक या पर्यायवाची शब्दों में भी एक शब्द के एक से अधिक सामान अर्थ बताए जा रहे हैं, तो दोनों में अंतर क्या है?
तो आपको समझना जरुरी है कि जो अनेकार्थी शब्द होते हैं, उनमें जो एक शब्द अनेक अर्थो को बता रहा है वो अर्थ असल में केवल उस एक शब्द का एक रूप कहा जा सकता है परन्तु उसके अन्य अर्थो के साथ उसका कोई सम्बन्ध नहीं होता। जैसे – कर्ण – कर्ण (नाम), कान। यहाँ कर्ण शब्द महाभारत के वीर योद्धा कर्ण और हमारी ज्ञानेन्द्रियों में से एक कान के लिए प्रयोग किया जा सकता है परन्तु महाभारत के वीर योद्धा कर्ण और ज्ञानेन्द्रियों में से एक कान का एक दूसरे की जगह प्रयोग नहीं किया जा सकता।
इसके विपरीत ‘पर्यायवाची शब्द’ या समानार्थक शब्द के सभी अर्थो को एक दूसरे की जगह प्रयोग किया जा सकता है क्योंकि वे अर्थ असल में उस एक शब्द के ही रूप होते हैं। जैसे – अतिथि-मेहमान, अभ्यागत, आगन्तुक, पाहूना।
यहाँ आप अतिथि की जगह उसका कोई भी अर्थ प्रयोग में ला सकते हैं और इन सभी अर्थों को भी एक-दूसरे की जगह पर प्रयुक्त किया जा सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि इन सभी अर्थों का अर्थ भी अतिथि ही होता है।
लेकिन यहाँ यह बात ध्यान रखने योग्य है कि माना की एक शब्द के अनेक अर्थ होते है और किसी भी अर्थ को उस शब्द की जगह पर प्रयोग किया जा सकता है परन्तु कहीं कोई शब्द ठीक बैठता है और कहीं कोई। क्योंकि प्रत्येक शब्द का महत्त्व विषय और स्थान के अनुसार होता है।
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200 Paryayvaachi Shabd पर्यायवाची शब्दों की सूची Synonyms in Hindi Examples
यहाँ कुछ महत्वपूर्ण पर्यायवाची शब्दों की सूची नीचे दी जा रही है-
क्रमांक | शब्द | पर्यायवाची शब्द |
1 | अग्नि | आग, ज्वाला, दहन, वैश्वानर, वायुसखा, अनल, पावक, वहनि। |
2 | असुर | निशिचर, रजनीचर, दैत्य, तमचर, राक्षस, निशाचर, दानव, रात्रिचर। |
3 | अलंकार | आभूषण, भूषण, विभूषण, गहना, जेवर। |
4 | अहंकार | गर्व, अभिमान, घमंड, मान। |
5 | अंधकार | तम, तिमिर, तमिस्र, अँधेरा, तमस, अंधियारा। |
6 | अंग | अंश, अवयव, हिस्सा, भाग। |
7 | अनादर | अपमान, अवज्ञा, अवहेलना, तिरस्कार। |
8 | अंकुश | नियंत्रण, पाबंदी, रोक, दबाव। |
9 | अंतर | भिन्नता, असमानता, भेद, फर्क। |
10 | अंतरिक्ष | खगोल, नभमंडल, गगनमंडल, आकाशमंडल। |
11 | भाई | तात, अनुज, अग्रज, भ्राता, भ्रातृ। |
12 | अंबर | आकाश, आसमान, गगन, फलक, नभ। |
13 | अटल | अविचल, अडिग, स्थिर, अचल। |
14 | अनमोल | अमूल्य, बहुमूल्य, बेशकीमती। |
15 | अनाथ | तीम, लावारिस, बेसहारा, अनाश्रित। |
16 | अनुज | छोटा भाई, अनुभ्राता, कनिष्ठ। |
17 | अभद्र | असभ्य, अविनीत, अकुलीन, अशिष्ट। |
18 | आँख | लोचन, अक्षि, नैन, नयन, नेत्र, चक्षु, दृष्टि। |
19 | आईना | दर्पण, आरसी, शीशा। |
20 | आक्रोश | क्रोध, रोष, कोप, खीझ। |
21 | आचार्य | शिक्षक, अध्यापक, प्राध्यापक, गुरु। |
22 | आरंभ | श्रीगणेश, शुभारंभ, प्रारंभ, शुरुआत। |
23 | इंदु | चाँद, चंद्रमा, चंदा, शशि, मयंक, महताब। |
24 | ईर्ष्या | विद्वेष, जलन, कुढ़न, ढाह। |
25 | उपवन | बाग़, बगीचा, उद्यान, वाटिका, गुलशन। |
26 | उषा | सुबह, भोर, ब्रह्ममुहूर्त। |
27 | ऋषि | साधु, महात्मा, मुनि, योगी, तपस्वी। |
28 | एहसान | कृपा, अनुग्रह, उपकार। |
29 | ओंठ | ओष्ठ, अधर, लब, होठ। |
30 | ऐश्वर्य | समृद्धि, विभूति। |
31 | औरत | स्त्री, जोरू, महिला, नारी, वनिता, घरवाली। |
32 | औषधालय | चिकित्सालय, दवाखाना, अस्पताल। |
33 | कमल | सरोज, जलज, अब्ज, पंकज, अरविंद, पद्म, कंज, शतदल, अंबुज, सरसिज, नलिन, तामरस, नीरज। |
34 | कपड़ा | वस्त्र, चीर, वसन, पट, अम्बर, परिधान। |
35 | किसान | कृषक, भूमिपुत्र, हलधर, खेतिहर, अन्नदाता। |
36 | कान | कर्ण, श्रुति, श्रुतिपटल, श्रवण। |
37 | कमजोर | निर्बल, बलहीन, दुर्बल, मरियल, शक्तिहीन। |
38 | कुसुम | पुष्प, फूल, प्रसून, पुहुप। |
39 | खग | पक्षी, द्विज, विहग, नभचर, अण्डज, पखेरू। |
40 | गृह | घर, सदन, भवन, धाम, निकेतन, निवास, आवास, मंदिर। |
41 | गिरि | पहाड़, मेरु, शैल, महीधर, धराधर, भूधर। |
42 | गोद | अंक, क्रोड़, गोदी। |
43 | चावल | तंदुल, धान, भात। |
44 | चूहा | मूसा, मूषक, मुसटा, उंदुर। |
45 | जल | मेघपुष्प, अमृत, वारि, नीर, पानी, जीवन, पेय। |
46 | जगत | संसार, विश्व, जग, भव, दुनिया, लोक, भुवन। |
47 | जमीन | धरती, भू, भूमि, पृथ्वी, धरा, वसुंधरा। |
48 | जलाशय | तालाब, ताल, पोखर, सरोवर। |
49 | तरुवर | वृक्ष, पेड़, द्रुम, तरु, पादप। |
50 | मछली | मीन, मत्स्य, झख, जलजीवन, शफरी। |
51 | अंधेरा | तम, तिमिर, अंधकार। |
52 | बादल | घन, जलद, जलधर, मेघ, वारिधर, नीरद। |
53 | अमृत | सुधा, सोम, पीयूष, अमिय, जीवनोदक। |
54 | आँख | नेत्र, दृग, नयन, लोचन, चक्षु, अक्षि, अंबक, दृष्टि, विलोचन। |
55 | आकाश | गगन, नभ, आसमान, व्योम, अंबर, धौ, अंतरिक्ष, अनंत। |
56 | आनंद | मोदी, प्रमोद, हर्ष, आमोद, सुख, प्रसन्नता, आह्लाद, उल्लास। |
57 | अतिथि | अभ्यागत, आगंतुक, पाहुन, मेहमान। |
58 | इच्छा | आकांक्षा, चाह, अभिलाषा, कामना, ईप्सा, मनोरथ, स्पृहा, ईहा, वांछा। |
59 | ईश्वर | प्रभु, परमेश्वर, भगवान, परमात्मा, जगदीश, अन्तर्यामी। |
60 | मनुष्य | मनुज, नर, मानव, मर्त्य, आदमी। |
61 | उन्नति | उत्थान, उत्कर्ष, उन्नयन, विकास, वृद्धि, अभ्युदय। |
62 | पेड़ | वृक्ष, तरु, द्रुम, पादप, विटप, अगम, गाछ । |
63 | गंगा | सुरसरि, त्रिपथगा, देवनदी, जाह्नवी, भागीरथी। |
64 | गणेश | लंबोदर, एकदंत, मूषकवाहन, गजवदन, गजानन, विनायक, गणपति, विघ्ननाशक, भवानी नंदन, महाकाय, विघ्नराज, मोदकप्रिय, मोददाता। |
65 | घर | गृह, निकेतन, भवन, आलय, निवास, गेह, सदन, आगार, आयतन, आवास, निलय, धाम। |
66 | घोड़ा | अश्व, हय, तुरंग, वाजी, घोटक, सैंधव, तुरंग। |
67 | जंगल | वन, कानन, बीहड़, विटप, विपिन। |
68 | जल | वारि, पानी, नीर, सलिल, तोय, उदक, अंबु, जीवन, पय, अमृत, मेघपुष्प। |
69 | तालाब | सर, सरोवर, तड़ाग, हृद, पुष्कर, जलाशय, पद्माकर। |
70 | दु:ख | पीड़ा, व्यथा, कष्ट, संकट, शोक, क्लेश, वेदना, यातना, यंत्रणा, खेद। |
71 | दूध | दुग्ध, पय, क्षीर, गोरस। |
72 | देवता | सुर, अमर, देव, निर्जर, विबुध, त्रिदश, आदित्य, गीर्वाण। |
73 | नदी | सरिता, तटिनी, तरंगिणी, निर्झरिणी, आपगा, निम्नगा, कूलंकषा। |
74 | पक्षी | विहंग, विहग, खग, पखेरू, परिंदा, चिड़िया, शकुंत, अंडज, पतंग, द्विज। |
75 | पहाड़ | पर्वत, शैल, नग, भूधर, अंचल, महीधर, गिरि, भूमिधर, तुंग, अद्रि। |
76 | पुत्र | बेटा, सुत, तनय, आत्मज, जनज, लड़का, तनुज। |
77 | पृथ्वी | धरा, धरती, वसुधा, भूमि, वसुंधरा, भू, इला, धरा, धरत्री, धरणी। |
78 | फूल | पुष्प, सुमन, कुसुम, प्रसून। |
79 | सिंह | शेर, वनराज, शार्दूल, मृगराज, व्याघ्र, पंचमुख, मृगेंद्र, केशरी, केहरी, केशी, महावीर। |
80 | सूर्य | रवि, दिनकर, सूरज, भास्कर, मार्तंड, मरीची, प्रभाकर, सविता, पतंग, दिवाकर, हंस, आदित्य, भानु, अंशुमाली। |
81 | सुंदर | रुचिर, चारु, रम्य, सुहावना, मनोहर, रमणीक, चित्ताकर्षक, ललित । |
82 | रात्रि | शर्वरी, निशा, रात, रैन, रजनी, यामिनी, त्रियामा, विभावरी, क्षणदा । |
83 | हाथी | गज, हस्ती, मतंग, गज, गयन्द, कुंजर, द्विप, करी। |
84 | स्त्री | ललना, नारी, कामिनी, रमणी, महिला, वनिता, कांता। |
85 | शरीर | देह, तनु, काया, कलेवर, अंग, गात, तन। |
86 | समुद्र | सागर, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, नीरनिधि, पयोधि, नदीश, नीरधि, वारिधि, अर्णव, उदधि, पयोनिधि, जलधाम, वारीश, पारावार, अब्धि। |
87 | शत्रु | रिपु, दुश्मन, अमित्र, वैरी, प्रतिपक्षी, अरि, विपक्षी, अराति। |
88 | वायु | हवा, समीर, वात, मारुत, अनिल, पवमान, प्रभंजन, प्रवात, समीरण, मातरिश्वा, बयार, पवन। |
89 | युद्ध | रण, जंग, लड़ाई, संघर्ष, समर। |
90 | सुगंधि | सौरभ, सुरभि, महक, खुशबू। |
91 | सोना | स्वर्ण, कंचन, कनक, हेम, कुंदन, तपनीय, महारजत। |
92 | अंधकार | तम, तमिस्रा, तिमिर, स्याही, अँधेरा, अंधतमस, तमस, अंधियारा। |
93 | उन्नति | विकास, उत्कर्ष, प्रगति, उत्थान, अभ्युदय, वृद्धि। |
94 | उपवन | बगीचा, बाग, वाटिका, कुसुमाकर, उद्यान। |
95 | साँप | नाग, विषधर, भुजंग, अहि, उरग, काकोदर, फणीश, सारंग, व्याल, सर्प। |
96 | किनारा | तट, तीर, कगार। |
97 | बसंत | ऋतुराज, मधुमास, माघ। |
98 | घमंड | दंभ, अंहकार, गर्व, अभिमान, दर्प, मद। |
99 | झंडा | पताका, ध्वजा, ध्वज, केतु, निशान। |
100 | तलवार | असि, करवाल, कृपाण, खडग, शायक, चंद्रहास। |
101 | अश्व | बाजी, घोडा, घोटक, रविपुत्र, हय, तुरंग, सैंधव, दधिका, सर्ता। |
102 | दिन | अह:, दिवस, वासर, दिवा, वार। |
103 | पण्डित | सुधी, विद्वान, कोविद, बुध, धीर, मनीषी, प्राज्ञ, विचक्षण। |
104 | इंद्र | मघवा, देवेन्द्र, विडौज, मरूत्पाल, पाकशासन, शुक्र, अमरेश, पुरन्दर, वज्री, वासव, वृषा, वृत्रहा, देवराज, आखंडल, नाकपति, सहस्त्राक्ष, अमरपति, हरि, पुरूहूत, मेघवाहन, वज्रधर, बलाराति, सुरपति, शचीपति, पाकरिपु, सुनासीर, गोत्रमिद, दिशिराज, शतक्रतु, शचीपति, संकन्दन, वृद्धश्रवा, लेखर्षम, वास्तोस्पति, सुरेश, शतमन्यु । |
105 | पक्षी | खग, चिडिया, गगनचर, पखेरू, विहंग, नभचर । |
106 | पार्वती | उमा, गौरा, कात्यायनी, गौरी, आर्या, काली, हैमवती, कपर्दिनी, ईश्वरी, शिवा, गिरिजा, भवानी, रुद्रागी, शर्वाणी, सर्वमंगला, अपर्णा, दुर्गा, उमा, नूडानी, चण्डिका, आर्या, दाक्षायणी, मेनका, अंबिका, हिमाचलसुता, हिमगिरि-सुता, भवानी, शंकरप्रिया, सती, शैलसुता, शैलनन्दिनी, रुद्राणी, वनदुर्गा, त्रिनेत्र, तपस्विनी, शूलधारिणी । |
107 | प्रेम | प्यार मोहब्बत, इश्क, अनुराग, प्रणय, स्नेह, अनुरक्ति। |
108 | राक्षस | निशाचर, रजनीचर, दनुज, यातुधान, देवारि, निशिचर, असुर, दैत्य, दानव । |
109 | पानी | जल, नीर, सलिल, अंबु, अंभ, उदक, तोय, जीवन, वारि, पय, अमृत, मेघपुष्प, पेय, सारंग, शम्बर, धनरस, आब, सर्वमुख । |
110 | लक्ष्मी | हरिप्रिया, श्री, इंदिरा, कमला, पद्मा, रमा । |
111 | विष्णु | नारायण, दामोदर, पीताम्बर, चक्रपाणी, जनार्दन, मुकुंद, गोविन्द, कमलाकांत, लक्ष्मीपति, उपेन्द्र । |
112 | सरस्वती | विद्या की देवी, ब्राह्मी, भारती, गो, गिरा, सुष्टु, वागीश, महाश्वेता, भाषा, वाचा, विधात्री, धनदा, धनेश्वरी, श्री, बाक्, इग, ईश्वरी, वर्णमातृका, सन्ध्येश्वरी, वाक्येश्वरी, वाक्, वाणी, शारदा, इला, वोणापाणि, काव्य प्रतिभा, गंभीर विचार, कवित्व–शक्ति, भारतीय माता, हिंदू देवी, वीणा की देवी, ज्ञान की देवी । |
113 | संसार | जग, विश्व, जगत, लोक, दुनिया । |
114 | पुत्र | बेटा, आत्मज, वत्स, तनुज, तनय, नंदन, सुत । |
115 | ब्रह्मा | अज, विधि, विधाता, प्रजापति, निर्माता, धाता, चतुरानन, प्रजाधिप । |
116 | नेत्र | चक्षु, दृग, विलोचन, दृष्टि, अक्षि, आँख, लोचन, नयन । |
117 | हाथ | हस्त, कर, बाहु, पाणि, भुज । |
118 | सेवक | अनुचर, आश्रित, दास, नौकर, चाकर, परिचारक, भृत्य, किंकर, मुलाजिम, खादिम, टहलुआ, खिदमतगार,ख़वास, खादिम, मुलाज़िम, गुलाम, किंकर, अर्दली । |
119 | पत्थर | पाहन, पाषाण, शिला, शैल, प्रस्तर, उपल, अश्म । |
120 | समुद्र | सागर, जलधाम, जलधि, नीरनिधि, उदधि व अब्धि । |
121 | कामदेव | मन्मथ, मनोज, काम, मार, कंदर्प, अनंग, मनसिज, रतिनाथ, मीनकेतू, रतिपति, मदन । |
122 | सुगंध | महक, सौरभ, सुरभि, खुशबू। |
123 | शक्ति | अधिकार, आधिपत्य, स्वत्व, प्रभुत्व, स्वामित्व, हक़, शासन, कब्ज़ा । |
124 | सरिता | तटिनी, वाहिनी, तरंगिणी, निर्झरिणी, शैलजा, जलमाला, नद, शैवालिनी, प्रवाहिनी, नदी । |
125 | शेर | वनराज, सिंह, केसरी, केहरी, पंचमुख, पशुराज, सिंह, मृगराज । |
126 | पुत्री | बेटी, सुता, तनया, आत्मजा, दुहिता, नंदिनी, तनुजा। |
127 | गरमी | ग्रीष्म, ताप, निदाघ, ऊष्मा। |
128 | बिजली | चपला, चंचला, दामिनी, सौदामनी, विधुत्, तड़ित, बीजुरी, क्षणप्रभा। |
129 | राजा | नृप, नृपति, भूपति, नरपति, भूप, महीप, महीपति, नरेश, राव, सम्राट्। |
130 | सिर | शीश, मुंड, माथा। |
131 | पति | भर्ता, वल्लभ, स्वामी, आर्यपुत्र। |
132 | अनुपम | अपूर्व, अनोखा, अद्भुत, अनूठा, अद्वितीय, अतुल। |
133 | आम | आम्र, चूत, रसाल, अमृतफल, सहकार, अतिसौरभ, च्यूत। |
134 | आनंद | मोदी, प्रमोद, हर्ष, आमोद, सुख, प्रसन्नता, आह्लाद, उल्लास। |
135 | आश्रम | मठ, विहार, कुटी, स्तर, अखाड़ा, संघ। |
136 | किरण | मरीचि, मयूख, अंशु, कर, रश्मि, प्रभा, अर्चि, गो। |
137 | कुबेर | किन्नरेश, यक्षराज, धनद, धनाधिप, राजराज। |
138 | गदहा | खर, गर्दभ, धूसर, रासभ, बेशर, चक्रीवान्, वैशाखनंदन। |
139 | द्रव्य | धन, वित्त, संपदा, विभूति, दौलत, संपत्ति। |
140 | मुनि | यती, अवधूत, संन्यासी, वैरागी, तापस, संत, भिक्षु, महात्मा, साधु, मुक्तपुरुष। |
141 | क्षत्रिय | क्षत्र, क्षत्री, द्विजलिंगी, नाभि, नृप, पार्थिव, बाहुज, मूर्द्धक, मूद्र्धाभिषिक्त, राजन्य, राजा, वर्म, विराज, विराट, वीर, सार्वभौम। |
142 | क्षण | अदिष्ट, अवसर, उत्सव, काल, घड़ी, छन, छिन, मौका, दण्ड, निमेष, प्रसंग, पल, बेला, मुहूर्त, वक्त, विरियाँ, समय, समय भाग । |
143 | खिड़की | रोशनदान, बारी, दरीचा, वातायन, गवाक्ष, झरोखा। |
144 | खेल | क्रीड़ा, केलि, तमाशा, करतब। |
145 | कली | कलिका, मुकुल, कुडमल, डोंडी, गुंचा, कोरक। |
146 | कनक | कंचन, सुवर्ण, हिरण्य, हेम, हाटक, सोना, स्वर्ण। |
147 | कर्ण | सूर्यपुत्र, राधेय, कौन्तेय, पार्थ, अंगराज, सूतपुत्र। |
148 | कृतज्ञ | ऋणी, आभारी, अनुग्रहित, उपकृत । |
149 | कपूर | घनसार, हिमवालुका। |
150 | कपोत | कबूतर, हारीत, पारावत, परेवा, रक्तलोचन। |
151 | इर्द-गिर्द | मंडलाकार मार्ग में, चक्करदार रास्ते पर, घेरे में, चतुर्दिक, चारों दिशाओं में। |
152 | इशारा | संकेत, इंगित, लक्ष्य, निर्देश। |
153 | इल्जाम | आरोप, लांछन, दोषारोपण, अभियोग। |
154 | उदाहरण | मिसाल, नजीर, दृष्टान्त, कथा-प्रसंग, नमूना, दृष्टांत। |
155 | उषाकाल | अरुणोदय, प्रातः, प्रभात। |
156 | उत्पत्ति | उद्भव, जन्म, जनन, आविर्भाव । |
157 | औषधि | दवा, दवाई, भेषज। |
158 | एकांत | निर्जन सुनसान शून्य। |
159 | इज्जत | मान, प्रतिष्ठा, आदर, आबरू। |
160 | इजाजत | स्वीकृति, मंजूरी, अनुमति। |
161 | इठलाना | चोंचले करना, नखरे करना, इतराना, ऐंठना, हाव-भाव दिखाना, शान दिखाना, शेखी, मदांध मारना, तड़क-भड़क दिखाना, अकड़ना, मटकाना, चमकाना। |
162 | अधर्म | पाप, अनाचार, अनीत, अन्याय, अपकर्म, जुल्म। |
163 | अंतर्गत | शामिल, सम्मिलित, भीतर आया हुआ गुप्त। |
164 | इंद्रधनुष | सूरधनु, इंद्रायुध, शक्रचाप, सप्तवर्ण। |
165 | इंद्राणी | पुलोमजा, शची, इन्द्रा, इंद्रवधू, ऐन्द्री। |
166 | इत्यादि | आदि, प्रभृति, वगरैह। |
167 | आयुष्मान | चिरंजीवी, दीर्घ, जीवी, शतायु, दीर्घायु। |
168 | आदर्श | प्रतिमान, मानक, प्रतिरूप, नमूना। |
169 | आत्मा | प्राणी, प्राण, जान, जीवन, चैतन्य, ब्रह्म, क्षेत्रज्ञ, सर्वज्ञ, सर्वव्याप्त, विभु, जीव । |
170 | आयु | अवस्था, उम्र, वय, जीवनकाल, वयस्, जिन्दगी । |
171 | अरण्य | जंगल, वन, कानन, अटवी, कान्तार, विपिन। |
172 | अंतरिक्ष | खगोल, नभमंडल, गगनमंडल, आकाशमंडल। |
173 | अंतर्धान | गायब, लुप्त, ओझल, अदृश्य। |
174 | अंकुश | नियंत्रण, पाबंदी, रोक, अंकुसी, दबाव, गजांकुश, हाथी को नियंत्रित करने की कील, नियंत्रित करने या रोकने का तरीका। |
175 | नारद | ब्रह्मर्षि, ब्रह्म-पुत्र, देवर्षि, ब्रह्मर्ष। |
176 | धुन | लगन, झुकाव, लगाव, तरंग, लहर, मौज। |
177 | ध्येय | प्रयोजन, अभिप्राय, लक्ष्य, मकसद, उद्देश्य। |
178 | दीपक | प्रदीप, दीप, दीया, ज्योति, चिराग। |
179 | दुर्दशा | बुरी, दशा, खराब, हालत, अवस्था, दुर्गति। |
180 | तोता | शुक, सुआ, सुग्गा, कोर, सुअरा, दाडिमप्रिय, रक्ततुंड। |
181 | तांबा | रक्तधातु, ताम्र, तामा, ताम्रक। |
182 | जहर | हलाहल, विष, गरल, कालकूट, गर। |
183 | जगत | विश्व, दुनिया, जगती, संसार, भव, जग, जहान्, लोक। |
184 | छुट्टी | अवकाश, फुर्सत, विश्राम, विराम, रुखसत। |
185 | छाछ | गोरस, मठा, दधि स्वेद, मट्ठा। |
186 | चोटी | श्रृंग, कूट, शिखा, शिखर, शीर्ष, चूड़ा। |
187 | गन्ना | ईक्षु, ऊख, ईख, पौंड़ा। |
188 | गीदड़ | नचक, शिवां, सियार, जंबुक, श्रृंगाल। |
190 | गोद | पार्श्व, अंक, उत्संग, गोदी, क्रोड। |
191 | घड़ा | घट, कलश, कुंभ, घटक, कुट। |
192 | घास | शष्प, शाद, शाद्वल, तृण, दूर्वा, दूब। |
193 | चाँदनी | चंद्रिका, कौमुदी, हिमकर, अमृतद्रव, उजियारी, ज्योत्स्न्ना, चन्द्रमरीचि, कलानिधि। |
194 | चंदन | श्रीखण्ड, गंधराज, गंधसार, मंगल्य, हरिगंध, मलय, दिव्यगंध, मलयज, दारूसार। |
195 | राम | रघुपति, राघव, रघुनंदन, रघुवर, सीतापति। |
196 | रावण | लंकेश, लंकापति, दशानन दशकण्ठ। |
197 | ब्रह्मांड | दुनिया, जगत, विश्व, संसार, जगती। |
198 | मूंगा | रक्तमणि, रक्तांग, प्रवाल, विद्रुम । |
199 | यमुना | कालिंदी, तरणि-तनुजा, सूर्यजा, अज रवितनया, जमुना, कृष्णा, रविसुता । |
200 | भय | त्रास, भीति, डर, खौफ, आतंक। |