Class 9 Hindi Diye Jal Uthe Important Questions

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Bhag 1 दिए जल उठे Important Question Answers Lesson 6 

 

Class 9 Hindi Diye Jal Uthe Question Answers – Looking for Diye Jal Uthe question answers for CBSE Class 9 Hindi Sanchayan Bhag 1 Book Lesson 6? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी संचयन भाग 1 पुस्तक पाठ 6 दिए जल उठे प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से बोर्ड परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे दिए जल उठे प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions. 

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.

 

 

 

Class 9 Hindi दिए जल उठे Question Answers Lesson 6 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

1 –

रास के बूढ़े बरगद ने वह दृश्य देखा था। दांडी कूच की तैयारी के सिलसिले में वल्लभभाई पटेल सात मार्च को रास पहुँचे थे। उन्हें वहाँ भाषण नहीं देना था लेकिन पटेल ने लोगों के आग्रह पर ‘दो शब्द’ कहना स्वीकार कर लिया। उन्होंने कहा,”भाइयो और बहनो, क्या आप सत्याग्रह के लिए तैयार हैं?” इसी बीच मजिस्ट्रेट ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और पटेल को गिरफ़्तार कर लिया गया। यह गिरफ़्तारी स्थानीय कलेक्टर शिलिडी के आदेश पर हुई, जिसे पटेल ने पिछले आंदोलन के समय अहमदाबाद से भगा दिया था। वल्लभभाई को पुलिस पहरे में बोरसद की अदालत में लाया गया जहाँ उन्होंने अपना अपराध कबूल कर लिया। जज को समझ में नहीं आ रहा था कि वह उन्हें किस धारा के तहत और कितनी सजा दे। आठ लाइन का अपना फैसला लिखने में उसे डेढ़ घंटा लगा। पटेल को 500 रुपये जुर्माने के साथ तीन महीने की जेल हुई। इसके लिए उन्हें अहमदाबाद में साबरमती जेल ले जाया गया। साबरमती आश्रम में गांधी को पटेल की गिरफ्तारी, उनकी सजा और उन्हें साबरमती जेल लाए जाने की सूचना दी गई। गांधी इस गिरफ्तारी से बहुत क्षुब्ध थे। उन्होंने कहा कि अब दांडी कूच की तारीख बदल सकती है। वह अपने अभियान पर 12 मार्च से पहले ही रवाना हो सकते हैं।

 

प्रश्न 1 – दांडी कूच की तैयारी के सिलसिले में कौन सात मार्च को रास पहुँचे थे?

(क) महात्मा गाँधी

(ख) वल्लभभाई पटेल

(ग) मजिस्ट्रेट

(घ) कलेक्टर शिलिडी

उत्तर – (ख) वल्लभभाई पटेल

 

प्रश्न 2 – मजिस्ट्रेट ने पटेल को कैसे गिरफ़्तार किया?

(क) धोखे से

(ख) कानून का उलंघन करके

(ग) निषेधाज्ञा लागू करके

(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर – (ग) निषेधाज्ञा लागू करके

 

प्रश्न 3 – पटेल की गिरफ़्तारी किसके आदेश पर हुई?

(क) स्थानीय कलेक्टर शिलिडी के

(ख) कलेक्टर सीलडी के

(ग) स्थानीय मुख्यों के

(घ) स्थानीय वायसरॉय के

उत्तर – (क) स्थानीय कलेक्टर शिलिडी के

 

प्रश्न 4 – जज द्वारा आठ लाइन का अपना फैसला लिखने पर पटेल को क्या सजा हुई?

(क) 500 रुपये जुर्माने के साथ चार महीने की जेल

(ख) 500 रुपये जुर्माने के साथ दो महीने की जेल

(ग) 500 रुपये जुर्माने के साथ छः महीने की जेल

(घ) 500 रुपये जुर्माने के साथ तीन महीने की जेल

उत्तर – (घ) 500 रुपये जुर्माने के साथ तीन महीने की जेल

 

प्रश्न 5 – गांधी ने पटेल की गिरफ्तारी से क्षुब्ध होते हुए क्या फैसला लिया?

(क) दांडी कूच की तारीख बदल सकती है

(ख) दांडी कूच को स्थगित क्या जा सकता है

(ग) दांडी कूच को तुरंत शुरू क्या जा सकता है

(घ) दांडी कूच से पहले गाँधी की गिरफ़्तारी हो सकती है

उत्तर – (क) दांडी कूच की तारीख बदल सकती है

 

2 –

आश्रम में एक-एक आदमी यह हिसाब लगा रहा था कि मोटरकार से बोरसद से साबरमती जेल पहुँचाने में कितना समय लगेगा। जेल का रास्ता आश्रम के सामने से ही होकर जाता था। आश्रमवासी पटेल की एक झलक पाना चाहते थे। समय का अनुमान लगाकर गांधी स्वयं आश्रम से बाहर निकल आए। पीछे-पीछे सब आश्रमवासी आकर सड़क के किनारे खड़े हो गए। लोगों का खयाल था कि पटेल को गिरफ्तार करके ले जाने वाली मोटर वहाँ किसी हाल में नहीं रुकेगी लेकिन मोटर रुकी। लगता है पटेल का रोब ही था कि पुलिसवालों को मोटर रोकनी पड़ी। गांधी और पटेल सड़क पर ही मिले। एक संक्षिप्त मुलाकात। पटेल ने कार में बैठते हुए आश्रमवासियों और गांधी से कहा, “मैं चलता हूँ। अब आपकी बारी है।” पटेल की गिरफ्तारी पर देशभर में प्रतिक्रिया हुई। दिल्ली में मदन मोहन मालवीय ने केंद्रीय एसेंबली में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें बिना मुकदमा चलाए पटेल को जेल भेजने के सरकारी कदम की भर्त्सना की गई थी। प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। इस प्रस्ताव पर कई नेताओं ने अपनी राय सदन में रखी। मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा, “सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत पर हमला है। भारत सरकार एक ऐसी नजीर पेश कर रही है जिसके गंभीर परिणाम होंगे।”

गांधी के रास पहुँचाने के समय वह कानून लागू था जिसके तहत पटेल को गिरफ्तार किया गया था। सत्याग्रहियों ने अपनी ओर से तैयारी पूरी कर ली थी। अब्बास तैयबजी वहाँ पहुँच चुके थे कि गांधी की गिरफ्तारी की स्थिति में कूच की अगुवाई कर सकें। बोरसद से निकलने के बाद लगभग सभी आश्वस्त थे कि अब गांधी को जलालपुर पहुँचाने तक नहीं पकड़ा जाएगा लेकिन तैयारी में कोई कमी नहीं थी।

 

प्रश्न 1 – आश्रम के सामने आश्रमवासी क्यों खड़े थे?

(क) वे पटेल की गाड़ी रोकना चाहते थे

(ख) वे पटेल को आज़ाद करवाना चाहते थे

(ग) वे पटेल की एक झलक पाना चाहते थे

(घ) वे पटेल का भाषण सुनना चाहते थे

उत्तर – (ग) वे पटेल की एक झलक पाना चाहते थे

 

प्रश्न 2 – पटेल ने कार में बैठते हुए आश्रमवासियों और गांधी से क्या कहा?

(क) मैं चलता हूँ। अब आपकी बारी है

(ख) मैं जा रहा हूँ। आपको भी आना है

(ग) मैं जल्दी जाऊगा। आपको हिम्मत रखनी है

(घ) मैं चलता हूँ। जल्दी मुलाक़ात होगी

उत्तर – (क) मैं चलता हूँ। अब आपकी बारी है

 

प्रश्न 3 – किसने कहा था कि सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के सिद्धांत पर हमला है?

(क) महात्मा गाँधी ने

(ख) स्थानीय कलेक्टर शिलिडी ने

(ग) मोहम्मद अली जिन्ना ने

(घ) मजिस्ट्रेट ने

उत्तर – (ग) मोहम्मद अली जिन्ना ने

 

प्रश्न 4 – अब्बास तैयबजी रास क्यों पहुँचे थे?

(क) ताकि गांधी की गिरफ्तारी की स्थिति में कूच की अगुवाई कर सकें

(ख) ताकि गांधी के साथ कूच की अगुवाई कर सकें

(ग) ताकि गांधी की कूच में सहायता कर सकें

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (क) ताकि गांधी की गिरफ्तारी की स्थिति में कूच की अगुवाई कर सकें

 

प्रश्न 5 – आश्रम में एक-एक आदमी क्या हिसाब लगा रहा था?

(क) मोटरकार से साबरमती जेल से  बोरसद पहुँचाने में कितना समय लगेगा

(ख) मोटरकार से बोरसद से साबरमती जेल पहुँचाने में कितना समय लगेगा

(ग) मोटरकार से पटेल को साबरमती जेल पहुँचाने में कितना समय लगेगा

(घ) मोटरकार से गाँधी को साबरमती जेल पहुँचाने में कितना समय लगेगा

उत्तर – (ख) मोटरकार से बोरसद से साबरमती जेल पहुँचाने में कितना समय लगेगा

 

3

रास में गांधी का भव्य स्वागत हुआ। दरबार समुदाय के लोग इसमें सबसे आगे थे। दरबार गोपालदास और रविशंकर महाराज वहाँ मौजूद थे। गांधी ने अपने भाषण में दरबारों का खासतौर पर उल्लेख किया। कुछ दरबार रास में रहते हैं पर उनकी मुख्य बस्ती कनकापुरा और उससे सटे गाँव देवण में है। दरबार लोग रियासतदार होते थे। उनकी साहबी थी, ऐशो-आराम की जिंदगी थी, एक तरह का राजपाट था। दरबार सब कुछ छोड़कर यहाँ आकर बस गए। गांधी ने कहा,”इनसे आप त्याग और हिम्मत सीखें।” अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक 21 मार्च को साबरमती के तट पर होने वाली थी। जवाहरलाल नेहरू इस बैठक से पहले गांधी से मिलना चाहते थे। उन्होंने संदेश भिजवाया जिसके जवाब में गांधी ने रास में अपनी जनसभा से पहले एक पत्र लिखा और कहा कि उन तक पहुँचाना कठिन है: तुमको पूरी एक रात का जागरण करना पड़ेगा। अगर कल रात से पहले वापस लौटना चाहते हो तो इससे बचा भी नहीं जा सकता। मैं उस समय जहाँ भी रहुँगा, संदेशवाहक तुमको वहाँ तक ले आएगा। इस प्रयाण की कठिनतम घड़ी में तुम मुझसे मिल रहे हो। तुमको रात के लगभग दो बजे जाने-परखे मछुआरों के कंधों पर बैठकर एक धारा पार करनी पड़ेगी। मैं राष्ट्र के प्रमुख सेवक के लिए भी प्रयाण में जरा भी विराम नहीं दे सकता।

 

प्रश्न 1 – रास में गांधी का भव्य स्वागत किसने किया?

(क) दरबान समुदाय के लोग

(ख) दरबाम समुदाय के लोग

(ग) दरबार समुदाय के लोग

(घ) दमदार समुदाय के लोग

उत्तर – (ग) दरबार समुदाय के लोग

 

प्रश्न 2 – गद्यांश में दरबार लोगों की क्या विशेषताएँ बताई गई हैं?

(क) दरबार लोग रियासतदार होते थे

(ख) दरबार लोगों की साहबी थी, ऐशो-आराम की जिंदगी थी

(ग) दरबार लोगों का एक तरह का राजपाट था

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 3 – 21 मार्च को साबरमती के तट पर किसकी बैठक होने वाली थी?

(क) अखिल कांग्रेस कमेटी की बैठक

(ख) कांग्रेस कमेटी की बैठक

(ग) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक

(घ) भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक

उत्तर – (ग) अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक

 

प्रश्न 4 – जवाहरलाल नेहरू बैठक से पहले किससे मिलना चाहते थे?

(क) गांधी से

(ख) पटेल से

(ग) मुखिया से

(घ) लॉट साहब से

उत्तर – (क) गांधी से

 

प्रश्न 5 – गांधी ने रास में अपनी जनसभा से पहले नेहरू को पत्र में क्या लिखा था?

(क) तुमको पूरी एक रात का जागरण करना पड़ेगा

(ख) अगर कल रात से पहले वापस लौटना चाहते हो तो इससे बचा भी नहीं जा सकता

(ग) मैं उस समय जहाँ भी रहुँगा, संदेशवाहक तुमको वहाँ तक ले आएगा।

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

4 – 

गांधी ने दांडी कूच शुरू होने से पहले ही यह निश्चय कर लिया था कि वह अपनी यात्रा ब्रिटिश आधिपत्य वाले भूभाग से ही करेंगे। किसी राजघराने के इलाके में नहीं जाएँगे लेकिन इस यात्रा में उन्हें थोड़ी देर के लिए बड़ौदा रियासत से गुजरना पड़ा। ऐसा न करने पर यात्रा करीब बीस किलोमीटर लंबी हो जाती और इसका असर यात्रा कार्यक्रम पर पड़ता। सत्याग्रही गाजे-बाजे के साथ रास में दाखिल हुए। वहाँ गांधी को एक धर्मशाला में ठहराया गया जबकि बाकी सत्याग्रही तंबुओं में रुके। रास की आबादी करीब तीन हजार थी लेकिन उनकी जनसभा में बीस हजार से ज्यादा लोग थे। अपने भाषण में गांधी ने पटेल की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए कहा, “सरदार को यह सजा आपकी सेवा के पुरस्कार के रूप में मिली है। उन्होंने सरकारी नौकरियों से इस्तीफे का उल्लेख किया और कहा कि कुछ मुखी और तलाटी ‘गंदगी पर मक्खी की तरह’ चिपके हुए हैं। उन्हें भी अपने निजी तुच्छ स्वार्थ भूलकर इस्तीफा दे देना चाहिए।” उन्होंने कहा, “आप लोग कब तक गाँवों को चूसने में अपना योगदान देते रहेंगे। सरकार ने जो लूट मचा रखी है उसकी ओर से क्या अभी तक आपकी आँखें खुली नहीं हैं?” गांधी ने रास में भी राजद्रोह की बात पर जोर दिया और कहा कि उनकी गिरफ्तारी ‘अच्छी बात’ होगी। सरकार को खुली चुनौती देते हुए उन्होंने कहा: अब फिर बादल घिर आए हैं। या कहो सही मौका सामने है। अगर सरकार मुझे गिरफ्तार करती है तो यह एक अच्छी बात है। मुझे तीन माह की सजा होगी तो सरकार को लज्जा आएगी। राजद्रोही को तो कालापानी, देश निकाला या फांसी की सजा हो सकती है। मुझ जैसे लोग अगर राजद्रोही होना अपना धर्म मानें तो उन्हें क्या सजा मिलनी चाहिए?

 

प्रश्न 1 – गांधी ने दांडी कूच शुरू होने से पहले क्या निश्चय कर लिया था? 

(क) कि वह अपनी यात्रा ब्रिटिश आधिपत्य वाले भूभाग से नहीं करेंगे

(ख) कि वह अपनी यात्रा ब्रिटिश आधिपत्य वाले भूभाग से ही करेंगे

(ग) कि वह अपनी यात्रा राजपूत आधिपत्य वाले भूभाग से ही करेंगे

(घ) कि वह अपनी यात्रा सरकारी आधिपत्य वाले भूभाग से ही करेंगे

उत्तर – (ख) कि वह अपनी यात्रा ब्रिटिश आधिपत्य वाले भूभाग से ही करेंगे

 

प्रश्न 2 – यात्रा में थोड़ी देर के लिए उन्हें बड़ौदा रियासत से गुजरना पड़ा। क्यों?

(क) ऐसा न करने पर यात्रा करीब पच्चास किलोमीटर लंबी हो जाती और इसका असर यात्रा कार्यक्रम पर पड़ता

(ख) ऐसा न करने पर यात्रा करीब तीस किलोमीटर लंबी हो जाती और इसका असर यात्रा कार्यक्रम पर पड़ता

(ग) ऐसा न करने पर यात्रा करीब दस किलोमीटर लंबी हो जाती और इसका असर यात्रा कार्यक्रम पर पड़ता

(घ) ऐसा न करने पर यात्रा करीब बीस किलोमीटर लंबी हो जाती और इसका असर यात्रा कार्यक्रम पर पड़ता

उत्तर – (घ) ऐसा न करने पर यात्रा करीब बीस किलोमीटर लंबी हो जाती और इसका असर यात्रा कार्यक्रम पर पड़ता

 

प्रश्न 3 – रास की आबादी करीब तीन हजार थी लेकिन उनकी जनसभा में कितने लोग थे?

(क) बीस हजार से ज्यादा

(ख) तीस हजार से ज्यादा

(ग) पच्चास हजार से ज्यादा

(घ) दस हजार से ज्यादा

उत्तर – (क) बीस हजार से ज्यादा

 

प्रश्न 4 – अपने भाषण में गांधी ने क्या जिक्र किया?

(क) सरदार को यह सजा आपकी सेवा के पुरस्कार के रूप में मिली है

(ख) उन्होंने सरकारी नौकरियों से इस्तीफे का उल्लेख किया

(ग) कब तक लोग गाँवों को चूसने में अपना योगदान देते रहेंगे

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 5 – सरकार को खुली चुनौती देते हुए गाँधी जी ने क्या कहा?

(क) अब फिर बादल घिर आए हैं। या कहो सही मौका सामने है

(ख) अगर सरकार मुझे गिरफ्तार करती है तो यह एक अच्छी बात है। मुझे तीन माह की सजा होगी तो सरकार को लज्जा आएगी

(ग) राजद्रोही को तो कालापानी, देश निकाला या फांसी की सजा हो सकती है

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

5 –

नदी के किनारे पहुँचते ही समुद्र की ओर से आने वाली ठंडी बयार ने सत्याग्रहियों का स्वागत किया। कनकापुरा में 105 साल की एक बूढ़ी महिला ने गांधी के माथे पर तिलक लगाया और कहा, “महात्माजी, स्वराज लेकर जल्दी वापस आना।” गांधी ने कहा, “मैं स्वराज लिए बिना नहीं लौटूँगा।” गांधी की जनसभा का निर्धारित समय आठ बजे था लेकिन कनकापुरा पहुँचाने में हुई देरी के कारण उसे एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।

जनसभा में गांधी ने ब्रितानी कुशासन का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “इस राज में रंक से राजा तक सब दुखी हैं। राजे-महाराजे जैसे सरकार नचाती है, नाचने को तैयार हैं। यह राक्षसी राज है…  इसका संहार करना चाहिए।” रास्ते में रेतीली सड़कों के कारण यह प्रस्ताव किया गया कि गांधी थोड़ी यात्रा कार से कर लें। गांधी ने इससे साफ इंकार कर दिया। उनका कहना था कि यह उनके जीवन की आखिरी यात्रा है और “ऐसी यात्रा में निकलने वाला वाहन का प्रयोग नहीं करता। यह पुरानी रीति है। धर्मयात्रा में हवाई जहाज, मोटर या बैलगाड़ी में बैठकर जाने वाले को लाभ नहीं मिलता। यात्रा में कष्ट सहें, लोगों का सुख-दुख समझें तभी सच्ची यात्रा होती है।” ब्रिटिश हुक्मरानों में एक वर्ग ऐसा भी था जिसे लग रहा था कि गांधी और उनके सत्याग्रही मही नदी के किनारे अचानक नमक बनाकर कानून तोड़ देंगे। समुद्री पानी नदी के तट पर काफी नमक छोड़ जाता है जिसकी रखवाली के लिए सरकारी नमक चैकीदार रखे जाते हैं। गांधी ने भी कहा कि यहाँ नमक बनाया जा सकता है। गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम ‘अचानक और चुपके से’ करेंगे। इसके बावजूद उन्होंने नदी के तट से सारे नमक भंडार हटा दिए और उन्हें नष्ट करा दिया ताकि इसका खतरा ही न रहे।

 

प्रश्न 1 – नदी के किनारे पहुँचते ही किसने सत्याग्रहियों का स्वागत किया?

(क) समुद्र की ओर से आने वाली गर्म बयार ने

(ख) समुद्र की ओर से आने वाली लहरों ने

(ग) समुद्र की ओर से आने वाली ठंडी बयार ने

(घ) समुद्र की ओर से आने वाली सूर्य की किरणों ने

उत्तर – (ग) समुद्र की ओर से आने वाली ठंडी बयार ने

 

प्रश्न 2 – जनसभा में गांधी ने ब्रितानी कुशासन के बारे में क्या कहा?

(क) इस राज में रंक से राजा तक सब दुखी हैं

(ख) राजे-महाराजे जैसे सरकार नचाती है, नाचने को तैयार हैं

(ग) यह राक्षसी राज है…  इसका संहार करना चाहिए

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 3 – रास्ते में रेतीली सड़कों के कारण यह प्रस्ताव किया गया कि गांधी थोड़ी यात्रा कार से कर लें। गांधी ने इससे साफ इंकार क्यों कर दिया?

(क) यह उनके जीवन की आखिरी यात्रा है और “ऐसी यात्रा में निकलने वाला वाहन का प्रयोग नहीं करता। यह पुरानी रीति है

(ख) धर्मयात्रा में हवाई जहाज, मोटर या बैलगाड़ी में बैठकर जाने वाले को लाभ नहीं मिलता

(ग) यात्रा में कष्ट सहें, लोगों का सुख-दुख समझें तभी सच्ची यात्रा होती है

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 4 – ब्रिटिश हुक्मरानों के एक वर्ग को क्या लग रहा था?

(क) गांधी और उनके सत्याग्रही मही नदी के किनारे अचानक नमक बनाकर कानून तोड़ देंगे

(ख) गांधी और उनके सत्याग्रही मही नदी के किनारे पानी इकट्ठा करके कानून तोड़ देंगे

(ग) गांधी और उनके सत्याग्रही मही नदी के किनारे बैठक करके कानून तोड़ देंगे

(घ) गांधी और उनके सत्याग्रही मही नदी के किनारे अचानक चीनी बनाकर कानून तोड़ देंगे

उत्तर – (क) गांधी और उनके सत्याग्रही मही नदी के किनारे अचानक नमक बनाकर कानून तोड़ देंगे

 

प्रश्न 5 – गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी किस बात से सहमत नहीं थे?

(क) गांधी कोई काम जल्दबाजी में नहीं करेंगे

(ख) गांधी कोई काम ‘अचानक और चुपके से’ करेंगे

(ग) गांधी कोई काम धीरे से नहीं करेंगे

(घ) गांधी कोई काम सीधे सीधे नहीं करेंगे

उत्तर – (ख) गांधी कोई काम ‘अचानक और चुपके से’ करेंगे

 

6 –

गांधी को नदी पार कराने की जिम्मेदारी रघुनाथ काका को सौंपी गई थी। उन्होंने इसके लिए एक नयी नाव खरीदी और उसे लेकर कनकापुरा पहुँच गए। बदलपुर के रघुनाथ काका को सत्याग्रहियों ने निषादराज कहना शुरू कर दिया। उनके पास बदलपुर में काफी जमीन थी और नावें भी चलती थीं। जब समुद्र का पानी चढ़ना शुरू हुआ तब तक अँधेरा इतना घना हो गया था कि छोटे-मोटे दिये उसे भेद नहीं पा रहे थे। थोड़ी ही देर में कई हजार लोग नदी तट पर पहुँच गए। उन सबके हाथों में दिये थे। यही नज़रा नदी के दूसरी ओर भी था। पूरा गाँव और आस-पास से आए लोग दिये की रोशनी लिए गांधी और उनके सत्याग्रहियों का इंतजार कर रहे थे। रात बारह बजे महिसागर नदी का किनारा भर गया। पानी चढ़ आया था। गांधी झोपड़ी से बाहर निकले और घुटनों तक पानी में चलकर नाव तक पहुँचे। ‘महात्मा गांधी की जय’, ‘सरदार पटेल की जय’ और ‘जवाहरलाल नेहरू की जय’ के नारों के बीच नाव रवाना हुई जिसे रघुनाथ काका चला रहे थे। कुछ ही देर में नारों की आवाज नदी के दूसरे तट से भी आने लगी। ऐसा लगा जैसे वह नदी का किनारा नहीं बल्कि पहाड़ की घाटी हो, जहाँ प्रतिध्वनि सुनाई दे। महिसागर के दूसरे तट पर भी स्थिति कोई भिन्न नहीं थी। उसी तरह का कीचड़ और दलदली जमीन। यह पूरी यात्रा का संभवतः सबसे कठिन हिस्सा था। डेढ़ किलोमीटर तक पानी और कीचड़ में चलकर गांधी रात एक बजे उस पार पहुँचे और सीधे विश्राम करने चले गए। गाँव के बाहर, नदी के तट पर ही उनके लिए झोपड़ी पहले ही तैयार कर दी गई थी। गांधी के पार उतरने के बाद भी तट पर दिये लेकर लोग खड़े रहे। अभी सत्याग्रहियों को भी उस पार जाना था। शायद उन्हें पता था कि रात में कुछ और लोग आएँगे जिन्हें नदी पार करानी होगी।

 

प्रश्न 1 – गांधी को नदी पार कराने की जिम्मेदारी किसको सौंपी गई थी?

(क) रघुवीर काका

(ख) रघुराम काका

(ग) रघुनाथ काका 

(घ) रघुश्याम काका

उत्तर – (ग) रघुनाथ काका

 

प्रश्न 2 – बदलपुर के रघुनाथ काका को सत्याग्रहियों ने क्या कहना शुरू कर दिया?

(क) निषादराज

(ख) विषादराज

(ग) निदानराज

(घ) निषाव्राज

उत्तर – (क) निषादराज

 

प्रश्न 3 – ऐसा क्यों लग रहा था जैसे वह नदी का किनारा नहीं बल्कि पहाड़ की घाटी हो?

(क) क्योंकि  वहाँ नदी के किनारे पडाड़ थे

(ख) क्योंकि वहाँ प्रतिध्वनि सुनाई दे रही थी

(ग) क्योंकि वहाँ घाटी थी

(घ) क्योंकि वहाँ अधिक पेड़-पौधे थे

उत्तर – (ख) क्योंकि वहाँ प्रतिध्वनि सुनाई दे रही थी

 

प्रश्न 4 – महिसागर के दूसरे तट पर कैसी स्थिति थी?

(क) कीचड़ और दलदली जमीन थी

(ख) डेढ़ किलोमीटर तक पानी और कीचड़ था

(ग) पूरी यात्रा का संभवतः सबसे कठिन हिस्सा था

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 5 – गांधी के पार उतरने के बाद भी तट पर दिये लेकर लोग क्यों खड़े रहे? अभी सत्याग्रहियों को भी उस पार जाना था। शायद उन्हें पता था कि रात में कुछ और लोग आएँगे जिन्हें नदी पार करानी होगी।

(क) शायद उन्हें पता था कि रात में लोगों को रोशनी चाहिए होगी

(ख) शायद उन्हें पता था कि रात में कुछ और लोग आएँगे जिन्हें नदी पार करानी होगी

(ग) शायद उन्हें पता था कि रात में कुछ और लोग आएँगे

(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर – (ख) शायद उन्हें पता था कि रात में कुछ और लोग आएँगे जिन्हें नदी पार करानी होगी

 

Class 9 Hindi Sanchayan Lesson 6 दिए जल उठे बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1 – रास के पास कौन सा पेड़ था?

(क) पीपल का 

(ख) एक बूढ़े बरगद का 

(ग) तुलसी का 

(घ) देवदार का 

उत्तर –  (ख) एक बूढ़े बरगद का 

प्रश्न 2 – लेखक के अनुसार बूढ़े बरगद के पेड़ ने क्या देखा था?

(क) दांडी कूच की तैयारी का पूरा दृश्य 

(ख) दांडी यात्रा में आए लोगों को 

(ग) गाँधी जी के भाषण को 

(घ) वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी को 

उत्तर – (क) दांडी कूच की तैयारी का पूरा दृश्य 

प्रश्न 3 – सरदार वल्लभभाई पटेल की ही तरह अगर गांधी की गिरफ्तारी होती तो उस स्थिति में कूच का नेतृत्व करने की जिम्मेवारी किसकी थी?

(क) सत्याग्रहियों की 

(ख) नेहरू जी की 

(ग) वल्लभभाई पटेल जी की 

(घ) अब्बास तैयबजी की 

उत्तर – (घ) अब्बास तैयबजी की 

प्रश्न 4 – रास में गाँधी जी का कैसा स्वागत हुआ?

(क) ठीक-ठाक 

(ख) बहुत ही शानदार 

(ग) बहुत बुरा 

(घ) अच्छा 

उत्तर – (ख) बहुत ही शानदार 

प्रश्न 5 – गाँधी जी के स्वागत में सबसे आगे कौन थे?

(क) आश्रम के लोग 

(ख) सत्याग्रही 

(ग) दरबार समुदाय के लोग 

(घ) नेहरू जी 

उत्तर – (ग) दरबार समुदाय के लोग 

प्रश्न 6 – सत्याग्रही रास में कैसे दाखिल हुए?

(क) गाजे-बाजे के साथ 

(ख) शांति के साथ 

(ग) बात-चीत करते हुए 

(घ) नाचते हुए 

उत्तर – (क) गाजे-बाजे के साथ

प्रश्न 7 – गांधी को नदी पार कराने की जिम्मेदारी किसको सौंपी गई थी।

(क) मछवारों की 

(ख) नेहरू जी 

(ग) रघुनाथ काका 

(घ) सत्यग्रहियों की 

उत्तर – (ग) रघुनाथ काका 

प्रश्न 8 – ‘इन से आप त्याग और हिम्मत सीखें’ यह गाँधी जी ने किसके विषय में कहा?

(क) नेहरू के  

(ख) पटेल के  

(ग) दरबार समुदाय के लोग 

(घ) रघुनाथ काका के 

उत्तर – (ग) दरबार समुदाय के लोग 

प्रश्न 9 – नदी के तट पर सत्यग्रहियों का स्वागत किसने किया?

(क) ठंडी बयार ने 

(ख) भयंकर बारिश ने 

(ग) बर्फीली हवाओं ने 

(घ) मछवारों ने 

उत्तर – (क) ठंडी बयार ने 

प्रश्न 10 – किस नदी के किनारे लोग इकट्ठे थे?

(क) गंगा 

(ख) मही 

(ग) जमुना 

(घ) कृष्णा 

उत्तर – (ख) मही 

 

Class 9 Hindi दिए जल उठे Short Answer Type Questions 25 to 30 Words

प्रश्न 1 – किस कारण से प्रेरित हो स्थानीय कलेक्टर ने पटेल को गिरफ्तार करने का आदेश दिया?

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपने पिछले आंदोलन में स्थानीय कलेक्टर शिलिडी को अहमदाबाद से भगा दिया था। जहाँ कलेक्टर शिलिडी सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा किए जा रहे आंदोलन को दबाने के लिए आया था। वहाँ से भगाये जाने को वह अपमान के रूप में देख रहा था और इसी अपमान का बदला लेने के लिए कलेक्टर शिलिडी ने सरदार वल्लभभाई पटेल को मनाही के आदेश को भंग करने के आरोप में गिरफ्तार करने का आदेश दे दिया।

प्रश्न 2 – जज को पटेल की सज़ा के लिए आठ लाइन के फैसले को लिखने में डेढ़ घंटा क्यों लगा?

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल ने रास में भाषण की शुरुआत करके कोई अपराध नहीं किया था यह जज भी अच्छी तरह जानते थे। सरदार वल्लभभाई पटेल को कलेक्टर ने ईर्ष्या व रंजिश के कारण और अपने अपमान का बदला लेने के लिए गिरफ्तार करवाया था। सरदार वल्लभभाई पटेल के पीछे देशवासियों का पूरा समर्थन था। बिना अपराध के कारण सरदार वल्लभभाई पटेल को किस धारा के अंतर्गत कितनी सजा दें, यही सोच-विचार करने के कारण जज को डेढ़ घंटे का समय लगा।

प्रश्न 3 – “मैं चलता हूँ! अब आपकी बारी है।”- यहाँ पटेल के कथन का आशय उधृत पाठ के संदर्भ में स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल को मनाही के आदेश का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यद्यपि मनाही के आदेश को उसी समय लागू किया गया था और सरदार वल्लभभाई पटेल अपने भाषण की शुरुआत पहले ही कर चुके थे। अतः उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी थी। अंग्रेज़ सरकार को कोई-न-कोई बहाना बनाकर कांग्रेस के नेताओं को पकड़ना था। इसी सत्य को बतलाने के इरादे से सरदार वल्लभभाई पटेल ने गाँधी जी को कहा कि अब वे तो अंग्रेजी सरकार के षडयन्त्र के कारण जेल जा रहे है उन्हें भी सावधानी से काम करना होगा। नहीं तो अंग्रेजी सरकार कोई न कोई बहाना बना कर उन्हें भी गिरफ्तार कर सकती है। अतः उन्हें आगे के सफर की और अच्छे से तैयारियाँ करनी चाहिए।

प्रश्न 4 – “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें”-गांधी जी ने यह किसके लिए और किस संदर्भ में कहा?

उत्तर – सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी के बाद जब गांधी जी रास पहुँचे तो दरबार समुदाय के लोगों के द्वारा उनका बहुत ही सुंदर स्वागत किया गया। ये दरबार लोग रियासतदार होते थे, जो अपना ऐशो-आराम छोड़कर रास में बस गए थे। केवल गांधी जी को उनके कूच में सहायता प्रदान करने के लिए, जबकि उन्हें भी पता था कि गांधी जी का साथ देने के कारण उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है। गांधी जी ने “इनसे आप लोग त्याग और हिम्मत सीखें” ये शब्द इन्हीं दरबार लोगों के त्याग और ऐसे फैसले लेने के साहस के कारण कहे थे।

प्रश्न 5 – पाठ द्वारा यह कैसे सिद्ध होता है कि-‘कैसी भी कठिन परिस्थिति हो उसका सामना तात्कालिक सूझबूझ और आपसी मेलजोल से किया जा सकता है। अपने शब्दों में लिखिए।

उत्तर – इस पाठ से सिद्ध होता है कि हर कठिन परिस्थिति को आपसी सूझबूझ और सहयोग से निपटा जा सकता है। सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी से एक चुनौती सामने आई। गुजरात का सत्याग्रह आंदोलन असफल होता जान पड़ा। किंतु स्वयं गाँधी जी ने आंदोलन की कमान सँभाल ली। यदि वे भी गिरफ्तार कर लिए जाते तो उसके लिए भी उपाय सोचा गया। अब्बास तैयबजी नेतृत्व करने के लिए तैयार थे। गाँधी जी को रास से कनकापुर की सभा में जाना था। वहाँ से नदी पार करनी थी। इसके लिए गाँववासियों ने पूरी योजना बनाई। रात ही रात में नदी पार की गई। इसके लिए झोंपड़ी, तंबू, नाव, दिए आदि का प्रबंध किया गया। सारा कठिन काम चुटकियों में संपन्न हो गया। इस पाठ में सभी के आपसी सहयोग के कारण ही सभी कार्य आराम से बिना किसी कठिनाई के संपन्न होते चले गए।

प्रश्न 6 – “यह धर्मयात्रा है। चलकर पूरी करूंगा”-गांधीजी के इस कथन द्वारा उनके किस चारित्रिक गुण का परिचय प्राप्त होता है?

उत्तर – इस कथन द्वारा गांधी जी की दृढ़ आस्था, सच्ची निष्ठा और वास्तविक कर्तव्य भावना के दर्शन होते हैं। वे किसी भी आंदोलन को धर्म के समान पूज्य मानते थे और उसमें पूरे समर्पण के साथ लगते थे। वे औरों को कष्ट और बलिदान के लिए प्रेरित करके स्वयं सुख-सुविधा भोगने वाले ढोंगी नेता नहीं थे। वे हर जगह त्याग और बलिदान का उदाहरण स्वयं अपने जीवन से देते थे।

प्रश्न 7 – गांधी को समझने वाले वरिष्ठ अधिकारी इस बात से सहमत नहीं थे कि गांधी कोई काम अचानक और चुपके से करेंगे। फिर भी उन्होंने किस डर से और क्या एहतियाती कदम उठाए?

उत्तर – अंग्रेज अधिकारी भी गांधी जी की स्वाभाविक विशेषताओं से परिचित थे। वे जानते थे कि गांधी जी छल और असत्य से कोई काम नहीं करेंगे। फिर भी उन्होंने इस डर से एहतियाती कदम उठाए कि गांधी जी ने कहा था कि मही नदी के तट पर भी नमक बनाया जा सकता है, इसलिए नदी के तट से सारे नमक के भंडार नष्ट करवा दिए गए ताकि गांधी जी नदी के तट पर ही नमक बना कर कानून न तोड़ सकें।

प्रश्न 8 – गांधी जी के पार उतरने पर भी लोग नदी तट पर क्यों खड़े रहे?

उत्तर – जब गांधी जी महिसागर नदी के पार उतर गए। फिर भी लोग नदी तट पर इसलिए खड़े रहे ताकि गाँधी जी के पीछे आ रहे सत्याग्रही भी तट तक पहुँच जाएँ और उन्हें दियों का प्रकाश मिल सके। शायद उन्हें पता था कि रात में कुछ और लोग आएँगे जिन्हें नदी पार करानी होगी। उन लोगों को पता था कि उनके सत्यग्रह में अभी और भी लोग जुड़ने वाले हैं, उन लोगों को भी नदी पार करवाना जरुरी था ताकि उन्हें भी सही रास्ते का पता चले और उनके सत्यग्रह में लोगों की संख्या बड़े ताकि अंग्रेज सरकार उनके कूच को न दबा सके और वे नमक बना कर कानून को तोड़ सकें।

 

Class 9 Hindi दिए जल उठे Long Answer Type Questions 60 to 70 Words

प्रश्न 1 – महिसागर नदी के दोनों किनारों पर कैसा दृश्य उपस्थित था? अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।

उत्तर – गांधी जी और सत्याग्रही सायं छह बजे चलकर आठ बजे कनकापुरा पहुँचे। वहीं आधी रात में महिसागर नदी पार करने का निर्णय लिया गया।  फैसला लिया गया कि नदी को आधी रात के समय जब नदी में समुद्र का पानी चढ़ जाता है उस समय नदी को पार किया जाएगा ताकि लोगों को कीचड़ और दलदल में कम-से-कम चलना पड़े। रात के समय जब समुद्र का पानी चढ़ना शुरू हुआ तब तक अँधेरा इतना घना हो गया था कि छोटे-मोटे दिये उसे भेद नहीं पा रहे थे। थोड़ी ही देर में कई हजार लोग नदी तट पर पहुँच गए। उन सबके हाथों में दिये थे। इसी तरह का दृश्य नदी के दूसरी ओर भी था। नदी के दूसरी ओर भी पूरा गाँव और आस-पास से आए लोग दिये की रोशनी लिए गांधी जी और उनके सत्याग्रहियों का इंतजार कर रहे थे। रात के लगभग बारह बजे महिसागर नदी का किनारा पानी से भर गया। समुद्र का पानी चढ़ आया था। पानी चढ़ने की खबर सुन कर गांधी जी झोपड़ी से बाहर निकले और घुटनों तक पानी में चलकर नाव तक पहुँचे। गांधी जी के वहाँ से चलते ही ‘महात्मा गांधी की जय’, ‘सरदार पटेल की जय’ और ‘जवाहरलाल नेहरू की जय’ के नारे सुनाई देने लगे और उन्हीं नारों के बीच नाव रवाना हुई जिसे रघुनाथ काका चला रहे थे। कुछ ही देर में नारों की आवाज नदी के दूसरे तट से भी आने लगी। उन आवाजों को सुन कर ऐसा लग रहा था जैसे वह नदी का किनारा नहीं बल्कि पहाड़ की घाटी हो, जहाँ जब कोई शब्द जोर से पुकारा जाता है तो उस शब्द के उपरान्त उसी से उत्पान्न शब्द सुनाई देता है। क्योंकि नदी के दूसरी ओर जमा हुए लोग भी उसी तरह से ‘महात्मा गांधी की जय’, ‘सरदार पटेल की जय’ और ‘जवाहरलाल नेहरू की जय’ के नारे लगा रहे थे। नदी के दोनों तटों पर मेले जैसा दृश्य हो रहा था।

 

Class 9 Hindi दिए जल उठे अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)

प्रश्न 1 – दरबार लोग कैसी जिंदगी जीते थे?

उत्तर – दरबार लोग साहब की तरह जिंदगी जीते थे, ऐशो-आराम की जिंदगी जीते थे, एक तरह से वे लोग राजा की तरह जीते थे। दरबार सब कुछ छोड़कर रास में आकर बस गए थे। गांधी जी ने अपने भाषण में कहा कि दरबार लोगों से सभी को त्याग और हिम्मत सीखनी चाहिए। 

प्रश्न 2 – जब जवाहरलाल नेहरू ने गाँधी जी से मिलने के लिए सन्देश भिजवाया तो गाँधी जी ने उन्हें वापिस क्या सन्देश भिजवाया?

उत्तर – जब जवाहरलाल नेहरू ने गाँधी जी से मिलने के लिए सन्देश भिजवाया तो गाँधी जी ने उन्हें वापिस सन्देश भिजवाया कि यदि जवाहरलाल नेहरू गाँधी जी से मिलना चाहते हैं तो उनको पूरी एक रात जागना पड़ेगा। और अगर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक से पहले वापस लौटना चाहते है तो इससे बचा भी नहीं जा सकता अर्थात उन्हें अगर समय पर वापिस लौटना है तो उन्हें पूरी रात जागना पड़ेगा तभी वे गाँधी जी से मिल कर वापिस समय पर लौट सकेंगे। 

प्रश्न 3 – गांधी ने दांडी कूच शुरू होने से पहले क्या निश्चय कर लिया था?

उत्तर – गांधी ने दांडी कूच शुरू होने से पहले ही यह निश्चय कर लिया था कि वे उनकी यात्रा ऐसे भूभाग से ही करेंगे जो अंग्रेजों के अधिकार में होगा। वे किसी राजघराने के इलाके में नहीं जाएँगे लेकिन इस यात्रा में उन्हें थोड़ी देर के लिए बड़ौदा रियासत से गुजरना पड़ा। क्योंकि अगर वे वहाँ से नहीं जाते तो उनकी यात्रा करीब बीस किलोमीटर लंबी हो जाती और इसका असर उनकी यात्रा के कार्यक्रम पर पड़ता। 

प्रश्न 4 – गाँधी जी ने यात्रा के दौरान किस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और क्यों?

उत्तर – यात्रा के दौरान रास्ते में रेतीली सड़कों के कारण यह प्रस्ताव किया गया कि गांधी जी थोड़ी यात्रा कार से कर लें। परन्तु गांधीजी  ने इस प्रस्ताव से साफ इंकार कर दिया। गाँधी जी का कहना था कि यह उनके जीवन की आखिरी यात्रा है और ऐसी यात्रा में निकलने वाला वाहन का प्रयोग नहीं करता। यह पुरानी रीति है। धर्मयात्रा में हवाई जहाज, मोटर या बैलगाड़ी में बैठकर जाने वाले को कोई लाभ नहीं मिलता। गाँधी जी के अनुसार जिस यात्रा में कष्ट सहें जाएँ, लोगों के सुख-दुख समझें जाएँ वही सच्ची यात्रा होती है। 

प्रश्न 5 – अंग्रेजी शासकों को किस बात का अंदेशा था और गाँधी जी को उनके मकसद में असफल करने के लिए उन्होंने क्या किया?

उत्तर – अंग्रेजी शासकों में एक वर्ग ऐसा भी था जिसे ऐसा लग रहा था कि गांधी और उनके सत्याग्रही मही नदी के किनारे ही अचानक नमक बनाकर कानून तोड़ देंगे। क्योंकि समुद्री पानी नदी के तट पर काफी नमक छोड़ जाता था जिसकी रखवाली के लिए अंग्रेजी सरकार ने सरकारी नमक चैकीदार रखे हुए थे। गांधी को समझने वाले बड़े अधिकारी इस बात को मानने वाले नहीं थे कि गांधी जी भी कोई काम ‘अचानक और चुपके से’ कर सकते हैं। यह विश्वास होने के बावजूद भी कि गाँधी जी कोई काम अचानक और चुपके से नहीं करेंगें अंग्रेजी अधिकारियों ने नदी के तट से सारे नमक भंडार हटा दिए और उन्हें नष्ट करा दिया ताकि इसका खतरा ही न रहे कि गांधी जी नदी किनारे ही नमक बना कर कानून को तोड़ दें। 

प्रश्न 6 – बदलपुर के रघुनाथ काका को सत्याग्रहियों ने निषादराज कहना क्यों शुरू कर दिया था?

उत्तर – गांधी जी को नदी पार कराने की जिम्मेदारी रघुनाथ काका को सौंपी गई थी। उन्होंने गांधी जी को नदी पार कराने के लिए एक नई नाव खरीदी और उसे लेकर कनकापुरा पहुँच गए थे। बदलपुर के रघुनाथ काका को सत्याग्रहियों ने निषादराज कहना शुरू कर दिया था क्योंकि जिस प्रकार राम जी को नदी पार करने की जिम्मेवारी निषाद राज की थी उसी प्रकार बदलपुर के रघुनाथ काका को भी गाँधी जी को नदी पार करवाने की जिम्मेवारी मिली थी। 

प्रश्न 7 – नदी पार करने के लिए सत्याग्रहियों ने रात दस बजे के बाद का समय क्यों चुना?

उत्तर – मही नदी के दोनों ओर दूर-दूर तक दलदल और कीचड़ था। इसी कीचड़ एवं दलदल में कई किलोमीटर पैदल चलकर नाव तक पहुँचना था। रात बारह बजे समुद्र का पानी नदी में चढ़ आता है जिससे कीचड़ एवं दलदल पर पानी भर जाता है और नाव चलने योग्य हो जाती है।

प्रश्न 8 – महिसागर के दूसरे तट की स्थिति कैसी थी? ‘दिये जल उठे’ पाठ के आधार पर लिखिए।

उत्तर – महिसागर के दूसरे तट की स्थिति भी पहले तट के जैसी ही थी। यहाँ की जमीन भी दलदली और कीचड़युक्त थी। यहाँ भी गांधी जी को करीब डेढ़ किलोमीटर तक पानी और कीचड़ में चलकर किनारे पहुँचना पड़ा। यहाँ भी गांधी जी के विश्राम के लिए झोपड़ी पहले से तैयार कर दी गई थी।

प्रश्न 9 – वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी और गिरफ्तारी के बाद गाँधी जी से उनकी मुलाक़ात का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। 

उत्तर – दांडी कूच की तैयारी के सिलसिले में वल्लभभाई पटेल सात मार्च को रास पहुँचे थे। वल्लभभाई पटेल ने लोगों से पूछा कि क्या वे सभी सत्याग्रह के लिए तैयार हैं? जब वल्ल्भभाई पटेल लोगों को भाषण दे रहे थे उसी बीच फ़ौजदारी अदालत के अफ़सर ने मनाही का आदेश लागू कर दिया और पटेल को गिरफ़्तार कर लिया गया। उनकी यह गिरफ़्तारी स्थानीय कलेक्टर शिलिडी के आदेश पर हुई थी, जिसे पटेल ने पिछले आंदोलन के समय अहमदाबाद से भगा दिया था।

वल्लभभाई को पुलिस पहरे में बोरसद की अदालत में लाया गया था, जहाँ पर वल्लभभाई ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। जब वल्लभभाई ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था तब जज को समझ में नहीं आ रहा था कि वह उन्हें कौन सी धारा के तहत, कितनी सजा दे। साबरमती आश्रम में गांधी को पटेल की गिरफ्तारी, उनकी सजा और उन्हें साबरमती जेल लाए जाने की सूचना दी गई। समय का अनुमान लगाकर गांधी जी खुद आश्रम से बाहर निकल आए। 

उनके पीछे-पीछे सब आश्रमवासी बाहर आ गए और बाहर आकर सड़क के किनारे खड़े हो गए ताकि वे पटेल को जेल जाने से पहले एक बार देख सकें। पटेल को जेल ले जाने वाली मोटर आश्रम के बाहर रुकी। गांधी और पटेल सड़क पर ही मिले। उन दोनों की एक छोटी सी मुलाकात हुई। पटेल ने कार में बैठते हुए आश्रमवासियों और गांधी से कहा था कि वह तो अब जा रहें हैं अब बाकि काम को पूरा करने की जिम्मेवारी उन सभी की है।

प्रश्न 10 – गाँधी जी ने अपनी गिरफ्तारी का अनुमान लगाते हुए क्या कहा था? उनकी सोच से उनके व्यक्तित्व के बारे में क्या पता चलता है?

उत्तर – रास की जनसंख्या तीन हजार के लगभग थी लेकिन गाँधी जी की जनसभा में बीस हजार से भी ज्यादा लोग आये हुए थे। गांधी जी ने रास में भी राजद्रोह की बात पर जोर दिया और कहा कि उनकी गिरफ्तारी ‘अच्छी बात’ होगी। गाँधी जी ने सरकार को खुली चुनौती देते हुए यह भी कहा अब फिर बादल घिर आए हैं। या ये भी कहा जा सकता है कि अब सही मौका सामने आया है।

अगर सरकार उन्हें गिरफ्तार करती है तो यह एक अच्छी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें तीन माह की सजा देते हुए सरकार को भी शर्म आएगी। इसलिए गाँधी जी ने कहा कि राजद्रोही को तो कालापानी, देश निकाला या फांसी की सजा हो सकती है। और उनके जैसे लोग अगर राजद्रोही होना अपना धर्म मानें तो उन्हें क्या सजा मिलनी चाहिए? यहाँ गाँधी जी लोगों को बताना चाह रहे थे कि हो सकता है उन्हें तीन माह की सजा न हो कर कालापानी, देश निकाला या फांसी की सजा हो, तो उन सभी को आगे की कूच करने की पहले से ही तैयारियाँ करके रखनी चाहिए। यहाँ पर गाँधी जी की इस सोच से उनके दूरदर्शी होने का पता चलता है। 

प्रश्न 11 –  वल्ल्भभाई पटेल को किस आदेश के तहत गिरफ़्तार किया गया और इस आदेश का तात्पर्य क्या था?

उत्तर – जब वल्ल्भभाई पटेल लोगों को भाषण दे रहे थे उसी बीच फ़ौजदारी अदालत के अफ़सर ने मनाही का आदेश लागू कर दिया और पटेल को गिरफ़्तार कर लिया गया। कहने का तात्पर्य यह है कि फ़ौजदारी अदालत के अफ़सर ने दांडी कूच करने के लिए मनाही का आदेश लागू कर दिया। अब कोई भी दांडी कूच नहीं कर सकता था। अगर कोई इस आदेश का पालन करने से मना करता तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता था। वल्लभभाई पटेल इस समय दांडी कूच का नेतृत्व कर रहे थे इसी कारण उन्हें गिरफ्तार किया गया। 

प्रश्न 12 – वल्ल्भभाई पटेल को सज़ा देने में जज को मुश्किल क्यों हो रही थी और अंत में वल्ल्भभाई पटेल को क्या सज़ा हुई?

उत्तर – वल्ल्भभाई पटेल की गिरफ़्तारी स्थानीय कलेक्टर शिलिडी के आदेश पर हुई थी, जिसे पटेल ने पिछले आंदोलन के समय अहमदाबाद से भगा दिया था। वल्लभभाई को पुलिस पहरे में बोरसद की अदालत में लाया गया था, जहाँ पर वल्लभभाई ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया अर्थात वल्लभभाई ने स्वीकार कर लिया कि उन्होंने मनाही के आदेश को नहीं माना है। जब वल्लभभाई ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया था तब जज को समझ में नहीं आ रहा था कि वह उन्हें कौन सी धारा के तहत, कितनी सजा दे। लेखक कहता है कि जज को अपना आठ लाइन का फैसला लिखने में डेढ़ घंटा लगा। जज ने फैसले के अनुसार पटेल को 500 रुपये जुर्माने के साथ तीन महीने की जेल हुई। इसके लिए उन्हें अहमदाबाद में साबरमती जेल ले जाया गया। 

प्रश्न 13 – वल्ल्भभाई पटेल की गिरफ़्तारी का क्या परिणाम हुआ?

उत्तर – जब पटेल को गिरफ्तार किया गया तो उसके बदले में देशभर में एक लहर सी दौड़ गई। पटेल की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली में मदन मोहन मालवीय ने केंद्रीय एसेंबली में एक प्रस्ताव पेश किया जिसमें बिना मुकदमा चलाए पटेल को जेल भेजने के सरकारी कदम की निंदा की गई थी। लेकिन उनका यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। मदन मोहन मालवीय के इस प्रस्ताव पर कई नेताओं ने अपनी राय सदन में रखी। मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी अपने विचारों को प्रकट करने की स्वतंत्रता के सिद्धांत पर हमला है। भारत सरकार एक ऐसा उदाहरण पेश कर रही है जिसके बहुत ज्यादा भयानक परिणाम होंगे। 

प्रश्न 14 – वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी के बाद सत्याग्रहियों ने अपनी ओर से हर मुश्किल को पार करने की तैयारी किस प्रकार कर रखी थी?

उत्तर – गांधी के रास पहुँचाने के समय वह कानून लागू था जिसके अनुसार सरदार वल्लभभाई पटेल को गिरफ्तार किया गया था। सरदार वल्लभभाई पटेल की गिरफ्तारी के बाद सत्याग्रहियों ने अपनी ओर से हर मुश्किल को पार करने की तैयारी पूरी तरह से कर ली थी। अब्बास तैयबजी भी रास पहुँच चुके थे ताकि यदि किसी कारण से गांधी की गिरफ्तारी होती है तो उस स्थिति में वे कूच का नेतृत्व कर सकें। बोरसद से निकलने के बाद लगभग सभी सत्याग्रहियों को यह विश्वास था कि अब गांधी को जलालपुर पहुँचाने  तक गिरफ्तार नहीं किया जाएगा लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी तैयारी में कोई कमी नहीं रखी थी। ताकि यदि किसी स्थिति में गाँधी को गिरफ्तार कर भी दिया जाता है तो भी कूच को न रोका जाए। 

प्रश्न 15 – अपनी गिरफ़्तारी के बारे में गाँधी जी की क्या राय थी?

उत्तर – गांधी जी ने रास में भी राजद्रोह की बात पर जोर दिया और कहा कि उनकी गिरफ्तारी ‘अच्छी बात’ होगी। गाँधी जी ने सरकार को खुली चुनौती देते हुए यह भी कहा अब फिर बादल घिर आए हैं। या ये भी कहा जा सकता है कि अब सही मौका सामने आया है। अगर सरकार उन्हें गिरफ्तार करती है तो यह एक अच्छी बात है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें तीन माह की सजा देते हुए सरकार को भी शर्म आएगी। इसलिए गाँधी जी ने कहा कि राजद्रोही को तो कालापानी, देश निकाला या फांसी की सजा हो सकती है। और उनके जैसे लोग अगर राजद्रोही होना अपना धर्म मानें तो उन्हें क्या सजा मिलनी चाहिए? यहाँ गाँधी जी लोगों को बताना चाह रहे थे कि हो सकता है उन्हें तीन माह की सजा न हो कर कालापानी, देश निकाला या फांसी की सजा हो, तो उन सभी को आगे की कूच करने की पहले से ही तैयारियाँ करके रखनी चाहिए। लेखक यहाँ गाँधी जी के दूरदर्शी सोच को उजागर कर रहा है। 

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