Class 8 NCERT Vasant Book Chapter Wise difficult word meanings
Here, the difficult words and their meanings of all the Chapters of CBSE Class 8 Hindi Vasant (Bhag-3) Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the Chapters from the NCERT Class 8 Hindi Vasant Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.
- Chapter 1 ध्वनि (Dhwani)
- Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ (Lakh Ki Chudiyan)
- Chapter 3 बस की यात्रा
- Chapter 4 दीवानों की हस्ती (Deewano ki Hasti)
- Chapter 5 चिठ्ठियों की अनूठी दुनिया (Chitthiyon Ki Anoothi Duniya)
- Chapter 6 भगवान के डाकिए (Bhagwan Ke Dakiye)
- Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए (Kya Nirash Hua Jaye)
- Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं (Yeh Sabse Kathin Samay Nahi)
- Chapter 9 कबीर की साखियॉं (Kabir Ki Saakhiyaan)
- Chapter 10 कामचोर (Kamchor)
- Chapter 11 जब सिनेमा ने बोलना सीखा (Jab Cinema Ne Bolna Sikha)
- Chapter 12 सूरदास चरित
- Chapter 13 जहाँ पहिया है (Jahan Pahiya hai)
- Chapter 14 अकबरी लोटा ((Akbari Lota))
- Chapter 15 सूरदास के पद (Surdas ke Pad)
- Chapter 16 पानी की कहानी (Pani ki Kahani)
- Chapter 17 बाज और साँप (Baaz aur Saanp)
- Chapter 18 टोपी (Topi)
Chapter 1 ध्वनि (Dhwani)
- अंत: खत्म, समाप्ति
- अनंत: जिसका कभी अंत न हो
- अमृत: सुधा
- कलियों: थोड़ी खिली कलियाँ
- गात: शरीर
- तंद्रालस: नींद से अलसाया हुआ
- द्वार: दरवाज़ा
- नव: नये
- पात: पत्ता
- पुष्प–पुष्प: फूल
- प्रत्यूष: सवेरा
- मनोहर: सुन्दर
- मृदुल: कोमल
- मृदुल–कर: हाथ
- लालसा: लालच
- वसंत: फूल खिलने की ऋतु
- सहर्ष: ख़ुशी के साथ
- सींच: सिंचाई
- स्वप्न: सपना
Chapter 2 लाख की चूड़ियाँ (Lakh Ki Chudiyan)
- अंजुली – हथेली
- अंदर–ही–अंदर कुढ़ – मन ही मन दुखी होना
- अतिरिक्त – अलावा
- अतीत के चित्र –पुरानी यादें
- अवधि – समय
- आँगन – बेड़ा
- उभर – दिखने लगी
- कसर – कमी
- खतरनाक – नुकसान देने वाला
- खपत – बिक्री
- खाट – चारपाई
- खातिर – मेहमान नवाजी
- गोलियाँ – कंचे
- घरवाली – पत्नि
- चबूतरे – ऊँचा और चौरस स्थान
- चाव – ख़ुशी
- चौखट – लकड़ी का चौकोर टुकड़ा
- चौगुने – चार–गुना
- ठिठक – रूक
- ढल – कमजोर
- ढेर – बहुत
- ढेरों – बहुत सारा
- दमा – लगातार खांसते रहना
- दहकती –जलती
- दृष्टि – नज़र
- दृष्टि – नज़र
- ध्यान – ख्याल
- ध्यान – याद
- नव–वधू – नई बहू
- नाजुक – कोमल
- नाजुक – मुलायम
- निहारता – एकटक देखना
- पगड़ी – पग
- पश्चात – बाद
- पश्चात् – बाद में
- पैतृक – पिता सम्बन्धी
- प्रचार – चलन
- फब – सुन्दर
- फसली खाँसी – बदलते मौसम के कारण हुई ख़ासी
- बखत – समय
- बहुधा – हमेशा
- बेलननुमा मुँगेरियाँ – गोल लकड़ी
- भट्टी – चूल्हा
- भट्टी – अँगीठी
- भाँप – जानना
- मचिये – चौकोर खाट
- मनिहार– चूड़ी बनाने वाला
- मरद – पति
- मरहम–पट्टी – घाव पर दवा लगाकर पट्टी बाँधना
- मुखातिब – सामने मुख करके बोलना
- मोह – आकर्षित
- रुचि – लगाव
- रोज – प्रतिदिन
- लहककर – खुश हो कर
- लाख – लाह
- लोहे लगना – मुश्किल होना
- वस्तु–विनिमय – वस्तु के बदले वस्तु
- वास्तव – हकीकत
- विरले – बहुत कम
- विवाह – शादी
- वृक्ष – पेड़
- व्यथा – दुख
- शंका – दुविधा या शक़
- सलाख – धातु की छड़
- सहन – आँगन
- सहसा – अचानक
- सहसा – एकाएक
- स्त्रियाँ – औरतें
- हाथ काटना – बेरोज़गार करना
Chapter 3 बस की यात्रा
- अंत्येष्टि: अंतिम क्रिया
- असहयोग: साथ न देना
- इत्तफ़ाक: संयोग
- उत्सर्ग: बलिदान
- उमड़: जमा होना
- उम्मीद: आशा
- उम्मीद: आस
- एक पुलिया: छोटा सा पुल
- कष्ट: परेशानी
- कूच करने: जाना
- क्षीण: कमज़ोर
- गज़ब: आश्चर्य
- गुजर: चल
- गोता: डुबकी
- ग्लानि: खेद
- जान हथेली पर लेकर: बहुत खतरा लेना
- ज्योति: रोशनी
- टटोलकर: ढूंढकर
- ट्रेनिग: सीख
- डाकिन: डराने वाली
- तनाव: चिंता
- थम: रूक
- दयनीय: बेचारी
- दुर्लभ: जो कम मिलता हो
- दौर: ज़माने
- निमित्त: कारण
- निशान: चिन्ह
- पसारे: फैलाए
- प्रयाण: प्रस्थान
- प्राण: जान
- प्राणांत: मरना
- फिस्स: एक प्रकार की ध्वनि
- फौरन: तुरंत
- बियाबान: सुनसान
- बेताबी: बेचैनी
- भरोसा: विश्वास
- भेदभाव: अंतर
- रकं: गरीब
- रफ़्तार: गति
- रेंग: धीरे–धीरे
- लुभावने: सुन्दर
- लोक: मृत्यु लोक
- वक्त: समय
- वयोवृद्ध: बूढ़ी या पुरानी
- विदा: आखिरी सलाम
- विश्वसनीय: भरोसे वाली
- वृक्षों: पेड़
- वृद्धा: बूढी
- वृद्धावस्था: बुढ़ापा
- श्रद्धा: किसी के प्रति आदरए सम्मान और प्यार का भावद्ध
- श्रद्धाभाव: सम्मान के साथ
- सफ़र: यात्रा
- सरक: खिसक
- सवार: चढ़ा
- सविनय अवज्ञा आंदोलनों: गाँधी जी द्वारा चलाया गया 1921 का आंदोलन
- हाज़िर: उपस्थित
- हिस्सेदार: साझेदार
Chapter 4 दीवानों की हस्ती (Deewano ki Hasti)
- असफलता: जो सफल न हो
- आबाद: बसना
- आलम: दुनिया
- उर: ह्रदय
- उल्लास: ख़ुशी
- छककर: तृप्त होकर
- जग: संसार
- दीवानों: अपनी मस्ती में रहने वाले
- निसानी: चिन्ह
- भार: बोझ
- भाव: एहसास
- भिखमंगों: भिखारियों
- मस्ती: मौज
- स्वच्छंद: आजाद
- स्वयं: खुद
- हस्ती: अस्तित्व
Chapter 5 चिठ्ठियों की अनूठी दुनिया (Chitthiyon Ki Anoothi Duniya)
- अथर्व्यवस्था: घर चलाने का जरिया
- अनुसंधान: खोज
- अनूठी: अलग
- अहमियत: महत्त्व
- आधुनिकतम: नये ज़माने के
- आयामी: हर तरफ
- आलीशान: शानदार
- आवा–जाही : आना–जाना
- इकलौता: अकेला
- इतंजार: प्रतीक्षा
- उत्सकुता: अधीरता
- उद्यमी: व्यापारी
- उन्नत: बढ़ते
- केंद्रित: आधारित
- केवल: सिर्फ
- गुडविल डाक विभाग: वे पत्र जो अनौपचारिक होते हैं उनका विभाग
- जमीनी: वास्तविक
- जवाब: उत्तर
- जोड़: बराबरी
- ठिकानों: जगह
- ढाँणियों: कच्चे मकानों की बस्ती
- तथ्यों: हकीकत
- तमाम: बहुत
- तमाम: सभी
- तलाशते: ढूंढते
- तह: गहराई
- दस्तावेज: प्रमाण पत्र
- दायरा: सीमा
- दिग्गज: महान
- दुनिया: संसार
- दुर्गम: कठिन रास्ते
- देहाती: गाँव
- परिवहन: यातायात
- पाठ्यक्रमों: सिलेबस
- पुरखों: पूर्वजों
- पैमाना: मापदंड
- प्रकाशित: छापना
- प्रयास: कोशिश
- प्रशस्तिपत्र: प्रशंसा पत्र
- प्रेरक: प्रेरणा देने वाले
- बारीकी: सूक्ष्मता
- बेसब्री: अधीरता
- बेसब्री: अधीरता
- मनोदशा: मन की दशा
- मिसाल: उदहारण
- मुस्तैद: तत्पर
- लेखा–जोखा: हिसाब–किताब
- विकसित: बढ़ावा
- विकसित: बढ़े
- विरासत: धरोहर
- विवाद: झगड़ा
- शताब्दी: सौ वर्ष
- सँजोकर: संभालकर
- संग्रह: जमा करना
- संदेह: शक
- संस्कृति: परम्परा
- सहेजकर: संभालकर
- सहेजकर: संभालकर
- साबित: सिद्ध
- साबित: सिद्ध
- सिलसिला: चलन
- हरकारे: दूत
- हस्तियों: नामी लोग
Chapter 6 भगवान के डाकिए (Bhagwan Ke Dakiye)
- आँकत: अनुमान
- केवल: सिर्फ
- चिट्ठियाँ: पत्र
- डाकिए: सन्देश देने वाला
- तिरता: तैरता
- धरती: पृथ्वी
- पाँखों: पँख
- बाँचते: पढ़ना
- भाप: वाष्प
- महादेश: विशाल देश
- सुगंध: खुशबू
- सौरभ: खुशबू
Chapter 7 क्या निराश हुआ जाए (Kya Nirash Hua Jaye)
- अकारण: बिना कारण
- अतीत: बीता हुआ समय
- अवांछित: जिसकी इच्छा न की गई हो
- आक्रोश: गुस्सा
- आचरण: व्यवहार
- आचरण: व्यवहार
- आध्यात्मिकता: भगवान से सम्बन्ध रखने वाला
- आरोप–प्रत्यारोप: एक–दूसरे को गलत ठहराना
- आस्था: विश्वास
- उजागर: प्रकट
- उड़ने: डरजाना
- उद्घाटित: उजागर
- उन्नत: ऊँचा
- उपस्थित: हाजिर
- उपेक्षा: ध्यान न देना
- एकमात्र: इकलौता
- कर्तव्य: फ़र्ज
- कष्टकर: कष्ट देने वाला
- कातर मुद्रा: डरी हुई दशा
- कातर: परेशान
- काम–क्रोध: गुस्सा
- कोटि–कोटि: अनगिनत
- गतंव्य: वह स्थान जहाँ किसी को पहुंचना हो
- गह्वर: गड्ढ़ा
- गिड़गिड़ाने: विनती
- गुणी: अच्छाई
- गुमराह: रास्ता भटकना
- घटना: हादसा
- चकित: हैरान
- चरम: अंत
- जीविका: रोज़गार
- ज्योति: दीया
- ठगा: छला गया
- ठगी: चालबाजी
- ठिकाना: जगह
- ढाँढ़स: तस्सली
- तस्करी: चोरी से सीमा पार माल ले जाने की क्रिया
- त्रुटियों: गलतियाँ
- दरिद्रजनों: गरीब लोग
- दुर्घटना: हादसा
- दृष्टि: नज़र
- दोष: बुराई
- दोषो द्घाटन: कमियों को दिखाना
- धर्मभीरु: अधर्म करने से डरने वाला
- निरीह: कमजोर
- निर्जन: सुनसान
- परम: प्यारा
- पर्दाफ़ाश: भेद खोलना
- पर्याप्त: उचित
- पर्याय: समानार्थी
- पीड़ा: दुःख
- प्रतिष्ठा: इज्ज़त
- प्रधान: मुख्य
- प्रमाण: सबूत)
- फरेब: धोखा
- बेबस: लाचार
- भीरु: डरपोक
- भौतिक: सांसारिक
- भ्रष्टाचार: अनैतिक आचरण
- भ्रष्टाचार: बुरा आचरण
- मनीषियों: ऋषि
- महा–समुद्र: महासागर
- लुप्त: गायब
- लोक–चित्त: आम जनता को प्रसन्न करने वाला
- लोभ–मोह: लालच
- वंचना: धोखा
- विचित्र: अनोखा
- विद्यमान: उपस्थित
- विधियाँ: तरीका
- विनम्रता: शालीनता
- विश्वासघात: धोखा
- व्याकुल: परेशान
- श्रमजीवी: मेहनत करने वाला
- संकोच: हिचकिचाहट
- संग्रह: इकट्ठा
- संग्रह: इकट्ठा करना
- संतोष: तस्सल्ली
- संदेह: शक
- संदेह: शक
- संस्कृति: परम्परा
- सदेंह: शक
- स्वाभाविक: स्वतः
- हवाइयाँ उड़ने एक मुहावरा है इसका अर्थ है डर जाना
- हीन: बुरी
Chapter 8 यह सबसे कठिन समय नहीं (Yeh Sabse Kathin Samay Nahi)
- अंतरिक्ष: ब्रह्मांड
- आखिरी: अंतिम
- कठिन: मुश्किल
- कठिन: मुश्किल
- कथा: कहानी
- खबर: समाचार
- गंतव्य: जिस स्थान पर पहुंचना होता है
- झरती: गिरना
- तमाम: बहुत सारे
- तिनका: लकड़ी का छोटा टुकड़ा
- थामने: पकड़ना
- प्रतीक्षा: इंतजार
- रेलगाड़ी: ट्रेन
- वक्त: समय
- सदियों: पुराने समय से
- हिस्सा: भाग
Chapter 9 कबीर की साखियॉं (Kabir Ki Saakhiyaan)
- अनेक: बहुत सारी
- आँखि: आँख
- आपा: स्वार्थ
- आवत: आते हुए
- उलटत: पलटकर
- खरी: कठिन
- गारी: गाली
- जग: संसार
- जीभि: जीभ
- ज्ञान: जानकारी
- तरवार: तलवार
- तलि: नीचे
- तौ: तो
- दहुँ: दसों
- दिसि: दिशा
- दुहेली: दुःख देने वाली
- नींदिए: निंदा करना
- पाऊँ: पाँव
- फिरै: घूमना
- बैरी: शत्रु
- मनुवाँ: मन
- माँहि: में
- माला तो कर: हाथ
- मुख: मुँह
- मेल: खरीदना
- म्यान: जिसमे तलवार रखीं जाती है
- रहन: रहने
- साधु: साधू या सज्जन
- सीतल: शांति
- सुमिरन: स्मरण
- होइ: होती
Chapter 10 कामचोर (Kamchor)
- अगाड़ी–पिछाड़ी – आगे–पीछे
- अट – भर
- उलटे–सीधे – सही गलत
- ऊट–पटाँग – अजीब
- ऊधम – मस्ती
- कतार – पंक्ति
- करवट – तरफ
- कामचोर – आलसी
- कामदानी – जिस पर कढ़ाई की गई हो
- कायल – मान लेना
- कुमक – बुलावा
- कूट – पीटना
- कोर्ट मार्शल – सैनिकों को मिलने वाली सज़ा
- खुद – अपने आप
- ख्याल – सोच
- घमासान – घोर
- घमासान – भयानक
- ठूसम–ठास! – धक्का
- तत्काल – तुरंत
- तनख्वाह – पगार या वेतन
- तरकारी – सब्ज़ी
- तरकारीवाली – सब्ज़ीवाली
- दड़बे – मुर्गी का घर
- दबैल – दब्बू
- दुहाई – कसम
- दूध दुह – निकलना
- दौड़ – भाग
- धींगामुश्ती – धक्का–मुक्की
- धुआँधार – ताबड़तोड़
- पीठ दिखा – डर जाना
- फरमान – राजाज्ञा
- फर्शी – फर्श पर बिछी हुई
- फलाँगती – छलाँग
- फैसला – निश्चत
- फौरन – तुरंत
- बटालियन – पलटन
- बागी – विद्रोही
- बेदम – बिना दम
- बेनकेल – बिना नकेल
- भूचाल – भूकंप
- मशहूर – प्रसिद्ध
- मातम – शोक मनाना
- मिसाल – उदाहरण
- मुफ्त – फोकट
- मैली – गन्दी
- मोरी – नाली
- याचना – प्रार्थना
- रौंदती – कुचलना
- लथपथ – भरा हुआ
- लुथड़े – सने
- वाद–विवाद – बहस
- विरुद्ध – खिलाफ
- व्याकुल – बेचैन
- सींके – तीलियाँ
- हरगिज – बिलकुल
- हवाला – उल्लेख करना
Chapter 11 जब सिनेमा ने बोलना सीखा (Jab Cinema Ne Bolna Sikha)
- अभिनेता – कलाकार
- इंसान – मानव
- इटंरव्यू – साक्षात्कार
- किरदार – चरित्र
- कृत्रिम – बनावटी
- केशसज्जा – बाल बनाना
- खिताब – उपाधि
- चर्चित – मशहूर
- देह – शरीर
- दौर – समय
- पारिश्रमिक – मेहनताना
- पार्श्वगायक – जो पर्दे के पीछे से अपनी आवाज़/गीत गाए
- प्रचलित – लोगों की भाषा
- प्रतिबिंब – परछाई
- फिल्में – बिना आवाज़ की फिल्म
- फैंटेसी – आकर्षक
- लोकप्रियता – प्रसिद्धि
- शिखर – उच्च स्थान
- सजीव – ज़िंदा
- समीक्षकों – जांच करने वाले
- सवाक् – बोलती
- साउंड – आवाज़
- स्टंटमैन – करतब करने वाला
Chapter 12 सूरदास चरित
- अभिरामा – सुन्दर
- इतै न कितै – इतने दिन
- उठि मिलनि – गले मिलना
- ऐसे बेहाल – बुरे हाल
- ओड़त फिरे – इधर–उधर फिरना
- कंचन – सोने
- कंटक – काँटा
- कछु – कुछ
- कटै – गुजरती
- कठोर – सख्त
- करुना करिकै – दया करके
- करुनानिधि – दया के सागर
- काहे न देत – किस कारण
- कोमल सेज – मुलायम बिस्तर
- खड़ो – खड़ा है
- खोज न पायो – न ढूँढ
- गज–बाजि – हाथी घोड़ा
- गजराजहु – हाथियों के ठाट–बाट
- चाँपि – छिपाना
- चाबि – चबाना
- छानी – झोंपड़ी
- जात – जाति
- जुरतों – उपलब्ध
- झगा – कुरता
- झोंपरी – झोंपड़ी
- ठेलि – भेजना
- तंदुल – सौगात
- तजी – छोड़ी
- तन – शरीर
- तनक – थोड़ा
- दाख – किशमिश–मुनक्का
- दीन दसा – बुरी दशा
- दीनदायल – प्रभु कृष्ण
- द्वार – दरवाजा
- द्विज दुर्बल – दुर्बल ब्राहमण
- धन – दौलत
- धरौ – रखना
- धाम – महल
- धाम – स्थान
- नहिं कोदी–सवाँ – घटिया किस्त के चवाल
- नैनन के जल – आँखों के आँसुओं
- पग – पाँव
- पग – पांव
- पग – पैर
- पगा – पगड़ी
- पठवनि – भेजना
- पनही – जूता
- परताप – कृपा से
- पर्याउे – अनजान
- पाछिलि बानि – पुरानी आदत
- पानी परात – खुला बर्तन
- पुनि जोए – निकालना
- पुलकनि – खुश होकर
- पूछत – पूछना
- पोटरी – पोटली
- प्रवीन – कुशल
- फेरि कै – दोबारा
- बान – आदत
- बिलोकिबे – देखना
- बिवाइन सों – फटी ऐड़ियाँ
- भूमि – जमीन
- भौन – भवन
- मँझायो – बीच में
- महादुख – बहुत दुख
- मारग – रास्ता
- रह्मो चकिसो – चकित
- राज–समाज – राज्य में
- लोचत – लालच
- वसुधा – धरती
- वाही पठयो – खाली हाथ
- वैसोई – वैसे
- संभ्रम छायो – भ्रम हो गया
- सखा – मित्र
- सीस – सिर
- हरि – कृष्ण
- हाथ छुयो नहिं – हाथ न लगाया
Chapter 13 जहाँ पहिया है (Jahan Pahiya hai)
- अगुआ – आगे चलने वाला
- अभिव्यक्त – प्रकट
- आर्थिक – धन से सम्बंधित
- आवेग – जोश
- इंतजार – प्रतीक्षा
- इस्तेमाल – उपयोग
- कौशल – प्रवीणता
- गँवाती – बरबाद
- गतिशीलता – प्रगति
- चिलचिलाती – बहुत तेज़
- चौंकने – हैरानी
- दिक्कत – परेशानी
- नवसाक्षर – नयी पढ़ी लिखी
- नवसाक्षर – नयी पढ़ी लिखी
- निर्भर – आश्रित
- निर्भर – आश्रित
- पहलुओं – पक्ष
- प्रतीक – चिन्ह
- प्रतीक – निशानी
- प्रशिक्षण – सिखाना
- फब्तियाँ – ताने
- यकीन – विश्वास
- रोज़मर्रा – प्रतिदिन का काम
- वृद्धि – ज़्यादा
- व्यय – खर्च
- शिविर’ – सीखने के कैंप
- स्वाधीनता – आज़ादी
- हक्का–बक्का – चकित
- हैसियत – औकात
Chapter 14 अकबरी लोटा ((Akbari Lota))
- अदब – सम्मान
- ईजाद – खोज
- उधेड़–बुन – फिक्र
- ओझल – गायब
- कूँची – चाबी
- कोष – खजाना
- खुक्ख – खाली हाथ
- गाथाएँ – कहानियाँ
- ढाई सौ – 250
- तन्मयता – लगन
- ताली – चाबी
- ताव – जोश
- दुम – पूंछ
- निछावर – बलिदान
- निरीह – बेचारा
- पारसाल – पीछले साल
- पुश्त – पीढ़ी
- पूर्व – पहले
- प्रकट – उपस्थित
- प्रतिष्ठा – इज्जत
- प्रदान – देना
- प्रधान – मुख्य
- फेंसी – अच्छा
- बकवास – बेकार की बात
- बेढ़ंगी – बेकार
- भुरता – कुचलना
- मासिक – महीने
- मुँडेर – किनारा
- मॉडल – प्रतिरूप
- म्यूजियम – अजायब घर
- रोब – अकड़
- लेखक कहते हैं कि रुपया
- वजू – पूजा करने का तरीका
- विज्ञ – ज्ञानी
- विपदा – मुसीबत
- वेग – गति
- संदूक – बक्सा
- सुखद – सुख देने वाला
- सुशिक्षित – पढ़ा–लिखा
- हक – अधिकार
- हल्ला – शोर
- हेंकड़ी – अकड़
Chapter 15 सूरदास के पद (Surdas ke Pad)
- अजहूँ – आज भी
- अनभावत – जो अच्छा न लगे
- अनोखौ – अनोखा
- आपही – अपने आप
- उखल – ओखली
- कबहिं – कब
- काचौ – कच्चा
- काढ़त – बाल बनाना
- किती – कितनी
- किवारि – दरवाजा
- गुहत – गूँथना
- चढि – चढ़ना
- चिरजीवी – चिरंजीवी
- जायौ – जन्म देना
- जोटी – जोड़ी
- ढरकायौ – गिरना
- ढूँढ़ि – खोजकर
- ढोटा – लड़का
- दुपहर – दोपहर
- दोउ – दोनों
- नागिन – नागिन
- न्हवावत – नहलाना
- पचि–पचि – बार–बार
- पियत – पिलाना
- पियावति – पिलाती
- पूत – पुत्र
- पैठि – घुसकर
- बल – बलराम
- बेनी – चोटी
- भुइँ – भूमि
- भुइँ – भूमि
- माखन – मक्खन
- माखन – मखक्न
- लाँबी–मोटी – लंबी–मोटी
- लाल – बेटा
- लोटी – लोटने लगी
- सखनि – दोस्त/मित्र
- सींके – छिका
- हटकि – हटाकर
- हरि–हलधर – कृष्ण–बलराम
- हानि – नुक्सान
- होति गोरस – गाय के दूघ से बने पदार्थ
Chapter 16 पानी की कहानी (Pani ki Kahani)
- अंधा–धुँध – लगातार
- अगुवा – आगे चलने वाला
- अतिरिक्त – अलावा
- अत्यंत – बहुत
- अत्यंत – बहुत
- अत्यंत – बहुत
- अधिकांश – ज्यादातर
- अनजान – जिसे जानते न हो
- असंख्य – बहुत सारे
- असंख्य – बहुत सारे
- असंभव – जो संभव न हो
- असह्य – जो सहा न जा सके
- अस्तित्व – वजूद या हस्ती
- आकर्षण–शक्ति – खींचने की शक्ति
- आनंद – सुख
- आलसी – सुस्त
- आश्चर्य का ठिकाना न रहा – हैरानी का अंत न होना
- इकट्ठा – एकत्रित
- उज्ज्वल – चमक
- उतावली – जल्दबाज़ी
- उत्पन्न – पैदा
- उत्साही युवा – बहादुर युवक
- उत्सुक – जिज्ञासा
- उत्सुकता – खुशी
- उत्सुकता – जिज्ञासा/जानने की इच्छा
- उथल–पुथल – हलचल
- उन्मत्त – मतवाला
- ऊँची मीनार – ऊँची इमारत
- एकाएक – अचानक
- ओझल – गायब
- ओषजन – ऑक्सीजन
- कण – बहुत छोटा अंश
- कलाई – हाथ का अगला हिस्सा
- कसे – उद्यत
- कान खड़े हो गए – सचेत होना
- किलकारी – हँसने की आवाज़
- किलोलें – मस्ती
- कूद – छलांग
- कोठरी – छोटा कमरा
- क्रोध – गुस्सा
- खंड–खंड – टुकड़े–टुकड़े
- खनिजों – पोशक तत्व
- खारापन – नमक वाला पानी
- खिंचाव – आकर्षण
- खोखले – खाली
- गरजकर – क्रोध में
- गर्भ – अन्दर
- ग्रहराज – उल्का
- घृणा – नफरत
- चट्टान – पत्थर का बहुत बड़ा हिस्सा
- चूर्ण – चूरा
- चेष्टा – कोशिश
- चेष्टा – कोशिश
- चौंक – आश्चर्य
- चौंक – हैरान
- चौंको – हैरान होना
- चौंधियाने – वह तेज चमक आँखों को सहन न हो
- जकड़़ – कैद
- जड़ें – मूल
- जान आई – निश्चिन्त होना
- जीव – पानी के जीव–जन्तु
- ज्ञात – जानकारी
- ज्ञात – जानकारी/मालूम
- टटोलती – ढूंढती
- ठंडक – शीलतला
- ठहर – रूकना
- ठिंगने – नाटे
- ठोस – जो दबाने से न दबता हो
- तनिक – थोड़ा सा
- तह – तल
- तापक्रम – तापमान
- त्रल – पदार्थ
- दर्शन – दिखाई
- दल – समूह
- दिवस – दिन
- दीर्घजीवी – लंबे समय तक जीने वाला
- दुर्भाग्य – भाग्य रहित
- दुर्भाग्यवश – बुरी किस्मत
- दृश्य – नजारा
- दृष्टि – नज़र
- धँसता – घुसता
- धातुएँ – खनिज पदार्थों से भरा हुआ
- नाना प्रकार – कई तरह
- निपट – पूरी तरह
- निरा – केवल
- निर्दयी – जिनमें दया न हो
- नेत्र – आँख
- न्यौता – बुलावा
- परिपूर्ण – भरा हुआ
- पश्चात् – बाद में
- पिंड – गोला
- पुरखे – पूर्वज
- प्रकाश–पिंड – आभा मंडल या उल्का
- प्रचंड – भयानक/तेज या बड़ा
- प्रति क्षण – पल
- प्रत्यक्ष – सामने
- प्रभाव – असर
- प्रयत्न – कोशिश
- प्रयत्न – प्रयास
- प्रहार – मार
- प्रहार – वार या आघात
- प्राण–नाश – मारे गए
- प्रारंभ – शुरू
- फलस्वरूप – उपरांत/उसके अलावा
- फव्वारा – पानी की ऊँची धारा
- बंधुओं – भाइयों/साथी
- बलपूर्वक – मजबूर करना
- बहुतायत – अत्यधिक
- ब्रह्मांड – सृष्टि
- भयावह – भयानक
- भरोसा – विश्वास
- भाग्य – किस्मत
- भाप – वाष्प या ऊष्मा
- भाया – अच्छा नहीं लगा
- भावपूर्ण – असरदार
- भीतर – अन्दर
- भीषण – डरावनी
- भूमि – ज़मीन
- भूमि – धरती
- भोगती – सहन करना
- मचलाने – उल्टी होना
- महा – बहुत
- मार्ग – पथ
- मार्ग – रास्ते
- मालूम – जानना
- मास – महीने
- मुख – मुँह
- मैली–कुचैली – बहुत गन्दी
- मौज – उमंग/मस्ती
- रोएँ – रेशेदार जड़
- लपटों – दहकना/जलना
- लादे – ढोना
- लालटेन – कंदील/एक प्रकार का दीप
- वंशज – वंशधर
- वर्णनातीत – जिसका वर्णन न किया जा सके
- वायुमंडल – पृथ्वी के चारों ओर का एक गोलकार आवरण
- वार्तालाप – बातचीत
- विचित्र – अजीब
- विचित्र – अनोखा
- विचित्र–विचित्र – अजीब–अजीब
- विद्यमान – मौजूद
- विभाजित – बँटवारा
- शक्ति – बल
- शानदार – बहुत सुन्दर
- शिखर – चोटी
- श्रद्धा – सम्मान
- समतल – जिसका तल बराबर हो
- समान – बहुत थोड़ा
- सम्मति – राय
- सरक – खिसकना
- सरिता – नदी
- सहन – बर्दाष्त
- सहस्रों – हजार
- साँसत – कष्ट
- साहस – हिम्मत
- सिकुड़ी – सिमटी
- सुरीली – मधुर ध्वनि
- सूर्य के धरातल – सूर्य का तल
- सूर्यमंडल – सूर्य का घेरा
- सौंदर्य – सुंदरता
- स्वच्छंद – अपनी इच्छा
- स्वर – आवाज
- स्वर – आवाज़
- हद्रजन – हाइड्रोजन
- हवाइयाँ उड़ने लगीं – भय
Chapter 17 बाज और साँप (Baaz aur Saanp)
- अंतिम साँसें – मृत्यु के निकट
- अधमरा–सा – घायल
- अभागा – बुरी किस्मत
- असीम शून्यता – अपार शांति
- आँखों से ओझल – गायब होना
- आकर्षण – लगाव या खिंचाव
- आखिरी घड़ी – अंतिम समय
- आनंद – खुशी
- आनंद – ख़ुशी
- आरामदेह – आरामदायक
- आशा – उम्मीद
- उत्साह – उमंग
- एक क्षण – पल
- एकाएक – अचानक
- करुण – दया
- काँप–काँप – घबराना
- कीमती – बहुमूल्य
- कृपा – दया
- कोशिश – प्रयास
- कौन–सा भारी – ज्यादा
- क्षणभर – थोड़ी देर
- खजाना – कीमती समान जैसे सोना, ज़ेवर, पैसा आदि
- खून से लथपथ – भीगा हुआ
- खोखल – बड़ा छेद
- गर्जन – घोर ध्वनि करने की क्रिया
- गर्जन–तर्जन – गड़गड़ाहट
- गर्व – सम्मान
- गुण गाते – बड़ाई करना
- गुफा – अन्धेरा गड्ढा
- घाटियों – दो पर्वतों के बीच का पतला रास्ता
- घायल – चोट खाया हुआ
- चटृानों – पत्थर का बहुत बड़ा खंड
- चट्टान की खोखल – खाली जगह
- चतुराई – चालाकी
- चैन – सुकून
- छीना–झपटी – एक दूसरे से कोई वस्तु छीनने की कोशिश
- ज़ख्मों – चोट
- झिलमिला – चमकना।
- टेढ़ी–मेढ़ी – तिरछी–मिरछी
- ठिकाना – आश्चर्यचकित
- डींगं हाँकते – बढ़ा चढ़ा कर बात करना
- ढेर–सी – बहुत सी
- ताकत – जान
- तूफानी – बहुत तेज़
- थके–माँदे – थका–हारा
- दुर्गंध – बदबू
- दुर्भाग्य – बुरा भाग्य
- दूने – दोगुने
- नापना – छूना
- निडर – निर्भीक
- पक्की – निश्चित होना
- प्राण गँवा – मृत्यु को प्राप्त करना
- प्राणों की बाजी – जान की परवाह न करना
- प्राणों की बाजी – जान की परवाह न करना
- प्राणों को खतरे – जान जोख़िम
- फड़फड़ाता – छटपटाना
- बलखाती – लहराना
- बलिदान – न्योछावर
- बूते – दम
- बोझ – भार
- भयानक – डरावना
- भर – तृप्त होना
- भला – अच्छा
- भाँप – एहसास
- मिलाप – मिलन
- मुबारक – आनंद लेना
- मूर्खता – बेवकूफ़ी
- रक्त – खून
- रहस्यमय – रहस्य से भरा
- रेंगता – खिसकना
- रेंगने – साँप के चलने का तरीका या घसीटना
- लंबी आह – साँस
- लंबी साँस – चैन की साँस
- लकीर–सा – रेखा–सी
- लपकती – वेग या गति
- लुढ़कता – फिसलता
- लेना–देना – मतलब
- वियोग – अलगाव
- विश्वास – भरोसा
- विषय – बारे में
- विस्तार – फैलाव
- व्याकुल – परेशान
- शिकायत – शिकवा
- श्रद्धा – भक्ति भाव
- सड़ – ख़राब
- सफ़ेद फेन – झाग
- समुद्र के असीम – जिसकी कोई सीमा न हो
- सिकुड – सिमटना
- सिटपिटा–सा – घबरा
- सिर चकराने – चक्कर आना
- सिर धुनने – शोक मनाने लगी
- सुख से अनजान – जिसे जानते न हो
- स्वच्छंदता – आज़ादी
- स्वतंत्रता – आज़ादी
- स्वर फूट – आवाज़ आना
- हर्ज – फ़र्क
- हवा में कूद – उड़ जाना
- हाँफ – साँस की गति का तेज़ होना
Chapter 18 टोपी (Topi)
- अकबका – परेशान
- अकल चकरा – कुछ समझ में न आना
- अगबग – परेशान
- अचकन – लंबा कुर्ता
- अचरज – हैरानी
- अचानक – एकाएक
- अनिच्छा – बेमन
- अन्नदाता – मालिक
- अपन – हम
- अभय – रक्षा का भरोसा
- अलापना – अपनी बात कहते जाना
- आँख देखा – एक नजर देखा
- आठ आने – आधी–आधी
- आपे में न रही – बेकाबू होना
- आह भरी – निश्चिन्त होना
- इत्ते – बहुत
- इसरार – आग्रह
- उँगलियाँ फोड़ – उँगलियाँ बजाना
- उकसा – उत्साहित
- उछलते – इज्जत जाना
- उजरत – मजदूरी
- उज्र – ऐतराज़
- उत्साहित – उत्साह से युक्त
- उम्दा – अच्छा
- उम्दा – बेहतर
- उलट – दिवाला निकलना
- एक तो तमाम – बहुत सारे
- एक दूजे – एक दूसरे
- ऐशोआराम – सुख–चैन
- ओझल – दिखाई न देना
- कंगाल – दरिद्र
- कंगूरे – चोटी, शिखर
- कटाव – आकार
- कमसूरती – कम सुन्दर
- करघा – चरखा
- काया – तन
- कारिंदे – कर वसूली करने वाले
- कारीगर – निर्माता
- कुदरती – स्वाभाविक
- कोरी – कताई करने वाला
- खजाने – कोष या भंडार
- खट मरे बरधा, बैठा खाय तुरंग – मेहनत करे हम, फल खाए दूसरा
- खमा – क्षमा
- खमा – क्षमा
- खरी – शुद्ध
- खिसकती – भागती या जाती
- खुद को सरापा – सिर से पाँव तक पहने जाना वाला वस्त्र
- खोंते – घोंसले
- गफश – घना बना हुआ
- गुद्दी काढ़ – थकान निकालना
- घट – कम
- घूरे – कूड़ा–करकट
- चंपी – मालिश
- चाबुक – कोड़ा
- चाम का दाम – अपना हुकुम चलाना
- चिहाकर – चकित होकर
- चूक – भूल
- चैबारे – आँगन
- जड़ – लगा
- जड़ हो गया – एक जगह जम जाना
- जाड़े – सर्दी
- जायजा – देखा
- जिद्दी – जिद्द करने वाला
- जीवन का लक्ष्य – उद्देश्य
- जुगाड – उपाय
- जुरती – जुटाना
- झट – तुरंत
- झट – तुरंत
- झब्ब – झबला
- टहलुओं – नौकर
- ठान – निश्चित
- ढरकी – कपड़ा बनाते हुए जुलाहे जिससे बाने का सूत फेंकते हैं
- तन – त्वचा
- तनिक – थोड़ा
- तपाक – जल्दी
- तमाम बेगार करवाने – तमाम लोग निकल आए थे
- ताउम्र – सारी उम्र
- ताता–थैया – नाचने
- थकान – कमज़ोरी
- दंग – हैरान
- दंडवत – चरणस्पर्श
- दबीज – घना और मजबूत
- दबीज – मजबूत
- दर्जी रोस – गुस्से
- दाना चुगने और झुटपुटा – वह समय जब कुछ–कुछ अँधेरा और कुछ–कुछ उजाला हो
- दुहाई – माफी
- धज्जी–धज्जी – टुकड़े–टुकड़े
- धर दिया – रख दिया
- धुन की पक्की – कोई बात निश्चित कर लेना, तो उसको पूरा करके ही दम लेना
- धुस्सा – मोटा कंबल
- नए–नए लिबास – पहनावा या पोशाक
- नगीना – सुन्दर
- नफासत – सज्जा
- नमूने – बनावट
- नायाब – बहुमूल्य
- निरा – एकमात्र
- निरा कंगाल – बिल्कुल गरीब
- पखने – पँख
- परम संगी – मुख्य साथी
- पाखी – पक्षी
- पिंडली – टांग का ऊपरी पिछला भाग
- पुरानी तार–तार – फटी
- पूरे मोल – कीमत
- पोंगापन – पागलपन
- फकत – केवल
- फदगुद्दी – एक छोटी चिड़िया
- फबता – सुन्दर
- फाहा – टुकड़ा
- फिकर – चिंता
- फुँदने – सूत या ऊन आदि का फूल
- फुर्सत – खाली समय
- फुलेल – खुशबूदार तेल
- फोकट – मुफ्त
- बख्शें – करें
- बडा़ उम्दा – बहुत अच्छा
- बड़ी बेहतरीन – बहुत अच्छी
- बदसूरत – बुरा दिखना
- बागा – एक वस्त्र
- बावरा – दीवाना
- बावरा – पागल
- बेगार – बिना मजदूरी का काम
- बेगार – बिना मेहनताना के दिया किया जाने वाला कार्य
- बेपरदा – खुला करना
- बोझ – भार
- भिनसार – प्रातः काल
- मंजिल – हिस्सा
- मजाल – हिम्मत
- मजूरी – मजदूरी
- मनुहार – मनाना
- मनोयोग – मन
- मशगूल – व्यस्त
- मसल – मार देना
- मसलने – कुचलना
- महाबली – शक्तिशाली
- महीन – पतला
- मानिंद – जैसा
- मानिंद – तरह
- मानुस – मनुष्य
- मामूल – नित्य–नियम
- मिर्जई – कपड़ा
- मुँहफट – मुँह पर जवाब देने वाला
- मुआवजा – उचित हर्ज़ाना
- मुकरो – अपनी बात पर बने न रहना
- मुकाबला – बराबरी
- मुताबिक – अनुसार
- मुफ्त में मल्लार – संगीत का एक राग, मल्हार
- मुलुक – देश
- मुल्क – देश
- मूजी – मजदूर
- मूर्खता – बेवकूफी
- मेघों की गड़गड़ाहट – बादल की गर्जन जैसा गुस्सा
- रटे – दोहराना
- रोंवें–रोंवें की रंगत – रंग
- लगान – कर
- लगुए–भगुए – चमचे
- लचकदार – लचीला
- लच्छेदार – रेशेदार
- लटजीरा – एक पौधा
- लपक – झपटना
- लवाजिमे – यात्रा आदि के साथ रहने वाला सामान
- लशकरी – सेना
- लाज – शर्म
- वाजिब – सही
- वास्ते – लिए
- शक्की – शक करने वाला
- सँजोकर – बटोरकर
- सलामत – बनी रहे
- सहयोग – मदद
- साव करे भाव तो चबाव करे चाकर – काम करे कोई और खा जाए कोई और
- सिवा – अलावा
- सुघड़ – सुन्दर
- सूत – धागा
- सूत – धागा
- सेंत–मेंत – मुफ्त
- हाज़िर – उपस्थित
- हाजिर – पहुँच
- हिस्सेदारी – भागीदारी
- हुनरमंद – गुणी
- हुलस – ख़ुशी
- हेठी – अपमान
- हौले – धीरे