CBSE Class 9 Hindi Chapter 12 Megh Aaye (मेघ आए) Question Answers (Important) from Kshitij Book
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Megh Aaye Chapter 9 NCERT Solutions
1. बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
उत्तर– बादलों के आने पर प्रकृति में कई गतिशील क्रियाएँ होती हैं, जिन्हें कवि ने सुंदर रूप में चित्रित किया है। ठंडी हवा नाचती-गाती चलती है, जिससे पूरा वातावरण उल्लास से भर जाता है। गाँव के लोग उत्साह में आकर अपने घरों की खिड़कियाँ और दरवाज़े खोल देते हैं, मानो किसी विशेष मेहमान का स्वागत कर रहे हों। आँधी चलने पर धूल इस तरह उड़ती है, जैसे गाँव की महिलाएँ घाघरा उठाकर दौड़ रही हों। पेड़ झुककर अपनी गर्दन उचकाते हैं, मानो बादलों को देखने की कोशिश कर रहे हों। नदी ठिठककर घूँघट सरकाती है, जैसे किसी प्रियजन को देखने के लिए संकोच से पर्दा हटाया गया हो। बूढ़ा पीपल झुककर बादलों का अभिवादन करता है, और तालाब खुशी से भरकर अतिथि के स्वागत के लिए पानी से परात भर लाता है। अंत में, बिजली चमकने के साथ प्रेमिका (पृथ्वी) का भ्रम दूर हो जाता है, और बारिश की झर-झर बूंदों के रूप में मिलन के अश्रु बहने लगते हैं। इन सभी गतिशील क्रियाओं से बादलों के आगमन की सुंदरता और उत्साह स्पष्ट रूप से प्रकट होता है।
2. निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?
– धूल
– पेड़
– नदी
– लता
– ताल
उत्तर-
धूल – गाँव की उन महिलाओं का प्रतीक है जो घाघरा उठाकर दौड़ती हैं।
पेड़ – एक जिज्ञासु व्यक्ति का प्रतीक है, जो गर्दन उचकाकर बादलों (अतिथि) को देखने का प्रयास करता है।
नदी – एक संकोची स्त्री का प्रतीक है, जो घूँघट सरकाकर प्रियतम (बादलों) को देखने की कोशिश करती है।
लता – एक नवविवाहिता स्त्री का प्रतीक है, जो नखरे के साथ प्रियतम (बादलों) से देर से आने की शिकायत करती है।
ताल – एक आनंदित मेजबान (मेहमान का स्वागत करने वाला) का प्रतीक है, जो बादलों के स्वागत के लिए पानी से परात भरकर प्रस्तुत करता है, मानो प्रेम और सम्मान दर्शा रहा हो।
3. लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
उत्तर– लता ने बादल रूपी मेहमान को संकोच और उलाहना भरी नजरों से दरवाजे की ओट से देखा। उसने शिकायत भरे भाव में कहा— “बरस बाद सुधि लीन्हीं” (अर्थात, “इतने दिनों बाद ही तुम्हें हमारी याद आई?”)।
लता यहाँ नवविवाहिता स्त्री का प्रतीक है, जो अपने प्रियतम (बादल) के देर से आने पर शिकायत करती है, लेकिन भीतर ही भीतर उसके आगमन से प्रसन्न भी होती है।
4. भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
उत्तर–
(क) “क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की”
इस पंक्ति में कवि ने संदेह के समाप्त होने और प्रेम की स्वीकृति को व्यक्त किया है। बादलों के आने से पहले प्रकृति को यह आशंका थी कि वे शायद इस बार भी नहीं आएँगे, लेकिन जब बादल सच में आ गए और बिजली चमक उठी, तो संदेह समाप्त हो गया। यह ऐसा ही है जैसे किसी प्रिय व्यक्ति के लंबे इंतजार के बाद उसके आने पर सारे भ्रम और गलतफहमियाँ दूर हो जाती हैं। यहाँ भरम की गाँठ खुलने का अर्थ है कि जो संदेह और अविश्वास था, वह अब समाप्त हो गया है और प्रेम-भाव की स्वीकृति हो गई है।
(ख) “बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।”
इस पंक्ति में कवि ने नदी को एक नवविवाहित स्त्री के रूप में प्रस्तुत किया है, जो बादलों के आने पर लज्जा और संकोच से ठिठक जाती है। उसकी बाँकी चितवन उठती है यानी वह लाजभरी नजरों से बादलों को देखती है। घूँघट सरकना प्रतीक है कि वह धीरे-धीरे अपनी संकोचपूर्ण स्थिति से बाहर आ रही है, मानो वह अपने प्रियतम (बादलों) के स्वागत में धीरे-धीरे अपनी भावनाएँ प्रकट कर रही हो।
5. मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर– मेघ रूपी मेहमान के आने से पूरे वातावरण में उत्साह और उमंग छा गई। ठंडी हवा नाचती-गाती चली, जिससे घरों के दरवाजे और खिड़कियाँ खुलने लगे, जैसे कोई विशेष अतिथि आया हो। पेड़ अपनी गर्दन उचकाकर बादलों को देखने लगे, आँधी चली और धूल इस तरह उड़ी जैसे कोई महिला अपना घाघरा उठाकर दौड़ रही हो।
नदी संकोच भरी दृष्टि से बादलों को देखने लगी, मानो नववधू अपने प्रियतम के आने पर घूँघट सरका रही हो। बूढ़ा पीपल झुककर बादलों का अभिवादन करने लगा, और तालाब खुशी से पानी से भर गया, मानो स्वागत के लिए परात में जल लाया हो। बादलों के आते ही बिजली चमकी और भ्रम दूर हो गया, जिससे प्रेम और मिलन की भावना प्रकट हुई। अंततः वर्षा शुरू हुई, जिससे धरती का सौंदर्य और भी बढ़ गया।
6. मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के’ आने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर- कवि ने मेघों के लिए “बन-ठन के, सँवर के” आने की बात इसलिए कही है क्योंकि वह बादलों को एक विशेष मेहमान के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जो पूरे ठाट-बाट और शान-शौकत के साथ आए हैं। यह दर्शाता है कि मेघ का आगमन किसी दामाद या सम्मानित अतिथि की तरह होता है, जिसे देखने के लिए पूरी प्रकृति उत्साहित हो जाती है। बादलों का काला-घना रूप, बिजली की चमक, और गरज-बरस के साथ उनका आना, मानो वे विशेष रूप से सज-धजकर आए हों। उनके स्वागत में हवा नाचती-गाती चलती है, पेड़ झुककर प्रणाम करते हैं, और नदी संकोच भरी दृष्टि से देखती है। इस प्रकार, कवि ने वर्षा ऋतु के आगमन को एक सुंदर, हर्षोल्लास भरे अवसर के रूप में चित्रित किया है।
7. कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर–
1. मानवीकरण अलंकार-
उदाहरण:
“आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,”- यहाँ हवा (बयार) को नाचने और गाने की क्रिया दी गई है, जो केवल मनुष्य कर सकता है।
“बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,”- यहाँ पीपल वृक्ष को एक बूढ़े व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया है, जो बादलों का स्वागत कर रहा है।
“बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।”- यहाँ नदी को एक संकोची नवयौवना के रूप में दिखाया गया है, जो संकोचवश ठिठक रही है और घूँघट हटा रही है।
2. रूपक अलंकार
उदाहरण:
“धूल भागी घाघरा उठाए,”- यहाँ धूल की तुलना किसी स्त्री से की गई है, जो घाघरा उठाकर दौड़ रही हो।
“हरसाया ताल लाया पानी परात भर के,”- यहाँ तालाब को एक व्यक्ति के रूप में दर्शाया गया है, जो अतिथि के स्वागत में जल से भरी परात (थाली) लेकर आया हो।
“बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके।”- यहाँ वर्षा की बूंदों को मिलन के आनंद में बहते हुए अश्रुओं (आंसू) के रूप में प्रस्तुत किया गया है।
8. कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर– इस कविता में कवि ने भारतीय समाज में अतिथि के स्वागत और पारिवारिक संबंधों से जुड़े रीति-रिवाजों को अत्यंत भावनात्मक रूप से प्रस्तुत किया है। मेघ के आगमन को एक विशिष्ट मेहमान, विशेष रूप से दामाद, के आगमन की तरह दर्शाया गया है, जिससे कई सांस्कृतिक परंपराएँ उजागर होती हैं। जब कोई खास अतिथि, विशेषकर दामाद, ससुराल आता है, तो पूरा परिवार हर्षोल्लास से उसका स्वागत करता है।
कविता में बूढ़े पीपल का झुककर जुहार करना यह दर्शाता है कि बुजुर्ग अपने प्रियजनों का सम्मान और स्वागत करते हैं। तालाब का पानी से परात भर लाना इस बात का प्रतीक है कि भारतीय संस्कृति में अतिथि के चरण धोने की परंपरा महत्वपूर्ण रही है। वहीं, लता का ओट में छिपकर उलाहना देना यह दर्शाता है कि जब कोई प्रियजन लंबे समय बाद लौटता है, तो प्रेम और शिकायत दोनों भाव उमड़ते हैं। यह नवविवाहिता के संकोच को भी दर्शाता है, जो अपने प्रियतम के देर से आने पर स्नेह से शिकायत करती है। पूरा गाँव उत्साह से भरकर खिड़कियाँ और दरवाज़े खोल लेता है, ठंडी बयार नाचती है, पेड़ झुककर बादलों को देखने लगते हैं—यह सब सामूहिक उत्सव और आनंद की भावना को प्रकट करता है, जो भारतीय संस्कृति की विशेषता है।
9. कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
उत्तर– कवि ने बादलों के आगमन को गाँव में आए सजे-धजे मेहमान, विशेष रूप से दामाद, के रूप में चित्रित किया है, जिससे पूरा वातावरण उमंग से भर जाता है। ठंडी हवा नाचती-गाती चलती है, दरवाज़े-खिड़कियाँ उत्सुकता से खुलने लगती हैं। पेड़ झुककर बादलों को देखने लगते हैं, धूल इस तरह उड़ती है जैसे महिलाएँ घाघरा उठाकर दौड़ रही हों। नदी संकोची नवविवाहिता की तरह ठिठककर बादलों को निहारती है। बूढ़ा पीपल झुककर उनका स्वागत करता है, लता शिकायत करती है, और तालाब खुशी में जल से परात भर लाता है। अंत में, बिजली चमकते ही धरती प्रेमाश्रुओं की तरह झर-झर बरसती बूंदों से भीग जाती है।
10. काव्य-सौंदर्य लिखिए–
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के ।
उत्तर– इन पंक्तियों में उपमा और मानवीकरण अलंकार के माध्यम से बादलों के आगमन को गाँव में आए किसी विशेष अतिथि, विशेषकर दामाद, के रूप में दर्शाया गया है। “पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के” में उपमा अलंकार है, जहाँ बादलों की तुलना किसी प्रतिष्ठित मेहमान से की गई है।
“मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के” में मानवीकरण अलंकार है, जहाँ बादलों को सज-धजकर आने वाले व्यक्ति के रूप में चित्रित किया गया है। इन पंक्तियों में ग्रामीण जीवन की सहज अभिव्यक्ति, भाषा की मधुरता, और प्रकृति के मानवीकरण से काव्य-सौंदर्य निखरकर आता है, जिससे कविता सजीव और भावनात्मक रूप से प्रभावशाली बन जाती है।
रचना और अभिव्यक्ति
11. वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर– वर्षा के आगमन से वातावरण में एक सुखद परिवर्तन आ जाता है। तपती हुई धरती को ठंडक मिलती है, और चारों ओर हरियाली छा जाती है। सूखे पेड़-पौधे सजीव हो उठते हैं, पत्तों पर ताज़गी झलकने लगती है, और फूलों की सुंदरता निखर जाती है। वर्षा की बूँदें पड़ते ही मिट्टी से सोंधी खुशबू उठती है, जो मन को आनंदित कर देती है। पक्षी प्रसन्न होकर चहचहाने लगते हैं, मेंढक टर्राने लगते हैं, और नदियाँ व तालाब जल से भरकर प्रवाहमय हो जाते हैं। गलियों में बच्चे बारिश में भीगकर खेलते हैं, जबकि बड़े लोग बरसात का आनंद लेते हुए गरम चाय और पकौड़ों का स्वाद चखते हैं। बारिश की फुहारें जैसे ही गिरती हैं, गर्मी से राहत मिलती है, और पूरा वातावरण खुशनुमा और रोमांचक हो जाता है।
12. कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
उत्तर- कवि ने पीपल को बड़ा बुजुर्ग इसलिए कहा है क्योंकि यह एक प्राचीन और विशाल वृक्ष होता है, जो अपने लंबे जीवनकाल के कारण अनुभव और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। गाँवों में पीपल को सम्मानपूर्वक देखा जाता है और इसे छायादार, शांत, और सहनशील वृक्ष के रूप में जाना जाता है। कवि ने इसे मानवीय रूप देकर ऐसा चित्रित किया है मानो वह किसी बुजुर्ग की तरह झुककर बादलों का स्वागत कर रहा हो। जैसे परिवार के बड़े-बुजुर्ग घर के दामाद का आदरपूर्वक अभिवादन करते हैं, वैसे ही बूढ़ा पीपल भी वर्षा रूपी अतिथि के आने पर खुशी प्रकट करता है।
13. कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नज़र आते हैं, लिखिए।
उत्तर- हमारे समाज में अतिथि, विशेषकर दामाद का स्वागत और सम्मान करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। पहले संयुक्त परिवार व्यवस्था और पारंपरिक मूल्यों के कारण दामाद को विशेष मान दिया जाता था। लेकिन समय के साथ इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आज के आधुनिक युग में परिवार छोटे हो गए हैं, पारिवारिक रीति-रिवाजों में व्यावहारिकता आ गई है, और बराबरी के संबंधों को अधिक महत्व दिया जाने लगा है। अब रिश्तों में औपचारिकता की जगह आत्मीयता को प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा, महिलाओं की बढ़ती स्वतंत्रता और समानता के विचार ने भी इस बदलाव को प्रभावित किया है। अब दामाद को विशेषाधिकार देने की बजाय परिवार के सभी सदस्यों को समान सम्मान देने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, जिससे पारंपरिक रीति-रिवाजों में बदलाव आया है।
भाषा-अध्ययन Grammar exercises
4. कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर-
मुहावरा
पाठ में प्रयुक्त मुहावरा
मुहावरे का अर्थ
मुहावरे का वाक्य प्रयोग
बन-ठन के
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के ।
तैयार होकर या सज-धजकर
वह शादी में बहुत बन-ठन के गया।
सुधि लीन्हीं (सुधि लेना)
‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’-
हाल-चाल जानना
आपने बहुत दिनों से मेरी सुधि नहीं ली।
गाँठ खुलना
‘क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’,
सच सामने आ जाना
जब सच्चाई सामने आई, तो उसके सारे संदेह दूर हो गए और गाँठ खुल गई।
5. कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर-
कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची:
पाहुन – अतिथि (विशेषकर दामाद के लिए प्रयुक्त)
घूँघट – सिर या चेहरे को ढकने वाला कपड़ा
घाघरा – पारंपरिक परिधान (विशेषकर ग्रामीण महिलाओं द्वारा पहना जाने वाला लहंगा)
जुहार – सम्मानपूर्वक प्रणाम करना
ताल – तालाब
परात – बड़ी थाली या बर्तन
6. मेघ आए कविता की भाषा सरल और सहज है- उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर- “मेघ आए” कविता की भाषा सरल और सहज है, जिससे यह आम पाठकों को आसानी से समझ में आती है। कवि ने प्राकृतिक घटनाओं को मानवीय भावनाओं से जोड़कर रोचक रूप में प्रस्तुत किया है। उदाहरण के लिए,
“मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के” – यहाँ बादलों को एक सजधज कर आए मेहमान की तरह दिखाया गया है, जो सरल और सुंदर चित्र प्रस्तुत करता है।
“पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के” – इसमें बादलों की तुलना ससुराल आए दामाद से की गई है, जो हमारी पारंपरिक संस्कृति को दर्शाता है।
“बूँढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की” – पीपल के झुकने को बुजुर्ग का प्रणाम करना बताया गया है, जिससे भाषा में आत्मीयता और सजीवता आ जाती है।
इन सहज और स्पष्ट शब्दों के प्रयोग से कविता में चित्रात्मकता और भावनात्मक गहराई बढ़ती है, जिससे पाठक इसे सरलता से समझ और अनुभव कर सकते हैं।
पाठेतर सक्रियता
वसंत ऋतु के आगमन का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर- वसंत ऋतु के आगमन पर प्रकृति एक नए रंग में रंग जाती है। पेड़-पौधे हरे-भरे हो जाते हैं, आम के बौर और फूलों की खुशबू वातावरण को महका देती है। कोयल की मधुर कूक मन को आनंदित करती है, और तितलियाँ फूलों पर मंडराने लगती हैं। खेतों में सरसों के पीले फूल खिल उठते हैं, तो ठंडी हवा तन-मन को सुकून देती है। इस ऋतु में हर ओर उल्लास और नई ऊर्जा का संचार होता है, मानो प्रकृति अपने नए रूप में खिल उठी हो।
Class 9 Hindi Megh Aaye– Extract Based Questions (गद्यांश पर आधारित प्रश्न)
1
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के ।
आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली,
दरवाज़े-खिड़कियाँ खुलने लगीं गली-गली,
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
1. कवि ने बादलों को किसके समान बताया है?
(क) किसान के
(ख) राजा के
(ग) पाहुन के
(घ) सैनिक के
उत्तर: (ग) पाहुन के
2. हवा को किस रूप में प्रस्तुत किया गया है?
(क) ठंडी और सुस्त
(ख) नाचती-गाती
(ग) गरजती
(घ) शांत और स्थिर
उत्तर: (ख) नाचती-गाती
3. गाँव के लोग बादलों के स्वागत में क्या करते हैं?
(क) दरवाज़े-खिड़कियाँ बंद कर लेते हैं
(ख) खेतों में काम करने लगते हैं
(ग) दरवाज़े-खिड़कियाँ खोल देते हैं
(घ) शोर मचाने लगते हैं
उत्तर: (ग) दरवाज़े-खिड़कियाँ खोल देते हैं
4. गाँव में बादलों के आने से कैसा माहौल बन जाता है?
उत्तर: गाँव में बादलों के आने से लोग आनंदित हो उठते हैं, खिड़कियाँ और दरवाजे खोलकर वर्षा का आनंद लेने लगते हैं, और हवा भी नाचती-गाती चलती है।
5. इस कविता में प्रकृति को किस रूप में चित्रित किया गया है?
उत्तर: प्रकृति को उत्साह और स्वागत से भरी हुई दिखाया गया है, जहाँ हवा नाच रही है, दरवाजे-खिड़कियाँ खुल रही हैं, और बादलों को पाहुन की तरह सम्मान दिया जा रहा है।
2
पेड़ झुक झाँकने लगे गरदन उचकाए,
आँधी चली, धूल भागी घाघरा उठाए,
बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
1. आँधी चलने से धूल किस तरह दिखती है?
(क) ठहरी हुई
(ख) पानी की तरह बहती हुई
(ग) घाघरा उठाए भागती हुई
(घ) जमीन पर चिपकी हुई
उत्तर: (ग) घाघरा उठाए भागती हुई
2. पेड़ किस तरह बादलों को देख रहे हैं?
(क) गर्दन उचकाकर
(ख) आँखें बंद करके
(ग) चुपचाप खड़े रहकर
(घ) जड़ से उखड़कर
उत्तर: (क) गर्दन उचकाकर
3. आँधी के प्रभाव को किस तरह से दर्शाया गया है?
उत्तर: आँधी के कारण धूल इस तरह उड़ रही है, जैसे गाँव की महिलाएँ घाघरा उठाकर भाग रही हों, और पेड़ गर्दन उचकाकर बादलों को देखने की कोशिश कर रहे हैं।
4. नदी को किस प्रकार चित्रित किया गया है?
उत्तर: नदी को एक संकोची स्त्री के रूप में चित्रित किया गया है, जो बादलों को देखकर ठिठक जाती है और हल्के से अपना घूँघट सरका लेती है।
5. इस अंश में कवि ने किस प्रकार के दृश्य प्रस्तुत किए हैं?
उत्तर: कवि ने वर्षा पूर्व के सुंदर प्राकृतिक दृश्य दिखाए हैं, जहाँ पेड़ झुक रहे हैं, धूल उड़ रही है, और नदी लजाते हुए ठहर गई है।
3
बूँढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’-
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
1. बूढ़े पीपल ने बादलों का स्वागत कैसे किया?
(क) नृत्य करके
(ख) जुहार करके
(ग) गीत गाकर
(घ) पत्ते झड़ाकर
उत्तर: (ख) जुहार करके
2. लता ने बादलों से क्या कहा?
(क) “तुम जल्दी आ गए!”
(ख) “मैं तुमसे नाराज हूँ!”
(ग) “अब मत आना!”
(घ) “इतने दिनों बाद याद आई?”
उत्तर: (घ) “इतने दिनों बाद याद आई?”
3. तालाब ने बादलों के लिए क्या किया?
(क) पानी सुखा दिया
(ख) लहरें तेज़ कर दीं
(ग) पानी से परात भर दी
(घ) पानी उछालने लगा
उत्तर: (ग) पानी से परात भर दी
4. लता ने बादलों से क्या कहा और क्यों?
उत्तर: लता ने बादलों से शिकायत भरे शब्दों में कहा— “बरसों बाद तुम्हें हमारी याद आई?” क्योंकि बादल लंबे समय बाद आए थे।
5. तालाब ने अपनी खुशी कैसे प्रकट की?
उत्तर: तालाब ने पानी से परात भरकर बादलों का स्वागत किया, जैसे कोई अतिथि के पाँव धोने के लिए जल लाता हो।
4
क्षितिज अटारी गहराई दामिनि दमकी,
‘क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की’,
बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।
1. मिलन के अश्रु किसका प्रतीक हैं?
(क) गुस्से का
(ख) प्रेम और खुशी का
(ग) निराशा का
(घ) क्रोध का
उत्तर: (ख) प्रेम और खुशी का
2.‘गाँठ खुल गई भरम की’ का क्या अर्थ है?
(क) विश्वास मजबूत हो गया
(ख) प्रेम में दरार आ गई
(ग) मित्रता समाप्त हो गई
(घ) सब कुछ भूल गए
उत्तर: (क) विश्वास मजबूत हो गया
3.बिजली चमकने को कवि ने किस भावना से जोड़ा है?
उत्तर: बिजली चमकने को कवि ने प्रेमिका के मन में उठे प्रेम भाव से जोड़ा है, जो प्रियतम (बादल) को देखकर जाग जाता है।
4.”क्षितिज अटारी गहराई” का क्या तात्पर्य है?
उत्तर: “क्षितिज अटारी गहराई” का तात्पर्य यह है कि बादल क्षितिज तक छा गए हैं।
5.कवि ने “बाँध टूटा झर-झर” से क्या अभिव्यक्त किया है?
उत्तर: कवि ने “बाँध टूटा झर-झर” के माध्यम से मिलन के उल्लास और प्रेम के आँसुओं का भाव प्रकट किया है, जो वर्षा की बूंदों के रूप में पृथ्वी पर बरसते हैं।
Class 9 Hindi A Kshitij Lesson 12 Megh Aaye Multiple choice Questions (बहुविकल्पीय प्रश्न)
1. कविता में “मेघ” की किससे तुलना की गई है?
(क) देवता
(ख) मेहमान (दामाद)
(ग) राजा
(घ) किसान
उत्तर- (ख) मेहमान (दामाद)
2. “आगे-आगे नाचती-गाती बयार चली” का अर्थ क्या है?
(क) तेज़ धूप निकली
(ख) आँधी चल रही है
(ग) ठंडी हवा नाचती-गाती चल रही है
(घ) लोग गीत गा रहे हैं
उत्तर- (ग) ठंडी हवा नाचती-गाती चल रही है
3. गाँव के लोग मेघों के आगमन पर क्या कर रहे हैं?
(क) दरवाज़े-खिड़कियाँ खोल रहे हैं
(ख) खेतों में काम कर रहे हैं
(ग) घर में छिप रहे हैं
(घ) मंदिर में पूजा कर रहे हैं
उत्तर- (क) दरवाज़े-खिड़कियाँ खोल रहे हैं
4. “धूल भागी घाघरा उठाए” पंक्ति में किसका मानवीकरण हुआ है?
(क) बादलों का
(ख) नदी का
(ग) पीपल का
(घ) धूल का
उत्तर- (घ) धूल का
5. लता किसकी प्रतीक्षा में अकुलाई हुई प्रतीत होती है?
(क) आँधी की
(ख) दामाद रूपी मेघों की
(ग) सूरज की
(घ) नदी की
उत्तर- (ख) दामाद रूपी मेघों की
6. “गाँठ खुल गई अब भरम की” का अर्थ क्या है?
(क) संशय समाप्त हो गया
(ख) बंधन टूट गया
(ग) घर का दरवाज़ा खुल गया
(घ) आकाश बादलों से घिर गया
उत्तर– (क) संशय समाप्त हो गया
7. “बाँध टूटा झर-झर मिलन के अश्रु ढरके” से कवि क्या व्यक्त करना चाहता है?
(क) बाढ़ आ गई
(ख) मिलन की खुशी में वर्षा होने लगी
(ग) नदी सूख गई
(घ) बारिश बंद हो गई
उत्तर- (ख) मिलन की खुशी में वर्षा होने लगी
8. कविता में कौन-सा अलंकार प्रमुख रूप से प्रयुक्त हुआ है?
(क) उपमा
(ख) रूपक
(ग) मानवीकरण
(घ) अनुप्रास
उत्तर– (ग) मानवीकरण
9. “हरसाया ताल लाया पानी परात भर के” में ताल को क्या दर्शाया गया है?
(क) मनुष्य के रूप में
(ख) पशु के रूप में
(ग) देवता के रूप में
(घ) शत्रु के रूप में
उत्तर- (क) मनुष्य के रूप में
10. “धूल भागी घाघरा उठाए” में कौन-सा अलंकार है?
(क) उपमा
(ख) रूपक
(ग) मानवीकरण
(घ) उत्प्रेक्षा
उत्तर- (ग) मानवीकरण
11.”पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के” में कौन-सा अलंकार है?
(क) उपमा
(ख) रूपक
(ग) अनुप्रास
(घ) संदेह
उत्तर– (क) उपमा
12. इस कविता के रचनाकार कौन हैं?
(क) सुमित्रानंदन पंत
(ख) अज्ञेय
(ग) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर– (ग) सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
13. कविता में मुख्य रूप से किस ऋतु का वर्णन किया गया है?
(क) ग्रीष्म ऋतु
(ख) वर्षा ऋतु
(ग) शरद ऋतु
(घ) बसंत ऋतु
उत्तर– (ख) वर्षा ऋतु
14. कविता में किस प्राकृतिक तत्व को सबसे अधिक मानवीय रूप में दर्शाया गया है?
(क) नदी
(ख) सूरज
(ग) हवा
(घ) मेघ
उत्तर- (घ) मेघ
15. “बूँढ़े पीपल ने जुहार की” में पीपल को क्या दर्शाया गया है?
(क) गाँव का बुजुर्ग
(ख) बारिश का स्रोत
(ग) जंगल का राजा
(घ) किसानों का प्रतीक
उत्तर- (क) गाँव का बुजुर्ग
16. कविता का प्रमुख संदेश क्या है?
(क) गाँव में वर्षा का स्वागत
(ख) बादलों की निंदा
(ग) गाँव में अकाल
(घ) जंगलों की कटाई
उत्तर- (क) गाँव में वर्षा का स्वागत
17. कविता में ‘लता’ किस भावना का प्रतीक है?
(क) निराशा
(ख) क्रोध
(ग) उलाहना और प्रेम
(घ) परिश्रम
उत्तर– (ग) उलाहना और प्रेम
18. कविता में किस लोक-संस्कृति का भाव प्रकट हुआ है?
(क) अतिथि-सत्कार
(ख) युद्ध
(ग) व्यापार
(घ) कृषि
उत्तर– (क) अतिथि-सत्कार
19. “बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, घूँघट सरके” में कौन-सी भावना प्रकट हो रही है?
(क) स्वतंत्रता और उल्लास
(ख) क्रोध और जलन
(ग) निराशा और उदासी
(घ) संकोच और उत्सुकता
उत्तर- (घ) संकोच और उत्सुकता
20. कविता में “बयार” किसका प्रतीक है?
(क) गाँव की स्त्रियों का स्वागत गीत
(ख) ठंडी हवा जो वर्षा के आने का संकेत देती है
(ग) बादलों की गर्जना
(घ) सूरज की गर्मी
उत्तर- (ख) ठंडी हवा जो वर्षा के आने का संकेत देती है
Megh Aaye Extra Question Answers (अतिरिक्त प्रश्न उत्तर)
1. कवि ने बादलों की तुलना किससे की है?
उत्तर- कवि ने बादलों की तुलना गाँव में आए अतिथि, विशेष रूप से दामाद से की है। जिस तरह दामाद ससुराल में खूब सम्मान पाता है, वैसे ही बादलों के आने पर प्रकृति और गाँव के लोग खुशी से भर जाते हैं। बादल सज-धज कर आए मेहमान की तरह प्रतीत होते हैं, जिनका स्वागत पूरे गाँव में किया जा रहा है।
2. बयार (हवा) कैसे चल रही थी?
उत्तर– हवा नाचती-गाती हुई पूरे गाँव में चल रही थी, मानो किसी उत्सव का संदेश दे रही हो। इस तरह कवि ने हवा को एक सजीव रूप दिया है। हवा के इस उल्लासपूर्ण रूप से गाँव में खुशी की लहर दौड़ गई।
3. गाँव में लोग बादलों का स्वागत कैसे कर रहे थे?
उत्तर– गाँव के लोग बादलों के स्वागत के लिए अपने घरों की खिड़कियाँ और दरवाजे खोलने लगे। यह दृश्य ऐसा था मानो सभी लोग किसी विशेष मेहमान के स्वागत के लिए आतुर हों। वर्षा के आगमन की आशा में वातावरण उल्लासपूर्ण हो गया और पूरा गाँव इस परिवर्तन से आनंदित हो उठा।
4. धूल कैसे भाग रही थी?
उत्तर- हवा के तेज़ झोंकों से धूल तेजी से उड़ रही थी, मानो कोई महिला अपना घाघरा उठाकर भाग रही हो। यह दृश्य आँधी और बारिश के पहले के माहौल को सजीव रूप से दर्शाता है, जहाँ चारों ओर धूल भरी हवा चल रही थी और मौसम में बदलाव आने वाला था।
5. नदी का व्यवहार कैसा था?
उत्तर- नदी का व्यवहार एक लज्जाशील नवयुवती के समान था, जो संकोच से बादलों को देख रही थी। जैसे कोई स्त्री धीरे-धीरे अपना घूँघट हटाकर अपने प्रिय का दर्शन करती है, वैसे ही नदी भी धीरे-धीरे बहती हुई वर्षा के आगमन का स्वागत कर रही थी।
6. बूढ़े पीपल ने क्या किया?
उत्तर– बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर झुककर बादलों का स्वागत किया, जैसे कोई बुजुर्ग अपने घर आए सम्मानित मेहमान को आदरपूर्वक प्रणाम करता है। पीपल का यह व्यवहार दर्शाता है कि वह भी वर्षा का लंबे समय से इंतजार कर रहा था और अब प्रसन्न होकर अभिवादन कर रहा है।
7. लता ने बादलों से क्या कहा?
उत्तर- लता ने शिकायत भरे लहज़े में कहा कि “बरसों बाद हमारी सुध ली!” यह वाक्य दर्शाता है कि लता (बेल) लंबे समय से वर्षा के इंतजार में व्याकुल थी। बादलों के आने पर वह अपने संकोच और शिकायत के साथ स्वागत कर रही है।
8. बिजली चमकने पर किसका भ्रम टूट गया?
उत्तर– बिजली चमकने पर वर्षा की संभावना सच्चाई में बदल गई, जिससे प्रतीक्षा कर रही प्रकृति का संदेह दूर हो गया। पहले सबको संदेह था कि वर्षा होगी या नहीं, लेकिन बिजली के चमकते ही यह स्पष्ट हो गया कि बारिश निश्चित रूप से होने वाली है।
9. “पाहुन” शब्द का क्या अर्थ है?
उत्तर– “पाहुन” का अर्थ है अतिथि, विशेष रूप से दामाद। भारतीय समाज में दामाद को विशेष सम्मान दिया जाता है, और कवि ने बादलों को दामाद की तरह दर्शाया है, जो वर्षा के रूप में गाँव में आए हैं और सभी उनका आदरपूर्वक स्वागत कर रहे हैं।
10. प्रस्तुत कविता ‘मेघ आए’ की विषयवस्तु क्या है?
उत्तर- इस कविता में कवि ने वर्षा ऋतु के आगमन को आनंद और उत्साह से भरपूर बताया है। बादलों को सजी-धजी बारात या मेहमान के रूप में दिखाया गया है, जिनका स्वागत पूरी प्रकृति कर रही है। पेड़ झुककर झाँक रहे हैं, नदी संकोच से घूँघट हटा रही है, और बूढ़ा पीपल उन्हें प्रणाम कर रहा है। वर्षा का यह दृश्य गाँव में खुशी और उमंग भर देता है।