Character Sketch of Harihar Kaka

 

हरिहर काका, महंत, हरिहर काका के भाई और लेखक का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Harihar Kaka, Mahant, Harihar Kaka’s Brother and Writer from CBSE Class 10 Hindi Sanchayan Book Chapter 1 हरिहर काका

 

हरिहर काका नामक पाठ मिथिलेश्वर की कृति है। यह वर्तमान समाज की उस घृणित स्थिति का चित्रण करता है, जिसमें किसी भी रिश्ते से ज्यादा बड़ा धन हो गया है। यह वास्तव में अत्यंत ही भयानक है। 

 

हरिहर काका का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Harihar Kaka)

  • लेखक के सच्चे मित्र: हरिहर काका लेखक के सच्चे मित्र है। बचपन में लेखक के परिवार से ज्यादा हरिहर काका ने उनको प्यार किया था। जो बात हरिहर काका किसी से नहीं बताते वह बात हरिहर काका लेखक से बताते हैं। 
  • सीधा और शांत: हरिहर काका बिलकुल मासूम और शांत स्वभाव के व्यक्ति हैं। भाइयों के परिवार द्वारा लगातार अपमानित करने के बावजूद वह कभी उनसे बहस नहीं किए। 
  • अनपढ़ लेकिन खूब गढ़ा: हरिहर काका अनपढ़ थे लेकिन उन्होंने अपने पास इतना कड़वा समाज देख लिया था कि इंसान की फिदरत से वाकिफ हो गए थे। 
  • साहसी: हरिहर काका बहुत साहसी थे तभी जब महंत तथा उसके गुंडे उनके पैर हाथ बांध दिए थे और मुंह में कपड़ा ठूंस दिया था इसके बावजूद हरिहर काका लुढ़कते हुए दरवाजा तक पहुंच जाते हैं। 
  • दयावान: हरिहर काका काफी दयावान हैं। जब उनके भाई उनके पास आकर घर चलने तथा अपनी पत्नियों को सजा देने की बात करते हैं तब हरिहर काका उनकी प्रकृति जानते हुए भी उन पर दया करके घर चले जाते हैं। 
  • स्वाभिमानी: हरिहर काका बड़े स्वाभिमानी प्रवृत्ति के आदमी हैं जब उनके घर में मेहमान आने पर सब लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं तथा उनको खाने में केवल चावल मट्ठा और अचार दिया जाता है, तब वह खिन्न होकर खाली फेंक कर बाहर चले जाते हैं और खाना नहीं खाते हैं। 

 

हरिहर काका के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Harihar Kaka)

  1. हरिहर काका लेखक से कुछ क्यों न बोल रहे थे?
  2. हरिहर काका का लेखक से कैसा संबंध था?
  3. हरिहर काका के प्रमुख गुणों का वर्णन कीजिए? 
  4. हरिहर काका के सामने क्या समस्या थी? 
  5. हरिहर काका को पुलिस सुरक्षा क्यों मिली?

 

महंत का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Mahant)

  • लालची: महंत बड़ा लालची स्वभाव का व्यक्ति था वह हरिहर काका को अपने भाइयों के प्रति भड़काकर उनकी जमीन हड़पना चाहता था। 
  • स्वार्थी: महंत बहुत ही ज्यादा स्वार्थी प्रवृत्ति का इंसान था। वह हरिहर काका की दयनीय स्थिति को नजरअंदाज करके वह बस उनकी जमीन हड़पना चाहता था। 
  • चालाक: महंत बहुत ही धूर्त प्रकृति का इंसान है, जब हरिहर काका के भाइयों की औरतों के द्वारा उनका तिरस्कार किया जाता है तब वह बड़ी चालाकी से उनको ख्याति तथा भगवान के चरणों में स्थान का लालच देकर उनसे उनकी जमीन को ठाकुर मंदिर में दान देने के लिए कहता है। 

 

महंत के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Mahant)

  1. महंत ने हरिहर काका को क्या समझाया?
  2. महंत हरिहर काका को उसके भाइयों के प्रति क्यों भड़काया?
  3. महंत के गुणों का वर्णन कीजिए?

 

हरिहर काका के भाई का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Harihar Kaka’s Brother)

  • लालची: हरिहर काका के भाई स्वभाव से बड़े लालची हैं वह बस उनकी जमीन ही हड़पना चाहते हैं। 
  • मतलबी: हरिहर काका के भाई बड़े मतलबी स्वभाव के लोग हैं, उनको हरिहर काका के खुशी तथा दुख से कोई मतलब नहीं है वह तो बस उनकी जमीन चाहते हैं। 
  • चालाक: हरिहर काका के सारे भाई बड़े ही चालाक हैं जब उनकी पत्नियों हरिहर काका का तिरस्कार करती हैं तब वह है हरिहर काका को बुलाने के लिए उनके पास जाते हैं तथा उनको घर लाने के लिए तरह-तरह के बहाने करते हैं। 
  • स्वार्थी: हरिहर काका के भाई उनसे बिल्कुल भी प्रेम नहीं करते हैं। हरिहर काका भी जानते हैं कि उनकी इतनी खातिरदारी और सुरक्षा बस उनकी जमीन के लिए हो रही है। 
  • निर्दयी: हरिहर काका के सारे भाई बड़े निर्दय हैं। जब हरिहर काका आतिथ्य सत्कार से बात नहीं मानते हैं तब वह हरिहर काका को निर्दयापूर्वक बहुत ज्यादा मारते हैं तथा उनको घर में गाड़ देने तक की बात करते हैं। 

 

हरिहर काका के भाई के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Harihar Kaka’s Brother)

  1. हरिहर काका के भाइयों का हरिहर काका के प्रति कैसा रवैया था? 
  2. हरिहर काका के भाइयों के चरित्र का वर्णन कीजिए? 
  3. भाइयों की पत्नियां हरिहर काका से कैसा व्यवहार करती थी? 

 

लेखक का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of the Writer)

  • समझदार: लेखक काफी समझदार है तभी वह हरिहर काका की आखों से समझ गया कि उनके साथ क्या बीत रहा। 
  • अच्छे कहानीकार: लेखक बहुत अच्छा कहानीकार है। उन्होंने इस कहानी को इतनी पूर्णता के साथ प्रस्तुत किया है कि शायद ही कोई इस कहानी में कोई त्रुटि ढूंढ पाए। 
  • दूरदर्शी: लेखक ने इस कहानी में जिस समाज का वर्णन किया है, वह समाज लेखक के समय में नहीं था। यह तो बस लेखक की दूरदर्शिता की एक झलक है और वास्तव में उनकी ये कहानी आज के समाज के बिलकुल उपयुक्त है। 

 

लेखक के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of the Writer)

  1. लेखक के गुणों का वर्णन कीजिए?
  2. लेखक और हरिहर काका के कैसे संबंध थे? 
  3. लेखक की हरिहर काका कृति का मुख्य उद्देश्य लिखिए?

 

Summary of Harihar Kaka 

इस कहानी में लेखक हरिहर काका से बचपन से ही जुड़ा है। वह हरिहर काका ही थे जिन्होंने लेखक को उसके परिवार से भी ज्यादा प्यार किया। 

जब लेखक बहुत दिन बाद अपने गांव लौटता है तो वह हरिहर काका के पास बैठ जाता है और काफी देर तक बैठे रहने पर भी काका उनसे कुछ नहीं बोलते हैं बस लेखक के तबीयत के बारे में पूछने पर अपना सिर हिलाकर हां  बोल देते हैं लेकिन लेखक उनकी नजरों से ही उनकी स्थिति के बारे में समझ जाता है। 

लेखक आगे बताता है कि उनकी यह स्थिति उनके परिवार वालों होता था ठाकुरबाड़ी के महंत की वजह से हुई है। ठाकुरबाड़ी एक मंदिर है, जिसमे सबकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं और बदले में ढेर सारा चढ़ावा मिलता है। 

अब बात करें हरिहर काका के परिवार की तो उनकी कोई संतान नहीं थी। उन्होंने संतान के लिए एक से ज्यादा शादी की लेकिन फिर भी उनको संतान की प्राप्ति नहीं हुई इसलिए उनको अपने भाइयों पर निर्भर रहना पड़ता है। 

उनके भाई दिन भर खेत में रहते हैं और उनकी देखभाल की सारी जिम्मेदारी भाइयों की पत्नियों पर रहता है लेकिन उनकी पत्नियां हरिहर काका का बिल्कुल भी सम्मान तथा प्रेम की दृष्टि से नहीं देखते हैं तथा उनका निरंतर अपमान करती रहती हैं। 

एक बार ऐसे ही हरिहर काका बहुत बड़ा अपमान हो गया जिसके फलस्वरुप हरिहर काका आंगन में ही खाना की थाली फेंक कर बाहर चले आए। 

उसी वक्त ठाकुरवाड़ी का एक महंत उनके घर आया हुआ था। उन्होंने हरिहर काका को समझाते हुए कहा कि यह सब मोह माया है। तुम्हारे भाई तुमको बस तुम्हारे जायजाद की वजह से ही रखे हुए हैं, अगर तुम यह सारी इजाजत मंदिर के नाम कर दो तो तुमको काफी यश मिलेगा तथा मरने के बाद भगवान के चरणों में तुमको जगह मिलेगी। 

उसके बाद वह महंत चला गया। हरिहर काका काफी देर सोचने के बाद महंत को मना कर दिए। इससे गुस्सा होकर महंत ने हरिहर काका का अपहरण करके उनको काफी मारा पीटा और जबरदस्ती उनसे हस्ताक्षर करवाने का प्रयास किया लेकिन तभी उनके भाई पुलिस के साथ आ गए और वह बच गए। 

इसके बाद हरिहर काका की सुरक्षा बढ़ गई और उनके भाई उनका काफी ख्याल रखने लगे। 

एक दिन उनके भाई हरिहर काका को काफी डरा धमकाकर मारपीट कर उनसे जबरदस्ती हस्ताक्षर करवाने लगे लेकिन तभी हरिहर काका के चीखने की आवाज सुनकर सभी पड़ोसी इकट्ठा हो गए। तब से चार पुलिस वाले हरिहर काका की सुरक्षा में लगे रहते हैं तथा उनकी संपत्ति में ऐश करते हैं। 

 

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