NCERT Solutions for Class 10 Hindi Sparsh Bhag 2 मधुर-मधुर मेरे दीपक जल Important Question Answers Lesson 6
Class 10 Hindi Madhur Madhur Mere Deepak Jal Question Answers – Looking for Madhur Madhur Mere Deepak Jal question answers for CBSE Class 10 Hindi Sparsh Bhag 2 Book Lesson 6? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.
सीबीएसई कक्षा 10 हिंदी स्पर्श भाग 2 पुस्तक पाठ 6 के लिए मधुर-मधुर मेरे दीपक जल प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 10 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से बोर्ड परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे मधुर-मधुर मेरे दीपक जल प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।
The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.
Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल सार-आधारित प्रश्न
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल काव्यांश पर आधारित प्रश्न
- मधुर-मधुर मेरे दीपक जल प्रश्न और उत्तर
- “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” Class 10 Hindi Chapter 6 Summary, Explanation, Notes, NCERT Solutions
- NCERT Class 10 Hindi Chapter 6 MCQs
Class 10 Hindi मधुर-मधुर मेरे दीपक जल Question Answers Lesson 6 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1)
मधुर मधुर मेरे दीपक जल
युग युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल,
प्रियतम का पथ आलोकित कर।
प्रश्न 1. कविता और कवि का नाम बताइए।
उत्तर – कविता का नाम – मधुर मधुर मेरे दीपक
कवि का नाम – महादेवी वर्मा
प्रश्न 2. ‘युग युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल’, में कौन सा अलंकार है।
उत्तर – अनुप्रास
प्रश्न 3. प्रस्तुत कविता में दीपक किसका प्रतीक है?
उत्तर – ईश्वर के प्रति आस्था
प्रश्न 4. कवयित्री किसका पथ आलोकित करना चाहती है?
उत्तर – अपने प्रियतम का
2)
सौरभ फैला विपुल धूप बन,
मृदुल मोम सा घुल रे मृदु तन;
दे प्रकाश का सिंधु अपरिमित,
तेरे जीवन का अणु गल गल
पुलक पुलक मेरे दीपक जल।
प्रश्न 1. कवयित्री दीपक से किसके लिए जलने को कहती है?
उतर – अपने प्रियतम के लिए
प्रश्न 2. कवयित्री अपने कोमल तन को किस की तरह पिघलाने की बात कर रही है?
उतर – कोमल मोम की तरह
प्रश्न 3. पुलक पुलक में कौन सा अलंकार है?
उत्तर – पुनरुक्ति प्रकाश
3)
सारे शीतल कोमल नूतन,
माँग रहे तुझसे ज्वाला-कण
विश्व-शलभ सिर धुन कहता मैं
हाय! न जल पाया तुझमें मिल,
सिहर-सिहर मेरे दीपक जल!
प्रश्न 1. सारे शीतल कोमल और नूतन दीपक से क्या मांग रहे हैं?
उतर – ज्वाला कण
प्रश्न 2. ‘ज्वाला कण’ का अर्थ बताएं |
उतर – आग की लपट
प्रश्न 3. ‘शलभ’ का अर्थ बताएं |
उतर – पतंगा
प्रश्न 4. पतंगे को पश्चाताप है कि वह ____________
उतर – दीपक से एकाकार न हो सका
4)
जलते नभ में देख असंख्यक,
स्नेहहीन नित कितने दीपक;
जलमय सागर का उर जलता,
विद्युत ले घिरता है बादल!
विहँस-विहँस मेरे दीपक जल!
प्रश्न1. ‘स्नेहहीन दीपक’ से क्या तात्पर्य है?
(क) दीपक में तेल नहीं है।
(ख) जिसके हृदय में आस्था और विश्वास है।
(ग) जिसके हृदय में ईश्वर के प्रति आस्था नहीं है।
(घ) व्यक्ति, जिसके हृदय में प्रेम नहीं है।
उत्तर – (घ) व्यक्ति, जिसके हृदय में प्रेम नहीं है
प्रश्न2. सागर का हृदय क्यों जलता है?
(क) स्वयं खुश होने के कारण
(ख) आस्थाहीन असंख्य तारों को देखकर
(ग) स्नेहहीन असंख्य तारों को देखकर
(घ) धरती पर शांति होने के कारण
उत्तर – (ग) स्नेहहीन असंख्य तारों को देखकर
प्रश्न3. कवि ने बादल की क्या विशेषता बताई है?
(क) बादल गरजकर बरसता जाता है
(ख) बादल पृथ्वी को प्रेम देने के लिए जलवृष्टि करता है
(ग) बादल मेघ वर्षा लाते हैं।
(घ) बिजली के साथ बादल गिरता है
उत्तर – (ख) बादल पृथ्वी को प्रेम देने के लिए जलवृष्टि करता है
प्रश्न4. ‘विहँस-विहँस जलने’ से कवि का क्या तात्पर्य है?
(क) स्नेह प्रकट करते हुए जलना
(ख) दूसरों को सदैव प्रसन्न रखना
(ग) दूसरों को सुख देना
(घ) मोमबत्ती की तरह धीरे-धीरे प्रकाश देना
उत्तर – (क) स्नेह प्रकट करते हुए जलना
प्रश्न5. ‘नभ’ का पर्यायवाची शब्द ___________ है।
(क) सिंध
(ख) सरिता
(ग) आकाश
(घ) पथ
उत्तर – (ग) आकाश
प्रश्न6. ‘जलमय सागर का हृदय जलने’ से क्या अभिप्राय है?
(क) भक्तों की समृद्धि देखकर ईर्ष्या करना
(ख) प्रभु भक्ति में हीन रहना
(ग) प्रभु भक्ति में लीन रहना
(घ) भक्तों से ईर्ष्या करना
उत्तर – (ग) प्रभु भक्ति में लीन रहना
Class 10 Hindi Sparsh Lesson 6 मधुर-मधुर मेरे दीपक जल बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न1- किसको आधुनिक युग की मीरा कहा गया है ?
A) पंत को
B) वेदना और करुणा को
C) मधुर मधुर मेरे दीपक जल की कवयित्री महादेवी वर्मा को
D) किसी को नहीं
प्रश्न2- महादेवी वर्मा को आधुनिक युग की मीरा क्यों कहा गया ?
A) लिखने की कला के कारण
B) गीत गुनगुनाने की कारण
C) क्योंकि मीरा की ही तरह महादेवी वर्मा जी ने भी अपनी विरह की पीड़ा को कविता की कला का रंग दे दिया
D) माता जी के कारण
प्रश्न3- महादेवी वर्मा के हृदय में भक्ति भाव के अंकुर किसने बोए ?
A) विरह की पीड़ा ने
B) शैशवावस्था में शादी के कारण
C) पति के कारण
D) माता जी के प्रभाव के कारण
प्रश्न4- महादेवी वर्मा जी की मुख्य कृतियों के नाम लिखिए |
A) नीरजा
B) सांध्य गीत
C) दीपशिखा
D) सभी
प्रश्न5- महादेवी की गद्य रचनाओं का उल्लेख करें |
A) अतीत के चलचित्र
B) स्मृति की रेखाएं
C) श्रृंखला की कड़ियाँ
D) सभी
प्रश्न6- महादेवी वर्मा के काव्य की विशेषताओं का उल्लेख करें |
A) वेदनात्मक
B) संगीतात्मक
C) गीत तत्त्व ,छायावाद एवं प्रकृति चित्रण
D) सभी
प्रश्न7- महादेवी वर्मा की भाषा शैली कैसी है ?
A) कठोर
B) कठिन
C) कोमल
D) सरस एवं संगीतात्मक
प्रश्न8- कवयित्री ने इस कविता में दीपक को किस किसका प्रतीक माना है ?
A) परोपकार
B) वेदना
C) त्याग
D) सभी
प्रश्न9- इस कविता में कवयित्री ने किस दीपक को सम्बोधित किया है ?
A) सूरज को
B) चंदा को
C) तारो को
D) जीवन रूपी दीपक को
प्रश्न10- कवयित्री दीपक को जलने के लिए क्यों कहती है ?
A) अँधेरा मिटाने के लिए
B) बिजली नहीं है
C) तेल खत्म हो गया है
D) तांकि ईश्वर रूपी प्रियतम का पथ प्रकाशमान रहे उन्हें कवयित्री तक पहुँचने में कोई परेशानी न हो
प्रश्न11- कविता में दीपक कवयित्री की किन भावनाओं को
A) दर्शाता है ?
B) कवयित्री की भावनाओं का
C) कवयित्री की दया और वेदना का
D) कवयित्री की त्याग और परोपकार की भावना का ईश्वर के प्रति प्रेम को
प्रश्न12- कवयित्री दीपक से क्या कहती है ?
A) धूप बनने को
B) सारे संसार को सुगंधित करने को
C) संसार को प्रकाशित करने को
D) सभी
प्रश्न13- पुलक पुलक मेरे दीपक जल में कौन सा अलंकार प्रयोग किया ?
A) उपमा
B) अनुप्रास
C) पुनरुक्ति
D) सभी
प्रश्न14- युग युग प्रतिदिन प्रतिक्षण प्रतिपल कौन सा अलंकार है ?
A) उपमा
B) अनुप्रास
C) उपमान
D) सभी
प्रश्न15- कवयित्री अपने मन में छुपे अहंकार को कैसे समाप्त करना चाहती है ?
A) कविता लिख कर
B) प्रभु गान गाकर
C) प्रशंसा कर के
D) मोमबत्ती की तरह धीरे धीरे जल कर
प्रश्न16- कवयित्री ने प्रियतम का पथ किसे माना है ?
A) कविता लिखने को
B) मोमबत्ती की तरह जलने को
C) गीत गाने को
D) परमात्मा की ओर जाने के पथ को
प्रश्न17- कविता में कवयित्री ने मानव को कौन सी विचारधारा छोड़ने को कहा है ?
A) आगे बढ़ने की
B) प्रगति करने की
C) खुश रहने की
D) स्वार्थ की
प्रश्न18- कवयित्री दीपक को किस तरह से जलने को कहती है?
A) धीरे धीरे
B) तेज़ रौशनी से
C) लगातार प्रसन्नता से
D) कोई नहीं
प्रश्न19- कवयित्री के अनुसार नूतन कौन लोग है ?
A) जो नए हैं
B) जिन्होंने अभी अभी कविता लिखनी शुरू की
C) जिन्हे प्रभु भक्ति का अनुभव नहीं है
D) जो प्रभु से प्रेम नहीं करते
प्रश्न20- कवयित्री दीपक को सिहर सिहर कर जलने को क्यों कहती है ?
A) तांकि अज्ञान रुपी अँधेरा दूर होता रहे
B) ताकि लोग आस्थावान रहे
C) तांकि संसार प्रभु भक्ति में लीन रह पाए
D) सभी
प्रश्न21- विश्व रुपी शलभ क्या है ?
A) दीपक की लौ
B) दीपक
C) पतंगा
D) संसार रुपी पतंगा
प्रश्न22- विशव शलभ (संसार) के पछताने का क्या कारण है ?
A) उसे तेल कम मिला
B) कोई उसकी तरफ ध्यान नहीं देता
C) वह दीपक की लौ में मिल के क्यों नहीं जल पाया
D) जलने के कारण
प्रश्न23- विश्व शलभ सिर धुन कहता में कौन सा अलंकार है?
A) उपमा
B) अनुप्रास
C) रूपक
D) उपमान
प्रश्न24- कवयित्री के अनुसार आसमान में तारे किस तरह जलते हैं ?
A) चमकते हुए
B) चाँद की रौशनी से
C) अपने आप
D) बिना तेल के
प्रश्न25- बादलों में अग्नि किस रूप में है ?
A) वर्षा के रूप में
B) जल के रूप में
C) हवा की गति के रूप में
D) बिजली के रूप में
प्रश्न26- कवयित्री के अनुसार संसार में किस बात का अभाव है?
A) भौतिक पदार्थों का
B) सुख का
C) नैतिकता का
D) ईश्वर की भक्ति एवं प्रेम का
प्रश्न27- बादलों में बिजली का होना किस बात का प्रतीक है ?
A) सांसारिक मोह का
B) प्रभु भक्ति का
C) विज्ञान का
D) सभी
प्रश्न28- सागर का हृदय किस से जलता है ?
A) जल से
B) सूरज की किरणों से
C) बड़वाग्नि से
D) परछाई से
प्रश्न29- स्नेहहीन दीपक की संज्ञा कवयित्री ने किसको दी है ?
A) संसार को
B) लोगो को
C) पतंगे को
D) नभ(आकाश) के तारों को
प्रश्न30- कवयित्री के अनुसार मनुष्य को कल्याण कैसे करना चाहिए ?
A) स्वार्थ सिद्धि से
B) भौतिक साधनों से
C) आत्म -बलिदान के मार्ग से
D) कोई नहीं
Answer Key for CBSE Class 10 Hindi Chapter 6 Madhur Madhur Mere Deepak Jal MCQs
Question No. | Answer | Question No. | Answer |
1 | C | 16 | D |
2 | C | 17 | D |
3 | D | 18 | C |
4 | D | 19 | D |
5 | D | 20 | D |
6 | D | 21 | D |
7 | D | 22 | C |
8 | D | 23 | C |
9 | D | 24 | D |
10 | D | 25 | D |
11 | C | 26 | D |
12 | D | 27 | A |
13 | C | 28 | C |
14 | B | 29 | D |
15 | D | 30 | C |
Class 10 Hindi मधुर-मधुर मेरे दीपक जल प्रश्न और उत्तर (including questions from Previous Years Question Papers)
In this post we are also providing important questions for CBSE Class 10 Boards in the coming session. These questions have been taken from previous years class 10 Board exams and the year is mentioned in the bracket along with the question.
प्रश्न1. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री ने आकाश में चमकते तारों को स्नेहहीन क्यों कहा है? (2016, 2014)
उत्तर – कवयित्री महादेवी वर्मा ने आकाश में चमकते तारों को “स्नेहहीन दीपक” कहा है, क्योंकि वे बिना किसी प्रेम (तेल) के जलते रहते हैं। वे किसी को रोशनी नहीं देते। कवयित्री ने इन प्रेम रहित दीयों की तुलना उन असंख्य मनुष्यों से की है जिनके हृदय में दया, करुणा, स्नेह नहीं है। उनमें परोपकार और उत्साह की कमी होती है। जो किसी के लिए मार्ग प्रशस्त नहीं करते, वे इन प्रेम रहित सितारों के समान हैं।
प्रश्न2. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री ने दीपक से किस बात का आग्रह किया है और क्यों ? (2013)
उत्तर – “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री एक दीपक से साधना के कठोर पथ पर, बिना किसी दर्द के, निरंतर जलते हुए भगवान के मार्ग को रोशन करने का आग्रह करती है। इससे आत्मा को ईश्वर के करीब होने में मदद मिलेगी, और आत्मा और ईश्वर का मिलन हो सकता है, जिसका अर्थ है कि वे एक हो सकते हैं। इसके लिए कवयित्री उनसे परमार्थ के लिए जलने और प्राकृतिक वस्तुओं से प्रेरणा लेने का आग्रह करती हैं, कभी कांपती हैं तो कभी मुस्कुराती हैं।
प्रश्न3. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री दीपक से जलने का आग्रह क्यों कर रही हैं? (2010)
उत्तर – ‘मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ कविता में कवयित्री दीपक से जलने का आग्रह इसलिए कर रही हैं, ताकि उसके प्रिय निर्गुण ब्रह्म का दर्शन सभी को हो सके। दीपक आस्था, भक्ति और विश्वास का प्रतीक है। कवयित्री चाहती है कि उसके दीए की रोशनी से आस्था की सुगंध सब जगह फैल जाए और अपनी भक्ति की लौ से वह भक्ति की खोज में नए जीवों को भी आलोकित कर दे। दीपक का महत्व इस बात में निहित है कि वह अपने प्रकाश से लोगों को सही रास्ता दिखा सकता है। इसलिए कवयित्री दीपक से निरंतर जलने का आग्रह कर रही है।
प्रश्न4. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल’ में कवयित्री के दीपक से ज्वाला-कण कौन मांग रहे हैं और क्यों?
उत्तर – संसार के वे जीव जिनके हृदय में अभी ईश्वर प्रेम की लौ नहीं जगी है, भक्ति के मार्ग पर अभी शुरुआत करने वालों के लिए, जिनके पास एक दयालु हृदय और शीतलता है, वे कवयित्री के विश्वास के दीपक से विश्वास की चिंगारी की तलाश कर रहे हैं, जिससे उनके हृदय में भी आस्था रूपी दीपक प्रज्वलित हो जाए। जब मनुष्य के मन में विश्वास नहीं होता है, तो वह अपने भीतर ईर्ष्या और द्वेष को निरंतर जलता हुआ महसूस करता है। लेकिन जब उसकी ईश्वर में आस्था होती है तो उसे इन दुर्भावनाओं से मुक्ति मिल जाती है।
प्रश्न5. महादेवी वर्मा अपने दीपक को किस प्रकार जलने के लिए कह रही है और क्यो ?
उत्तर – कवयित्री महादेवी वर्मा अपनी आस्था रूपी दीपक से मधुर-मधुर, पुलक-पुलक और विहँस-विहँस कर जलने का आग्रह करती हैं। मधुर-मधुर पर मुस्कान है, पुलक-पुलक में हंसी है। कवयित्री चाहती है कि उनकी भक्ति भावना में सुख बना रहे। कैसी भी स्थिति हो, विश्वास का दीपक प्रज्वलित और खुशी से जलता रहना चाहिए, और आपको ईश्वर की ओर मार्गदर्शन करने में मदद करता है। वह इस आस्था के दीये को उसके जाने के बाद भी जलते रहने का आह्वान कर रही है, क्योंकि कवयित्री के लिए ईश्वर ही सब कुछ है। वह अपने हृदय में प्रभु के प्रति आस्था और भक्ति की ज्योति जलाए रखना चाहती है।
प्रश्न6. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री किसका पथ आलोकित करना चाहती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!” कविता में कवयित्री महादेवी वर्मा अपने प्रियतम अर्थात ईश्वर का पथ आलोकित (प्रकाशित) करना चाह रही हैं। कवयित्री अपने हृदय में आस्था रूपी दीपक जलाकर उस प्रभु तक पहुँचने के मार्ग को प्रकाशवान कर देना चाहती हैं।
प्रश्न7. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री ने अपने दीपक से मोम की तरह घुलने के लिए क्यों कहा है? स्पष्ट कीजिए कि उसके घुलने में उसका कौन-सा भाव छिपा है।
उत्तर – “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल! कविता में महादेवी वर्मा शरीर को कोमल और आसानी से पिघलाने वाला मानती हैं। जिस प्रकार मोम अग्नि में गलकर अपना प्रकाश फैलाता है, उसी प्रकार वह अपने प्रियतम से मिलने की साधना में इस कोमल शरीर को विलीन करना चाहती है। तभी अपने प्रियतम से मिलन संभव होगा। ईश्वर के प्रति उनका समर्पण और त्याग की भावना उनके वियोग में छिपी है।
प्रश्न8. मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री दीपक को “विहँस-विहँस” जलने के लिए क्यों कहती है?
उत्तर – “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कहानी में दीपक को निरंतर जलने के लिए कहा गया है क्योंकि कवयित्री की आत्मा हमेशा प्रसन्न और संतुष्ट रहना चाहती है। कवयित्री की आत्मा कभी निराश या उदास नहीं रहना चाहती और वह हमेशा प्रसन्न रहना चाहती है।
प्रश्न9. पतंगा अपने क्षोभ को किस प्रकार व्यक्त कर रहा है?
उत्तर:- पतंगा दीपक को रोशनी फैलाते देखकर चाहता है कि वह भी उसके साथ जलकर और अपना सर्वस्व उस पर न्यौछावर करके, संसार को प्रकाशित करना चाहता है; लेकिन वह अपने मन में बसे अहंकार, ईर्ष्या, आदि की वजह से ऐसा नहीं कर पाता। वह मोक्ष प्राप्ति करके ईश्वर से मिलन की इच्छा रखता है, इसलिए उसे पश्चाताप होता है।
प्रश्न10. ‘स्नेहहीन दीपक’ से क्या तात्पर्य है ? (CBSE 2015-16)
उत्तर – स्नेहहीन दीपक से तात्पर्य है बिना तेल का दीपक अर्थात प्रभु भक्ति से शून्य व्यक्ति।
प्रश्न11. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री दीपक को स्वयं समर्पित करने के लिए क्यों कहती है?
उत्तर – कवयित्री ने दीपक से पूर्ण समर्पण और त्याग की भावना प्राप्त करने के लिए स्वयं को पूर्ण रूप से अपने कार्य के प्रति समर्पित करने के लिए कहा है। दीपक को प्रेयसी के रूप में ईश्वर के करीब होने के लक्ष्य के लिए खुद को समर्पित करने के लिए कहा गया है।
प्रश्न12. “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता में कवयित्री दीपक को “प्रतिदिन, प्रतिक्षण, प्रतिपल” जलने को क्यों कहती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – कवयित्री दीपक से “प्रतिदिन, प्रतिक्षण, प्रतिपल” शब्दों के साथ जलने (जला रहने) के लिए कहती है क्योंकि वह ईश्वर तक पहुँचने के अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहती है। वह एक पल के लिए भी अपने रास्ते से हटना या उससे दूर नहीं जाना चाहती।
काव्यांश पर आधारित प्रश्न (Poem Based Questions)
प्रश्न1. कवयित्री महादेवी वर्मा की कविता “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!” कविता में महादेवी वर्मा कहती हैं कि प्रियतम-भगवान से मिलने के लिए बहुत एकाग्रता की जरूरत होती है। आपको अपनी आत्मा को एक दीपक की तरह रोशन करना होगा और भगवान को पाने के लिए खुश और आनंदित होना होगा। ईश्वर को पाने के लिए आपको अपने शरीर की कोमलता को वैसे ही पिघलाना होगा जैसे मोम को पिघलाने पर होता है। केवल ईश्वर के प्रेम का संदेश फैलाकर ही हम दुनिया में बदलाव लाना शुरू कर सकते हैं। आज लोग सांसारिक बातों में इतने व्यस्त हैं कि उनके पास आध्यात्मिक बातों के लिए समय ही नहीं है। आध्यात्मिक सोच की दुनिया से दूर एक व्यक्ति में विश्वास लोगों को विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से मुक्त करने में मदद कर सकता है।
प्रश्न2. अपने प्रियतम को प्राप्त करने के लिए जो दीप जलाया गया है, उसकी क्या विशेषताएं हैं? “मधुर-मधुर मेरे दीपक जल” कविता के आधार पर लिखिए।
उत्तर – महादेवी वर्मा एक ऐसी कवयित्री हैं जो ईश्वर प्राप्ति के लिए आस्था का दीपक जलाए रखने की बात करती हैं। उनका कहना है कि आस्था का दीपक हर बार अलग-अलग तरीके से जलाया जाना चाहिए, “मधुर-मधुर” (मधुर-मधुर), “पुलक-पुलक” (गरजने वाली) और “विहंस-विहंस” (सुन्दर-सुन्दर) कहकर उन्होंने दीपक की इन्हीं विशेषताओं की ओर संकेत किया है। कवयित्री चाहती है कि हर कोई खुश रहे और अपनी भक्ति में खुशी पाए। कठिन परिस्थितियों में भी, उनका मानना है कि अगर हम अपना विश्वास बनाए रखें तो भी हम खुशी पा सकते हैं। कवयित्री कहती हैं कि ईश्वर तक पहुँचने के लिए हमें कई चरणों से गुज़रना पड़ता है और अलग-अलग तरीकों से खुद को अभिव्यक्त करना पड़ता है। हमें अपने विश्वास की ज्योति को जलाए रखना है।
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