CBSE Class 10 Hindi Chapter 12 Ab Kaha Dusre Ke Dukh Se Dukhi Hone Wale (अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले) Question Answers (Important) from Sparsh Book
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- अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले NCERT Solutions
- अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले सार-आधारित प्रश्न
- अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले प्रश्न और उत्तर
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अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले NCERT Solutions
(क) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 शब्दों में) दीजिए –
प्रश्न 1 – अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों याद करते हैं ?
उत्तर– अरब में लशकर को नूह के नाम से इसलिए याद करते हैं क्योंकि वे हमेशा रोते रहते थे अर्थात दूसरों के दुःख में दुखी रहते थे। नूह को ईश्वर का सन्देश वाहक भी कहा जाता है।
प्रश्न 2 – लेखक की माँ किस समय पेड़ों के पत्ते तोड़ने के लिए मना करती थी और क्यों ?
उत्तर – लेखक की माँ कहती थी कि जब भी सूरज ढले अर्थात शाम के समय पेड़ों से पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए क्योंकि उस समय यदि पत्ते तोड़ोगे तो पेड़ रोते हैं।
प्रश्न 3 – प्रकृति में आए असंतुलन का क्या परिणाम हुआ ?
उत्तर –प्रकृति में आए असंतुलन का बहुत अधिक भयानक परिणाम हुआ, गर्मी में बहुत अधिक गर्मी पड़ती है, बरसात का कोई निश्चित समय नहीं रह गया है, भूकम्प, सैलाब, तूफ़ान और रोज कोई न कोई नई बीमारियाँ जन्म ले लेती है और मानव का जीवन बहुत अधिक कठिन हो गया है।
प्रश्न 4 – लेखक की माँ ने पुरे दिन का रोज़ा क्यों रखा ?
उत्तर – बिल्ली ने जब कबूतर के एक अंडे को तोड़ दिया तो लेखक की माँ ने स्टूल पर चढ़ कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। परन्तु इस कोशिश में दूसरा अंडा लेखक की माँ के हाथ से छूट गया और टूट गया। ये सब देख कर कबूतरों का जोड़ा परेशान हो कर इधर-उधर फड़फड़ाने लगा। कबूतरों की आँखों में उनके बच्चों से बिछुड़ने का दुःख देख कर लेखक की माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस पाप को खुदा से माफ़ कराने के लिए लेखक की माँ ने पुरे दिन का उपवास रखा।
प्रश्न 5 – लेखक ने ग्वालियर से बम्बई तक किन बदलावों को महसूस किया? पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – लेखक कहता है कि ग्वालियर से बंबई के बीच समय के साथ काफी बदलाव हुए हैं। वर्सोवा में जहाँ लेखक का घर है, वहाँ लेखक के अनुसार किसी समय में दूर तक जंगल ही जंगल था। पेड़-पौधे थे, पशु-पक्षी थे और भी न जाने कितने जानवर थे। अब तो यहाँ समुद्र के किनारे केवल लम्बे-चौड़े गाँव बस गए हैं। इन गाँव ने न जाने कितने पशु-पक्षियों से उनका घर छीन लिया है। इन पशु-पक्षियों में से कुछ तो शहर को छोड़ कर चले गए हैं और जो नहीं जा सके उन्होंने यहीं कहीं पर भी अस्थाई घर बना लिए हैं। अस्थाई इसलिए क्योंकि कब कौन उनका घर तोड़े कर चला जाये कोई नहीं जनता।
प्रश्न 6 – ‘डेरा ढलने ‘ से आप क्या समझते हैं?स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – ‘डेरा’ अर्थात अस्थाई घर। अस्थाई इसलिए क्योंकि कब कौन तोड़ कर चला जाये कोई नहीं जनता। बड़ी-बड़ी इम्मारतें बन जाने के कारण कई पक्षी बेघर हो गए और जब उन्हें अपना घोंसला बनाने की जगह नहीं मिली तो उन्होंने इन इमारतों में अपना डेरा डाल लिया।
प्रश्न 7 – शेख अयाज़ के पिता अपनी बाजू पर काला च्योंटा रेंगता देख भोजन छोड़ कर क्यों उठ खड़े हुए?
उत्तर – एक दिन शेख अयाज़ के पिता कुँए से नहाकर लौटे। उनकी माँ ने भोजन परोसा। अभी उनके पिता ने रोटी का पहला टुकड़ा तोड़ा ही था कि उनकी नज़र उनके बाजू पर धीरे-धीरे चलते हुए एक काले च्योंटे पर पड़ी। जैसे ही उन्होंने कीड़े को देखा वे भोजन छोड़ कर खड़े हो गए। उनको खड़ा देख कर शेख अयाज़ा की माँ ने पूछा कि क्या बात है? क्या भोजन अच्छा नहीं लगा? इस पर शेख अयाज़ के पिता ने जवाब दिया कि ऐसी कोई बात नहीं है। उन्होंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है वे उसी को उसके घर यानि कुँए के पास छोड़ने जा रहें हैं।
(ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में ) दीजिए
प्रश्न 1 – बढ़ती हुई आबादी का पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ा ?
उत्तर – जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ रही है वैसे-वैसे समुद्र अपनी जगह से पीछे हटने लगा है, लोगों ने पेड़ों को काट कर रास्ते बनाना शुरू कर दिया है। प्रदुषण इतना अधिक फैल रहा है कि उससे परेशान हो कर पंछी बस्तियों को छोड़ कर भाग रहे हैं। बारूद से होने वाली मुसीबतों ने सभी को परेशान कर रखा है। वातावरण में इतना अधिक बदलाव हो गया है कि गर्मी में बहुत अधिक गर्मी पड़ती है, बरसात का कोई निश्चित समय नहीं रह गया है, भूकम्प, सैलाब, तूफ़ान और रोज कोई न कोई नई बीमारियाँ न जाने और क्या-क्या ,ये सब मानव द्वारा किये गए प्रकृति के साथ छेड़-छाड़ का नतीजा है। इन सभी के कारण मानव जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। मानव के जीवन पर इसका बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है।
प्रश्न 2 – लेखक की पत्नी को खिड़की पर जाली क्यों लगानी पड़ी ?
उत्तर – दो कबूतरों ने लेखक के फ्लैट में एक ऊँचे स्थान पर अपना घोंसला बना रखा है। उनके बच्चे अभी छोटे हैं। उनके पालन-पोषण की जिम्मेवारी उन बड़े कबूतरों की थी। बड़े कबूतर दिन में बहुत बार उन छोटे कबूतरों को खाना खिलाने आते जाते रहते थे। लेकिन उनके आने-जाने के कारण लेखक और लेखक के परिवार को बहुत परेशानी होती थी। कभी कबूतर किसी चीज़ से टकरा जाते थे और चीज़ों को गिराकर तोड़ देते थे। कबूतरों के बार-बार आने-जाने और चीज़ों को तोड़ने से परेशान हो कर लेखक की पत्नी ने जहाँ कबूतरों का घर था वहाँ जाली लगा थी, कबूतरों के बच्चों को भी वहाँ से हटा दिया था। जहाँ से कबूतर आते-जाते थे उस खिड़की को भी बंद किया जाने लगा था।
प्रश्न 3 – समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी ? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला ?
उत्तर – कई सालों से बड़े-बड़े मकानों को बनाने वाले बिल्डर मकान बनाने के लिए समुद्र को पीछे धकेल कर उसकी जमीन पर कब्ज़ा कर रहे थे। बेचारा समुद्र लगातार सिकुड़ता जा रहा था। पहले तो समुद्र ने अपनी फैली हुई टांगों को इकठ्ठा किया और सिकुड़ कर बैठ गया। फिर जगह कम होने के कारण घुटने मोड़ कर बैठ गया। अब भी बिल्डर नहीं माने तो समुद्र खड़ा हो गया…. जब समुद्र के पास खड़े रहने की जगह भी कम पड़ने लगी और समुद्र को गुस्सा आ गया। कहा जाता है कि जो जितना बड़ा होता है उसको गुस्सा उतना ही कम आता है परन्तु जब आता है तो उनके गुस्से को कोई शांत नहीं कर सकता। समुद्र के साथ भी वही हुआ जब समुद्र को गुस्सा आया तो एक रात वह अपनी लहरों के ऊपर दौड़ता हुआ आया और तीन जहाज़ों को ऐसे उठा कर तीन दिशाओं में फेंक दिया जैसे कोई किसी बच्चे की गेंद को उठा कर फेंकता है। एक को वर्ली के समुद्र के किनारे फेंका तो दूसरे को बांद्रा के कार्टर रोड के सामने मुँह के बल गिरा दिया और तीसरे को गेट-वे-ऑफ इंडिया के पास पटक दिया जो अब घूमने आये लोगों का मनोरंजन का साधन बना हुआ है। समुद्र ने तीनों को इस तरह फेंका की कोशिश करने पर भी उन्हें चलने लायक नहीं बनाया जा सका।
प्रश्न 4 -मिट्टी से मिट्टी मिले,
खो के सभी निशान।
किसमें कितना कौन है,
कैसे हो पहचान।।
इन पंक्तियों के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है ?स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – लेखक इन पंक्तियों के माध्यम से कहना चाहता है कि उस ईश्वर ने हम सभी प्राणधारियों को एक ही मिट्टी से बनाया है। यदि सभी से प्राण निकाल कर वापिस मिट्टी बना दिया जाए तो किसी का कोई निशान नहीं रहेगा जिससे पहचाना जा सके कि कौन सी मिट्टी किस प्राणी की है। भाव यह हुआ की लेखक कहना चाहता है व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व पर घमण्ड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह कोई नहीं जानता की उसमें कितनी मनुष्यता है और कितनी पशुता।
(ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए
(1) प्रकृति की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। प्रकृति के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई (मुंबई ) में देखने को मिला था।
उत्तर –प्रकृति एक सीमा तक ही सहन कर सकती है। कहा जाता है कि जो जितना बड़ा होता है उसको गुस्सा उतना ही कम आता है परन्तु जब आता है तो उनके गुस्से को कोई शांत नहीं कर सकता। प्रकृति को भी जब गुस्सा आता है तो क्या होता है इसका एक नमूना कुछ साल पहले मुंबई में आई सुनामी के रूप में देख ही चुके हैं। ये नमूना इतना डरावना था कि मुंबई के निवासी डर कर अपने-अपने देवी-देवताओं से उस मुसीबत से बचाने के लिए प्रार्थना करने लगे थे।
(2) जो जितना बड़ा होता है उसको गुस्सा उतना ही कम आता है।
उत्तर -कई सालों से बड़े-बड़े मकानों को बनाने वाले बिल्डर मकान बनाने के लिए समुद्र को पीछे धकेल कर उसकी जमीन पर कब्ज़ा कर रहे थे। जब समुद्र के पास खड़े रहने की जगह भी कम पड़ने लगी और समुद्र को गुस्सा आ गया। कहा जाता है कि जो जितना बड़ा होता है उसको गुस्सा उतना ही कम आता है परन्तु जब आता है तो उनके गुस्से को कोई शांत नहीं कर सकता। समुद्र के साथ भी वही हुआ जब समुद्र को गुस्सा आया तो एक रात वह अपनी लहरों के ऊपर दौड़ता हुआ आया और तीन जहाज़ों को ऐसे उठा कर तीन दिशाओं में फेंक दिया जैसे कोई किसी बच्चे की गेंद को उठा कर फेंकता है।
(3) इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिन्दों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़ कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा दाल लिया है।
उत्तर – लेखक कहता है कि ग्वालियर से बंबई के बीच किसी समय में दूर तक जंगल ही जंगल थे। पेड़-पौधे थे, पशु-पक्षी थे और भी न जाने कितने जानवर थे। अब तो यहाँ समुद्र के किनारे केवल लम्बे-चौड़े गाँव बस गए हैं। इन गाँव ने न जाने कितने पशु-पक्षियों से उनका घर छीन लिया है। इन पशु-पक्षियों में से कुछ तो शहर को छोड़ कर चले गए हैं और जो नहीं जा सके उन्होंने यहीं कहीं पर भी अस्थाई घर बना लिए हैं। अस्थाई इसलिए क्योंकि कब कौन उनका घर तोड़े कर चला जाये कोई नहीं जनता।
(4) शेख अयाज़ के पिता बोले,’नहीं यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुँए पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में छिपी हुई उनकी भावना को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – शेख अयाज़ के पिता बोले,’नहीं यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुँए पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’ इन पंक्तियों में शेख अयाज़ के पिता की छिपी हुई भावना यह थी कि वे पशु-पक्षियों की भावना को समझते थे। वे अपना खाना छोड़ कर केवल एक काले
Class 10 Hindi अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले Lesson 12 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –
(1) बाइबिल के सोलोमेन जिन्हें कुरआन में सुलेमान कहा गया है, ईसा से 1025 वर्ष पूर्व एक बादशाह थे। कहा गया है, वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा भी जानते थे। एक दफा सुलेमान अपने लश्कर के साथ एक रास्ते से गुज़र रहे थे। रास्ते में कुछ चींटियों ने घोड़ों के टापों की आवाज़ सुनी तो डर कर एक दूसरे से कहा,’आप जल्दी से अपने-अपने बिलों में चलो, फ़ौज आ रही है। ‘सुलेमान उनकी बातें सुनकर थोड़ी दूर पर रुक गए और चींटियों से बोले, घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ। चींटियों ने उसके लिए ईश्वर से दुआ की और सुलेमान अपनी मंज़िल की ओर बढ़ गए। ऐसी एक घटना का जिक्र सिंधी भाषा के महाकवि शेख अयाज़ ने अपनी आत्मकथा में किया है। उन्होंने लिखा है – ‘एक दिन उनके पिता नहाकर लौटे। माँ ने भोजन परोसा। उन्होंने जैसे ही रोटी का कौर तोड़ा। उनकी नज़र अपनी बाजू पर पड़ी। वहाँ एक काला च्योंटा रेंग रहा था। वह भोजन छोड़ कर उठ खड़े हुए। ‘माँ ने पूछा,’क्या बात है? भोजन अच्छा नहीं लगा?’ शेख अयाज़ के पिता बोले,’नहीं यह बात नहीं है। मैंने एक घर वाले को बेघर कर दिया है। उस बेघर को कुँए पर उसके घर छोड़ने जा रहा हूँ।’
Q1. गद्यांश में सोलोमेन/सुलेमान के बारे में क्या बताया गया है –
(क) वह केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे
(ख) वह पशु-पक्षी सबकी भाषा भी जानते थे
(ग) सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
Q2. चींटियों के घबरा जाने पर सुलेमान ने उनसे क्या कहा –
(क) घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है
(ख) मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ , सबके लिए मुहब्बत हूँ।
(ग) मैं तुम्हारा रास्ता नहीं छोडूंगा, पहले मुझे जाने दो
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों
Q3. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।
कथन (A) – ‘सुलेमान उनकी बातें सुनकर थोड़ी दूर पर रुक गए और चींटियों से बोले, घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। मैं किसी के लिए मुसीबत नहीं हूँ, सबके लिए मुहब्बत हूँ।
कारण (R) – सुलेमान केवल मानव जाति के ही राजा नहीं थे, सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा भी जानते थे। छोटी सी चींटी को भी वे नुक्सान नहीं पहुँचा सकते थे। वे सही मायने में खुदा के फरिश्ते थे।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर – (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
Q4. महाकवि शेख अयाज़ ने अपने पिता के बारे में क्या जिक्र किया है –
(क) उनके पिता एक नेक दिल इंसान थे
(ख) उनके पिता कठोर हृदय के व्यक्ति थे
(ग) उनके पिता भोजन का अपमान करते थे
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) उनके पिता एक नेक दिल इंसान थे
Q5. गद्यांश से सुलेमान और महाकवि शेख अयाज़ ने अपने पिता के बारे में क्या पता चलता है –
(क) दोनों ही किसी की परवाह नहीं करते थे
(ख) दोनों ही नेक दिल इंसान थे
(ग) दोनों ही जीवों पर दया करने वाले थे
(घ) (ख) और (ग) दोनों
उत्तर – (घ) (ख) और (ग) दोनों
(2) बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में नूह नाम के एक पैगंबर का ज़िक्र मिलता है। उनका असली नाम लश्कर था, लेकिन अरब ने उनको नूह के लक़ब से याद किया है। वह इसलिए कि आप सारी उम्र रोते रहे। इसका कारण एक ज़ख़्मी कुत्ता था। नूह के सामने से एक बार एक ज़ख़्मी कुत्ता गुजरा। नूह ने उसे दुत्कारते हुए कहा, ‘दूर हो जा गन्दे कुत्ते !’ इस्लाम में कुत्तों को गन्दा समझा जाता है। कुत्ते ने उसकी दुत्कार सुन कर जवाब दिया……’न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी पसंद से इंसान हो। बनाने वाला सबका तो वही एक है।’ नूह ने जब उसकी बात सुनी और दुखी हो मुद्दत तक रोते रहे। ‘महाभारत’ में युधिष्ठिर का जो अंत तक साथ निभाता नज़र आता है, वह भी प्रतीकात्मक रूप में एक कुत्ता ही था। सब साथ छोड़ते गए तो केवल वही उनके एकांत को शांत कर रहा था।
Q1. नूह नाम के एक पैगंबर का ज़िक्र कहाँ मिलता है –
(क) बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में
(ख) बाइबिल और पहले पावन ग्रंथों में
(ग) बाइबिल और पाँचवे पावन ग्रंथों में
(घ) बाइबिल और तीसरे पावन ग्रंथों में
उत्तर – (क) बाइबिल और दूसरे पावन ग्रंथों में
Q2. नूह का असली नाम क्या था –
(क) पैगंबर
(ख) लक़ब
(ग) लश्कर
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (ग) लश्कर
Q3. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।
कथन (A) – ’न मैं अपनी मर्जी से कुत्ता हूँ, न तुम अपनी पसंद से इंसान हो। बनाने वाला सबका तो वही एक है।’
कारण (R) – इस्लाम में कुत्तों को गन्दा समझा जाता है। इसलिए नूह ने कुत्ते को दुत्कार दिया था जिससे नाराज हो कर कुत्ते ने कहा था कि सबको बनाने वाला वह एक है, जब उसने ही हमें बनाते हुए भेदभाव नहीं किया तो कोई कौन होता है जो हमसे नफ़रत करे।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर – (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
Q4. कुत्ते की बात सुनकर नूह ने क्या किया –
(क) उन्होंने कुत्ते को भगा दिया
(ख) उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ा
(ग) वे दुखी होकर मुद्दत तक रोते रहे
(घ) वे दुखी होकर वहाँ से चले गए
उत्तर – (ग) वे दुखी होकर मुद्दत तक रोते रहे
Q5. महाभारत में कुत्ते का क्या योगदान था –
(क) ‘महाभारत’ में युधिष्ठिर का जो अंत तक साथ निभाता नज़र आता है
(ख) सब साथ छोड़ते गए तो केवल वही उनके एकांत को शांत कर रहा था।
(ग) महाभारत में कुत्ते का कोई योगदान नहीं था
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों
(3) दुनिया कैसे वजूद में आई? पहले क्या थी? किस बिन्दु से इसकी यात्रा शुरू हुई? इन प्रश्नों के उत्तर विज्ञान अपनी तरह से देता है, धार्मिक ग्रन्थ अपनी-अपनी तरह से। संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है। पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है। यह और बात है कि इस हिस्सेदारी में मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारे खड़ी कर दी हैं। पहले पूरा संसार एक परिवार की समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चूका है। पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है। बढ़ती हुई आबादियों ने समंदर के पीछे सरकाना शुरू कर दिया है, पेड़ों को रास्तों से हटाना शुरू कर दिया है , फैलते हुए प्रदुषण ने पंछियों को बस्तियों से भगाना शुरू कर दिया है। बारूदों की विनाशलीलायों ने वातावरण को सताना शुरू कर दिया। अब गरमी में ज्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले, सैलाब, तूफ़ान, और नित नए रोग, मानव और प्रकृति के इसी असंतुलन के प्रमाण हैं। नेचर की सहनशक्ति की एक सीमा होती है। नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई (मुंबई ) में देखने को मिला था और यह नमूना इतना डरावना था कि बम्बई निवासी डरकर अपने-अपने पूजा-स्थल में अपने खुदाओं से प्रार्थना करने लगे थे। कई सालों से बड़े-बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेल कर उसकी जमीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। पहले उसने अपनी फैली हुई टाँगे समेटीं, थोड़ा सिमटकर बैठ गया। फिर जगह कम पड़ी तो उकड़ूं बैठ गया। फिर खड़ा हो गया…. जब खड़े रहने की जगह काम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया। जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है। परन्तु आता है तो रोकना मुश्किल हो जाता है ,और यही हुआ, उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाज़ों को उठा कर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया। एक वर्ली के समंदर के किनारे पर आ कर गिरा। दूसरा बांद्रा के कार्टर रोड के सामने औंधे मुँह और तीसरा गेट-वे-ऑफ इंडिया पर टूटफूट कर सैलानियों का नजारा बना बावजूद कोशिश, वे फिर से चलने फिरने के काबिल नहीं हो सके।
Q1 . ‘संसार की रचना भले ही कैसे हुई हो लेकिन धरती किसी एक की नहीं है’ का आशय है –
(क) पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है
(ख) धरती एक व्यक्ति की नहीं बल्कि सभी व्यक्तियों की बराबर है
(ग) धरती को सभी में बराबर बाँटा गया है
(घ) संसार की रचना धरती को बाँट कर ही हुई है
उत्तर – (क) पंछी, मानव, पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की इसमें बराबर की हिस्सेदारी है
Q2 . पहले और अब के संसार में क्या अंतर है –
(क) पहले पूरा संसार एक परिवार की समान था अब टुकड़ों में बँटकर एक-दूसरे से दूर हो चूका है
(ख) पहले बड़े-बड़े दालानों-आँगनों में सब मिल-जुलकर रहते थे अब छोटे-छोटे डिब्बे जैसे घरों में जीवन सिमटने लगा है
(ग) मानव जाति ने अपनी बुद्धि से बड़ी-बड़ी दीवारे खड़ी कर दी हैं
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
Q3 . निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।
कथन (A) – जो जितना बड़ा होता है उसे उतना ही कम गुस्सा आता है
कारण (R) – कई सालों से बड़े-बड़े बिल्डर समंदर को पीछे धकेल कर उसकी जमीन को हथिया रहे थे। बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था। जब जगह कम पड़ी तो उकड़ूं बैठ गया। फिर खड़ा हो गया…. जब खड़े रहने की जगह काम पड़ी तो उसे गुस्सा आ गया।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर – (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
Q4 . मानव और प्रकृति के असंतुलन के प्रमाण हैं-
(क) गरमी में ज्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले, सैलाब, तूफ़ान, और नित नए रोग
(ख) नेचर के गुस्से का एक नमूना कुछ साल पहले बंबई (मुंबई ) में देखने को मिला था
(ग) बम्बई निवासी डरकर अपने-अपने पूजा-स्थल में अपने खुदाओं से प्रार्थना करने लगे थे
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) गरमी में ज्यादा गरमी, बेवक्त की बरसातें, ज़लज़ले, सैलाब, तूफ़ान, और नित नए रोग
Q5 . समुद्र के गुस्से के क्या परिणाम निकले –
(क) ‘उसने एक रात अपनी लहरों पर दौड़ते हुए तीन जहाज़ों को उठा कर बच्चों की गेंद की तरह तीन दिशाओं में फेंक दिया
(ख) एक वर्ली , दूसरा बांद्रा और तीसरा गेट-वे-ऑफ इंडिया पर, वे फिर से चलने फिरने के काबिल नहीं हो सके
(ग) बेचारा समंदर लगातार सिमटता जा रहा था
(घ) (क) और (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों
(4) ग्वालियर में हमारा एक मकान था, उस मकान के दालान में दो रोशनदान थे। उसमें कबूतर के एक जोड़े ने घोंसला बना लिया था। एक बार बिल्ली ने उचककर दो में से एक अण्डा तोड़ दिया। मेरी माँ ने देखा तो उसे दुःख हुआ। उसने स्टूल पर चढ़ कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की। लेकिन इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया। कबूतर परेशानी से इधर-उधर फड़फड़ा रहे थे। उनकी आँखों में दुःख देख कर मेरी माँ की आँखों में आँसू आ गए। इस गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के लिए उसने पुरे दिन रोज़ा रखा। दिन भर कुछ खाया पिया नहीं। सिर्फ़ रोती रही और बार बार नमाज़ पढ़-पढ़कर खुदा से इस गलती को मुआफ़ करने की दुआ माँगती रही। ग्वालियर से बंबई की दूरी ने संसार को काफी कुछ बदल दिया है। वर्सोवा में जहाँ आज मेरा घर है, पहले यहाँ दूर तक जंगल था। पेड़ थे, परिंदे थे और दूसरे जानवर थे। अब यहाँ समंदर के किनारे लम्बी-चौड़ी बस्ती बन गई है। इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिन्दों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़ कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा दाल लिया है। इनमें से दो कबूतरों ने मेरे फ्लैट के एक मचान में घोंसला बना लिया है। बच्चे अभी छोटे हैं। उनके खिलाने-पिलाने की जिम्मेवारी अभी बड़े कबूतरों की है। वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं। और क्यों न आए-जाए उनका भी घर है। लेकिन उनके आने-जाने से हमें परेशानी भी होती है। वे कभी किसी चीज़ को गिराकर तोड़ देते हैं। कभी मेरी लाइब्रेरी में घुस कर कबीर या मिर्ज़ा ग़ालिब को सताने लगते हैं।
Q1. लेखक की माँ ने क्या कोशिश की –
(क) लेखक को पंछियों से प्रेम करवाने की कोशिश की
(ख) बिल्ली को उसके किए की सजा देने की कोशिश की
(ग) उसने स्टूल पर चढ़ कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की
(घ) इस कोशिश में दूसरा अंडा उसी के हाथ से गिरकर टूट गया
उत्तर – (ग) उसने स्टूल पर चढ़ कर दूसरे अंडे को बचाने की कोशिश की
Q2. अपने गुनाह को खुदा से मुआफ़ कराने के लिए –
(क) लेखक की माँ ने कबूतरों से माफी मांगी
(ख) लेखक की माँ ने पुरे दिन रोज़ा रखा
(ग) वह दिन भर रोती रही
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) लेखक की माँ ने पुरे दिन रोज़ा रखा
Q3. निम्नलिखित कथन (A) तथा कारण (R) को ध्यानपूर्वक पढ़िए। उसके बाद दिए गए विकल्पों में से कोई एक सही विकल्प चुन कर लिखिए।
कथन (A) – उनके खिलाने-पिलाने की जिम्मेवारी अभी बड़े कबूतरों की है। वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं। और क्यों न आए-जाए उनका भी घर है। लेकिन उनके आने-जाने से हमें परेशानी भी होती है।
कारण (R) – जहाँ आज घर है, पहले वहाँ दूर तक जंगल था। पेड़ थे, परिंदे थे और दूसरे जानवर थे। अब समंदर के किनारे लम्बी-चौड़ी बस्ती बन गई है। इस बस्ती ने न जाने कितने परिंदों-चरिन्दों से उनका घर छीन लिया है। इनमें से कुछ शहर छोड़ कर चले गए हैं। जो नहीं जा सके हैं उन्होंने यहाँ-वहाँ डेरा दाल लिया है। कहने का तात्पर्य यह है कि हम पंछियों के घर आए हैं न की वे हमारे घर में।
(क) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों गलत हैं
(ख) कथन (A) सही है तथा कारण (R) उसकी गलत व्याख्या करता है
(ग) कथन (A) गलत है तथा कारण (R) सही है
(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
उत्तर – (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोनों सही है तथा कारण (R) कथन (A) की सही व्याख्या करता है।
Q4. कबूतरों के आने – जाने से लेखक को क्या परेशानियाँ होती थी –
(क) वे दिन में कई-कई बार आते-जाते हैं
(ख) वे कभी किसी चीज़ को गिराकर तोड़ देते हैं
(ग) कभी मेरी लाइब्रेरी में घुस कर कबीर या मिर्ज़ा ग़ालिब को सताने लगते हैं
(घ) (ख) और (ग)
उत्तर – (घ) (ख) और (ग)
Q5. गद्यांश के अनुसार लेखक की माँ का स्वभाव –
(क) दयावान तथा संदेदनशील
(ख) अत्याचारी
(ग) नकारात्मक तथा दुष्ट
(घ) पक्षियों को सताने वाली
उत्तर – (क) दयावान तथा संदेदनशील
Class 10 Hindi अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले प्रश्न और उत्तर Questions Answers (including questions from Previous Years Question Papers)
In this post we are also providing important questions for CBSE Class 10 Boards in the coming session. These questions have been taken from previous years class 10 Board exams and the year is mentioned in the bracket along with the question.
Q1. सुलेमान बादशाह अन्य बादशाहों से किस तरह अलग थे?
उत्तर – सुलेमान जिन्हें बाइबिल में सोलोमन कहा गया है, वे केवल मानवजाति के ही राजा नहीं थे, बल्कि सारे छोटे-बड़े पशु-पक्षी के भी हाकिम थे। वह इन सबकी भाषा भी जानते थे, जबकि अन्य राजाओं के पास ऐसी संवेदनशीलता और मानवता न होने से सुलेमान अन्य बादशाहों से अलग थे।
Q2. सुलेमान ने चींटियों का भय किस तरह दूर किया?
उत्तर – सुलेमान के लश्कर के साथ गुज़रते हुए जब चींटियों ने उनके घोड़ों के टापों की आवाजें सुनीं तो वे भयभीत हो गईं। उनका भय दूर करने के लिए सुलेमान ने कहा, “घबराओ नहीं, सुलेमान को खुदा ने सबका रखवाला बनाया है। वह सबके लिए मुहब्बत है।” ऐसा कहकर सुलेमान ने चींटियों का भय दूर किया।
Q3. अरब में लशकर को नूह के नाम से क्यों पसंद करते हैं? (CBSE 2011,2016)
उत्तर – बाइबिल तथा दूसरे पावन ग्रंथों में ‘नूह’ नाम के एक पैगंबर का ज़िक्र मिलता है। उनका असली नाम लशकर था, लेकिन अरब में उनको नूह के पदसूचक नाम से याद किया जाता है। लशकर को ‘नूह’ के नाम से इसलिए याद किया जाता है कि वह सारी उम्र रोते रहे। रोने का कारण संसार का दुःख था।
Q4. ‘महाभारत’ में युधिष्ठिर का एकांत कुत्ते ने किस तरह शांत किया?
उत्तर – ‘महाभारत’ में पांडवों के जीवन का जब अंतिम समय आया तो पाँचों पांडव द्रौपदी समेत हिमालय की ओर चले। उनके साथ एक कुत्ता भी चल रहा था। ज्यों-ज्यों पांडव ऊँचाई की ओर बढ़ते जा रहे थे त्यों-त्यों एक-एक कर पांडव युधिष्ठिर साथ छोड़ते जा रहे थे। अंत में कुत्ता ही था जिसने युधिष्ठिर के अकेलेपन को दूर किया और उनके साथ चलता रहा।
Q5. दुनिया के बारे में लेखक और आज के मनुष्य के विचारों में क्या अंतर है?
उत्तर – दुनिया के बारे में लेखक का विचार उदारतापूर्ण था। उसका मानना था कि धरती किसी एक की नहीं है। इसमें मानव के साथ-साथ पशु, नदी, पर्वत, समंदर आदि की बराबर हिस्सेदारी है पर आज के मनुष्यों में इतनी आत्मकेंद्रितता और स्वार्थपरता आ गई है कि वे समूची दुनिया पर सिर्फ अपना हक समझ बैठते हैं।
Q6. मानव-जाति ने किस तरह अपनी बुद्धि से दीवारें खड़ी की हैं?
उत्तर – मानव-जाति ने अपनी संकीर्ण मानसिकता के कारण अपनी बुद्धि का प्रयोग अपने व्यक्तिगत हित के लिए किया है। उसने भेदभाव की नीति अपनाते हुए संसार को देशों में बाँट दिया। उसने स्वयं को सर्वोपरि समझते हुए सारी धरती पर अपना अधिकार करना चाहा। उसने समुद्र से ज़मीन छीनी, जंगलों का सफाया किया और पशु-पक्षियों को बेघर करके प्रकृति में दीवारें खड़ी की।
Q7. बढ़ती आबादी पर्यावरण के लिए हानिकारक सिद्ध हो रही है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – बढ़ती आबादी की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रकृति से छेड़छाड़ की जाती है। आवास के लिए जमीन चाहिए इसके लिए वनों को काटा जाता है। इससे पर्यावरण में असंतुलन उत्पन्न होता है। इसी प्रकार मुंबई के पास समुद्र के किनारे को ऊँचा बनाकर उस पर बहुमंजिली इमारतें बनाई गईं, जिससे समुद्र को सिमटने पर विवश होना पड़ा और उसका प्राकृतिक सौंदर्य नष्ट हो गया।
Q8. मनुष्य के अत्याचार से क्रोधित प्रकृति किस तरह अपना भयंकर रूप दिखाती है?
उत्तर – मनुष्य अपनी लालच और स्वार्थ को पूरा करने के लिए वनों का विनाश करता है, नदियों का वेग रोकता है, समुद्र के किनारे पर कब्जा करके उसे पीछे ढकेलता है। पहले तो प्रकृति मनुष्य के अत्याचार को सहती है पर सीमा पार होने पर वह अपना भयंकर रूप अत्यधिक गरमी, बेवक्त की बरसातें, आधियाँ, तूफ़ान, बाढ़ और नए-नए रोगों के रूप में दिखाती है, जिससे जनधन की अपार हानि होती है।
Q9. समुद्र के गुस्से की क्या वजह थी? उसने अपना गुस्सा कैसे निकाला? (CBSE 2009, 2011)
अथवा
‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुखी होने वाले’ पाठ में समुद्र के क्रोध का क्या कारण बताया गया है? उसने अपना क्रोध कैसे शांत/व्यक्त किया? अपने शब्दों में लिखिए।(CBSE 2012, 2014, 2015, 2016)
उत्तर – ‘अब कहाँ दूसरे के दुःख से दुखी होने वाले’ पाठ के अनुसार समुद्र के क्रोध का मुख्य कारण था – उसकी सहनशक्ति का जवाब दे देना। कई वर्षों से बड़े-बड़े बिल्डर स्वार्थवश समुद्र को पीछे धकेल कर उसकी जमीन को हथिया रहे थे। समुद्र पहले तो सिमटता रहा, सहन करता रहा, पर जब उससे सहन नहीं हुआ तो उसमें तूफान आया। समुद्र की लहरों ने बड़े-बड़े जहाज़ों को उठाकर पटक दिया और समुद्र तट पर भयानक दृश्य उपस्थित हो गया। लोग सागर की विकरालता और प्रचंडता देखकर भयभीत हो गए।
Q10. लेखक की माँ उसे प्रकृति संबंधी उपदेश क्यों दिया करती थी?
उत्तर – लेखक की माँ प्रकृति से घनिष्ठ लगाव रखती थीं। वे दयालु स्वभाव की प्रकृति प्रेमी थीं। वे मनुष्य के साथ ही पशु-पक्षी एवं पेड़-पौधों से प्रेम करती थीं तथा मनुष्य के लिए इनकी महत्ता समझती थीं। वे प्रकृति के प्रति सम्मान भाव रखती थी। वे चाहती थी कि लेखक भी प्रकृति के प्रति आदरभाव रखे, पेड़-पौधों की महत्ता समझे, नदी के जल का सम्मान करे। और पशु-पक्षियों से प्रेम करे।
Q11. लेखक के देखते-देखते वर्सावा में क्या-क्या बदलाव आए?
उत्तर – लेखक और उसका परिवार ग्वालियर से वर्सावा जाकर बस गया। उस समय वहाँ दूर-दूर तक जंगल था। बहुत सारे पेड़ थे जहाँ परिंदे और जानवर भी रहते थे। वर्सावा में जैसे-जैसे जनसंख्या का दबाव बढ़ता गया वैसे-वैसे उन वनों को काट दिया गया। इससे पशु-पक्षियों का प्राकृतिक आवास नष्ट हो गया और वे इधर-उधर भागने पर विवश हो गए। वर्सावा में ही समुद्र के किनारे मनुष्य की लंबी-चौड़ी बस्तियाँ बसा दी गईं। इससे समुद्र के किनारे गायब हो गए। उसे पीछे हटने पर विवश होना पड़ा। समुद्र का दूर-दूर तक फैला रेतीला किनारा कहीं गायब हो गया।
Q12. पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशीलता में लेखक ने अपनी माँ और पत्नी के दृष्टिकोण में क्या अंतर अनुभव किया?
अथवा
लेखक की माँ और पत्नी के दृष्टिकोण में प्रकृति और पशु-पक्षियों के प्रति क्या अंतर दिखाई देता है, अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – लेखक की माँ प्रकृति और पशु-पक्षियों के प्रति संवेदनशील थीं। वे प्रकृति के प्रति आदर भाव रखती थीं। पशु-पक्षियों के प्रति उनका विशेष लगाव था। वे अपने बच्चों को भी पेड़-पौधों, नदियाँ और मुर्गे तक से प्रेम करने की सीख देती थी ताकि उनकी संतान भी ऐसा ही कार्य-व्यवहार करे। लेखक की माँ ने तो एक बार एक कबूतर का अंडा सँभालते समय टूट जाने पर दिन भर रोजा रखा और खुदा से प्रार्थना करती रही कि उसकी यह गलती माफ़ कर दें। लेखक की पत्नी का दृष्टिकोण इससे हटकर था क्योंकि एक बार जब दो कबूतरों ने उसके फ्लैट में दो अंडे दे दिए और उसमें से बच्चे निकल आए तो कबूतरों का आना-जाना बढ़ गया। इससे परेशान होकर लेखक की पत्नी ने उनके आने-जाने वाला रोशनदान बंद कर दिया, इससे कबूतर उदास होकर बाहर बैठे रहे। लेखक की माँ ऐसा कभी न कर पाती।
Q13 – ‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले’ पाठ का प्रतिपाद्य अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – ‘अब कहाँ दूसरे के दुख से दुखी होने वाले’ नामक पाठ ‘निदा फ़ाज़ली’ द्वारा लिखा गया है। इस पाठ का प्रतिपाद्य है-मनुष्य द्वारा प्रकृति के साथ निरंतर की जा रही छेड़छाड़ की ओर ध्यानाकर्षित कराना, प्रकृति के क्रोध का परिणाम दर्शाना तथा प्रकृति के गुस्से का परिणाम बताते हुए प्रकृति, सभी प्राणियों, पशु-पक्षियों समुद्र पहाड़ तथा पेड़ों के प्रति सम्मान एवं आदर का भाव प्रकट करना। इतना ही नहीं इस धरती पर अन्य जीवों की हिस्सेदारी समझते हुए इसे केवल मनुष्य की ही जागीर न समझना।
लेखक यह बताना चाहता है कि मनुष्य नदी, समुद्र, पहाड़, पेड़-पौधों आदि को अपनी जागीर समझकर उनका मनचाहा उपभोग करता है। इससे प्राकृतिक असंतुलन पैदा होता है। इसके अलावा सभी जीव चाहे मनुष्य हों या कुत्ता उसी एक ईश्वर की रचनाएँ हैं। हमें इनके साथ उदार व्यवहार करना चाहिए।
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