यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Class 10 Important question answers History Chapter 1 in Hindi
Europe Mein Rashtravad Ka Uday important questions (Hindi) of 1,3,4 and 5 Marks for CBSE Class 10 History Chapter 1 यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय (Rise of Nationalism in Europe). The important questions we have compiled will help the students to brush up on their knowledge about the subject. Students can practice Class 10 History important questions (Hindi) to understand the subject better and improve their performance in the board exam.
- यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Multiple Choice Questions (1 Marks)
- यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Very Short Answer Questions (1 marks)
- यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Source Based Questions (4 marks)
- यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Short Answer Questions (3 Marks)
- यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय long answer questions (5 Marks)
यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय Question Answers
A. निम्न विकल्पों में से सही विकल्प चुने। (1 Marks)
1.राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति किस क्रांति के साथ हुई?
क. अमेरिका की क्रांति
ख. फ्रांसीसी क्रांति
ग. रूस की क्रांति
घ. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: ख
व्याख्या: यूरोप में राष्ट्रवाद की प्रथम स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के साथ हुई।
- नेपोलियन ने इटली पर कब हमला किया?
क.1795
ख.1796
ग. 1797
घ. 1798
उत्तर: ग
व्याख्या: नेपोलियन ने 1797 में इटली पर हमला करके अपने युद्ध के कारवां की शुरुआत की।
- नेपोलियन का पतन कब हुआ?
क. 1812
ख. 1813
ग. 1814
घ. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: ग
व्याख्या: 1814 में नेपोलियन का पतन शुरू हो गया और इसके फलस्वरूप विएना की शांति संधि हुई।
- यूनानी स्वतंत्रता के लिए युद्ध की शुरुआत कब से हुई?
क. 1821
ख. 1822
ग. 1823
घ. 1824
उत्तर: क
व्याख्या: यूनान की स्वतंत्रता हेतु संघर्षों की शुरुआत 1821 से हुई।
- फ्रांसीसी क्रांति की शुरुआत कब से हुई?
क. 1845
ख. 1846
ग. 1847
घ. 1848
उत्तर: घ
व्याख्या: 1848 में कारीगर, मजदूर और किसानों की क्रांति शुरू हुई जिसको फ्रांसीसी क्रांति के नाम से जाना जाता है।
- इटली का एकीकरण कब हुआ?
क. 1856-1867
ख. 1857-1868
ग. 1858-1869
घ. 1859-1870
उत्तर: घ
व्याख्या: इटली का एकीकरण 1859 से शुरू होकर 1870 में खत्म हुआ।
- जर्मनी का एकीकरण कब हुआ?
क. 1864-1871
ख. 1865-1871
ग. 1866-1871
घ. 1861-1871
उत्तर: ग
व्याख्या: जर्मनी में एकीकरण की शुरुआत 1866 से हुई।
- हैब्सबर्ग और ऑटोमन साम्राज्यों में स्लाव राष्ट्रवाद कब मजबूत हुआ?
क. 1905
ख. 1910
ग. 1915
घ. उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: क
- जालवेराइन क्या है?
क. क्रांतिकारियों का संघ
ख. व्यापारियों का संघ
ग. मजदूरों का संघ
घ. एक प्रकार का शुल्क संघ
उत्तर: घ
व्याख्या: प्रशा की पहल से 1834 में आवागमन को बाधारहित करने के लिए जालवेराइन नामक एक शुल्क संघ स्थापित किया गया। इस संघ के अधिकांश जर्मन राज्य शामिल हुए।
- नेपोलियन की हार कब हुई?
क. 1814
ख. 1815
ग. 1813
घ. उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: ख
व्याख्या: 1815 में रूस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया और प्रशिया ने मिलकर नेपोलियन को हरा दिया।
- वियना की संधि कब हुई?
क. 1816
ख. 1815
ग. 1814
घ. 1812
उत्तर: ख
व्याख्या: 1815 में नेपोलियन की हार के बाद रूस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया और प्रशिया ने मिलकर ऑस्ट्रिया के चांसलर की अध्यक्षता में एक सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें विएना की संधि तैयार की गई।
- नेपोलियन के महासंघ के कुल कितने राज्य थे?
क. 48
ख. 72
ग. 52
घ. 39
उत्तर: घ
व्याख्या: नेपोलियन ने 39 राज्यों के एक जर्मन महासंघ की स्थापना की।
- उदारवादी राष्ट्रवादियों का प्रमुख मुद्दा था?
क. मजदूरों के वेतन में वृद्धि
ख. किसानों की कर मुक्ति
ग. प्रेस की आजादी
घ. व्यापार में शुल्क मुक्ति
उत्तर: ग
व्याख्या: उदारवादि राष्ट्रवादियों ने नई रूढ़िवादी नीति के विरुद्ध संघर्ष के दौरान प्रेस की आजादी का मुद्दा उठाया।
- ज्यूसेपी मेत्सिनी का जन्म कब हुआ?
क. 1806
ख. 1807
ग. 1804
घ. 1805
उत्तर: ख
व्याख्या: 1807 में जेनोआ में इटली के महान क्रान्तिकारी ज्यूसेपी मेत्सिनी का जन्म हुआ था।
- ज्यूसेपी मेत्सिनी किस संगठन का सदस्य था?
क. लिगुरिया
ख. म्यूनिख
ग. द लिबर्टी
घ. कार्बोनेरी
उत्तर: घ
व्याख्या: ज्यूसेपी मेत्सिनी छोटी सी उम्र में कार्बोनरी नामक एक गुप्त संगठन का सदस्य बन गया।
- ज्यूसेपी मेत्सिनी ने किन किन संगठनों की स्थापना की?
क. यंग इटली
ख. यंग यूरोप
ग. विकल्प क और ख दोनों
घ. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: ग
व्याख्या: लिगुरिया में क्रांति करने के लिए निष्कासित होने के बाद ज्यूसेपी मेत्सिनी ने यंग इटली और यंग यूरोप नामक दो भूमिगत संगठनों की स्थापना की।
- यूरोप में राष्ट्रवादी पहला विद्रोह कहां हुआ?
क. फ्रांस
ख. इटली
ग. ब्रिटेन
घ. प्रशा
उत्तर: यूरोप में राष्ट्रवादी विद्रोह की शुरुआत फ्रांस से हुई।
- यूरोप में राष्ट्रवादी पहला विद्रोह कब हुआ?
क. जुलाई 1830
ख. जून 1830
ग. मई 1830
घ. अप्रैल 1830
उत्तर: क
व्याख्या: यूरोपी राष्ट्रवादी विद्रोह फ्रांस में जुलाई 1830 में शुरू हुआ।
- यूरोप के शिक्षित अभिजात वर्ग में राष्ट्रवादी भावना का संचार किस क्रांति के द्वारा हुआ?
क. फ्रांस की क्रांति
ख. ब्रिटेन की क्रांति
ग. यूनान की क्रांति
घ. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: ग
व्याख्या: यूरोप के शिक्षित अभिजात वर्ग में राष्ट्रवादी भावना का संचार यूनान की क्रांति के द्वारा हुआ।
- यूनानी क्रांति कब से शुरू हुई?
क. 1819
ख. 1820
ग. 1821
घ. 1816
उत्तर: ग
व्याख्या: यूरोप में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद की प्रगति से यूनानियों ने 1821 में क्रांति शुरू कर दी।
- क़ुस्तुंतुनिया की संधि कब हुई?
क. 1831
ख. 1832
ग. 1833
घ. 1834
उत्तर: ख
व्याख्या: यूनानी क्रांति का अंत 1832 की क़ुस्तुंतुनिया की संधि से हुआ।
- रूस के विरुद्ध पोलैंड में सशस्त्र विद्रोह कब शुरू किया?
क. 1831
ख. 1832
ग. 1833
घ. 1834
उत्तर: क
व्याख्या: पोलैंड में रूस ने कब्जा कर लिया जिसके परिणामस्वरूप 1831 में रूस के विरुद्ध पोलैंड में सशस्त्र विद्रोह शुरू हुआ।
- जैकब ग्रिम का जन्म कब हुआ?
क. 1782
ख. 1783
ग. 1784
घ. 1785
उत्तर: घ
व्याख्या: जैकब ग्रिम का जन्म हनाऊ में 1785 में हुआ।
- विल्हेम ग्रिम का जन्म कब हुआ?
क. 1783
ख. 1784
ग. 1785
घ. 1786
उत्तर: घ
व्याख्या: जैकब ग्रिम के भाई विल्हेम ग्रिम का जन्म 1786 में हनाऊ में हुआ था।
- यूरोप में कृषक विद्रोह कब हुआ?
क. 1846
ख. 1847
ग. 1848
घ. 1849
उत्तर: ग
व्याख्या: यूरोप में 1830 के दशक में जनसंख्या वृद्धि से भोजन की कमी हो गई, जिसके परिणामस्वरूप 1848 में किसानों ने संयुक्त रूप से एक विद्रोह किया।
- सिलेसिया में बुनकरों ने ठेकेदारों के विरुद्ध कब विद्रोह किया?
क. 1845
ख. 1846
ग. 1848
घ. 1847
उत्तर: क
व्याख्या: बुनकरों ने कम दाम की वजह से 1845 में ठेकेदारों के विरुद्ध विद्रोह किया।
- विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट कब घोषित किया गया?
क. जनवरी 1871
ख. फरवरी 1871
ग. मार्च 1871
घ. जून 1871
उत्तर: क
व्याख्या: जनवरी 1871 में प्रशिया के राजा विलियम प्रथम को जर्मनी का सम्राट घोषित किया गया।
- सार्डिनिया पीटमांड ने ऑस्ट्रिया को कब हराया?
क. 1859
ख. 1860
ग. 1874
घ. 1861
उत्तर: क
व्याख्या: सार्डिनिया पीटमांड ने फ्रांस से संधि करके ऑस्ट्रिया को 1859 में हरा दिया।
- एकीकृत इटली का राजा किसे घोषित किया गया?
क. विलियम प्रथम
ख. ज्यूसेपी मेत्सिनी
ग. लुइस प्रथम
घ. एमेनुएल द्वितीय
उत्तर: घ
व्याख्या: सशस्त्र स्वयंसेवक आंदोलन के कारण इमैनुएल द्वितीय को एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया।
- इमैनुएल द्वितीय एकीकृत इटली का राजा कब बना?
क. 1859
ख. 1860
ग. 1874
घ. 1861
उत्तर: घ
व्याख्या: सशस्त्र स्वयंसेवक आंदोलन के कारण एमेनुएल द्वितीय को 1861 में एकीकृत इटली का राजा घोषित किया गया।
- आयरलैंड यूनाइटेड किंगडम में कब शामिल हुआ?
क. 1801
ख. 1802
ग. 1818
घ. 1812
उत्तर: क
व्याख्या: वोल्फ टोन और उसके संगठन की अगुवाई में हुए असफल विद्रोह के बाद 1801 में आयरलैंड को यूनाइटेड किंगडम में बलपूर्वक शामिल कर लिया गया।
- 1848 के उदारवादी राष्ट्रवादियों के झंडे का क्या रंग था?
क. सफेद, नीला, हरा
ख. नीला, लाल, सफेद
ग. नीला, पीला, सुनहरा
घ. काला, लाल, सुनहरा
उत्तर: घ
व्याख्या: 1848 के उदारवादी राष्ट्रवादियों का झंडा काला, लाल और सुनहरे रंग का था, जिसे बाद में जर्मन राज्य के ड्यूक्स ने प्रतिबंधित कर दिया।
- जर्मन साम्राज्य की प्रतीक शक्ति क्या थी?
क. काला, लाल, सुनहरा ध्वज
ख. टूटी हुई बेड़ियां
ग. बलूत पत्तियों का मुकुट
घ. बाज-छाप कवच
उत्तर: घ
व्याख्या: बाज-छाप कवच जर्मन साम्राज्य की प्रतीक शक्ति थी।
- निम्नलिखित में से, जिन्होंने 1815 में वियना में कांग्रेस की मेजबानी की?
क. नीदरलैंड के राजा
ख. ग्यूसेप माज़िनी
ग. ड्यूक मेटर्निच
घ. ओटो वॉन बिस्मार्क
उत्तर: ग
व्याख्या: ड्यूक मेटर्निच ने 1815 में वियना में कांग्रेस की मेजबानी की।
- फ्रैंकफर्ट संसद अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल क्यों रही?
क. महिलाओं को सदस्यता से बाहर रखा गया था।
ख. किसानों का समर्थन नहीं था
ग. कैसर विलियम ने ताज को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और विधानसभा का विरोध किया
घ. उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्तर: ग
व्याख्या: कैसर विलियम के ताज को अस्वीकार करने और विधानसभा का विरोध करने से फ्रैंकफर्ट संसद अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में विफल रही।
- यूरोप के मध्यम वर्ग के लिए, उदारवाद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता क्या थी?
क. रूढ़िवाद का उन्मूलन
ख. उदार और शिक्षित होने का अधिकार
ग. कानून के समक्ष व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता
घ. प्रतिनिधि सरकार
उत्तर: यूरोप के मध्यम वर्ग के लिए, उदारवाद की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता कानून के समक्ष व्यक्तिगत स्वतंत्रता और समानता थी।
- बड़ी संख्या में लोग नेपोलियन की संहिता के विरोधी थे क्योंकि;
क. यह सभी के लिए उपयुक्त नहीं था।
ख. इसने शासकों के विशेष विशेषाधिकारों को नष्ट कर दिया।
ग. किए गए प्रशासनिक परिवर्तन राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ मेल नहीं खाए।
घ. उपरोक्त में से कोई नहीं।
उत्तर: ग
व्याख्या: बड़ी संख्या में लोग नेपोलियन की संहिता के विरोधी थे क्योंकि किए गए प्रशासनिक परिवर्तन राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ मेल नहीं खाए।
- गलत प्रक्रिया को पहचानें और चिह्नित करें। नेपोलियन कोड ने;
क. ‘जन्म और स्थापित समानता’ पर आधारित सभी विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया।
ख. फ्रांस में सामंतवाद को नष्ट कर दिया।
ग. विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग के लिए संपत्ति का अधिकार सुनिश्चित किया।
घ. सेना के लिए एक विशेष कोड तैयार किया।
उत्तर: घ
व्याख्या: नेपोलियन कोड ने ‘जन्म और स्थापित समानता’ पर आधारित सभी विशेषाधिकारों को समाप्त के साथ साथ फ्रांस में सामंतवाद को नष्ट कर दिया इसके अलावा नेपोलियन कोड ने विशेषाधिकार प्राप्त वर्ग के लिए संपत्ति का अधिकार सुनिश्चित किया इसलिए उत्तर घ सही है।
- 1789 की फ्रांसीसी क्रांति का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम क्या था?
क. पूर्ण राजशाही का उन्मूलन।
ख. एक नया संविधान बनाना।
ग. सम्राट से फ्रांसीसी नागरिकों को संप्रभुता का हस्तांतरण।
घ. नेशनल असेंबली का गठन।
उत्तर: ग
व्याख्या: 1789 की फ्रांसीसी क्रांति के परिणामस्वरूप सम्राट से फ्रांसीसी नागरिकों को संप्रभुता का हस्तांतरण संभव हो पाया।
- आंखों पर पट्टी बांधकर तौलने वाले तराजू का जोड़ा किसका प्रतीक है?
क. शांति
ख. समानता
ग. न्याय
घ. स्वतंत्रता
उत्तर: ग
व्याख्या: आंखों पर पट्टी बांधकर तौलने वाले तराजू का जोड़ा यूरोप की क्रांति के परिणामस्वरूप ही न्याय का प्रतीक हो गया जो आज भारत की अदालतों में भी न्याय का प्रतीक है।
- निम्नलिखित में से कौन ‘स्वतंत्रता’ की एक विशेषता है?
क. ओक का ताज
ख. लाल टोपी
ग. जैतून शाखा
घ. तलवार
उत्तर: ख
व्याख्या: फ्रांसीसी क्रांति में लाल टोपी ही स्वतंत्रता का एक प्रतीक थी।
- प्रशा में ‘जंकर्स’ किसे कहा जाता था?
क. सैन्य अधिकारी
ख. बड़े जमींदार
ग. कारखाने के मालिक
घ. कुलीन रईस
उत्तर: ख
व्याख्या: प्रशिया में बड़े जमींदारों को ‘जंकर्स’ कहा जाता था।
- स्वच्छंदतावाद का क्या अर्थ है?
क. सांस्कृतिक आंदोलन
ख. धार्मिक आंदोलन
ग. राजनीतिक आंदोलन
घ. साहित्यिक आंदोलन
उत्तर: क
व्याख्या: यूरोप में सांस्कृतिक आंदोलन स्वच्छंदतावाद का अर्थ है।
- 1815 में वियना की संधि पर हस्ताक्षर क्यों किए गए?
क. रूढ़िवादी शासन को सत्ता में वापस लाया
ख. यूरोप की रूढ़िवादी शक्तियों को नष्ट कर दिया
ग. ऑस्ट्रिया और प्रशिया में लोकतंत्र की शुरुआत की
घ. ऑस्ट्रिया में एक नई संसद की स्थापना की
उत्तर: क
व्याख्या: रूढ़िवादी शासन को सत्ता में वापस लाने के लिए 1815 में वियना की संधि पर हस्ताक्षर किए गए।
- निम्नलिखित में से किस देश को ‘सभ्यता का पालना’ माना जाता है?
क. इंग्लैंड
ख. फ्रांस
ग. ग्रीस
घ. रूस
उत्तर: ग
व्याख्या: ग्रीस देश को ‘सभ्यता का पालना’ माना जाता है।
- निम्नलिखित में से किस शक्ति समूह ने सामूहिक रूप से नेपोलियन को पराजित किया?
क. इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, रूस
ख. इंग्लैंड, ऑस्ट्रिया, स्पेन, रूस
ग. ऑस्ट्रिया, प्रशिया, रूस, ब्रिटेन
घ. ब्रिटेन, प्रशिया, रूस, इटली
उत्तर: ग
व्याख्या: 1815 में रूस, ब्रिटेन, ऑस्ट्रिया और प्रशिया ने मिलकर नेपोलियन को हरा दिया।
- प्रशा जोलवेरिन का मुख्य कार्य क्या था?
क. आयातित वस्तुओं पर सीमा शुल्क लगाना
ख. टैरिफ बाधा को समाप्त करना
ग. सीमा शुल्क कम करना
घ. व्यापार के लिए नए नियम लागू करना
उत्तर: ख
व्याख्या: टैरिफ बाधा को समाप्त करना ही प्रशा जोलवेरिन का मुख्य कार्य था।
- फ्रांसीसी क्रांति (1789) के बाद वोट का अधिकार किसको दिया गया था?
क. देश की सभी वयस्क आबादी
ख.देश के सभी संपत्ति के मालिक पुरुष नागरिक
ग. देश के सभी संपत्ति के मालिक पुरुष और महिलाएं
घ. देश की महिलाओं को छोड़कर सभी वयस्क
उत्तर: ख
व्याख्या: फ्रांसीसी क्रांति (1789) के बाद वोट का अधिकार देश के सभी संपत्ति के मालिक पुरुष नागरिकों को दिया गया है।
- निम्नलिखित में से कौन यूटोपियन समाज की सबसे अच्छी व्याख्या करता है?
क. एक ऐसा समाज जहां सब बराबर हों।
ख. एक लोकतांत्रिक समाज।
ग. एक आदर्शवादी समाज जिसे कभी हासिल नहीं किया जा सकता है।
घ. एक व्यापक संविधान वाला समाज।
उत्तर: ग
व्याख्या: यूटोपिया का मतलब काल्पनिक दुनिया होता है, अतः यूटोपियन समाज एक ऐसे आदर्शवादी समाज को कहा जाता है, जिसे कभी हासिल नहीं किया जा सकता है।
- वोल्फ टोन कौन था?
क. एक फ्रांसीसी क्रांतिकारी।
ख. एक आयरिश कैथोलिक जिसने ब्रिटिश प्रभुत्व के खिलाफ विद्रोह किया था।
ग. एक जर्मन विद्रोही जिसने कैसर विलियम चतुर्थ के खिलाफ विद्रोह किया था
घ. एक ब्रिटिश प्रोटेस्टेंट नेता।
उत्तर: ख
व्याख्या: वोल्फ टोन एक आयरिश कैथोलिक नागरिक था जिसने ब्रिटिश प्रभुत्व के खिलाफ विद्रोह किया था।
- यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन का गठन निम्नलिखित में से किस संधि द्वारा किया गया था?
क. वर्साय की संधि
ख. संघ के अधिनियम
ग. पेरिस की संधि
घ. वियना की संधि
उत्तर: ख
व्याख्या: यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन का गठन “द एक्ट ऑफ यूनियन” या संघ के अधिनियम के तहत किया गया था।
- ओक के पत्तों का ताज किसका प्रतीक था?
क. साहस
ख. वीरता
ग. शांति
घ. सहिष्णुता
उत्तर: ख
व्याख्या: यूरोपियन क्रांति में ओक के पत्तों का ताज वीरता का प्रतीक था।
- निम्नलिखित में से किस स्थान पर फ्रैंकफर्ट विधानसभा बुलाई गई थी?
क. सेंट पॉल के चर्च में।
ख. सेंट पीटर्स के चर्च में।
ग. प्रशिया के महल में।
घ. वर्साय के महल में दर्पण के हॉल में।
उत्तर: घ
व्याख्या: वर्साय के महल में दर्पण के हॉल में फ्रैंकफर्ट विधानसभा बुलाई गई थी।
- ओटोमन साम्राज्य पर किस देश के सम्राट का शासन था?
क. तुर्की
ख. रूस
ग. ब्रिटेन
घ. प्रशिया
उत्तर: क
व्याख्या: ओटोमन साम्राज्य पर तुर्की के सम्राट का शासन था।
- 1834 में प्रशा में शुरू हुआ जोलवेरिन का क्या अर्थ है?
क. व्यापार संघ
ख. सीमा शुल्क संघ
ग. श्रम संघ
घ. किसान संघ
उत्तर: ख
व्याख्या: 1834 में प्रशिया में शुरू हुआ जोलवेरिन का अर्थ सीमा शुल्क संघ है।
- जर्मनी में मापने की इकाई एले का उपयोग किसको मापने के लिए किया जाता था?
क. कपड़ा
ख. धागा
ग. भूमि
घ. ऊंचाई
उत्तर: क
व्याख्या: जर्मनी में मापने की इकाई एले का उपयोग कपड़ा मापने के लिए किया जाता था।
- यूरोप के केग पाउडर के रूप में किस क्षेत्र को जाना जाता था?
क. जर्मनी
ख. इटली
ग. बाल्कनसो
घ. तुर्क साम्राज्य
उत्तर: ग
व्याख्या: बाल्कनसो को पाउडर केग ऑफ़ यूरोप के नाम से जाना जाता है।
- जर्मनी के एकीकरण के लिए कौन जिम्मेदार था?
क. बिस्मार्क
ख. कैवोर
ग. माज़िनी
घ. गैरीबाल्डी
उत्तर: क
व्याख्या: बिस्मार्क के प्रयासों से जर्मनी का एकीकरण हुआ।
- किस संधि ने ग्रीस को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी?
क. वर्साय की संधि
ख. वियना की संधि
ग. कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि
घ. लुसाने की संधि
उत्तर: ग
व्याख्या: कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि ने ग्रीस को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी।
- किसने कहा, “जब फ्रांस छींकता है तो बाकी यूरोप को सर्दी लग जाती है”?
क. गैरीबाल्डी
ख. माज़िनी
ग. मेट्टर्निच
घ. बिस्मार्क
उत्तर: ग
व्याख्या: मेट्टर्निच ने कहा था कि, “जब फ्रांस छींकता है तो बाकी यूरोप को सर्दी लग जाती है।”
B. अतिलघुत्तरी प्रश्न (1 marks)
1.ज्यूसेपी मेत्सिनी का जन्म कब हुआ था?
उत्तर: ज्यूसेपी मेत्सिनी का जन्म 1807 में जेनोआ में हुआ था।
- ज्यूसेपी मेत्सिनी कौन था?
उत्तर: ज्यूसेपी मेत्सिनी इटली का एक महान क्रांतिकारी था।
- ज्यूसेपी मेत्सिनी को किस कार्य हेतु याद किया जाता है?
उत्तर: ज्यूसेपी मेत्सिनी को इटली के एकीकरण में अहम भूमिका निभाने के लिए याद किया जाता है।
- ज्यूसेपी मेत्सिनी किस संगठन का सदस्य था?
उत्तर: ज्यूसेपी मेत्सिनी कार्बोनरी नामक एक गुप्त संगठन का सदस्य था।
- ज्यूसेपी मेत्सिनी ने किन किन संगठनों की स्थापना की?
उत्तर: ज्यूसेपी मेत्सिनी ने यंग इटली और यंग यूरोप नामक दो भूमिगत संगठनों की स्थापना की।
- कोलन के नाम से कौन जाना जाता था?
उत्तर: वियतनाम में रहने वाले फ्रांसीसी नागरिक कोलन के नाम से जाने जाते थे।
- किसने देश के विभाजन के बाद वियतनाम के दक्षिणी भाग में सत्ता संभाली?
उत्तर: न्गो दीन्ह दीम ने देश के विभाजन के बाद वियतनाम के दक्षिणी भाग में सत्ता संभाली।
- 1832 की कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि क्या है?
उत्तर: 1832 की कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि के कारण ग्रीस को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता मिली।
- 1815 में वियना में कांग्रेस की मेजबानी किसने की?
उत्तर: ड्यूक मेटर्निच ने 1815 में वियना में कांग्रेस की मेजबानी की।
- “जब फ्रांस छींकता है तो बाकी यूरोप को सर्दी लग जाती है” किसका कथन है? [सीबीएसई2016]
उत्तर: मेट्टर्निच ने कहा था कि, “जब फ्रांस छींकता है तो बाकी यूरोप को सर्दी लग जाती है।”
- जर्मनी के एकीकरण के लिए कौन जिम्मेदार था?
उत्तर: बिस्मार्क जर्मनी के एकीकरण के लिए जिम्मेदार था।
- ज़ोलवेरिन की स्थापना कब हुई?
उत्तर: ज़ोलवेरिन की स्थापना 1834 में हुई।
- ज़ोलवेरिन की स्थापना कहां हुई?
उत्तर: ज़ोलवेरिन की स्थापना प्रशा में हुई।
- ऑटोमन साम्राज्य में किसका अधिकार था?
उत्तर: तुर्क के शासकों का ऑटोमन साम्राज्य में अधिकार था।
- किस फ्रांसीसी कलाकार ने दुनिया के अपने सपने की कल्पना करते हुए चार प्रिंटों की एक श्रृंखला तैयार की? (सीबीएसई 2013)
उत्तर: फ्रेडरिक सोरियू ने दुनिया के अपने सपने की कल्पना करते हुए चार प्रिंटों की एक श्रृंखला तैयार की।
- ‘निरंकुशवाद” से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: निरंकुशवाद, वस्तुतः एक सरकार या शासन की व्यवस्था है जिसका प्रयोग बिना किसी प्रतिबंध के शासन को संदर्भित करने के लिए किया जाता है।
- “यूटोपियन वाद” क्या है?
उत्तर: यूटोपियनवाद समाज का एक ऐसा दृष्टिकोण है जो इतना आदर्श है कि वास्तव में इसके अस्तित्व में आने की संभावना ही नहीं है।
- एक राष्ट्र का कोई एक फायदा बताइए?
उत्तर: राष्ट्रों का स्वतंत्रता के अस्तित्व की गारंटी का होना।
- जनमत संग्रह क्या है?
उत्तर: जनमत संग्रह एक प्रत्यक्ष वोट है जिसके द्वारा एक क्षेत्र के सभी लोगों को एक प्रस्ताव को स्वीकार या अस्वीकार करने के लिए कहा जाता है।
- 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के बाद कौन से राजनीतिक और संवैधानिक परिवर्तन हुए?
उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति ने संप्रभुता को राजशाही से फ्रांसीसी नागरिकों के एक निकाय में स्थानांतरित कर दिया।
- कोई एक कदम बताइए जिसने फ्रांसीसी लोगों में सामूहिक पहचान की भावना पैदा की?
उत्तर: पितृभूमि और नागरिक के विचारों ने एक संविधान के तहत समान अधिकारों का आनंद लेने वाले एक संयुक्त समुदाय की धारणा पर जोर दिया।
- फ्रांसीसी क्रांति के बाद कौन कौन से क्लब किसके द्वारा स्थापित किए गए?
उत्तर: जैकोबिन क्लब
- नेपोलियन कोड को फ्रांसीसी नियंत्रण वाले क्षेत्रों में कैसे लागू किया गया था?
उत्तर: डच गणराज्य में, स्विट्जरलैंड में, इटली और जर्मनी में, नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजन को सरल बनाया, सामंती व्यवस्था को समाप्त कर दिया और किसानों को दासता और जागीरदारों से मुक्त कर दिया।
- विजित क्षेत्रों के लोग नेपोलियन के शासन के प्रति शत्रुतापूर्ण क्यों हो गए?
उत्तर: बढ़े हुए कराधान, सेंसरशिप, फ्रांसीसी सेनाओं में जबरन भर्ती होने के कारण लोग शत्रुतापूर्ण हो गए, जो कि शेष यूरोप को जीतने के लिए आवश्यक थे।
- अठारहवीं शताब्दी के मध्य में ऑस्ट्रिया-हंगरी में विभिन्न समूह, भाषाएँ आदि थे। ऐसे में उनके बीच क्या बंधन था?
उत्तर: विभिन्न समूहों को एक साथ बांधने वाला एकमात्र बंधन सम्राट के प्रति एक समान निष्ठा थी।
- रूढ़िवादियों का मूल दर्शन क्या था?
उत्तर: रूढ़िवादियों ने परंपरा और स्थापित संस्थाओं और रीति-रिवाजों के महत्व पर बल दिया।
- काउंट कैवोर कौन थे?
उत्तर: काउंट कैवोर इटली के मुख्यमंत्री थे।
- 1815 की विएना की संधि का यह मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: 1815 की विएना की संधि का यह मुख्य उद्देश्य नेपोलियन युद्ध के दौरान यूरोप में हुए परिवर्तनों को पूर्ववत करना था।
- किस संधि से ग्रीस एक स्वतंत्र राष्ट्र बना?
उत्तर: कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि
- फ्रैंकफर्ट विधानसभा कहां बुलाई गई थी?
उत्तर: सेंट पैन्लिक के चर्च में।
- ज़ोलवेरिन का उद्देश्य जर्मनों को आर्थिक रूप से एक राष्ट्र में बाँधना है।” ये शब्द किसने लिखे?
उत्तर: फ्रेडरिक लिस्ट, जर्मनी में ट्युबिंगन विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर ने।
- उन राजाओं के नाम बताइए जिन्हें रूढ़िवादियों द्वारा वियना कांग्रेस के बाद सत्ता में बहाल किया गया था?
उत्तर: बोर्बोन किंग्स
- एशिया और यूरोप के लोग किस महान द्वीप की खोज तक आलू के बारे में नहीं जानते थे?
उत्तर: आयरलैंड
- आधुनिक राज्यों की अवधारणा क्या थी?
उत्तर: केंद्रीकृत शक्ति ने स्पष्ट रूप से परिभाषित क्षेत्र पर संप्रभु नियंत्रण का प्रयोग किया।
- सीमा शुल्क संघ या ज़ोलवेरिन की स्थापना कब हुई थी?
उत्तर: 1834
- 1848 के यूरोप में औद्योगिक श्रमिकों, कारीगरों और किसानों ने किसके विरुद्ध विद्रोह किया?
उत्तर: 1848 के यूरोप में औद्योगिक श्रमिकों, कारीगरों और किसानों ने साम्राज्यवाद के विरुद्ध विद्रोह किया।
- 1815 में वियना में यूरोपीय शक्तियों के प्रतिनिधियों की बैठक की मेजबानी किसने की थी?
उत्तर: ऑस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मेटर्निच।
- माज़िनी को निर्वासन में क्यों और कब भेजा गया था?
उत्तर: 1831 में लिगुरिया में क्रांति का प्रयास करने के लिए माज़िनी को निर्वासन में भेज दिया गया था।
- उस आयरिश कैथोलिक का नाम बताइए जिसने ब्रिटिश प्रभुत्व के खिलाफ विद्रोह किया था?
उत्तर: वुल्फ टोन
- उदार राष्ट्रवाद के सिद्धांत के संबंध में कोई एक कथन लिखिए?
उत्तर: उदार राष्ट्रवाद ने व्यक्ति की स्वतंत्रता, कानून के समक्ष सभी की समानता के लिए खड़ा था और इसने सहमति से सरकार पर जोर दिया।
- इटली का प्रथम राजा किसे घोषित किया गया?
उत्तर: विक्टर इमैनुएल II
- किसने कहा था कि, “सच्ची जर्मन संस्कृति को आम लोगों के बीच खोजा जाना है।”
उत्तर: जोहान गॉटफ्राइड हेर्डर
- इटली के क्रांतिकारी राष्ट्रवादी माज़िनी को हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे ख़तरनाक दुश्मन किसने बताया?
उत्तर: ड्यूक मेटर्निच।
- 1707 में इंग्लैंड के एकीकरण के लिए मार्गदर्शक बल कौन था?
उत्तर: ब्रिटिश संसद।
- उस क्षेत्र का नाम बताइए जिस पर हैब्सबर्ग साम्राज्य का शासन था?
उत्तर: आस्ट्रिया-हंगरी
- फ्रैंकफर्ट संसद कब आयोजित हुई थी?
उत्तर: फ्रैंकफर्ट संसद 1848 में आयोजित हुई
- जर्मनी के एकीकरण के निर्माता कौन थे?
उत्तर: प्रशिया के चांसलर बिस्मार्क और प्रशिया के राजा विलियम-I
- एक राष्ट्रीय राज्य की अवधारणा की व्याख्या करें?
उत्तर: एक ऐसा राज्य जहां पर अधिकांश नागरिकों ने एक समान पहचान विकसित की, उन्होंने इतिहास साझा किया। यह समानता नेताओं और आम लोगों के महान संघर्ष के परिणामस्वरूप आई।
- उस घटना का नाम बताइए जिसने 1830-1848 में पूरे यूरोप में शिक्षित अभिजात वर्ग के बीच राष्ट्रवादी भावनाओं को लामबंद किया?
उत्तर: 1830-1848 में पूरे यूरोप में शिक्षित अभिजात वर्ग के बीच राष्ट्रवादी भावनाओं को संगठित करने वाली घटना ग्रीक स्वतंत्रता संग्राम थी।
- जनवरी 1871 में वर्साय में आयोजित एक समारोह में जर्मन सम्राट किसे घोषित किया गया था?
उत्तर: जनवरी 1871 में वर्साय में आयोजित एक समारोह में प्रशिया के कैसर विलियम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया था।
- 19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में उभरते मध्य वर्गों की प्रबल मांग क्या थी?
उत्तर: उदार मध्यम वर्ग के पुरुषों और महिलाओं ने राष्ट्रीय एकीकरण के साथ संवैधानिकता को अपनी मांगों में जोड़ा।
- यूरोप में 19 वीं शताब्दी की शुरुआत में उदारवाद का अर्थ क्या था? (सीबीएसई 2016)
उत्तर: नए मध्यम वर्गों के लिए, उदारवाद कानून से पहले सभी की व्यक्तिगत और समानता के लिए स्वतंत्रता के लिए खड़ा था। राजनीतिक रूप से, इसने सहमति से सरकार की अवधारणा पर जोर दिया। आर्थिक रूप से, उदारवाद बाजारों की स्वतंत्रता और माल और पूंजी के आंदोलन पर राज्य द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के उन्मूलन के लिए खड़ा था।
- मताधिकार से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: मताधिकार का अर्थ है मत देने और लेने का अधिकार होना।
- किसने अनगिनत छोटी-छोटी रियासतों में से जर्मनी के 39 राज्यों का एक संघ बनाया था?
उत्तर: नेपोलियन बोनापार्ट
- फ्रांस में जुलाई 1830 की क्रांति का परिणाम क्या था?
उत्तर: फ्रांस में जुलाई 1830 की क्रांति तक, 1815 के बाद रूढ़िवादी प्रतिक्रिया के दौरान सत्ता में बहाल किए गए बोरबॉन किंग्स को उदार क्रांतिकारियों ने उखाड़ फेंका और लुई फिलिप के तहत एक संवैधानिक राजतंत्र स्थापित किया।
- मेट्टर्निच ने मैजिनी के बारे में क्या कहा था?
उत्तर: मेट्टर्निच ने मैजिनी को “हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे खतरनाक दुश्मन” बताया।
- लॉर्ड बायरन कौन थे? यूनानी स्वतंत्रता संग्राम में उनका क्या योगदान था?
उत्तर: लॉर्ड बायरन एक अंग्रेजी कवि थे। उन्होंने धन इकट्ठा किया और बाद में युद्ध में लड़ने के लिए चले गए, जहां 1824 में बुखार से उनकी मृत्यु हो गई।
- स्वच्छंदतावाद क्या था?
उत्तर: स्वच्छंदतावाद एक सांस्कृतिक आंदोलन था जिसने राष्ट्रवादी भावना के एक विशेष रूप को विकसित करने की मांग की। रोमांटिक कलाकारों और कवियों ने आम तौर पर तर्क और विज्ञान की महिमा की आलोचना की और भावनाओं, अंतर्ज्ञान और रहस्यमय भावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
- पोलैंड के स्वतंत्रता संग्राम में करोल कुर्पिंस्की का क्या योगदान था?
उत्तर: करोल कुर्पिंस्की ने अपने ओपेरा और संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय संघर्ष का जश्न मनाया, पोलोनीज़ और माज़ुरका जैसे लोक नृत्यों को राष्ट्रवादी प्रतीकों में बदल दिया।
- ग्रिम भाई कौन थे? उन्होंने लोककथाओं का संग्रह क्यों किया?
उत्तर: ग्रिम भाइयों का जन्म क्रमशः 1785 और 1786 में जर्मन शहर हानाऊ में हुआ था।
उन्होंने लोककथाओं को एकत्र किया और फ्रांसीसी वर्चस्व का विरोध करने और जर्मन राष्ट्रीय पहचान बनाने के व्यापक प्रयास के हिस्से के रूप में लोक-कथाओं को इकट्ठा करने और जर्मन भाषा को विकसित करने की अपनी परियोजनाओं पर विचार किया।
- नारीवाद को परिभाषित करें?
उत्तर: नारीवाद का अर्थ है लिंग की सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक समानता के विश्वास के आधार पर महिलाओं के अधिकारों और हितों के बारे में जागरूकता।
- विचारधारा क्या है?
उत्तर: विचारधारा विचारों की एक प्रणाली है जो एक विशेष सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि को दर्शाती है।
- प्रशिया में जंकर कौन थे?
उत्तर: प्रशिया में बड़े जमींदारों को जंकर्स कहा जाता था।
- जर्मनी के एकीकरण का सूत्रधार कौन था और उसके द्वारा कौन सी नीति अपनाई गई?
उत्तर: ओटो वॉन बिस्मार्क को जर्मन एकीकरण का वास्तुकार माना जाता है। उन्होंने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए रक्त और लोहे की नीति का पालन किया।
- जर्मनी के एकीकरण के बाद नए राज्य ने किन नीतियों को अपनाया?
उत्तर: नए राज्य ने जर्मनी में मुद्रा, बैंकिंग, कानूनी और न्यायिक प्रणाली के आधुनिकीकरण पर जोर दिया, प्रशिया के उपाय और प्रथाएं अक्सर जर्मनी के बाकी हिस्सों के लिए एक मॉडल बन गईं।
- इटली के एकीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तीन व्यक्तियों के नाम लिखिए।
उत्तर: कैवोर, माज़िनी, गैरीबाल्डी।
- 1688 में इंग्लैंड में क्या हुआ था?
उत्तर: गौरवपूर्ण क्रांति हुई थी। इसके परिणामस्वरूप, अंग्रेजी संसद ने राजशाही से सत्ता छीन ली थी।
- संघ अधिनियम (1707) का क्या महत्व है?
उत्तर: इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच संघ के अधिनियम (1707) के परिणामस्वरूप ‘यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन’ का गठन हुआ था।
- फ्रांसीसी क्रांति के दौरान स्वतंत्रता और न्याय के गुणों का प्रतिनिधित्व कैसे किया गया?
उत्तर: स्वतंत्रता के गुण टोपी या टूटी हुई जंजीर थे। न्याय आम तौर पर एक अंधा मुड़ा हुआ व्यक्ति होता है जिसके पास तराजू का एक जोड़ा होता है।
- जर्मन राष्ट्र का रूपक क्या बन गया? इसे दृष्टिगत रूप से कैसे प्रस्तुत किया गया?
उत्तर: जर्मनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गया। दृश्य प्रतिनिधित्व में जर्मनिया ओक के पत्तों का ताज पहनता है, क्योंकि जर्मन ओक वीरता के लिए खड़ा है।
- 1871 के बाद यूरोप में राष्ट्रवादी तनाव का सबसे गंभीर स्रोत कौन सा था?
उत्तर: यह बाल्कन नामक क्षेत्र था। यह भौगोलिक और जातीय विविधताओं का एक क्षेत्र था जिसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बानिया, ग्रीस, मेसिडोनिया, क्रोएशिया बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया और मोंटेनेग्रो शामिल थे, जिनके निवासियों को मोटे तौर पर स्लाव के रूप में जाना जाता था।
- बाल्कन को एक विस्फोटक क्षेत्र किसने बनाया?
उत्तर: ओटोमन साम्राज्य के विघटन के साथ बाल्कन में रोमांटिक राष्ट्रवाद के विचारों के प्रसार ने इस क्षेत्र को बहुत विस्फोटक बना दिया।
- बाल्कन में किन यूरोपीय शक्तियों की प्रतिद्वंद्विता थी और बाल्कन पर अन्य शक्तियों की पकड़ का मुकाबला करने और क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बढ़ाने के लिए उत्सुक थे?
उत्तर: रूस, जर्मनी, इंग्लैंड और ऑस्ट्रो-हंगरी।
C. निम्नलिखित गद्यांशों को पढ़कर नीचे दिए प्रश्नों में सही विकल्प को छाँटकर लिखिए? (4 marks)
(क.) फ्रेडरिक सोरियू ने ‘लोकतांत्रिक और सामाजिक गणराज्यों’ से बनी दुनिया के अपने सपने की कल्पना करते हुए चार प्रिंटों की एक श्रृंखला तैयार की, जैसा कि उन्होंने उन्हें कहा था। श्रृंखला का पहला प्रिंट यूरोप और अमेरिका के लोगों को दिखाता है – सभी उम्र और सामाजिक वर्गों के पुरुष और महिलाएं – एक लंबी ट्रेन में मार्च करते हैं, और स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं क्योंकि वे इसके पास से गुजरते हैं। फ्रांसीसी क्रांति के समय के कलाकारों ने लिबर्टी को एक महिला आकृति के रूप में प्रस्तुत किया। वह एक हाथ में आत्मज्ञान की मशाल और दूसरे में मनुष्य के अधिकारों का चार्टर रखती है। छवि के अग्रभाग में पृथ्वी पर निरंकुश संस्थाओं के प्रतीकों के टूटे हुए अवशेष हैं। सोरियू की यूटोपियन दृष्टि में, दुनिया के लोगों को अलग-अलग राष्ट्रों के रूप में समूहीकृत किया जाता है, जिन्हें उनके झंडे और राष्ट्रीय पोशाक के माध्यम से पहचाना जाता है। जुलूस का नेतृत्व, स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के आगे, संयुक्त राज्य अमेरिका और स्विट्जरलैंड हैं, जो इस समय तक पहले से ही राष्ट्र-राज्य थे। क्रांतिकारी तिरंगे से पहचाने जाने वाला फ्रांस अभी-अभी प्रतिमा तक पहुंचा है. उसके बाद जर्मनी के लोग काले, लाल और सोने के झंडे लिए हुए हैं।
1.फ़्रेडरिक सोरियू कौन था?
ए. फ्रांसीसी कलाकार
बी. जर्मन कलाकार
सी. इतालवी कलाकार
डी. ब्रिटिश कलाकार
उत्तर: ए
- फ़्रेडरिक सोरियर ने किस वर्ष चार प्रिंटों की एक श्रृंखला तैयार की थी?
ए. 1845
बी. 1843
सी. 1848
डी. 1841
उत्तर: सी
- निम्नलिखित में से कौन सा कथन “निरपेक्षतावादी” का सही वर्णन करता है?
ए. राजशाही सरकार
बी. लोकतांत्रिक सरकार
सी. विकेंद्रीकृत सरकार
डी. नौकरशाही सरकार
उत्तर: ए
- “यूटोपियन विजन” के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
ए. समरूप समाज
बी. राजशाही समाज
सी. आदर्श समाज
डी. सारे विकल्प सही है
उत्तर: सी
(ख) 1815 में नेपोलियन की हार के बाद, यूरोपीय सरकारें रूढ़िवाद की भावना से प्रेरित थीं। रूढ़िवादियों का मानना था कि राज्य और समाज के स्थापित पारंपरिक संस्थानों – जैसे राजशाही, चर्च, सामाजिक पदानुक्रम, संपत्ति और परिवार – को संरक्षित किया जाना चाहिए। हालाँकि, अधिकांश रूढ़िवादियों ने पूर्व-क्रांतिकारी दिनों के समाज में वापसी का प्रस्ताव नहीं दिया। बल्कि, उन्होंने महसूस किया कि नेपोलियन द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनों से, आधुनिकीकरण वास्तव में राजशाही जैसी पारंपरिक संस्थाओं को मजबूत कर सकता है। यह राज्य की शक्ति को अधिक प्रभावी और मजबूत बना सकता है। एक आधुनिक सेना, एक कुशल नौकरशाही, एक गतिशील अर्थव्यवस्था, सामंतवाद और भूदासत्व का उन्मूलन यूरोप के निरंकुश राजतंत्र को मजबूत कर सकता है। 1815 में, यूरोपीय शक्तियों के प्रतिनिधि जिन्होंने सामूहिक रूप से नेपोलियन को हराया था, यूरोप के लिए एक समझौता करने के लिए वियना में मिले। कांग्रेस की मेजबानी ऑस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मेट्टर्निच ने की थी। प्रतिनिधियों ने नेपोलियन युद्धों के दौरान यूरोप में आए अधिकांश परिवर्तनों को पूर्ववत करने के उद्देश्य से 1815 की वियना संधि तैयार की। बोर्बोन राजवंश, जिसे फ्रांसीसी क्रांति के दौरान अपदस्थ कर दिया गया था, को सत्ता में बहाल कर दिया गया था, और फ्रांस ने नेपोलियन के अधीन किए गए क्षेत्रों को खो दिया था। भविष्य में फ्रांसीसी विस्तार को रोकने के लिए फ्रांस की सीमाओं पर राज्यों की एक श्रृंखला स्थापित की गई थी।
1.निम्नलिखित में से कौन सा कथन यूरोपीय रूढ़िवादी विचारधारा के बारे में सही वर्णन करता है?
A.नेपोलियन द्वारा शुरू की गई मान्यताओं का संरक्षण।
B.ईसाई धर्म के दो संप्रदायों का संरक्षण।
C.आर्थिक क्षेत्र में समाजवादी विचारधारा का संरक्षण।
D.राज्य और समाज में परंपरावादी मान्यताओं का संरक्षण।
उत्तर: डी
- कांग्रेस की मेजबानी किसने की?
A बोर्बोन राजवंश
B नेपोलियन बोनापार्ट
C ब्रिटेन के चांसलर
D ऑस्ट्रिया के चांसलर
उत्तर: डी
- वियना की संधि कब हुई?
ए 1815
बी 1816
सी 1817
डी 1818
उत्तर: ए
- वियना की संधि के बाद प्रमुख परिवर्तन क्या हुआ?
ए बोर्बोन राजवंश की सत्ता में वापसी
बी नेपोलियन द्वारा जीते गए राज्यों का अधिग्रहण
सी फ्रांसीसी विस्तार को रोकना
डी इनमें से कोई नही
उत्तर: ए
(ग) सामाजिक और राजनीतिक रूप से, एक भू-अभिजात वर्ग महाद्वीप पर प्रमुख वर्ग था। इस वर्ग के सदस्य जीवन के एक सामान्य तरीके से एकजुट थे जो क्षेत्रीय विभाजनों में कटौती करता था। उनके पास ग्रामीण इलाकों में संपत्ति थी और शहर-घर भी थे। वे कूटनीति के उद्देश्य से और उच्च समाज में फ्रेंच बोलते थे। उनके परिवार अक्सर शादी के बंधन से जुड़े होते थे। हालाँकि, यह शक्तिशाली अभिजात वर्ग संख्यात्मक रूप से एक छोटा समूह था। अधिकांश आबादी किसानों से बनी थी। पश्चिम में, अधिकांश भूमि काश्तकारों और छोटे मालिकों द्वारा खेती की जाती थी, जबकि पूर्वी और मध्य यूरोप में भूमि जोत के पैटर्न की विशेषता विशाल सम्पदा थी जो कि सर्फ़ों द्वारा खेती की जाती थी।
(i) यूरोप महाद्वीप पर प्रभुत्वशाली वर्ग कौन था?
(ए) किरायेदार
(बी) छोटे मालिक
(सी) भूमि अभिजात वर्ग
(डी) उच्च वर्ग समाज
उत्तर: सी
(ii) बहुसंख्यक जनसंख्या में क्या शामिल है?
(ए) किरायेदार
(बी) छोटे मालिक
(सी) किसान
(डी) भूमि धारक
उत्तर: सी
(iii) दिया गया गद्यांश किस प्रकार के वर्ग के सामाजिक और राजनीतिक जीवन का वर्णन करता है
(ए) सर्फ और किसान
(बी) अभिजात वर्ग और मध्यम वर्ग
(सी) बड़े भूमि मालिक
(डी) किसान और छोटे मालिक
उत्तर: बी
(iv) कुलीन वर्ग किसके उद्देश्य से फ्रेंच बोलता था?
(ए) एक बड़ी भूमि पर खेती
(बी) कूटनीति और उच्च समाज
(सी) सदस्यों के बीच एकता
(डी) क्षेत्रीय विभाजन को कम करना
उत्तर: बी
(घ) 1848 में, एक फ्रांसीसी कलाकार फ़्रेडरिक सोरियू ने लोकतांत्रिक और सामाजिक गणराज्यों से बनी दुनिया के अपने सपने की कल्पना करते हुए चार प्रिंटों की एक श्रृंखला तैयार की। जैसा कि आपको याद होगा, फ्रांसीसी क्रांति के समय के कलाकारों ने लिबर्टी को एक महिला आकृति के रूप में पेश किया था, आप एक हाथ में ज्ञान की मशाल और दूसरे में मनुष्य के अधिकारों के चार्टर को पहचान सकते हैं। छवि के अग्रभाग में पृथ्वी पर निरंकुश संस्थाओं के प्रतीकों के टूटे हुए अवशेष हैं। सोरियू की यूटोपियन दृष्टि में, दुनिया के लोगों को अलग-अलग राष्ट्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिन्हें उनके झंडे और राष्ट्रीय पोशाक के माध्यम से पहचाना जाता है। जुलूस का नेतृत्व करते हुए, लिबर्टी की प्रतिमा के आगे, संयुक्त राज्य अमेरिका और स्विट्जरलैंड हैं, जो इस समय तक पहले से ही राष्ट्र-राज्य थे। क्रांतिकारी तिरंगे से पहचाने जाने वाला फ्रांस अभी-अभी प्रतिमा तक पहुंचा है। एक आधुनिक राज्य की अवधारणा और प्रथाएं, जिसमें एक केंद्रीकृत शक्ति स्पष्ट रूप से परिभाषित क्षेत्र पर संप्रभु नियंत्रण का प्रयोग करती थी, यूरोप में लंबे समय से विकसित हो रही थी। लेकिन एक राष्ट्र-राज्य वह था जिसमें उसके अधिकांश नागरिक, और न केवल उसके शासक, समान पहचान और साझा इतिहास या वंश की भावना विकसित करने आए थे।
(i) फ्रांसीसी कलाकार द्वारा बनाई गई पेंटिंग का विषय क्या था?
(ए) संवैधानिक राजशाही
(बी) पूर्ण राजशाही
(सी) सच्चा लोकतंत्र
(डी) लोकतांत्रिक और सामाजिक गणराज्य
उत्तर: डी
(ii) फ्रांसीसी कलाकार फ्रेडरिक सोरो का यूटोपियन विजन था?
(ए) दुनिया के लोगों को अलग-अलग राष्ट्रों के रूप में वर्गीकृत किया जाता है, जिन्हें झंडे और राष्ट्रीय पोशाक के माध्यम से पहचाना जाता है।
(बी) जुलूस का नेतृत्व, लिबर्टी की मूर्ति के पीछे, संयुक्त राज्य अमेरिका और स्विट्जरलैंड हैं, जो इस समय तक पहले से ही राष्ट्र-राज्य थे।
(ग) क्रांतिकारी तिरंगे से पहचाने जाने वाला फ्रांस अभी-अभी प्रतिमा तक पहुंचा है।
(डी) एक आधुनिक राज्य की अवधारणा और प्रथाएं, जिसमें एक केंद्रीकृत शक्ति स्पष्ट रूप से परिभाषित क्षेत्र पर संप्रभु नियंत्रण का प्रयोग करती है।
उत्तर: डी
(iii) फ्रांसीसी क्रांति ने लिबर्टी को एक महिला आकृति के रूप में प्रस्तुत किया, वह एक हाथ में और दूसरे में आत्मज्ञान की मशाल लिए हुए है।
(ए) मनुष्य के अधिकारों का चार्टर
(बी) संविधान
(सी) महिला के अधिकारों का चार्टर
(डी) बाइबिल
उत्तर: ए
(iv) निम्नलिखित में से कौन सा जोड़ा दो राष्ट्र राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है?
(ए) संयुक्त राज्य अमेरिका और स्विट्जरलैंड
(बी) ब्रिटेन और इटली
(सी) स्पेन और पुर्तगाल
(डी) जापान और तुर्की
उत्तर: ए
(ङ) अर्थशास्त्री राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में सोचने लगे। उन्होंने बात की कि राष्ट्र कैसे विकसित हो सकता है और कौन से आर्थिक उपाय इस राष्ट्र को एक साथ बनाने में मदद कर सकते हैं। जर्मनी में ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर फ्रेडरिक लिस्ट ने 1834 में लिखा: “ज़ोलवेरिन का उद्देश्य जर्मनों को आर्थिक रूप से एक राष्ट्र में बांधना है। यह राष्ट्र को भौतिक रूप से उतना ही मजबूत करेगा जितना कि बाहरी रूप से अपने हितों की रक्षा करके उत्तेजक द्वारा। इसकी आंतरिक उत्पादकता। इसे व्यक्तिगत और प्रांतीय हितों के संलयन के माध्यम से राष्ट्रीय भावना को जगाना और उठाना चाहिए। जर्मन लोगों ने महसूस किया है कि एक स्वतंत्र आर्थिक प्रणाली राष्ट्रीय भावना को बढ़ाने का एकमात्र साधन है?
(i) जर्मनी में ज़ोलवेरिन का उद्देश्य बताइए।
(ए) जर्मन क्षेत्रों को विभाजित करने के लिए
(बी) जर्मनों को आर्थिक रूप से एक राष्ट्र में बांधने के लिए
(सी) व्यापार में भ्रम पैदा करने के लिए
(डी) समय लेने वाली गणनाओं का समर्थन करने के लिए
उत्तर: बी
(ii) नई आर्थिक व्यवस्था के बारे में जर्मन लोगों ने क्या महसूस किया है?
(ए) जर्मन लोगों ने महसूस किया है कि एक स्वतंत्र आर्थिक प्रणाली राष्ट्रीय भावना पैदा करने का एकमात्र साधन है।
(बी) जर्मन लोग अधिक क्षेत्रों को जीतना चाहते थे।
(सी) जर्मन लोगों ने बंद अर्थव्यवस्था के महत्व को महसूस किया।
(डी) जर्मन लोगों ने महसूस किया कि एक स्वतंत्र आर्थिक प्रणाली राष्ट्रवाद के विकास में बाधा है।
उत्तर: ए
(ii) कोई देश कैसे मजबूत बनता है?
(ए) विजय द्वारा
(बी) गठबंधन बनाकर
(सी) दोनों (ए) और (बी)
(डी) यह बाहरी रूप से अपने हितों की रक्षा करके अपनी आंतरिक उत्पादकता को उत्तेजित करके राष्ट्र को भौतिक रूप से मजबूत करेगा।
उत्तर: डी
(iv) फ्रेडरिक लिस्ट कौन था?
(ए) जर्मनी में ट्यूबिंगन विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर
(बी) फ्रांसीसी कलाकार
(सी) दार्शनिक
(डी) एक चित्रकार
उत्तर: ए
(च) नेपोलियन ने अपने द्वारा किए गए कई सुधारों को पेश करने के बारे में निर्धारित किया, वो पहले ही फ्रांस में पेश किया जा चुका है। राजशाही में वापसी के माध्यम से नेपोलियन ने निस्संदेह फ्रांस में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया था, लेकिन प्रशासनिक क्षेत्र में उन्होंने क्रांतिकारी सिद्धांतों को शामिल किया था ताकि पूरी व्यवस्था को और अधिक तर्कसंगत और कुशल बनाया जा सके।
1804 का नागरिक संहिता – आमतौर पर नेपोलियन कोड के रूप में जाना जाता है – जन्म पर आधारित सभी विशेषाधिकारों को समाप्त किया, समानता स्थापित की कानून के सामने और संपत्ति का अधिकार सुरक्षित। डच गणराज्य में, स्विट्जरलैंड में, इटली और जर्मनी में, नेपोलियन ने सरलीकरण किया, प्रशासनिक विभाजन, सामंती व्यवस्था को समाप्त किया और मुक्त किया, उसने भू-दासता और जागीरदार बकाया से किसान, कस्बों में भी गिल्ड प्रतिबंध हटा दिए गए। परिवहन और संचार प्रणाली में सुधार किए गए। किसानों, कारीगरों, श्रमिकों और नए व्यापारियों ने एक नई आजादी का आनंद लिया। व्यवसायी और छोटे पैमाने के माल के उत्पादकों को, विशेष रूप से, उस वर्दी का एहसास होने लगा कानून, मानकीकृत वजन और माप, और एक आम राष्ट्रीय मुद्रा एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में माल की आवाजाही और विनिमय की सुविधा प्रदान करेगी।
1.नेपोलियन कोड को और किस नाम से जानते हैं-
ए. 1804 की नागरिक संहिता
बी. 1805 की नागरिक संहिता
सी. 1806 की नागरिक संहिता
डी. वियना संहिता
उत्तर: ए
- नेपोलियन का क्या मकसद था?
ए. तर्कसंगत शासन प्रणाली की स्थापना
बी. राजशाही
सी. लोकतंत्र
डी. पूंजीवादी शासन प्रणाली
उत्तर: ए
- नेपोलियन कोड के द्वारा नेपोलियन ने सर्वप्रथम क्या किया?
ए. जन्म पर आधारित सभी विशेषाधिकारों को समाप्त किया
बी. प्रशासनिक विभाजन
सी. मानकीकृत वजन और माप
डी. सामंती व्यवस्था को समाप्त किया
उत्तर: ए
- नेपोलियन ने अपना नेपोलियन कोड कहां कहां स्थापित किया?
ए. डच गणराज्य
बी. स्विट्जरलैंड
सी. विकल्प ए और बी दोनों
डी. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: सी
(छ) जिसे आज हम जर्मनी, इटली और स्विटजरलैंड के नाम से जानते हैं राज्यों, डचियों और छावनियों में विभाजित, जिनके शासकों के पास अलग अलग स्वायत्त प्रदेश में अधिकार था। ये पूर्वी और मध्य यूरोप के अधीन थे, उन क्षेत्रों के भीतर निरंकुश राजतंत्र था, जिनमें विविध लोग रहते थे। वे खुद को एक सामूहिक पहचान साझा करने के रूप में नहीं देखते थे या एक आम संस्कृति। अक्सर, वे अलग-अलग भाषाएँ भी बोलते थे और विभिन्न जातीय समूहों से संबंधित थे। उदाहरण के लिए, ऑस्ट्रिया-हंगरी पर शासन करने वाला हैब्सबर्ग साम्राज्य, कई अलग-अलग क्षेत्रों और लोगों में बंटा था। इसमें अल्पाइन क्षेत्र शामिल थे, टायरॉल, ऑस्ट्रिया और सुडेटेनलैंड के साथ-साथ बोहेमिया, जहां अभिजात वर्ग मुख्य रूप से जर्मन भाषी था। यह भी लोम्बार्डी और वेनेशिया के इतालवी भाषी प्रांत शामिल थे। हंगरी में, आधी आबादी मगयार बोलती थी जबकि अन्य आधे तरह-तरह की बोलियाँ बोलते हैं। ऐसा मतभेद आसानी से राजनीतिक एकता की भावना को बढ़ावा नहीं देते थे। इन विविध समूहों को सम्राट के प्रति निष्ठा के अलावा एक साथ बांधना केवल एक काल्पनिक बात थी।
1.अठारहवीं शताब्दी के मध्य में ऑस्ट्रिया-हंगरी में विभिन्न समूह, भाषाएँ आदि थे। ऐसे में उनके बीच क्या बंधन था?
ए. सम्राट के प्रति निष्ठा
बी. एक समान कर
सी. पोशाक
डी. इनमें से कोई नही
उत्तर: ए
- हंगरी में आधी जनसंख्या कौन सी भाषा बोलती थी?
ए. इतालवी
बी. अंग्रेजी
सी. फ्रेंच
डी. मगयार
उत्तर: डी
- अभिजात वर्ग की मूल भाषा क्या थी?
ए. जर्मन
बी. फ्रेंच
सी. अंग्रेजी
डी. मगयार
उत्तर: ए
- यूरोप के एकीकरण में सबसे बड़ी बाधा क्या थी?
ए. भाषा
बी. तानाशाही
सी. नेपोलियन कोड
डी. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: ए
(ज) ऐसे ही एक व्यक्ति थे इटली के क्रांतिकारी ग्यूसेप मैजिनी। 1807 में जेनोआ में इनका जन्म हुआ, वह गुप्त समाज के सदस्य बन गए कार्बोनारी का। 24 वर्ष के एक युवावस्था में ही 1831 की लिगुरिआ में क्रांति करने के आरोप में, उन्हें निर्वासन में भेज दिया गया था। उन्होंने बाद में दो और भूमिगत समाज पहला मार्सिले में यंग इटली, और फिर, बर्न में यंग यूरोप की स्थापना की, जिसके सदस्य समान विचारधारा वाले थे। इन सदस्यों में पोलैंड, फ्रांस, इटली और जर्मन राज्यों के युवा थे। माज़िनी का मानना था कि भगवान ने राष्ट्रों को प्राकृतिक रूप से मानव जाति की इकाइयाँ होने का इरादा किया था, इसलिए इटली ऐसे छोटे छोटे राज्यों और क्षेत्रों में नहीं बना रह सकता। इसे राष्ट्रों के व्यापक गठबंधन के भीतर गणतंत्र के रूप में एकीकृत करना आवश्यक था। यह एकीकरण अकेला इतालवी स्वतंत्रता का आधार हो सकता है। अपने मॉडल के बाद, गुप्त जर्मनी, फ्रांस, स्विट्जरलैंड और पोलैंड में समाज स्थापित किए गए थे। मैज़िनी का राजशाही का अथक विरोध और उसकी दृष्टि लोकतांत्रिक गणराज्यों ने रूढ़िवादियों को डरा दिया। मेट्टर्निच ने उन्हें ‘हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे खतरनाक दुश्मन’ बताया।
1.ग्यूसेप मैजिनी कौन था?
ए. एक क्रांतिकारी
बी. समाजसेवी
सी. सम्राट
डी. कवि
उत्तर: ए
- ग्यूसेप मैजिनी किस समुदाय का सदस्य था?
ए. वियना कांग्रेस
बी. कार्बोनेरी
सी. रेड आर्मी
डी. इनमें से कोई नही
उत्तर: बी
- ग्यूसेप मैजिनी ने किसकी स्थापना की?
ए. भूमिगत समाजों की
बी. महासंघ की
सी. नेपोलियन कोड की
डी. विकल्प बी और सी दोनो
उत्तर: ए
- ग्यूसेप मैजिनी को सामाजिक व्यवस्था का सबसे ख़तरनाक दुश्मन कौन कहा है?
ए. नेपोलियन ने
बी. ऑस्ट्रिया के चांसलर ने
सी. मेट्टर्निच ने
डी. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: सी
(झ) जुलाई 1830 में फ्रांस में पहली उथल-पुथल हुई। बॉर्बोनो राजा जिन्हें रूढ़िवादी नीति के दौरान सत्ता में बहाल किया गया था। मेट्टर्निच ने एक बार टिप्पणी की थी कि, ‘जब फ्रांस छींकता है,’, ‘बाकी’ यूरोप को ठंड लग रही है।’
जुलाई क्रांति ने एक विद्रोह को जन्म दिया, जिससे ब्रसेल्स का उदय हुआ और बेल्जियम नीदरलैंड का साम्राज्य से अलग हो गया। एक घटना जिसने शिक्षित अभिजात वर्ग के बीच राष्ट्रवादी भावनाओं को लामबंद किया वह थी पूरे यूरोप में ग्रीक स्वतंत्रता संग्राम था। पंद्रहवीं शताब्दी से ग्रीस ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा रहा है। यूरोप में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद के विकास ने एक संघर्ष को जन्म दिया, जो 1821 में शुरू हुआ। ग्रीस में राष्ट्रवादियों को निर्वासन में रहने वाले अन्य यूनानियों का समर्थन मिला और कई पश्चिमी यूरोपीय लोगों से भी, जिन्हें प्राचीन ग्रीक संस्कृति के प्रति सहानुभूति थी। अंग्रेजी कवि लॉर्ड बायरन ने धन एकत्रित किया और बाद में युद्ध में लड़ने के लिए चला गया, जहाँ उसकी 1824 में बुखार से मृत्यु हो गई। अंत में, 1832 की कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि ने ग्रीस को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी।
1.वियना कांग्रेस की बैठक के बाद क्या बदलाव हुआ?
ए. ग्रीक स्वतंत्रता संग्राम
बी. बोर्बो राजवंश की सत्ता बहाल होना
सी. विकल्प ए और बी दोनों
डी. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: बी
- यूरोप में क्रांतिकारी राष्ट्रवाद के विकास का क्या परिणाम हुआ?
ए. 1821 का संघर्ष
बी. भुखमरी
सी. तर्कसंगत शासन की स्थापना
डी. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: ए
- ग्रीक स्वतंत्रता आंदोलन में किसकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है?
ए. लॉर्ड बायरन
बी. कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि
सी. मेट्टर्निच
डी. बोर्बो राजवंश
उत्तर: ए
- लॉर्ड बायरन की मृत्यु कब हुई?
ए 1824
बी 1825
सी 1826
डी 1827
उत्तर: ए
(ञ) मुख्यमंत्री कैवोर जिन्होंने क्षेत्रों को एकजुट करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया वह न तो इटली का क्रांतिकारी था और न ही लोकतांत्रिक पार्टी का सदस्य। अन्य के जैसे; इतालवी अभिजात वर्ग के अन्य धनी और शिक्षित सदस्य ने फ्रेंच को इतालवी की तुलना में बहुत बेहतर किया। कैवोर ने अपनी चतुर राजनयिक बुद्धि से, सार्डिनिया-पीडमोंटे ने 1859 में ऑस्ट्रियाई सेना को हराने में सफल रही। ग्यूसेप गैरीबाल्डी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सशस्त्र स्वयंसेवक मैदान में इकठ्ठे हो गए। 1860 में, उन्होंने दक्षिण में मार्च किया जिससे इटली और दो सिसिली का साम्राज्य और जीतने में सफल रहा। स्पैनिश को बाहर निकालने के लिए स्थानीय किसानों के समर्थक विक्टर इमैनुएल II को 1861 में यूनाइटेड इटली का राजा घोषित किया गया था, हालांकि, अधिकांश इतालवी आबादी, जिनमें निरक्षरता की दरें बहुत अधिक थी, उदारवाद से अनजान बने रहे- राष्ट्रवादी विचारधारा के किसान, जिन्होंने गैरीबाल्डी का समर्थन किया था दक्षिणी इटली में इटालिया के बारे में कभी नहीं सुना था, और माना कि ‘ला तालिया’ विक्टर इमैनुएल की पत्नी थी।
1.इटली के आंदोलन का नेतृत्व किसने किया?
ए. विक्टर इमैनुएल II
बी. गैरीबाल्डी
सी. कैवोर
डी. इनमें से कोई नहीं
उत्तर: सी
- यूनाइटेड इटली का शासक कौन बना?
ए. विक्टर इमैनुएल II
बी. गैरीबाल्डी
सी. कैवोर
डी. विलियम प्रथम
उत्तर: ए
- विक्टर इमैनुएल II यूनाइटेड इटली का शासक कब बना?
ए. 1860
बी. 1861
सी. 1862
डी. 1863
उत्तर: बी
- सार्डिनिया-पीडमोंट ने ऑस्ट्रिया की सेना को कब हराया?
ए 1858
बी 1859
सी 1860
डी 1842
उत्तर: बी
D. लघुत्तरी प्रश्न (3 marks)
1.फ्रेडरिक सोरियू कौन थे? 1848 में उनके द्वारा तैयार किए गए पहले प्रिंट की मुख्य विशेषताओं का वर्णन करें?
उत्तर: फ्रेडरिक सोरियू एक फ्रांसीसी कलाकार थे, जिन्होंने “लोकतांत्रिक और सामाजिक गणराज्यों” से बनी दुनिया के अपने सपने की कल्पना करते हुए चार प्रिंटों की एक श्रृंखला तैयार की।
फ्रेडरिक सोरियू के पहले प्रिंट की विशेषताएं निम्नलिखित है-
- इसमें यूरोप और अमेरिका के सभी उम्र के पुरुषों और महिलाओं को स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी को श्रद्धांजलि देते हुए दिखाया गया है।
- लिबर्टी को एक महिला आकृति के रूप में व्यक्त किया गया था, जिसके एक हाथ में प्रबुद्धता की मशाल और दूसरे में मनुष्य के अधिकारों का चार्टर था।
- अग्रभूमि में निरंकुश संस्थाओं के प्रतीकों के टूटे हुए अवशेष हैं।
- जुलूस का नेतृत्व संयुक्त राज्य अमेरिका और स्विटजरलैंड करते हैं जो पहले से ही राष्ट्र राज्य थे। अन्य लोग उनका अनुसरण कर रहे हैं।
- वर्णन करें कि फ्रांस की घटनाओं ने यूरोप के विभिन्न शहरों को कैसे प्रभावित किया?
उत्तर: जब फ्रांस की घटनाओं की खबर यूरोप के विभिन्न शहरों में पहुंची तो उसके प्रभाव नीचे दिए गए थे:
- छात्रों और शिक्षित मध्यम वर्ग के अन्य सदस्यों ने जैकोबिन क्लब स्थापित करना शुरू कर दिया।
- उनकी गतिविधियों और अभियानों ने फ्रांसीसी सेनाओं के लिए रास्ता तैयार किया जो 1790 के दशक में हॉलैंड, बेल्जियम, स्विटजरलैंड और इटली के अधिकांश हिस्सों में चले गए।
- क्रांतिकारी युद्धों की समाप्ति के साथ, फ्रांसीसी सेनाएं राष्ट्रवाद के विचार को विदेशों में ले जाने लगीं।
- विजित प्रदेशों में फ्रांसीसी शासन के प्रति स्थानीय आबादी की क्या प्रतिक्रियाएँ थीं?
उत्तर: फ्रांसीसियों द्वारा विजित क्षेत्रों में स्थानीय लोगों की प्रतिक्रियाएँ मिली-जुली थीं। शुरुआत में, हॉलैंड, स्विटजरलैंड, ब्रुसेल्स, मेंज, मिलान और वारसॉ में, लोगों ने स्वतंत्रता के अग्रदूत के रूप में फ्रांसीसी सेनाओं का स्वागत किया। राजनीतिक स्वतंत्रता फायदेमंद थी लेकिन अधिक कर, सेंसरशिप और यूरोप के बाकी हिस्सों को जीतने के लिए फ्रांसीसी सेनाओं में जबरन भर्ती ने स्थानीय आबादी को उनके प्रति शत्रुतापूर्ण बना दिया।
- अठारहवीं शताब्दी के मध्य में यूरोप की राजनीतिक स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर: अठारहवीं शताब्दी के मध्य में यूरोप की राजनीतिक स्थिति निम्न प्रकार थी:
- कोई राष्ट्र राज्य नहीं थे।
- जर्मनी, इटली और स्विटजरलैंड को राज्यों, डचियों और छावनियों में विभाजित किया गया था जिनके शासकों के पास उनके स्वायत्त क्षेत्र थे।
- पूर्वी और मध्य यूरोप में निरंकुश राजतंत्र थे।
- लोग विभिन्न भाषाएँ बोलते थे और विभिन्न जातीय समूहों के थे।
- उन्होंने एक सामूहिक पहचान या एक सामान्य संस्कृति साझा नहीं की।
- इसमें बोहेमिया के जर्मन-भाषी लोगों के साथ-साथ लोम्बार्डी और वेनेशिया के इतालवी-भाषी लोग शामिल थे।
- हंगरी की आधी आबादी मग्यार थी।
इस तरह के मतभेदों ने राजनीतिक एकता की भावना को बढ़ावा नहीं दिया। विभिन्न समूहों को एक साथ बांधने वाला एकमात्र बंधन सम्राट के प्रति एक समान निष्ठा थी।
- अठारहवीं शताब्दी के मध्य में यूरोप में कुलीन वर्ग और कृषक वर्ग की स्थिति का वर्णन कीजिए।
उत्तर: अभिजात वर्ग और किसान वर्ग की स्थिति निम्न प्रकार थी:
कृषक वर्ग
- सामाजिक और राजनीतिक रूप से, एक भू-अभिजात वर्ग महाद्वीप पर प्रमुख वर्ग था।
- वे जीवन के एक सामान्य तरीके से एकजुट थे, जैसे कि बड़ी संपत्ति और टाउन हाउस के मालिक, कूटनीति के लिए फ्रेंच भाषा का उपयोग और उच्च समाज में।
- वे एक दूसरे के साथ विवाह के बंधनों से भी जुड़े हुए थे। इस प्रकार, अभिजात वर्ग शक्तिशाली था लेकिन वे अल्पमत में थे।
कुलीन वर्ग
- अधिकांश आबादी किसान थी।
- पश्चिम में अधिकांश भूमि काश्तकारों और छोटे मालिकों द्वारा खेती की जाती थी।
- पूर्वी और मध्य यूरोप में, बड़ी सम्पदाएँ थीं जिनकी खेती सर्फ़ द्वारा की जाती थी।
- यूरोप में औद्योगीकरण की शुरुआत कब हुई? इसके परिणाम क्या थे?
उत्तर: अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में इंग्लैंड में औद्योगीकरण शुरू हो गया था। हालाँकि, यह उन्नीसवीं शताब्दी के दौरान फ्रांस और जर्मन राज्यों के कुछ हिस्सों में हुआ था।
औद्योगिकीकरण के परिणाम
- नगरों का विकास : वाणिज्यिक वर्गों का उदय – नगरों का विकास हुआ और पश्चिमी तथा पूर्वी यूरोप के कुछ भागों में वाणिज्यिक वर्गों का उदय हुआ। यह औद्योगिक उत्पादन और व्यापार की वृद्धि के कारण था। वाणिज्यिक वर्गों का अस्तित्व बाजार के लिए उत्पादन पर आधारित था।
- उद्योगपतियों, व्यापारियों, पेशेवरों से मिलकर एक नया मजदूर वर्ग और मध्यम वर्ग अस्तित्व में आया। यह शिक्षित, उदार मध्य वर्गों में था कि अभिजात वर्ग के विशेषाधिकारों के उन्मूलन के बाद राष्ट्रीय एकता के विचारों ने लोकप्रियता हासिल की।
- उदारवाद से आप क्या समझते हैं ? राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्रों में उदारवादी विचारों का वर्णन करें?
उत्तर: ‘उदारवाद’ शब्द लैटिन भाषा के शब्द ‘लिबर’ से बना है, जिसका अर्थ है मुक्त। इस प्रकार, नए मध्य वर्गों के लिए, उदारवाद व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता और “कानून के समक्ष सभी की समानता” के लिए खड़ा था।
उदारवादियों द्वारा समर्थित राजनीतिक और आर्थिक विचार निम्नलिखित हैं:
राजनीतिक विचार
इसने सहमति से सरकार की अवधारणा पर जोर दिया। फ्रांसीसी क्रांति के बाद से, उदारवाद संसद के माध्यम से एक संविधान और प्रतिनिधि सरकार, निरंकुशता और लिपिक विशेषाधिकारों के अंत के लिए खड़ा था। वे जरूरी नहीं कि सार्वभौमिक मताधिकार के लिए खड़े हों। क्रांतिकारी फ्रांस में, जो उदार लोकतंत्र का पहला उदाहरण था, मतदान और चुनाव का अधिकार विशेष रूप से संपत्ति के मालिक पुरुषों को दिया गया था। संपत्ति और महिलाओं के बिना पुरुषों को राजनीतिक अधिकार नहीं दिए गए थे। इस प्रकार 19 वीं और 20 वीं शताब्दी में समान राजनीतिक अधिकारों की मांग करने वाले आंदोलन थे।
आर्थिक विचार
उन्होंने बाजारों की स्वतंत्रता और माल और पूंजी की आवाजाही पर राज्य द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों को समाप्त करने का समर्थन किया। उन्नीसवीं सदी के दौरान उभरते हुए मध्यम वर्गों की यह एक मजबूत मांग थी।
- क्रान्ति के काल में फ्रांस में मतदान का अधिकार किसे प्रदान किया गया था ?
उत्तर: फ्रांस में, वोट और चुनाव का अधिकार केवल संपत्ति के मालिक पुरुषों को दिया गया था। संपत्ति के बिना पुरुषों और सभी महिलाओं को राजनीतिक अधिकारों से बाहर रखा गया था। जैकोबिन्स की अवधि के दौरान, सभी वयस्क पुरुषों को वोट देने का अधिकार दिया गया था। नेपोलियन कोड ने फिर से वोट देने का सीमित अधिकार दिया। पिता और पति के अधिकार के अधीन महिलाओं को नाबालिग की स्थिति में कम कर दिया गया था।
उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में महिलाओं और गैर-संपत्ति पुरुषों ने समान राजनीतिक अधिकारों की मांग करते हुए विपक्षी आंदोलनों का आयोजन किया।
- ज़ोलवेरिन क्या था? इसे क्यों पेश किया गया था?
उत्तर: ज़ोलवेरिन एक कस्टम यूनियन था जिसे 1834 में प्रशिया की पहल पर बनाया गया था और अधिकांश जर्मन राज्यों में शामिल हो गया था।
ज़ोलवेरिन की शुरूआत के कारण: उन्नीसवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में जर्मन भाषी क्षेत्र में अनगिनत छोटी-छोटी रियासतें थीं। नेपोलियन ने 39 राज्यों का एक संघ बनाया था।
इस परिसंघ में निम्न कमियाँ थीं;
- प्रत्येक की अपनी मुद्रा, बाट और माप थे।
- हैम्बर्ग से नूर्नबर्ग तक 11 कस्टम बैरियर थे।
- व्यापारियों को हर बैरियर पर कस्टम ड्यूटी देनी पड़ती थी।
- वजन या माप के अनुसार शुल्क का भुगतान किया जाता था, इसलिए गणना में बहुत समस्या होती थी।
उपरोक्त परिस्थितियाँ आर्थिक विकास में बाधक थीं। व्यापारी और नए वाणिज्यिक वर्ग बिना किसी बाधा के माल की आवाजाही चाहते थे। तो 1834 में प्रशिया की पहल पर ज़ोलवेरिन का गठन किया गया था।
- ज़ोलवेरिन के फायदे बताइए?
उत्तर: जोल्वरीन के निम्न फायदे हैं।
- इसका गठन एक एकीकृत आर्थिक क्षेत्र के निर्माण के लिए किया गया था जिससे माल, लोगों और पूंजी की निर्बाध आवाजाही हो सके।
- संघ ने टैरिफ बाधाओं को समाप्त कर दिया और मुद्राओं की संख्या को बत्तीस से घटाकर दो कर दिया।
- रेलवे का एक नेटवर्क बनाया गया जिसने राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आर्थिक हितों का उपयोग करते हुए गतिशीलता में वृद्धि की।
- मुक्त व्यापार से उद्योग में वृद्धि हुई।
- जोल्वरिन ने किस प्रकार लोगों के मन में राष्ट्रवादी भावना को मजबूत किया?
उत्तर: इसने आर्थिक मामलों में एक राष्ट्रीय एकता का निर्माण उस समय किया जब जर्मनी विभाजित था। यह जर्मन राज्यों को ऑस्ट्रिया के बिना सहयोग करने का आदी था जो ज़ोलवेरिन के सदस्य नहीं बने थे। इसने उन्हें प्रशिया नेतृत्व के फायदे सिखाए। यह जर्मन एकता की शुरुआत थी। इस प्रकार, आर्थिक राष्ट्रवाद ने व्यापक राष्ट्रवादी भावनाओं को मजबूत किया।
- रूढ़िवाद क्या है?
उत्तर: रूढ़िवाद एक राजनीतिक दर्शन था जिसने परंपरा, स्थापित संस्थानों और रीति-रिवाजों के महत्व पर जोर दिया और त्वरित परिवर्तन के लिए क्रमिक विकास को प्राथमिकता दी। रूढ़िवाद तर्क पर आधारित न होकर प्राचीन पद्धतियो और नीतियों पर आधारित था, इसलिए भी वाल्टेयर और रूसो ने रूढ़िवाद का विरोध किया।
- वियना कांग्रेस के उद्देश्यों का वर्णन कीजिए?
उत्तर: वियना कांग्रेस के निम्नलिखित उद्देश्य थे-
नेपोलियन की हार के बाद, यूरोपीय शक्तियां – ब्रिटेन, रूस, प्रशिया और ऑस्ट्रिया वियना में मिले। इसकी मेजबानी ऑस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मेट्टर्निच ने की थी। इसका उद्देश्य नेपोलियन के युद्धों के दौरान हुए अधिकांश परिवर्तनों को पूर्ववत करना था।
- वियना कांग्रेस के निर्णयों का वर्णन कीजिए?
उत्तर: वियना कांग्रेस के निर्णय: वियना कांग्रेस ने निम्नलिखित निर्णय लिए;
- फ्रांस में बोर्बोन राजवंश को बहाल किया गया था।
- भविष्य में फ्रांसीसी विस्तार को रोकने के लिए कई राज्यों जैसे नीदरलैंड, पीडमोंट को फ्रांस की सीमाओं पर मजबूत किया गया था। इस प्रकार, बेल्जियम को नीदरलैंड में और जेनोआ को पीडमोंट में शामिल किया गया था।
- फ्रांस की पश्चिमी सीमाओं पर प्रशिया को महत्वपूर्ण नए क्षेत्र दिए गए। इसे सैक्सोनी का एक हिस्सा मिला।
- ऑस्ट्रिया को उत्तरी इटली का नियंत्रण मिला।
- रूस को पोलैंड का एक हिस्सा दिया गया था। उसे वारसॉ के ग्रैंड डची का अधिकांश हिस्सा मिला और उसने फिनलैंड को बरकरार रखा।
- रूस अच्छी संख्या में वृद्धि के साथ उभरा और पहले से कहीं अधिक पश्चिम की ओर यूरोप में विस्तारित हुआ।
- वियना (1815) के कांग्रेस के बाद के वर्षों के दौरान उदारवादी भूमिगत क्यों हुए और गुप्त समाजों का गठन क्यों किया गया?
उत्तर: वियना की कांग्रेस (1815) के बाद निरंकुश शासकों द्वारा दमन के डर से उदार-राष्ट्रवादी भूमिगत हो गए।
गुप्त समाजों के गठन के कारण
कई यूरोपीय राज्यों में गठित गुप्त समाजों का उद्देश्य क्रांतिकारियों को प्रशिक्षित करना और उनके विचारों का प्रसार करना था, अर्थात, वियना की कांग्रेस के बाद स्थापित राजशाही रूपों का विरोध करना और स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के लिए लड़ना था। वे राष्ट्र-राज्यों का निर्माण चाहते थे जिन्हें संघर्ष की स्वतंत्रता के एक भाग के रूप में आवश्यक समझा जाता था।
- मैजिनी की गतिविधियों के विशेष संदर्भ में उनके उद्देश्यों और गतिविधियों का वर्णन कीजिए?
उत्तर: मैजिनी इटली के क्रांतिकारी थे। वह कार्बोनारी के गुप्त समाज के सदस्य थे। बाद में, उन्होंने दो समाजों की स्थापना की – मार्सिले में यंग इटली और बर्न में यंग यूरोप। मैज़िनी का उद्देश्य स्वतंत्रता के आधार के रूप में इटली में एक एकीकृत गणराज्य बनाना था। उनका मानना था कि राष्ट्र मानव जाति की प्राकृतिक इकाइयाँ हैं।
जर्मनी, फ्रांस, स्विटजरलैंड और पोलैंड में गुप्त समितियों का गठन किया गया था। गुप्त समाजों के परिणामस्वरूप, रूढ़िवादी भयभीत थे। मेट्टर्निच ने माज़िनी को ‘हमारी सामाजिक व्यवस्था का सबसे खतरनाक दुश्मन’ बताया।
- यूरोप में संस्कृति के माध्यम से राष्ट्रवाद का विकास कैसे हुआ? (CBSE 2015, 16, 13)
उत्तर: राष्ट्र के विचार को बनाने में संस्कृति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई: कला और कविता, कहानियों और संगीत ने राष्ट्रवादी भावनाओं को व्यक्त करने और आकार देने में मदद की। स्वच्छंदतावाद ने राष्ट्रवादी भावनाओं के एक विशेष रूप को विकसित करने में मदद की।
(1)स्वच्छंदतावादी कलाकारों और कवियों ने आमतौर पर तर्क और विज्ञान के महिमामंडन की आलोचना की।
(2) उन्होंने एक राष्ट्र के आधार के रूप में एक साझा सामूहिक विरासत, एक सामान्य सांस्कृतिक अतीत की भावना पैदा करने के लिए भावनाओं, अंतर्ज्ञान और रहस्यमय भावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया।
(3) जर्मन दार्शनिक जोहान गॉटफ्राइड ने लोक गीतों, लोक कविताओं और लोक नृत्यों के माध्यम से राष्ट्र की सच्ची भावना को लोकप्रिय बनाने का प्रयास किया।
(4) स्थानीय भाषा और स्थानीय लोककथाओं के संग्रह पर जोर एक प्राचीन राष्ट्रीय भावना को पुनः प्राप्त करने और आधुनिक राष्ट्रवादी संदेश को बड़े दर्शकों तक पहुँचाने के लिए था जो ज्यादातर अनपढ़ थे।
(5) पोलैंड में जो महान शक्तियों द्वारा विभाजित किया गया था, संगीत और भाषा के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को जीवित रखा गया था। करोल कुर्पिंस्की ने अपने ओपेरा और संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय संघर्ष का जश्न मनाया, पोलोनीज़ और माज़ुरका जैसे लोक नृत्यों को राष्ट्रवादी प्रतीकों में बदल दिया।
(6) भाषा ने भी राष्ट्रवादी भावनाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
- पोलैंड ने रूस पर सशस्त्र विद्रोह क्यों किया?
रूसी कब्जे के बाद, पोलिश भाषा को स्कूलों से बाहर कर दिया गया और रूसी भाषा को हर जगह थोपा गया।
1831 में रूसी शासन के खिलाफ एक सशस्त्र विद्रोह को कुचल दिया गया था। इसके बाद पोलैंड में पादरी वर्ग के कई सदस्यों ने भाषा को राष्ट्रीय प्रतिरोध के हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया।
चर्च की सभाओं और सभी निर्देशों के लिए पोलिश का उपयोग किया जाता था। पोलिश के प्रयोग को रूसी प्रभुत्व के विरुद्ध संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा। इसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में पुजारियों और बिशपों को जेल में डाल दिया गया या रूसी अधिकारियों द्वारा सजा के रूप में साइबेरिया भेज दिया गया। लेकिन पोलिश के प्रयोग को रूसी प्रभुत्व के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा।
- 1830 का दशक यूरोप में बड़ी आर्थिक कठिनाई लेकर आया था।” तर्कों के साथ उस कथन का समर्थन करें? (CBSE 2016, 13)
उत्तर: 1830 का दशक यूरोप में निम्नलिखित कारणों से बड़ी आर्थिक कठिनाई के वर्ष थे:
- पूरे यूरोप में जनसंख्या में भारी वृद्धि हुई।
- रोजगार से ज्यादा नौकरी चाहने वाले थे।
- भीड़भाड़ वाली झुग्गियों में रहने के लिए लोग ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर पलायन कर गए।
- छोटे उत्पादकों के उत्पादों और इंग्लैंड से आयातित उत्पादों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा थी जहाँ माल मशीनों द्वारा बनाया जाता था क्योंकि वहाँ औद्योगीकरण पहले ही हो चुका था।
- सामंती देनदारियों और दायित्वों के बोझ के कारण किसानों की स्थिति खराब थी।
- खराब फसल के कारण खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ गए थे। इसके परिणामस्वरूप शहर और देश में व्यापक दरिद्रता आई थी।
- फ्रांस में 1848 की क्रांति के कारण और प्रभाव क्या थे?
उत्तर: फ्रांस में 1848 की क्रांति के निम्नलिखित कारण और प्रभाव थे;
कारण
- यूरोप में 1830 के दशक बड़ी आर्थिक कठिनाई के वर्ष थे।
- 1848 में भी भोजन की कमी थी और व्यापक बेरोजगारी थी। इसके परिणामस्वरूप, पेरिस की आबादी ने प्रदर्शन किया। बेरिकेड्स लगाए गए थे।
प्रभाव
- लुई फिलिप ने सिंहासन त्याग दिया।
- फ्रांस एक गणराज्य बन गया।
- 21 वर्ष से ऊपर के सभी वयस्क पुरुषों को मताधिकार दिया गया था।
- काम के अधिकार की गारंटी दी गई थी।
- रोजगार प्रदान करने के लिए राष्ट्रीय कार्यशालाएँ स्थापित की गईं।
- इस प्रकार, फ्रांस में एक और क्रांति हुई जिसने सरकार को राजशाही से एक गणतंत्र में बदल दिया।
- सिलेसियन बुनकरों के विद्रोह के कारणों का वर्णन कीजिए। इसके परिणाम क्या थे?
उत्तर: सिलेसियन बुनकरों के विद्रोह का कारण : विद्रोह का कारण ठेकेदारों द्वारा बुनकरों का शोषण था। उन्होंने बुनकरों को उनके द्वारा ऑर्डर किए गए सामान के लिए भुगतान कम कर दिया था। पहले से ही व्यापक बेरोजगारी थी और वे अत्यधिक दुख का जीवन जी रहे थे।
परिणाम: एक ठेकेदार पर हमला होने पर, पड़ोसी गाँव में शरण लेने की कोशिश की, लेकिन असफल रहा। उन्होंने सेना की मदद मांगी। सेना और बुनकरों के बीच हुए आदान-प्रदान में ग्यारह बुनकर मारे गए।
- 1848 में उदारवादियों द्वारा क्रांति के क्या कारण थे? उदारवादियों की क्या मांगे थी?
उत्तर: फ्रांस में 1848 की फरवरी क्रांति ने सम्राट का त्याग कर दिया था। सार्वभौमिक पुरुष मताधिकार पर आधारित गणतंत्र की घोषणा की गई। इसका यूरोप के अन्य हिस्सों – जर्मनी, इटली, पोलैंड और ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य में उदार मध्यम वर्गों पर प्रभाव पड़ा।
उदारवादियों की मांगे: उदारवादियों की निम्न मांगे थी।
- उदार मध्य वर्गों ने राष्ट्रीय एकीकरण के साथ संविधानवाद की मांग की।
- उन्होंने संसदीय सिद्धांतों यानी संविधान, प्रेस की स्वतंत्रता और संघ की स्वतंत्रता पर एक राष्ट्र राज्य के निर्माण की मांग की।
- उदारवादी क्रांति के क्या परिणाम हुए?
उत्तर: 1848 में उदारवादियों की क्रांतियों को निरंकुश-राजाओं द्वारा दबा दिया गया था लेकिन फिर भी इन क्रांतियों ने सम्राटों को यह एहसास कराया कि पुरानी व्यवस्था को बहाल नहीं किया जा सकता है। मध्य और पूर्वी यूरोप में निरंकुश राजाओं ने 1815 से पहले पश्चिमी यूरोप में हुए निम्न परिवर्तनों की शुरुआत की।
- हैब्सबर्ग अधिराज्य और रूस दोनों में दासता और बंधुआ मजदूरी को समाप्त कर दिया गया।
- 1867 में हैब्सबर्ग सम्राटों द्वारा हंगेरियन को अधिक स्वायत्तता प्रदान की गई थी।
- द्वैतवाद की स्थापना हुई।
- ऑस्ट्रिया-हंगरी में दो अलग-अलग स्वतंत्र राज्य शामिल थे। उनके शासक को ऑस्ट्रिया में सम्राट और हंगरी में राजा के रूप में जाना जाता था।
- इटली के एकीकरण की प्रक्रिया की व्याख्या कीजिए। [सीबीएसई 2013]
उत्तर:
- सार्डिनिया-पीडमोंट ने 1859 में ऑस्ट्रिया को हराया। मोडेना, पर्मा और टस्कनी को पीडमोंट में जोड़ा गया।
- गैरीबाल्डी 1860 में दक्षिण इटली और दो सिसिली साम्राज्य में सफल हुए और स्पेनिश शासकों को बाहर कर दिया।
- 1866 में ऑस्ट्रिया ने वेनेशिया को इटली को सौंप दिया।
- 1870 में, रोम पर अधिकार कर लिया गया क्योंकि फ्रांसीसी सैनिकों को वापस ले लिया गया था। रोम को इटली की राजधानी बनाया गया।
- एकीकरण से पहले इटली की स्थिति का वर्णन कीजिए। [सीबीएसई 2014]
उत्तर: उन्नीसवीं सदी में इटली की स्थिति निम्नलिखित थी।
- इटली में राजनीतिक विखंडन का एक लंबा इतिहास रहा है। इटालियंस विभिन्न राजवंशीय राज्यों के साथ-साथ बहु-राष्ट्रीय हैब्सबर्ग साम्राज्य में बिखरे हुए थे।
- उन्नीसवीं सदी के मध्य में इटली सात राज्यों में विभाजित था।
- इन राज्यों में से केवल सार्डिनिया-पीडमोंट पर एक इतालवी रियासत का शासन था।
- उत्तर ऑस्ट्रियाई हैब्सबर्ग के अधीन था।
- केंद्र पर पोप का शासन था और दक्षिणी क्षेत्र स्पेन के बॉर्बन राजाओं के प्रभुत्व में थे।
- कोई आम भाषा भी नहीं थी।
- बाकी यूरोप के विपरीत ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास कैसा था?
उत्तर: ब्रिटेन में राष्ट्रवाद का इतिहास निम्नलिखित तरीकों से शेष यूरोप से भिन्न था:
- यह युद्धों का परिणाम नहीं था जैसा कि जर्मनी में था बल्कि एक लंबी खींची गई प्रक्रिया का परिणाम था।
- विभिन्न जातीय समूहों – अंग्रेजी, वेल्श, स्कॉट और आयरिश की अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक परंपराएं थीं। लेकिन अंग्रेजी राष्ट्र, समय के साथ, अपने धन, महत्व और शक्ति के कारण द्वीपों के अन्य राष्ट्रों पर अपना प्रभाव बढ़ाने में सक्षम था।
- यूनियन ऑफ एक्ट (1707) ने ‘यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन’ का गठन किया। चूंकि ब्रिटिश संसद के अधिकांश सदस्य अंग्रेजी सदस्य थे, स्कॉटिश हाइलैंड्स के कैथोलिक कुलों के खिलाफ दमन की नीति का पालन किया गया था।
- आयरलैंड में भी इसी तरह की नीति का पालन किया गया था। कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट भी थे। कैथोलिक विद्रोहों को दबा दिया गया और अंततः 1801 में आयरलैंड को यूनाइटेड किंगडम में शामिल कर लिया गया।
- एक प्रमुख अंग्रेजी संस्कृति के प्रसार के माध्यम से एक नए ‘ब्रिटिश राष्ट्र’ का निर्माण हुआ।
- नए ब्रिटेन के प्रतीक – ब्रिटिश ध्वज (यूनियन जैक), राष्ट्रगान (गॉड सेव अवर नोबल किंग), अंग्रेजी भाषा – को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया गया और पुराने राष्ट्र इस संघ में अधीनस्थ भागीदारों के रूप में ही बचे।
- उन्नीसवीं शताब्दी की अंतिम तिमाही में राष्ट्रवाद की प्रकृति का वर्णन करें।
उत्तर: उन्नीसवीं शताब्दी की अंतिम तिमाही में राष्ट्रवाद की प्रकृति इस प्रकार थी:
- इसने अब सदी के पूर्वार्ध की अपनी आदर्शवादी उदार-लोकतांत्रिक भावना को बरकरार नहीं रखा बल्कि सीमित लक्ष्यों के साथ एक संकीर्ण पंथ बन गया।
- इस अवधि के दौरान राष्ट्रवादी समूह एक-दूसरे के प्रति असहिष्णु हो गए और युद्ध में जाने के लिए हमेशा तैयार रहे।
- प्रमुख यूरोपीय शक्तियों ने अपने साम्राज्यवादी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए यूरोप में प्रजा लोगों की राष्ट्रवादी आकांक्षाओं में हेरफेर किया।
- बाल्कन का क्षेत्रफल कितना था? यह 1871 के बाद यूरोप में राष्ट्रवादी तनाव का सबसे गंभीर स्रोत क्यों था? इसका परिणाम क्या था?
उत्तर: बाल्कन भौगोलिक और जातीय भिन्नता का एक क्षेत्र था जिसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बानिया, ग्रीस, मैसेडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया और मोंटेनेग्रो शामिल थे, जिनके निवासियों को मोटे तौर पर स्लाव के रूप में जाना जाता था।
1871 में यूरोप में राष्ट्रवादी तनाव का सबसे गंभीर स्रोत होने के कारण निम्नलिखित थे:
- बाल्कन का एक बड़ा हिस्सा ओटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था। हालांकि, ओटोमन साम्राज्य के कमजोर और विघटन के साथ, इस क्षेत्र में राष्ट्रवादी तनाव उभरा। इसकी यूरोपीय विषय राष्ट्रीयताएं टूट गईं और अपनी स्वतंत्रता की घोषणा की।
- बाल्कन के लोगों ने तर्क दिया कि विदेशी शक्तियों द्वारा उन्हें नियंत्रित करने से पहले वे एक बार स्वतंत्र थे। तो उनका उद्देश्य अपनी खोई हुई स्वतंत्रता को पुनः प्राप्त करना था।
- यूरोपीय शक्तियों यानी रूस, इंग्लैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी की प्रतिद्वंद्विता के कारण राष्ट्रवादी तनाव उभरा। ये सभी शक्तियां किसी न किसी कारण से अपना नियंत्रण करना चाहती थीं।
- बाल्कन राज्यों के बीच प्रतिद्वंद्विता – बाल्कन राज्य एक-दूसरे से बहुत ईर्ष्या करते थे और उनमें से प्रत्येक दूसरे की कीमत पर अपने क्षेत्र का विस्तार करना चाहता था।
परिणाम
यूरोपीय शक्तियों की प्रतिद्वंद्विता और बाल्कन राज्यों के बीच एक श्रृंखला हुई। इस क्षेत्र में युद्ध और अंत में प्रथम विश्व युद्ध।
- 19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में महिला आकृतियाँ राष्ट्र का एक रूपक कैसे बन गईं? विश्लेषण।
उत्तर: 19वीं शताब्दी में यूरोप में, महिला आकृतियाँ निम्नलिखित तरीकों से राष्ट्र का एक रूपक बन गईं।
यूरोप में 18वीं और 19वीं शताब्दी में कलाकार किसी देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते थे, जैसे कि वह एक व्यक्ति हो। दूसरे शब्दों में, वे राष्ट्र का व्यक्तित्व बनाना चाहते थे। राष्ट्रों को महिला आंकड़ों के रूप में दर्शाया गया था। नारी रूप वास्तविक जीवन में किसी विशेष महिला का नहीं था। यह एक अमूर्त विचार था, जिसने राष्ट्र को एक ठोस रूप दिया। नारी आकृति एक राष्ट्र का रूपक बन गई। फ्रांस में, महिला रूप को मैरिएन नाम दिया गया था, जो राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करती थी। उसकी विशेषताएँ लाल टोपी, तिरंगा और कॉकेड थीं, जो लिबर्टी और रिपब्लिक से खींची गई थीं।
इसी तरह, जर्मनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गया। जर्मेनिया ओक के पत्तों का ताज पहनता है क्योंकि ओक वीरता के लिए खड़ा है।
- 1830 का दशक यूरोप में बड़ी आर्थिक मुश्किलें लेकर आया था। तर्कों के साथ कथन का समर्थन करें?
उत्तर: 1830 के दशक यूरोप में बड़ी आर्थिक कठिनाई के वर्ष थे क्योंकि:
- उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में पूरे यूरोप में जनसंख्या में वृद्धि देखी गई।
- नौकरियों की कमी थी और रोजगार के अवसर कम थे।
- ग्रामीण क्षेत्रों से आबादी रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर गई। वे भीड़-भाड़ वाली झुग्गियों में रहते थे।
- कस्बों में छोटे उत्पादकों को इंग्लैंड से सस्ते मशीन माल के आयात से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ा।
- यूरोप के उन हिस्सों में जहां अभिजात वर्ग मजबूत था और भारी शक्तियों का आनंद लिया, किसान सामंती बकाया और कराधान के बोझ तले दब गए।
- खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई क्योंकि या एक साल की फसल खराब हो गई, इसने आम आदमी की मुश्किलें और बढ़ा दी।
- 18वीं और 19वीं शताब्दी के दौरान यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उदाहरण सहित कथन का समर्थन करें।
उत्तर: कला, संगीत, साहित्य और नाटक ने राष्ट्रवादी भावनाओं को व्यक्त करने, आकार देने और मजबूत करने में मदद की। पोलिश भाषा राष्ट्रवादियों का हथियार बन गई। दो जर्मन, ग्रिम ब्रदर्स ने फ्रेंच के वर्चस्व के खिलाफ जर्मन भावना को बढ़ावा देने के लिए जर्मन में लिखी गई कहानियों और लोककथाओं का इस्तेमाल किया। पोलोनीज़ और मज़ारुकी जैसे लोक नृत्य राष्ट्रीय प्रतीक बन गए।
- फ्रांस के लोगों में सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने वाले उपायों और प्रथाओं की व्याख्या करें।
उत्तर: पितृभूमि के विचार (ला पेट्री ले सिटिओयन (ला नागरिक) एक नए फ्रांसीसी ध्वज ने एक संयुक्त समुदाय के राष्ट्र पर जोर दिया। एक नया फ्रांसीसी ध्वज, नए भजन रचे गए, एक केंद्रीकृत प्रशासनिक स्थापित किया गया, आंतरिक सीमा शुल्क समाप्त कर दिया गया।
- वियना कांग्रेस के निर्णय की व्याख्या करें।
उत्तर: फ्रांस में बोर्बोन राजवंश को बहाल किया गया था, फ्रांस की सीमाओं पर कई राज्यों की स्थापना की गई थी, उत्तरी इटली के प्रशिया को महत्वपूर्ण नए क्षेत्र दिए गए थे, ऑस्ट्रिया को नियंत्रण मिला था), रूस को पोलैंड का हिस्सा दिया गया था।
- 1830 का दशक यूरोप में बड़ी आर्थिक कठिनाई का वर्ष क्यों था?
उत्तर: 1830 का दशक यूरोप में बड़ी आर्थिक कठिनाई का वर्ष इसलिए थे क्योंकि जनसंख्या में अपूर्व वृद्धि हो रही थी जिससे बेरोजगारी भी बढ़ रही थी लोग शहरों की ओर पलायन कर रहे थे, खाद्य पदार्थों की मूल्य वृद्धि हो रही थी जिससे बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा थी हालत तो तब बुरे हो गए जान किसानों की एक साल की फसल खराब हो गई।
- जर्मन कौन थे और झंडे का रंग क्या था?
उत्तर: काले, लाल और सोने के झंडे वाला जर्मनी। जर्मन लोग अभी तक एक संयुक्त राष्ट्र के रूप में मौजूद नहीं थे – वे जिस ध्वज को लेकर चलते हैं, वह 1848 में एक लोकतांत्रिक संविधान के तहत एक राष्ट्र-राज्य में कई जर्मन-भाषी रियासतों को एकजुट करने के लिए उदार आशाओं की अभिव्यक्ति है। जर्मन लोगों के बाद ऑस्ट्रिया, दो सिसिली साम्राज्य, लोम्बार्डी, पोलैंड, इंग्लैंड, आयरलैंड, हंगरी और रूस के लोग हैं।
- राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति फ्रांस में कब हुई?
उत्तर: राष्ट्रवाद की पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति 1789 में फ्रांसीसी क्रांति के साथ हुई। जैसा कि आपको याद होगा, फ्रांस 1789 में एक पूर्ण राजशाही के शासन में एक पूर्ण क्षेत्रीय राज्य था। क्रांति ने संप्रभुता को राजशाही से फ्रांसीसी नागरिकों के एक निकाय में स्थानांतरित कर दिया। क्रांति ने घोषणा की कि यह लोग ही थे जो अब से राष्ट्र का निर्माण करेंगे और इसके भाग्य को आकार देंगे।
- जर्मनी, इटली और स्विटजरलैंड के राज्य का नाम बताइए?
उत्तर: जर्मनी, इटली और स्विटजरलैंड को राज्यों, डचियों और केंटन में विभाजित किया गया था जिनके शासकों के पास उनके स्वायत्त क्षेत्र थे। पूर्वी और मध्य यूरोप निरंकुश राजतंत्रों के अधीन थे, जिनके क्षेत्रों में विविध लोग रहते थे। वे खुद को एक सामूहिक पहचान या एक आम संस्कृति साझा करने के रूप में नहीं देखते थे। हंगरी में, आधी आबादी मग्यार बोलती थी जबकि दूसरी आधी कई तरह की बोलियाँ बोलती थी। उत्तर में बोहेमियन और स्लोवाक, कार्निओला में स्लोवेनिया, दक्षिण में क्रोएट्स, और ट्रांसिल्वेनिया में पूर्व में रोमान्स
- यूरोप के लोगों ने कितने कस्टम बैरियर का भुगतान किया?
उत्तर: 1833 में हैम्बर्ग से नूर्नबर्ग तक अपना माल बेचने के लिए यात्रा करने वाले एक व्यापारी को 11 सीमा शुल्क बाधाओं से गुजरना पड़ता था और उनमें से प्रत्येक पर लगभग 5 प्रतिशत का सीमा शुल्क देना पड़ता था। उन्हे अक्सर माल के वजन या माप के अनुसार शुल्क लगाया जाता था।
- ज़ोलवेरिन क्या था? अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए इसके प्रमुख कदमों का वर्णन करें?
उत्तर: 1834 में, प्रशिया की पहल पर एक सीमा शुल्क संघ या ज़ोलवेरिन का गठन किया गया था और अधिकांश जर्मन राज्यों में शामिल हो गया था। अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए कुछ प्रमुख कदम हैं: संघ ने टैरिफ बाधाओं को समाप्त कर दिया और मुद्राओं की संख्या को बत्तीस से घटाकर दो कर दिया। रेलवे के एक नेटवर्क के निर्माण ने राष्ट्रीय एकीकरण के लिए आर्थिक हितों का दोहन करते हुए गतिशीलता को और प्रोत्साहित किया। आर्थिक राष्ट्रवाद की लहर ने उस समय बढ़ रही व्यापक राष्ट्रवादी भावनाओं को मजबूत किया।
- यूरोप में रूढ़िवादिता का जन्म किसने और कैसे हुआ?
उत्तर: 1815 में नेपोलियन द्वारा हार के बाद यूरोपीय सरकार रूढ़िवाद की भावना को जन्म दे रही थी। रूढ़िवादियों का मानना था कि राज्य और समाज की स्थापित, पारंपरिक संस्थाओं – जैसे राजशाही, चर्च, सामाजिक पदानुक्रम, संपत्ति और परिवार – को संरक्षित किया जाना चाहिए। हालांकि, अधिकांश रूढ़िवादियों ने पूर्व-क्रांतिकारी दिनों के समाज में वापसी का प्रस्ताव नहीं दिया। बल्कि, उन्होंने महसूस किया कि नेपोलियन द्वारा शुरू किए गए परिवर्तनों से, आधुनिकीकरण वास्तव में राजशाही जैसी पारंपरिक संस्थाओं को मजबूत कर सकता है।
- सम्राट बोर्बों कौन थे?
उत्तर: लॉर्ड बोर्बों राजा जिन्हें 1815 के बाद रूढ़िवादी प्रतिक्रिया के दौरान सत्ता में बहाल किया गया था, अब उदार क्रांतिकारियों ने उखाड़ फेंका, जिन्होंने लुई फिलिप के सिर पर एक संवैधानिक राजतंत्र स्थापित किया। ‘जब फ्रांस छींकता है,’ मेट्टर्निच ने एक बार टिप्पणी की थी, ‘बाकी यूरोप को ठंड लग जाती है।’
- ग्रीस कैसे स्वतंत्र हुआ?
उत्तर: ग्रीस को निर्वासन में रहने वाले अन्य यूनानियों और कई पश्चिमी यूरोपीय लोगों से भी समर्थन मिला, जिन्हें प्राचीन यूनानी संस्कृति के प्रति सहानुभूति थी। कवियों और कलाकारों ने ग्रीस को यूरोपीय सभ्यता के पालने के रूप में सराहा और मुस्लिम साम्राज्य के खिलाफ उसके संघर्ष का समर्थन करने के लिए जनमत तैयार किया। लॉर्ड बायरन, 1832 की कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि ने ग्रीस को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी।
- फ्रांस में किसके द्वारा रूढि़वादी खत्म हुआ?
उत्तर: एक घटना जिसने पूरे यूरोप में शिक्षित अभिजात वर्ग के बीच राष्ट्रवादी भावनाओं को संगठित किया, वह स्वतंत्रता का ग्रीक युद्ध था। ग्रीस पंद्रहवीं शताब्दी से ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था।
- यूरोप में उदारवादियों की 1848 की प्रभाव क्रांति का वर्णन करें?
उत्तर: उदारवादियों की प्रभाव क्रांति सम्राट हैं और सार्वभौमिक पुरुष मताधिकार पर आधारित गणतंत्र की घोषणा की गई थी। उदार मध्यम वर्ग के पुरुषों और महिलाओं ने राष्ट्रीय एकीकरण के साथ संवैधानिकता की अपनी मांगों को जोड़ा। उन्होंने संसदीय सिद्धांत पर एक राष्ट्र-राज्य के निर्माण की अपनी मांगों को आगे बढ़ाने के लिए बढ़ती लोकप्रिय अशांति का लाभ उठाया जर्मन क्षेत्रों में बड़ी संख्या में राजनीतिक सदस्य मध्यम वर्ग के पेशेवर, व्यवसायी और संघ थे जिनके समृद्ध कारीगर शहर में एक साथ आए थे। फ्रैंकफर्ट के और एक अखिल जर्मन नेशनल असेंबली के लिए मतदान करने का फैसला किया।
- जर्मन एकीकरण में ओटो वॉन बिस्मार्क के योगदान की व्याख्या करें?
उत्तर: इस प्रक्रिया के वास्तुकार ओटो वैन बिस्मार्क का योगदान प्रशिया सेना और नौकरशाही की मदद से किया गया। सात वर्षों में तीन युद्ध – ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस के साथ – प्रशिया की जीत में समाप्त हुए और एकीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया। जनवरी 1871 में, वर्साय में आयोजित एक समारोह में प्रशिया के राजा विलियम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया था। ओटो वॉन बिस्मार्क, प्रशिया के कैसर विलियम प्रथम के नेतृत्व में नए जर्मन साम्राज्य की घोषणा करने के लिए वर्साय के महल में बिना गरम किए हुए हॉल ऑफ मिरर्स में एकत्र हुए।
- महिला आकृतिया रूपक क्यों बन गई?
उत्तर: दूसरे शब्दों में वे एक देश का प्रतिनिधित्व करते थे जैसे कि वह एक व्यक्ति था। राष्ट्रों को तब महिला आंकड़ों के रूप में चित्रित किया गया था। राष्ट्र को मूर्त रूप देने के लिए जिस स्त्री रूप को चुना गया वह वास्तविक जीवन में किसी विशेष महिला के लिए खड़ा नहीं था; बल्कि इसने राष्ट्र के अमूर्त विचार को एक ठोस रूप देने की कोशिश की। यानी नारी आकृति राष्ट्र का रूपक बन गई।
- फ्रांस के रूपक के बारे में उनके प्रतीक और महत्व के साथ वर्णन करें?
उत्तर: फ्रांस के रूपक का नाम मैरिएन रखा गया, जो एक लोकप्रिय ईसाई नाम था, जिसने लोगों के राष्ट्र के विचार को रेखांकित किया। उसकी विशेषताएँ स्वतंत्रता और रिपब्लिक से ली गई थीं – लाल टोपी, तिरंगा, कॉकेड। जनता को एकता के राष्ट्रीय प्रतीक की याद दिलाने के लिए सार्वजनिक चौकों पर मैरिएन की मूर्तियों का निर्माण किया गया था। मैरिएन की छवियों को सिक्कों और टिकटों पर अंकित किया गया था। इसी तरह, जर्मनिया जर्मन राष्ट्र का रूपक बन गया।
- यूरोप में किस क्षेत्र को बाल्कन कहा जाता है और क्यों?
उत्तर: 1871 के बाद यूरोप में राष्ट्रवादी तनाव का सबसे गंभीर स्रोत बाल्कन नामक क्षेत्र था। बाल्कन भौगोलिक और जातीय भिन्नता का एक क्षेत्र था जिसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बानिया, ग्रीस, मैसेडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया और मोंटेनेग्रो शामिल थे, जिनके निवासियों को मोटे तौर पर स्लाव के रूप में जाना जाता था। बाल्कन का एक बड़ा हिस्सा ओटोमन साम्राज्य के नियंत्रण में था।
- बाल्कन में राष्ट्रवादी संघर्ष क्यों बढ़ा?
उत्तर: बाल्कन राज्य एक-दूसरे से बहुत ईर्ष्या करते थे और प्रत्येक को दूसरों की कीमत पर अधिक क्षेत्र हासिल करने की उम्मीद थी। मामले और भी जटिल थे क्योंकि बाल्कन भी बड़ी शक्ति प्रतिद्वंद्विता का दृश्य बन गए थे। इस अवधि के दौरान, व्यापार और उपनिवेशों के साथ-साथ नौसेना और सैन्य शक्ति पर यूरोपीय शक्तियों के बीच तीव्र प्रतिद्वंद्विता थी। बाल्कन समस्या के सामने आने के तरीके में ये प्रतिद्वंद्विता बहुत स्पष्ट थी।
- सामूहिक राष्ट्रीय एकता की भावना से कैसे प्रेरित हुए?
उत्तर: साम्राज्यवाद विरोधी आंदोलन जो हर जगह विकसित हुए, वे राष्ट्रवादी थे, इस अर्थ में कि वे सभी स्वतंत्र राष्ट्र-राज्य बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे, और सामूहिक राष्ट्रीय एकता की भावना से प्रेरित थे, जो साम्राज्यवाद के साथ टकराव में बना था। राष्ट्रवाद के यूरोपीय विचारों को कहीं भी दोहराया नहीं गया था, क्योंकि हर जगह लोगों ने राष्ट्रवाद की अपनी विशिष्ट विविधता विकसित की थी। लेकिन यह विचार कि समाजों को ‘राष्ट्र-राज्यों’ में संगठित किया जाना चाहिए, प्राकृतिक और सार्वभौमिक के रूप में स्वीकार किया गया।
- कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट के बारे में बताइए?
उत्तर: कैथोलिक और प्रोटेस्टेंटों का गहरा वितरण अंग्रेजी ने आयरलैंड के प्रोटेस्टेंटों को एक बड़े पैमाने पर कैथोलिक देश पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने में मदद की, ब्रिटिश प्रभुत्व के खिलाफ कैथोलिक विद्रोहों को दबा दिया गया। वोल्फ टोन और उनके यूनाइटेड आयरिशमेन (1798) के नेतृत्व में एक असफल विद्रोह के बाद, आयरलैंड को 1801 में जबरन यूनाइटेड किंगडम में शामिल किया गया था। एक प्रमुख अंग्रेजी संस्कृति के प्रचार के माध्यम से एक नया ‘ब्रिटिश राष्ट्र’ बनाया गया था। नए ब्रिटेन के प्रतीकों – ब्रिटिश ध्वज (यूनियन जैक), राष्ट्रगान (गॉड सेव अवर नोबल किंग), अंग्रेजी भाषा – को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया गया और पुराने राष्ट्र इस संघ में अधीनस्थ भागीदारों के रूप में ही बचे।
- ग्यूसेप माज़िनी के बारे में बताइए?
उत्तर: वह एक इतालवी क्रांतिकारी थे जिन्होंने एक एकीकृत इतालवी राज्य के विचार को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनका मानना था कि राष्ट्र मानव जाति की प्राकृतिक इकाइयाँ हैं, और इसलिए इटली (जिसे तब कई छोटे राज्यों और राज्यों में विभाजित किया गया था) को एक एकीकृत गणराज्य में बनाना पड़ा। 1830 के दशक के दौरान, ऐसे एकात्मक इतालवी गणराज्य के लिए एक सुसंगत कार्यक्रम तैयार करने का प्रयास किया। उन्होंने दो गुप्त समाज भी स्थापित किए, जिनका नाम यंग इटली और यंग यूरोप था। इन समाजों ने उनके विचारों के प्रसार में मदद की।
- काउंट कैमिलो डी कैवोर के बारे में बताइए?
उत्तर: कैवोर सार्डिनिया-पीडमोंट राज्य के मुख्यमंत्री थे जिन्होंने इटली के क्षेत्रों को एकजुट करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। वह न तो क्रांतिकारी थे और न ही लोकतांत्रिक। इतालवी अभिजात वर्ग के कई अन्य धनी और शिक्षित सदस्यों की तरह, वह इतालवी की तुलना में बहुत बेहतर फ्रेंच बोलता था। उन्होंने फ्रांस के साथ एक सावधानीपूर्वक राजनयिक गठबंधन तैयार किया, जिसने 1859 में सार्डिनिया-पीडमोंट को ऑस्ट्रियाई सेना को हराने में मदद की, और इस तरह ऑस्ट्रिया के हैब्सबर्ग से इटली के उत्तरी भाग को मुक्त कर दिया।
- ग्रीक स्वतंत्रता संग्राम के बारे में बताइए?
उत्तर: ग्रीस 15वीं शताब्दी से ओटोमन साम्राज्य का हिस्सा था। यूनानियों के बीच स्वतंत्रता के लिए संघर्ष 1821 में शुरू हुआ। ग्रीस में राष्ट्रवादियों को निर्वासन में रहने वाले अन्य यूनानियों और प्राचीन यूनानी संस्कृति के लिए सहानुभूति साझा करने वाले कई पश्चिमी यूरोपीय लोगों से भी समर्थन मिला। कवियों और कलाकारों ने ग्रीस को यूरोपीय सभ्यता के पालने के रूप में सराहा और मुस्लिम साम्राज्य के खिलाफ उसके संघर्ष का समर्थन करने के लिए जनमत तैयार किया। अंत में, 1832 की कॉन्स्टेंटिनोपल की संधि ने ग्रीस को एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में मान्यता दी।
- फ्रैंकफर्ट संसद के बारे में बताइए?
उत्तर: यह विभिन्न जर्मन क्षेत्रों से संबंधित मध्यम वर्ग के पेशेवरों, व्यापारियों और समृद्ध कारीगरों द्वारा गठित एक अखिल जर्मन राष्ट्रीय सभा थी। यह 18 मई, 1848 को फ्रैंकफर्ट शहर के सेंट पॉल चर्च में आयोजित किया गया था। इस सभा ने एक जर्मन राष्ट्र के लिए एक संविधान का मसौदा तैयार किया जिसका नेतृत्व एक संसद के अधीन राजशाही द्वारा किया जाएगा। हालांकि, इसे अभिजात वर्ग और सेना के विरोध का सामना करना पड़ा। साथ ही, चूंकि इसमें मध्यम वर्ग का दबदबा था, इसलिए इसने अपना जन समर्थन आधार खो दिया। अंत में, इसे 31 मई, 1849 को भंग करने के लिए मजबूर किया गया।
- राष्ट्रवादी संघर्षों में महिलाओं की भूमिका का वर्णन कीजिए?
उत्तर: फ्रांसीसी क्रांति के कलात्मक प्रतिनिधित्व पुरुषों और महिलाओं को आंदोलन में समान रूप से भाग लेते हुए दिखाते हैं। स्वतंत्रता एक महिला के रूप में व्यक्त की जाती है; इसके अलावा, उदार राष्ट्रवाद ने सार्वभौमिक मताधिकार के विचार को प्रतिपादित किया, जिससे यूरोप में राष्ट्रवादी आंदोलनों में महिलाओं की सक्रिय भागीदारी हुई। यद्यपि महिलाओं ने राष्ट्रवादी संघर्षों में सक्रिय रूप से भाग लिया था, उन्हें बहुत कम या कोई राजनीतिक अधिकार नहीं दिया गया था; एक उदाहरण फ्रैंकफर्ट संसद है जहां महिलाओं को आगंतुकों की गैलरी में खड़े होने के लिए केवल पर्यवेक्षकों के रूप में भर्ती किया गया था।
- फ्रांसीसी लोगों में सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने क्या कदम उठाए?
उत्तर: फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। ला पेट्री (पितृभूमि) और ले सिटोयन (नागरिक) के विचारों ने एक संविधान के तहत समान अधिकारों का आनंद लेने वाले एक संयुक्त समुदाय की धारणा को लोकप्रिय बनाया। एक नए फ्रांसीसी ध्वज ने शाही मानक को बदल दिया। एस्टेट्स जनरल का नाम बदलकर नेशनल असेंबली कर दिया गया और इसे सक्रिय नागरिकों के एक समूह द्वारा चुना गया। एक केंद्रीय प्रशासनिक प्रणाली ने पूरे देश के लिए एक समान कानून बनाए, और राष्ट्रीय भाषा के रूप में फ्रेंच के पक्ष में क्षेत्रीय बोलियों को हतोत्साहित किया गया।
- मैरिएन और जर्मेनिया कौन थे? जिस तरह से उन्हें चित्रित किया गया उसका क्या महत्व था?
उत्तर: मैरिएन और जर्मनिया फ्रांसीसी और जर्मन राष्ट्र के लिए संबंधित महिला रूपक थे। वे ‘स्वतंत्रता’ और ‘गणतंत्र’ जैसे आदर्शों के व्यक्तित्व के रूप में खड़े थे। जिस तरह से उन्हें चित्रित किया गया उसका महत्व इस तथ्य में निहित है कि जनता उनके प्रतीकात्मक अर्थ के साथ पहचान कर सकती है, और इससे उनमें राष्ट्रीय एकता की भावना पैदा होगी।
- नेपोलियन ने अपने शासित प्रदेशों में प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने के लिए क्या परिवर्तन किए?
उत्तर: नेपोलियन ने अपने शासित प्रदेशों में प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने के लिए कई बदलाव किए। उन्होंने 1804 की नागरिक संहिता तैयार की, जिसे नेपोलियन संहिता भी कहा जाता है। इसने जन्म के आधार पर विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया। इस कानून ने कानून के समक्ष समानता स्थापित की, और संपत्ति का अधिकार भी सुरक्षित किया। नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजनों को छोटा कर दिया, सामंती व्यवस्था को समाप्त कर दिया, और किसानों को जागीरदारों और भूदासता से मुक्त कर दिया। परिवहन और संचार में भी सुधार हुआ।
- जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर: राष्ट्रवादी भावनाओं को अक्सर रूढ़िवादियों द्वारा राज्य सत्ता को बढ़ावा देने और यूरोप पर राजनीतिक वर्चस्व हासिल करने के लिए लामबंद किया गया था। यह उस प्रक्रिया में देखा जा सकता है जिसके द्वारा जर्मनी और इटली राष्ट्र-राज्यों के रूप में एकीकृत हुए। मध्यवर्गीय जर्मनों ने जर्मन परिसंघ के विभिन्न क्षेत्रों को एकजुट करने की कोशिश की, लेकिन प्रशिया के जंकर्स नामक बड़े जमींदारों के कार्यों के कारण उनकी योजनाएँ अमल में नहीं आईं। ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस के साथ सात वर्षों में तीन युद्ध प्रशिया की जीत में समाप्त हुए। जनवरी 1871 में, प्रशिया के राजा विलियम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया था।
जर्मनी में मुद्रा, बैंकिंग, कानूनी और न्यायिक व्यवस्था के आधुनिकीकरण को महत्व दिया गया।
E. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न (5 Marks)
1.स्पष्ट कीजिए कि उदारवादियों की 1848 की क्रांति का क्या अर्थ है। उदारवादियों द्वारा समर्थित राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक विचार क्या थे?
उत्तर: सन् 1848 में गरीबों के विद्रोह के समानांतर एक और क्रांति चल रही थी। शिक्षित मध्यम वर्ग के नेतृत्व में, कई यूरोपीय देशों में बेरोजगारों, भूखे किसानों और श्रमिकों ने उदारवादियों की इस क्रांति का अनुभव किया। फ्रांस में फरवरी 1848 की घटनाओं ने सम्राट के त्याग को जन्म दिया था और सार्वभौमिक पुरुष मताधिकार पर आधारित गणतंत्र की घोषणा की गई थी। यूरोप के अन्य हिस्सों में जहां स्वतंत्र राष्ट्र-राज्य अभी तक मौजूद नहीं थे – जैसे जर्मनी, इटली, पोलैंड, ऑस्ट्रो-हंगेरियन साम्राज्य उदार मध्यम वर्ग के पुरुषों और महिलाओं ने राष्ट्रीय एकीकरण के साथ संवैधानिकता की अपनी मांगों को जोड़ा। उन्होंने संसदीय सिद्धांतों पर एक राष्ट्र-राज्य के निर्माण के लिए अपनी मांगों को आगे बढ़ाने के लिए बढ़ती लोकप्रिय अशांति का लाभ उठाया – एक संविधान, प्रेस की स्वतंत्रता और संघ की स्वतंत्रता। महिलाओं को राजनीतिक अधिकार देने का मुद्दा उदारवादी आंदोलन के भीतर एक विवादास्पद मुद्दा था, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने वर्षों से सक्रिय रूप से भाग लिया था। महिलाओं ने अपने स्वयं के राजनीतिक संघ बनाए थे, समाचार पत्रों की स्थापना की थी और राजनीतिक बैठकों और प्रदर्शनों में भाग लिया था।
- यूरोप में लोगों ने राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति के योगदान को दर्शाने के लिए कौन से माध्यम चुनें?
उत्तर: भाषा: भाषा ने बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रूसी कब्जे के बाद, पोलिश भाषा को स्कूलों से बाहर कर दिया गया था, और रूसी भाषा को हर जगह लगाया गया था। पोलैंड में पादरियों ने भाषा को राष्ट्रीय प्रतिरोध के हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। चर्च की सभाओं और सभी धार्मिक निर्देशों के लिए पोलिश का उपयोग किया जाता था। पोलिश का उपयोग रूसी प्रभुत्व के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा।
स्वच्छंदतावाद: यह एक सांस्कृतिक आंदोलन था जिसने राष्ट्रवादी भावना के एक विशेष रूप को विकसित करने की मांग की थी। रोमांटिक कलाकारों और कवियों ने आमतौर पर तर्क और विज्ञान के महिमामंडन की आलोचना की और इसके बजाय भावनाओं, अंतर्ज्ञान और रहस्यवादी भावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने एक राष्ट्र के आधार के रूप में एक सामान्य सांस्कृतिक अतीत को चित्रित करने का प्रयास किया।
लोकगीत, लोकनृत्य, लोकगीत : उपरोक्त माध्यमों से राष्ट्र की सच्ची भावना को लोकप्रिय बनाया गया। इसलिए लोक संस्कृति के इन रूपों को इकट्ठा करना और रिकॉर्ड करना राष्ट्र निर्माण का एक अनिवार्य हिस्सा था
- किन्हीं दो देशों पर ध्यान केन्द्रित करते हुए स्पष्ट कीजिए कि उन्नीसवीं शताब्दी में राष्ट्रों का विकास कैसे हुआ।
उत्तर: जर्मनी
राष्ट्रवादी भावनाओं को अक्सर रूढ़िवादियों द्वारा राज्य सत्ता को बढ़ावा देने और यूरोप पर राजनीतिक वर्चस्व हासिल करने के लिए लामबंद किया गया था। यह उस प्रक्रिया में देखा जा सकता है जिसके द्वारा जर्मनी और इटली राष्ट्र-राज्यों के रूप में एकीकृत हुए।
मध्यवर्गीय जर्मनों ने जर्मन परिसंघ के विभिन्न क्षेत्रों को एकजुट करने की कोशिश की, लेकिन बड़े जमींदारों के कार्यों के कारण उनकी योजनाएँ अमल में नहीं आईं जिन्हें ‘प्रशिया के जंकर्स’ कहा जाता है। ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस के साथ सात वर्षों में तीन युद्ध प्रशिया की जीत में समाप्त हुए। जनवरी 1871 में, प्रशिया के राजा विलियम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया था। जर्मनी में मुद्रा, बैंकिंग, कानूनी और न्यायिक प्रणालियों के आधुनिकीकरण को महत्व दिया गया।
इटली
तीन महान नेताओं के समर्पण, योगदान और प्रयास: मैजिनी, कैवोर और गैरीबाल्डी ने इटली के एकीकरण में मदद की। इटली में राजनीतिक विखंडन का एक लंबा इतिहास रहा है। इटालियंस कई राजवंशीय राज्यों के साथ-साथ बहुराष्ट्रीय हैब्सबर्ग साम्राज्य में बिखरे हुए थे। उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य के दौरान, इटली सात राज्यों में विभाजित था, जिनमें से केवल एक, सार्डिनिया-पीडमोंट, पर एक इतालवी रियासत का शासन था।
उत्तर ऑस्ट्रियाई हैब्सबर्ग के अधीन था, केंद्र पर पोप का शासन था और दक्षिणी क्षेत्र स्पेन के बोर्बोन किंग्स के प्रभुत्व में थे। 1830 के दशक के दौरान, ग्यूसेप माज़िनी ने एकात्मक इतालवी गणराज्य के लिए एक कार्यक्रम तैयार करने की मांग की। उन्होंने अपने लक्ष्यों के प्रसार के लिए यंग इटली नामक एक गुप्त समाज का भी गठन किया। 1831 और 1848 दोनों में क्रांतिकारी विद्रोह की विफलता का मतलब था कि राजा विक्टर इमैनुएल II के तहत युद्ध के माध्यम से इटली का एकीकरण संभव हो सकता है। विक्टर इमैनुएल के मुख्यमंत्री कैवोर ने इस कार्य में उनका पूरा समर्थन किया। वह न तो क्रांतिकारी थे और न ही लोकतांत्रिक, लेकिन उन्होंने इतालवी क्षेत्रों को एकजुट करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया।
उसने फ्रांस के साथ एक सामरिक कूटनीतिक गठबंधन किया और 1859 में ऑस्ट्रियाई सेना को हराने में सफल रहा। नियमित सैनिकों के अलावा गैरीबाल्डी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सशस्त्र स्वयंसेवक मैदान में शामिल हुए। 1860 में, उन्होंने दक्षिण इटली और दो सिसिली के राज्य में चढ़ाई की, और स्पेनिश शासकों को बाहर निकालने के लिए स्थानीय किसानों का समर्थन जीतने में सफल रहे। अंत में, 1861 में इमैनुएल द्वितीय को संयुक्त इटली का राजा घोषित किया गया।
- फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों द्वारा शुरू किए गए उपायों और प्रथाओं का विश्लेषण करें।
उत्तर: फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान की भावना पैदा करने के लिए फ्रांसीसी क्रांतिकारियों द्वारा शुरू किए गए उपाय और प्रथाएं इस प्रकार थीं।
ला पेट्री (पितृभूमि) और ले सिटोयन (नागरिक) के विचार ने एक संविधान के तहत समान अधिकारों का आनंद लेने वाले एकजुट लोगों के विचार पर जोर दिया। पूर्व शाही मानक को बदलने के लिए एक नया फ्रांसीसी ध्वज, तिरंगा चुना गया था। एस्टेट्स जनरल को सक्रिय नागरिकों द्वारा चुना गया और इसका नाम बदलकर नेशनल असेंबली कर दिया गया। नए राष्ट्रगीत रचे गए, शपथ ली गई और राष्ट्र के नाम पर शहीदों को याद किया गया। क्षेत्रीय बोलियों को हतोत्साहित किया गया और फ्रेंच, जैसा कि पेरिस में बोली और लिखी जाती थी, राष्ट्र की आम भाषा बन गई।
एक केंद्रीकृत प्रशासनिक प्रणाली को व्यवहार में लाया गया और इसने अपने क्षेत्र के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून तैयार किया।
आंतरिक सीमा शुल्क और देय राशि को समाप्त कर दिया गया और बाट और माप की एक समान प्रणाली अपनाई गई।
- नेपोलियन ने फ्रांस में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया था, लेकिन प्रशासनिक क्षेत्र में उन्होंने पूरी व्यवस्था को अधिक तर्कसंगत और कुशल बनाने के लिए क्रांतिकारी सिद्धांतों को शामिल किया था। तर्कों के साथ कथन का विश्लेषण कीजिए?
उत्तर: नेपोलियन ने खुद को फ्रांस का सम्राट घोषित किया और लोकतंत्र को नष्ट कर दिया। प्रशासनिक क्षेत्र में उन्होंने क्रांतिकारी सिद्धांतों को शामिल किया, जो इस प्रकार थे।
- 1804 की नागरिक संहिता, जिसे नेपोलियन संहिता के रूप में भी जाना जाता है, ने जन्म के आधार पर सभी विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया, कानून के समक्ष समानता स्थापित की और संपत्ति का अधिकार दिया।
- कोड जो इटली, जर्मनी, स्विटजरलैंड जैसे फ्रांसीसी नियंत्रण के तहत क्षेत्रों में पेश किया गया था, सरल प्रशासनिक विभाजन, सामंती व्यवस्था को समाप्त कर दिया और किसानों को दासता और जागीरदार बकाया से मुक्त कर दिया,
- कस्बों में गिल्ड प्रतिबंध समाप्त हो गए।
- एक समान बाट और माप अपनाए गए।
- एक सामान्य राष्ट्रीय मुद्रा ने एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में माल और पूंजी की आवाजाही में मदद की।
- परिवहन और संचार प्रणालियों में सुधार किया गया।
- राष्ट्रवाद ने अब यूरोप में 19वीं शताब्दी की अंतिम तिमाही तक अपनी आदर्शवादी उदारवादी लोकतांत्रिक भावनाओं को बरकरार नहीं रखा। उदाहरण सहित कथन का विश्लेषण कीजिए?
उत्तर: उन्नीसवीं सदी के अंत में, राष्ट्रवाद अपर्याप्त अंत के साथ एक संकीर्ण विश्वास बन गया। इस अवधि में राष्ट्रवादी समूह एक-दूसरे के प्रति पूर्वाग्रह से ग्रसित होते गए और थोड़े से बहाने पर युद्ध छेड़ने के लिए तैयार हो गए। राष्ट्रवाद की पहचान अब अधिक क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करके, अपने प्रभाव क्षेत्र को बढ़ाने के साथ की गई थी। बाल्कन राज्य एक-दूसरे से ईर्ष्या करने लगे और दूसरों की कीमत पर इस क्षेत्र में अधिक नियंत्रण और शक्ति स्थापित करने के लिए संघर्ष में प्रवेश किया। मुख्य यूरोपीय अधिकारियों ने इसे एक अवसर के रूप में देखा और विषय लोगों की राष्ट्रवादी इच्छाओं में हेरफेर किया। यूरोपीय शक्तियाँ बाल्कन पर अन्य शक्तियों की पकड़ का मुकाबला करने के लिए उत्सुक थीं। उन्होंने बाल्कन मुद्दे को हल करने के लिए कुछ भी गंभीर नहीं किया बल्कि स्थिति को उनके लिए फलदायी होने के लिए देखा। सबसे गंभीर तनाव 1871 के बाद उभरा, जिससे युद्धों की एक श्रृंखला हुई और अंततः 1 9 14 में प्रथम विश्व युद्ध हुआ।
- यूरोप में फ्रांसीसी क्रांति के कारण राजनीतिक और संवैधानिक परिदृश्य में कौन सा बड़ा परिवर्तन हुआ? इस क्रांति का मुख्य उद्देश्य क्या था?
उत्तर: 1789 की फ्रांसीसी क्रांति के बाद हुआ प्रमुख राजनीतिक और संवैधानिक परिवर्तन पूर्ण सम्राट के शासन का अंत और राजशाही से फ्रांसीसी नागरिकों के एक निकाय को संप्रभुता का हस्तांतरण था।
क्रांति का उद्देश्य: फ्रांसीसी क्रांतिकारियों का मुख्य उद्देश्य संप्रभुता को राजशाही से फ्रांसीसी नागरिकों के एक निकाय में स्थानांतरित करना और फ्रांसीसी लोगों के बीच सामूहिक पहचान की भावना पैदा करना था।
- राष्ट्रवाद तब फैलता है जब लोग यह मानने लगते हैं कि वे सभी एक ही राष्ट्र के अंग हैं।” कथन का समर्थन करें।
उत्तर: राष्ट्रवाद शब्द का अर्थ साझी विरासत और समान पहचान और अपने राष्ट्र से संबंधित होने की भावना पर आधारित एकता की भावना से है।
- राष्ट्रवाद की भावना तभी फैल और विकसित हो सकती है जब लोग किसी बंधन या एकता की खोज करें जो उन्हें एक साथ बांधे।
- सामूहिक अपनेपन की भावना संयुक्त संघर्षों के अनुभव से विकसित होती है।
- विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक प्रक्रियाएँ हैं जिनके माध्यम से राष्ट्रवाद लोगों की कल्पना को पकड़ लेता है।
- इतिहास और कथा साहित्य, लोकगीत और गीत, लोकप्रिय प्रिंट और प्रतीक, सभी राष्ट्रवाद के प्रसार में भूमिका निभाते हैं।
- कोई भी छवि या प्रतीक जिसे राष्ट्र के रूप में पहचाना जाता है, उसे भी राष्ट्रीयता के प्रसार में एक बंधन और मदद के रूप में पहचाना जाता है।
- इटली के एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन करें?
उत्तर: 19वीं शताब्दी के मध्य में इटली को सात राज्यों में विभाजित किया गया था। जिस पर केवल सार्डिनिया-पीडमोंट पर इतालवी रियासत का शासन था।
इटली के एक महान क्रांतिकारी नेता मैजिनी ने एकल एकीकृत इटली की स्थापना के विचारों से युवाओं को प्रेरित किया। उन्होंने पोलैंड, फ्रांस, इटली और जर्मन राज्यों के समान विचारधारा वाले युवकों के साथ मार्सिले में यंग इटली और बर्न में यंग यूरोप जैसे गुप्त समाज स्थापित किए। माज़िनी ने एकीकरण की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कैवोर के लिए जमीन तैयार की। माज़िनी की विफलताओं की एक श्रृंखला के बाद, राजा विक्टर इमैनुएल द्वितीय ने युद्धों के माध्यम से इटली को एकजुट करने का काम किया।
1830 के दशक के दौरान, मैज़िनी ने इटली को एकजुट करने की मांग की। उन्होंने ‘यंग इटली’ नामक एक गुप्त समाज का गठन किया था, और यह विफल हो गया था। इसलिए, युद्ध के माध्यम से इतालवी राज्यों को एकजुट करने के लिए, अपने शासक राजा विक्टर इमैनुएल II के तहत सार्डिनिया-पीडमोंट पर जिम्मेदारी आगई।
1859 में ऑस्ट्रियाई सेना की हार हुई थी। सार्डिनिया-पीडमोंट के अलावा, बड़ी संख्या में स्वयंसेवक ग्यूसेप गैरीबाल्डी के नेतृत्व में इस कार्य में शामिल हुए थे। 1860 में, उन्होंने दक्षिण इटली की यात्रा की और स्पेनिश शासकों को हराने में कामयाब रहे। 1861 में, विक्टर इमैनुएल II को इटली का राजा घोषित किया गया था।
- ब्रिटेन के एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर: ब्रिटेन में एक राष्ट्र-राज्य का गठन अचानक हुई उथल-पुथल, क्रांति या राष्ट्रीय संघर्ष का परिणाम नहीं था बल्कि एक लंबी खींची गई संसदीय प्रक्रिया का परिणाम था। इंग्लैंड में अपनी सांस्कृतिक और राजनीतिक परंपराओं के साथ कई जातीय समूहों जैसे अंग्रेजी, वेल्श, स्कॉट और आयरिश के लोग थे। अंग्रेजी राष्ट्र के महत्व, धन और शक्ति में लगातार वृद्धि हुई और उसने द्वीप के अन्य देशों पर अपना प्रभाव बढ़ाया।
ब्रिटिश संसद, जिसने 1688 में राजशाही से सत्ता हथिया ली थी, वह साधन था जिसके माध्यम से एक राष्ट्र-राज्य, जिसके केंद्र में इंग्लैंड था, बेकार हो गया।
इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच 1707 के संघ के अधिनियम के परिणामस्वरूप यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन का गठन हुआ।
आयरलैंड, आयरिश कैथोलिक और ब्रिटिश प्रोटेस्टेंट के बीच लंबे समय तक संघर्ष के बाद, 1801 में जबरन यूनाइटेड किंगडम में शामिल किया गया था। नए ब्रिटेन के प्रतीकों-ब्रिटिश ध्वज (यूनियन जैक), राष्ट्रगान और अंग्रेजी भाषा-को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया गया था।
- 1815 के बाद क्रान्तिकारियों ने अनेक यूरोपीय राज्यों में अपने विचारों का प्रसार किस प्रकार किया। उदाहरण सहित व्याख्या कीजिए?
उत्तर: 1815 में विएना की कांग्रेस के बाद जब रूढ़िवादी शासन सत्ता में बहाल हुए, दमन के डर से कई उदारवादी लोग भूमिगत हो गए। क्रांतिकारियों को प्रशिक्षित करने और उनके विचारों का प्रसार करने के लिए यूरोपीय राज्यों में गुप्त समाजों का उदय हुआ।
कई क्रांतिकारियों ने राजशाही शासन का विरोध किया और अपने-अपने राज्यों की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी। ऐसा ही एक क्रांतिकारी इतालवी देशभक्त ग्यूसेप माज़िनी था, जिसे लिगुरिया में क्रांति का प्रयास करने के लिए 1831 में निर्वासन के लिए भेजा गया था। वह एक गुप्त समाज कार्बोनारी का सदस्य बन गया। उन्होंने दो भूमिगत समाजों की स्थापना की, पहला मार्सिले में यंग इटली और दूसरा बर्न में यंग यूरोप। उसके भूमिगत समाज में पोलैंड, फ्रांस, इटली, जर्मनी आदि के सदस्य थे। सदस्य राष्ट्र राज्यों के गठन में विश्वास करते थे और वे उदार विचारधारा वाले लोग थे।
इटली के उदाहरण के बाद, जर्मनी, फ्रांस स्विट्जरलैंड, पोलैंड में गुप्त समाज स्थापित किए गए। मैज़िनी की लोकतांत्रिक गणराज्यों की दृष्टि ने रूढ़िवादियों को भयभीत कर दिया।
- फ्रांसीसी क्रांति ने यूरोप के देशों को राष्ट्रवाद के लिए किस प्रकार प्रेरित किया?
उत्तर: जब फ्रांस की घटनाओं की खबर यूरोप के विभिन्न शहरों में पहुंची, तो छात्रों और शिक्षित मध्यम वर्ग के अन्य सदस्यों ने जैकोबिन क्लब स्थापित करना शुरू कर दिया। उनकी गतिविधियों और अभियानों ने फ्रांसीसी सेनाओं के लिए रास्ता तैयार किया जो 1790 के दशक में हॉलैंड, बेल्जियम, स्विटजरलैंड और इटली के अधिकांश हिस्सों में चले गए। क्रांतिकारी युद्धों के प्रकोप के साथ, फ्रांसीसी सेनाओं ने विदेशों में राष्ट्रवाद के विचार को अपने नियंत्रण में आने वाले क्षेत्र के व्यापक क्षेत्र में ले जाना शुरू कर दिया, नेपोलियन ने कई सुधारों को शुरू करने के बारे में बताया जो उन्होंने पहले ही फ्रांस में पेश किए थे। राजशाही में वापसी के माध्यम से नेपोलियन ने निस्संदेह फ्रांस में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया था, लेकिन प्रशासनिक क्षेत्र में उन्होंने पूरी व्यवस्था को अधिक तर्कसंगत और कुशल बनाने के लिए क्रांतिकारी सिद्धांतों को शामिल किया था।
- अभिजात वर्ग और नए मध्यम वर्ग के बीच अंतर का वर्णन करें?
उत्तर: सामाजिक और राजनीतिक रूप से, एक भू-अभिजात वर्ग महाद्वीप पर प्रमुख वर्ग था। यूरोप इस वर्ग के सदस्य जीवन के एक सामान्य तरीके से एकजुट थे जो क्षेत्रीय विभाजनों को काटते थे। उनके पास ग्रामीण इलाकों और शहर-घरों में संपत्तियां थीं। उन्होंने कूटनीति के उद्देश्यों और उच्च समाज में फ्रेंच भाषा बोली। पश्चिम में, अधिकांश भूमि काश्तकारों और छोटे मालिकों द्वारा खेती की जाती थी, जबकि पूर्वी और मध्य यूरोप में भूमि जोत के पैटर्न की विशेषता विशाल सम्पदा थी जो कि सर्फ़ों द्वारा खेती की जाती थी। 1750 के दशक में इंग्लैंड में अठारहवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में औद्योगीकरण शुरू हुआ, लेकिन फ्रांस और जर्मन के कुछ हिस्सों में। इसके मद्देनजर, नए सामाजिक समूह अस्तित्व में आए: एक श्रमिक वर्ग की आबादी, और मध्यम वर्ग जो उद्योगपतियों, व्यापारियों, पेशेवरों से बना था।
- समाज और अर्थव्यवस्था के अर्थ में उदारवाद क्या है?
उत्तर: ‘उदारवाद’ का अर्थ लैटिन मूल मुक्त से निकला है, जिसका अर्थ है मुक्त। नए मध्य वर्गों के लिए उदारवाद व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता और कानून के समक्ष सभी की समानता के लिए खड़ा था। उदार लोकतंत्र में कुछ राजनीतिक प्रयोग हैं जो वोट देने का अधिकार हैं और निर्वाचित होने का अधिकार विशेष रूप से संपत्ति के मालिक पुरुषों को दिया गया था। संपत्ति के बिना पुरुषों और सभी महिलाओं को राजनीतिक अधिकारों से बाहर रखा गया था। केवल एक संक्षिप्त अवधि के लिए जैकोबिन्स के तहत सभी वयस्क पुरुषों को मताधिकार प्राप्त था। हालाँकि, नेपोलियन संहिता सीमित मताधिकार पर वापस चली गई और महिलाओं को एक नाबालिग की स्थिति में कम कर दिया, पिता और पतियों के अधिकार के अधीन। उन्नीसवीं और बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में महिलाओं और गैर-संपत्ति पुरुषों ने समान राजनीतिक अधिकारों की मांग करते हुए विपक्षी आंदोलनों का आयोजन किया।
- पोलैंड का विभाजन कब हुआ और पोलैंड अब स्वतंत्र क्यों नहीं रहा?
उत्तर: अठारहवीं शताब्दी के अंत में महान शक्तियों – रूस, प्रशिया और ऑस्ट्रिया द्वारा पोलैंड का विभाजन किया जा रहा था। यद्यपि पोलैंड अब एक स्वतंत्र क्षेत्र के रूप में अस्तित्व में नहीं था, फिर भी संगीत और भाषा के माध्यम से राष्ट्रीय भावनाओं को जीवित रखा गया था। उदाहरण के लिए, करोल कुर्पिंस्की ने अपने ओपेरा और संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय संघर्ष का जश्न मनाया, पोलोनाइज और माजुरका जैसे लोक नृत्यों को राष्ट्रवादी प्रतीकों में बदल दिया, भाषा ने भी राष्ट्रवादी भावनाओं को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रूसी कब्जे के बाद, पोलिश भाषा को स्कूलों से बाहर कर दिया गया और रूसी भाषा को हर जगह थोपा गया। 1831 में, रूसी शासन के खिलाफ एक सशस्त्र विद्रोह हुआ जिसे अंततः कुचल दिया गया।
- भूख, कठिनाई और विद्रोह का वर्णन करें?
उत्तर: जब महान आर्थिक कठिनाई के वर्ष। 1830 के दशक में उन्नीसवीं सदी के पूर्वार्द्ध में पूरे यूरोप में जनसंख्या में भारी वृद्धि देखी गई। अधिकांश देशों में रोजगार की अपेक्षा रोजगार के अधिक चाहने वाले थे। ग्रामीण क्षेत्रों से आबादी भीड़-भाड़ वाली झुग्गियों में रहने के लिए शहरों की ओर पलायन कर गई। कस्बों में छोटे उत्पादकों को अक्सर इंग्लैंड से सस्ते मशीन-निर्मित सामानों के आयात से कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता था, जहां औद्योगीकरण महाद्वीप की तुलना में अधिक उन्नत था। यह कपड़ा उत्पादन में विशेष रूप से ऐसा था, जो मुख्य रूप से घरों या छोटी कार्यशालाओं में किया जाता था और केवल आंशिक रूप से यंत्रीकृत होता था। यूरोप के उन क्षेत्रों में जहां अभिजात वर्ग अभी भी सत्ता में था, किसान सामंती बकाया और दायित्वों के बोझ तले संघर्ष कर रहे थे। खाद्य कीमतों में वृद्धि या खराब फसल के एक वर्ष ने शहर और देश में व्यापक कंगालता को जन्म दिया।
- यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति का योगदान का वर्णन कीजिए?
उत्तर: यूरोप में राष्ट्रवाद के विकास में संस्कृति के योगदान को दर्शाने वाले निम्न तीन उदाहरण से समझ सकते हैं;
=> स्वच्छंदतावाद एक सांस्कृतिक आंदोलन था जिसने राष्ट्रवादी भावना के एक विशेष रूप को विकसित करने की मांग की।
=> रोमांटिक कलाकारों और कवियों ने भावनाओं, अंतर्ज्ञान और रहस्यमय भावनाओं पर ध्यान केंद्रित किया क्योंकि उनका प्रयास एक राष्ट्र के आधार के रूप में एक साझा सामूहिक विरासत, एक सामान्य सांस्कृतिक अतीत की भावना पैदा करना था।
=> लोकगीत, नृत्य और कविता को राष्ट्र की सच्ची भावना माना जाता था। इसलिए लोक संस्कृति के इन रूपों को एकत्र करना और रिकॉर्ड करना राष्ट्र-निर्माण की परियोजना के लिए आवश्यक था। स्थानीय भाषा और स्थानीय लोककथाओं के संग्रह का इस्तेमाल आधुनिक राष्ट्रवादी संदेश को बड़े पैमाने पर दर्शकों तक ले जाने के लिए किया जाता था, जो ज्यादातर निरक्षर थे।
उदाहरण के लिए, करोल कुर्पिंस्की ने अपने ओपेरा और संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय संघर्ष का जश्न मनाया, पोलोनीज़ और माज़ुरका जैसे लोक नृत्यों को राष्ट्रवादी प्रतीकों में बदल दिया।
=> राष्ट्रवादी भावनाओं को विकसित करने में भाषा ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रूसी आक्रमण के बाद, पोलिश भाषा को स्कूलों से बाहर कर दिया गया और रूसी भाषा को हर जगह लागू कर दिया गया। 1831 में रूसी शासन के खिलाफ एक सशस्त्र विद्रोह की विफलता के बाद, पोलैंड में पादरियों के कई सदस्यों ने भाषा को राष्ट्रीय प्रतिरोध के हथियार के रूप में इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। चर्च की सभाओं और सभी धार्मिक निर्देशों के लिए पोलिश का उपयोग किया जाता था। नतीजतन, बड़ी संख्या में पुजारियों और बिशपों को जेल में डाल दिया गया या रूसी अधिकारियों द्वारा रूसी में प्रचार करने से इनकार करने के लिए सजा के रूप में साइबेरिया भेजा गया। पोलिश भाषा के प्रयोग को रूसी प्रभुत्व के खिलाफ संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखा जाने लगा।
- किन्ही दो देशों के माध्यम से समझाइए कि 19वी शताब्दी में यूरोप में देशों का कैसे निर्माण हुआ?
उत्तर: हम जर्मनी और इटली के माध्यम से समझेंगे कि 19वी शताब्दी में यूरोप में देशों का कैसे निर्माण हुआ।
सेना की सहायता से जर्मनी का एकीकरण: 1848 में, जर्मन परिसंघ के विभिन्न क्षेत्रों को एक निर्वाचित संसद द्वारा शासित राष्ट्र-राज्य में एकजुट करने का प्रयास किया गया था। हालाँकि, इस उदार पहल को राजशाही और सेना की संयुक्त ताकतों द्वारा दबा दिया गया था, जिन्हें प्रशिया के बड़े जमींदारों का समर्थन प्राप्त था। इसके बाद, प्रशिया ने राष्ट्रीय एकीकरण के आंदोलन का नेतृत्व संभाला। इस प्रक्रिया में प्रशिया सेना और नौकरशाही की मदद से इसके मुख्यमंत्री, ओटो वॉन बिस्मार्क। ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और फ्रांस के साथ सात वर्षों में तीन युद्ध प्रशिया की जीत में समाप्त हुए और एकीकरण की प्रक्रिया को पूरा किया। जनवरी 1871 में, वर्साय में आयोजित एक समारोह में प्रशिया के राजा, विलियम प्रथम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया था।
एक रियासत द्वारा इटली का एकीकरण: 19वीं शताब्दी के मध्य में इटली सात राज्यों में विभाजित हो गया था। इनमें से केवल सार्डिनिया-पीडमोंट पर एक इतालवी रियासत का शासन था। उत्तर ऑस्ट्रियाई-हैब्सबर्ग साम्राज्य के अधीन था, केंद्र पर पोप का शासन था जबकि दक्षिणी क्षेत्रों में फ्रांस के बोर्बोन राजाओं का प्रभुत्व था। इसके अलावा, लतालियन भाषा में कई क्षेत्रीय और स्थानीय विविधताएँ थीं। 1830 के दशक में, ग्यूसेप माज़िनी ने एकात्मक इतालवी गणराज्य के लिए एक सुसंगत कार्यक्रम तैयार करने की मांग की और अपने लक्ष्यों की पूर्ति के लिए यंग इटली नामक एक गुप्त समाज की स्थापना भी की। 1831 और 1848 में क्रांतिकारी विद्रोह काफी हद तक विफल रहे। इस प्रकार, इतालवी राज्यों को एकजुट करने की जिम्मेदारी अब सार्डिनिया-पीडमोंट के राजा विक्टर इमैनुएल द्वितीय पर थी। इटली के मुख्यमंत्री, कैवोर ने इटली के क्षेत्रों को एकजुट करने के लिए आंदोलन का नेतृत्व किया। वह फ्रांस के साथ एक राजनयिक गठबंधन समाप्त करने में सक्षम था। इसके अलावा, सार्डिनिया-पीडमोंट 1859 में ऑस्ट्रियाई सेना को हराने में सफल रहे। नियमित सैनिकों के अलावा, ग्यूसेप गैरीबाल्डी के नेतृत्व में बड़ी संख्या में सशस्त्र स्वयंसेवक भी आंदोलन में शामिल हुए। 1860 में, इन सैनिकों ने दक्षिण इटली और दो सिसिली के राज्य में प्रवेश किया। इन क्षेत्रों को मुक्त कर दिया गया और बाद में सार्डिनिया में शामिल हो गए। 1870 में फ्रांस ने रोम को खाली कर दिया और यह सार्डिनिया का हिस्सा बन गया। अंतत: 1871 में इटली का एकीकरण हुआ।
- क्या यूरोप की तरह ब्रिटेन के राष्ट्रवाद का भी इतिहास था, स्पष्ट करें?
उत्तर: ब्रिटेन के राष्ट्रवाद का भी इतिहास यूरोप के राष्ट्रवाद के इतिहास से मेल खाता था, क्योंकि;
- ब्रिटेन में भी राज्यों की स्थापना किसी भी अचानक से हुई क्रांति या आंदोलन का परिणाम नहीं था।
- ब्रिटिश द्वीपों में रहने वाले लोगों की प्राथमिक पहचान जातीय थी – जैसे कि अंग्रेजी, वेल्श, स्कॉट या आयरिश।
- इंग्लैंड और स्कॉटलैंड के बीच संघ के अधिनियम (1707) के परिणामस्वरूप ‘यूनाइटेड किंगडम ऑफ ग्रेट ब्रिटेन’ का गठन हुआ, जिसका अर्थ था कि इंग्लैंड स्कॉटलैंड पर अपना प्रभाव थोपने में सक्षम था।
- स्कॉटलैंड की विशिष्ट संस्कृति और राजनीतिक संस्थानों को व्यवस्थित रूप से दबा दिया गया था। स्कॉटिश हाइलैंडर्स को अपनी गेलिक भाषा बोलने या अपनी राष्ट्रीय पोशाक पहनने से मना किया गया था और बड़ी संख्या में जबरन अपनी मातृभूमि से बाहर निकाल दिया गया था।
- अंग्रेजों ने आयरलैंड के प्रोटेस्टेंटों को बड़े पैमाने पर कैथोलिक देश पर अपना प्रभुत्व स्थापित करने में मदद की।
- ब्रिटिश प्रभुत्व के खिलाफ कैथोलिक विद्रोहों को दबा दिया गया। आयरलैंड को 1801 में जबरन यूनाइटेड किंगडम में शामिल किया गया था।
- नए ब्रिटेन के प्रतीकों – ब्रिटिश ध्वज, राष्ट्रगान, अंग्रेजी भाषा को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया गया और पुराने राष्ट्र इस संघ में अधीनस्थ भागीदारों के रूप में ही बचे।
- सिलेसियन बुनकरों के विद्रोह के कारणों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: सिलेसियन बुनकर के विद्रोह का कारण ठेकेदारों द्वारा बुनकरों की धोखाधड़ी थी। 1845 में बुनकरों ने उन ठेकेदारों के खिलाफ विद्रोह कर दिया, जो उन्हें तैयार रूप में कपड़ा बुनने के लिए कच्चे माल की आपूर्ति करते थे। ठेकेदारों ने अपने भुगतान में भारी कटौती की है। इस विद्रोह के लिए पत्रकार विल्हेम वोल्फ का दृष्टिकोण साथियों के रूप में था- वीवर की भीड़ ठेकेदार के घर पहुंच गई और उच्च मजदूरी की मांग की।
उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया गया, इसलिए भीड़ का एक समूह जबरन ठेकेदारों के घर में घुस गया और फर्नीचर, खिड़की के शीशे तोड़कर लूट लिया। इससे पता चलता है कि पत्रकार का दृष्टिकोण बुनकरों के खिलाफ और ठेकेदार के पक्ष में पक्षपाती था। दूसरी ओर, पत्रकार को विद्रोह का मूल कारण समझ में नहीं आया। वह बुनकरों की गरीबी को नहीं समझते थे।
- जर्मन एकीकरण की प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर: 1848 के बाद, यूरोप में राष्ट्रवाद लोकतंत्र और क्रांति के साथ जुड़ाव से दूर चला गया। राष्ट्रवादी भावनाओं को अक्सर रूढ़िवादियों द्वारा राज्य सत्ता को बढ़ावा देने और यूरोप पर राजनीतिक वर्चस्व हासिल करने के लिए लामबंद किया गया था। इस प्रकार, जर्मनी और इटली को राष्ट्र-राज्यों के रूप में एकीकृत किया गया जैसा कि नीचे बताया गया है:
- नेपोलियन के प्रशासनिक उपायों ने अनगिनत रियासतों में से 39 राज्यों का एक संघ बनाया था। इनमें से प्रत्येक की अपनी मुद्रा और बाट और माप थे।
- ऐसी परिस्थितियाँ नए वाणिज्यिक वर्गों द्वारा आर्थिक आदान-प्रदान और विकास में बाधाएँ थीं।
- 1834 में, एक सीमा शुल्क संघ या ज़ोलवेर की स्थापना की गई थी। इसने अपने सदस्यों के बीच मुक्त व्यापार की अनुमति दी। इसने आर्थिक मामलों में एक वास्तविक राष्ट्रीय एकता का निर्माण किया, ऐसे समय में जब जर्मनी राजनीतिक रूप से एकजुट नहीं था। आर्थिक राष्ट्रवाद की लहर ने व्यापक राष्ट्रवादी भावनाओं को मजबूत किया।
- फ्रांस में 1848 की क्रांति के परिणामस्वरूप, जर्मनी में जहां एक राष्ट्र राज्य मौजूद नहीं था, उदार मध्यम वर्ग के पुरुषों और महिलाओं ने संवैधानिकता और राष्ट्रीय एकीकरण की मांग उठाई।
- मई 1848 में, बड़ी संख्या में राजनीतिक संघों ने फ्रैंकफर्ट में एक अखिल जर्मन नेशनल असेंबली के लिए मतदान करने का फैसला किया और एक जर्मन राष्ट्र के लिए एक संसद के अधीन राजशाही के नेतृत्व में एक संविधान का मसौदा तैयार किया। प्रशिया के राजा को यह प्रस्ताव दिया गया था लेकिन उसने इसे अस्वीकार कर दिया। इस प्रकार, राष्ट्र निर्माण की उदार पहल विफल रही।
- इसके बाद जर्मनी के एकीकरण का कार्य प्रशिया और उसके मुख्यमंत्री ओटो वॉन बिस्मार्क ने अपने हाथ में ले लिया जो आधुनिक जर्मनी के वास्तुकार थे।
- बिस्मार्क ने ‘रक्त और लोहा’ की नीति का पालन किया। उसने प्रशिया की सेना और नौकरशाही की मदद से अपनी योजनाओं को अंजाम दिया।
- 1862 में, बिस्मार्क ने प्रुशन सेना का पुनर्गठन किया और युद्ध में प्रशिक्षण में सुधार किया। 1864 में उन्होंने डेनमार्क के दक्षिणी प्रांतों श्लीस्विग पर डेनमार्क से लड़ने के लिए ऑस्ट्रिया के साथ एक गठबंधन का निर्माण किया, जबकि ऑस्ट्रिया ने होल्स्टीन को प्रशासित किया। बिस्मार्क ने एक असंबंधित सीमा विवाद पर ऑस्ट्रिया के साथ संघर्ष को उकसाया और बाद के सात सप्ताह के युद्ध में, प्रशिया ने ऑस्ट्रिया को हराया। शांति संधि ने होल्स्टीन को प्रशिया में स्थानांतरित कर दिया और ऑस्ट्रिया को आधिकारिक तौर पर सभी जर्मन मामलों से खुद को हटाने के लिए मजबूर कर दिया।
- अगला फ्रांस के साथ युद्ध था। 1870 में, बिस्मार्क ने फ्रांसीसी राजदूत से एक नोट बनाया, जिसका अर्थ था कि राजदूत ने प्रशिया के राजा का अपमान किया था। दोनों आबादी के लिए इस पत्र को लीक करने के बाद, युद्ध के लिए रोना था। इस स्तर पर, दक्षिणी प्रांत प्रशिया के पक्ष में लामबंद हो गए। 1870 में फ्रांस ने प्रशिया के खिलाफ युद्ध की घोषणा की लेकिन हार गया। युद्ध के परिणामस्वरूप, अलसैस लोरेन को जर्मनी स्थानांतरित कर दिया गया।
- अंततः जनवरी 1871 में, वर्साय के महल में हॉल ऑफ मिरर्स में, प्रशिया के राजा विलियम को जर्मन सम्राट घोषित किया गया था। इस प्रकार, जर्मनी का एकीकरण पूरा हुआ। इसने प्रशिया राज्य सत्ता के प्रभुत्व को प्रदर्शित किया। यह बिस्मार्क की ‘रक्त और लोहे’ की नीति की जीत थी और इसने जर्मनी में सैन्यवाद और सत्तावाद को बढ़ावा दिया। नए राज्य ने जर्मनी में मुद्रा, बैंकिंग, कानूनी और न्यायिक प्रणालियों के आधुनिकीकरण पर जोर दिया। प्रशिया के उपाय और प्रथाएं अक्सर जर्मनी के बाकी हिस्सों के लिए एक मॉडल बन गईं।
- नेपोलियन ने अपने शासित प्रदेशों में प्रशासनिक व्यवस्था को और अधिक कुशल बनाने के लिए क्या परिवर्तन किए?
उत्तर: अपने नियंत्रण में आने वाले क्षेत्र के विस्तृत क्षेत्र के भीतर, नेपोलियन ने फ्रांस में पहले से ही शुरू किए गए कई सुधारों को शुरू करने के बारे में बताया। राजशाही में वापसी के माध्यम से नेपोलियन ने निस्संदेह फ्रांस में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया था, लेकिन प्रशासनिक क्षेत्र में उन्होंने पूरी व्यवस्था को अधिक तर्कसंगत और कुशल बनाने के लिए क्रांतिकारी सिद्धांतों को शामिल किया था।
1804 की नागरिक संहिता – जिसे आमतौर पर नेपोलियन कोड के रूप में जाना जाता है – ने जन्म के आधार पर सभी विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया, कानून के समक्ष समानता स्थापित की और संपत्ति का अधिकार सुरक्षित कर लिया। यह कोड फ्रांस के नियंत्रण वाले क्षेत्रों में निर्यात किया गया था। डच गणराज्य में, स्विट्जरलैंड में, इटली और जर्मनी में, नेपोलियन ने प्रशासनिक विभाजन को सरल बनाया, सामंती व्यवस्था को समाप्त कर दिया और किसानों को दासता और जागीरदारों से मुक्त कर दिया। कस्बों में भी, गिल्ड प्रतिबंध हटा दिए गए थे। परिवहन और संचार प्रणालियों में सुधार किया गया। किसानों, कारीगरों, श्रमिकों और नए व्यापारियों ने नई-नई आजादी का आनंद लिया।
व्यापारियों और माल के छोटे पैमाने के उत्पादकों ने, विशेष रूप से, यह महसूस करना शुरू कर दिया कि एक समान कानून, मानकीकृत बाट और माप, और एक सामान्य राष्ट्रीय मुद्रा एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में माल और पूंजी की आवाजाही और विनिमय की सुविधा प्रदान करेगी।
- बाल्कन में राष्ट्रवादी तनाव क्यों उभरे?
उत्तर: यद्यपि सभी देशों ने राष्ट्र-राज्यों के विचार को प्राकृतिक और सार्वभौमिक के रूप में स्वीकार किया, लेकिन हर जगह लोगों ने अपनी विशिष्ट किस्म के राष्ट्रवाद का विकास किया।
बाल्कन यूरोप में राष्ट्रवादी तनाव का सबसे गंभीर स्रोत था। यह एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है कि कैसे विद्रोही राष्ट्रवादियों ने अपनी लंबे समय से खोई हुई स्वतंत्रता को वापस पाने के लिए संघर्ष किया।
बाल्कन भौगोलिक और जातीय विविधताओं का एक क्षेत्र था जिसमें आधुनिक रोमानिया, बुल्गारिया, अल्बानिया, ग्रीस, मैसेडोनिया, क्रोएशिया, बोस्निया-हर्जेगोविना, स्लोवेनिया, सर्बिया और मोंटेनेग्रो शामिल थे। जातीय समूह के निवासियों को मोटे तौर पर स्लाव के रूप में जाना जाता था। बाल्कन का एक बड़ा हिस्सा लंबे समय से ओटोमन साम्राज्य के शासन में था। बाल्कन क्षेत्र की सामरिक स्थिति के कारण, यूरोप की शाही शक्तियाँ इस क्षेत्र पर अपना नियंत्रण बढ़ाना चाहती थीं।
इसलिए उन्होंने एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा की जिसके परिणामस्वरूप इन शक्तियों के बीच तीव्र संघर्ष हुआ। अन्य शक्तियों के वर्चस्व ने बाल्कन के लोगों को एक दूसरे से अलग कर दिया जो एक जातीय समूह के थे। ओटोमन साम्राज्य के विघटन के साथ बाल्कन में रोमांटिक राष्ट्रवाद के विचारों के प्रसार ने इस क्षेत्र को बहुत विस्फोटक बना दिया। इस प्रकार, बाल्कन क्षेत्र गहन संघर्षों का क्षेत्र बन गया, जिसके कारण इस क्षेत्र में युद्धों की एक श्रृंखला हुई और अंत में प्रथम विश्व युद्ध हुआ।