Class 7 NCERT Vasant Book Chapter Wise difficult word meanings
Here, the difficult words and their meanings of all the Chapters of CBSE Class 7 Hindi Vasant (Bhag-2) Book have been compiled for the convenience of the students. This is an exhaustive list of the difficult words and meanings of all the Chapters from the NCERT Class 7 Hindi Vasant Book. The difficult words’ meanings have been explained in an easy language so that every student can understand them easily.
- Chapter 1 हम पंछी उन्मुक्त गगन के (Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke )
- Chapter 2 दादी माँ (Dadi Maa)
- Chapter 3 हिमालय की बेटियाँ (Himalaya ki Betiyan)
- Chapter 4 कठपुतली (Kathputli)
- Chapter 5 मिठाईवाला (Mithaiwala)
- Chapter 6 रक्त और हमारा शरीर (Rakt aur Hamara Sharir)
- Chapter 7 पापा खो गए (Papa Kho Gaye)
- Chapter 8 शाम – एक किसान (Shyam ek Kisan)
- Chapter 9 चिड़िया की बच्ची (Chidiya ki Bacchi)
- Chapter 10 अपूर्व अनुभव (Apurv Anubhav)
- Chapter 11 रहीम के दोहे (Rahim Ke Dohe)
- Chapter 12 कंचा (Kancha)
- Chapter 13 एक तिनका (Ek Tinka)
- Chapter 14 खानपान की बदलती तसवीर (Khanpan Ki Badalti Tasveer)
- Chapter 15 नीलकंठ (Neelkanth)
- Chapter 16 भोर और बरखा (Bhore or Barkha)
- Chapter 17 वीर कुँवर सिंह (Veer Kunwar Singh)
- Chapter 18 संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज (Sangharsh Ke Karan Main Tunukmizaz Ho Gya: Dhanraj)
- Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय Ashram ka Anumanit Vyay)
- Chapter 20 विप्लव गायन (Viplav Gayan)
Chapter 1 – हम पंछी उन्मुक्त गगन के (Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke )
- अरमान – लालसा , इच्छा , कामना
- आकुल – बैचैन , परेशान
- आश्रय – रहने के स्थान
- उड़ान – उड़ने की कला
- उन्मुक्त – आज़ाद , खुले
- कटुक – कटु, कड़ुआ
- कनक – कटोरी – सोने की कटोरी
- कनक – सोना
- क्षितिज – जहाँ धरती और आसमान मिलते हुए प्रतीत होते हैं
- गगन – आसमान
- गगन की सीमा – क्षितिज
- गति – रफ़्तार
- छिन्न – भिन्न – नष्ट कर देना
- तनती साँसों को डोरी – प्राण पंखेरू उड़ जाना या प्राणों को न्योछावर करना
- तरु – पेड़
- तारक – आँख की पुतली , तारे के समान
- तीलियाँ – सलाखें
- निबोरी – नीम का फल
- नीड़ – घोसला
- पंछी – पक्षी
- पर – पंख
- पिंजरबद्ध – पिंजरे के अंदर बंद
- पुलकित – प्रेम , हर्ष या खुशी आदि से गद्गद् रोमांचित , नरम
- फुनगी – टहनियों
- विघ्न – रुकावट
- सीमाहीन – जिसकी कोई सीमा नहीं है
- स्वर्ण – श्रृंखला – सोने की जंजीर
- होड़ा – होड़ी – दूसरे के बराबर होने या दूसरे से बढ़ जाने का प्रयत्न
Chapter 2 – दादी माँ (Dadi Maa)
- अकसर – अधिकतर
- अगहन – अग्रहायण या मार्गशीर्ष मास
- अतुल – अमित , असीम , अत्यधिक
- अदृश्य – जो दिखाई न दे
- अधगली – जो पूरी तरह से सड़ा हुआ न हो
- अनमना – सा – उदासीन , बेमन का ,बेपरवाह , सुस्त
- अनुपस्थिति = अविद्यमानता या ग़ैरहाज़िरी
- अनुमान – अंदाज़ा , अटकल
- अप्रिय – जो प्यारा न हो , अरुचिकर
- अफ़सोस – दुःख , खेद
- अभयदान – भय से रक्षा का वचन देना , शरण देना
- अभिनय – आंगिक चेष्टाओं का कलात्मक प्रदर्शन , अनुकरण , नाटक
- आँचल – पल्ला (धोती, ओढ़नी आदि वस्त्र का एक सिरा)
- आगा – पीछा = अगला – पिछला
- आपत्ति – संकट , कष्ट , क्लेश , दुःख व अचानक आ गिरने वाली विपत्ति , आफ़त , मुसीबत
- उत्साह – उमंग , हौसला
- उरिन – ब्याज , कर्ज़ , कर देना , ॠण से मुक्त होना
- कड़ाके का जाड़ा – बहुत अधिक ठण्ड
- कतारें – पंक्तियाँ
- कार – परोजन – कार्य –प्रयोजन , काम –काज
- किनारीहीन – रुपहला – सुनहला गोटा जो कपड़ों के किनारे पर लगाया जाता है उससे रहित
- किसी पर बिगड़ना – किसी पर गुस्सा करना
- कुकुरमुत्ता – सीली जगहों पर उगने वाला एक पौधा
- कुनैन – मलेरिया ज्वर में दिया जाने वाला एक कड़वा सत
- क्वार – अश्विन का महीना
- खौलते हुए – उबलते हुए
- गँवई – गाँव का , गाँव में रहने वाला , गँवार
- गरज – स्वार्थजन्य इच्छा , आवश्यकता, ज़रूरत
- गुग्गल – सलई का पेड़ जिसमें धूप या राल निकलती है
- घिनौनी – घृणा का भाव , गंदगी का भाव
- घेऊर और बनप्याज – खेतों अथवा तालाबों में उगने वाली जंगली घास
- चबूतरा – ईंट या पत्थर से बनी ऊँची जगह
- चिउड़ा – एक प्रकार का चर्वण जो हरे, भिगोए या उबाले हुए धान को कूटने से बनता हैं ,चूरा
- ज़रा – सी – थोड़ी सी
- जलाशय – जल भरा हुआ गहरा स्थल, झील, तालाब।
- ज्वर – बुखार
- डाँवाडोल – इधर उधर हिलता डोलता हुआ , एक स्थिति पर न रहने वाला
- तिताई – तीखा होने की अवस्था या भाव
- दालान – बरामदा
- धुँधला – अपूर्ण अँधेरा , अस्पष्ट
- धूमिल – धुएँ के रंग का , धुँधला
- धोखे की टट्टी ( मुहावरा ) – भ्रम में डालने वाली तत्व – रहित वस्तु्
- नाना प्रकार की – अनेक प्रकार की , विभिन्न तरह की
- निस्तार – तैरकर पार होना , छुटकारा , उद्धार
- पछुवा – पश्चिम दिशा से चलने वाली हवा
- पाला – हवा में मिले हुए भाप के सूक्ष्म कण जो अधिक ठंड पड़ने पर सफ़ेद तह के रूप में पेड़–पौधों आदि पर जम जाते हैं, तुषार
- पुत्रोत्पत्ति – पुत्र की उत्पत्ति , पुत्र की प्राप्ति
- प्रतिकूलता – प्रतिकूल होने की अवस्था , विपरीतता , विरोध
- प्रसन्न – खुश
- प्रायः – अक्सर , करीब – करीब , लगभग
- बरबस – ज़बरदस्ती , बलपूर्वक , निरर्थक , व्यर्थ
- बरसाती घास – बरसात में उगने वाला घास
- बाहरी निकसार – बाहर के आँगन की जगह
- भंडाफोड़ – गोपनीय बात का प्रकट हो जाना , भेद प्रकट हो जाना , रहस्य प्रकट हो जाना
- मन मारना – स्वेच्छया अथवा विवशतावश अपनी इच्छाओं का दमन करना , इच्छा को रोकना
- महामारी – मरक , मरी ( जैसे – हैजा , चेचक महामारी का रूप है )
- मिश्रित – मिलाया हुआ
- मुँह में राम राम बगल में छुरी ( मुहावरा ) – मित्रता का ढोंग कर हानि पहुँचाना
- मोथा – जलीय भूमि में होने वाला एक क्षुप , औषध के काम में आनेवाली उक्त क्षुप की जड़
- रोज – दिन
- लवंग – लौंग नामक वृक्ष और उसकी कलियाँ
- लाई – धान या बाजरे आदि को भूनकर बनाया गया खाद्य पदार्थ
- वस्तुतः – यथार्थ , असल में
- वस्तुतः – यथार्थतः , असल में
- वात्याचक्र – बवंडर , आँधी
- विचित्र – अजीब , अनोखा
- विलंब – देर
- विलीन – लुप्त हुआ , अदृश्य , ओझल
- विशूचिका – विषूचिका , हैजा
- विह्नल – व्यस्त , जिसके कोई विशेष लक्षण या चिह्न न हों
- व्यय – खर्च
- शरद – शरद ऋतु , पतझड़
- शापभ्रष्ट देवी – जिसमें कोई दोष न हो
- शीत – ठण्ड
- शीतल – ठंडा
- शुभचिंतक – भलाई चाहने वाला , हितैषी
- श्राद्ध – पितरों के लिए श्रद्धा से किए गए मुक्ति कर्म , तृप्त करने की क्रिया और देवताओं , ऋषियों या पितरों को तंडुल या तिल मिश्रित जल अर्पित करने की क्रिया
- सदा – हमेशा
- सन – एक प्रसिद्ध पौधा जिसके रेशे से बोरे आदि बनते हैं
- सने – लिपटे हुए
- सन्नाटा – स्तब्धता , चुप्पी , मौन , निर्जनता
- सरसाम – बुखार की एक अवस्था जिसमें कफ, पित्त और वात एक साथ कुपित होकर बहुत उग्र रूप धारण कर लेते हैं , या त्रिदोष नामक रोग
- साईं – फूल , हर जगह , ईश्वर , भगवान शिव , साईं बाबा , स्वामी
- सिवान – गाँव की सीमावर्ती भूमि , सीमा पर स्थित प्रदेश
- सूद – ऋण के रूप में दिए गए धन पर मिलने वाला लाभ का अंश , ब्याज , (इंटरेस्ट)
- स्नेह – प्यार
- स्नेहपूर्ण – प्यार से भरी हुई
- स्वच्छ – साफ
- हाथापाई – हाथ और पाँव की सहायता से होने वाली मारपीट, झगड़ा या उठा – पटक
- हिलोरें – जल में उठने वाली तरंग या लहर , मौजें
- हुड़क – तड़पने की क्रिया या भाव , प्रिय चीज़ न मिलने पर की जाने वाली बच्चे की ज़िद
Chapter 3 – हिमालय की बेटियाँ (Himalaya ki Betiyan)
- अचरज – आश्चर्य , अनोखा
- अतृप्त – असंतुष्ट , प्यासा
- अधित्यकाएँ – पहाड़ के ऊपर की समतल भूमि
- अनुपम – उपमा रहित , सर्वोत्तम , बेजोड़
- आकर्षक – खींचनेवाला , प्रभावित या मोहित करने वाला
- उचट – ऊबना , विरक्ति ( मन का न लगना ) , ऊबने की क्रिया , विरक्त
- उपत्यकाएँ – घाटियाँ
- ख़याल – ध्यान , सोच – विचार , कल्पना
- खुमारी – सुस्ती , आलसपन
- गंभीर – गहरा , ऊँची और भारी
- जुदा – जुदा – अलग – अलग
- झिझक – संकोच , हिचक
- दयालु – दयावान् , कृपालु
- दरअसल – वस्तुतः , वास्तव में , असल में , हकीकत में
- नंग – धड़ंग – जिसके शरीर पर एक भी वस्त्र न हो , निर्वस्त्र
- नटखट – शरारती
- नटी – नट जाति की स्त्री , नाटक की अभिनेत्री
- नतीजा – फल , परिणाम , परीक्षाफल
- पट – वस्त्र , कपड़ा ,पोशाक
- पर्वतराज – पर्वतों का राजा
- प्रगतिशील – प्रगति करने वाला , आगे बढ़ने वाला
- प्रतिदान – वापस करना , बदले में दूसरी वस्तु देना , विनिमय
- प्रवाहित – बहाया हुआ , बहता हुआ
- प्रेयसी – प्रेमिका , पत्नी
- बंधुर – उतार – चढ़ाव वाली , ऊँची – नीची
- बलिहारी – क़ुर्बान जाना , निछावर होना
- बाललीला – बाल क्रीड़ा , बच्चों का खेल
- बेचैन – व्याकुल , बेकल
- भाव – भंगी – मन का भाव प्रकट करने वाला अंग – विक्षेप
- महानद – महानदी
- मुदित – प्रसन्न
- यक्ष – कुबेर के गणों और उनकी निधियों की रक्षा करनेवाली एक प्रकार की देवयोनि , कुबेर के सेवक
- रूपक – रूप से युक्त , रूपी , मूर्ति , चिह्न , लक्षण
- लीला निकेतन – लीला करने का घर , खेलने या शरारतियाँ करने का घर
- लुभावना – मनोहर , सुंदर
- लोकमाता – सारे संसार की माता
- विरही – वियोगी
- विराट – अत्यंत विशाल
- विस्मय – आश्चर्य
- श्रेय – कल्याण करने वाला , शुभदायक , उत्तम , श्रेष्ठ , बेहतर , अधिक बढ़कर
- संभ्रांत महिला – प्रतिष्ठित , सम्मानित
- सचेतन – विवेक युक्त प्राणी , चेतन
- सरसब्ज़ – हराभरा , लहलहाता हुआ
- सिर धुनना – पश्चाताप या शोक के कारण बहुत अधिक दुख प्रकट करना
- हर्ज – नुक़सान , हानि , बाधा , रुकावट
Chapter 4 – कठपुतली (Kathputli)
- इच्छा – चाह या भावना
- गुस्से से उबलना (मुहावरा ) – बहुत अधिक गुस्सा आना
- पाँव – पैर
- मन के छंद – मन में खुशी
Chapter 5 – मिठाईवाला (Mithaiwala)
- अंतर्व्यापी – बीच में फैला हुआ
- अठखेलियाँ – किलोल , इतराकर नाज़ के साथ चलना , अल्हड़पन ,मस्ती और विनोद से भरी चंचलता
- अतिशय – अत्यधिक , अधिकता , श्रेष्ठता
- अनुभव – प्रत्यक्षज्ञान , काम की जानकारी , तजुर्बा
- अनुमान – अटकल , अंदाज़ा , प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष का ज्ञान
- अप्रतिभ – प्रतिभाहीन , उदास
- असीम – जिसकी सीमा न हो , बेहद , बे हिसाब , अपार
- अस्थिर – जो स्थिर न हो , डाँवाँ डोल , चंचल , अनिश्चित , बे भरोसे का
- अस्थिर – जो स्थिर न हो , डाँवाँ डोल , चंचल , अनिश्चित , बे भरोसे का
- आजानुलंबित केश – राशि – घुटनों तक लंबें बाल
- इठलाना – इतराना , ऐंठ दिखाना , ठसक दिखाना , मटक – मटक कर चलना , अदा या नाज़–नखरा करना
- उत्सुक – अत्यधिक इच्छुक , बेचैन
- उद्यान – बाग़ , बग़ीचा
- उस्ताद – गुरु , शिक्षक , प्रवीण , विज्ञ
- औल देखो , मेला कैछा छुंदल ऐ – और देखो मेरा कैसा सुंदर है
- कंठ – गला
- कोलाहल – शोर , हल्ला
- क्षीण – जिसका क्षय हुआ हो , कमज़ोर , निर्बल
- गंभीरता – गहराई , ऊँचाई एवं भारीपन
- चाव – शौक , इच्छा
- चिक – घूँघट
- चिक की ओट – ऐसी आड़ या रोक जिसके पीछे कोई छिप सके या ऐसी वस्तु जिसके पीछे छिपने से सामने वाला व्यक्ति देख न सके
- चेष्टा – कोशिश , प्रयत्न , मनोभाव सूचित करने वाली शारीरिक चंचलता, अंगभंगिमा
- छज्जा – छत का आगे वाला भाग
- जरा सी बात – छोटी सी बात
- ज़ायक़ेदार – स्वादयुक्त , स्वादिष्ट
- तत्काल – तुरंत ही
- तरक़ीब – उपाय , युक्ति , ढंग , तरीका
- दस्तूर – प्रथा , रीति , कायदा , नियम , विधि
- धीरज – धैर्य
- निरखना – ध्यानपूर्वक देखना , निरीक्षण हेतु देखना
- परिचित – जिसकी जानकारी हो चुकी हो , जाना – बूझा , जिससे मेल – जोल हो
- पुलकित – प्रेम , हर्ष आदि से गद्गद् रोमांचित
- पैछे – पैसे
- पोपले मुँह – जिसके अंदर के दाँत टूट या निकल गये हों और इसी लिए अंदर से पोला हो गया हो
- प्रतिष्ठित – सम्मान प्राप्त , आदर प्राप्त , स्थापित
- बीकानेर – राजस्थान के दर्शनीय शहरों में से बीकानेर एक है
- भाव – मूल्य
- मादक – नशीला , नशा उत्पन्न करने वाला पदार्थ
- मास – महीना
- मृदुल – कोमल , मुलायम , दयालु
- मेला घोला कैछा छुंदल ऐ – मेरा घोड़ा कैसा सुंदर है
- मोलभाव – सौदा तय करना
- मोलभाव – सौदा तय करना
- युवतियाँ – महिलाएँ
- लागत – व्यय , विक्रय हेतु बनाई गई वस्तु पर पड़ा व्यय
- विचित्र – रंग बिरंगा , अजीब , अनोखा
- विस्मय – आश्चर्य , ताज़्ज़ुब , अचंभा , चमत्कारिक या आश्चर्यजनक वस्तु को देखकर उत्पन्न होने वाला भाव
- वैभव – ऐश्वर्य , धन–दौलत , सुख–शांति , शान–शौक़त
- व्यर्थ – बेकार में ही
- व्यवसाय – काम धंधा , पेशा , व्यापार , रोज़गार
- संतोष – तृप्ति , प्रसन्नता , हर्ष
- संशय – संदेह
- सजीव – जीव युक्त , जीवित , प्राणी , जीवधारी
- साफ़ा – पगड़ी
- स्नेहसिक्त – प्रेम से सिंचित , प्रेम से आप्लावित , स्नेह सिक्त वाणी , स्नेह सिक्त स्वर में कहना
- स्नेहाभिषिक्त – प्रेम में डूबा हुआ
- स्मरण – याद , स्मृति
- हरजा – नुकसान , हरजाना
- हर्ष – ख़ुशी
- हर्ष – गद्गद – बहुत अधिक प्रेम
- हिलोर – तरंग , जल में उठने वाली तरंग या लहर
Chapter 6 – रक्त और हमारा शरीर (Rakt aur Hamara Sharir)
- अवतल – नतोदर , बीच में दबा हुआ या गहरा
- आपातस्थिति – अचानक आई हुई संकट की स्थिति , ( इमरजेंसी ) ,.गिरना , गिराव , ऐसी घटना या स्थिति जिसकी कल्पना या संभावना न हो
- आश्चर्य – हैरानी
- एनीमिया – एनीमिया एक तरह की बीमारी है। जो रक्त की कमी से पीड़ित व्यक्ति को शरीर में लाल रक्त कोशिकाएं व और हीमोग्लोबिन की कमी से होती है। हीमोग्लोबिन रक्त की कोशिकाओं के लिए ऑक्सीजन आबद्ध करने के लिए आवश्यक होता है।
- गोश्त – माँस
- घाव – ज़ख़्म , क्षत , विकृत अंग
- जिज्ञासा – जानने की इच्छा
- दस्तक – हाथ का हल्का आघात , दरवाज़ा खटखटाना
- दूषित – गंदे
- द्रव – तरल , गीला , आर्द्र , तर , द्रव पदार्थ , आसव
- धावा बोलना ( मुहावरा ) – हमला करना
- नतीजा – परिणाम
- निराधार – बिना आधार का , निराश्रय , बेबुनियाद , निर्मूल
- बालूशाही – मैदे की बनी एक प्रसिद्ध मिठाई
- भानमती का पिटारा ( मुहावरा ) – बहुत तरह की वस्तुओं से भरा हुआ पिटारा , भाँति – भाँति की चीज़ों वाला पात्र
- मज्जा – शरीर के अंदर की नलीदार हड्डी के अंदर का गूदा
- यों तो – वैसे तो
- रक्त – खून
- रिपोर्ट – कार्य विवरण , विवरण , प्रतिवेदन
- लाभप्रद – लाभ दायक
- स्लाइड – काँच पट्टिका
Chapter 7 – पापा खो गए (Papa Kho Gaye)
- अकड़ – घमंड , कड़ापन
- अधखुली – आधी खुली हुई
- आड़ा – तिर्यक , तिरछा , पड़ा , क्षैतिज तल के समांतर , विकट , कठोर
- आश्चर्य – अचरज , अचंभा , हैरानी
- इर्द – गिर्द – इधर – उधर
- एकटक – बिना पलक गिराए
- ओट – आड़ ( जैसे – परदे की ओट में ) , रोक
- क़ब्ज़ा – अधिकार , दखल
- कर्कश – कठोर , निर्दय
- कायम – नियत स्थान पर ठहरा हुआ , स्थिर , निश्चित , मुकर्रर , निर्धारित , स्थायी , दृढ़ , बरकरार , स्थापित , प्रचलित , निर्मित
- गरूर – अभिमान , घमंड , गर्व , गुमान , नखरा
- गला रुँध् जाना – भावातिरेक के कारण गले आवाज़ न निकलना
- गश्त – पुलिस कर्मचारियों का पहरे के लिए घूमना , भ्रमण , फिरना
- गुप्त – छिपा हुआ , अपरिचित
- गौर से – ध्यान से
- घड़ीभर – थोड़ी देर
- चिंताग्रस्त – चिंता में डूबा हुआ , चिंता में पड़ा हुआ
- चुंगी – महसूल ( जैसे – माल ले जाने से पहले चुंगी देना ) , चंगुल भर वस्तु
- चुल्लू पानी – जितना पानी अपनी हथेली में आए , थोड़ा सा पानी
- चौकस– जो सचेत हो , जागरूक , सचेत , सावधान , दुरुस्त , ठीक
- जम्हाई – उबासी
- झट से – जल्दी से
- थपथपाना – थपकी देना , दुलारना , उत्साहवर्धन के लिए शाबाशी देना , धीरे से ठोंकना
- दाद देना – ( लोकोक्ति अथवा हिन्दी मुहावरा ) – कार्य या बात को प्रशंसनीय समझकर वाह वाह करना
- दाल में कुछ काला होना ( लोकोक्ति ) ( मुहावरा ) – किसी अवांछनीय घटना का खटका या आशंका होना
- दुष्ट – बुरे आचरण वाला , कुटिल मनोवृत्ति वाला , दुर्जन , बदमाश , नीच
- नासपीटा – गाली के रूप में प्रयुक्त , जिसका सर्वनाश हो जाए
- निस्तब्ध – निश्चेष्ट , गतिहीन
- प्राइवेट – निज का , आपसी , निजी
- प्रेक्षक – देखने वाला या निरीक्षण करने वाला व्यक्ति , दर्शक
- फोकट – निस्सार , मुफ़्त का
- बोरियत – ऊब
- भंगिमा – कलापूर्ण शारीरिक मुद्रा , अदा , कुटिलता , वक्रता
- भनभनाहट – गुंजार
- भयंकर – जिसे देखकर लोग भयभीत होते हों , आकार प्रकार की दृष्टि से उग्र तथा डरावना , बहुत अधिक तीव्र या प्रबल
- भाव – मुद्रा – भाव की दशा या अवस्था
- यत्न – कोशिश , प्रयत्न , उपाय , युक्ति
- यों ही – ऐसा ही
- व्याकुल – बेचैन , परेशान , व्यस्त
- संरक्षण – हिफ़ाज़त , पालना पोसना
- स्थिर – निश्चल , अचर , स्थायी
- स्वीकृतिसूचक – स्वीकृति की सूचना देने वाला
- हड़बड़ी – जल्दी , शीघ्रता , उतावलापन जल्दबाज़ी , उतावली , आतुरता
Chapter 8 – शाम – एक किसान (Shyam ek Kisan)
- अचानक – एक दम से , यकायक
- आकाश – आसमान , गगन
- औंधी – जिसका सिर या मुँह नीचे की ओर हो गया हो , पट , उलटा , नीचे की ओर झुका
- गल्ले–सा – समूह के समान
- चादर–सी – चादर के समान
- चिलम – हुक्के के ऊपर रखने वाली वस्तु
- दहक रही है – जल रही है
- पलाश – एक प्रकार का जंगली वृक्ष जिस पर लाल रंग के फूल लगते हैं
- साफ़ा – पगड़ी
- सिमटा – दुबका हुआ
Chapter 9 – चिड़िया की बच्ची (Chidiya ki Bacchi)
- अनगिनती – बे हिसाब , जिसकी कोई गिनती न हो
- अनसमझ – जो कुछ समझता बूझता न हो , विषय जो जाना या समझा हुआ न हो
- अभिरुचि – शौक , झुकाव
- असावधान – जो सावधान न हो , लापरवाह
- आन – आकर
- उजेला – उजाला
- एकाएक – अचानक , एकदम
- कोठी – पक्का एवं ऊँचा मकान , हवेली , थोक बिक्री की दुकान
- ग़लीचा – ऊन की मोटी चादर
- घटा – बादल
- चबूतरा – खुली हुई चौकोर और चौरस जगह , चौंतरा
- चिचियाना – चिल्लाना , चीखना , हल्ला करना
- चित्त – मन
- चित्र – विचित्र – जिसमें कई रंग हों , रंग बिरंगा
- चौकन्नी – चारों ओर की आहट लेता हुआ , सतर्क , चौकस , सावधान , होशियार , चौंका हुआ , सशंकित परंतु सशर्त
- छटा – शोभा , छवि , दीप्ति , चमक
- छनभर – क्षण भर , पल भर
- जतन – कोशिश , प्रयास , यत्न
- जात – जिसने जन्म लिया हो , उत्पन्न , जिसे कुछ उत्पन्न हुआ हो , पुत्र , बेटा , जीव , प्राणी
- ढाढ़स बँधा – किसी को दुख आदि में दिलासा देना
- तनिक – थोड़ा , अल्प , कुछ , ज़रा
- तृप्ति – आवश्यकता पूरी होने पर मिलनेवाली मानसिक शांति , तृप्त होने का भाव
- तृष्णा – प्यास , विशेष कामना रखने वाला
- थिरकना – चंचलता के साथ पैरों को उठाते , गिराते एवं हिलाते हुए नाचना , नाचते समय अंगों को हाव – भाव के साथ संचालित करना
- दास – दासियाँ – नौकर – नौकरानियाँ
- देह – शरीर
- निरी अनजान – जिसके बारे में कोई जानकारी न हो , अपरिचित , अजनबी
- पर – पंख
- पलभर – बहुत ही कम समय में , तुरंत
- प्रफुल्लित – खिला हुआ , कुसुमित , हँसता हुआ
- फ़र्शी – फ़र्श का , फ़र्श संबंधी
- बहार – बसंत ऋतु , आनंद , प्रफुल्लता
- बहुतेरी – बहुत सा , अधिक , बहुतेरा , बहुत , बहुत प्रकार से
- बाट – रास्ता
- बेखटक – बिना संकोच के , बेधड़क
- बोध – ज्ञान , जानकारी
- भयभीत – डरा हुआ
- भाँति – भाँति – रीति , किस्म , प्रकार , तरह , अनुसार , रंग–ढंग , सादृश्य , तर्ज़
- मसनद – गोल लंबोतरा तथा बड़ा तकिया , अमीरों के बैठने की गद्दी
- महामान्य – परम् माननीय , अति सम्मान वाला
- मालामाल – धन धान्य से संपन्न , समृद्ध , भरपूर
- रकाबी – गोल छोटी थाली , तश्तरी , घोड़े की बगल में लटकने वाली तलवार
- राह – रास्ता
- विनोद – चर्चा – ऐसा काम या बात जिसका मुख्य प्रयोजन अपना ( और दूसरे का भी ) मन बहलाना तथा प्रसन्न रखना होता है
- वीरान – उजड़ा हुआ , जनहीन , तबाह , बर्बाद
- व्यसन – बुरी आदत , लत ( जैसे – जुआ खेलने का व्यसन ) , पाप , दुराचरण
- संकोच – असमंजस , आगा पीछा , हिचक
- सटक – खिसकने का भाव , डंठल
- सत्ता – अस्तित्व , हस्ती , शक्ति , सामर्थ्य
- समूचा – सब , कुल , पूरा
- साँझ – शाम
- सुबकना – हिचकियाँ लेते हुए रोना
- सुहावना – सुंदर और सुखद
- सूना – खाली
- स्याह – काला
- हौज – पानी जमा रहने का चहबच्चा , मिट्टी आदि का बना हुआ नांद नामक अर्ध गोलाकार बड़ा पात्र
Chapter 10 – अपूर्व अनुभव (Apurv Anubhav)
- अकसर – अधिकतर , अकेला
- आमंत्रित – निमंत्रित , बुलाया हुआ , बुलाना , निमंत्रण देना
- आरामदेह – आरामदायक , आराम देने वाला
- उत्तेजित – जिसमें उत्तेजना आई हो , उकसाया हुआ , भड़काया हुआ , उत्तेजना से भरा हुआ , प्रेरित , प्रोत्साहित
- उत्साह – उमंग , हौसला , चेष्टा
- उमंग – उल्लास , मौज , ख़ुशी
- उल्लास – खुशी , हर्ष , उमंग
- घसीटना – वस्तु को इस प्रकार खींचना कि वह रगड़ खाती हुई खींचने वाले की तरफ बढ़ती जाये , शामिल करना
- जोखिम – हानि , अनिष्ट , घाटे की संभावना , ख़तरा , संकट
- झिझकना – झिझकने की क्रिया या भाव , किसी कार्य में लज्जा या भय आदि के कारण होने वाला संकोच , हिचक
- ठिठियाकर – ठहाका मार कर हंसना
- डगमगाना – क़दम ठीक से न पड़ना , ज़ोर से इधर–उधर हिलना–डुलना , डगमग करने लगना , विचलित करना
- तर–बतर – अधिक भीगा हुआ
- ताप – गर्मी , तपिश , आँच
- तिपाई – तीन पायों वाली बैठने की चौकी , तीन पैरों वाली
- तोमोए – जापान का एक गाँव
- द्विशाखा – पेड़ के तने का वह भाग है जहाँ से दो मोटी–मोटी डालियाँ एक साथ निकलती हैं
- धकियाना – ढकेलना , धक्का देना , प्रोत्साहित करना
- धरने – रखने
- नाज़ुक – कोमल , सुकुमार , पतला , महीन
- निजी संपत्ति – वैयक्तिक उपयोग की वस्तुएं , अर्जित आय तथा बचत साथ ही उत्पादन के कतिपय साधन जो व्यक्तिगत रूप से इस्तेमाल किए जाते हैं ,
- निश्चय – संकल्प करना , प्रस्ताव , रिजोल्यूशन , निश्चित रूप से , अवश्य
- न्योता – किसी आयोजन में सम्मिलित होने के लिए किसी को बुलाना , निमंत्रण
- भरोसा – आत्मविश्वास , विश्वास , पक्की आशा , आस्था , आश्रय , सहारा , अवलंब
- भेद – रहस्य , राज
- भेद – राज़ , छेदना , अंतर , बिलगाव
- रुलाई – रोने का भाव , रोने की प्रवृत्ति
- लुभावनी – मोहक , सुंदर , आकर्षक
- शिविर – सैनिक पड़ाव , खेमा
- शिष्टता – सभ्य , शिष्ट आचरण
- सभागार – वह स्थान जहाँ सभा होती है , सभाभवन , सभागृह या ऑडिटोरियम
- साहस – हिम्मत , उग्रता , प्रचंडता
- सूना – जनहीन , एकांत स्थान , खाली
- स्थिर – निश्चल , अचर , स्थायी
- हताशा – निराशा , दुःख , निष्फलता
- हरेक – हर एक, प्रत्येक
- हार्दिक इच्छा – अभिलाषा , चाह , ख़्वाहिश , तमन्ना , कामना , इष्ट , प्रिय या सुखद वस्तु को प्राप्त करने की मनोवृत्ति , तृप्ति या संतोष के लिए मन में होने वाली चाह
Chapter 11 – रहीम के दोहे (Rahim Ke Dohe)
- करैं – करना
- कसे – काम आना
- कहि – कहना
- काज – कार्य , काम , प्रयोजन
- क्वार – अशिवन का महीना
- खात – खाना
- घहरात – गरजना
- घाम – सूर्य का प्रकाश , धूप , कष्ट , विपत्ति
- छोह – प्रेम , स्नेह , कृपा , दया
- ज्यों – जैसे
- तऊ – तब भी , तथापि
- तजि – त्याग करना
- तरुवर – वृक्ष , पेड़
- त्यों – वैसे
- थोथा – तत्वरहित , निकम्मा , बेढंगा , भद्दा
- देह – शरीर
- धनी – अमीर
- निर्धन – गरीब
- नीर – जल , पानी
- पाछिली – पिछली
- पान – पानी
- पियहि – पीना
- बनत – बनना
- बहि – बह जाना
- बहु – सारे , अधिक
- बादर – बादल
- बिपति – कसौटी – मुसीबत के समय
- भये – हो जाना
- मछरी – मछली
- मीत – मित्र
- मीनन – मछली
- मेह – वर्षा , बादल
- मोह – प्यार , प्रेम
- रीत – प्रथा , रिवाज , परंपरा
- रीति – रीति–रिवाज
- सँचहि – संचित किया हुआ , इकठ्ठा किया हुआ
- सगे – सगे–संबंधी
- सरवर – नदी , तालाब
- सहि – सहन करना
- सांचे – सच्चा
- सीत – सहनशक्ति
- सुजान – सज्जन , अच्छे व्यक्ति
- सोई – वही
- हित – भलाई , उपकार , कल्याण , मंगल
Chapter 12 – कंचा (Kancha)
- अनुभव – प्रत्यक्षज्ञान , काम की जानकारी , तजुर्बा
- आँखों में चिंगारियां सुलगना – (मुहावरे का अर्थ ) – बहुत गुस्सा आना
- आकृष्ट – खिंचा हुआ , आकर्षित , सम्मोहित हुआ
- एकाएक – अचानक , एकदम
- कंठ – गला
- कच्चा खा जाना (मुहावरा ) – मार ड़ालना , नष्ट करना
- क़तार – पंक्ति , क्रम , सिलसिला
- कर्मठ – काम में कुशल , अच्छी तरह काम करने वाला
- क्षणभर – पलभर , संकाय
- खनकना – धातुओं या बरतनों के आपस में टकराने से होने वाली ध्वनि
- ख़ामोश – चुप , मौन ,शांत
- खुशी के बुलबुले उठना – बहुत खुश होना
- गुस्सा हवा हो जाना ( लोकोक्ति – मुहावरा ) – क्रोध जाता रहना
- चिकोटी – चुटकी
- चिपटना – चिपकना , सटना , चिमटना
- चौंक – चौंकने की क्रिया
- चौंकना – यकायक उत्तेजित एवं विकल हो उठना , सहसा घबरा जाना
- जन – लोग , आदमी
- झिझकना – संकोच करना
- टुकर – टुकर – एकटक , नज़रें गड़ाकर अथवा टकटकी लगाकर ललचाई हुई दृष्टि से या मज़बूरी के साथ देखना
- डेढ़ – पूरा एक और आधा , जो गिनती में 1½ हो
- थामना – पकड़ना
- दाँतों तले उँगली दबाना ( मुहावरा ) – दग रह जाना या हैरान हो जाना
- धीरज – धैर्य , संयम
- निश्चय – संकल्प करना , प्रस्ताव , रिजोल्यूशन , निश्चित रूप से , अवश्य
- निषेध – मना करना , रोक , बाधा
- नौ दो ग्यारह होना ( मुहावरे का अर्थ ) – भाग जाना
- पीपा – काठ , लोहे का ढोल के आकार का बना हुआ बड़ा पात्र
- पृष्ठ – पन्ना
- पोटली – छोटी गठरी , छोटी थैली
- फाटक – बड़ा दरवाज़ा , सिंहद्वार , मवेशीख़ाना , काँजीहौस
- बस्ता – बेग , पुस्तकें रखने का थैला
- बुद्धू – मूर्ख , गँवार , निर्बुद्धि
- बेंत – मज़बूत और लचीले डंठलवाली लता , बेंत की छड़ी
- बेवकूफ – नासमझ , निर्बुद्धि
- मग्न – डूबा हुआ , तन्मय , लीन
- मात – मरा हुआ , हारा हुआ , पराजित , शतरंज के खेल में बादशाह को मिलनेवाली शह , पराजय
- यों – इस प्रकार से , साधारण रूप में
- यों ही – ऐसे ही
- रक़म – संपत्ति , दौलत , रुपया , पैसा
- विदा – प्रस्थान , रवाना होना
- शंका – आशंका , भय , संशय
- शक – शंका , आशंका , संदेह , भ्रम
- शोरगुल – हल्ला
- सकपकाना – चकित होना , असमंजस में पड़ना , दुविधाग्रस्त होना , घबराना , सकुचाना
- सकपकाना – चकित होना , चकपकाना , हिचकना , चकित करना , असमंजस में डालना
- सबक़ – पाठ , शिक्षा , नसीहत
- सम्मिलित – मिलाया हुआ , सामूहिक
- सिवा – अलावा , अतिरिक्त
- सींखचे – लोहे या इस्पात की लंबी – मोटी छड़ , छोटी सलाख़ , सरिया
- सुबकना – हिचकियाँ लेते हुए रोना
- सैंतीस – तीस और सात , ‘ 37 ’
- स्पर्श – छूना , संपर्क ज्ञान
- स्लेट – एक भूगर्भीय शैल या चट्टान , पत्थर या लकड़ी का तराशा हुआ चौड़ा टुकड़ा
- हड़बड़ी – जल्द , शीघ्रता , उतावलापन , जल्दबाज़ी , उतावली , आतुरता
Chapter 13 – एक तिनका (Ek Tinka)
- अचानक – एकदम से
- ऐंठ – अकड़ , गर्व , हठ
- ऐंठ – घमंड
- घमंड – अभिमान , अकड़बाज़ , डींग मारने वाला
- झिझक – संकोच , किसी कार्य में लज्जा या भय आदि के कारण होने वाला संकोच , हिचक
- ढब – ढंग , तरीका , कोई कार्य करने की विशेष प्रक्रिया , युक्ति , उपाय
- ताने – व्यंग्यपूर्ण वाक्य , बुरा भला कहना , निन्दा करना
- तिनका – सुखे घास का छोटा सा हिस्सा
- दबे पाँव आना / जाना (मुहावरा ) – बिना आहट किए आना / जाना
- बेचैन – चिन्तित , व्याकुल , उत्सुक , बेसब्र , उतावला , अधीर
- मुंडेर – छज्जा ( छत का निचला हिस्सा )
- मूँठ – किसी वस्तु को मट्ठी भर का आकार देना
- यों – इस तरह
Chapter 14 – खानपान की बदलती तसवीर (Khanpan Ki Badalti Tasveer)
- अंकुरित – जिसका अंकुर निकल आया हो , अंकुरयुक्त , आरंभ , उत्पन्न , उद्भूत
- अचरज – हैरानी
- अजनबी – जो स्थान आदि से परिचित न हो अथवा जिससे लोग परिचित न हो
- अवसर – मौका
- उद्योग – व्यापार , उद्यम , कारख़ाना , ( इंडस्ट्री )
- एथनिक – सामान्य नस्लीय , राष्ट्रीय , भाषाई , या सांस्कृतिक मूल या पृष्ठभूमि
- कमरतोड़ – अत्यधिक कठिन
- खानपान – भोजन सम्बन्धी
- गड्डमड्ड – मिली – जुली , अव्यवस्थित , बिना किसी क्रम के , बेमेल , बेतरतीब
- गुणवत्ता – गुणों से युक्त , योग्यता
- जटिल – क्लिष्ट , उलझा हुआ , मुश्किल , कठिन
- टिफ़िन – दोपहर का भोजन रखने का डिब्बा
- टू मिनट्स नूडल्स – दो मिनट में तैयार होने वाली नूडल्स
- तथाकथित – तथाकथ्य , नाम भर का , कहने भर का , नाम चार का
- तबादला – परहस्त , तबदीली , समर्पण , स्थानांतर करना
- तलना – तेल में भोजन पकाना
- तलाश – खोज
- दुःसाध्य – दुष्कर , कठिन काम जिसे करना कठिन हो , जो मुश्किल से हो सके , जो बहुत दूर हो , जो बात अनुमान में न आ सके
- दुर्गति – बुरी गति , दुर्दशा , बुरा हाल , जिल्लत
- दुर्भाग्य – बुरा भाग्य , भाग्य के विपरीत
- दृष्टि – नज़र
- नाश्ते – सुबह का भोजन
- निखालिस – अशुद्ध , बुरा
- परिचित – जिसका परिचय प्राप्त हो , जिसे जानते हों , जाना – पहचाना हुआ , समझा हुआ , ज्ञात , जिससे जान – पहचान या मेलजोल हो
- पुनरुद्धार – पुनःस्थापन , फिर से स्थापित करना , फिर से उत्पन्न करना
- पैकेटबंद – पैकेट में बंद
- प्रचारार्थ – प्रचार करने वाला , विस्तार करने वाला , फैलाने वाला , प्रसारित करने वाला
- प्रभावित – असर
- प्रीतिभोजों – ख़ुशी के मौके पर दिया जाने वाला भोजन
- फ़र्क – असर
- फुरसत – समय , वक्त , मौका , क्षण
- भलीभाँति – भरपूर , पूरी तरह से , परिपूर्ण , संतुष्ट
- भागमभाग – अस्तव्यस्थता
- मसलन – उदाहरणस्वरूप , उदाहरणार्थ , मिसाल के तौर पर
- मिश्रित – मिला – जुला , ( मिक्स्ड )
- रसभरी – रस से भरी हुई या स्वाद से भरी हुई
- राज – शासन
- वंचित – हीन , रहित , विमुख
- विज्ञापित – जो सूचित किया गया हो , जिसका ज्ञापन हुआ हो , जिसका प्रचार किया गया हो
- विभिन्न – कई तरह के , तरह – तरह के
- विविध – कई तरह के , भिन्न–भिन्न प्रकार के , विभिन्न , भाँति – भाँति के , मिला – जुला , अनेक
- विविधता – अनेकरूपता , अनेकता
- व्यंजन – भोजन , आहार , अन्न , रोटी
- संभवतः – संभव है कि , मुमकिन है कि , संभावना है कि, हो सकता है कि
- संस्कृति – संस्कृति हमारे द्वारा सीखा गया वह व्यवहार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होता रहता है , कल्चर ( culture )
- सकारात्मक – जो सार्थक हो , जो नकारात्मक न हो , निश्चित और स्थिर स्वरूप वाला , निश्चयी , ( पॉजिटिव )
- सरसता – रसीलापन , रसिकता , सुंदरता , मधुरता , मिठास
- सुविधा – सुगमता , सहूलियत , सरलता
- सेंकना – आग पर भोजन पकाना
- स्वाभाविक – प्राकृतिक , कुदरती , नैसर्गिक , अकृत्रिम ( नैचुरल )
Chapter 15 – नीलकंठ (Neelkanth)
- अतिथि – मेहमान
- अधर – नीचे का होंठ , शून्य , अंतरिक्ष , शरीर का निचला भाग
- अनधिकार – निषिद्ध , अप्राधिकृत , बेकायदा , अधिकार का न होना या प्रभुत्व का अभाव
- अनुभवहीनता – अनुभवशून्यता , अनुभव आदि का न होना , संवेदनहीनता
- अनुमान – अटकल , अंदाज़ा , प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष का ज्ञान
- अनुसरण – पीछे चलना , अनुकरण , अनुकूल आचरण
- अप्रसन्न – जो प्रसन्न न हो , नाख़ुश , दुखी , रुष्ट , नाराज़ , नाख़ुशी , नाराज़गी
- अभिमानिनी – अहंकारा , घमंड़ी , दर्पी , अपने को कुछ लगाने वाला
- अलक्ष्य – जिसे लक्ष्य न बनाया गया हो अथवा जिस पर ध्यान न दिया गया हो , जो चिह्नित न किया जा सके , चिह्नरहित , अज्ञेय
- अलापने – सुर खींचना , तान लगाना , गाने से पहले आवाज़ का उतार चढ़ाव करना , लय ठीक करना , सुर मिलना , तकलीफ़ से कराहना , चीख़ना
- अशोक – वर्ष भर हरा रहने वाला एक वृक्ष , कटुक
- असह्य – असहनीय , असहनशीलता , असहजता , असहज , असम्मिलित , असम्माननीय
- असामान्य – जो सामान्य न हो , असाधारण , गैरमामूली , भिन्न , विचित्र , विक्षिप्त
- अस्तु – जो भी हो , ऐसा हो , ख़ैर
- आक्रमण – आक्रमणीय , आक्रमित , आक्रांत ,बलपूर्वक सीमा का उल्लंघन करना , हमला , चढ़ाई
- आगमन – प्रवेश ,आना
- आनंदोत्सव – आनंद मनाना , ख़ुशी का उत्सव , जश्न
- आरंभ – प्रारंभ , शुभारंभ , प्रस्थान , शुरुआत
- आर्तक्रंदन – दिल की अतल गहराई से निकल कर , दबी , धीमी आवाज़ में , करुणा और व्यथा से लिप्त
- आलेखन – लेखन – क्रिया , लिखना , तस्वीर बनाना , चित्रांकन
- आविर्भूत – प्रकाश , प्राकटय , उत्पति
- आश्वस्त – निश्चित , धैर्यपूर्ण , विश्वस्त
- इल्ली – चींटियों , कीट – पतंगों , तितलियों आदि के अंडे से निकलने के बाद की अवस्था , रेंगकर चलने वाला एक छोटा – पतला सफ़ेद कीड़ा
- ईमान – धर्म , श्रद्धा , निष्ठा , यक़ीन , मज़हब
- उद्दीप्त – भड़काया अथवा जगाया हुआ , उत्तेजित , प्रज्वलित , चमकता हुआ। चमकीला , जाग्रत किया हुआ
- उष्णता – तपन , गरमी , ताप
- एकत्र – एक स्थान पर जमा , इकट्ठा , एक जगह संगृहीत
- कदाचित – सम्भव है , हो सकता है , मुमकिन है , शायद
- कमबख्त – कम किस्मत वाला , बुरी किस्मत वाला
- करुण – करुणायुक्त , करुणा उत्पन्न करने वाला , दुःख
- कर्णवेध – कान को छेदना
- कलगी – कुछ पक्षियों के सिर पर बने परों , बालों आदि का गुच्छा , टोपी – पगड़ी या ताज पर लगाए जाने वाले सुंदर एवं कोमल गुच्छे , मुर्गे या मोर के सिर पर की चोटी
- कलह – कोलाहल – लड़ाई–झगड़ा , शोर – शराबा
- कायाकल्प – कायापलट , शरीर – कल्प , काया – कल्प, पुनरुद्धार
- कुतूहल – क्रींडा , खिलवाड़ ,आश्चर्य , अचंभा
- केका – मयूर की बोली , मोर की कूक या पुकार
- क्रमशः – . नियत क्रम के अनुसार , क्रमानुसार , बारी – बारी से , एक – एक कर के , धीरे – धीरे , थोड़ा – थोड़ा कर के
- क्रूर – निर्दय , हिंसक कार्य करने वाला
- खासियत – गुण , विशिष्टता , विशेषता
- गरिमा – गुरुत्त्व , भारीपन , महत्व , गौरव , गर्व , शेखी , आत्मश्लाघा
- गर्जन – बादलों की गड़गड़ाहट , गुस्सा , युद्ध , फटकार , भर्त्सना
- गूँज – अनुगूँज – प्रतिध्वनि , टकरा कर लौटने वाली ध्वनि , देर तक बरकरार रहने वाली ध्वनि
- ग्रीवा – सिर व धड़ को जोड़ने वाला शरीर का भाग , गला , गरदन
- चंचु – प्रहार – चोंच से हमला
- चमत्कारिक – अलौकिक , विलक्षण
- चिड़ीमार – पक्षियों को पकड़ के कैद करने वाला , पक्षियों को मारने वाला , पक्षियों का क्रय – विक्रय करने वाला
- चौकन्ने – चारों ओर की आहट लेता हुआ , सतर्क , चौकस , सावधान , होशियार
- चौखट – लकड़ी या लोहे का वह चौकोर ढाँचा या फ्रेम जिसमें किवाड़ के पल्ले लगाए जाते हैं , देहली , देहरी , मर्यादा , सीमा
- छटपटाना – पीड़ा के कारण हाथ – पैर पटकना , फेंकना , कराहना , तड़फड़ाना , तड़पना , दुख आदि के कारण व्याकुल होना , बेचैन होना , अधीर होना
- छितराना – बिखेरना , फैलाना
- छुआ – छुऔअल – एक प्रकार का लुका – छुपी का खेल
- जातिगत – जाति के आधार पर , जाति संबंधी
- टालना – अपने स्थान से अलग करना , हटाना , दूसरे स्थान पर भेज देना , दूर करना , भगा देना
- ठगना – किसी से कोई वस्तु या धन धोखा देकर ले लेना , धोखा देकर लूटना , क्रय – विक्रय में अधिक लाभ कमाने के लिए कम और रद्दी वस्तु देना
- ठूँठ – बिना पत्तों या शाखाओं का वृक्ष , सूखा पेड़ , काटे गए या टूटे हुए पेड़ का धड़
- तथ्य – सत्य , सचाई , यथार्थता , हक़ीक़त , विवरण , बात
- तन्मय – किसी काम में बहुत एकाग्र भाव से लगा हुआ , लीन , व्यस्त , समाधिस्थ
- तरंगित – जिसमें लहरें या तरंगें उठ रही हों , तरंगयुक्त , लहराता हुआ , जो बार – बार नीचे गिरकर फिर ऊपर उठता हो
- तीव्रतर – तेज़ी , तीक्ष्णता , प्रखरता , शीघ्रता
- तूफ़ानमेल – तूफान के समान
- दंडविधान – दंड की व्यवस्था , जुर्म और सज़ा का कानून
- दुकेली – जिसके साथ कोई दूसरा भी हो , जो अकेला न हो , बल्कि किसी के साथ हो
- दुर्बलता – कमज़ोरी , दुबलापन
- द्युति – चमक , आभा , कांति , लावण्य , सौंदर्य, छवि , किरण
- द्वेष – वैर का भाव , मनमुटाव , शत्रुता , चिढ़
- धूपछाँही – धूप और छाँव जैसी
- नकद – तैयार रुपया , रुपया पैसा , धन जो सिक्कों के रूप में हो
- नखास – बाज़ार , प्राचीन काल में पशुओं एवं दासों के क्रय – विक्रय का स्थान
- नववधू – नई दुल्हन
- नवागंतुक – नया आया हुआ
- निकट – समीप , नज़दीक
- नित्य – हमेशा , हर रोज
- नियुक्त – किसी काम पर लगाया हुआ , तैनात या मुकर्रर किया हुआ , जो किसी पद पर रखा गया हो , नियोजित
- निरीक्षण – जाँचना , जाँच – परख करना
- निरीक्षण – मूल्यांकन , जांच , समीक्षा , अवलोकन , अन्वेषण , सर्वेक्षण , चेकअप , परीक्षा
- निवास – आवास , घर , मकान , वास
- निवासी – किसी क्षेत्र में रहने या निवास करने वाला , रहने या बसने वाला
- निश्चेष्ट – जिसमें चेष्टा या गति न हो , चेष्टारहित , बेहोश , अचेत , मूर्छित , स्थिर , अचल , निश्चल
- नील – हरित – नीली और हरी
- नीलाभ – जिसमें नीले रंग की आभा या झलक हो , हलका नीला
- नृत्यमग्न – नाच में खोए हुए
- पक्षी – शावक – पक्षी का छोटा बच्चा
- परिक्रमा – किसी स्थान या वस्तु के चारों ओर घूमना या चक्कर लगाना , प्रदक्षिणा , फेरी
- पल्लव – नए निकले हुए कोमल पत्तों का समूह या गुच्छा
- पल्लवित – जिसमें पल्लव लगे हों , जिसमें नए पत्ते निकल रहे हों , जो हरा – भरा एवं लहराता हुआ हो
- पाट – नदी का सूखा हुआ भाग
- पुचकारना – प्यार से कहना , प्रेम से मनाना , स्नेह व्यक्त करना
- पुष्पित – पुष्पों से युक्त , विकसित , खिला हुआ , जिसमें फूल लगे हों
- पूरक – पूरा करने वाला , तुष्ट करने वाला
- पैनी – नुकीली , तेज़ , तीक्ष्ण , कुशाग्र
- प्रतिबिंब – जिस पर बिंब या प्रतिबिंब पड़ा हो
- प्रमाण – सबूत , साक्ष्य
- प्रवाहित – बहता हुआ , बहाया हुआ , नदी की धारा में बह जाने के लिए छोड़ा हुआ , ढोया हुआ
- प्रसारित – फैलाया हुआ , पसारा हुआ , विस्तृत , प्रदर्शित
- बंकिम – तिरछा , टेढ़ा , बाँका
- बारहा – अनेक बार , अक्सर , बार–बार , बहुधा , प्रायः , कई बार
- बेमेल – जिसका किसी से मेल न बैठता हो , अनमेल , अनमिल
- भंगिमा – . कला पूर्ण शारीरिक मुद्रा , स्त्रियों के हाव – भाव या कोमल चेष्टाएँ , कुटिलता , वक्रता
- भलीभाँति – अच्छी प्रकार से
- मंजरी – आम्र पुष्प , आम के बौर , नया कल्ला , कोंपल
- मंडलाकार – जो मंडल के आकार का हो , गोलाकार , गोला , चक्राकार
- मंथर गति – धीमी गति , मंद गति , रुक – रुक कर चलना
- मंद्र – धीमा , मंद , मनोहर , सुंदर , प्रसन्न , गहरा , गंभीर ध्वनि
- मार्जारी – बिल्ली
- मुनासिब – उचित , परिमित , न्यायी , ज्ञानवान , सहनीय , नियत , यथोचित , ठीक
- मूँज – सरकंडे का पौधा , सरकंडों का छिलका जिससें रस्सी तैयार की जाती है
- मूँजी – दुष्ट , कंजूस
- मेघाच्छन्न – बादलों से ढका हुआ , बादलों से छाया (घिरा) हुआ
- यत्न – कोशिश , प्रयत्न , प्रयास , चेष्टा
- रंगमय – रंगों से पूर्ण , रंगों से भरा हुआ
- रंजित – रँगा हुआ , आनंदित , प्रसन्न , अनुरक्त
- रद्दी – घटिया माल , पाखाना , फाल्तू सामान
- रागिनी – राग , संगीत
- रागिनी – संगीत में किसी राग का परिवर्तित रूप
- रोज़गार – काम
- विरल – दुर्लभ , जो घना न हो , शून्य , रिक्त , ख़ाली , पतला , अल्प , थोड़ा , कम
- विस्मय – आश्चर्य , ताज़्ज़ुब , अचंभा
- व्यथा – मानसिक या शारीरिक क्लेश , पीड़ा , वेदना , चिंता , कष्ट
- संकल्प – दृढ़ निश्चय , प्रतिज्ञा , इरादा , विचार ,कोई कार्य करने की दृढ इच्छा या निश्चय
- संकीर्ण – सँकरा , संकुचित , तंग , जो चौड़ा या विस्तृत न हो , क्षुद्र , छोटा , तुच्छ , नीच
- संकेत – निशान , चिह्न , इंगित , इशारा , अंगचेष्टा , आँख या हाथ से किया जाने वाला संकेत
- संदेह – संशय , शंका , शक
- संभवतः – हो सकता है , मुमकिन है
- संरक्षक – वह जो भरण – पोषण , देख – रेख आदि करता हो , अभिभावक , गार्जियन , आश्रय या शरण देने वाला
- सघन – घना , गझिन , ठोस
- सजल – जल से युक्त , भीगा हुआ
- सतरंगी – सात रंगों से पूर्ण , सात रंगों वाला
- सत्तू – सत्तू एक प्रकार का देशज व्यंजन है , जो भूने हुए जौ , मक्का और चने को पीस कर बनाया जाता है
- सभ्य – आदरणीय , संस्कारी
- सम – बराबर , एक – सा , एक ही , समकोटीय , एकरूप जिसका तल बराबर हो
- सहचारिणी – साथ में रहने वाली, सहचरी, सखी , पत्नी
- सहज – जो किसी के साथ उत्पन्न हुआ हो , जन्मजात , सरल , सुगम , स्वाभाविक , सामान्य , साधारण
- सहजात – साथ – साथ जन्म लेने वाला या उत्पन्न होने वाला , समवयस्क , सहोदर , एक ही माता – पिता से पैदा हुए
- सुकुमारता – कोमलता , यौवन , जवानी , यौवनकाल
- सुनहला – सोने के रंग का , सोने का सा
- सुरखाब के पर लगना ( मुहावरा ) – कोई विशेष गुण होना
- सेनापति – सेना का नेतृत्व करने वाला अधिकारी , सेना का अगुआ , सेनानायक
- सोपान – सीढ़ी , ऊपर चढ़ने का रास्ता , मोक्ष प्राप्ति का उपाय
- स्तबक – फूलों का गुच्छा , गुलदस्ता
- स्वाभाविक – प्राकृतिक या प्रकृति स्वभाव आदत
- हिंसक – हिंसा करने वाला , दूसरों की बुराई चाहने और करने वाला , कष्ट पहुँचाने वाला , पीड़ित करने वाला , घातक
- हौले – हौले – धीरे – धीरे
Chapter 16 – भोर और बरखा (Bhore or Barkha)
- आनंद – सुख , हर्ष , प्रसन्नता , अलौकिक ख़ुशी का अनुभव
- आयाँ – आने वाले
- आवन – आना
- उचारै – उच्चारण करना , शब्द को मुख से बोलना
- उमग्यो – उत्साहित होना
- उमड़ – घुमड़ – गरजना , जल्दबाज़ी
- कंगना – कंगन
- करत – कर रहे हैं
- किंवारे – दरवाजे
- कुलाहल – शोर , धूम , कुहराम
- गउवन – गाय , गौ
- गिरधर – वह जो पहाड़ को धारण करे , पहाड़ उठाने वाले
- गोपी – गोपियाँ , सखियाँ
- ग्वाल – बाल – ग्वालों के बच्चे
- चहुँदिस – चारों दिशाओं
- झनकारे – झंकार , झनझन , खनखनाहट
- ठाढ़े – खड़े होना
- तारै – तरण करना , उद्धार करना , कल्याण करना
- दमकै – चमकना
- दामिन – बिजली , विजेता
- द्वारे – दरवाजे पर
- नागर – नगरवासी , नागरिक
- पवन – हवा
- बंसीवारे – बाँसुरी वाले , श्री कृष्ण , कान्हा
- बदरिया – बादल का टुकड़ा, घटा
- बरसे – बरसना
- बीतना – ख़त्म होना , बीत जाना
- भनक – मंद और अस्पष्ट ध्वनि , आभास , उड़ती हुई ख़बर
- भोर – सुबह , सूर्योदय के पूर्व की स्थिति , प्रातःकाल , तड़के
- मंगल – कल्याण , भलाई
- मथत – मथना , दूध या दही को मथानी आदि से बिलोना , छानना
- मन – भावन – मन को भाने वाला , मन को प्रिय या भला लगने वाला , प्रियदर्शी , आत्मीय
- मनवा – मन
- मेरो – मेरा
- रखवारे – रक्षक , रक्षा करने वाले
- रजनी – रात , निशा , रात्रि
- ललना – लाल , पुत्र
- लालजी – दुलारे , प्यारे
- लीनी – लिए हुए
- शीतल – ठंडी
- सबद – सभी
- सरण – गमन , धीरे – धीरे आगे बढ़ना या चलना , रेंगना , खिसकना , सरकना
- सावन – वर्ष का एक महीना जो आषाढ़ के बाद और भाद्रपद के पहले आता है , श्रावण मास
- सुनियत – सुनाई देते हैं
- सुर – देव , देवता
- सुहावन – दिलकश , उत्तम , सुंदर , हसीन , खूबसूरत
- हरि – विष्णु , ईश्वर , भगवान
Chapter 17 – वीर कुँवर सिंह (Veer Kunwar Singh)
- अंकित – चिह्नित , लिखित , चित्रित , मुद्रित , उत्कीर्ण , खुदा हुआ
- अकिंचन – अतिनिर्धन , दरिद्र , कंगाल , मामूली , महत्वहीन
- अत्यधिक – प्रचुर , ज़रूरत से ज़्यादा , बहुत ही अधिक
- अधीनता – मातहती , परवशता , विवशता , दीनता , लाचारी , आश्रय , नेतृत्व
- अफवाह – गलत ख़बर
- असंतोष – नाख़ुशी , नाराज़गी , अप्रसन्नता , अतृप्ति
- असमर्थ – अक्षम , अशक्त , दुर्बल , अपेक्षित शक्ति या योग्यता न रखने वाला
- आत्मबल – आत्मा या मन का बल , आत्मिक शक्ति
- आधुनिक – वर्तमान समय या युग का , समकालीन
- उदार – विशाल हृदयवाला , दयालु , दानशील , भला , दूसरों में गुण देखने वाला
- एकत्र – एक स्थान पर जमा , इकट्ठा , एक जगह संगृहीत
- ऐतिहासिक – इतिहास में उल्लिखित , इतिहास संबंधी , कोई बहुत महत्वपूर्ण तथा स्मरणीय घटना
- ओजस्वी – जिसमें ओज हो , शक्तिशाली , तेजस्वी , प्रभावशाली , जोश पैदा करने वाला
- कीर्ति – ख्याति , बड़ाई , यश , प्रसिद्धि , नेकनामी , शोहरत
- कुशल – जो किसी काम को करने में दक्ष हो , जो किसी काम को श्रेष्ठ तरीके से करता हो , प्रशिक्षित , योग्य
- कूच – किसी स्थान के लिए किया जाने वाला प्रस्थान , रवानगी , यात्रा की शुरुआत
- गुप्त – छिपा या छिपाया हुआ , अदृश्य , जिसके संबंध में लोग परिचित न हों
- घोषित – जिसकी घोषणा की गई हो , जो जानकारी में हो
- चरम सीमा – किसी बात या कार्य की अंतिम अवस्था , चरम अवस्था , पराकाष्ठा , हद
- छापामार – अचानक या एकाएक किसी पर आक्रमण करना
- जयघोष – ज़ोर से कही जाने वाली किसी की जय , जय ध्वनि , विजय का ढिंढोरा
- जलाशय – वह स्थान जहां बहुत सारा पानी एकत्र हो , तालाब , झील , वर्षा जल को संरक्षित करने के लिए बनाया गया बड़ा गड्ढा
- ज्वाला – आग की लपट या लौ , अग्निशिखा , दुख आदि से होने वाली मानसिक पीड़ा , संताप
- तत्पर – किसी कार्य को लगन और निष्ठा के साथ करने वाला , आतुर , उत्साही , इच्छुक , तैयार
- तत्पर – किसी कार्य को लगन और निष्ठा के साथ करने वाला , तल्लीन , उद्यत , आज्ञाकारी , आतुर , उत्साही , इच्छुक
- तैनात – किसी काम पर लगाया या नियत किया हुआ , मुकर्रर , नियत , नियुक्त
- दमन – शमन , दबाव , अवरोध , निरोध , नियंत्रण
- दृढ़ – पुष्ट , सबल , मज़बूत , पक्का , प्रगाढ़ , अटूट , अडिग , स्थायी
- देशव्यापी – पूरे देश में व्याप्त , सारे देश में फैला हुआ , जो देश भर में मिलता हो , बहुत विस्तृत
- निरंतर – सदा , हमेशा , लगातार , बिना किसी अंतराल के
- नींव – किसी भवन की दीवार का वह निचला हिस्सा जो ज़मीन के नीचे रहता है , मूल , जड़ , आधार , किसी रचनात्मक कार्य का आरंभ
- पतन – ऊपर से नीचे आने या गिरने का भाव या क्रिया , मरण , संहार , नाश , घटाव
- परास्त – पराजित , हारा हुआ या हराया हुआ , दबा हुआ , झुका हुआ , विनष्ट , ध्वस्त
- पूर्णतः – पूर्ण रूप से , अच्छी तरह , सम्यक
- पूर्ति – पूरा करने की क्रिया , पूर्णता , तृप्ति , संतुष्टि , आवश्यकता को पूर्ण करने का भाव , कमी पूरा करना
- प्रचलित – जिसका प्रचलन हो , जो उपयोग या व्यवहार में आ रहा हो
- प्रशस्ति – प्रशंसा , तारीफ़ , बड़ाई , किसी की प्रशंसा में लिखी गई कविता आदि
- प्रस्थान – किसी स्थान से दूसरे स्थान को जाना , चलना , गमन , सेना का युद्धक्षेत्र की ओर जाना , कूच , मार्ग , रास्ता
- बागी – . बगावत करने वाला , विद्रोही , न दबने वाला , अवज्ञाकारी , उपेक्षाकारी
- भावपूर्ण – भावों से युक्त भावनात्मक , भावनापूर्ण , भावनामय , भावप्रधान
- भावी – भविष्य में होने वाली बात , भविष्यत , आगामी , भविष्यकालीन
- भीषण – डरावना , भयानक , बहुत बुरा , विकट , उग्र व दुष्ट स्वभाव वाला
- मकतब – इस्लाम धर्म की शिक्षा – दीक्षा की पाठशाला , छोटे बच्चों का मदरसा या पाठशाला
- महारत – निपुणता , दक्षता , योग्यता , अभ्यास , हस्तकौशल
- मुक्तिवाहिनी – गुलामी की बेड़ियों से मुक्त होने के लिए किए गए आंदोलन का नाम
- रजवाड़ा – देसी रियासत , राजाओं के रहने का स्थान , रियासत का मालिक , राजा
- रणनीति – युद्ध संबंधी नीति नियम , युद्ध कौशल , योजना , कूटनीति , उपाय , युक्ति
- राजदरबार – राजा का दरबार , राजओं का सभागृह
- लोकप्रियता – लोगो में प्रिय
- लोकभाषा – बोली , लोगो की आम बोलचाल की भाषा
- लोहा लेना – मुकाबला करना
- वंचित – जिसे वांछित वस्तु प्राप्त न हुई हो या प्राप्त करने से रोका गया हो , महरूम , हीन , रहित , विमुख
- वयोवृद्ध – अत्यधिक उम्रवाला , बूढ़ा
- विख्यात – जिसकी बहुत ख्याति हो , प्रसिद्ध , मशहूर
- विजय पताका – जीत का परचम
- विद्रोह – बगावत , राजद्रोह , ख़िलाफ़त , क्रांति
- विस्तृत – फैला हुआ , विशाल , लंबा – चौड़ा , खुला हुआ
- वीरवर – वीर योद्धा
- व्यक्तित्व – अलग सत्ता , पृथक अस्तित्व , निजी विशेषता , वैशिष्ट्य
- व्यापक – विस्तृत , चारों ओर फैला हुआ , छाया हुआ , घेरने या ढकने वाला , विशद , समावेशी
- व्याप्त – फैला हुआ , समाया हुआ , सब ओर से आच्छादित या ढका हुआ
- शस्त्र – हथियार , आयुध , औज़ार , युद्ध के समय लड़ाई का उपकरण
- संकल्प – दृढ़ निश्चय , प्रतिज्ञा , इरादा , विचार , कोई कार्य करने की दृढ इच्छा या निश्चय
- संग्राम – घमासान , युद्ध , लड़ाई , रण
- संचालक – किसी बड़े कार्य ( कार्यालय , संस्था , कारख़ाने आदि ) के सभी काम देखने , करने या कराने वाला व्यक्ति , ( डाइरेक्टर )
- संपर्क – मिलावट , संयोग , मेल , वास्ता , संगति
- संवेदनशील – संवेदना से युक्त , भावुक , सहृदय , भावप्रधान
- सक्रिय – जो कोई क्रिया कर रहा हो , क्रियाशील , कर्मठ
- सद्भाव – शुभ और अच्छा भाव , हित की भावना , दो पक्षों में मैत्रीपूर्ण स्थिति , मेल – जोल , द्वेष आदि से रहित भाव या विचार
- सर्वत्र – सब स्थानों पर , सब जगह , हर तरफ़ , पूर्ण रूप से
- सलाखें – जेल में लोहे के डंडे
- सशस्त्र – शस्त्रों के साथ
- सांप्रदायिक – संप्रदाय संबंधी ( कम्यूनल ) , किसी संप्रदाय का , दूसरे संप्रदाय के प्रति असहिष्णु
- सिद्ध – जिसकी साधना पूरी हो चुकी हो , संपन्न ,,ज्ञानी , पूर्ण योगी , संत , महात्मा
- सेनानी – सेनापति , सिपहसलार , सेना का नायक
- सैन्य – सेना का , सेना से संबंधित
- स्वाधीनता – स्वतंत्रता , आज़ादी
- स्वाभिमानी – वह व्यक्ति जिसे अपनी प्रतिष्ठा का गौरव या अभिमान हो , ख़ुद्दार , अपनी इज़्ज़त का ख़याल रखने वाला , स्वाभिमानवाला
Chapter 18 – संघर्ष के कारण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया: धनराज (Sangharsh Ke Karan Main Tunukmizaz Ho Gya: Dhanraj)
- अंश – भाग , खंड , हिस्सा , छोटा टुकड़ा
- अहमियत – महत्व , गंभीरता , वजनदारी
- आक्रामक – आक्रमण करने वाला , आक्रमण करने की मुद्रा वाला
- उम्मीद – आशा , अपेक्षा , आसरा , भरोसा , सहारा
- कद – काठी – शरीर की बनावट या संरचना , शरीर का आकार – प्रकार
- कद्र – गुण की परख , आदर , आदर – सत्कार , इज़्ज़त , प्रतिष्ठा , सम्मान
- कष्टसाध्य – जिसे करना कठिन हो , मुश्किल से होने वाला , श्रमसाध्य
- कृत्रिम – जो प्राकृतिक न हो , मानव – निर्मित , आर्टिफ़िशल , नकली , बनावटी , दिखावटी
- खीझ – वह क्रोध जो मन – ही – मन रहे , झुँझलाहट , कुढ़न , भड़ास , खुंदक
- गाढ़ी कमाई – कड़ी मेहनत से अर्जित धन या संपत्ति
- गुर – किसी काम को करने की युक्ति , तरकीब , उपाय , मूलमंत्र
- जुझारू – संघर्षशील , जूझने वाला , लड़ने वाला , योद्धा , वीर , बहादुर
- जूझना – डटकर मुकाबला करना , संघर्ष करना , विषम परिस्थितियों का सामना करना , ताकत लगाकर कुछ करने की कोशिश करना
- ठेठ – जिसमें बनावटीपन न हो , शुद्ध , निपट , देशी
- तुनुकमिशाज – मुँह फट
- दबदबा – प्रभाव , आतंक , डर , रोब
- धीरज – धैर्य , संतोष , सब्र , दृढ़ता , मन की स्थिरता
- नामी – नामवाला , प्रतिष्ठित , मशहूर , प्रसिद्ध , यशस्वी
- प्रतिष्ठा – मान – मर्यादा , सम्मान , इज़्ज़त
- प्रसिद्धि – प्रसिद्ध होने की अवस्था या भाव , शोहरत , ख्याति , सफलता
- फिसड्डी – किसी काम में पिछड़ा हुआ , प्रतियोगिता या प्रयत्न आदि में सबसे पीछे रह जाने वाला , अकुशल , निकम्मा
- बेहतरीन – बहुत अच्छा , उत्तम , नेक
- भिड़ना – लड़ाई – झगड़ा कराना
- मायूसी – मायूस होने की अवस्था या भाव , निराशा , उत्साहहीनता , नाउम्मीदी
- विनम्रता – विनम्र होने की अवस्था या भाव , शिष्टता , सुशीलता , शालीनता
- विस्मय – आश्चर्य , ताज़्ज़ुब , अचंभा
- व्यक्तित्व – पृथक अस्तित्व , निजी विशेषता
- शोहरत – प्रसिद्धि , ख्याति , व्यापक चर्चा
- संपादित – जिसे पूरा किया गया हो ( काम ) , जिसे ठीक करके प्रकाशन के योग्य बनाया गया हो ( समाचारपत्र , लेख आदि )
- साक्षात्कार – साक्षात्कार में दो या दो से अधिक व्यक्ति किसी विशिष्ट व निश्चित उद्देश्य को सामने रखकर आमने–सामने की परिस्थिति में बातचीत करते हैं , ( इंटरव्यू ) , आँखों के सामने उपस्थित होना , भेंट , मुलाकात
- सुप्रसिद्ध – विख्यात , मशहूर , जिसे बहुत से लोग जानते हों
- हैसियत – आर्थिक सामर्थ्य , सामाजिक मान – मर्यादा , प्रतिष्ठा , इज़्ज़त , रुतबा
- हैसियत – आर्थिक सामर्थ्य , सामाजिक मान – मर्यादा , प्रतिष्ठा , इज़्ज़त , रुतबा
Chapter 19 – आश्रम का अनुमानित व्यय Ashram ka Anumanit Vyay)
- अतिथी – मेहमान
- अनुमान – अंदाज़ा , अटकल , प्रत्यक्ष से अप्रत्यक्ष का ज्ञान
- अलावा – अतिरिक्त , सिवा
- आरंभ – शुरू , प्रारंभ , श्रीगणेश , उत्पत्ति , आरब्ध
- एकड़ – भूमि या खेत की 4840 वर्ग गज की एक माप , 4046.8564 वर्ग मीटर , 1-3/5 बीघा के बराबर की माप
- औसतन – अनुपात या औसत के हिसाब से
- बढ़ईगिरी –लकड़ी को छीलकर या गढ़कर दरवाज़े , मेज़ , पलंग आदि बनाने की कला
- मदें – जरुरी चीज़े , सामान
- लायक – योग्य , काबिल , गुणवान , समर्थ , उचित , ठीक , उपयुक्त , मुनासिब
- लुहार – लोहे का काम करने वाली एक जाति
- संभव – किए जाने या हो सकने योग्य , कार्य जो हो सकता या किया जा सकता हो , घटित होना , संयोग
- संभावना – किसी घटना या बात के संबंध में वह स्थिति जिसमें उसके पूर्ण होने की आशा हो , पॉसिबिलिटी , होने का भाव , कल्पना , अनुमान
Chapter 20 – विप्लव गायन (Viplav Gayan)
- अंतरतर – अंदर से
- आन बैठी – आ कर बैठना
- उथल – पुथल – अराजकता , अव्यवस्था , गड़बड़ी , भारी उलटफेर , उलट – पुलट , क्रमभंग , हलचल
- ऐंठी – तनना , खींचना , कसना , अकड़ना
- कंठ – गला , गरदन , गले का भीतरी हिस्सा , टेंटुआ
- क्रुद्ध – क्रोधित , जो गुस्से में हो
- क्षण – पल , काल की अत्यंत छोटी इकाई , एक बार पलक झपकने भर का समय
- क्षुब्ध – क्रोध , चिंतित , भयभीत
- चिनगारियाँ – क्रोध , बेबाक हो जाना , निडर हो जाना
- ज्वलंत – चमकता हुआ , प्रकाशित , जलता हुआ , स्पष्ट , साफ़
- झंखाड़ – घनी और काँटेदार झाड़ियों का समूह , वन में पौधों – लताओं का घना समूह , बेकार या रद्दी चीज़ों का समूह या ढेर
- झाड़ – काँटेदार क्षुप , गुंजान , एक प्रकार की समुद्री घास
- तान – विस्तार , ज्ञान का विषय , संगीत में स्वरों का कलात्मक विस्तार , किसी बात को धुन के साथ कहते रहना
- दग्ध – जला या जलाया हुआ , भस्मीकृत , अत्यधिक पीड़ा युक्त , दुखी
- परख – अच्छे – बुरे की समझ , योग्यता या पहचान , जाँच , परीक्षण , टेस्ट
- पोषक – समर्थक , हिमायती , पोषण प्रदान करने वाला , स्वास्थ्यवर्धक
- भ्रू – भौंह , भौं , आँखों के ऊपर के बाल
- महानाश – विध्वंस , प्रलय
- मारक – मारने वाला , जान से मार डालने वाला , नाशक , दमन करने वाला
- मिजराबें – तार को छेड़ने के लिए उपयोग में लाया जाने वाला छोटा उपकरण
- राज़ – गुप्त योजना , रहस्य , भेद
- रुद्ध – घेरा हुआ , रोका हुआ , अवरुद्ध
- रुद्ध – घेरा हुआ , रोका हुआ , अवरुद्ध
- विलास – आनंद , प्रसन्नता , हर्ष
- वीणा – सितार जैसा एक वाद्ययंत्र जिसके दोनों सिरों पर तूँबे लगे रहते हैं
- व्याप्त – फैला हुआ , समाया हुआ , परिपूर्ण , भरा हुआ
- सावधान – ध्यानपूर्वक काम करने वाला , सचेत , सतर्क , जागरूक , चौकस
- सूत्र – तागा , धागा , डोरी , पता , संकेत , सुराग , क्लू
- हिलोर – जल में उठने वाली तरंग या लहर , हिल्लोल
- हृत्तल – हृदय , दिल , कलेजा