- Chidiya ki Bacchi Class 7 Hindi Chapter 9 Summary, Explanation, Question Answers
- Class 7 Hindi Chapter 9 Chidiya ki Bacchi MCQs
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NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 चिड़िया की बच्ची Important Question Answers Lesson 9
Class 7 Hindi Chidiya ki Bacchi Question Answers- Looking for Chidiya ki Bacchi question answers for CBSE Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Book Chapter 9? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.
सीबीएसई कक्षा 7 हिंदी वसंत भाग 2 पुस्तक पाठ 9 के लिए चिड़िया की बच्ची प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 7 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे चिड़िया की बच्ची प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।
The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.
Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams.
- Chidiya ki Bacchi Extract Based Questions
- Chidiya ki Bacchi Multiple Choice Questions
- Chidiya ki Bacchi Questions Answers
- Chidiya ki Bacchi Extra Question Answers
Class 7 Hindi चिड़िया की बच्ची Question Answers Lesson 9 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1) माधवदास ने अपनी संगमरमर की नयी कोठी बनवाई है। उसके सामने बहुत सुहावना बगीचा भी लगवाया है। उनको कला से बहुत प्रेम है। धन की कमी नहीं है और कोई व्यसन छू नहीं गया है। सुंदर अभिरुचि के आदमी हैं। फूल – पौधे, रकाबियों से हौजों में लगे फव्वारों में उछलता हुआ पानी उन्हें बहुत अच्छा लगता है। समय भी उनके पास काफी है। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती है और आसमान कई रंग का हो जाता है तब कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवा कर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं। इनमें मानो उनके मन को तृप्ति मिलती है।
प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ का नाम बताइए।
(क) मिठाईवाला
(ख) चिड़िया की बच्ची
(ग) शाम – एक किसान
(घ) अकबरी लोटा
उतर – (ख) चिड़िया की बच्ची
प्रश्न 2. संगमरमर की नयी कोठी किसने बनवाई?
(क) माधवदास ने
(ख) चिड़िया की माँ ने
(ग) मिठाई वाले ने
(घ) एक किसान ने
उतर – (क) माधवदास ने
प्रश्न 3. ‘व्यसन’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) बुरी आदत
(ख) लत (जैसे – जुआ खेलने का व्यसन)
(ग) पाप
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 4. मसनद के सहारे गलीचे पर कौन बैठता है?
(क) नौकर
(ख) दादी माँ
(ग) माधवदास
(घ) चिड़िया
उतर – (ग) माधवदास
प्रश्न 5. ‘तृप्ति’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) आवश्यकता पूरी होने पर मिलने वाली खुशी
(ख) आवश्यकता पूरी होने पर मिलने वाली मानसिक शांति
(ग) आवश्यकता पूरी होने पर मिलने वाली मानसिक दुख
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ख) आवश्यकता पूरी होने पर मिलने वाली मानसिक शांति
2) उस दिन संध्या समय उनके देखते – देखते सामने की गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी। चिड़िया बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी और गुलाबी होते – होते किनारों पर जरा – जरा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। उसका नन्हा सा सिर तो बहुत प्यारा लगता था और शरीर पर चित्र – विचित्र चित्राकारी थी। चिड़िया को मानो माधवदास की सत्ता का कुछ पता नहीं था और मानो तनिक देर का आराम भी उसे नहीं चाहिए था। कभी पर हिलाती थी , कभी फुदकती थी। वह खूब खुश मालूम होती थी। अपनी नन्ही सी चोंच से प्यारी – प्यारी आवाज निकाल रही थी।
प्रश्न 1. संध्या के समय चिड़िया कहां बैठी थी?
(क) गुलाब की डाली पर
(ख) गुलाब पर
(ग) हौज पर
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (क) गुलाब की डाली पर
प्रश्न 2. किसकी गरदन लाल थी?
(क) माधवदास की
(ख) चिड़िया की
(ग) गुलाब की
(घ) गौरेये की
उतर – (ख) चिड़िया की
प्रश्न 3. चिड़िया को मानो माधवदास की ___ का कुछ पता नहीं था?
(क) आचरण का
(ख) गुस्से का
(ग) सत्ता का
(घ) वैभव का
उतर – (ग) सत्ता का
प्रश्न 4. चिड़िया क्या कर रही थी?
(क) कभी फुदकती थी
(ख) कभी पर हिलाती थी
(ग) अपनी चोंच से प्यारी – प्यारी आवाज निकाल रही थी
(घ) उपर्युक्त सभी
उतर – (घ) उपर्युक्त सभी
3) माधवदास को वह चिड़िया बड़ी मनमानी लगी। उसकी स्वच्छंदता बड़ी प्यारी जान पड़ती थी। कुछ देर तक वह उस चिड़िया का इस डाल से उस डाल थिरकना देखते रहे। इस समय वह अपना बहुत – कुछ भूल गए। उन्होंने उस चिड़िया से कहा , “आओ, तुम बड़ी अच्छी आईं। यह बगीचा तुम लोगों के बिना सूना लगता है। सुनो चिड़िया तुम खुशी से यह समझो कि यह बगीचा मैंने तुम्हारे लिए ही बनवाया है। तुम बेखटके यहाँ आया करो। ”
प्रश्न 1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ के लेखक का नाम बताइए।
(क) प्रेमचंद
(ख) रामधारी सिंह दिनकर
(ग) जैनेंद्र कुमार
(घ) नागार्जुन
उतर – (ग) जैनेंद्र कुमार
प्रश्न 2. माधवदास को कौन बड़ी मनमानी लगी?
(क) चिड़िया
(ख) नौकरानी
(ग) पत्नी
(घ) बेटियां
उतर – (क) चिड़िया
प्रश्न 3. कौन चिड़िया को इस डाल से उस डाल पर थिरकते देख रहा था?
(क) लेखक
(ख) माधवदास
(ग) नौकर
(घ) इनमें से कोई नहीं
उतर – (ख) माधवदास
प्रश्न 4. ‘बेखटक’ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) बिना संकोच के
(ख) बेधड़क
(ग) क और ख दोनो
(घ) खट खट
उतर – (ग) क और ख दोनो
4) चिड़िया ने कहा , “सेठ मुझे डर लगता है। माँ मेरी दूर है। रात हो जाएगी तो राह नहीं सूझेगी।”
इतने में चिड़िया को बोध हुआ कि जैसे एक कठोर स्पर्श उसके देह को छू गया। वह चीख देकर चिचियाई और एकदम उड़ी। नौकर के फैले हुए पंजे में वह आकर भी नहीं आ सकी। तब वह उड़ती हुई एक साँस में माँ के पास गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी , “ओ माँ, ओ माँ !”
प्रश्न 1. चिड़िया को बोध हुआ कि जैसे _______।
(क) कोई मारने आ रहा है
(ख) कोई जाल बिछा रहा है
(ग) कोई शिकारी आ गया
(घ) एक कठोर स्पर्श उसके देह को छू गया
उतर – (घ) एक कठोर स्पर्श उसके देह को छू गया
प्रश्न 2. चिड़िया किसके गोदी में गिरकर सुबकने लगी?
(क) अपनी माँ के
(ख) माधवदास के
(ग) नौकर के
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (क) अपनी माँ के
प्रश्न 3. चिड़िया उड़ती हुई एक साँस में कहां गई?
(क) बहन के पास
(ख) माँ के पास
(ग) भाई के पास
(घ) घोसले में
उतर – (ख) माँ के पास
प्रश्न 4. “ओ माँ, ओ माँ !” किसके शब्द है?
(क) लेखक के
(ख) चिड़िया की बहन के
(ग) चिड़िया के
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ग) चिड़िया के
Class 7 Hindi Vasant Lesson 9 चिड़िया की बच्ची बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 1. ‘चिड़िया की बच्ची’ शीर्शक पाठ के लेखक हैं?
(क) जैनेंद्र कुमार
(ख) शिव प्रसाद सिंह
(ग) भानु प्रताप
(घ) महादेवी वर्मा
उत्तर – (क) जैनेंद्र कुमार
प्रश्न 2. माधवदास ने अपने लिए क्या बनवाई है?
(क) मीठी सरबत
(ख) स्वादिष्ट भोजन
(ग) संगमरमर की नयी कोठी
(घ) नहाने के लिए तालाब
उतर – (ग) संगमरमर की नयी कोठी
प्रश्न 3. माधवदास को किससे प्रेम था?
(क) धन से
(ख) कला से
(ग) बच्चों से
(घ) पक्षी से
उतर – (ख) कला से
प्रश्न 4. माधवदास के पास किसकी कमी नहीं थी?
(क) घर की
(ख) नौकरों की
(ग) पैसो की
(घ) धन की
उतर – (घ) धन की
प्रश्न 5. माधवदास के नयी कोठी के सामने क्या था?
(क) मंदिर
(ख) बगीचा
(ग) नीम का पेड़
(घ) केले का पेड़
उतर – (ख) बगीचा
प्रश्न 6. माधवदास किसके सहारे बैठे थे?
(क) तकिए के सहारे
(ख) कुर्सी के सहारे
(ग) मसनद के सहारे
(घ) दीवार के ओट के सहारे
उतर – (ग) मसनद के सहारे
प्रश्न 7. माधवदास अपने बाग़ में क्या लगवाए ?
(क) फुल के पौधे
(ख) झूले
(ग) फव्वारे
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ग) फव्वारे
प्रश्न 8. गुलाब की डाली पर कौन बैठी थी?
(क) चिड़िया
(ख) तितली
(ग) गौरैया
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (क) चिड़िया
प्रश्न 9. चिड़िया की गरदन ___ थी?
(क) भूरी
(ख) नीली
(ग) पीली
(घ) लाल
उतर – (घ) लाल
प्रश्न 10. चिड़िया के पंख ऊपर से चमकदार ____थे।
(क) लाल
(ख) स्याह
(ग) पीले
(घ) भूरे
उतर – (ख) स्याह
प्रश्न 11. भोली चिड़िया को देखकर किसका चित्त प्रफुल्लित हो गया?
(क) माधवदास की पत्नी का
(ख) नौकर का
(ग) माधवदास का
(घ) माधवदास के बच्चे का
उतर – (ग) माधवदास का
प्रश्न 12. ‘ग़लीचा’ शब्द का सही अर्थ ___ है?
(क) धांगे की मोटी चादर
(ख) रूई की मोटी चादर
(ग) ऊन की मोटी चादर
(घ) इनमें से कोई नही
उतर – (ग) ऊन की मोटी चादर
प्रश्न 13. किसे देखकर रागनियों का जी बहलेगा?
(क) चिड़िया को देखकर
(ख) चिड़िया के बहने को देखकर
(ग) चिड़िया के मां को देखकर
(घ) चिड़िया के भाई को देखकर
उतर – (क) चिड़िया को देखकर
प्रश्न 14. माधवदास किसे मालामाल करने की बात करता है?
(क) सिपाही को
(ख) चिड़िया की मां को
(ग) नौकर को
(घ) चिड़िया को
उतर – (घ) चिड़िया को
प्रश्न 15. चिड़िया के कितने भाई – बहिन है?
(क) दो बहिन और एक भाई
(ख) एक बहिन और एक भाई
(ग) तीन बहिन और एक भाई
(घ) दो बहिन और दो भाई
उतर – (क) दो बहिन और एक भाई
प्रश्न 16. माधवदास चिड़िया के लिए कैसा पिंजरा बनवायेगा?
(क) तांबे का पिंजरा
(ख) सोने का पिंजरा
(ग) लोहे का पिंजरा
(घ) चांदी का पिंजरा
उतर – (ख) सोने का पिंजरा
प्रश्न 17. चिड़िया को सबसे सुरक्षित जगह कौन-सी लगी ?
(क) माधवदास का बगीया
(ख) अपना घोंसला
(ग) माधवदास का महल
(घ) अपनी मां की गोद
उत्तर – (घ) अपनी मां की गोद
प्रश्न 18. चिड़िया को कौन पकड़ने का प्रयास कर रहा था?
(क) नौकर
(ख) माधवदास
(ग) सिपाही
(घ) बच्चे
उतर – (क) नौकर
प्रश्न 19. माँ ने बच्ची को छाती से चिपटाकर पूछा, “__________?”
(क) क्या है मेरी सोना बेटी, क्या है
(ख) क्या है मेरी बेबी, क्या है
(ग) क्या है मेरी बच्ची, क्या है
(घ) क्या है मेरी बच्चा, क्या है
उतर – (ग) क्या है मेरी बच्ची, क्या है
प्रश्न 20. चिड़िया की बच्ची सुबकती हुई क्या बोलती है?
(क) ओ माँ, ओ माँ !
(ख) माँ, ओ माँ !
(ग) ओ माँ, माँ !
(घ) माँ मेरी माँ !
उतर – (क) ओ माँ, ओ माँ !
Class 7 Hindi चिड़िया की बच्ची प्रश्न और उत्तर Questions Answers
कहानी से
प्रश्न 1. किन बातों से ज्ञात होता है कि माधवदास का जीवन संपन्नता से भरा था और किन बातों से ज्ञात होता है कि वह सुखी नहीं था ?
उत्तर – माधवदास के पास एक बड़ी संगमरमर की कोठी थी, सुंदर बाग़ – बगीचे थे, रहने का ठाठ – बाट अमीरों जैसा था। जब वह चिड़िया के साथ बात – चीत कर रहा था तब उसने कहा था कि वह चिड़िया के लिए सोने का पिंजरा बनावा देगा और उसे धन धान्य से संपन्न कर देगा। इसके अलावा वह स्वयं स्वीकार करता है कि उसके पास कई सारी कोठियाँ है, बाग़ – बगीचे और नौकर – चाकर हैं। इन बातों से उसकी संपन्नता का पता चलता है। लेकिन इतना सब कुछ होने के बावजूद भी वह अकेलेपन महसूस करता था क्योंकि वह अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए शाम के समय बगीचे में बैठ कर प्रकृति की सुंदरता का आनंद लिया करता था और जब उसने अपने बगीचे में सुंदर चिड़िया को देखा तो वह उस चिड़िया को अपने साथ रहने के लिए मजबूर करने लगा था, वह चिड़िया को तरह -तरह से ललचाने की कोशिश कर रहा था किन्तु जब चिड़िया किसी भी तरह नहीं मानी तो अपने नौकर के द्वारा चिड़िया को पकड़ने की कोशिश भी की। यह बात दर्शाता है कि सारी सुविधाओं के बाद भी वह सुखी नहीं था।
प्रश्न 2. माधवदास क्यों बार – बार चिड़िया से कहता है कि यह बगीचा तुम्हारा ही है ? क्या माधवदास नि:स्वार्थ मन से ऐसा कह रहा था ? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – माधवदास चिड़िया से बार – बार इसलिए कह रहा था कि यह बगीचा तुम्हारा ही है क्योंकि उसे चिड़िया बहुत सुंदर और प्यारी लगी थी। वह चाहता था कि वह चिड़िया हमेशा के लिए उसके ही बगीचे में रह जाए। यही कारण है कि बार – बार यह बात दुहराता जा रहा था कि बगीचा तुम्हारा ही है। माधवदास का ऐसा कहना पूरी तरह से निस्स्वार्थ मन से नहीं था। क्योंकि वह सिर्फ चिड़िया को बहला – फुसला कर पकड़ना चाहता था। वह चिड़िया को महल में पिंजरे में बंद करके रखना चाहता था ताकि जब उसकी इच्छा हो वह उसकी सुंदरता को निहार सके और उसका चहचहाना सुन सके।
प्रश्न 3. माधवदास के बार – बार समझाने पर भी चिड़िया सोने के पिंजरे और सुख – सुविधाओं को कोई महत्व नहीं दे रही थी। दूसरी तरफ़ माधवदास की नज़र में चिड़िया की जिद का कोई तुक न था। माधवदास और चिड़िया के मनोभावों के अंतर क्या – क्या थे ? अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – माधवदास बार – बार चिड़िया को सोने के पिंजरे व सुख – सुविधाओं का लालच देता है लेकिन चिड़िया माधवदास की किसी भी बात को कोई महत्व नहीं देती, उसे तो स्वच्छंदता ही पसंद है। उसे माधवदास के सुंदर बगीचे में रहना भी पसंद नहीं है। वह अपने परिवार में अपनी माँ, भाई और बहनों से भी अलग नहीं होना चाहती। सुबह भले ही वह सूरज की धूप का आनंद लेने, फूलों की खुशबू लेने के लिए और खेलने के लिए अपने घर से निकल जाती है, परन्तु शाम होते ही उसे माँ के पास जाने की जल्दी होती है। वह तो केवल घूमना ही चाहती है, बंधन में रहना किसी भी पक्षी का स्वभाव नहीं होता। दूसरी तरफ माधवदास की नजर में चिड़िया की ज़िद का कोई तुक न था वे तो केवल अपने बगीचे की शोभा बढ़ाने हेतु उस चिड़िया को पकड़ना चाहते थे। उस चिड़िया के द्वारा अपने जीवन के अकेलेपन को दूर करना चाहते थे। वे चिड़िया को सोने मोतियों से जड़े पिंजरे व अन्य सुख – सुविधाओं का लालच भी देते हैं लेकिन चिड़िया के लिए सब चीजें कोई महत्त्व नहीं रखतीं। वह केवल अपनी माँ के पास जाना चाहती थी।
प्रश्न 4. कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर तुम्हें कैसा लगा ? चालीस – पचास या इससे कुछ अधिक शब्दों में अपनी प्रतिक्रिया लिखिए।
उत्तर – कहानी के अंत में नन्ही चिड़िया का सेठ के नौकर के पंजे से भाग निकलने की बात पढ़कर मुझे बहुत ज्यादा खुशी हुई, क्योंकि माधवदास उसे तरह -तरह के लालच देते हैं ताकि चिड़िया उसके पास ही रुकने के लिए तैयार हो जाए परन्तु चिड़िया किसी भी तरह से नहीं मानती। अंत में वह चिड़िया को अपने नौकर से पकड़वाना चाहता है लेकिन चिड़िया भाग निकलती है। यदि माधवदास चिड़िया को पकड़वाने में सफल हो जाता तो चिडिया का बाकि का पूरा जीवन कैदी के रूप में व्यतीत होता। उसकी आजादी समाप्त हो जाती, उसका परिवार उससे बिछड़ जाता। उसकी स्वच्छंदता, हँसी – खुशी समाप्त हो जाती। कोई भी गुलामी का जीवन जीना पसंद नहीं करता, और प्रत्येक प्राणी को स्वतंत्र रह कर अपना जीवन जीने का अधिकार है, अत: मेरी संवेदना चिड़िया के प्रति बहुत अधिक है। और मुझे बहुत अधिक प्रसन्नता हुई जब चिड़िया उस स्वार्थी माधवदास के चुंगल से बच निकलने में सफल हुई।
प्रश्न 5. ‘माँ मेरी बाट देखती होगी’ – नन्ही चिड़िया बार – बार इसी बात को कहती है। आप अपने अनुभव के आधार पर बताइए कि हमारी जिंदगी में माँ का क्या महत्व है ?
उत्तर – हमारी जिंदगी में माँ का एक बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। माँ दुख – सुख में सदैव अपने बच्चों के साथ रहती है। माँ ही बच्चों की पहली गुरु होती है। माँ अपने बच्चों की सभी परेशानियों को दूर करते हुए सारे दुखों और कष्टों को स्वयं झेल जाना चाहती है। हमारा पालन – पोषण करती है, हमें सभी सुख – सुविधाएँ उपलब्ध कराती है तथा दुख की घड़ी में ढाढ़स बँधाती है। माँ का स्नेह और आशीर्वाद बच्चे की सफलता में योगदान देता है। अतः हम माँ के ऋण को आजीवन कभी नहीं चुका सकते। जब भी कोई संकट आता है या कभी कुछ गलत होने की आशंका मन में उठती है तो हमें अपनी माँ की ही याद आती है, क्योंकि माँ के आँचल में ही सबसे ज्यादा सुकून और सुरक्षा महसूस होती है, यही कारण है कि जब चिड़िया को माधवदास के घर देर होने लगती है तो रह – रहकर वह यही कहती है कि माँ इंतजार करती होगी।
प्रश्न 6. इस कहानी का कोई और शीर्षक देना हो तो आप क्या देना चाहेंगे और क्यों ?
उत्तर – इस कहानी हेतु ‘नन्हीं चिड़िया’ शीर्षक पूर्णतया उपयुक्त रहेगा क्योंकि वह छोटी चिड़िया है। स्वभावानुसार थोड़ा बहुत घूमना ही जानती है। जब माधवदास का नौकर उसे पकड़ने लगता है तो वह बहुत डर गई। वह इतनी तेजी से उड़ती है कि सीधा माँ की गोद में आकर रुकी और सारी रात उससे चिपककर सोती रही। वास्तव में वह छोटे बच्चे की भाँति ही डर जाती है और बच्चा माँ की गोद में ही अपने – आप को सुरक्षित महसूस करता है वैसा ही ‘ नन्हीं चिडिया ’ ने भी किया।
कहानी से आगे
प्रश्न 1. इस कहानी में आपने देखा कि वह चिड़िया अपने घर से दूर आकर भी फिर अपने घोंसले तक वापस पहुँच जाती है। मधुमक्खियों, चींटियों, ग्रह-नक्षत्रों तथा प्रकृति की अन्य विभिन्न चीज़ों में हमें एक अनुशासनबद्धता देखने को मिलती है। इस तरह के स्वाभाविक अनुशासन का रूप आपको कहाँ-कहाँ देखने को मिलता है? उदाहरण देकर बताइए।
उत्तर – अनुशासन प्रकृति का स्वाभाविक नियम है। प्रकृति के अलग-अलग रूपों में हमें अनुशासन देखने को मिलता है जैसे-
(i) सूर्य प्रत्येक दिन सुबह उगता है और शाम को अस्त होता है। वह एक दिन के लिए भी अनुपस्थित नहीं होता है।
(ii) तारे रात में ही आसमान में दिखते हैं। चंद्रमा की भी यही स्थिति है।
(iii) प्रकृति में दिन-रात का एक क्रम बना हुआ है। इसमें थोड़ा भी परिवर्तन नहीं होता है।
(iv) पृथ्वी सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है ।
(v) ऋतुऐं भी नियमानुसार ही आती और जाती हैं।
(vi) पशु-पक्षी या अन्य कोई भी जीव चाहे कहीं भी विचरण कर रहे हो, लेकिन शाम होते-होते वे अपने स्थाई जगह पर लौट आते हैं।
प्रश्न 2. सोचकर लिखिए कि यदि सारी सुविधाएँ देकर एक कमरे में आपको सारे दिन बंद रहने को कहा जाए तो क्या आप स्वीकार करेंगे? आपको अधिक प्रिय क्या होगा-‘स्वाधीनता’ या ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’? ऐसा क्यों कहा जाता है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता। नीचे दिए गए कारणों को पढ़ें और विचार करें-
(क) क्योंकि किसी को पराधीन बनाने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति स्वयं दुखी होता है, वह किसी को सुखी नहीं कर सकता।
(ख) क्योंकि पराधीन व्यक्ति सुख के सपने देखना ही नहीं चाहता।
(ग) क्योंकि पराधीन व्यक्ति को सुख के सपने देखने का भी अवसर नहीं मिलता।
उत्तर – एक जगह अनेको प्रकार के सुख-सुविधा होने के बाद भी हमें ‘प्रलोभनोंवाली पराधीनता’ स्वीकार नहीं होगा। स्वाधीनता उस पराधीनता से भी अधिक प्रिय लगती है जिसमें कि अनेक प्रलोभन हो। जीवन में स्वतंत्र रहने का अपना अलग ही सुख है। जो सभी सुख सुविधाएँ मिलकर भी उसके मूल्य को कम नहीं कर सकती हैं।
यह सत्य है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुख नहीं मिल पाता है क्योंकि पराधीन व्यक्ति दूसरों के अधीन होता है और सुख से दूर-दूर तक वंचित रहता है। सुख का एहसास उसके लिए दुर्लभ होता है।
अनुमान और कल्पना
प्रश्न 1. आपने गौर किया होगा कि मनुष्य, पशु, पक्षी-इन तीनों में ही माँ! अपने बच्चों का पूरा-पूरा ध्यान रखती है। प्रकृति की इस अद्भुत देन का अवलोकन कर अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर – हर माँ अपने बच्चों का पूरा ध्यान रखती है। चाहे वो मनुष्य हो या पशु-पक्षी, सभी में ऐसा देखने को मिलता है। मनुष्य एक बुद्धिजीवी प्राणी है इसलिए ऐसी भावना का होना स्वाभाविक है। परन्तु ये पशु-पक्षियों में भी वात्सल्य प्रेम और ममत्व की भावना को देखा जाता है वह हर तरह से अपने बच्चों का बहुत ध्यान रखती है। जैसे- चिड़िया अपने बच्चों के लिए खाना इकट्ठा करके लाती है तथा उड़ना और अन्य काम करना सिखाती है । जानवर भी अपने बच्चों को खतरे में देखकर हमला करने वालों पर आक्रमण कर देते हैं। माँ हमेशा अपने बच्चों को लेकर फिक्र करती हैं। यह प्रकृति की अद्भुत देन है।
भाषा की बात
प्रश्न 1. पाठ में पर शब्द के तीन प्रकार के प्रयोग हुए हैं-
(क) गुलाब की डाली पर एक चिड़िया आन बैठी।
(ख) कभी पर हिलाती थी।
(ग) पर बच्ची काँप-काँपकर माँ की छाती से और चिपक गई।
- तीनों ‘पर’ के प्रयोग तीन उद्देश्यों से हुए हैं। इन वाक्यों का आधार लेकर आप भी ‘पर’ का प्रयोग कर ऐसे तीन वाक्य बनाइए जिनमें अलग-अलग उद्देश्यों के लिए ‘पर’ के प्रयोग हुए हों।
उत्तर –
(i) टेबल पर बहुत धूल जमी है।
(ii) चिड़िया अपने पर फैलाकर उड़ती है।
(iii) मैंने बहुत प्रयास किया पर कक्षा में प्रथम न आ सका।
प्रश्न 2. पाठ में तैंने, छनभर, खुश करियो-तीन वाक्यांश ऐसे हैं जो खड़ीबोली हिंदी के वर्तमान रूप में तूने, क्षणभर, खुशकरना लिखे-बोले जाते हैं लेकिन हिंदी के निकट की बोलियों में कहीं-कहीं इनके प्रयोग होते हैं। इस तरह के कुछ अन्य शब्दों की खोज कीजिए।
उत्तर –
मन्नै- मैंने
अइयो – आओ
जइयो – जाओ
ठहरियो – ठहरना
करियो – करो
बहिन – बहन
उजेला – उजाला
चौकन्नी – सतर्क
ले लियो – ले लेना
दियो – देना
Class 7 Hindi चिड़िया की बच्ची अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)
प्रश्न 1. माधवदास ने किसका निर्माण करवाया था?
उत्तर – माधवदास ने एक संगमरमर की कोठी और उसके सामने बहुत ही सुंदर और सुखद बगीचे का निर्माण करवाया था।
प्रश्न 2. माधवदास ने चिड़िया से क्या कहा?
उत्तर – माधवदास ने चिड़िया से कहा तुम बड़ी भोली हो। तुम्हें देखकर मेरा मन बहुत खुश हुआ है।
प्रश्न 3. माधवदास प्रकृति की छटा कहाँ बैठकर निहारते थे?
उत्तर – शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती और आसमान कई रंग का हो जाता था तब माधवदास कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवा कर मसनद के सहारे गलीचे पर बैठते थे और प्रकृति की छटा निहारते थे।
प्रश्न 4. चिड़िया दिखने में कैसी थी?
उत्तर – चिड़िया दिखने में बहुत सुंदर थी। उसकी गरदन लाल थी और गुलाबी होते – होते किनारों पर जरा – जरा नीली पड़ गई थी। पंख ऊपर से चमकदार स्याह थे। उसका नन्हा सा सिर तो बहुत प्यारा लगता था और शरीर पर चित्र – विचित्र चित्रकारी थी।
प्रश्न 5. माधवदास को वह चिड़िया बड़ी मनमानी क्यों लगी।
उत्तर – माधवदास को वह चिड़िया बड़ी मनमानी इसलिए लगी क्योंकि वह बहुत ही चंचल थी वह इस डाल से कभी उस डाल पर थिरकती रहती थी । वह कभी पर हिलाती, कभी फुदकती थी, कभी नन्ही सी चोंच से प्यारी – प्यारी आवाज निकालती थी। चिड़िया को देख कर ऐसा लग रहा था कि मानो उसे थोड़ी देर का भी आराम नहीं चाहिए।
प्रश्न 6. माधवदास कैसा व्यक्ति था और शाम को क्या करता था ?
उत्तर – माधवदास सुंदर अभिरुचि के व्यक्ति थे। उनको कला से बहुत प्रेम था और वह किसी भी प्रकार का नशा नहीं करते थे। उन्हें पेड़ पौध, फूल, फव्वारों से निकलता हुआ पानी देखना बहुत अच्छा लगता था। शाम को जब दिन की गरमी ढल जाती और आसमान कई रंग का हो जाता था तब वह कोठी के बाहर चबूतरे पर तख्त डलवा कर मसनद के सहारे वह गलीचे पर बैठते हैं और प्रकृति की छटा निहारते हैं। इससे उनके मन को तृप्ति मिलती थी।
प्रश्न 7. सेठ माधवदास ने अंत में चिड़िया को कैसे पकड़ना चाहा?
उत्तर – अनेक प्रयासों के बाद जब चिड़िया माधवदास के लोभ लालच में न आई तो सेठ माधवदास ने चिड़िया को अपनी बातों में उलझा लिया। चिड़िया से कहता है कि कल भी आना, परसों भी आना बल्कि यहाँ रोज आना। यह कहते – कहते सेठ माधवदास ने अपने नौकर से चिड़िया को पकड़ने का इशारा कर दिया और वह नौकर चिड़िया को पकड़ने की कोशिश में चल पड़ा। चिड़िया माधवदास से बात ही कर रही थी कि चिड़िया को ऐसा लगा जैसे कि एक कठोर स्पर्श उसके शरीर को छू गया। वह चीख देकर चिल्लाई और एकदम से डाल पर से उड़ गई।
प्रश्न 8. माँ के पास पहुँचकर चिड़िया ने क्या किया?
उत्तर – चिड़िया सेठ के नौकर के हाथ में आते-आते बच कर उड़ गई। तब वह चिड़िया उड़ती हुई एक साँस में अपनी माँ के पास पहुँच गई और माँ की गोद में गिरकर सुबकने लगी, “ओ माँ, ओ माँ !” तो उसकी माँ ने अपनी बच्ची को अपनी छाती से सटाकर पूछा की उसकी प्यारी बच्ची को क्या हुआ है, वह इस तरह क्यों रो रही है ? परन्तु चिड़िया की बच्ची काँप – काँपकर अपनी माँ की छाती से और सट कर चिपक गई और वह कुछ भी नहीं बोली, बस हिचकियाँ ले लेकर रोती रही और ओ माँ, ओ माँ करती रही। बहुत देर तक वह इसी तरह अपनी माँ की छाती से सटकर रोती रही और जब उसे उसकी माँ ने थोड़ा दिलासा दिया, तब भी वह अपनी पलकों को बंद करके उसकी छाती में ही चिपककर सो गई। जैसे अब वह पलक कभी नहीं खोलेगी।
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