NCERT Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 Chapter 8 Shyam ek Kisan Summary, Explanation with Video and Question Answers
Shyam ek Kisan – NCERT Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 book Chapter 8 Shyam ek Kisan Summary and detailed explanation of lesson “Shyam ek Kisan” along with meanings of difficult words. Given here is the complete explanation of the lesson, along with a summary and all the exercises, Questions and Answers given at the back of the lesson. Take Free Online MCQs Test for Class 7.
इस लेख में हम हिंदी कक्षा 7 ” वसंत भाग – 2 ” के पाठ – 8 ” शाम – एक किसान ” कविता के पाठ – प्रवेश , पाठ – सार , पाठ – व्याख्या , कठिन – शब्दों के अर्थ और NCERT की पुस्तक के अनुसार प्रश्नों के उत्तर , इन सभी के बारे में चर्चा करेंगे –
- शाम एक किसान पाठ प्रवेश
- शाम एक किसान पाठ सार
- शाम एक किसान पाठ की व्याख्या
- शाम एक किसान प्रश्न-अभ्यास
- Class 7 Hindi Chapter 8 Shaam ek Kisan MCQs
शाम – एक किसान Question Answers, Class 7 Chapter 8 NCERT Solutions- Class 7 Hindi Chapter Wise Word Meanings
कवि परिचय –
कवि – सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
शाम एक किसान पाठ प्रवेश –
कवि ” सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ” ने किसान के रूप में जाड़े की शाम के प्राकृतिक दृश्य का चित्रण किया है। इस प्राकृतिक दृश्य में पहाड़ – बैठे हुए एक किसान की तरह दिखाई दे रहा है , आकाश – उसके सिर पर बँधे साफ़े के समान , पहाड़ के नीचे बहती हुई नदी – घुटनों पर रखी चादर – सी , पलाश के पेड़ों पर खिले लाल – लाल फूल – जलती अँगीठी के समान , पूर्व क्षितिज पर घना होता अँधकार – झुँड में बैठी भेड़ों जैसा और पश्चिम दिशा में डूबता सूरज – चिलम पर सुलगती आग की भाँति दिख रहा है। यह पूरा दृश्य शांत है। अचानक मोर बोल उठता है। मानो किसी ने आवाश लगाई – ‘सुनते हो ’। इसके बाद यह दृश्य घटना में बदल जाता है – चिलम उलट जाती है , आग बुझ जाती है , धुआँ उठने लगता है , सूरज डूब जाता है , शाम ढल जाती है और रात का अँधेरा छा जाता है।
शाम एक किसान पाठ सार –
यह कविता कवि ” सर्वेश्वर दयाल सक्सेना ” द्वारा लिखी गई है। सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ने अपनी कविता ‘शाम-एक किसान’ में शाम के समय का बड़ा ही मनोहर वर्णन किया है। कवि वर्णन करता है कि शाम का प्राकृतिक दृश्य बहुत ही सुंदर है। इस दौरान पहाड़ एक किसान की तरह बैठा हुआ दिखाई दे रहा है। उसके सिर पर आसमान किसी साफ़े के समान बंधा हुआ प्रतीत हो रहा है। पहाड़ के नीचे बहती हुई नदी ऐसी लग रही है जैसे पहाड़ ने घुटनों तक किसी चादर को ओड़ा हुआ हो। पलाश के पेड़ों पर खिले लाल – लाल फूल अंगीठी में अंगारों की तरह प्रतीत हो रहे हैं। दूर पूर्व दिशा में पसरा हुआ अँधेरा ऐसा महसूस हो रहा है जैसे भेड़ों का समूह दुबक के बैठा हो। इस शाम के शांत दृश्य में अचानक मोर के बोलने से सब बदल जाता है। मोर की आवाज को सुन कर ऐसा लगा जैसे किसी ने किसी को ” सुनते हो ” कह कर पुकारा हो। शाम का ढलना ऐसा लग रहा है जैसे चिलम उलटी हो गई हो और उसमें से धुँआ उठ रहा हो। पश्चिम दिशा में सूरज डूब जाता है और चारों और रात का अँधेरा छा जाता है।
शाम एक किसान पाठ व्याख्या –
काव्यांश 1
आकाश का साफ़ा बाँधकर
सूरज की चिलम खींचता
बैठा है पहाड़ ,
घुटनों पर पड़ी है नदी चादर – सी ,
पास ही दहक रही है
पलाश के जंगल की अँगीठी
अंधकार दूर पूर्व में
सिमटा बैठा है भेड़ों के गल्ले – सा।
कठिन शब्द
आकाश – आसमान , गगन
साफ़ा – पगड़ी
चिलम – हुक्के के ऊपर रखने वाली वस्तु
चादर-सी – चादर के समान
दहक रही है – जल रही है
पलाश – एक प्रकार का जंगली वृक्ष जिस पर लाल रंग के फूल लगते हैं
सिमटा – दुबका हुआ
गल्ले-सा – समूह के समान
व्याख्या – ” सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ” ने अपनी कविता ” शाम – एक किसान ” की इन पंक्तियों में शाम होने के समय दिखाई देने वाला प्राकृतिक दृश्य का बहुत ही सुंदर वर्णन किया है। कवि के अनुसार , शाम के समय पहाड़ किसी बैठे हुए किसान की तरह दिख रहा है और आसमान उसके सिर पर रखी किसी पगड़ी की तरह दिख रहा है। पश्चिम दिशा में मौजूद सूरज चिलम पर रखी आग की तरह लग रहा है। पहाड़ के नीचे बह रही नदी , किसान के घुटनों पर रखी किसी चादर के सामान प्रतीत हो रही है। पलाश के पेड़ों पर खिले लाल फूल कवि को अंगीठी में जलते अंगारों की तरह दिख रहे हैं। पूर्व में फैलता अंधेरा सिमटकर बैठी भेड़ों के झुंड की तरह प्रतीत हो रहा है। कवि कहता है कि शाम के इस समय चारों तरफ एक मन को हरने वाली शांति छाई हुई है।
काव्यांश 2
अचानक – बोला मोर।
जैसे किसी ने आवाज़ दी –
‘ सुनते हो ’।
चिलम औंधी
धुआँ उठा –
सूरज डूबा
अंधेरा छा गया।
कठिन शब्द
अचानक – एक दम से , यकायक
औंधी – जिसका सिर या मुँह नीचे की ओर हो गया हो , पट , उलटा , नीचे की ओर झुका
व्याख्या – कवि ” सर्वेश्वर दयाल सक्सेना जी ” ने अपनी कविता ” शाम – एक किसान ” के इस पद्यांश में शाम के मनोहर सन्नाटे के भंग होने का वर्णन किया है। चारों तरफ छाई शांति के बीच एक दम से एक मोर बोल पड़ता है , उस मोर की आवाज सुन कर ऐसा लगता है जैसे मानो कोई पुकार रहा हो , ‘ सुनते हो ! ’ फिर सारा दृश्य किसी घटना में बदल जाता है , जैसे सूरज की चिलम किसी ने उलट दी हो , जिसके कारण जलती हुई आग बुझने लगी हो और धुंआ उठने लगा हो। कहने का तात्पर्य यह है कि असल में, अब सूरज डूब रहा है और चारों तरफ अंधेरा छाने लगा है।
Top
Shyam ek Kisan Question Answer
प्रश्न 1 – इस कविता में शाम के दृश्य को किसान के रूप में दिखाया गया है – यह एकरूपक है। इसे बनाने के लिए पाँच एकरूपताओं की जोड़ी बनाई गई है। उन्हें उपमा कहते हैं। पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाते हुए कविता में ‘ आकाश का साफ़ा ’ वाक्यांश आया है। इसी तरह तीसरी एकरूपता नदी और चादर में दिखाई गई है , मानो नदी चादर – सी हो। अब आप दूसरी , चौथी और पाँचवीं एकरूपताओं को खोजकर लिखिए।
उत्तर – जिस प्रकार पहली एकरूपता आकाश और साफ़े में दिखाई गई है वैसे ही ,
दूसरी एकरूपता – चिलम सूरज – सी में
तीसरी एकरूपता – नदी और चादर में
चौथी एकरूपता – पलाश के जंगल की अंगीठी में
पाँचवी एकरूपता – अंधकार भेड़ों के गल्ले-सा में
प्रश्न 2 – शाम का दृश्य अपने घर की छत या खिड़की से देखकर बताइए –
(क) शाम कब से शुरू हुई ?
(ख) तब से लेकर सूरज डूबने में कितना समय लगा ?
(ग) इस बीच आसमान में क्या – क्या परिवर्तन आए ?
उत्तर – शाम में घर की छत या खिड़की से शाम का दृश्य देखने पर पता चला है कि
(क) सूरज के पश्चिम दिशा की ओर बढ़ने के साथ ही शाम की शुरुआत हो जाती है , लगभग पाँच बजे हमें शाम महसूस होने लग जाती है।
(ख) फिर उसके बाद सूरज को पूरी तरह डूबने में लगभग एक से डेढ़ घंटे का समय लग जाता है।
(ग) जैसे – जैसे सूरज पश्चिम की तरफ जाने लगा , आसमान के रंग में बदलाव देखने को मिला। पहले वो नीले रंग से , हल्का पीला हुआ और फिर चारों तरफ लालिमा छा गयी। फिर धीरे – धीरे हर ओर अंधेरा छा गया।
प्रश्न 3 – मोर के बोलने पर कवि को लगा जैसे किसी ने कहा हो – ‘ सुनते हो ’। नीचे दिए गए पक्षियों की बोली सुनकर उन्हें भी एक या दो शब्दों में बाँधिए – कबूतर , कौआ , मैना , तोता , चील , हंस
उत्तर –
कबूतर – किसी का ख़त आया है।
कौआ – आज घर पर कोई मेहमान आने वाला है।
मैना – तुम्हारी आवाज़ मन को मोह लेने वाली है।
तोता – फल बहुत ही स्वादिष्ट है।
चील – रुको मत और मेरी तरह ऊँचाइयों को प्राप्त करो।
हंस – अपने मन को हमेशा शांत रखो।
Top
Also See :
- Hum Panchhi Unmukt Gagan Ke Class 7 Hindi Chapter 1 Summary Explanation, Question Answers
- Dadi Maa Class 7 Hindi Chapter 2 Summary Explanation, Question Answers
- Himalaya ki Betiyan Class 7 Hindi Chapter 3 Summary, Explanation, Question Answers
- Kathputli Class 7 Hindi Chapter 4 Summary, Explanation, and Question Answers
- Mithaiwala Class 7 Hindi Chapter 5 Summary, Explanation, and Question Answers
- Rakt Aur Hamara Sharir Class 7 Hindi Chapter 6 Summary, Explanation, Question Answers
- Papa Kho Gaye Class 7 Hindi Chapter 7 Summary, Explanation, Question Answers
- Shyam Ek Kisan Class 7 Hindi Chapter 8 Summary, Explanation, Question Answers
- Chidiya ki Bacchi Class 7 Hindi Chapter 9 Summary, Explanation, Question Answers
- Apurv Anubhav Class 7 Hindi Chapter 10 Summary, Explanation, Question Answers
- Rahim Ke Dohe Class 7 Hindi Chapter 11 Summary, Explanation, Question Answers
- Kancha Class 7 Hindi Chapter 12 Summary, Explanation, Question Answers
- Ek Tinka Class 7 Hindi Chapter 13 Summary, Explanation, Question Answers
- Khanpan Ki Badalti Tasveer Class 7 Hindi Chapter 14 Summary, Explanation, Question Answers
- Neelkanth Class 7 Hindi Chapter 15 Summary, Explanation, Question Answers
- Bhore or Barkha Class 7 Hindi Chapter 16 Summary, Explanation, Question Answers
- Veer Kunwar Singh Class 7 Hindi Chapter 17 Summary, Explanation, Question Answers
- Dhanraj Class 7 Hindi Chapter 18 Summary, Explanation, Question Answers
- Ashram ka Anumanit Vyay Class 7 Hindi Chapter 19 Summary, Explanation, Question Answers