Character Sketch of Shukratare ke Saman

 

Give a Character Sketch of Mahadev Desai and Mahatma Gandhi from CBSE Class 9 Hindi Chapter 5 शुक्रतारे के समान  

 

“शुक्रतारे के समान” स्वामी आनंद जी की कृति है। इसमें लेखक ने महात्मा गांधी के प्रिय महादेव देसाई जी और महात्मा गांधी के बीच के संबंध का बेहद ही सजीव चित्रण किया है। 

 

Character Sketch of Mahadev Desai 

 

‘शुक्रतारे के समान’ महादेव देसाई की एक आत्मकथात्मक रचना है, जिसमें महादेव देसाई के व्यक्तित्व और जीवन के विभिन्न पहलुओं का चित्रण मिलता है। 

 

महादेव देसाई महात्मा गांधी के प्रमुख सहयोगी और उनके सचिव थे। उनके चरित्र की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  1. त्याग और समर्पण: महादेव देसाई का जीवन गांधीजी के प्रति समर्पित था। उन्होंने अपने व्यक्तिगत सुखों और इच्छाओं का त्याग कर गांधीजी के आदर्शों और कार्यों के प्रति अपनी निष्ठा दिखाई। उनका समर्पण और त्याग उन्हें एक विशेष स्थान दिलाता है।
  2. सेवा भाव: महादेव देसाई सेवा भाव से ओतप्रोत थे। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय गांधीजी की सेवा में बिताया और उनके हर कार्य में उनकी सहायता की। उनका सेवा भाव न केवल गांधीजी के प्रति, बल्कि समाज के प्रति भी था।
  3. सादगी और विनम्रता: महादेव देसाई का जीवन सादगीपूर्ण और विनम्रता से भरा था। उन्होंने हमेशा साधारण जीवनशैली अपनाई और आडंबर या दिखावे से दूर रहे। उनकी सादगी और विनम्रता उनके व्यक्तित्व को और अधिक प्रभावशाली बनाती है।
  4. लेखन और साहित्य प्रेमी: महादेव देसाई एक कुशल लेखक थे। उन्होंने कई महत्वपूर्ण लेख और पुस्तकें लिखी हैं जो आज भी प्रेरणादायक हैं। उनका साहित्य प्रेम उनके लेखन में स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। उनके लेखन में समाज, राजनीति और गांधीजी के विचारों का सजीव चित्रण मिलता है।
  5. अटल निष्ठा और ईमानदारी: महादेव देसाई का चरित्र अटल निष्ठा और ईमानदारी से परिपूर्ण था। उन्होंने अपने सिद्धांतों और आदर्शों के प्रति हमेशा सच्चाई और ईमानदारी बनाए रखी। उनकी निष्ठा और ईमानदारी ने उन्हें गांधीजी का विश्वस्त सहयोगी बनाया।
  6. प्रेरणास्त्रोत: महादेव देसाई का जीवन और उनके कार्य दूसरों के लिए प्रेरणास्त्रोत हैं। उनके आदर्श और मूल्य आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और समाज सेवा की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते हैं।

 

Questions related to Character of Mahadev Desai

  • पाठ के आधार पर महादेव देसाई ने किस प्रकार गांधी जी की सहायता की?
  • महादेव देसाई को गांधी जी ने अपना उत्तराधिकारी क्यों चुना?
  • महादेव देसाई के जिगरी दोस्त कौन थे?

 

Character Sketch of Mahatma Gandhi

महादेव देसाई की आत्मकथात्मक रचना ‘शुक्रतारे के समान’ में महात्मा गांधी का चरित्र गहनता से उभरा है। 

 

गांधीजी के व्यक्तित्व और उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं का सजीव चित्रण इस रचना में मिलता है। महात्मा गांधी का चरित्र निम्नलिखित गुणों और विशेषताओं से परिपूर्ण है:

  1. सत्य और अहिंसा के प्रति प्रतिबद्धता: महात्मा गांधी का जीवन सत्य और अहिंसा के आदर्शों पर आधारित था। उन्होंने हमेशा सत्य बोलने और अहिंसक तरीकों से अपने संघर्ष को आगे बढ़ाने का प्रयास किया। उनके इस गुण ने उन्हें विश्वभर में आदर और सम्मान दिलाया।
  2. त्याग और सादगी: गांधीजी का जीवन त्याग और सादगी का प्रतीक था। उन्होंने व्यक्तिगत सुख-सुविधाओं का त्याग किया और सादगीपूर्ण जीवन जीने का उदाहरण प्रस्तुत किया। उनके वस्त्र, आहार और जीवनशैली में सादगी स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
  3. समर्पण और सेवा भाव: गांधीजी का जीवन समाज और देश के प्रति समर्पण का उदाहरण है। उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की स्वतंत्रता और समाज सुधार के लिए समर्पित कर दिया। उनका सेवा भाव उनके हर कार्य में झलकता है।
  4. धैर्य और सहनशीलता: गांधीजी का चरित्र धैर्य और सहनशीलता से भरा था। उन्होंने अपने जीवन में अनेक कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना धैर्यपूर्वक किया और कभी भी अपने आदर्शों से समझौता नहीं किया।
  5. नेतृत्व और प्रेरणा स्रोत: महात्मा गांधी एक महान नेता थे। उन्होंने अपने नेतृत्व से लाखों लोगों को स्वतंत्रता संग्राम में शामिल किया और उन्हें प्रेरित किया। उनका नेतृत्व हमेशा प्रेरणादायक और अनुकरणीय रहा है।
  6. व्यक्तिगत अनुशासन: गांधीजी का जीवन व्यक्तिगत अनुशासन का उत्कृष्ट उदाहरण है। उन्होंने नियमित रूप से आत्म-अनुशासन का पालन किया, चाहे वह आहार हो, व्रत हो, या समय का पालन। उनका अनुशासन उनके चरित्र की मजबूती को दर्शाता है।
  7. मानवता और करुणा: गांधीजी का हृदय मानवता और करुणा से भरा था। उन्होंने हमेशा समाज के कमजोर और पीड़ित वर्ग के लिए आवाज उठाई और उनकी भलाई के लिए कार्य किए। उनकी करुणा और मानवता उनके हर कार्य में दिखाई देती है।

 

Questions related to Character of Mahatma Gandhi

  • महात्मा गांधी ने महादेव देसाई को अपना वारिस कब कहा?
  • गांधी जी की आत्मकथा का नाम बताइए।

 

Shukratare ke Saman Summary

“शुक्रतारे के समान” पाठ महादेव देसाई और महात्मा गांधी के बीच के घनिष्ठ और सहयोगपूर्ण संबंधों का वर्णन करता है। उनका संबंध केवल औपचारिक नहीं था, बल्कि बहुत ही भावनात्मक और गहरा था। यहाँ उनके संबंधों का विस्तृत विवरण दिया गया है:

लेखक के अनुसार महादेव देसाई महात्मा गांधी के सबसे विश्वसनीय सहयोगियों में से एक थे। गांधी जी उनको अपना पुत्र मानते थे। 

देसाई जी गांधी जी के सचिव और उनके विचारों के प्रचारक थे। उन्होंने गांधी जी के साथ अपने जीवन के कई महत्वपूर्ण वर्ष बिताए और हर महत्वपूर्ण गतिविधि में उनका साथ दिया।

लेखक आगे कहते हैं कि देसाई जी ने गांधी जी के साथ स्वतंत्रता संग्राम के कई आंदोलनों में भाग लिया। उनके कार्य और समर्पण ने गांधी जी को अपने उद्देश्यों को साकार करने में मदद की। देसाई जी ने सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे महत्वपूर्ण आंदोलनों में सक्रिय भूमिका निभाई।

महादेव देसाई एक बड़े ही विद्वान व्यक्ति थे। उन्होंने गांधी जी के विचारों और गतिविधियों को दस्तावेजीकरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गांधी जी के भाषणों, पत्रों, और विचारों को लेखनीबद्ध किया, जिससे गांधी जी के संदेश व्यापक जनसमूह तक पहुँच सके। देसाई जी की लेखनी में स्पष्टता और प्रभावशीलता थी, जो गांधी जी के विचारों को सटीक रूप से व्यक्त करती थी।

देसाई जी ने न केवल गांधी जी के सचिव के रूप में कार्य किया, बल्कि वे उनके मित्र और विश्वासपात्र भी थे। गांधी जी के लिए देसाई जी का महत्व केवल एक सहयोगी तक सीमित नहीं था, बल्कि वे उनके जीवन के महत्वपूर्ण हिस्सेदार थे।

आगे लेखक कहते हैं कि देसाई जी की मृत्यु के बाद गांधी जी ने उन्हें अपने सच्चे मित्र और साथी के रूप में याद किया और उनकी कमी को बहुत महसूस किया।

 

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