Gillu Important Question Answers

 

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sanchayan Bhag 1 गिल्लू Important Question Answers Lesson 1

 

 

Class 9 Hindi Gillu Question Answers – Looking for Gillu question answers for CBSE Class 9 Hindi Sanchayan Bhag 1 Book Lesson 1? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

 

सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी संचयन भाग 1 पुस्तक पाठ 1 गिल्लू प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से बोर्ड परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे गिल्लू प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions.

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

Class 9 Hindi गिल्लू Question Answers Lesson 1 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

 

1 –

सोनजुही में आज एक पीली कली लगी है। इसे देखकर अनायास ही उस छोटे जीव का स्मरण हो आया, जो इस लता की सघन हरीतिमा में छिपकर बैठता था और फिर मेरे निकट पहुँचते ही कंधे पर कूदकर मुझे चैंका देता था। तब मुझे कली की खोज रहती थी, पर आज उस लघुप्राण की खोज है।

परंतु वह तो अब तक इस सोनजुही की जड़ में मिट्टी होकर मिल गया होगा। कौन जाने स्वर्णिम कली के बहाने वही मुझे चैंकाने ऊपर गया हो!

अचानक एक दिन सवेरे कमरे से बरामदे में आकर मैंने देखा, दो कौवे एक गमले के चारों ओर चोंचों से छूआछुऔवल जैसा खेल खेल रहे हैं। यह काकभुशुंडि भी विचित्र पक्षी हैएक साथ समादरित अनादरित, अति सम्मानित अति अवमानित।

हमारे बेचारे पुरखे गरुड़ के रूप में सकते हैं, मयूर के, हंस के। उन्हें पितरपक्ष में हमसे कुछ पाने के लिए काक बनकर ही अवतीर्ण होना पड़ता है। इतना ही नहीं हमारे दूरस्थ प्रियजनों को भी अपने आने का मधु संदेश इनके कर्कश स्वर में ही देना पड़ता है। दूसरी ओर हम कौवा और काँवकाँव करने को अवमानना के अर्थ में ही प्रयुक्त करते हैं।

 

प्रश्न 1 – किसे देखकर लेखिका को अनायास ही छोटे जीव का स्मरण हो आया?

() सोनजुही की पीली कली को

() जुही की पीली कली को

(सोनजुही की लाल कली को

() सघन हरीतिमा को

उत्तर – () सोनजुही की पीली कली को

 

प्रश्न 2 – आज लेखिका को किसकी खोज है?

() सोनजुही की पीली कली की

() सघन हरीतिमा की

(लघुप्राण की

() स्वर्णिम कली की

उत्तर – (लघुप्राण की

 

प्रश्न 3 – ‘परंतु वह तो अब तक इस सोनजुही की जड़ में मिट्टी होकर मिल गया होगासे लेखिका का क्या आशय है?

() वह छोटा जीव मर गया था

() लेखिका ने उस जीव को सोनजुही की जड़ में दफनाया था

() वह छोटा जीव मिट्टी में खेलता था

() वह छोटा जीव सोनजुही की जड़ की मिट्टी में खेलता था

उत्तर – () लेखिका ने उस जीव को सोनजुही की जड़ में दफनाया था

 

प्रश्न 4 – काकभुशुंडि को विचित्र पक्षी क्यों कहा गया है?

() एक साथ समादरित अनादरित

() एक साथ अति सम्मानित अति अवमानित

() एक साथ समादरित अनादरित, अति सम्मानित अति अवमानित

() केवल ()

उत्तर – () एक साथ समादरित अनादरित, अति सम्मानित अति अवमानित

 

प्रश्न 5 – हमारे बेचारे पुरखे को पितरपक्ष में हमसे कुछ पाने के लिए कैसे अवतीर्ण होना पड़ता है?

() काक बनकर

() गरुड़ बनकर 

() मयूर बनकर

() हंस बनकर

उत्तर – () काक बनकर

 

2 –

मेरे काकपुराण के विवेचन में अचानक बाधा पड़ी, क्योंकि गमले और दीवार की संधि में छिपे एक छोटेसे जीव पर मेरी दृष्टि रुक गई। निकट जाकर देखा, गिलहरी का छोटासा बच्चा है जो संभवतः घोंसले से गिर पड़ा है और अब कौवे जिसमें सुलभ आहार खोज रहे हैं। काकद्वय की चोंचों के दो घाव उस लघुप्राण के लिए बहुत थे, अतः वह निश्चेष्टसा गमले से चिपटा पड़ा था। सबने कहा, कौवे की चोंच का घाव लगने के बाद यह बच नहीं सकता, अतः इसे ऐसे ही रहने दिया जाए। परंतु मन नहीं मानाउसे हौले से उठाकर अपने कमरे में लाई, फिर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। रुई की पतली बत्ती दूध से भिगोकर जैसेजैसे उसके नन्हे से मुँह में लगाई पर मुँह खुल सका और दूध् की बूँदें दोनों ओर ढुलक गईं। कई घंटे के उपचार के उपरांत उसके  मुँह में एक बूँद पानी टपकाया जा सका। तीसरे दिन वह इतना अच्छा और आश्वस्त हो गया कि मेरी उँगली अपने दो नन्हे पंजों से पकड़कर, नीले काँच के मोतियों जैसी आँखों से इधरउधर देखने लगा। तीनचार मास में उसके स्निग्ध् रोएँ, झब्बेदार पूँछ और चंचल चमकीली आँखें सबको विस्मित करने लगीं। हमने उसकी जातिवाचक संज्ञा को व्यक्तिवाचक का रूप दे दिया और इस प्रकार हम उसे गिल्लू कहकर बुलाने लगे। मैंने फूल रखने की एक हलकी डलिया में रुई बिछाकर उसे तार से खिड़की पर लटका दिया।

 

प्रश्न 1 – लेखिका के काकपुराण के विवेचन में अचानक बाधा क्यों पड़ी?

() क्योंकि गमले और दीवार की संधि में कोई कौआ छिपा शोर कर  रहा था

() क्योंकि गमले और दीवार की संधि में छिपे एक छोटेसे जीव पर कोई बड़ा जीव हमला कर रहा था

(क्योंकि गमले और दीवार की संधि में छिपे एक गिलहरी का छोटे बच्चे में कौवे अपना सुलभ आहार खोज रहे थे

() उपरोक्त सभी

उत्तर – (क्योंकि गमले और दीवार की संधि में छिपे एक गिलहरी का छोटे बच्चे में कौवे अपना सुलभ आहार खोज रहे थे

 

प्रश्न 2 – सभी ने लेखिका से छोटे जीव के बारे में क्या कहा?

() कि कौवे की चोंच का घाव लगने के बाद यह बच नहीं सकता, अतः इसे ऐसे ही रहने दिया जाए

() कि कौवे की चोंच का घाव लगने के से यह मर गया है इसे छोड़ देना चाहिए 

(कि कौवे की चोंच का घाव लगने के बाद यह बच नहीं सकता, अतः कौओं को भगा दिया जाए

() कि कौवे की चोंच का घाव लगने के बाद भी यह बच सकता है, अतः इसे अंदर ले जाना चाहिए

उत्तर – () कि कौवे की चोंच का घाव लगने के बाद यह बच नहीं सकता, अतः इसे ऐसे ही रहने दिया जाए

 

प्रश्न 3 – गिलहरी के बच्चे के घावों पर लेखिका ने क्या दवा लगाई?

() पेंसलनि

() पंसलीन

() पेनस्लिन 

() पेंसिलिन

उत्तर – () पेंसिलिन

 

प्रश्न 4 – तीनचार मास में गिलहरी के बच्चे में क्या परिवर्तन गया था?

() उसके स्निग्ध् रोएँ गए थे

() उसकी पूँछ झब्बेदार हो गई थी

() उसकी चंचल चमकीली आँखें सबको विस्मित करने लगी थी

() उपरोक्त सभी

उत्तर – () उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 5 – लेखिका ने गिलहरी के बच्चे का क्या नाम रखा था?

() गल्लू

() गल्ली

() गिल्लू

() गिल्ली

उत्तर – () गिल्लू

 

 

3 –

जब मैं लिखने बैठती तब अपनी ओर मेरा ध्यान आकर्षित करने की उसे इतनी तीव्र इच्छा होती थी कि उसने एक अच्छा उपाय खोज निकाला। वह मेरे पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेज़ी से उतरता। उसका यह दौड़ने का क्रम तब तक चलता जब तक मैं उसे पकड़ने के लिए उठती। कभी मैं गिल्लू को पकड़कर एक लंबे लिफ़ाफ़े में इस प्रकार रख देती कि उसके अगले दो पंजों और सिर के अतिरिक्त सारा लघुगात लिफ़ाफ़े के भीतर बंद रहता। इस अद्भुत स्थिति में कभीकभी घंटों मेज पर दीवार के सहारे खड़ा रहकर वह अपनी चमकीली आँखों से मेरा कार्यकलाप देखा करता। भूख लगने पर चिकचिक करके मानो वह मुझे सूचना देता और काजू या बिस्कुट मिल जाने पर उसी स्थिति में लिफ़ाफ़े से बाहर वाले पंजों से पकड़कर उसे कुतरता। फिर गिल्लू के जीवन का प्रथम बसंत आया। नीमचमेली की गंध मेरे कमरे में हौलेहौले आने लगी। बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिकचिक करके जाने क्या कहने लगीं? गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकते देखकर मुझे लगा कि इसे मुक्त करना आवश्यक है।

 

प्रश्न 1 – लेखिका जब लिखने बैठती तब गिल्लू ने अपनी ओर ध्यान आकर्षित करने का क्या उपाय खोज निकाला?

() वह लेखिका के पैर तक सर्र से जाता

() वह परदे पर चढ़ जाता और फिर तेज़ी से उतरता

() वह लेखिका के पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेज़ी से उतरता

() वह मेरे पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता

उत्तर – () वह लेखिका के पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेज़ी से उतरता

 

प्रश्न 2 – गिल्लू का दौड़ने का क्रम कब तक चलता था?

() जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठती

() जब तक वह दौड़तेदौड़ते थक जाता

() जब तक लेखिका उसे पकड़ लेती

() जब तक लेखिका का लेखन कार्य चलता रहता

उत्तर – () जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठती

 

प्रश्न 3 – कभी मैं गिल्लू को पकड़कर ————- में इस प्रकार रख देती कि उसके अगले दो पंजों और सिर के अतिरिक्त सारा लघुगात लिफ़ाफ़े के भीतर बंद रहता?

() एक लंबे कागज़ में 

() एक लंबे लिफ़ाफ़े में 

() एक लम्बी किताब में  

() एक लंबे कमरे में

उत्तर – () एक लंबे लिफ़ाफ़े में 

 

प्रश्न 4 – भूख लगने पर गिल्लू किस तरह की आवाज करता था?

() पिकपिक

() छीकछीक

() चिकचिक

() गिकगिक

उत्तर – () चिकचिक

 

प्रश्न 5 – गिल्लू के जीवन के प्रथम बसंत में लेखिका को क्या आभास हुआ ?

() नीमचमेली की गंध मेरे कमरे में हौलेहौले आने लगी है 

() बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिकचिक करती है 

() गिल्लू को मुक्त करना आवश्यक है

() गिल्लू जाली के पास बैठकर बाहर झाँकने लगा है 

उत्तर – () गिल्लू को मुक्त करना आवश्यक है

 

4 –

मैंने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस मार्ग से गिल्लू ने बाहर जाने पर सचमुच ही मुक्ति की साँस ली। इतने छोटे जीव को घर में पले कुत्ते, बिल्लियों से बचाना भी एक समस्या ही थी। आवश्यक कागज़पत्रों के कारण मेरे बाहर जाने पर कमरा बंद ही रहता है। मेरे काॅलेज से लौटने पर जैसे ही कमरा खोला गया और मैंने भीतर पैर रखा, वैसे ही गिल्लू अपने जाली के द्वार से भीतर आकर मेरे पैर से सिर और सिर से पैर तक दौड़ लगाने लगा। तब से यह नित्य का क्रम हो गया। मेरे कमरे से बाहर जाने पर गिल्लू भी खिड़की की खुली जाली की राह बाहर चला जाता और दिन भर गिलहरियों के झुंड का नेता बना हर डाल पर उछलताकूदता रहता और ठीक चार बजे वह खिड़की से भीतर आकर अपने झूले में झूलने लगता। मुझे चैंकाने की इच्छा उसमें जाने कब और कैसे उत्पन्न हो गई थी। कभी फूलदान के फूलों में छिप जाता, कभी परदे की चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में। मेरे पास बहुत से पशुपक्षी हैं और उनका मुझसे लगाव भी कम नहीं है, परंतु उनमें से किसी को मेरे साथ मेरी थाली में खाने की हिम्मत हुई है, ऐसा मुझे स्मरण नहीं आता। गिल्लू इनमें अपवाद था। मैं जैसे ही खाने के कमरे में पहुँचती, वह खिड़की से निकलकर आँगन की दीवार, बरामदा पार करके मेज पर पहुँच जाता और मेरी थाली में बैठ जाना चाहता।

 

प्रश्न 1 – लेखिका ने गिल्लू के लिए बाहर का रास्ता कैसे बनाया?

() लेखिका ने एक खिड़की की जाली खोल दी

() लेखिका ने एक खिड़की को खोल दिया

() लेखिका ने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया

() लेखिका ने एक कोने में एक छेद बना दिया

उत्तर – () लेखिका ने कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया

 

प्रश्न 2 – गिल्लू का नित्य क्रम क्या हो गया था?

() लेखिका के आने पर लेखिका के पैर से सिर और सिर से पैर तक दौड़ लगाने लगाना

() लेखिका के आने पर लेखिका के पैर पर चढ़ जाना

() लेखिका के आने पर लेखिका के सिर पर चढ़ जाना

() लेखिका के कॉलेज जाने पर परदे पर दौड़ लगाना

उत्तर – () लेखिका के आने पर लेखिका के पैर से सिर और सिर से पैर तक दौड़ लगाने लगाना

 

प्रश्न 3 – गिल्लू लेखिका को चौकाने के लिए कहाँ छिपता था?

() फूलदान के फूलों में

() परदे की चुन्नट में

() सोनजुही की पत्तियों में

() उपरोक्त सभी

उत्तर – () उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 4 – ‘मेरे पास बहुत से पशुपक्षी हैं और उनका मुझसे लगाव भी कम नहीं हैपंक्ति से क्या स्पष्ट होता है?

() लेखिका को पशुपक्षियों से प्रेम है

() लेखिका पशु औषधालय चलाती है 

() लेखिका किसी बाग़ में रहती है

() लेखिका जीवजंतुओं को आश्रय देती है

उत्तर – () लेखिका को पशुपक्षियों से प्रेम है

 

प्रश्न 5 – गिल्लू को लेखिका ने अपवाद क्यों कहा?

() क्योंकि जैसे ही लेखिका खाने के कमरे में पहुँचती, गिल्लू खिड़की से निकलकर आँगन की दीवार, बरामदा पार करके मेज पर पहुँच जाता

() क्योंकि बाकि सभी पशुपक्षी लेखिका का कहना मानते थे, गिल्लू अपनी मनमानी करता था 

() क्योंकि गिल्लू सभी पशुपक्षियों से अलगअलग रहता था

() क्योंकि गिल्लू सभी की तरह घर पर नहीं रहता था वह बाहर घूमता रहता था

उत्तर – () क्योंकि बाकि सभी पशुपक्षी लेखिका का कहना मानते थे, गिल्लू अपनी मनमानी करता था 

 

5 –

उसी बीच मुझे मोटर दुर्घटना में आहत होकर कुछ दिन अस्पताल में रहना पड़ा। उन दिनों जब मेरे कमरे का दरवाजा खोला जाता गिल्लू अपने झूले से उतरकर दौड़ता और फिर किसी दूसरे को देखकर उसी तेजी से अपने घोंसले में जा बैठता। सब उसे काजू दे आते, परंतु अस्पताल से लौटकर जब मैंने उसके झूले की सफाई की तो उसमें काजू भरे मिले, जिनसे ज्ञात होता था कि वह उन दिनों अपना प्रिय खाद्य कितना कम खाता रहा। मेरी अस्वस्थता में वह तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हेनन्हे पंजों से मेरे सिर और बालों को इतने हौलेहौले सहलाता रहता कि उसका हटना एक परिचारिका के हटने के समान लगता। गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती, अतः गिल्लू की जीवन यात्रा का अंत ही गया। प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया। उसका झूला उतारकर रख दिया गया है और खिड़की की जाली बंद कर दी गई है, परंतु गिलहरियों की नयी पीढ़ी जाली के उस पार चिकचिक करती ही रहती है और सोनजुही पर बसंत आता ही रहता है। सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू को समाधि दी गई हैइसलिए भी कि उसे वह लता सबसे अधिक प्रिय थीइसलिए भी कि उस लघुगात का, किसी वासंती दिन, जुही के पीताभ छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास, मुझे संतोष देता है।

 

प्रश्न 1 – लेखिका को अस्पताल में क्यों रहना पड़ा?

() लेखिका की मोटर दुर्घटना के कारण

() लेखिका की सेहत खराब होने के कारण 

() लेखिका की माँ की मोटर दुर्घटना के कारण

() लेखिका के काम के कारण 

उत्तर – () लेखिका की मोटर दुर्घटना के कारण

 

प्रश्न 2 – अस्पताल से लौटकर लेखिका ने जब गिल्लू के झूले की सफाई की तो उसमें क्या मिला?

() बादाम भरे मिले

() घासभूस भरा मिला

() काजू भरे मिले

() खाना भरा मिला

उत्तर – () काजू भरे मिले

 

प्रश्न 3 – लेखिका की अस्वस्थता में गिल्लू क्या करता था?

() तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हेनन्हे पंजों से लेखिका के सिर और बालों को हौलेहौले सहलाता रहता

() तकिए पर सिरहाने बैठा रहता

() अपने नन्हेनन्हे पंजों से लेखिका के सिर और बालों को हौलेहौले सहलाता रहता

() लेखिका को ध्यान से देखता रहता

उत्तर – () तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हेनन्हे पंजों से लेखिका के सिर और बालों को हौलेहौले सहलाता रहता

 

प्रश्न 4 – गिल्लू को समाधि कहाँ दी गई थी?

() सोन की लता के नीचे 

() जुही की लता के नीचे

() बरगद की लता के नीचे

() सोनजुही की लता के नीचे

उत्तर – () सोनजुही की लता के नीचे

 

प्रश्न 5 – सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू को समाधि क्यों दी गई ?

() क्योंकि उसे वह लता सबसे अधिक प्रिय थी

() क्योंकि उस लघुगात का, किसी वासंती दिन, जुही के पीताभ छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास, मुझे संतोष देता है 

() केवल ()

() () और () दोनों

उत्तर – () () और () दोनों

 

Class 9 Hindi Sanchayan Lesson 1 गिल्लू बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1 – गिल्लू सुराही के सहारे क्यों लेट जाता था?

(क) सोने के लिए

(ख) गर्मी से बचने के लिए

(ग) पशु-पक्षियों से बचने के लिए

(घ) पानी पिने के लिए

उत्तर – (ख) गर्मी से बचने के लिए

 

प्रश्न 2 – कौआ समादरित प्राणी क्यों है?

(क) उसकी कर्कश ध्वनि होने के कारण

(ख) काला रंग होने के कारण

(ग) परिजनों के आने का सन्देश लाने के कारण

(घ) चालाक प्राणी होने के कारण

उत्तर – (ग) परिजनों के आने का सन्देश लाने के कारण

 

प्रश्न 3 – कौए को अनादरित प्राणी क्यों कहा जाता है?

(क) उसकी कर्कश ध्वनि को अपशगुन के तौर पर देखने के कारण

(ख) उसके श्राद्ध का खाना खा लेने के कारण 

(ग) परिजनों के आने का सन्देश लाने के कारण

(घ) उपरोक्त सभी

उत्तर – (क) उसकी कर्कश ध्वनि को अपशगुन के तौर पर देखने के कारण

 

प्रश्न 4 – लेखिका ने गिलहरी के बच्चे का उपचार किस तरह किया?

(क) गिलहरी के बच्चे को अस्पताल ले जा कर

(ख) गिलहरी के बच्चे को वापिस उसके घौसले में रख कर

(ग) उसके घावों को साफ़ करके, दवा लगा कर तथा उसे खाना खिला कर

(घ) इनमें से कोई नहीं

उत्तर – (ग) उसके घावों को साफ़ करके, दवा लगा कर तथा उसे खाना खिला कर

 

प्रश्न 5 – गिल्लू को सबसे अधिक कौन सी लता प्रिय थी?

(क) सोनजुही की

(ख) चमेली की

(ग) गुलाब की

(घ) कमल की

 उत्तर – (क) सोनजुही की

 

प्रश्न 6 – भूख लगने पर गिल्लू कैसी आवाजें निकालता था?

(क) चूँ-चूँ

(ख) चिक-चिक

(ग) चर-चर

(घ) ची-ची

उत्तर – (ख) चिक-चिक

 

प्रश्न 7 – लेखिका ने ‘काक भुशुण्डि’ किसे कहा है?

(क) कुत्ते को

(ख) कौवे को

(ग) गिलहरी के बच्चे को

(घ) मोर को

उत्तर –  (ख) कौवे को

 

प्रश्न 8 – लेखिका किस कारण गिल्लू को अपवाद कहती हैं?

(क) वह लेखिका से अत्यधिक प्रेम करता था

(ख) वह लेखिका द्वारा बनाए गए किसी भी नियम का पालन नहीं करता था

(ग) वह बहुत समझदार था

(घ) क्योंकि उसका प्रिय भोजन काजू था

उत्तर – (ख) वह लेखिका द्वारा बनाए गए किसी भी नियम का पालन नहीं करता था

 

प्रश्न 9 – लेखिका ने गिल्लू के लिए ‘लघुगात’ शब्द का प्रयोग किया है। इसका क्या अर्थ है?

(क) छोटी-छोटी आँखे

(ख) छोटी सी पूँछ

(ग) छोटा शरीर

(घ) छोटी-छोटी टाँगें

उत्तर – (ग) छोटा शरीर

 

प्रश्न 10 – “गिल्लू” पाठ के माध्यम से हमें क्या सीख मिलती है?

(क) हमें हर काम समय पर करना चाहिए

(ख) हमें पशु-पक्षियों से प्रेम करना चाहिए

(ग) पशु-पक्षियों से दूर रहना चाहिए

(घ) गिलहरियों को पालतू बनाया जा सकता है

उत्तर – (ख) हमें पशु-पक्षियों से प्रेम करना चाहिए

 

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Class 9 Hindi गिल्लू Short Answer Type Questions 25 to 30 Words

प्रश्न 1- लेखिका को अकस्मात किस छोटे जीव का स्मरण हो आया?

उत्तर – लेखिका ने देखा कि सोनजुही में पीली कली आ गई है। उस कली को देखकर लेखिका को उस छोटे से जीव की याद आ गई जो उस जूही के पौधे की हरियाली में छिपकर बैठा रहता था और जब लेखिका उसके नजदीक पहुँचती तो वह लेखिका का कंधे पर कूदकर लेखिका को चौंका देता था। यहाँ लेखिका अपनी पालतू गिलहरी के बारे बात कर रही है। गिल्लू के निधन के उपरान्त लेखिका ने उसके शरीर को उसी सोनजुही के पौधे के निचे दफना दिया था। 

 

प्रश्न 2 – कौए अपना सुलभ आहार कहाँ खोज रहे थे और कैसे?

उत्तर – लेखिका ने देखा कि गमले और दीवार की संधि में गिलहरी का छोटा-सा बच्चा है जो संभवत: घोंसले से गिर पड़ा होगा। इसी गिलहरी के छोटे बच्चे में कौए अपना आसान आहार खोज रहे थे और कौए उसे उठाने के प्रयास में उसे चोंच मार रहे थे, जिससे वह काफी जख्मी भी हो गया था। 

 

प्रश्न 3 – लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू प्रकृति के सान्निध्य में अपना जीवन किस प्रकार बिताता था?

उत्तर – लेखिका जब कॉलेज जाने के लिए कमरे से बाहर जाती थी गिल्लू भी खिड़की की खुली जाली  रास्ते से बाहर चला जाता था और दिन भर गिलहरियों के झुंड का नेता बना हर एक डाल से दूसरी डाल पर उछलता-कूदता रहता और ठीक चार बजे वह खिड़की से भीतर आकर अपने झूले में झूलने लगता। 

 

प्रश्न 4 – गिल्लू का सबसे मनपसंद खाद्य क्या था? और अपना मनपसंद खाना न मिलने पर वह क्या करता था?

उत्तर – काजू गिल्लू का सबसे मनपसंद भोजन था। इसे वह अपने दाँतों से पकड़कर कुतर-कुतरकर खाता रहता था और यदि कई दिन तक उसे काजू नहीं दिया जाता था तो वह अन्य खाने की चीजें या तो लेना बंद कर देता था या झूले से नीचे फेंक देता था।

 

प्रश्न 5 – लेखिका को कैसे पता चला कि जब वह अस्पताल में थी तो गिल्लू उसकी अनुपस्थिति में दुखी था?

उत्तर – लेखिका एक मोटर दुर्घटना में घायल हो गई थी। इससे उसे कुछ समय अस्पताल में रहना पड़ा था। उन दिनों लेखिका ने गिल्लू की देखभाल की जिम्मेदारी किसी और को दे रखी थी परन्तु जब लेखिका के कमरे का दरवाजा खोला जाता तो गिल्लू झूले से नीचे आता परंतु किसी और को देखकर तेजी से भागकर झुले में चला जाता था।

सब उसे काजू दे आते थे क्योंकि काजू उसका मनपसंद खाना था, परंतु जब लेखिका ने अस्पताल से आकर झूले की सफ़ाई की तो उसे झूले में काजू मिले जिन्हें गिल्लू ने नहीं खाया था। इससे लेखिका ने जान लिया कि उसकी अनुपस्थिति में गिल्लू दुखी था क्योंकि उसने खाना भी न के बराबर खाया था। 

 

प्रश्न 6 – भोजन के संबंध में लेखिका को अन्य पालतू जानवरों और गिल्लू में क्या अंतर नज़र आया?

उत्तर – लेखिका के पास बहुत से पशु-पक्षी थे जो लेखिका के पालतू भी थे और उनका लेखिका से लगाव भी कम नहीं था, परंतु उनमें से किसी भी लेखिका के साथ उसकी थाली में खाने की हिम्मत हुई हो। इसका अर्थ यह है की गिल्लू लेखिका की थाली में से ही भोजन खा लिया  करता था।

गिल्लू लेखिका के पाले हुए सभी पशु-पक्षियों में सबसे अलग था क्योंकि वह लेखिका के द्वारा बनाए गए सामान्य नियमों का पालन नहीं करता था। लखिका जैसे ही खाने के कमरे में पहुँचती, वह भी खिड़की से निकलकर आँगन की दीवार और बरामदा पार करके मेज पर पहुँच जाता था और लेखिका की थाली में बैठ जाना चाहता था। बड़ी कठिनाई से लेखिका ने उसे थाली के पास बैठना सिखाया जहाँ बैठकर वह लेखिका की थाली में से एक-एक चावल उठाकर बड़ी सफ़ाई से खाता रहता था।

 

प्रश्न 7 – लेखिका की सोच में रुकावट का क्या कारण था?

उत्तर – लेखिका जब कौवो के बारे में सोच रही थी तभी अचानक से उसकी उस सोच में कुछ रुकावट आ गई क्योंकि उसकी नजर गमले और दीवार को जोड़ने वाले भाग में छिपे एक छोटे-से जीव पर पड़ी। जब लेखिका ने निकट जाकर देखा तो पाया कि वह छोटा सा जीव एक गिलहरी का छोटा-सा बच्चा है जो अवश्य ही अपने घोंसले से निचे गिर पड़ा है और अब कौवे उसमें अपना आसान भोजन खोजते हुए उसे चोट पहुँचा रहे हैं। उस छोटे से जीव के लिए उन दो कौवों की चोंचों के दो घाव ही बहुत थे, इसलिए वह बिना किसी हरकत के गमले से लिपटा पड़ा था।

 

प्रश्न 8 – लेखिका को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या-क्या करता था?

उत्तर – लेखिका जब लिखने बैठती थी तब अपनी ओर लेखिका का ध्यान आकर्षित करने की गिल्लू की इतनी तेज इच्छा होती थी कि उसने एक बहुत ही अच्छा उपाय खोज निकाला था। वह लेखिका के पैर तक आता था और तेज़ी से परदे पर चढ़ जाता था और फिर उसी तेज़ी से उतर जाता था। उसका यह इस तरह परदे पर चढ़ना और उतरने का क्रम तब तक चलता रहता था जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए नहीं उठती थी। 

 

प्रश्न 9 – गर्मियों में लेखिका के नजदीक रहने का गिल्लू ने क्या उपाय निकाल दिया था?

उत्तर – गर्मियों में जब वह दोपहर में लेखिका अपना काम करती रहती तो गिल्लू न बाहर जाता था और न ही अपने झूले में बैठता था। गिल्लू ने लेखिका के नजदीक रहने के साथ-साथ गर्मी से बचने का एक सबसे नया उपाय खोज निकाला था। वह लेखिका पास रखी हुई सुराही पर लेट जाता था, जिससे  वह लेखिका के नजदीक भी बना रहता और ठंडक में भी रहता। इस तरह उसने दो काम एक साथ करना सीख लिया था। 

 

प्रश्न 10 – लेखिका ने गिल्लू को सोनजुही की लता के निचे क्यों दफनाया?

उत्तर – लेखिका ने सोनजुही की लता के नीचे ही गिल्लू की  समाधि बनाई थी अर्थात लेखिका ने गिल्लू को उस जूही के पौधे के निचे दफनाया था क्योंकि गिल्लू को वह लता सबसे अधिक प्रिय थी। लेखिका ने ऐसा इसलिए भी किया था क्योंकि लेखिका को उस छोटे से जीव का, किसी बसंत में जुही के पीले रंग के छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास, लेखिका को एक अलग तरह का संतोष देता था।


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Class 9 Hindi गिल्लू Long Answer Type Questions 60 to 70 Words

प्रश्न 1 – लेखिका ने लघु जीव की जान किस तरह बचाई? 

उत्तर – उस गिलहरी के बच्चे की खराब हालत देख कर सबने कहा, कौवे की चोंच का घाव लगने के बाद यह नहीं बच सकता, इसलिए इसे ऐसे ही रहने दिया जाए। परंतु लेखिका का मन नहीं माना लेखिका ने उसे धीरे से उठाया और अपने कमरे में ले गई, फिर रुई से उसका खून साफ़ किया और उसके जख्मों पर पेंसिलिन नामक दवा का मरहम लगाया।

फिर लेखिका ने रुई की पतली बत्ती बनाई और उसे दूध से भिगोकर जैसे-जैसे उसके छोटे से मुँह में दूध पिलाने के लिए लगाई तो लेखिका ने देखा कि वह मुँह नहीं खुल पा रहा था और दूध की बूँदें मुँह के दोनों ओर ढुलक कर गिर गईं। कई घंटे तक इलाज करने के बाद उसके  मुँह में एक बूँद पानी टपकाया जा सका। तीसरे दिन वह इतना अच्छा और निश्चिन्त हो गया कि वह लेखिका की उँगली अपने दो नन्हे पंजों से पकड़कर और अपनी नीले काँच के मोतियों जैसी आँखों से इधर-उधर देखने लगा। लेखिका ने उसका अच्छे से ध्यान रखा जिसके परिणाम स्वरूप तीन-चार महीनों में उसके चिकने रोएँ, झब्बेदार पूँछ और चंचल चमकीली आँखें सबको हैरान करने लगी थी। अर्थात वह बहुत आकर्षक बन गया था।

 

प्रश्न 2 – ‘गिल्लू’ पाठ के आधार पर बताइए कि कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

उत्तर – कौए को समादरित और अनादरित प्राणी इसलिए कहा गया है, क्योंकि यह एक विचित्र प्राणी है। विचित्र इसलिए क्योंकि एक साथ ही दो तरह का व्यवहार सहता है, कभी तो इसे बहुत आदर मिलता है और कभी बहुत ज्यादा अपमान सहन करना पड़ता है। जैसे हमारे बेचारे पुरखे न गरुड़ के रूप में आ सकते हैं, न मयूर के, न हंस के। श्राद्ध पक्ष में लोग कौए को आदर सहित बुलाते हैं।

पितरों को पितरपक्ष में हमसे कुछ पाने के लिए कौवा बनकर ही प्रकट होना पड़ता है। इतना ही नहीं हमारे दूर रहने वाले रिश्तेदारों को भी अपने आने का सुखद संदेश इनके कानों को न भाने वाली आवाज में ही देना पड़ता है। वही जहाँ एक ओर कौवे को इतना आदर मिलता है वहीं दूसरी ओर हम कौवा और काँव-काँव करने को अपशगुन के अर्थ में भी प्रयोग करते हैं। और कौवे को अपने आँगन से भगा कर उसका अपमान भी करते है एवं यह गंदगी भी ख़ाता है, जिस कारण लोग इसे भगा देते हैं यही वजह है कि यह अनादरित भी हो जाता है।

 

प्रश्न 3 – लेखिका महादेवी वर्मा गिल्लू को अत्यधिक स्नेह करने के बावजूद लिफाफे में बंद क्यों कर देती थी?

उत्तर – जब वह लिखने बैठती थी तब अपनी ओर लेखिका का ध्यान आकर्षित करने की गिल्लू की इतनी तेज इच्छा होती थी कि उसने एक बहुत ही अच्छा उपाय खोज निकाला था। वह लेखिका के पैर तक आता था और तेज़ी से परदे पर चढ़ जाता था और फिर उसी तेज़ी से उतर जाता था। उसका यह इस तरह परदे पर चढ़ना और उतरने का क्रम तब तक चलता रहता था जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए नहीं उठती थी। लेखिका गिल्लू को पकड़कर एक लंबे लिफ़ाफ़े में इस तरह से रख देती थी कि उसके अगले दो पंजों और सिर के अलावा उसका छोटा सा पूरा शरीर लिफ़ाफ़े के अंदर बंद रहता था। इस तरह बंद रहने के कारण वह फिर से उछाल-कूद करके लेखिका को परेशान नहीं कर पाता था। इस अनोखी स्थिति में भी कभी-कभी घंटों मेज पर दीवार के सहारे खड़ा रहकर गिल्लू अपनी चमकीली आँखों से लेखिका को देखता रहता था कि लेखिका क्या-क्या काम कर रही है। जब गिल्लू को उस लिफ़ाफ़े में बंद पड़े-पड़े भूख लगने लगती तो वह चिक-चिक की आवाज करके मानो लेखिका को सूचना दे रहा होता कि उसे भूख लग गई है और लेखिका के द्वारा उसे काजू या बिस्कुट मिल जाने पर वह उसी स्थिति में लिफ़ाफ़े से बाहर वाले पंजों से काजू या बिस्कुट पकड़कर उसे कुतरता।

 

प्रश्न 4 – गिल्लू को मुक्त कराने की आवश्यकता क्यों समझी गयी और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किए।

उत्तर – जब गिल्लू के जीवन का पहला बंसत आया तब बाहर की गिलहरियाँ खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक की आवाज़ करके मानो कुछ कहने लगीं। उन्हें ऐसा करता देख गिल्लू भी जाली के पास बैठकर अपनेपन से बाहर झाँकता रहता था। गिल्लू को खिड़की से बाहर देखते हुए देखकर उसने खिड़की पर लगी जाली की कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और इस रास्ते से गिल्लू जब बाहर गया तो उसे देखकर ऐसा लगा जैसे बाहर जाने पर सचमुच ही उसने आजादी की साँस ली हो।

पाठ के इस भाग से लेखिका के हृदय में जीवों के प्रति दया की भावना का भी ज्ञान होता है। वह उनकी इच्छाओं का सम्मान करती थी। वह पशु-पक्षियों को किसी बंधन या कैद में नहीं रखना चाहती थी। जब उन्हें महसूस हुआ कि गिल्लू भी अन्य गिलहरियों की तरह बाहर जाना चाहता है तो उन्होंने उसे बाहर जाने के लिए स्वयं रास्ता दे दिया।

 

प्रश्न 5 – ‘पितर पक्ष में हमसे कुछ पाने के लिए काक बनकर अवतीर्ण होना पड़ता है।’ अपने विचार लिखिए।

उत्तर – हिन्दू धर्म की मान्यताओं व परम्पराओं के अनुसार अश्विन के महीने में श्राद्ध पक्ष में अपने पूर्वजों व पितरों को भोजन खिलाने के प्रथा है। इस प्रथा के तहत ब्राह्मणों को भोजन खिलाया जाता है। परन्तु पहले कौओं को भोजन कराया जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति मर कर सबसे पहले कौए का जन्म लेता है और ऐसी मान्यता है कि कौओं को खाना खिलाने से पितरों को खाना मिलता है।

इसी कारण श्राद्ध पक्ष में कौओं का विशेष महत्त्व है और प्रत्येक श्राद्ध के दौरान पितरों को खाना खिलाने के तौर पर सबसे पहले कौओं को खाना खिलाया जाता है। इसी कारण लेखिका ने भी प्रस्तुत पाठ में कहा है कि ‘हमारे पितरों को हमसे कुछ पाने के लिए काक बनकर अवतीर्ण होना पड़ता है।

 

प्रश्न 6 – अस्वस्थ लेखिका का ध्यान गिल्लू किस तरह रखता है? इस कार्य से गिल्लू की कौन सी विशेषता का पता चलता है?

उत्तर – लेखिका को एक मोटर दुर्घटना में आहत होकर कुछ दिन अस्पताल में रहना पड़ा था। लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू का किसी काम में भी मन नहीं लगता था। यहाँ तक कि उसने अपना मनपसंद भोजन काजू खाना भी कम कर दिया था। वह हमेशा लेखिका का इंतजार करता रहता और किसी के भी आने की आहट सुनकर लेखिका के अस्पताल से लौट आने की उसकी उम्मीदें बढ़ जाती थी।

लेखिका के घर वापस आने के बाद गिल्लू तकिए पर सिरहाने बैठकर अपने नन्हें-नन्हें पंजों से लेखिका का सिर एवं बाल धीरे-धीरे सहलाता रहता था। लेखिका को उसकी उपस्थिति किसी परिचारिका की उपस्थिति की तरह महसूस होती थी, क्योंकि उसने लेखिका का ध्यान किसी सेविका की ही तरह रखा था। इन्हीं कारणों से लेखिका ने गिल्लू के लिए परिचारिका शब्द का प्रयोग किया है।

 

प्रश्न 7 – लेखिका को गिल्लू की किन चेष्टाओं से आभास मिलने लगा कि अब उसका समय समीप है?

उत्तर – सामान्यतः गिलहरी का जीवनकाल दो वर्ष का माना जाता है। जब गिल्लू की जीवन यात्रा का अंत आया तो उसने दिन भर न कुछ खाया न बाहर गया। रात में अपने जीवन के अंतिम क्षण में भी वह अपने झूले से उतरकर लेखिका के बिस्तर पर आया और अपने ठंडे पंजों से लेखिका की वही उँगली पकड़कर हाथ से चिपक गया, 

जिसे उसने अपने बचपन में पकड़ा था जब वह मृत्यु के समीप पहुँच गया था। गिल्लू के पंजे इतने ठंडे हो रहे थे कि लेखिका ने जागकर हीटर जलाया और उसके पंजों को गर्मी देने का प्रयास किया। परंतु सुबह की पहली किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया। अर्थात उसकी मृत्यु हो गई।


Class 9 Hindi Sanchayan Book Chapter-wise Lesson Explanation 

Gillu Chapter 1 Explanation, Summary, Question Answers  Smriti Chapter 2 Explanation, Summary, Question Answers
Kallu Kumhar ki Unkoti Chapter 3 Explanation, Summary, Question Answers Mera Chota sa Niji Pustakalaya Chapter 4 Explanation, Summary, Question Answers
Hamid Khan Chapter 5 Explanation, Summary, Question Answers  Diya jal Uthe Chapter 6 Explanation, Summary, Question Answers 

 

Class 9 Hindi गिल्लू अतिरिक्त प्रश्न उत्तर (Extra Question Answers)

प्रश्न 1 – सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?

उत्तर – सोनजूही में लगी पीली कली को देख लेखिका को गिल्लू की याद आ गई। गिल्लू एक गिलहरी का बच्चा था जिसकी जान लेखिका ने बचाई थी। उसके बाद से गिल्लू का पूरा जीवन लेखिका के साथ ही बीता था। लेखिका ने गिल्लू की मौत के बाद गिल्लू के शरीर को उसी सोनजूही के पौधे के नीचे दफनाया था इसीलिए जब भी लेखिका सोनजूही में लगी पीली कली को देखती थी उसे लगता था जैसे गिल्लू उन कलियों के रूप में उसे चौंकाने ऊपर आ गया है।

 

प्रश्न 2 – पाठ के आधार पर कौए को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी क्यों कहा गया है?

उत्तर – हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि पितरपक्ष के समय हमारे पूर्वज कौवे के भेष में आते हैं। एक अन्य मान्यता है कि जब कौवा काँव-काँव करता है तो इसका मतलब होता है कि घर में कोई मेहमान आने वाला है। इन कारणों से कौवे को सम्मान दिया जाता है। लेकिन दूसरी ओर, कौवे के काँव काँव करने को अशुभ भी माना जाता है। इसलिए कौवे को एक साथ समादरित और अनादरित प्राणी कहा गया है।

 

प्रश्न 3 – गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

उत्तर – गिलहरी के घायल बच्चे के घाव पर लगे खून को पहले रुई से साफ किया गया। उसके बाद उसके घाव पर पेंसिलिन का मलहम लगाया गया। उसके बाद रुई को दूध में डुबो कर उसे दूध पिलाने की कोशिश की गई जो असफल रही क्योंकि अधिक घायल होने के कारण कमजोर हो गया था और दूध की बूँदें उसके मुँह से बाहर गिर रही थी। लगभग ढ़ाई घंटे के उपचार के बाद गिलहरी के बच्चे के मुँह में पानी की कुछ बूँदें जा सकीं।

 

प्रश्न 4 – लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

उत्तर – लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैरों के पास आता और फिर सर्र से परदे पर चढ़ जाता था। उसके बाद वह परदे से उतरकर लेखिका के पास आ जाता था। यह सिलसिला तब तक चलता रहता था जब तक लेखिका गिल्लू को पकड़ने के लिए दौड़ न लगा देती थी।

 

प्रश्न 5 – गिल्लू को मुक्त करने की आवश्यकता क्यों समझी गई और उसके लिए लेखिका ने क्या उपाय किया?

उत्तर – लेखिका के घर में रहते हुए गिल्लू के जीवन का प्रथम बसंत आया। नीम-चमेली की खुशबू लेखिका के कमरे में धीरे-धीरे फैलने लगी। लेखिका कहती है कि बाहर की गिलहरियाँ उसके घर की खिड़की की जाली के पास आकर चिक-चिक करके न जाने क्या कहने लगीं? जिसके कारण गिल्लू खिड़की से बाहर झाँकने लगा। गिल्लू को जाली के पास बैठकर अपनेपन से इस तरह बाहर झाँकते देखकर लेखिका को लगा कि इसे आजाद करना अब जरुरी है। लेखिका ने खिड़की पर लगी जाली की कीलें निकालकर जाली का एक कोना खोल दिया और गिल्लू के बाहर जाने का रास्ता बना दिया।

 

प्रश्न 6 – गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

उत्तर – जब लेखिका अस्पताल से घर आई तो गिल्लू उनके सिर के पास बैठा रहता था। वह अपने नन्हे पंजों से लेखिका के सिर और बाल को सहलाता रहता था। इस तरह से वह किसी परिचारिका की भूमिका निभा रहा था।

 

7 – गिल्लू कि किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

उत्तर – गिल्लू ने दिन भर कुछ नहीं खाया था। वह कहीं बाहर भी नहीं गया था। रात में वह बहुत तकलीफ में लग रहा था। उसके बावजूद वह अपने झूले से उतरकर लेखिका के पास आ गया। गिल्लू ने अपने ठंडे पंजों से लेखिका कि अंगुली पकड़ ली और उनके हाथ से चिपक गया। इससे लेखिका को लगने लगा कि गिल्लू का अंत समय समीप ही था।

 

प्रश्न 8 – ‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’ – का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – ‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गया’ – इस पंक्ति में लेखिका ने पुनर्जन्म की मान्यता को स्वीकार किया है। लेखिका को लगता है कि गिल्लू अपने अगले जन्म में किसी अन्य प्राणी के रूप में जन्म लेगा।

 

प्रश्न 9 – सोनजूही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिका के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

उत्तर – लेखिका ने गिल्लू को उस जूही के पौधे के निचे दफनाया था क्योंकि गिल्लू को वह लता सबसे अधिक प्रिय थी। लेखिका ने ऐसा इसलिए भी किया था क्योंकि लेखिका को उस छोटे से जीव का, किसी बसंत में जुही के पीले रंग के छोटे फूल में खिल जाने का विश्वास, लेखिका को एक अलग तरह का संतोष देता था।

Class 9 Hindi Sparsh Book Chapter wise Lesson Explanation 

Chapter 1 – Dukh Ka Adhikar Chapter 2 – Everest Meri Shikhar Yatra Chapter 3 – Tum Kab Jaoge Atithi
Chapter 4 – Vaigyanik Chetna ke Vahak Chapter 5 – Dharm ki Aad Chapter 6 – Shukra Tare Ke Saman
Chapter 7 – Pad Chapter 8 – Dohe Chapter 9 – Aadmi Nama
Chapter 10 – Ek Phool ki Chah Chapter 11 – Geet Ageet Chapter 12 – Agnipath