CBSE Class 9 Hindi Chapter 7 Rahim Ke Dohe (रहीम के दोहे) Question Answers (Important) from Sparsh Book

 

Class 9 Hindi Rahim Ke Dohe Question Answers – Looking for Rahim Ke Dohe question answers for CBSE Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 Book Lesson 7? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.
सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग 1 पुस्तक पाठ 7 के लिए रहीम के दोहे प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे रहीम के दोहे प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

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दोहे NCERT Solutions

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए

प्रश्न 1 – प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?
उत्तर
– जिस प्रकार जब कोई धागा टूट जाता है और उस टूटे हुए धागे को जोड़ने के लिए उसमें गाँठ लगानी पड़ती है। जिसके कारण वह पहले की तरह नहीं हो पाता, उसी तरह से जब कोई रिश्ता टूट जाता है और उस रिश्ते के टूटने के बाद रिश्तों को फिर जोड़कर पहले की तरह नहीं बनाया जा सकता।

प्रश्न 2 – हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?
उत्तर
– जब हम अपना दुख दूसरों को बताते हैं तो दूसरे हमारा दुख बाँटने की बजाय उसका मजाक ही उड़ाते हैं। इसलिए हमें अपना दुख दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए। अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार हमारे प्रति अच्छा नहीं रहता।

प्रश्न 3 – रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
उत्तर
– कीचड़ में जल की कम मात्रा होती है फिर भी इस जल से कई जीवों की प्यास बुझती है। लेकिन सागर का जल बहुत अधिक मात्रा में होने के बावजूद भी किसी की प्यास नहीं बुझा पाता। इसलिए रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य कहा है। क्योंकि धन्य वही होता है जो दूसरों की सहायता करता है।

प्रश्न 4 – एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
उत्तर
– जिस तरह से जड़ को सींचने से ही पेड़ में फूल और फल लगते हैं उसी तरह से एक को साधने से सब सध जाता है। अर्थात एक काम के पूरा होने से अन्य कार्यों के लिए रास्ता अपने आप खुल जाता है। अतः हमें एक साथ बहुत कार्यों को न करके किसी एक कार्य में ही अपना पूरा ध्यान लगाना चाहिए।

प्रश्न 5 – जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
उत्तर
– कमल के लिए जल ही संपत्ति है। क्योंकि जल के बिना कमल को जरूरी पोषण नहीं मिलेगा। जल के बिना कमल का जीवन असंभव है। बिना जल के कमल की सूर्य भी उसकी रक्षा नहीं कर पाएगा, बल्कि कमल सूर्य की गर्मी के कारण झुलस कर मर जाएगा।

प्रश्न 6 – अवध नरेश को चित्रकूट क्यों जाना पड़ा?
उत्तर
– अवध नरेश को उनके पिता ने बनवास की आज्ञा दी थी। इसलिए अवध नरेश को चित्रकूट जाना पड़ा था। अन्यथा कोई भी व्यक्ति बिना किसी मुसीबत के समय में चित्रकूट जैसे स्थान पर रहने के लिए नहीं जाता है। क्योंकि चित्रकूट बहुत ही घना वन है और किसी के रहने योग्य बिलकुल भी नहीं है।

प्रश्न 7 – ‘नट’ किस कला में सिद्ध होने के कारण ऊपर चढ़ जाता है?
उत्तर –
नट को कुंडली मारने में महारत हासिल होती है। वह कुंडली मारकर अपने शरीर को किसी भी मुद्रा में मोड़ सकता है। इसी कारण वह आसानी से ऊपर चढ़ जाता है।

प्रश्न 8 – ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी के महत्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
– पानी के अभाव में मोती का निर्माण संभव नहीं है। बिना पानी के आदमी एक सप्ताह से अधिक जीवित नहीं रह सकता। आटे को बिना पानी के नहीं गूँधा जा सकता। अतः ‘मोती, मानुष, चून’ के संदर्भ में पानी का अत्यधिक महत्त्व है।

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

प्रश्न 1 – टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
उत्तर – जब कोई धागा एक बार टूट जाता है तो फिर उसे जोड़ा नहीं जा सकता। जोड़ने की कोशिश में उस धागे में गाँठ पड़ जाती है। किसी से रिश्ता जब एक बार टूट जाता है तो फिर उस रिश्ते को दोबारा जोड़ा नहीं जा सकता। उसमे पहले जैसा कुछ नहीं रहता।

प्रश्न 2 – सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय।
उत्तर – अपने दर्द को दूसरों से छुपा कर ही रखना चाहिए। जब आपका दर्द किसी अन्य को पता चलता है तो लोग उसका मजाक ही उड़ाते हैं। कोई भी आपके दर्द को बाँट नहीं सकता। सभी आपके दर्द में आपका मजाक ही बनाते हैं अतः सही है कि आप आपने दर्द को अपने मन में ही रखें।

प्रश्न 3 – रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूलै, फलै अघाय।
उत्तर – एक बार में कोई एक कार्य ही करना चाहिए। एक काम के पूरा होने से कई काम अपने आप हो जाते हैं। यदि एक ही साथ आप कई लक्ष्य को प्राप्त करने की कोशिश करेंगे तो कुछ भी हाथ नहीं आता। यह वैसे ही है जैसे जड़ में पानी डालने से ही किसी पौधे में फूल और फल आते हैं।

प्रश्न 4 – दीरघ दोहा अरथ के, आखर धीरे आहिं।
उत्तर – किसी भी दोहे में कम शब्दों में ही बहुत बड़ा अर्थ छिपा होता है। यह वैसे ही होता है जैसे नट की कुंडली होती है। नट अपनी कुंडली में सिमट कर तरह तरह के आश्चर्यजनक करतब दिखा देता है।

प्रश्न 5 – नाद रीझि तन देत मृग, नर धन देत समेत।
उत्तर – हिरण किसी के संगीत से खुश होकर अपना शरीर न्योछावर कर देता है। इसी तरह से कुछ लोग दूसरे के प्रेम से खुश होकर अपना सब कुछ दे देते हैं। परन्तु कुछ लोग इतने स्वार्थी होते हैं कि वे दूसरों से तो बहुत कुछ ले लेते हैं लेकिन खुद बदले में कुछ भी नहीं देते।

प्रश्न 6 – जहाँ काम आवे सुई, कहा करै तरवारि।
उत्तर – जहाँ छोटी चीज की जरूरत होती है वहाँ पर बड़ी चीज बेकार हो जाती है। जैसे जहाँ सुई की जरूरत होती है वहाँ तलवार का कोई काम नहीं होता। अतः किसी को छोटा समझ कर उसका मजाक नहीं उड़ाना चाहिए।

प्रश्न 7 – पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।
उत्तर – बिना पानी के न तो मोती बनता है, न आटा गूँधा जा सकता है और पानी के बिना मनुष्य जीवन भी असंभव है।

निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-

प्रश्न 1 – जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
उत्तर
– जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस

प्रश्न 2 – कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
उत्तर – बिगरी बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।

प्रश्न 3 – पानी के बिना सब सूना है अत: पानी अवश्य रखना चाहिए।
उत्तर
– रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।

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Class 9 Hindi रहीम के दोहे Question Answers Lesson 7 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

पद्यांश को पढ़कर पूंछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए –

1)
रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय।
टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय॥
रहिमन निज मन की बिथा, मन ही राखो गोय।
सुनि अठिलैहेँ लोग सब, बाँटि न लैहैं कोय॥

i. रहीम जी किसको तोड़ने को मना कर रहे हैं?
(क) प्रेम के धागे को
(ख) रिश्तों को
(ग) मिट्टी के बर्तनों को
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) प्रेम के धागे को

ii. रहीम जी अपने मन के दुख को प्रकट करने से क्यों मना कर रहे?
(क) क्योंकि लोग दूसरों को बता देगे
(ख) क्योंकि लोग आपका मजाक उड़ाएंगे
(ग) क्योंकि लोग आपके दुख को समझेंगे नहीं
(घ) क्योंकि लोग आपके दुख को बढ़ा देगे
उत्तर: (ख) क्योंकि लोग आपका मजाक उड़ाएंगे

iii. प्रस्तुत पद्यांश में बिथा शब्द का क्या अर्थ है?
(क) व्यथा
(ख) बुराई
(ग) दुख
(घ) खुशी
उत्तर: (क) व्यथा

iv. प्रस्तुत पद्यांश में अठिलैहेँ शब्द का क्या अर्थ है?
(क) बुराई करना
(ख) मजाक उड़ाना
(ग) दुखी होना
(घ) खुश होना
उत्तर: (ख) मजाक उड़ाना

2)
एके साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।
रहिमन मूलहिं सींचिबो, फूल फले अघाय।।
धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय।
उदधि बड़ाई कौन है, जगत पिआसो जाय॥

i. रहीम जी के अनुसार किसको सींचने से फूल और फल तृप्त हो जाते हैं।
(क) जड़ को
(ख) पेड़ को
(ग) डाली को
(घ) पत्ती को
उत्तर: (क) जड़ को

ii. प्रस्तुत पद्यांश में रहीम जी जल पंक की तुलना किससे कर रहे हैं?
(क) धनी व्यक्ति से
(ख) सागर से
(ग) गरीब व्यक्ति से
(घ) जगत से
उत्तर: (ख) सागर से

iii. प्रस्तुत पद्यांश में पंक शब्द का क्या अर्थ है?
(क) तालाब
(ख) कीचड़
(ग) मिट्टी
(घ) नदी
उत्तर: (ख) कीचड़

iv. उदधि किसका पर्यायवाची है?
(क) धनी व्यक्ति
(ख) सागर
(ग) गरीब व्यक्ति
(घ) जगत
उत्तर: (ख) सागर

3)
नाद रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत।
ते रहीम पशु से अधिक, रीझेहु कछू न देत॥
बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय॥

i. प्रस्तुत पद्यांश में रहीम जी मृग की तुलना किससे कर रहे हैं?
(क) पशु से
(ख) रहीम से
(ग) धन
(घ) मनुष्य
उत्तर: (घ) मनुष्य

ii. प्रस्तुत पद्यांश में रहीम जी बात बिगड़ने की तुलना किससे कर रहे हैं?
(क) फटा दूध
(ख) मक्खन
(ग) विकल्प क और ख
(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं
उत्तर: (क) फटा दूध

iii. प्रस्तुत पद्यांश में रीझि शब्द का क्या अर्थ है?
(क) हंसना
(ख) गुस्सा होना
(ग) मुस्कुराना
(घ) रोना
उत्तर: (ख) गुस्सा होना

iv. प्रस्तुत पद्यांश में “किन” शब्द का क्या अर्थ है?
(क) उपाय
(ख) योजना
(ग) सफलता
(घ) परिश्रम
उत्तर: (क) उपाय

 

4)
रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।
जहाँ काम आवे सुई, कहा करे तरवारि।।
रहिमन निज संपति बिना, कोठ न बिपति सहाय।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाय

i. प्रस्तुत पद्यांश में रहीम जी सुई की तुलना किससे कर रहे हैं?
(क) छोटे लोगों से
(ख) बड़े लोगों से
(ग) तलवार से
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (ग) तलवार से

ii. प्रस्तुत पद्यांश में रहीम जी अपने धन की तुलना किससे कर रहे हैं?
(क) विपत्ति
(ख) कमल
(ग) रवि
(घ) पानी
उत्तर: (ख) कमल

iii. बिपति शब्द का क्या अर्थ है?
(क) संपत्ति
(ख) विपत्ति
(ग) दुख
(घ) खुशी
उत्तर: (ख) विपत्ति

iv. प्रस्तुत पद्यांश में डारि शब्द का क्या अर्थ है?
(क) अनदेखा करना
(ख) छोटा समझना
(ग) चिंतन करना
(घ) अपमान करना
उत्तर: (क) अनदेखा करना

5)
रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।
पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।।
चित्रकूट में रमि रहे, रहिमन अवध-नरेस।
जा पर बिपदा पड़त है, सो आवत यह देस॥

i. प्रस्तुत पद्यांश में रहीम जी किसकी महत्ता का वर्णन कर रहे?
(क) पानी
(ख) मोती
(ग) मनुष्य
(घ) चूना
उत्तर: (क) पानी

ii. चित्रकूट कहां स्थित है?
(क) अयोध्या
(ख) मथुरा
(ग) काशी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (घ) इनमें से कोई नहीं

iii. प्रस्तुत पद्यांश में “रमि” शब्द का क्या अर्थ है?
(क) अच्छा लगना
(ख) मन को लुभाना
(ग) श्री राम
(घ) श्री कृष्ण
उत्तर: (ग) श्री राम

iv. नरेश किसका पर्यायवाची है?
(क) इंद्र की
(ख) राजा की
(ग) भगवान राम की
(घ) भगवान शिव की
उत्तर: (ख) राजा की

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Class 9 Hindi रहीम के दोहे प्रश्न और उत्तर (including questions from Previous Years Question Papers)

1. रहीम जी मन के कष्ट को दुनिया से बताने को क्यों मना कर रहे हैं?
उत्तर: रहीम जी अपने मन के कष्ट को दुनिया से बताने को इसलिए मना कर रहे हैं क्योंकि उनके अनुसार लोग आपके कष्ट को जानने के बाद केवल आप पर हसेंगे। इस दुनिया में आकर कष्ट को बांटने वाला कोई नहीं है। 

2. रहीम जी प्रेम के रिश्तों को तोड़ने से मना क्यों कर रहे?
उत्तर: रहीम जी कह रहे हैं कि यह प्रेम रूपी धागा इतना अनमोल और कोमल है कि यह एक बार टूटने पर दुबारा बहुत मुश्किल से जुड़ता है और अगर जुड़ भी जाए तो फिर इस रिश्ते में या इस धागे में पहले जैसी बात नहीं होती इसलिए रहीम जी प्रेम के रिश्तो को तोड़ने से मना कर रहे हैं। 

3. रहीम जी क्यों कर रहे हैं कि जड़ सींचने से फल और फूल भी तृप्त हो जाते हैं?
उत्तर: रहीम जी यह कहना चाह रहे हैं कि एक बार में एक ही काम करना चाहिए जिस प्रकार एक बार में जड़ सीचने से उसके फल और फूल तृप्त हो जाते हैं ठीक उसी प्रकार एक बार में काम करने से वह काम अवश्य सफलता को प्राप्त होता है। जबकि एक बार में एक से ज्यादा काम करने से आपके सारे काम असफलता को प्राप्त होंगे।  

4. रहीम ने सागर की जगह कीचड़ के पानी को ज्यादा महत्व क्यों दिया है?
उत्तर: रहीम जी ने सागर की जगह कीचड़ के पानी को ज्यादा महत्व इसलिए दिया है क्योंकि कीचड़ का पानी थोड़ा होते हुए भी किसी की प्यास बुझाने में सक्षम है लेकिन सागर अथाह होते हुए भी किसी की प्यास नहीं बुझा सकता। 

5. रहीम ने सुई को तलवार की अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ क्यों कहा है?
उत्तर: रहीम जी सुई को तलवार के अपेक्षा अधिक श्रेष्ठ इसलिए बता रहे हैं क्योंकि रहीम जी के अनुसार हमको अमीर होने पर घमंड नहीं करना चाहिए और गरीबों का निरादर नहीं करना चाहिए क्योंकि जहां सुई का काम है वहां तलवार का कोई महत्व नहीं है। 

6. रहीम जी पानी की महत्ता का किस प्रकार वर्णन कर रहे हैं?
उत्तर: रहीम जी पानी की महत्ता का वर्णन करते हुए बता रहे हैं कि हमको पानी अवश्य ही बचाना चाहिए क्योंकि इस दुनिया में बिना पानी के सब शून्य है क्योंकि मोती, मनुष्य और चूना तीनों को जिंदा रहने हेतु पानी की जरूरत पड़ती ही है इसलिए हम सब को पानी अवश्य ही बचाना चाहिए। 

7. रहीम के पहले दोहे से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर: रहीम जी अपने पहले दोहे में बताते हैं कि यह प्रेम रूपी धागा बड़ा ही कोमल है इसको कभी टूटने ना दें अगर यह धागा कभी टूट गया तो फिर दोबारा से जोड़ नहीं सकता और अगर जुड़ गया भी तो उसमें वह पहले जैसा प्रेम और व्यवहार नहीं रहेगा।
रहीम जी आगे बोलते हैं कि अपने मन के अंदर के दुख को अपने मन में ही रखिए क्योंकि अगर आपने अपने मन के अंदर के दुख को दुनिया के सामने प्रकट किया तो लोग आपके दुख को बांटने के बजाय आप पर ही हसेंगे। 

8. रहीम जी के अनुसार धागे और रिश्ते में क्या सम्बन्ध है ?
उत्तर: रहीम जी के अनुसार यह धागा और रिश्ता एक ही समान होते हैं जिस प्रकार धागा एक बार टूटने के बाद दोबारा जल्दी से जुड़ता नहीं है और अगर जुड़ी भेजा है तो उसमें पहले जैसी मजबूती नहीं रहती ठीक उसी प्रकार रिश्ते भी होते हैं। 

9. “एके साधे सब सधे, सब साधे सब जाय।” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: रहीम जी बता रहे हैं कि हमको एक बार में एक ही काम करना चाहिए क्योंकि एक बार में एक से ज्यादा काम करने से सारे काम खराब हो सकते हैं अतः हमें एक समय में एक ही कार्य में अपना दिमाग एकाग्रचित्त करना चाहिए। 

10. “बिगरी बात बने नहीं, लाख करो किन कोय।
रहिमन फाटे दूध को, मथे न माखन होय॥” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: रहीम जी बता रहे हैं कि एक बार बात बिगड़ जाने से लाख प्रयास करने पर भी बात बनती नहीं है क्योंकि एक बार दूध के फट जाने से उसको आप चाहे जितना भी मथे उस दूध का मक्खन नहीं बन सकता है। 

11. “रहिमन पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: रहीम जी पानी बचाने का संदेश देते हुए कहते हैं कि पानी की रक्षा करना चाहिए क्योंकि बिना पानी के पूरा जग सूना है। बिना पानी के पूरे संसार में जिंदगी नहीं बचेगी। 

12. “पानी गए न ऊबरै, मोती, मानुष, चून।।” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए?
उत्तर: रहीम दास जी बता रहे हैं कि बिना पानी के मोती मनुष्य और चूना निर्जीव और महत्वहीन हो जाते हैं क्योंकि मनुष्य को जीने के लिए पानी चूना को उपयोगी रहने के लिए पानी तथा मोती को चमकने के लिए पानी की जरूरत होती है, इसीलिए हम सभी को हर हाल में पानी की रक्षा करनी चाहिए। 

13. “रहिमन देखि बड़ेन को, लघु न दीजिये डारि।” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: रहीम दास जी कहते हैं कि अमीर व्यक्तियों के आगे गरीब और छोटे व्यक्तियों को अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि अपने जगह में यह दोनों ही बराबर का महत्व रखते हैं और इस जीवन में कभी भी किसी की भी जरूरत पड़ सकती है। 

14. “रहिमन निज संपति बिना, कोठ न बिपति सहाय।
बिनु पानी ज्यों जलज को, नहिं रवि सके बचाय” इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: रहीम दास जी कहते हैं कि अगर खुद के पास पैसा नहीं होता है तो कोई भी विपत्ति के दौरान हमारी मदद नहीं करता है जैसे सूरज भी पानी के बिना एक कमल की सहायता नहीं करता है। 

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Sparsh Bhag 1 and Sanchayan Bhag 1 Book Important Questions

 

 

 

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