Class 9 Hindi Chapter 5 Shukrtare ke samaan Important Questions

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 शुक्रतारे के समान Important Question Answers Lesson 5

 

Class 9 Hindi Shukra Tare ke Saman Question Answers – Looking for Shukra Tare ke Saman question answers for CBSE Class 9 Hindi Sparsh Bhag 1 Book Lesson 5? Look no further! Our comprehensive compilation of important questions will help you brush up on your subject knowledge.

सीबीएसई कक्षा 9 हिंदी स्पर्श भाग 1 पुस्तक पाठ 5 के लिए शुक्रतारे के समान प्रश्न उत्तर खोज रहे हैं? आगे कोई तलाश नहीं करें! महत्वपूर्ण प्रश्नों का हमारा व्यापक संकलन आपको अपने विषय ज्ञान को बढ़ाने में मदद करेगा। कक्षा 9 के हिंदी प्रश्न उत्तर का अभ्यास करने से परीक्षा में आपके प्रदर्शन में काफी सुधार हो सकता है। हमारे समाधान इस बारे में एक स्पष्ट विचार प्रदान करते हैं कि उत्तरों को प्रभावी ढंग से कैसे लिखा जाए। हमारे शुक्रतारे के समान प्रश्न उत्तरों को अभी एक्सप्लोर करें उच्च अंक प्राप्त करने के अवसरों में सुधार करें।

The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions to the chapter’s extract based questions, multiple choice questions, short answer questions, and long answer questions

Also, practicing with different kinds of questions can help students learn new ways to solve problems that they may not have seen before. This can ultimately lead to a deeper understanding of the subject matter and better performance on exams. 

 

Class 9 Hindi शुक्रतारे के समान Question Answers Lesson 5 – सार-आधारित प्रश्न (Extract Based Questions)

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

गद्यांश को पढ़कर पूंछे गए प्रश्नों के उत्तर के लिए सही विकल्प का चयन कीजिए 

1)

आकाश के तारों में शुक्र की कोई जोड़ नहीं। शुक्र चंद्र का साथी माना गया है। उसकी आभा-प्रभा का वर्णन करने में संसार के कवि थके नहीं। फिर भी नक्षत्र मंडल में कलगी-रूप इस तेजस्वी तारे को दुनिया या तो ऐन शाम के समय, बड़े सवेरे घंटे-दो घंटे से अधिक देख नहीं पाती। इसी तरह भाई महादेव जी आधुनिक भारत की स्वतंत्रता के उषघाकाल में अपनी वैसी ही आभा से हमारे आकाश को जगमगाकर, देश और दुनिया को मुग्ध करके, शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए। सेवाधर्म का पालन करने के लिए इस धरती पर जनमे स्वर्गीय महादेव देसाई गांधीजी के मंत्री थे। मित्रों के बीच विनोद में अपने को गांधीजी का “हम्माल’ कहने में और कभी-कभी अपना परिचय उनके “पीर-बावर्ची-भिश्ती-खर’ के रूप में देने में वे गौरव का अनुभव किया करते थे।
गांधीजी के लिए वे पुत्र से भी अधिक थे। जब सन्‌ 1917 में वे गांधीजी के पास पहुँचे थे, तभी गांधीजी ने उनको तत्काल पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। सन्‌ 1919 में जलियाँवाला बाग के हत्याकांड के दिनों में पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ़्तार किया गया था। गांधीजी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था। सन्‌ 1929 में महादेव भाई आसेतुहिमाचल, देश के चारों कोनों में, समूचे देश के दुलारे बन चुके थे।

i. चंद्रमा का साथी किसको कहा गया है?
(क) सूरज
(ख) पृथ्वी
(ग) शुक्र
(घ) वृहस्पति
उत्तर: (ग) शुक्र

ii. महादेव देसाई कौन थे?
(क) गांधी जी के दोस्त
(ख) गांधी जी के सहपाठी
(ग) गांधी जी के विरोधी
(घ) गांधी जी के मंत्री
उत्तर: (घ) गांधी जी के मंत्री

iii. जलियावाला बाग हत्याकांड कब हुआ?
(क) 1917 में
(ख) 1918 में
(ग) 1919 में
(घ) 1920 में
उत्तर: (ग) 1919 में

iv. महादेव भाई को समूचा देश कब तक जान पाया?
(क) 1927
(ख) 1928
(ग) 1929
(घ) 1930
उत्तर: 1929

2)

मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक पत्र “ट्रिब्यून” के संपादक श्री कालीनाथ राय को 10 साल की जेल की सज्ञा मिली।
गांधीजी के सामने ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ पेश करने के लिए आने वाले पीड़ितों के दल-के-दल गामदेवी के मणिभवन पर उमड़ते रहते थे। महादेव उनकी बातों की संक्षिप्त टिप्पणियाँ तैयार करके उनको गांधीजी के सामने पेश करते थे और आनेवालों के साथ उनकी रूबरू मुलाकातें भी करवाते थे। गांधीजी बंबई के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक “बाम्बे क्रानिकल’ में इन सब विषयों पर लेख लिखा करते थे। क्रानिकल में जगह की तंगी बनी रहती थी।

i. मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक पत्र “ट्रिब्यून” के संपादक श्री कालीनाथ राय को कितने साल की जेल की सज्ञा मिली?
(क) 5
(ख) 8
(ग) 10
(घ) 11
उत्तर: (ग) 10

ii. गांधीजी के सामने ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ पेश करने के लिए आने वाले पीड़ितों के दल-के-दल कहां आते थे?
(क) दिल्ली भवन
(ख) साबरमती आश्रम
(ग) मणिभवन
(घ) कलकत्ता
उत्तर: (ग) मणिभवन

iii. गांधी जी “बाम्बे क्रानिकल’ में क्या लिखते थे?
(क) भारतीयों पर ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ
(ख) भारतीयों पर अंग्रेजी शासन का प्रभाव
(ग) भारतीयों को अंग्रेजो के चंगुल से छुड़ाने के रास्ते
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) भारतीयों पर ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ

iv. गांधी जी की पीड़ितों से मुलाकात कौन करवाता था?
(क) महादेव देसाई
(ख) बल्लभ भाई पटेल
(ग) लाला लाजपतराय
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) महादेव देसाई

3)

कुछ ही दिनों में ‘क्रानिकल’ के निडर अंग्रेज़ संपादक हार्नीमैन को सरकार ने देश-निकाले की सज्ञा देकर इंग्लैंड भेज दिया। उन दिनों बंबई के तीन नए नेता थे। शंकर लाल बैंकर, उम्मर सोबानी और जमनादास द्वारकादास। इनमें अंतिम श्रीमती बेसेंट के अनुयायी थे। ये नेता “यंग इंडिया” नाम का एक अंग्रेज़ी साप्ताहिक भी निकालते थे। लेकिन उसमें “क्रानिकल’ वाले हार्नीमैन ही मुख्य रूप से लिखते थे। उनको देश निकाला मिलने के बाद इन लोगों को हर हफ़्ते साप्ताहिक के लिए लिखनेवालों की कमी रहने लगी। ये तीनों नेता गांधीजी के परम प्रशंसक थे और उनके सत्याग्रह-आंदोलन में बंबई के बेजोड़ नेता भी थे। इन्होंने गांधीजी से विनती की कि वे “यंग इंडिया’ के संपादक बन जाएँ। गांधीजी को तो इसकी सख्त ज़रूरत थी ही। उन्होंने विनती तुरंत स्वीकार कर ली।
गांधीजी का काम इतना बढ़ गया कि साप्ताहिक पत्र भी कम पड़ने लगा। गांधीजी ने “यंग इंडिया” को हफ़्ते में दो बार प्रकाशित करने का निश्चय किया।

i. ‘क्रानिकल’ के निडर अंग्रेज़ संपादक कौन थे?
(क) गांधी जी
(ख) महादेव देसाई
(ग) हार्नीमैन
(घ) जेम्स टॉड
उत्तर: (ग) हार्नीमैन

ii. निम्न में से कौन श्रीमती बेसेंट के अनुयायी थे?
(क) शंकर लाल बैंकर
(ख) उम्मर सोबानी
(ग) जमनादास द्वारकादास
(घ) महादेव देसाई
उत्तर: (ग) जमनादास द्वारकादास

iii. निम्न में से कौन यंग इंडिया” नाम का एक अंग्रेज़ी साप्ताहिक भी निकालता था?
(क) शंकर लाल बैंकर
(ख) महादेव देसाई
(ग) गांधी जी
(घ) हार्नीमैन
उत्तर: (क) शंकर लाल बैंकर

iv. निम्न में से कौन गांधी जी के परम प्रशंसक थे?
(क) उम्मर सोबानी
(ख) हार्नीमैन
(ग) जेम्स टॉड
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) उम्मर सोबानी

4)

“यंग इंडिया” के पीछे-पीछे “नवजीवन’ भी गांधीजी के पास आया और दोनों साप्ताहिक अहमदाबाद से निकलने लगे। छह महीनों के लिए मैं भी साबरमती आश्रम में रहने पहुँचा। शुरू में ग्राहकों के हिसाब-किताब की और साप्ताहिकों को डाक में डलवाने की व्यवस्था मेरे जिम्मे रही। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद संपादन सहित दोनों साप्ताहिकों की और छापाखाने की सारी व्यवस्था मेरे जिम्मे आ गई। गांधीजी और महादेव का सारा समय देश भ्रमण में बीतने लगा। ये जहाँ भी होते, वहाँ से कामों और कार्यक्रमों की भारी भीड़ के बीच भी समय निकालकर लेख लिखते और भेजते। सब प्रांतों के उग्र और उदार देशभक्त, क्रांतिकारी और देश-विदेश के धुरंधर लोग, संवाददाता आदि गांधीजी को पत्र लिखते और गांधीजी “यंग इंडिया’ के कॉलमों में उनकी चर्चा किया करते। महादेव गांधीजी की यात्राओं के और प्रतिदिन की उनकी गतिविधियों के साप्ताहिक विवरण भेजा करते।
इसके अलावा महादेव, देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र, जो आँखों में तेल डालकर गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों को देखा करते थे और उन पर बराबर टीका-टिप्पणी करते रहते थे, उनको आडे हाथों लेने वाले लेख भी समय-समय पर लिखा करते थे। बेजोड़ कॉलम, भरपूर चौकसाई, ऊँचे-से-ऊँचे ब्रिटिश समाचार-पत्रों की परंपराओं को अपनाकर चलने का गांधीजी का आग्रह और कट्टर से कट्टर विरोधियों के साथ भी पूरी-पूरी सत्यनिष्ठा में से उत्पन्न होनेवाली विनय-विवेक-युक्त विवाद करने की गांधीजी की तालीम इन सब गुणों ने तीव्र मतभेदों और विरोधी प्रचार के बीच भी देश-विदेश के सारे समाचार-पत्रों की दुनिया में और एंग्लो-इंडियन समाचार-पत्रों के बीच भी व्यक्तिगत रूप से एम.डी. को सबका लाडला बना दिया था।
गांधीजी के पास आने के पहले अपनी विद्यार्थी अवस्था में महादेव ने सरकार के अनुवाद-विभाग में नौकरी की थी। नरहरि भाई उनके जिगरी दोस्त थे। दोनों एक साथ वकालत पढ़े थे। दोनों ने अहमदाबाद में वकालत भी साथ-साथ ही शुरू की थी। इस पेशे में आमतौर पर स्याह को सफ़ेद और सफ़ेद को स्याह करना होता है। साहित्य और संस्कार के साथ इसका कोई संबंध नहीं रहता। लेकिन इन दोनों ने तो उसी समय से टैगोर, शरदचंद्र आदि के साहित्य को उलटना-पुलटना शुरू कर दिया था। “चित्रांगदा’ कच-देवयानी की कथा पर टैगोर द्वारा रचित “विदाई का अभिशाप’ शीर्षक नाटिका, “शरद बाबू की कहानियाँ! आदि अनुवाद उस समय की उनकी साहित्यिक गतिविधियों की देन हैं।

i. यंग इंडिया” और “नवजीवन” कहां से संपादित होते थे?
(क) मुंबई
(ख) कलकत्ता
(ग) मद्रास
(घ) अहमदाबाद
उत्तर: (घ) अहमदाबाद

ii. लेखक कितने दिनों तक साबरमती आश्रम में रहा?
(क) 6 महीना
(ख) 3 महीना
(ग) 1 महीना
(घ) 1 साल
उत्तर: (क) 6 महीना

iii. गांधीजी के पास आने के पहले में महादेव ने क्या काम किया था?
(क) टाइपिस्ट का
(ख) चपरासी का
(ग) अनुवादक का
(घ) सैनिक का
उत्तर: (ग) अनुवादक का

iv. महादेव के जिगरी दोस्त कौन थे?
(क) शंकर लाल बैंकर
(ख) उम्मर सोबानी
(ग) नरहरि भाई
(घ) जमनादास द्वारकादास
उत्तर: (ग) नरहरि भाई

5)

प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार-संपन्‍न भाषा और मनोहारी लेखनशैली की ईश्वरीय देन महादेव को मिली थी। यद्यपि गांधीजी के पास पहुँचने के बाद घमासान लड़ाइयों, आंदोलनों और समाचार-पत्रों की चर्चाओं के भीड़-भरे प्रसंगों के बीच केवल साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला, फिर भी गांधीजी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” का अंग्रेज़ी अनुवाद उन्होंने किया, जो “नवजीवन’ में प्रकाशित होनेवाले मूल गुजराती की तरह हर हफ़्ते “यंग इंडिया’ में छपता रहा। बाद में पुस्तक के रूप में उसके अनगिनत संस्करण सारी दुनिया के देशों में प्रकाशित हुए और बिके।

i. गांधीजी की आत्मकथा का क्या नाम है?
(क) यंग इंडिया
(ख) सत्य के प्रयोग (माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ)
(ग) नवजीवन
(घ) ए मॉन्क
उत्तर: (ख) सत्य के प्रयोग (माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ)

ii. गांधीजी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” का अंग्रेज़ी अनुवाद किसने किया?
(क) महादेव देसाई
(ख) उम्मर सोबानी
(ग) नरहरि भाई
(घ) जमनादास द्वारकादास
उत्तर: (ग) नरहरि भाई

iii. गांधी जी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” किस भाषा में लिखी गई थी?
(क) हिंदी
(ख) अंग्रेजी
(ग) गुजराती
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग) गुजराती

iv. नवजीवन किस भाषा में लिखी गई थी?
(क) हिंदी
(ख) गुजराती
(ग) अंग्रेजी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ख) गुजराती

Top

 

Class 9 Hindi Sparsh Lesson 5 शुक्रतारे के समान बहुविकल्पीय प्रश्न (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

 

Q1. मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक पत्र “ट्रिब्यून” के संपादक श्री कालीनाथ राय को कितने साल की जेल की सज्ञा मिली?
(क) 5
(ख) 8
(ग) 10
(घ) 11
उत्तर: (ग) 10

Q2. गांधी जी “बाम्बे क्रानिकल’ में क्या लिखते थे?
(क) भारतीयों पर ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ
(ख) भारतीयों पर अंग्रेजी शासन का प्रभाव
(ग) भारतीयों को अंग्रेजो के चंगुल से छुड़ाने के रास्ते
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) भारतीयों पर ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ

Q3. चंद्रमा का साथी किसको कहा गया है?
(क) सूरज
(ख) पृथ्वी
(ग) शुक्र
(घ) वृहस्पति
उत्तर: (ग) शुक्र

Q4. गांधीजी के सामने ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियाँ पेश करने के लिए आने वाले पीड़ितों के दल-के-दल कहां आते थे?
(क) दिल्ली भवन
(ख) साबरमती आश्रम
(ग) मणिभवन
(घ) कलकत्ता
उत्तर: (ग) मणिभवन

Q5. जलियावाला बाग हत्याकांड कब हुआ?
(क) 1917 में
(ख) 1918 में
(ग) 1919 में
(घ) 1920 में
उत्तर: (ग) 1919 में

Q6. गांधी जी की पीड़ितों से मुलाकात कौन करवाता था?
(क) महादेव देसाई
(ख) बल्लभ भाई पटेल
(ग) लाला लाजपतराय
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) महादेव देसाई

Q7. ‘क्रानिकल’ के निडर अंग्रेज़ संपादक कौन थे?
(क) गांधी जी
(ख) महादेव देसाई
(ग) हार्नीमैन
(घ) जेम्स टॉड
उत्तर: (ग) हार्नीमैन

Q8. निम्न में से कौन “यंग इंडिया” नाम का एक अंग्रेज़ी साप्ताहिक भी निकालता था?
(क) शंकर लाल बैंकर
(ख) महादेव देसाई
(ग) गांधी जी
(घ) हार्नीमैन
उत्तर: (क) शंकर लाल बैंकर

Q9. महादेव देसाई कौन थे?
(क) गांधी जी के दोस्त
(ख) गांधी जी के सहपाठी
(ग) गांधी जी के विरोधी
(घ) गांधी जी के मंत्री
उत्तर: (घ) गांधी जी के मंत्री

Q10. निम्न में से कौन गांधी जी के परम प्रशंसक थे?
(क) उम्मर सोबानी
(ख) हार्नीमैन
(ग) जेम्स टॉड
(घ) इनमे से कोई नहीं
उत्तर: (क) उम्मर सोबानी

Q11. यंग इंडिया” और “नवजीवन” कहां से संपादित होते थे?
(क) मुंबई
(ख) कलकत्ता
(ग) मद्रास
(घ) अहमदाबाद
उत्तर: (घ) अहमदाबाद

Q12. लेखक कितने दिनों तक साबरमती आश्रम में रहा?
(क) 6 महीना
(ख) 3 महीना
(ग) 1 महीना
(घ) 1 साल
उत्तर: (क) 6 महीना

Q13. गांधीजी के पास आने से पहले में महादेव ने क्या काम किया था?
(क) टाइपिस्ट का
(ख) चपरासी का
(ग) अनुवादक का
(घ) सैनिक का
उत्तर: (ग) अनुवादक का

Q14. गांधीजी की आत्मकथा का क्या नाम है?
(क) यंग इंडिया
(ख) सत्य के प्रयोग (माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ)
(ग) नवजीवन
(घ) ए मॉन्क
उत्तर: (ख) सत्य के प्रयोग (माय एक्सपेरिमेंट विद ट्रुथ)

Q15. गांधीजी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” का अंग्रेज़ी अनुवाद किसने किया?
(क) महादेव देसाई
(ख) उम्मर सोबानी
(ग) नरहरि भाई
(घ) जमनादास द्वारकादास
उत्तर: (ग) नरहरि भाई

Q16. महादेव भाई को समूचा देश कब तक जान पाया?
(क) 1927
(ख) 1928
(ग) 1929
(घ) 1930
उत्तर: (ग) 1929

Q17. गांधी जी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” किस भाषा में लिखी गई थी?
(क) हिंदी
(ख) अंग्रेजी
(ग) गुजराती
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ग) गुजराती

Q18. नवजीवन किस भाषा में लिखी गई थी?
(क) हिंदी
(ख) गुजराती
(ग) अंग्रेजी
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (ख) गुजराती

Q19. महादेव और नरहरि भाई ने निम्न में से किसका अनुवाद किया?
(क) शरद बाबू की कहानियाँ!
(ख) भारत दुर्दशा
(ग) झांसी की रानी
(घ) माय एक्सपेरिमेंट्स विथ ट्रुथ
उत्तर: (क) शरद बाबू की कहानियाँ!

Q20. निम्न में से कौन श्रीमती बेसेंट के अनुयायी थे?
(क) शंकर लाल बैंकर
(ख) उम्मर सोबानी
(ग) जमनादास द्वारकादास
(घ) महादेव देसाई
उत्तर: (ग) जमनादास द्वारकादास

Top

 

Class 9 Hindi शुक्रतारे के समान प्रश्न और उत्तर (including questions from Previous Years Question Papers)

 

  1. लेखक ने महादेव देसाई की तुलना किससे की?

उत्तर: लेखक ने महादेव देसाई की तुलना शुक्र तारे से की है। लेखक कहते हैं कि आकाश के तारों में शुक्र की कोई जोड़ नहीं। फिर भी नक्षत्र मंडल में शुक्र तारे को दुनिया या तो ऐन शाम के समय, बड़े सवेरे घंटे-दो घंटे से अधिक देख नहीं पाती। इसी तरह भाई महादेव जी आधुनिक भारत की स्वतंत्रता के उषघाकाल में अपनी वैसी ही आभा से हमारे आकाश को जगमगाकर, देश और दुनिया को मुग्ध करके, शुक्रतारे की तरह ही अचानक अस्त हो गए। 

  1. गांधीजी ने महादेव भाई को अपना वारिस कब कहा था?

उत्तर: गांधी जी के लिए महादेव देसाई पुत्र से भी अधिक थे। जब सन्‌ 1917 में वे गांधीजी के पास पहुँचे थे, तभी गांधी जी ने उनको तत्काल पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। 

सन्‌ 1919 में जलियाँवाला बाग के हत्याकांड के दिनों में पंजाब जाते हुए गांधी जी को पलवल स्टेशन पर गिरफ़्तार किया गया था। गांधी जी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कहा था। 

  1. गांधीजी का बंबई के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक “बाम्बे क्रानिकल’ में क्या योगदान है?

उत्तर: पीड़ितो के दल गामदेवी के मणिभवन पर आकर गांधी जी को ज़ुल्मों और अत्याचारों की कहानियां सुनाते थे और महादेव देसाई इन पर टिप्पणियां लिखते थे तब गांधी जी बंबई के मुख्य राष्ट्रीय अंग्रेज़ी दैनिक “बाम्बे क्रानिकल’ में यही इन तैयार टिप्पणियों को लिखते थे। 

  1. गांधी जी “यंग इंडिया’ के संपादक किन परिस्थितियों में बने?

उत्तर: ‘क्रानिकल’ के संपादक हार्नीमैन को सरकार ने देश-निकाले की सजा देकर इंग्लैंड भेज दिया और उन दिनों बंबई के 3 सक्रिय नेता, जो गांधीजी के परम प्रशंसक थे “यंग इंडिया” नाम का एक अंग्रेज़ी साप्ताहिक निकालते थे। जिसके मुख्य संपादक हार्नीमैन ही थे। लेकिन इनको देशनिकाला दे दिया गया था ऐसे में इन तीनों नेताओं ने गांधीजी से विनती की कि वे “यंग इंडिया’ के संपादक बन जाएँ। 

  1. लेखक के साबरमती आश्रम में किए गए कार्यों का वर्णन कीजिए?

उत्तर: लेखक बताते हैं कि छह महीनों के लिए मैं भी साबरमती आश्रम में रहने पहुँचा। शुरू में ग्राहकों के हिसाब-किताब की और साप्ताहिकों को डाक में डलवाने की व्यवस्था मेरे जिम्मे रही। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद संपादन सहित दोनों साप्ताहिकों की और छापाखाने की सारी व्यवस्था मेरे जिम्मे आ गई। 

  1. गांधीजी “यंग इंडिया’ के कॉलमों में किसकी चर्चा करते थे?

उत्तर: जब गांधी जी महादेव देसाई के साथ देश भ्रमण पर निकले तब सब प्रांतों के उग्र और उदार देशभक्त, क्रांतिकारी और देश-विदेश के धुरंधर लोग, संवाददाता आदि गांधीजी को पत्र लिखते और गांधीजी “यंग इंडिया’ के कॉलमों में उनकी चर्चा किया करते। 

  1. महादेव देसाई गांधी जी के साथ रहकर क्या क्या कार्य करते थे?

उत्तर: महादेव गांधीजी की यात्राओं के और प्रतिदिन की उनकी गतिविधियों के साप्ताहिक विवरण भेजा करते।

इसके अलावा महादेव, देश-विदेश के अग्रगण्य समाचार-पत्र, जो आँखों में तेल डालकर गांधीजी की प्रतिदिन की गतिविधियों को देखा करते थे और उन पर बराबर टीका-टिप्पणी करते रहते थे, उनको आडे हाथों लेने वाले लेख भी समय-समय पर लिखा करते थे।

  1. महादेव देसाई किस प्रकार सबके लाडले बन गए?

उत्तर: बेजोड़ कॉलम, भरपूर चौकसाई, ऊँचे-से-ऊँचे ब्रिटिश समाचार-पत्रों की परंपराओं को अपनाकर चलने का गांधीजी का आग्रह और कट्टर से कट्टर विरोधियों के साथ भी पूरी-पूरी सत्यनिष्ठा में से उत्पन्न होनेवाली विनय-विवेक युक्त विवाद करने की गांधीजी की तालीम इन सब गुणों ने तीव्र मतभेदों और विरोधी प्रचार के बीच भी देश-विदेश के सारे समाचार-पत्रों की दुनिया में और एंग्लो-इंडियन समाचार-पत्रों के बीच भी व्यक्तिगत रूप से इनको सबका लाडला बना दिया था। 

  1. गांधी जी के पास आने से पहले महादेव देसाई क्या करते थे?

उत्तर: गांधीजी के पास आने से पहले महादेव ने सरकार के अनुवाद-विभाग में नौकरी की थी। नरहरि भाई उनके जिगरी दोस्त थे। दोनों एक साथ वकालत पढ़े थे और अहमदाबाद में वकालत भी साथ-साथ ही शुरू की थी। इन दोनों ने उसी समय से टैगोर, शरदचंद्र आदि के साहित्य का अनुवादन शुरू कर दिया था। “चित्रांगदा’ टैगोर द्वारा रचित ‘विदाई का अभिशाप’, “शरद बाबू की कहानियाँ” आदि अनुवाद उस समय की उनकी साहित्यिक गतिविधियों की देन हैं। 

  1. गांधी जी के पास आने के बाद महादेव देसाई ने क्या क्या रचनाएं की?

उत्तर: प्रथम श्रेणी की शिष्ट, संस्कार-संपन्‍न भाषा और मनोहारी लेखनशैली की ईश्वरीय देन महादेव को मिली थी। यद्यपि गांधीजी के पास पहुँचने के बाद घमासान लड़ाइयों, आंदोलनों और समाचार-पत्रों की चर्चाओं के भीड़-भरे प्रसंगों के बीच केवल साहित्यिक गतिविधियों के लिए उन्हें कभी समय नहीं मिला, फिर भी गांधीजी की आत्मकथा “सत्य के प्रयोग” का अंग्रेज़ी अनुवाद उन्होंने किया, जो “नवजीवन’ में प्रकाशित होनेवाले मूल गुजराती की तरह हर हफ़्ते “यंग इंडिया’ में छपता रहा। 

Top
Also See: