लेखक (पंडित जवाहरलाल नेहरू) का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of the Writer (Pandit Jawaharlal Nehru) from CBSE Class 11 Hindi Aroh Book Chapter 8 भारत माता
लेखक (पंडित जवाहरलाल नेहरू) का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of the Writer Pandit Jawaharlal Nehru)
“भारत माता” पाठ के लेखक ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू जी’ हैं। यह पाठ उनकी रचना “हिंदुस्तान की कहानी” का पांचवा अध्याय है। मूल रूप से “हिंदुस्तान की कहानी” अंग्रेजी में लिखी गई है। इसका अंग्रेजी से हिंदी में अनुवाद ‘हरभाऊ उपाध्याय जी’ ने किया है।
पंडित जवाहरलाल नेहरू जी सम्पूर्ण भारत वर्ष को एक मानते हैं – पंडित जवाहरलाल नेहरू इस पाठ में बताते हैं अनेक हिस्सों में बांटा होने के बाबजूद भी पूरा हिंदुस्तान एक है और “भारत माता की जय” का मतलब है यहां के करोड़ों–करोड़ लोगों की जय। नेहरू जी जब भी किन्ही कार्यक्रमों के सिलसिले में देश के अलग–अलग हिस्सों में जाते थे तो वो अक्सर अपने श्रोताओं से भारत या हिंदुस्तान के बारे में बात करते थे।
पंडित जवाहरलाल नेहरू जी ने सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में बाँधने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई – पंडित नेहरू जब भी गांवों में कार्यक्रम के लिए जाते थे तो किसानों से इस बड़े देश के बारे में चर्चा अवश्य करते थे जिसकी आजादी के लिए वो सब मिलकर कोशिश कर रहे थे। अपनी बातचीत के दौरान नेहरू जी उन्हें यह भी बताते थे कि भले ही देश का एक हिस्सा, दूसरे हिस्से से जुदा (अलग) हो , फिर भी पूरा देश एक है। वो उन सभी समस्याओं के बारे में भी लोगों से बात करते थे जो उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूरब से लेकर पश्चिम तक , सभी किसानों के लिए एक जैसी थी यानि पूरे देश के किसानों की समस्याएं एक सी थी। वो स्वराज या आजादी का महत्व व उसके फायदे भी लोगों को समझाते थे।
नेहरू जी किसानों के पक्षधर थे – नेहरू जी किसानों को बताते थे कि उन्होंने पूरे भारत की यात्रा की, तब उन्हें महसूस हुआ कि पूरे भारत के किसानों की समस्याएं लगभग एक जैसी ही हैं। उस वक्त अधिकतर किसानों की समस्याएं थी कि वो गरीबी, कर्जदारी, पूजीपतियों के शिकंजे में फंसे थे। जमींदार और महाजन उनसे ज्यादा सूद (ब्याज) वसूलते थे। अंग्रेज सरकार उनसे अत्यधिक लगान लेती थी और ऊपर से पुलिस भी उनपर खूब जुल्म करती थी और यह सब एक विदेशी सरकार यानि अंग्रेज सरकार के कारण हो रहा था। इसीलिए सारे भारतवासी इस विदेशी सरकार से जल्द से जल्द छुटकारा पाना चाहते थे।
नेहरू जी लोगों को विदेशों में चल रही गतिविधियों के बारे में समझाते थे – नेहरू जी की हमेशा यही कोशिश रहती थी कि सभी लोग न सिर्फ अपने बारे में बल्कि पूरे हिंदुस्तान के बारे में सोचें और उससे भी ज्यादा इस पूरी दुनिया के बारे में सोचें , जिसके हम भी एक अंश है। इसीलिए वो अपनी बातचीत में लोगों से चीन , स्पेन , अबीसीनिया , मध्य यूरोप , मिश्र और पश्चिमी एशिया में होने वाले परिवर्तनों का जिक्र भी करते थे। वो सोवियत यूनियन में हुए आश्चर्यजनक बदलाव व अमेरिका की उन्नति के बारे में भी लोगों से बात करते थे। सन 1930 के बाद आयी आर्थिक मंदी के कारण , दुनिया के देशों में पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जब नेहरू जी लोगों को बताते , तो उनकी समझ में आसानी से आ जाता था।
नेहरू जी लोगों को भारत माता का सही अर्थ बड़े ही रोमांचक ढंग से समझाते थे – नेहरू जी अक्सर जब कार्यक्रमों में जाते थे तो उनका स्वागत “भारत माता की जय” के नारे से होता था। जब वो लोगों से इस नारे का मतलब पूछते तो लोग जवाब नहीं दे पाते थे और एक–दूसरे की तरफ देखने लगते थे। नेहरू जी ने उन्हें समझाया कि भारत सिर्फ उतना ही नहीं है जितना उन्होंने समझ रखा है। नदी , पहाड़ , जंगल , अन्न से भरे खेत–खलिहान और करोड़ों भारतीयों से मिलकर ये हिन्दुस्तान बना है। “भारत माता” दरअसल भारत में रहने वाले यही करोड़ों लोग हैं। इसीलिए “भारत माता की जय” का अर्थ है इन सब की जय अर्थात करोड़ों करोड़ भारतीयों की जय। नेहरूजी का यह विचार जब उनकी समझ में आ जाता था तो , उनकी आंखों में एक अजीब सी चमक आ जाती थी , जैसे की उन्होंने कोई बड़ी खोज कर ली हो।
Questions related to Character of the Writer (Pandit Jawaharlal Nehru)
प्रश्न 1 – नेहरू जी अक्सर अपने श्रोताओं से भारत या हिंदुस्तान के बारे में बात क्यों करते थे?
प्रश्न 2 – पाठ के आधार पर बताइए कि नेहरू जी ने सम्पूर्ण भारत को एकता के सूत्र में बाँधने में महत्वपूर्ण भूमिका कैसे निभाई?
प्रश्न 3 – आजादी से पहले किसानो की क्या दिक्क़तें थी, जिनसे परेशान हो कर वे अंग्रेजों से छुटकारा चाहते थे?
प्रश्न 4 – आपके अनुसार नेहरू जी लोगों को विदेशों में चल रही गतिविधियों के बारे में क्यों समझाते थे?
प्रश्न 5 – नेहरू जी के अनुसार भारत माता का सही अर्थ स्पष्ट कीजिए।
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