लेखक (लता मंगेशकर) का चरित्र-चित्रण | Character Sketch of Lata Mangeshkar from CBSE Class 11 Hindi Vitan Book Chapter 1 भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ – लता मंगेशकर
लेखक (लता मंगेशकर) का चरित्र-चित्रण (Character Sketch of Lata Mangeshkar)
भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ – लता मंगेशकर’ पाठ के लेखक कुमार गंधर्व जी हैं। इस पाठ के माध्यम से लेखक ने बड़ी ही खूबसूरती से लता मंगेशकर जी के विराट व्यक्तित्व व उनकी श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर देने वाली अद्भुत गायन शैली की विशेषताओं का वर्णन किया है जो कुछ इस प्रकार से है –
देश ही नहीं विदेश में भी प्रसिद्ध – लता मंगेशकर जी एक ऐसी महान स्वर कोकिला रही हैं जिनके गानों को सिर्फ अपने देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग सुनना पसंद करते हैं। अर्थात लता मंगेशकर को देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी प्रसिद्धि प्राप्त थी। स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी के प्रशंशक पूरी दुनिया के कोने –कोने में हैं। उनका गाना सुनकर लोगों को अक्सर महसूस होता था जैसे उनके गाने के स्वर में कुछ तो खास बात है जो सीधे उनके दिल में उतर जाता है।
लता मंगेशकर जी ने चित्रपट संगीत को लोकप्रिय व कर्णप्रिय बनाया – चित्रपट संगीत (फिल्मी गाने और गीत संगीत) में लता जी जैसी कोई अन्य गायिका नहीं हुई। आम जनमानस के अंदर संगीत के प्रति रुचि पैदा करने में लता मंगेशकर जी का बहुत बड़ा योगदान है। चित्रपट संगीत के कारण ही लोगों को संगीत व स्वर के सुरीलीपन की समझ हो रही है। उन्होंने नई पीढ़ी की रूचि के अनुसार संगीत को उन तक पहुंचाया। इस वजह से संगीत की लोकप्रियता, उसके प्रचार–प्रसार और अभिरुचि के विकास का श्रेय लताजी को ही जाता हैं।
सामान्य श्रोताओं में लता जी की प्रसिद्धि – अगर एक सामान्य श्रोता को शास्त्री गायन तथा लता मंगेशकर के गाने में से किसी एक को चुनने को कहा जाए, तो सामान्य श्रोता लता मंगेशकर का ही गाना सुनना पसंद करेगा। इसका प्रमुख कारण है लता मंगेशकर जी के गानों में “गानपन” का होना यानि गाने में वह मिठास और निर्मलता जिसे सुनकर श्रोता का मन आनंदित हो उठता है।
लता मंगेशकर जी के गानों की विविद्ध विशेषताऐं – लता मंगेशकर जी के गानों की विशेषता उनक्र स्वरों की निर्मलता भी थी। जहाँ सुप्रसिद्ध गायिका नूरजहाँ के गानों में एक मादक उत्तान दिखता था वहीं लताजी के स्वरों में कोमलता व मुग्धता थी। लता जी के गानों की एक और विशेषता थी, उनका नादमय उच्चार। उनके गीत के किन्ही दो शब्दों का अंतर स्वरों के आलाप द्वारा बड़ी सुंदर रीति से भरा रहता था और ऐसा प्रतीत होता था कि वे दोनों शब्द विलीन होते–होते एक दूसरे में मिल जाते थे। क्योंकि किसी भी गायक के लिए ऐसा कर पाना थोड़ा कठिन होता है लेकिन लता जी इसे बहुत ही सहज और स्वाभाविक ढंग से कर देती थी।
लता जी को शास्त्रीय संगीत की बहुत अच्छी जानकारी थी – लेखक के अनुसार शास्त्रीय संगीत और चित्रपट संगीत की तुलना नहीं की जा सकती है क्योंकि शास्त्रीय संगीत की विशेषता उसकी गंभीरता है जबकि चित्रपट संगीत की विशेषता उसकी चपलता, सुलभता और लोचता में है। चित्रपट संगीत गाने वाले को शास्त्रीय संगीत की उत्तम जानकारी होना आवश्यक है और निसंदेह लता जी को शास्त्रीय संगीत की भी बहुत अच्छी जानकारी थी। उनके द्वारा गाए गए तीन या साढ़े तीन मिनट के गाने लोगों के दिलों को छू जाते थे और वो उस गाने को गुनगुनाने के लिए बाध्य हो जाते थे।
लता मंगेशकर जी का एक–एक गाना एक संपूर्ण कलाकृति होता है – लता जी के गाने स्वर, लय और शब्दार्थ का त्रिवेणी संगम होते है। चाहे वह चित्रपट संगीत हो या शास्त्री संगीत, अंत में उसी गाने का महत्व अधिक होता है जो श्रोताओं के दिल को छू जाए, जिसको सुनकर श्रोताओं का मन आनंदित हो उठे। गाने की सारी ताकत उसकी रंजकता पर ही निर्भर करती हैं। संगीत के क्षेत्र में लता मंगेशकर का स्थान अब्बल दर्जे के खानदानी गायक के समान ही है।
चित्रपट संगीत की अघोषित साम्राज्ञी लता मंगेशकर जी – चित्रपट संगीत में पार्श्व गायक–गायिकाएँ तो बहुत हैं लेकिन लता मंगेशकर के जैसी लोकप्रियता किसी ने हासिल नहीं की है। वो लोकप्रियता के शिखर पर अचल व अडिग खड़ी है। लगभग आधी शताब्दी तक लोगों के दिलों में राज करना कोई आसान काम नहीं है। उनके गानों को सुनकर देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लोग झूम उठते हैं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं कि उन्हें हम प्रत्यक्ष रूप से देख चुके हैं। ऐसा कलाकार शताब्दियों में शायद एक ही पैदा होता है और यह हमारा सबसे बड़ा सौभाग्य है कि उन्हें हमने गाते हुए अपनी आंखों से देखा है।
लेखक (लता मंगेशकर) के चरित्र सम्बंधित प्रश्न (Questions related to Character of Lata Mangeshkar)
प्रश्न 1 – लता मंगेशकर जी का देश–विदेश में प्रसिद्धि का क्या कारण था?
प्रश्न 2 – लता मंगेशकर जी के चित्रपट संगीत में योगदान का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
प्रश्न 3 – सामान्य श्रोता लता जी के गानों को सुनना क्यों पसंद करते है?
प्रश्न 4 – अपने अनुसार लता मंगेशकर जी के गानों की कुछ विशेषताऐं बताइए।
प्रश्न 5 – लता मंगेशकर जी को चित्रपट संगीत की अघोषित साम्राज्ञी क्यों कहा जाता है?
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