Jansanchar Madhyam Question Answers

 

CBSE Class 11 Hindi Core Abhivyakti Aur Madhyam Book Chapter 1 जनसंचार माध्यम Question Answers

 

Jansanchar Madhyam Class 11 – CBSE Class 11 Hindi Core Abhivyakti Aur Madhyam Book Chapter 1 Jansanchar Madhyam Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter,  extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions. 

 

सीबीएसई कक्षा 11 हिंदी अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक पाठ 1 जनसंचार माध्यम प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर  तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है। 

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Jansanchar Madhyam Question and Answers (जनसंचार माध्यम प्रश्न-अभ्यास )

 

प्रश्न 1 – इस पाठ में विभिन्न लोक-माध्यमों की चर्चा हुई है। आप पता लगाइए कि वे कौन-कौन से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं? अपने क्षेत्र में प्रचलित किसी लोकनाट्य या लोक माध्यम के किसी प्रसंग के बारे में जानकारी हासिल कर उसकी प्रस्तुति के खास अंदाज़ के बारे में भी लिखें।

उत्तर – इस पाठ में अनेक लोकमाध्यमों की चर्चा हुई है। वे माध्यम हैं-लोक-नृत्य, लोक-संगीत और लोक-नाट्य। भारत में प्रागैतिहासिक काल के भीमबेटका के गुफा चित्र इसके प्रबल प्रमाण हैं। कठपुतली, लोकनाट्य की विभिन्न शैलियाँ, विविध नाट्यरूप यक्षगान, सांग, रागिनी, तमाशा, जाण, गंगा-गौरी, बाउल, कथावाचन आदि प्रचलित हैं। हरियाणा में सांग, रागिनी, उत्तर प्रदेश में कथावाचन, नौटंकी, कर्नाटक में यक्षगान की समृद्ध परंपरा है। हरियाणा में ‘रागिनी’ का सर्वाधिक प्रचलन है। इसमें घड़े, चिमटे का प्रयोग किया जाता है। गायक ऊँची आवाज में हाव-भाव के जरिए अपनी बात कहता है। वे मानवीय सुख-दुख की कथाओं को कहते हैं।

हमारे क्षेत्र में नौटंकी का प्रयोग खूब होता है। यह ग्रामीण नाट्य-शैली का एक रूप है। इसमें प्राय: रात्रि के समय मंच पर किसी लोक-कथा या कहानी को नाट्य-शैली के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। इसमें स्त्री-पात्रों की भूमिका भी प्राय: पुरुष-पात्र करते हैं। हारमोनियम, नगाड़ा, ढोलक आदि वाद्य-यंत्रों के साथ यह संगीतमय प्रस्तुति लोक-लुभावन होती है। अंत में परम्परागत माला नृत्य करते हुए नृत्य-शैली का प्रदर्शन किया जाता है।

 

प्रश्न 2 – आज़ादी के बाद भी हमारे देश के सामने बहुत सारी चुनौतियाँ हैं। आप समाचारपत्रों को उनके प्रति किस हद तक संवेदनशील पाते हैं?

उत्तर – आज़ादी के बाद भारत के सामने कई तरह की चुनौतियाँ आईं। इनमें से कुछ चुनौतियों का सामना आज भी भारत को कर,ना पद रहा है। जिसमें आतंकवाद, क्षेत्रवाद, भाषावाद, जातिवाद, सांप्रदायिकता, गरीबी, भ्रष्टाचार, नशा, महंगाई, बेरोज़गारी, देश की एकता बनाए रखने की चुनौती आदि महत्वपूर्ण है।

इन चुनौतियों का सामना करने में समाचारपत्रों ने हमेशा से अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अखबारों ने किसी एक पक्ष का समर्थन न करते हुए हर पक्ष को उठाया। अनेक महत्त्वपूर्ण फैसले अखबारों के आवाज उठाने पर ही हुए हैं। जहाँ जरुरत थी वहां अखबारों ने सरकारी नीतियों की जमकर आलोचना की। संसाधनों के दोहन पर व्यावसायिक कंपनियों का पक्ष न लेते हुए लोगों की कठिनाइयों को प्रमुखता दी। हम समाचार-पत्रों को इन चुनौतियों के प्रति काफी हद तक संवेदनशील पाते हैं। वे शुरुआत से ही अपने दायित्व का निर्वहन अच्छे से करते आ रहे हैं। पीडित लोगों की आवाज सरकार तक पहुंचा कर रहे हैं, जिससे सरकार और अन्य स्वयंसेवी संस्थाएँ इनको हल करने के लिए आगे आती हैं। लेकिन यह भी सच है कि छोटे समाचार-पत्र अपनी सीमा निश्चित होने के कारण कई बार दबाव में आकर उतने संवेदनशील नहीं हो पाते हैं और खुलकर किसी मुद्दे पर नहीं कह पाते हैं।

 

प्रश्न 3 – टी०वी० के निजी चैनल अपनी व्यावसायिक सफलता के लिए कौन-कौन-से तरीके अपनाते हैं? टी.वी. के कार्यक्रम से उदाहरण देकर समझाइए।

उत्तर – टी०वी० के निजी चैनल अपनी व्यावसायिक सफलता के लिए लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने वाले कार्यक्रम दिखाते हैं। लोग ऐसे कार्यक्रमों की ओर आकर्षित होते हैं। ये कार्यक्रम काल्पनिक और वास्तविक जीवन से बिलकुल विपरीत भी होते हैं जिस कारण लोग उस काल्पनिक दुनिया में जाने की कल्पना करने लगते हैं और वास्तविक जीवन की सच्चाई से भटक जाते हैं। ये चैनल कई बार लोगों की आस्था को भी निशाना बनाने से नहीं चूकते। इन कार्यक्रमों को टुकड़ों में दिखाते हुए ऐसे मोड़ पर समाप्त किया जाता हैं, जिससे लोगों की उत्सुकता अगले कार्यक्रम के लिए बनी रहे। टी०वी० के निजी चैनल अपनी व्यावसायिक सफलता के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाते हैं –

  • भय, जिज्ञासा, रोमांच के कार्यक्रम पेश करना।
  • धारावाहिकों को लंबा करना
  • आभासी दुनिया की रचना करना
  • हास्य के नाम पर फूहड़ता उत्पन्न करना।

आज चैनल धन व लोकप्रियता कमाने के लिए लोभ, सनसनी आदि का इस्तेमाल करते हैं। ‘बिग बॉस’ में स्तरहीन लोगों का प्रवेश ‘कपिल शर्मा शो’ की फूहड़ कामेडी आदि इसी तरह के कार्यक्रम हैं।

 

प्रश्न 4 – इंटरनेट पत्रकारिता ने दुनिया को किस प्रकार समेट लिया है, उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – इंटरनेट जनसंचार का एक ऐसा माध्यम है जो सबसे नया है लेकिन तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है। यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टेलीविज़न, किताब, सिनेमा यहाँ तक कि पुस्तकालय के सारे गुण मौजूद हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि इसमें सभी माध्यमों का संगम है। इसकी पहुँच दुनिया के कोने-कोने तक है और इसकी रफ़्तार का कोई जवाब नहीं है। इंटरनेट पर आप दुनिया के किसी भी कोने से छपने वाले अखबार या पत्रिका में छपी सामग्री पढ़ सकते हैं। रेडियो सुन सकते हैं। सिनेमा देख सकते हैं। किताब पढ़ सकते हैं और विश्वव्यापी जाल के भीतर जमा करोड़ों पन्नों में से पलभर में अपने मतलब की सामग्री खोज सकते हैं।

 

प्रश्न 5 – किन्हीं दो हिंदी पत्रिकाओं के समान अंकों को (समान अवधि के) पढ़िए और उनमें निम्न बिंदुओं के आधार पर तुलना कीजिए –

आवरण पृष्ठ

अंदर के पृष्ठों की साज-सज्जा

सूचनाओं का क्रम

भाषा-शैली

उत्तर – हम ‘सरिता’ और ‘इंडिया टुडे’ पत्रिकाओं के समान अंकों को लेते हैं और तुलना करते हैं :

आवरण पृष्ठ-‘सरिता’ पत्रिका का आवरण पृष्ठ अधिक रंग-बिरंगा. चित्रमय, आकर्षक और सुंदर है, जबकि ‘इंडिया टुडे’ का आवरण पृष्ठ अच्छा है, पर उतना आकर्षक नहीं।

अंदर के पृष्ठों की साज-सज्जा-‘सरिता’ के पृष्ठों की साज-सज्जा पर अधिक ध्यान दिया गया है, जबकि ‘इंडिया टुडे’ के पृष्ठों पर कम। ‘सरिता’ के पृष्ठों पर चित्र अधिक हैं, जबकि ‘इंडिया टुडे’ के पृष्ठों पर कम।

सूचनाओं का क्रम-‘सरिता’ में सूचनाएँ किसी क्षेत्र-विशेष से संबंधित न होकर विविध क्षेत्रों से संबंधित हैं, जबकि ‘इंडिया टुडे” में मुख्यत: राजनीतिक खबरें एवं सूचनाएँ हैं।

भाषा-शैली– सरिता’ की भाषा सरल तथा बोधगम्य है, जबकि ‘इंडिया टुडे’ की भाषा-शैली अधिक उच्च-स्तरीय है।

 

प्रश्न 6 – निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण होना चाहिए अथवा नहीं? पक्ष-विपक्ष में तर्क प्रस्तुत कीजिए।

उत्तर –

पक्ष-निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण होना चाहिए क्योंकि निजी चैनल किसी-न-किसी व्यावसायिक अथवा कारोबारी हित से जुड़े होते हैं। वे उसी व्यावसायिक अथवा कारोबारी पक्ष की खबरे देते हैं, जो उनके हित में होती हैं। वे जनहित के विपरीत खास वर्ग को महत्त्व देते हैं। विदेशी पूँजीपतियों के चैनल अपसंस्कृति फैलाते हैं। अतः इन पर सरकारी नियंत्रण अवश्य होना चाहिए।

विपक्ष में-निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण नहीं होना चाहिए। क्योंकि यदि निजी चैनल सरकारी नियंत्रण में रहेंगे तो सरकार हमेशा अपना गुणगान करवाती रहेंगी। वह आम आदमी की समस्याओं को नहीं सुनेगीं। अधिकारी भ्रष्टाचार के कारण बिना स्तर के कार्यक्रमों को प्रसारित करेंगे। उनमें नवीनता नहीं रहेगी। जनता को वास्तविकता से कोसों दूर रखा जाएगा। निजी चैनल प्रतिस्पर्धा के कारण नई-नई चीजें लेकर आते हैं। वे सरकारी कुनीतियों को जनता व सरकार के सामने लाते हैं। निजी चैनलों पर नियंत्रण होने से उनका काम करने का दायरा एवं ढंग प्रभावित होगा। इससे उनकी निष्पक्षता पर भी असर पड़ेगा। उन्हें सरकारी दबाव में काम करना होगा, अत: हमारे विचार में निजी चैनलों पर सरकारी नियंत्रण नहीं होना चाहिए।

प्रश्न 7 – नीचे कुछ कथन दिए गए हैं। उनके सामने सही या गलत का निशान लगाते हुए उसकी पुष्टि के लिए उदाहरण भी दीजिए –

(क) संचार माध्यम केवल मनोरंजन के साधन हैं।

(ख) केवल तकनीकी विकास के कारण संचार संभव हुआ, इससे पहले संचार संभव नहीं था।

(ग) समाचार पत्र और पत्रिकाएँ इतने सशक्त संचार माध्यम हैं कि वे राष्ट्र का स्वरूप बदल सकते हैं।

(घ) टेलीविज़न सबसे प्रभावशाली एवं सशक्त संचार माध्यम है।

(ङ) इंटरनेट सभी संचार माध्यमों का मिला-जुला रूप या समागम है।

(च) कई बार संचार माध्यमों का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।

उत्तर –

(क) संचार माध्यम केवल मनोरंजन के साधन हैं। (x) उदाहरण-संचार माध्यमों से हमें तरह-तरह का ज्ञान प्राप्त होता है, अत: ये केवल मनोरंजन के साधन नहीं हैं।

(ख) केवल तकनीकी विकास के कारण संचार संभव हुआ, इससे पहले संचार संभव नहीं था। (x) उदाहरण-संचार दो व्यक्तियों के बीच यहाँ तक अकेले भी होता है। इसके लिए तकनीकी विकास की आवश्यकता अनिवार्य नहीं थी। तकनीकी विकास बाद में सहायक बने हैं।

(ग) समाचार पत्र और पत्रिकाएँ इतने सशक्त संचार माध्यम हैं कि वे राष्ट्र का स्वरूप बदल सकते हैं। (✔) उदाहरण-समाचार-पत्र-पत्रिकाएँ घोटाले, भ्रष्टाचार, अनैतिकता, सांप्रदायिकता आदि के विरुद्ध आवाज उठाकर राज्ट्र का स्वरूप बदल सकते हैं।

(घ) टेलीविज़न सबसे प्रभावशाली एवं सशक्त संचार माध्यम है। (✔) उदाहरण-टेलीविजन आवाज और चित्र का संगम होने के कारण अमीर-गरीब, शहरी-ग्रामीण, युवा-वृद्ध सभी की पसंद बन गया है।

(ङ) इंटरनेट सभी संचार माध्यमों का मिला-जुला रूप या समागम है। (✔) उदाहरण-इंटरनेट पर समाचार-पठन, गीत-संगीत, फ़िल्म, बैठक, गोष्ठी आदि देखा-सुना जा सकता है।

(च) कई बार संचार माध्यमों का नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। (✔) उदाहरण-इंटरनेट और टेलीविजन अपने कार्यक्रमों से समाज में अश्लीलता परोसने का काम कर रहे हैं।

 

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर – (Important Question Answers)

 

प्रश्न 1 – संचार क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – ‘संचार’ शब्द की उत्पत्ति ‘चर’ धातु से हुई है, जिसका अर्थ है – चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुँचना। संचार से हमारा तात्पर्य दो या दो से अधिक व्यक्तियों के बीच सूचनाओं, विचारों और भावनाओं का आदान-प्रदान है। मशहूर संचारशास्त्री विल्बर श्रैम के अनुसार संचार अनुभवों की साझेदारी है। 

संचार के तहत सिर्फ दो या उससे अधिक व्यक्तियों में ही नहीं, हजारों-लाखों लोगों के बीच होने वाले जनसंचार तक को शामिल किया जाता है।

 

प्रश्न 2 – संचार माध्यम से क्या तात्पर्य है?

उत्तर – सूचनाओं, विचारों और भावनाओं को लिखित, मौखिक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के ज़रिये सफलतापूर्वक एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना ही संचार है और इस प्रक्रिया को अंजाम देने में मदद करने वाले तरीके संचार माध्यम कहलाते हैं।

 

प्रश्न 3 – संचार जीवन की निशानी है। स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – मनुष्य सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने के कारण वह संचार करता है। दैनिक जीवन में संचार के बिना हम जीवित नहीं रह सकते। मनुष्य जब तक जीवित है, वह संचार करता रहता है। संचार खत्म होने का मतलब है-मृत्यु। संचार ही मनुष्य को एक-दूसरे से जोड़ता है। अत: कहा जा सकता है कि संचार जीवन की निशानी है।

 

प्रश्न 4 – संचार के कौन-कौन से साधन हैं?

उत्तर – संचार के साधनों में टेलीफोन, इंटरनेट, समाचार-पत्र, फैक्स, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा आदि प्रमुख हैं।

 

प्रश्न 5 – संचार के तत्वों का वर्णन करें।

उत्तर – संचार एक प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया में कई चरण या तत्त्व शामिल हैं। संचार के निम्नलिखित तत्व हैं –

  • संचार प्रक्रिया की शुरुआत स्रोत या संचारक से होती है।
  • संचार की प्रक्रिया का दूसरा चरण भाषा है।
  • संचार-प्रक्रिया में अगला चरण स्वयं संदेश का आता है।
  • संचार-प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता की भी अहम भूमिका होती है, क्योंकि वही संदेश का आखिरी लक्ष्य होता है।
  • संचार-प्रक्रिया की सफलता में फ़ीडबैक की अहम भूमिका होती है।

 

प्रश्न 6 – दुनिया एक गाँव में बदल गई है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर – आज संचार के अनेक साधन विकसित हो गए हैं जिसके कारण भौतिक दूरियाँ कम हो रही हैं। इन साधनों के कारण मनुष्य सांस्कृतिक व मानसिक रूप से भी एक-दूसरे के करीब आ रहा है। जनसंचार के माध्यमों से कुछ ही क्षण में दुनिया के हर कोने की खबर मिल जाती है। इसी कारण आज दुनिया एक गाँव जैसी लगने लगी है।

 

प्रश्न 7 – डीकोडिंग का क्या अर्थ है।

उत्तर – इडीकोडिंग का अर्थ है – प्राप्त संदेश में निहित अर्थ को समझने की कोशिश। यह एनकोडिंग से उलटी प्रकिया है। इसमें संदेश प्राप्तकर्ता प्राप्त चिहनों व संकेतों के अर्थ निकालता है।

 

प्रश्न 8 – फीडबैक किसे कहते हैं? संचार-प्रक्रिया की सफलता में फ़ीडबैक की क्या भूमिका होती है?

उत्तर – प्राप्तकर्ता को जब संदेश मिलता है तो वह उसके मुताबिक अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है। वह प्रतिक्रिया सकारात्मक या नकारात्मक हो सकती है। संचार-प्रक्रिया में प्राप्तकर्ता की इस प्रतिक्रिया को फ़ीडबैक कहते हैं।

संचार-प्रक्रिया की सफलता में फ़ीडबैक की अहम भूमिका होती है। फ़ीडबैक से ही पता चलता है कि संचार-प्रक्रिया में कहीं कोई बाधा तो नहीं आ रही है। इसके अलावा फ़ीडबैक से यह भी पता चलता है कि संचारक ने जिस अर्थ के साथ संदेश भेजा था वह उसी अर्थ में प्राप्तकर्ता को मिला है या नहीं? इसी फ़ीडबैक के अनुसार ही संचारक अपने संदेश में सुधार करता है और इस तरह संचार की प्रक्रिया आगे बढ़ती है।

 

प्रश्न 9 – शोर से क्या तात्पर्य है?

उत्तर – संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को शोर कहते हैं। संचार की प्रक्रिया को शोर से बाधा पहुँचती है। यह शोर किसी भी किस्म का हो सकता है। यह मानसिक से लेकर तकनीकी और भौतिक शोर तक हो सकता है। शोर के कारण संदेश अपने मूल रूप में प्राप्तकर्ता तक नहीं पहुँच पाता। सफल संचार के लिए संचार प्रक्रिया से शोर को हटाना या कम करना बहुत ज़रूरी है।

 

प्रश्न 10 – संचार के प्रकार बताइए।

उत्तर – संचार के अनेक प्रकार हैं –

सांकेतिक संचार, मौखिक संचार, अमौखिक संचार, अंत: वैयक्तिक संचार, अंतर वैयक्तिक संचार, समूह संचार व जनसंचार।

 

प्रश्न 11 – सांकेतिक संचार किसे कहते हैं?

उत्तर – जैसे कभी आप अपने मित्र को इशारे से बुलाते हैं। ज़ाहिर है कि यह इशारा भी संचार है। इसे सांकेतिक संचार कहते हैं।

 

प्रश्न 12 – अंत: वैयक्तिक संचार किसे कहते हैं?

उत्तर – वह संचार जिसमें संचारक और प्राप्तकर्ता एक ही व्यक्ति होता है, वह अंत: वैयक्तिक संचार कहलाता है। पूजा करना, ध्यान लगाना आदि इसके रूप है।

 

प्रश्न 13 – अंतर वैयक्तिक संचार का क्या है और इसका क्या महत्त्व है?

उत्तर – जब दो व्यक्ति आपस में और आमने-सामने संचार करते हैं तो इसे अंतर वैयक्तिक संचार कहते हैं। इसमें फीडबैक तत्काल मिलता है। इस तरीके से संबंध विकसित होते हैं। यह रूप पारिवारिक तथा सामाजिक रिश्तों की बुनियाद है। व्यक्तिगत जीवन में सफलता के लिए हमारा अंतर वैयक्तिक संचार का कौशल उन्नत और प्रभावी होना चाहिए।

 

प्रश्न 14 – समूह संचार क्या होता है और इसका उपयोग कहाँ होता है?

उत्तर – समूह संचार में एक समूह आपस में विचार-विमर्श या चर्चे करता है। जैसे आपकी कक्षा समूह संचार का एक अच्छा उदाहरण है। इस संचार में हम जो कुछ भी कहते हैं, वह किसी एक या दो व्यक्ति के लिए न होकर पूरे समूह के लिए होता है। समूह संचार का उपयोग समाज और देश के सामने उपस्थित समस्याओं को बातचीत और बहुतमुबाहिसे के ज़रिये हल करने के लिए होता है।

 

प्रश्न 15 – जनसंचार किसे कहते हैं?

उत्तर – जब व्यक्तियों के समूह के साथ प्रत्यक्ष संवाद की बजाय किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के जरिये समाज के एक विशाल वर्ग से संवाद कायम करने की कोशिश करते हैं तो इसे जनसंचार कहते हैं। इसमें एक संदेश को यांत्रिक माध्यम के ज़रिये बहुगुणित किया जाता है ताकि उसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके। इसके लिए हमें किसी उपकरण या माध्यम की मदद लेनी पड़ती है-मसलन अखबार, रेडियो, टी.वी., सिनेमा या इंटरनेट।

 

प्रश्न 16 – जनंसचार की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।

उत्तर – जनसंचार की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं –

  • जनसंचार माध्यमों के जरिए प्रकाशित या प्रसारित संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है।
  • इसमें संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता।
  • संचार के अन्य रूपों की तुलना में जनसंचार के लिए एक औपचारिक संगठन की भी ज़रूरत पड़ती है।
  • इस माध्यम में अनेक द्वारपाल होते हैं जो इन माध्यमों से प्रकाशित/प्रसारित होने वाली सामग्री को नियंत्रित तथा निर्धरित करते हैं।

 

प्रश्न 17 – जनसंचार माध्यमों में दवारपालों की भूमिका स्पष्ट कीजिए?

उत्तर – जनसंचार माध्यमों में द्वारपाल की भूमिका बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है। यह उनकी ही ज़िम्मेदारी है कि वे सार्वजनिक हित, पत्रकारिता के सिद्धांतों, मूल्यों और आचार संहिता के अनुसार सामग्री को संपादित करें और उसके बाद ही उनके प्रसारण या प्रकाशन की इजाज़त दें।

 

प्रश्न 18 – संचार के कार्य बताइए।

उत्तर – संचार के निम्नलिखित कार्य हैं-

  • संचार का प्रयोग हम कुछ हासिल करने या प्राप्त करने के लिए करते हैं।
  • यह किसी के व्यवहार को नियंत्रित करता है।
  • कुछ जानने के लिए या कुछ बताने के लिए भी हम संचार का प्रयोग करते हैं।
  • यह मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति एक खास तरह से प्रस्तुत करता है।
  • संचार का प्रयोग अकसर हम अपनी समस्याओं या किसी चिंता को दूर करने के लिए करते हैं।
  • संचार का प्रयोग हम अपनी रुचि की किसी वस्तु या विषय के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करने के लिए भी करते हैं।

 

प्रश्न 19 – जनसंचार के कौन-कौन से कार्य हैं? स्पष्ट करें।

उत्तर – जनसंचार के निम्नलिखित कार्य हैं –

  • सूचना देना – जनसंचार माध्यमों का प्रमुख कार्य सूचना देना है। ये दुनिया भर में सूचनाएँ प्रसारित करते हैं।
  • मनोरंजन – जनसंचार माध्यम-सिनेमा, रेडियो, टी.वी. आदि मनोरंजन के भी प्रमुख साधन हैं।
  • जागरूकता – जनसंचार माध्यम लोगों को जागरूक बनाते हैं। वे जनता को शिक्षित करते हैं।”
  • निगरानी – जनसंचार माध्यम सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर निगरानी रखते हैं।
  • विचार-विमर्श के मंच – ये माध्यम लोकतंत्र में विभिन्न विचारों की अभिव्यक्ति का मंच उपलब्ध कराते हैं। इनके जरिए विभिन्न विचार लोगों के सामने पहुँचते हैं।

 

प्रश्न 20 – जनसंचार में प्रिंट मीडिया का क्या महत्व है?

उत्तर – जनसंचार की सबसे मज़बूत कड़ी पत्र-पत्रिकाएँ या प्रिंट मीडिया ही है। हालाँकि अपने विशाल दर्शक वर्ग और तीव्रता के कारण रेडियो और टेलीविज़न की ताकत ज़्यादा मानी जा सकती है लेकिन वाणी को शब्दों के रूप में रिकार्ड करने वाला आरंभिक माध्यम होने की वजह से प्रिंट मीडिया का महत्त्व हमेशा बना रहेगा।

 

प्रश्न 21 – पत्रकारिता के कितने पहलु होते हैं?

उत्तर – पत्रकारिता के तीन पहलू हैं –

पहला-समाचारों को संकलित करना, दूसरा उन्हें संपादित कर छपने लायक बनाना तथा तीसरा उसे पत्र या पत्रिका के रूप में छापकर पाटक तक पहुँचाना।

 

प्रश्न 22 – जनसंचार माध्यमों का आम जीवन पर क्या प्रभाव है?

उत्तर – जनसंचार माध्यमों का आम जीवन पर बहुत प्रभाव है। इनसे सेहत, अध्यात्म, दैनिक जीवन की ज़रूरतें आदि पूरी होने लगी हैं। ये हमारी जीवन शैली को प्रभावित कर रहे हैं।

 

प्रश्न 23 – लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों का प्रभाव बताइए।

उत्तर – लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों ने जीवन को गतिशील व पारदर्शी बनाया है। यह सूचनाओं व जानकारियों का आदान-प्रदान करता है। इसके माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श व बहस होती है, जो सरकार की कार्यशैली पर अंकुश रखती है।

 

प्रश्न 24 – जनसंचार के दुष्प्रभाव बताइए।

उत्तर – जनसंचार के माध्यम खासतौर पर टी.वी. व सिनेमा ने लोगों को काल्पनिक दुनिया की सैर कराई है।

ये आम जीवन से दूर हो जाते हैं तथा व्यसनी हो जाते हैं।

ये पलायनवादी प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं।

ये समाज में अश्लीलता व असामाजिक व्यवहार को बढ़ावा देते हैं।

समाज के कमजोर वर्गों को कम महत्त्व दिया जाता है।

अनावश्यक मुद्दों को उछाला जाता है।

 

प्रश्न 25 – इंटरनेट से लाभ व हानियाँ बताइए।

उत्तर – इंटरनेट से लाभ –

  • इससे विश्वग्राम की अवधारणा मजबूत हुई है।
  • इंटरनेट से संचार की नई संभावनाएँ जगी हैं।
  • इससे शोधकर्ताओं व पढ़ने वालों के लिए अपार संसाधन उपलब्ध हुए हैं।

 

इंटरनेट से हानियाँ –

  • इससे अश्लीलता को बढ़ावा मिला है।
  • इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
  • बच्चों व युवाओं में अकेलापन बढ़ता जा रहा है।

 

प्रश्न 26 – पी. सी. जोशी समिति ने दूरदर्शन के कौन-कौन से उददेश्य बताए?

उत्तर – पी. सी. जोशी समिति का गठन 1980 में इंदिरा गाँधी ने दूरदर्शन के कार्यक्रमों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए किया था। इस कमेटी ने दूरदर्शन के निम्नलिखित उद्देश्य बताए –

  • सामाजिक परिवर्तन
  • राष्ट्रीय एकता
  • वैज्ञानिक चेतना का विकास
  • परिवार कल्याण
  • कृषि विकास
  • पर्यावरण संरक्षण
  • सामाजिक विकास

 

बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)

 

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

 

प्रश्न 1 – भारत का पहला समाचार वाचक किसे माना जाता है?
(क) इंद्र देव
(ख) देवर्षि अगस्त्य
(ग) देवर्षि नारद
(घ) देवर्षि दधीचि
उत्तर – (ग) देवर्षि नारद

प्रश्न 2 – भारत में जनसंचार का इतिहास किस काल में मिल सकता है?
(क) पाषाण काल
(ख) पौराणिक काल
(ग) मौर्य काल
(घ) त्रेता काल
उत्तर – (ख) पौराणिक काल

प्रश्न 3 – सफल संचार के लिए क्या आवश्यक है?
(क) भाषा का ज्ञान होना
(ख) विभिन्न भाषा का ज्ञान होना
(ग) जनसंचार का ज्ञान होना
(घ) भाषा के कोड का ज्ञान होना
उत्तर – (घ) भाषा के कोड का ज्ञान होना

प्रश्न 4 – प्राचीन काल में संदेश किस तरह दिए जाते थे?
(क) शिलालेखों पर लेख अंकित करके
(ख) पक्षियों का सहारा लेकर
(ग) संदेश वाहको के द्वारा
(घ) पत्रों के द्वारा
उत्तर – (क) शिलालेखों पर लेख अंकित करके

प्रश्न 5 – भारतीय संचार के लोक माध्यम कौन से हैं?
(क) भीमबेटका के गुफाचित्र
(ख) कठपुतली
(ग) लोकनाटक
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 6 – लोकनाटकों के प्रकार बातइए।
(क) कथावाचन, बाउल
(ख) सांग, रागनी, तमाशा, लावनी
(ग) नौटंकी, जात्रा, गंगा-गौरी, यक्षगान
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 7 – जनसंचार के आधुनिक माध्यम कौन-कौन-से हैं?
(क) रेडियो, टी.वी., समाचार पत्र
(ख) सिनेमा, इंटरनेट
(ग) केवल (क)
(घ) (क) (ख) दोनों
उत्तर – (घ) (क) (ख) दोनों

प्रश्न 8 – जनसंचार में प्रिंट मीडिया का क्या महत्त्व है?
(क) जनसंचार की सबसे कमजोर कड़ी प्रिंट मीडिया है
(ख) यह माध्यम वाणी को शब्दों के रूप में रिकार्ड करता है और शब्द स्थाई होते हैं
(ग) केवल (क)
(घ) (क) (ख) दोनों
उत्तर – (ख) यह माध्यम वाणी को शब्दों के रूप में रिकार्ड करता है और शब्द स्थाई होते हैं

प्रश्न 9 – भारत में पहला अखबार कौन-सा था?
(क) इंडिया टुडे
(ख) अमर उजाला
(ग) बंदे भारत
(घ) बंगाल गजट
उत्तर – (घ) बंगाल गजट

प्रश्न 10 – हिंदी का पहला साप्ताहिक पत्र कौन-सा था?
(क) इंडिया टुडे
(ख) उदंत मार्तंड
(ग) बंदे भारत
(घ) बंगाल गजट
उत्तर – (ख) उदंत मार्तंड

प्रश्न 11 – हिंदी भाषा के प्रारंभिक दौर में किन विद्वानों ने योगदान दिया?

(क) भारतेंदु हरिश्चंद्र, महात्मा गांधी, तिलक, मदनमोहन मालवीय
(ख) गणेश शंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी
(ग) रामवृक्ष बेनीपुरी, बालमुकुंद गुप्त
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 12 – आजादी के समय के प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं के विषय में बताइए।
(क) केसरी, हिन्दुस्तान, सरस्वती, हंस, कर्मवीर
(ख) आज, प्रताप, प्रदीप, विशाल भारत
(ग) (क) और (ख)
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) (क) और (ख)

प्रश्न 13 – भारत की आजादी में पत्रकारिता का क्या लक्ष्य था?
(क) स्वाधीनता की प्राप्ति
(ख) मनोरंजन
(ग) क्रान्ति
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) स्वाधीनता की प्राप्ति

प्रश्न 14 – आजादी के बाद पत्रकारिता के चरित्र में क्या परिवर्तन आया?
(क) पत्रकारिता मनोरंजन का व्यवसाय बन गया
(ख) पत्रकारिता विशुद्ध व्यवसाय बन गया
(ग) पत्रकारिता क्रान्ति का व्यवसाय बन गया
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) पत्रकारिता विशुद्ध व्यवसाय बन गया

प्रश्न 15 – रेडियो का आविष्कार कब हआ?
(क) 1890 में
(ख) 1893 में
(ग) 1894 में
(घ) 1895 में
उत्तर – (घ) 1895 में

प्रश्न 16 – रेडियो का आविष्कार कहाँ हआ?
(क) इटली में
(ख) जापान में
(ग) भारत में
(घ) इंग्लैंड में
उत्तर – (क) इटली में

प्रश्न 17 – विश्व के शुरुआती रेडियो स्टेशन कब व कहाँ खुला?
(क) अमेरिकी शहर पिट्सबर्ग
(ख) न्यूयार्क
(ग) शिकागो
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 18 – ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई?
(क) 1930 ई. में
(ख) 1936 ई. में
(ग) 1934 ई. में
(घ) 1933 ई. में
उत्तर – (ख) 1936 ई. में

प्रश्न 19 – रेडियो का माध्यम क्या है?
(क) तरंगें
(ख) शब्द
(ग) ध्वनि
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) ध्वनि

प्रश्न 20 – एफ. एम. रेडियो की शुरुआत कब हुई?
(क) 1993 में
(ख) 1992 में
(ग) 1991 में
(घ) 1990 में
उत्तर – (क) 1993 में

प्रश्न 21 – रेडियो की पहुँच कितने प्रतिशत आबादी तक है?
(क) 66 प्रतिशत
(ख) 76 प्रतिशत
(ग) 96 प्रतिशत
(घ) 86 प्रतिशत
उत्तर – (ग) 96 प्रतिशत

प्रश्न 22 – गांधी जी ने रेडियो को अद्भुत शक्ति क्यों कहा था?
(क) रेडियो की तात्कालिकता के कारण
(ख) रेडियो की घनिष्ठता के कारण
(ग) रेडियो की प्रभाव के कारण
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 23 – रेडियो को किसने अद्भुत शक्ति कहा था?
(क) गांधी जी ने
(ख) सुभाष चंद्र जी ने
(ग) नेहरू जी ने
(घ) तिलक जी ने
उत्तर – (क) गांधी जी ने

प्रश्न 24 – टेलीविजन में किन-किन माध्यमों का मिलन होता है?
(क) शब्द
(ख) दृश्य
(ग) ध्वनि
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 25 – विश्व में टेलीविजन कार्यक्रम कब शुरू हुए?
(क) शब्द
(ख) दृश्य
(ग) ध्वनि
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 26 – भारत में टी. वी. की शुरुआत कब हुई?
(क) 14 सितम्बर, 1959 को
(ख) 16 सितम्बर, 1959 को
(ग) 15 सितम्बर, 1959 को
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) 15 सितम्बर, 1959 को

प्रश्न 27 – दूरदर्शन आकाशवाणी से कब अलग हुआ?
(क) 1 अप्रैल, 1976 को
(ख) 4 अप्रैल, 1976 को
(ग) 1 मार्च, 1976 को
(घ) 1 मई, 1976 को
उत्तर – (क) 1 अप्रैल, 1976 को

प्रश्न 28 – सिनेमा का आविष्कार किसने किया?
(क) थॉमस एडिसन ने
(ख) अल्वा एडिसन ने
(ग) एडिसन ने
(घ) थॉमस अल्वा एडिसन ने
उत्तर – (घ) थॉमस अल्वा एडिसन ने

प्रश्न 29 – सिनेमा का आविष्कार कब हुआ?
(क) 1886 में
(ख) 1884 में
(ग) 1883 में
(घ) 1882 में
उत्तर – (ग) 1883 में

प्रश्न 30 – विश्व की सबसे पहली फिल्म कौन-सी थी?
(क) टाइटेनिक
(ख) राजा हरिश्चंद्र
(ग) आलम आरा
(घ) द अराइवल ऑफ ट्रेन
उत्तर – (घ) द अराइवल ऑफ ट्रेन

प्रश्न 31 – भारत में पहली मूक फिल्म किसने बनाई?
(क) दादा साहब फाल्के
(ख) राजा हरिश्चंद्र
(ग) आलम आरा
(घ) मोहमद रफ़ी
उत्तर – (क) दादा साहब फाल्के

प्रश्न 32 – भारत की पहली बोलती फिल्म कौन-सी थी?
(क) दादा साहब फाल्के
(ख) राजा हरिश्चंद्र
(ग) आलम आरा
(घ) रघुवंशी
उत्तर – (ग) आलम आरा

प्रश्न 33 – सत्तर के दशक तक भारतीय सिनेमा की विचारधारा कैसी थी?
(क) प्रेम, फंतासी व कभी न हारने वाले सुपर नैचुरल हीरो की परिकल्पना
(ख) क्रोध, फंतासी व कभी न हारने वाले सुपर खलनायक की परिकल्पना
(ग) प्रेमी-प्रेमिका के सुन्दर जीवन की परिकल्पना
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) प्रेम, फंतासी व कभी न हारने वाले सुपर नैचुरल हीरो की परिकल्पना

प्रश्न 34 – नवें दशक से हिंदी फिल्मों ने कैसा स्वरूप ग्रहण किया?
(क) प्रेम, फंतासी व कभी न हारने वाले सुपर नैचुरल हीरो की परिकल्पना
(ख) नवें दशक से हिंदी फिल्मों का केंद्र रोमांस, हिंसा, सेक्स व एक्शन हो गया
(ग) मुनाफा कमाना फिल्मकार का मुख्य उद्देश्य बन गया है
(घ) (ख) और (ग)
उत्तर – (घ) (ख) और (ग)

प्रश्न 35 – इंटरनेट क्या है?
(क) जिसमें प्रिंट मीडिया के गुण विद्यमान हैं
(ख) जिसमें रेडियो के गुण विद्यमान हैं
(ग) जिसमें टी.वी., सिनेमा के गुण विद्यमान हैं
(घ) जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टी.वी., सिनेमा आदि सभी के गुण विद्यमान हैं
उत्तर – (घ) जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टी.वी., सिनेमा आदि सभी के गुण विद्यमान हैं

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