CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag 1 Book Chapter 13 ग़ज़ल Question Answers
Ghazal Class 11 – CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag-1 Chapter 13 Ghazal Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter, extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions.
सीबीएसई कक्षा 11 हिंदी आरोह भाग-1 पुस्तक पाठ 13 ग़ज़ल प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है।
Ghazal Question and Answers (ग़ज़ल प्रश्न-अभ्यास )
प्रश्न 1 – आखिरी शेर में गुलमोहर की चर्चा हुई है। क्या उसका आशय एक खास तरह के फूलदार वृक्ष से है या उसमें कोई सांकेतिक अर्थ निहित है? समझा कर लिखें?
उत्तर – “साये में धूप” गजल के आखिरी शेर में “गुलमोहर” शब्द का प्रयोग किया गया है। सामान्यतः गुलमोहर चटक लाल फूलों वाला एक धना व छायादार पेड़ होता है। इस पेड़ के नीचे बैठकर लोग सुकून व आनंद महसूस करते हैं। यह शांति प्रदान करने वाला है। लेकिन दुष्यंत कुमारजी की इस ग़ज़ल में “गुलमोहर” शब्द का प्रयोग सांकेतिक रूप से किया गया है जिसका अर्थ व्यक्ति के स्वाभिमान या आत्मसम्मान से है। कवि कहते हैं कि व्यक्ति को सदैव अपने आत्मसम्मान व स्वाभिमान के साथ इस दुनिया में जीना चाहिए और अपने आत्मसम्मान के लिए अगर मरना भी पड़े तो कोई बात नहीं, खुशी-खुशी अपने प्राण न्यौछावर करने चाहिए।
प्रश्न 2 – पहले शेर में “चिराग” शब्द एक बार बहुवचन में आया है और दूसरी बार एकवचन में। अर्थ और काव्य सौंदर्य की दृष्टि से इसका क्या महत्व है?
उत्तर – पहले शेर में “चिराग” शब्द एकवचन और बहुवचन दोनों रूपों में प्रयोग हुआ है। शेर की पहली पंक्ति के “चिरागाँ” शब्द का अर्थ है “भारत के प्रत्येक शहर व प्रत्येक घर में खुशियों से है”। जबकि दूसरी पंक्ति में “चिराग” शब्द का अर्थ है “सिर्फ एक शहर के लिए खुशियों से है”।
दरअसल अपने पहले शेर में कवि ने तत्कालीन सामाजिक व राजनैतिक व्यवस्था पर करारी चोट की हैं। आजादी के बाद जिस खुशहाल भारत का सपना भारतीयों ने देखा था, वह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। कवि कहते हैं कि सत्ताधारी लोग तो सभी सुख सुविधाएं भोग रहे हैं मगर आम आदमी अपनी मूलभूत सुख सुविधाओं के लिए भी तरस रहा है। काव्य-सौंदर्य की दृष्टि से चिरागाँ के बदले चिराग का न मिलना एक चमत्कारी प्रयोग है जो शाब्दिक कम और अर्थपूर्ण सौंदर्य अधिक बिखेर रहा है।
प्रश्न 3 – गजल के तीसरे शेर को गौर से पढ़िए। यहाँ दुष्यंत का इशारा किस तरह के लोगों की ओर है?
उत्तर – गजल के तीसरे शेर में कवि दुष्यंत कुमार ने उन उत्साहहीन, दीन हीन, बेबस और मजबूर लोगों की ओर इशारा किया हैं जिन्होंने भ्रष्ट शासन व्यवस्था के खिलाफ लड़ना व बोलना छोड़ दिया है। और वर्तमान परिस्थितियों को अपना भाग्य समझकर उसके अनुसार अपने आप को ढाल लिया है। जो हर स्थिति को आसानी से स्वीकार कर लेते हैं। वे अन्याय का विरोध नहीं करते। उनकी प्रतिरोध शक्ति समाप्त प्राय: हो चुकी है। राजनेता व अफसरशाही जनता की इसी उदासीनता का लाभ उठाकर उसका शोषण करते रहते हैं। हर परिस्थिति से समझौता कर उन्होंने जीवन में अपनी जरूरतों को बहुत ही सीमित कर दिया है। अपने अधिकारों व भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने के बजाय उन्होंने उसी के साथ समझौता कर जीना सीख लिया है।
प्रश्न 4 – आशय स्पष्ट करें?
तेरा निजाम है सिल दे जुबान शायर की,
ये एहतियात जरूरी है इस बहर के लिए।
उत्तर – उपरोक्त पंक्तियों में कवि दुष्यंत ने वर्तमान शासन-व्यवस्था के चलते बुद्धिजीवी वर्ग की भयभीत विवशता पर प्रकाश डाला है। शासन अपनी कमी सुनने के लिए तैयार नहीं है। अतः वह शायरों और कवियों के मुँह सिल सकता है। कवि स्पष्ट करता है कि मुँह बंद कर लेना वह सावधानी भरा कदम है जो एक शायर द्वारा अपनी गज़ल के लिए उठाया गया है। मूक रहकर रचना को अंजाम देना शायर की विवशता और समय की माँग दोनों ही है। कवि कहते हैं कि जब भी कोई कवि या लेखक शासन की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ लोगो को जागरूक करने के लिए अपनी आवाज बुलंद करता हैं तो शासन वर्ग उस कवि की जुबान बंद करने की कोशिश करता हैं। उसकी अभिव्यक्ति पर रोक लगा देता हैं। इसीलिए कवि कहते हैं कि यह संभव हैं कि सत्ताधारी लोग अपनी सत्ता बचाये रखने के लिए मेरी जुबान बंद कर सकते हैं या मेरी अभिव्यक्ति की आजादी को छीन सकते हैं। कवि खुद मानते है कि इस सिस्टम को चलाए रखने के लिए ऐसी सावधानी करनी भी ठीक उसी प्रकार जरूरी है जैसे गजल के छंद (बहर) के लिए बंधन या मीटर की सावधानी करनी बहुत जरूरी होती है।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर – (Important Question Answers)
प्रश्न 1 – ग़ज़ल में कवि कैसे व्यक्तियों का वर्णन करते हैं?
उत्तर – ग़ज़ल में कवि ऐसे व्यक्तियों का वर्णन करते हैं जो गरीब है। वह आम व्यक्ति जो सत्ता के शासन के कारण शोषित हो रहा है। जो परेशानियों में भी खुद को सहेज रख रहा है। जिनके पास वस्त्र भी नही हैं। इनमें अब उस लड़ने की क्षमता खत्म हो चुकी है व विरोध करने का भाव समाप्त हो चुका है। इनके चुप रहने के कारण ही अब सत्ता का राज एकदम शांति से चल रहा है उनकी शासन में कोई बाधा नहीं आ रही है। यह लोग अब कुछ बोलना नहीं चाहते, यह भ्रष्टाचारी नेताओ से अब थक चुके हैं।
प्रश्न 2 – कविता में चिराग शब्द का प्रयोग क्या दर्शाता है?
उत्तर – गज़ल में कवि ने चिराग शब्द का प्रयोग दो बार किया है। जब पहली बार किया तो चिराग शब्द का प्रयोग बहुवचन (चिरागाँ) के रूप में किया गया जिसका अर्थ अत्यधिक लोगों की सुख सुविधाओं से है। गज़ल में जब दूसरी बार चिराग शब्द का प्रयोग किया गया तब एकवचन के रूप में किया गया। जिसका अर्थ केवल एक शहर या व्यक्ति की सुख सुविधाओं से है। एक ही शब्द का अलग अलग तरीके से दो बार प्रयोग किया जिससे भिन्न–भिन्न प्रभाव पड़ा।
प्रश्न 3 – कहाँ तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए,….. चलो यहाँ से चल और उम्र भर के लिए।” इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – इन पंक्तियों में कवि ने सत्ता के शासन के विरुद्ध खड़े होकर सच्चाई का दर्शन कराया है। कवि ने कहा है कि नेताओं ने केवल वादे ही किए हैं उनको पूरा नहीं किया। अत्यधिक सुख-सुविधाओं के वादे किए हैं परन्तु जरुरी सुख सुविधाएं तक नहीं दी। कवि ने कहा है कि नेता नागरिकों का कल्याण करते हैं पर आज नेता आम आदमी का शोषण करते जा रहे हैं। भ्रष्टाचार बढ़ता जा रहा है। अनेक संस्थाएं नागरिकों का कल्याण करती हैं परंतु यहां संस्थाएं भ्रष्टाचारी हो चुकी है। वह आम आदमी का शोषण कर रहे हैं। इन संस्थाओं का कार्य किसी वृक्ष के रूप में काम करना है लोगों को छाव देना है मतलब लोगों की मदद करना है लोगों का कल्याण करना है। परंतु यह भ्रष्टाचारी होकर लोगों को नुकसान पहुंचा रहीं हैं लोगों का शोषण कर रही हैं।
प्रश्न 4 – एक शायर की जुबान पर कौन पाबंदी लगा सकता है?
उत्तर – एक शायर की जुबान पर पाबंदी सत्ता में होने वाला शासक वर्ग लगा सकता है। एक शायर भ्रष्टाचारी सत्ता के विरूद्ध रहता है। सत्ता के विरूद्ध जाकर वह लोगो को जागरुक करता है। लोगों को उनके अधिकार याद दिलाता है। लोगो को क्रांति के लिए बढ़ावा देता है। इससे शासक वर्ग को सत्ता की क्रांति को खतरा रहता है। शासक शायर की जुबान पर पाबंदी लगाने का प्रयास करता है क्योंकि शासक की शक्तियों के कम होने का खतरा रहता है। शासक खुद को बचाने के लिए उनकी कविताओं का पाबंदी लगा सकते हैं। शासक को अपनी सत्ता को बरकरार रखने के लिए विरोध को दबाने की ज़रूरत होती हैं।
प्रश्न 5 – कवि कहाँ से चले जाना चाहता है? और क्यों?
उत्तर – कवि ऐसी बस्ती से चले जाना चाहता है जहाँ पेड़ भी छाया नहीं दे पाते, अर्थात जहाँ पालन करने वाले ही शोषण करने लग जाएँ, क्योंकि ऐसी स्थिति में उसे सुख और आनंद नहीं मिलता।
प्रश्न 6 – कवि ने गज़ल में गुलमोहर का प्रयोग किसके प्रतिक रुप में किया है?
उत्तर – कवि ने ग़ज़ल में गुलमोहर का प्रयोग आत्मसम्मान के प्रतीक के रूप में किया है। हमें गुलमोहर के जरिए यह कहना चाहते हैं कि हम जहाँ भी, जैसे भी जिएँ गुलमोहर के साथ जिए। इसका अर्थ है हम हमेशा अपने आत्मसम्मान के साथ जीवन जिए।
प्रश्न 7 – “साए के नीचे धूप” किसके लिए लिखा गया है?
उत्तर – “साए के नीचे धूप” पंक्तियों को उन संस्थाओं के लिए लिखा गया है जो सत्ता के ज़रिए नागरिकों का कल्याण करती है। जनता की भलाई के लिए व उनकी मांगों को पूरा करती है।
प्रश्न 8 – मृत्यु के समय कवि क्या चाहता है?
उत्तर – मृत्यु के समय कवि मानवीय मूल्य को कभी नहीं छोड़ना चाहता। वह मरते वक्त तक मानवीय मूल्य को अपनाकर शांति से जीना चाहता है। मानवीय मूल्यों की रक्षा करते हुए मरना चाहता है।
प्रश्न 9 – कवि के अनुसार शासक वर्ग उनकी आवाज क्यों दबाना चाहता है?
उत्तर – कवि के अनुसार शासक वर्ग उनकी आवाज इसलिए दबाना चाहता है क्योंकि कवि जनता का शोषण करने वाली सत्ता, भ्रष्टाचार करने वाली सत्ता और अन्याय आदि करने वाली सत्ता के खिलाफ आवाज़ उठा कर आम आदमी की आवाज़ बुलंद करवा रहे हैं और सत्ता के खिलाफ खड़ा होने को कह रहे हैं।
प्रश्न 10 – “न हो कमीज तो पाँवों से पेट ढक लगे,……कोई हसीन नजारा तो हैं नजर के लिए।” इन पंक्तियों का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – कवि ने इन पंक्तियों में आम आदमी की स्थिति बताई है कि आम व्यक्ति गरीब है लाचार है वह विरोध करना भूल चुका है अब वह शांत बैठ चुका है और यह लोग ऐसे ही भ्रष्टाचारी नेताओं के लायक हैं। इन भ्रष्टाचारी नेताओं का शासन आराम से चल रहा है, शांति से चल रहा है केवल आम व्यक्ति की ही वजह से। कवि ने मानवीय कल्पना ईश्वर से की है क्योंकि वह इन्हीं कल्पना से आश्चर्यचकित होकर संतुष्ट होता है। उनका कहना है कि हमेशा आत्म सम्मान व मानवीय मूल्यों के साथ जिए और मरे।
प्रश्न 11 – ‘साये में धूप’ गज़ल का मूलभाव अथवा प्रतिपाद्य स्पष्ट स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – प्रस्तुत गज़ल में कवि ने समाज में व्याप्त राजनीतिक अव्यवस्था पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों को इस दशा को बदलने की प्रेरणा दी है। कवि को आशा थी कि स्वतंत्रता के बाद देश की दशा सुधरेगी, परंतु अब तो और भी अधिक बुरी दशा हो रही है। हमें सहारा देने वाला शासन ही हमारे लिए कष्टकारी बन गया है। हम इतने अधिक दबे-कुचले हैं कि विद्रोह भी नहीं कर सकते। वे ईश्वर के नाम पर भाग्यवादी बने सुखद सपनों में खोए हुए हैं। यह संवेदनहीन शासन व्यवस्था इनका दर्द तो नहीं समझ सकती परंतु सामूहिक आवाज़ शासन को भी बदल सकती है। इसलिए कवि इनके मन में क्रांति की भावना जगाना चाहता है और वास्तविक स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत रहना चाहता है।
प्रश्न 12 – कवि ने देश की राजनीतिक स्थिति पर क्या व्यंग्य किया है?
उत्तर – कवि देश की राजनैतिक अव्यवस्था के बारे में वर्णन करता हुआ कहता है कि देश की आज़ादी प्राप्त कर लेने के बाद यह तय हुआ था कि प्रत्येक व्यक्ति के लिए सुख-सुविधा रूपी चिराग निश्चित रूप से प्रदान किए जाएंगे। परंतु आज तो स्थिति यह है कि एक को तो क्या पूरे शहर को रोशनी देने के लिए एक भी चिराग़ उपलब्ध नहीं है। लोगों को विभिन्न प्रकार की सुख-सुविधाएं उपलब्ध करवाने के आश्वासन दिए गए थे, परंतु वे तो केवल आश्वासन ही सिद्ध हुए। किसी को भी जीने के लिए सुख-सुविधाएँ नहीं मिल पाई हैं। राजनीतिज्ञ बड़े-बड़े सपने तो जनता को दिखाते हैं पर वे जनता को सिवाय भुलावे में रखने और धर्म धारण करने के अतिरिक्त कुछ नहीं देते हैं।
प्रश्न 13 – ‘साये में धूप’ गज़ल का उद्देश्य लिखिए।
उत्तर – दुष्यंत कुमार जी के गज़ल संग्रह ‘साये में धूप’ से ली गई इस गज़ल का नामकरण भी संग्रह के नाम पर ही किया गया है। यह पूरी गज़ल एक विशेष मन:स्थिति में लिखी गई है। वर्तमान राजनीति और समाज में जो कुछ चल रहा है उसे कवि बदलना चाहता है। कवि किसी अच्छे विकल्प को मान्यता देना चाहता है। वर्तमान व्यवस्था चाहे वह सामाजिक हो या राजनैतिक, उससे कवि खिन्न है। इस स्वार्थ भरी व्यवस्था के स्थान पर कवि निस्स्वार्थ, त्याग और समर्पण लाना चाहता है। कवि पत्थरों और अँधेरों के स्थान पर रोशनी और नमी को स्थापित करना चाहता है।
बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 1 – कवि का सपना था –
(क) एक सुखी भारत का
(ख) एक खुशहाल भारत का
(ग) एक समृद्ध भारत का
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2 – इस गजल में कवि ने किसके प्रति अपनी नाराजगी जाहिर की है –
(क) आम आदमियों के
(ख) पेड़-पौधों के
(ग) सिस्टम के
(घ) कवियों के
उत्तर – (ग) सिस्टम के
प्रश्न 3 – “चिरागाँ” शब्द प्रयोग किया हैं –
(क) दीपकों के लिए
(ख) खुशहाली और सुख सुविधाओं के लिए
(ग) रोशनी के लिए
(घ) नेताओं के लिए
उत्तर – (ख) खुशहाली और सुख सुविधाओं के लिए
प्रश्न 4 – हर एक घर के लिए क्या तय किया गया था –
(क) चिरागाँ यानि आमदनी
(ख) चिरागाँ यानि रोशनी
(ग) चिरागाँ यानि दिपक
(घ) चिरागाँ यानि खुशहाली
उत्तर – (घ) चिरागाँ यानि खुशहाली
प्रश्न 5 – कवि समाज में परिवर्तन के लिए किसे आवश्यक मानता है –
(क) जनता की आवाज को
(ख) नेताओं के भाषण को
(ग) नेताओं के वादों को
(घ) जनता की सहायता को
उत्तर – (क) जनता की आवाज को
प्रश्न 6 – कमीज न होने पर गरीब इंसान अपना पेट किससे ढक लेता है –
(क) अपने पांवों से
(ख) अपने हाथों से
(ग) अपने कपड़ों से
(घ) अपने सिर से
उत्तर – (क) अपने पांवों से
प्रश्न 7 – कवि किसकी जुबान सिलने की बात करता है –
(क) नेताओं की
(ख) जनता की
(ग) स्वयं की
(घ) कवियों की
उत्तर – (ग) स्वयं की
प्रश्न 8 – कवि की जुबान कौन सिल सकता है –
(क) जनता
(ख) शासक वर्ग
(ग) अन्य कवि वर्ग
(घ) स्वयं कवि
उत्तर – (ख) शासक वर्ग
प्रश्न 9 – सरकार की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने और विरोध करने की बजाय , आम जनता क्या करती है –
(क) शासक वर्ग का साथ देती है
(ख) शासक वर्ग के अन्याय का विरोध करती है
(ग) शासक वर्ग के अन्याय को चुपचाप सहन करती है
(घ) शासक वर्ग के अन्याय को नज़रअंदाज़ करती है
उत्तर – (ग) शासक वर्ग के अन्याय को चुपचाप सहन करती है
प्रश्न 10 – कवि किसके खिलाफ लोगो को जागरूक करने का काम करता हैं –
(क) शासन के खिलाफ
(ख) शासन की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ
(ग) शासन के नेताओं के खिलाफ
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) शासन की भ्रष्ट नीतियों के खिलाफ
प्रश्न 11 – किनको विश्वास हो चुका है कि अब समस्याएं कभी समाप्त नहीं होंगी –
(क) पीड़ित व शोषित नेताओं को
(ख) पीड़ित व शोषित कवियों को
(ग) आम जनता को
(घ) पीड़ित व शोषित आम जनता को
उत्तर – (घ) पीड़ित व शोषित आम जनता को
प्रश्न 12 – “गुलमोहर” , शब्द किस चीज के लिए प्रयोग किया गया है –
(क) व्यक्ति के मन के लिए
(ख) व्यक्ति के आत्मविश्वास के लिए
(ग) व्यक्ति की रक्षा के लिए
(घ) व्यक्ति के आत्म सम्मान व स्वाभिमान के लिए
उत्तर – (घ) व्यक्ति के आत्म सम्मान व स्वाभिमान के लिए
प्रश्न 13 – व्यक्ति को अपना जीवन कैसे जीना चाहिए –
(क) स्वाभिमान व आत्मसम्मान के साथ
(ख) निडरता के साथ
(ग) विरोध करते रहने के साथ
(घ) नेताओं के साथ हाँ में हाँ मिलाकर
उत्तर – (क) स्वाभिमान व आत्मसम्मान के साथ
प्रश्न 14 – “वे मुतमइन हैं कि पत्थर पिघल नहीं सकता” , में “मुतमइन” का क्या अर्थ है –
(क) मजबूत होना
(ख) आश्वस्त होना
(ग) तेज़ गर्मी होना
(घ) आश्रित होना
उत्तर – (ख) आश्वस्त होना
प्रश्न 15 – “पत्थर पिघल” , में कौन सा अलंकार है –
(क) उपमा अलंकार
(ख) श्लेष अलंकार
(ग) अनुप्रास अलंकार
(घ) रूपक अलंकार
उत्तर – (ग) अनुप्रास अलंकार
सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions
सार–आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर दीजिए –
1 –
कहाँ तो तय था चिरागाँ हरेक घर के लिए
कहाँ चिराग मयस्सर नहीं शहर के लिए।
यहाँ दरखतों के साय में धूप लगती है।
चलो यहाँ से चल और उम्र भर के लिए।
प्रश्न 1 – आजादी के बाद क्या तय हुआ था?
(क) नेताओं ने जनता को यह आश्वासन दिया था कि हर घर में आग उपलब्ध होंगी
(ख) नेताओं ने जनता को यह आश्वासन दिया था कि हर घर में नौकरी उपलब्ध होंगी
(ग) नेताओं ने जनता को यह आश्वासन दिया था कि हर घर में सुख-सुविधाएँ उपलब्ध होंगी
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) नेताओं ने जनता को यह आश्वासन दिया था कि हर घर में सुख-सुविधाएँ उपलब्ध होंगी
प्रश्न 2 – आज की स्थिति के विषय में कवि क्या बताना चाहता है?
(क) आज स्थिति बेहद निराशाजनक है
(ख) आज प्रत्येक घर की बात छोड़िए, पूरे शहर में कहीं भी जनसुविधाएँ नहीं हैं
(ग) आज लोगों का निर्वाह मुश्किल से होता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 3 – कवि के पलायनवादी बनने का कारण बताइए –
(क) प्रशासन की अनेक संस्थाएँ लोगों का कल्याण करने की बजाय उनका शोषण कर रही हैं
(ख) चारों तरफ भ्रष्टाचार फैला हुआ है।
(ग) कवि भ्रष्ट तंत्र से दूर जाना चाहता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 4 – कवि ने किस व्यवस्था पर कटाक्ष किया है?
(क) नेताओं की झूठी घोषणाओं पर
(ख) भ्रष्ट शासन पर
(ग) नेताओं की झूठी घोषणाओं तथा भ्रष्ट शासन पर
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) नेताओं की झूठी घोषणाओं तथा भ्रष्ट शासन पर
प्रश्न 5 – झूठी घोषणाओं तथा भ्रष्टाचार के कारण जनसामान्य पर क्या प्रभाव पड़ता है –
(क) आम व्यक्ति में घोर निराशा फैली हुई है
(ख) आम व्यक्ति में अत्यंत ख़ुशी फैली हुई है
(ग) आम व्यक्ति में क्रोध फैला हुआ है
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) आम व्यक्ति में घोर निराशा फैली हुई है
2 –
न हो कमीज़ तो पाँवों से पेट ढक लगे,
ये लोग कितने मुनासिब हैं इस सफ़र के लिए।
खुदा नहीं न सही, आदमी का ख्वाब सही
कोई हसीन नजारा तो हैं नजर के लिए।
प्रश्न 1 – पाँवों से पेट ढंकने का अर्थ है –
(क) गरीबी व शोषण के कारण लोगों में विरोध करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है
(ख) लोग न्यूनतम वस्तुएँ उपलब्ध न होने पर भी अपना गुजारा कर लेते हैं।
(ग) गरीबी व शोषण के कारण लोगों में विरोध करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है। वे न्यूनतम वस्तुएँ उपलब्ध न होने पर भी अपना गुजारा कर लेते हैं।
(घ) केवल (ख)
उत्तर – (ग) गरीबी व शोषण के कारण लोगों में विरोध करने की क्षमता समाप्त हो चुकी है। वे न्यूनतम वस्तुएँ उपलब्ध न होने पर भी अपना गुजारा कर लेते हैं।
प्रश्न 2 – पहले शेर के अनुसार सरकार किनसे खुश रहती है –
(क) सरकार ऐसे लोगों से खुश रहती है जो उसके कार्यों का विरोध न करें
(ख) सरकार ऐसे लोगों से खुश रहती है जो उसके कार्यों का विरोध करें
(ग) सरकार ऐसे लोगों से खुश रहती है जो उसके कार्यों में दखल करें
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) सरकार ऐसे लोगों से खुश रहती है जो उसके कार्यों का विरोध न करें
प्रश्न 3 – सरकार ऐसे लोगों से क्यों खुश रहती है जो उसके कार्यों का विरोध न करें?
(क) ऐसे लोगों के कारण ही सरकार निरंकुश हो मनमाने फैसले लेती है
(ख) ऐसे लोगों के कारण ही सरकार जनता का शोषण करती है
(ग) ऐसे लोगों के कारण ही सरकार निरंकुश हो मनमाने फैसले लेती है जिसमें उसकी भलाई तथा जनता का शोषण निहित रहता है।
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) ऐसे लोगों के कारण ही सरकार निरंकुश हो मनमाने फैसले लेती है जिसमें उसकी भलाई तथा जनता का शोषण निहित रहता है।
प्रश्न 4 – खुदा के बारे में कवि क्या व्यंग्य करता है –
(क) कि खुदा का अस्तित्व नहीं है
(ख) कि खुदा मात्र कल्पना है
(ग) कि आम आदमी ईश्वर के बारे में लुभावनी कल्पना करता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 5 – भारतीयों का भगवान के साथ कैसा संबंध होता है –
(क) भारतीय लोग ईश्वर के अस्तित्व में पूरा विश्वास नहीं रखते परंतु इसके बहाने उन्हें सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं
(ख) भारतीय लोग ईश्वर के अस्तित्व में पूरा विश्वास रखते हैं , इसके बहाने उन्हें सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं
(ग) भारतीय लोग ईश्वर के अस्तित्व में पूरा विश्वास रखते हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) भारतीय लोग ईश्वर के अस्तित्व में पूरा विश्वास नहीं रखते परंतु इसके बहाने उन्हें सुंदर दृश्य देखने को मिलते हैं
3 –
वे मुतमइन है कि पत्थर पिघल नहीं सकता
मैं बक़रार हूँ आवाज में असर के लिए।
तेरा निजाम है सिल दे जुबान शयर की
ये एहतियात जरूरी हैं इस बहर के लिए।
तिएँ तो अपने बगीचे में गुलमोहर के तले
मरें तो गैर की गलियों में गुलमोहर के लिए।
प्रश्न 1 – शेर में वे कौन है –
(क) सरकार
(ख) आम जनता
(ग) कवि
(घ) नेता
उत्तर – (ख) आम जनता
प्रश्न 2 – आम व्यक्ति की सोच क्या है?
(क) भ्रष्ट शासकों के कारण समस्याएँ कभी नहीं समाप्त होगी
(ख) भ्रष्ट शासकों के कारण समस्याएँ पनपती रहेगी
(ग) भ्रष्ट शासकों के कारण समस्याएँ नेताओं को होंगी
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) भ्रष्ट शासकों के कारण समस्याएँ कभी नहीं समाप्त होगी
प्रश्न 3 – कवि किसके लिए बेकरार है –
(क) क्रांति
(ख) आजादी
(ग) चुनाव
(घ) विद्रोह
उत्तर – (क) क्रांति
प्रश्न 4 – शासक किस कोशिश में रहता है –
(क) कि उनके खिलाफ विद्रोह की आवाज को बुलंद किया जाए
(ख) कि उनके खिलाफ विद्रोह की आवाज को दबा दिया जाए
(ग) कि उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही की जाए
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) कि उनके खिलाफ विद्रोह की आवाज को दबा दिया जाए
प्रश्न 5 – शायर की हसरत क्या है –
(क) कि वह बगीचे में सदैव गुलमोहर के नीचे रहे
(ख) कि वह मानवीय मूल्यों को अपनाए रखें
(ग) कि वह मानवीय मूल्यों की रक्षा के लिए अपना बलिदान दे दे
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
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