Patrakarita ke Vividh Aayaam Question Answers

 

CBSE Class 11 Hindi Core Abhivyakti Aur Madhyam Book Chapter 2 पत्रकारिता के विविध आयाम Question Answers

 

Patrakarita ke Vividh Aayaam Class 11 – CBSE Class 11 Hindi Core Abhivyakti Aur Madhyam Book Chapter 2 Patrakarita ke Vividh Aayaam Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter,  extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions. 

 

सीबीएसई कक्षा 11 हिंदी अभिव्यक्ति और माध्यम पुस्तक पाठ 2 पत्रकारिता के विविध आयाम प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर  तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है। 

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Patrakarita ke Vividh Aayaam Question and Answers (पत्रकारिता के विविध आयाम प्रश्न-अभ्यास )

 

प्रश्न 1 – किसी भी दैनिक अखबार में राजनीतिक खबरें ज्यादा स्थान क्यों घेरती हैं? इस पर एक संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।

उत्तर – इस बात को नकारा नहीं जा सकता कि किसी भी दैनिक अखबार में राजनीतिक खबरें ज़्यादा स्थान घेरती हैं क्योंकि भारत देश एक लोकतांत्रिक देश है और यहाँ राजनीतिक दलों की भरमार है। पक्ष और विपक्ष दल हर समय एक दूसरे की नीतियों की आलोचना करते रहते हैं। देश की जनता किसी-न-किसी दल से जुड़ी होती है। जो व्यक्ति निष्पक्ष भी है वह भी पक्ष और विपक्ष की नीतियों और तर्क-वितर्क में रूचि रखता है। देश की जनता सरकार के काम-काज के तौर-तरीकों तथा राजनीति में हो रही हलचल को जानना चाहती हैं, कि सरकार उनकी सुविधाओं के लिए क्या कर रही है। समाचार-पत्र लोगों की इस रुचि को ध्यान में रखकर ही खबरों को प्रमुखता से छापते हैं। यही कारण है कि दैनिक अखबार में राजनीतिक खबरें ज्यादा स्थान घेरती हैं।

 

प्रश्न 2 – किन्हीं तीन हिंदी समाचार-पत्रों (एक ही तारीख के) को ध्यान से पढ़िए और बताइए कि एक आम आदमी की जिंदगी में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली खबरें समाचार-पत्रों में कहाँ और कितना स्थान पाती हैं?

उत्तर – हमने दिनांक 1 अक्टूबर 2023 के तीन समाचार-पत्रों – ‘दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण व अमर उजाला पढ़े। इन अखबारों की तुलना करने पर हमने पाया कि सभी में एक आम आदमी की जिंदगी में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली खबरें अलग-अलग स्थान पाती हैं। जहाँ दैनिक भास्कर में एक आम आदमी की जिंदगी में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान पाने वाली खबरें – तीसरे, चौथे और पाँचवें पृष्ठों पर है। वहीँ दैनिक जागरण में उनका स्थान – दूसरे, तीसरे और अंतिम पृष्ठ पर है और अमर उजाला में इनका स्थान इनके स्थान पहले, तीसरे व अंतिम पृष्ठ पर हैं। इन सभी अख़बारों में आम आदमी की जिंदगी में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली खबरों के बारे में अंतर अवश्य है परन्तु सभी में इन ख़बरों को आवश्यकतानुसार स्थान दिया गया है और शेष पृष्ठों पर सरकारी निर्णय, पक्ष-विपक्ष का प्रदर्शन, खेल, संपादकीय आदि जानकारी होती है।

 

प्रश्न 3 – निम्न में से किसे आप समाचार कहना पसंद नहीं करेंगे और क्यों?

(क) प्रेरक और उत्तेजित कर देने वाली हर सूचना

(ख) किसी घटना की रिपोर्ट

(ग) समय पर दी जाने वाली हर सूचना

(घ) सहकर्मियों का आपसी कुशलक्षेम या किसी मित्र की शादी

उत्तर – निम्न में से (क), (ख) और (ग) विकल्प को समाचार की सूचि में रखा जा सकता है क्योंकि इनका सम्बन्ध लोगों की रूचि से हो सकता है और इसका प्रभाव एक बड़े क्षेत्र पर पड़ सकता है। परन्तु विकल्प (घ) सहकर्मियों का आपसी कुशलक्षेम या मित्र की शादी को खबर नहीं कहा जा सकता क्योंकि यह एक व्यक्तिगत जानकारी है। इसे समाचार नहीं कहा जा सकता, क्योंकि यह एक निजी मामला है, जिनमें जन-साधारण की कोई रुचि नहीं होती।

 

प्रश्न 4 – आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि खबरों को बनाते समय जनता की रुचि का ध्यान रखा जाता है। इसके विपरीत, जनता की रुचि बनाने-बिगाड़ने में खबरों का क्या योगदान होता है? विचार करें।

उत्तर – समाचार-पत्र अपनी लोकप्रियता बनाए रखने के लिए हमेशा ध्यान रखते हैं कि जो भी खबर बने एवं छापे उसमें जनता की रुचि का पूर्ण ध्यान रखा जाए, पर इसके विपरीत जनता की रुचि बनाने-बिगाड़ने में खबरों की अहम् भूमिका होती है। कहने का तात्पर्य यह है कि समाचार-पत्रों में ख़बरों को इस तरह प्रस्तुत किया जाता है कि लोगों को उस खबर में खुदबखुद रूचि होने लगती है। असल में गौर करने की बात तो यह है कि खबरों को किस तरह और किस रूप में प्रस्तुत किया जाता है। उदाहरण के तौर पर आज खेल और फ़िल्मी खबरों को इतना महत्व दिया जाने लगा है कि युवा वर्ग आम लोगों के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण खबरों को अनदेखा करने लगा है। जाति, धर्म, क्षेत्र से संबंधित खबरों को मज़ेदार और आकर्षक बनाने के लिए झूठ का सहारा लिया जाता है। मीडिया अपने मुनाफे के लिए कई विषयों पर गलत सर्वे पेश करता है। इसका प्रत्यक्ष उदाहरण चुनाव में देखने को मिलता है जहाँ अक्सर झूठ का सहारा लेकर आम जनता को बहकाया जाता है।

 

प्रश्न 5 – निम्न पंक्तियों की व्याख्या करें –

(क) इस दौर में समाचार मीडिया बाजार को हड़पने के लिए अधिकाधिक लोगों का मनोरंजन तो कर रहा है, लेकिन जनता के मूल सरोकार को दरकिनार करता जा रहा है।

उत्तर – प्रस्तुत पंक्ति के अंतिम वाक्य ‘जनता के मूल सरोकार को दरकिनार करता जा रहा है’ – इससे स्पष्ट है कि मीडिया अपने कार्य को अच्छे से नहीं कर रहा है। वर्तमान समय में हमने स्पष्ट रूप से देखा है कि मीडिया अपने लाभ कमाने और बाजार को हड़पने के लिए अधिक चिंतित रहता है। मिडिया उन ख़बरों को अधिक महत्त्व देता है जो अमीर वर्ग और अधिक क्रय-शक्ति वालों से सम्बंधित होती है तथा आम लोगों के हितों को बढ़ावा देने वाली और जन-साधारण का भला सोचने वाली खबरों को नकार कर लोगों के हितों की परवाह नहीं करता। क्योंकि उच्च वर्ग से मिडिया को मुनाफा होता है और लोग भी उन ख़बरों में रूचि रखते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि मिडिया अपने मूल आदर्शों को भूलता जा रहा है।

 

(ख) समाचार मीडिया के प्रबंधक बहुत समय तक इस तथ्य की उपक्षा नहीं कर सकते कि साख और प्रभाव समाचार मीडिया की सबसे बड़ी ताकत होती हैं।

उत्तर – समाचार मीडिया के प्रबंधक बहुत समय तक इस तथ्य की उपेक्षा नहीं कर सकते क्योंकि साख और प्रभाव समाचार मीडिया की सबसे बड़ी ताकत होती है। साख और प्रभाव खो देने के बाद मीडिया का लोगों पर बना असर धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगा। आज समाचार मीडिया की साख में तेजी से ह्रास हो रहा है और इसके साथ ही लोगों की सोच को प्रभावित करने की इसकी क्षमता भी कुंठित हो रही है। समाचारों को उनके न्यायोचित और स्वाभाविक स्थान पर बहाल करके ही समाचार मीडिया की साख और प्रभाव के ह्रास की प्रक्रिया को रोका जा सकता है। 

 

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर – (Important Question Answers)

 

प्रश्न 1 – क्या सभी सूचनाओं को समाचार कहा जा सकता है और क्यों?

उत्तर – प्रत्येक सूचना को समाचार नहीं कहा जा सकता है। पत्रकार कुछ ही घटनाओं, समस्याओं और विचारों को समाचार के रूप में प्रस्तुत करते हैं। किसी घटना के समाचार बनने के लिए उसमें नवीनता, जनरुचि, निकटता, प्रभाव जैसे तत्त्वों का होना ज़रूरी है। 

 

प्रश्न 2 – हम सूचनाएँ या समाचार क्यों जानना चाहते हैं? 

उत्तर – असल में सूचनाएँ अगला कदम तय करने में हमारी सहायता करती हैं। सूचनाएँ हमारे दैनिक जीवन के साथ-साथ पूरे समाज को प्रभावित करती हैं। हम अपने पास-पड़ोस, शहर, राज्य और देश-दुनिया के बारे में हमेशा से जानना चाहते हैं। आज देश-दुनिया में जो कुछ भी घटित हो रहा है, उसकी ज़्यादातर जानकारी हमें समाचार माध्यमों से ही मिलती है। 

 

प्रश्न 3 – पत्रकारिता से क्या आशय है?

उत्तर – हम हर दिन समाचारपत्र पढ़ते हैं या टेलीविज़न और रेडियो पर समाचार सुनते हैं या फिर इंटरनेट पर समाचार देखते और पढ़ते हैं। समाचार संगठनों में काम करने वाले पत्रकार देश-दुनिया में घटने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं को समाचार के रूप में परिवर्तित करके हम तक पहुँचाते हैं। इसके लिए वे रोज़ सूचनाओं को इकट्ठा करते हैं और उन्हें समाचार के प्रारूप में ढालकर हमारे समक्ष प्रस्तुत करते हैं। यह पूरी प्रक्रिया पत्रकारिता कहलाती हैं।

 

प्रश्न 4 – मित्रों, रिश्तेदारों और सहकर्मियों से आपसी कुशलक्षेम और हालचाल को समाचार क्यों नहीं कहा जा सकता? 

उत्तर – मित्रों, रिश्तेदारों और सहकर्मियों से आपसी कुशलक्षेम और हालचाल का आदान-प्रदान समाचार माध्यमों के लिए समाचार नहीं है? इसकी वजह यह है कि आपसी कुशलक्षेम हमारा निजी मामला है। हमारे नज़दीकी लोगों के अलावा अन्य किसी की उसमें दिलचस्पी नहीं होगी।

 

प्रश्न 5 – समाचार क्या है?

उत्तर – समाचार माध्यम कुछ लोगों के लिए नहीं बल्कि अपने हजारों-लाखों पाठकों, श्रोताओं और दर्शकों के लिए काम करते हैं। तो यह स्वाभाविक है कि वे समाचार के रूप में उन्हीं घटनाओं, मुद्दों और समस्याओं को चुनते हैं जिन्हें जानने में अधिक से अधिक लोगों की रुचि होती है। समाचार किसी भी ऐसी ताजा घटना, विचार या समस्या की रिपोर्ट है जिसमें अधिक से अधिक लोगों की रुचि हो और जिसका अधिक से अधिक लोगों पर प्रभाव पड़ रहा हो। 

 

प्रश्न 6 – समाचार के कौन-कौन से तत्त्व हैं?

उत्तर – किसी घटना, विचार और समस्या के समाचार बनने की संभावना तब बढ़ जाती है, जब उनमें निम्नलिखित में से कुछ या अधिकांश या सभी तत्त्व शामिल हों –

– नवीनता

– निकटता

– प्रभाव

– जनरुचि

– टकराव या संघर्ष

– महत्त्वपूर्ण लोग

– उपयोगी जानकारियाँ

– अनोखापन

–  पाठक वर्ग

– नीतिगत ढाँचा

 

प्रश्न 7 – समाचार में नवीनता से क्या तात्पर्य है?

उत्तर – किसी भी घटना, विचार या समस्या के समाचार बनने के लिए यह बहुत ज़रूरी है कि वह नया यानी ताजा हो। कहा भी जाता है ‘न्यू’ है इसलिए ‘न्यूज़’ है। घटना जितनी ताजा होगी, उसके समाचार बनने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती है। दुनिया के अनेक स्थानों पर बहुत-सी ऐसी चीजें होती हैं जो वर्षों से मौजूद हैं लेकिन यह किसी अन्य देश के लिए कोई नयी बात हो सकती है और निश्चय ही समाचार बन सकती है। कुछ ऐसी घटनाएँ भी होती हैं जो रातोंरात घटित नहीं होती बल्कि जिन्हें घटने में वर्षों लग जाते हैं। मसलन किसी गाँव में पिछले 20 वर्षों में लोगों की जीवनशैली में क्या-क्या परिवर्तन आए और इन परिवर्तनों के क्या कारण थे-यह जानकारी निश्चय ही एक समाचार है। लगे। इस बातों से स्पष्ट होता है कि घटना का ताजा होना ही ज़रूरी नहीं है। नवीनता के तत्त्व होने पर भी उसके समाचार बनने की संभावना बढ़ जाती है।

 

प्रश्न 8 – समाचारों में निकटता से क्या आशय है?

उत्तर – मानव स्वभाव है कि सबसे करीब वाला ही सबसे प्रिय भी होता है। स्वाभाविक है कि लोग उन घटनाओं के बारे में जानने के लिए अधिक उत्सुक होते हैं जो उनके करीब होती हैं। एक जैसी महत्त्व की दो घटनाओं में से स्थानीय समाचारपत्र में उस घटना के खबर बनने की संभावना ज़्यादा होती है जो उसके पाठकों के ज़्यादा करीब हुई है। इसके दो कारण हैं – एक कारण तो उस घटना का करीब होना और दूसरा उसका असर उन पाठको पर भी पड़ता है। 

 

प्रश्न 9 – समाचारों में जनरुचि कितनी अहम् है?

उत्तर – कोई भी विचार, घटना और समस्या समाचार तभी बन सकती है, जब पाठकों या दर्शकों का एक बड़ा वर्ग या समूह उसके बारे में जानने में रुचि रखता हो। हर समाचार संगठन का अपना एक लक्ष्य समूह (टार्गेट ऑडिएंस) होता है और वह समाचार संगठन अपने पाठकों या श्रोताओं की रुचियों को ध्यान में रखकर समाचारों का चयन करता है। 

 

प्रश्न 10 – अनोखापन कैसे समाचार का महत्वपूर्ण तत्व है?

उत्तर – यह कहना एक दम सही होगा कि अनहोनी घटनाएँ समाचार होती हैं। लोग इनके बारे में जानना चाहते हैं। एक पुरानी कहावत है कि कुत्ता आदमी को काट ले तो वह खबर नहीं लेकिन अगर आदमी कुत्ते को काट ले तो वह खबर है। कहने का तात्पर्य यह है कि जो कुछ स्वाभाविक नहीं है या किसी रूप में असाधारण है, वही समाचार है। लेकिन समाचार मीडिया को इस तरह की घटनाओं के विषय में काफी सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि कई बार यह देखा गया है कि किसी विचित्र बच्चे के पैदा होने की घटना का समाचार चिकित्सा विज्ञान के विषय से काटकर किसी अंधविश्वासी विषय में प्रस्तुत कर दिया जाता है। समाचार मीडिया को इन चीजों से बचना चाहिए।

 

प्रश्न 11 – सम्पादन का क्या अर्थ है?

उत्तर – संपादन का अर्थ है किसी सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके उसे पढ़ने योग्य बनाना। एक उपसंपादक अपने रिपोर्टर की खबर को ध्यान से पढ़ता है और उसकी भाषा-शैली, व्याकरण, वर्तनी तथा तथ्य संबंधी अशुद्धियों को दूर करता है। वह उस खबर के महत्त्व के अनुसार उसे काटता-छाँटता है और उसे कितनी और कहाँ जगह दी जाए, यह तय करता है। 

 

प्रश्न 12 – संपादन के सिद्धातं कौन से हैं?

उत्तर – पत्रकारिता कुछ सिद्धातों पर चलती है। एक पत्रकार से अपेक्षा की जाती है कि वह समाचार संकलन और लेखन के दौरान इनका पालन करेगा। पत्रकारिता की साख बनाए रखने के लिए निम्नलिखित सिद्धातों का पालन करना ज़रूरी है-

– तथ्यों की शुद्धता (एक्युरेसी)

– वस्तुपरकता (ऑब्जेक्टीविटी)

– निष्पक्षता (फेयरनेस)

– संतुलन (बैलेंस)

– स्रोत (सोर्सिंग-एट्रीब्यूशन)

 

प्रश्न 13 – खोजपरक पत्रकारिता से क्या अभिप्राय है? 

उत्तर – खोजपरक पत्रकारिता से तात्पर्य ऐसी पत्रकारिता से है जिसमें गहराई से छान-बीन करके ऐसे तथ्यों और सूचनाओं को सामने लाने की कोशिश की जाती है जिन्हें दबाने या छुपाने का प्रयास किया जा रहा हो। आमतौर पर खोजी पत्रकारिता सार्वजनिक महत्त्व के मामलों में भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों को सामने लाने की कोशिश करती है। 

 

प्रश्न 14 – विशेषीकृत पत्रकारिता किसे कहते हैं?

पत्रकारिता का अर्थ घटनाओं की सूचना देना मात्र नहीं है। पत्रकार से अपेक्षा होती है कि वह घटनाओं की तह तक जाकर उसका अर्थ स्पष्ट करे और आम पाठक को बताए कि उस समाचार का क्या महत्त्व है? इसके लिए विशेषता की आवश्यकता होती है। पत्रकारिता में विषय के हिसाब से विशेषता के सात प्रमुख क्षेत्र हैं। इनमें संसदीय पत्रकारिता, न्यायालय पत्रकारिता, आर्थिक पत्रकारिता, खेल पत्रकारिता, विज्ञान और विकास पत्रकारिता, अपराध पत्रकारिता तथा फैशन और फ़िल्म पत्रकारिता शामिल हैं। इन क्षेत्रों के समाचार और उनकी व्याख्या उन विषयों में विशेषता हासिल किए बिना देना कठिन होता है।

 

प्रश्न 15 – वॉचडॉग पत्रकारिता से क्या तातपर्य है?

उत्तर – लोकतंत्र में पत्रकारिता और समाचार मीडिया का मुख्य उत्तरदायित्व सरकार के कामकाज पर निगाह रखना है और कहीं भी कोई गड़बड़ी हो तो उसका परदाफाश करना है। इसे परंपरागत रूप से वॉचडॉग पत्रकारिता कहा जाता है। 

 

प्रश्न 16 – एडवोकेसी पत्रकारिता किसे कहते हैं?

उत्तर – ऐसे अनेक समाचार संगठन होते हैं जो किसी विचारधारा या किसी खास उद्देश्य या मुद्दे को उठाकर आगे बढ़ते हैं और उस विचारधारा या उद्देश्य या मुद्दे के पक्ष में जनमत बनाने के लिए लगातार और ज़ोर-शोर से अभियान चलाते हैं। इस तरह की पत्रकारिता को पक्षधर या एडवोकेसी पत्रकारिता कहा जाता है। 

 

प्रश्न 17 – वैकल्पिक पत्रकारिता को स्पष्ट कीजिए?

उत्तर – मीडिया आमतौर पर व्यवस्था के अनुकूल और आलोचना के एक निश्चित दायरे में ही काम करता है। इस तरह के मीडिया का स्वामित्व आमतौर पर बड़ी पूँजी के पास होता है और वह मुनाफे के लिए काम करती है। उसका मुनाफा मुख्यतः विज्ञापन से आता है। इसके विपरीत जो मीडिया स्थापित व्यवस्था के विकल्प को सामने लाने और उसके अनुकूल सोच को अभिव्यक्त करता है उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहा जाता है। आमतौर पर इस तरह के मीडिया को सरकार और बड़ी पूँजी का समर्थन हासिल नहीं होता है। वह अपने पाठकों के सहयोग पर निर्भर होता है। 

 

बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

प्रश्न 1 – जॉन गुटेनबर्ग ने प्रेस का आविष्कार कब किया था?
(क) 1656 ई० में
(ख) 1456 ई० में
(ग) 1556 ई० में
(घ) 1756 ई० में
उत्तर – (ग) 1556 ई० में

प्रश्न 2 – प्राचीन काल में कागज मुख्य रूप से किससे बनता था?
(क) सूती चिथड़ों से
(ख) रेशमी चिथड़ों से
(ग) ऊनी चिथड़ों से
(घ) खादी चिथड़ों से
उत्तर – (क) सूती चिथड़ों से

प्रश्न 3 – जिस कागज़ पर अखबार छपता है, उसे क्या कहते हैं?
(क) प्रिंटमिडिया
(ख) न्यूप्रिंट
(ग) समाचारप्रिंट
(घ) न्यूजप्रिंट
उत्तर – (घ) न्यूजप्रिंट

प्रश्न 4 – घटनाओं, समस्याओं और विचारों को समाचार के रूप में कौन प्रस्तुत करते हैं?
(क) सम्पादक
(ख) पत्रकार
(ग) लेखक
(घ) संवाददाता
उत्तर – (ख) पत्रकार

प्रश्न 5 -समाचारों के संपादन में किन सिद्धांतों का ध्यान रखना पड़ता है?
(क) तथ्यपरकता, वस्तुपरकता
(ख) निष्पक्षता
(ग) संतुलन
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 6 – अब अखबार की छपाई किन मशीनों पर होती है?
(क) रोटरी मशीनों
(ख) ऑफसेट मशीनों
(ग) ऑनसेट मशीनों
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) ऑफसेट मशीनों

प्रश्न 7 – कागज़ का सर्वप्रथम उपयोग किस देश में हुआ?
(क) भारत में
(ख) जापान में
(ग) चीन में
(घ) इंग्लैंड में
उत्तर – (ग) चीन में

प्रश्न 8 – ‘शावक संवाददाता’ किसे कहते हैं?
(क) नौसिखिए संवाददाता को
(ख) पुराने संवाददाता को
(ग) दूरदराज के संवाददाता को
(घ) वनों में घूमने वाले संवाददाता को
उत्तर – (क) नौसिखिए संवाददाता को

प्रश्न 9 – संवाददाता का शाब्दिक अर्थ बताइए।
(क) सूचना एकत्र करने वाला
(ख) सूचना छाँटने वाला
(ग) सूचना प्रसारित करने वाला
(घ) सूचना भेजने वाला
उत्तर – (घ) सूचना भेजने वाला

प्रश्न 10 – समाचार में जो कुछ छपता है, उसका निश्चय करने वाला कौन होता है?
(क) पत्रकार
(ख) सम्पादक
(ग) संवाददाता
(घ) लेखक
उत्तर – (ख) सम्पादक

प्रश्न 11 – भारत के समाचार-पत्रों पर किस देश की समाचार-पत्र शैली का ज्यादा प्रभाव है?
(क) सोवियत संघ
(ख) इंग्लैंड
(ग) ग्रेट ब्रिटेन
(घ) जापान
उत्तर – (ग) ग्रेट ब्रिटेन

प्रश्न 12 – एक साधारण पाठक के लिए कौन-से समाचार महत्त्वपूर्ण होते हैं?
(क) अंतर्राष्ट्रीय समाचार
(ख) स्थानीय समाचार
(ग) राष्ट्रीय समाचार
(घ) व्यापारिक समाचार
उत्तर – (ख) स्थानीय समाचार

प्रश्न 13 – समाचार का महत्त्वपूर्ण स्रोत कौन है?
(क) समाचार-एजेंसियाँ
(ख) प्रेस-विज्ञप्तियाँ
(ग) संवाददाता
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 14 – समाचार लेखों, समाचारों के लेखन तथा संपादन आदि से जुड़े व्यक्ति को क्या कहा जाता हैं?
(क) लेखक
(ख) पत्रकार
(ग) संवाददाता
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ख) पत्रकार

प्रश्न 15 – मुख्यतः समाचार-पत्रों में किस प्रकार के समाचारों को अत्यधिक स्थान दिया जाता है?
(क) खेल समाचार
(ख) फ़िल्म समाचार
(ग) राजनीतिक समाचार
(घ) व्यावसायिक समाचार
उत्तर – (ग) राजनीतिक समाचार

प्रश्न 16 – समाचार-पत्र में खबरों के चयन तथा प्रकाशन के लिए कौन उत्तरदायी होता है?
(क) संपादक
(ख) संवाददाता
(ग) उपसंपादक
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 17 – स्थानीय समाचारों के स्रोत में कौन आते हैं?
(क) कार्यालय संवाददाता
(ख) नगर संवाददाता
(ग) संवाद-सूत्र
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 18 – एक समाचार के लिए अनिवार्य तत्व क्या है?
(क) नवीनता
(ख) परिवर्तन
(ग) विशिष्टता
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

प्रश्न 19 – बेल पत्रकारिता का संबंध किससे है?
(क) नवीनतासे
(ख) गाँव से
(ग) दृष्टिहीनों से
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) दृष्टिहीनों से

प्रश्न 20 – संपादकीय विभाग का कार्य क्या नहीं है?
(क) समाचार-पत्रों का प्रकाशन
(ख) समाचार-पत्रों के लिए समाचार एकत्र करना
(ग) समाचार-पत्रों का वितरण
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) समाचार-पत्रों का वितरण

प्रश्न 21 – समाचार-पत्र का कौन-सा पृष्ठ सबसे गंभीर व् महत्वपूर्ण माना जाता है?
(क) संपादकीय पृष्ठ
(ख) खेल-कूद पृष्ठ
(ग) मनोरंजन पृष्ठ
(घ) राजनितिक पृष्ठ
उत्तर – (क) संपादकीय पृष्ठ

प्रश्न 22 – कौन-सा पृष्ठ समाचार-पत्रों को प्रजातंत्र के चौथे स्तंभ की मान्यता दिलाने में सहायक रहा है?
(क) संपादकीय पृष्ठ
(ख) खेल-कूद पृष्ठ
(ग) मनोरंजन पृष्ठ
(घ) राजनितिक पृष्ठ
उत्तर – (क) संपादकीय पृष्ठ

प्रश्न 23 – एक दैनिक समाचारपत्र कब तक समाचारों को कवर कर पाता है?
(क) पिछले 24 घंटों तक
(ख) केवल वर्तमान समय तक
(ग) डेडलाइन तक
(घ) पिछले 36 घंटों तक
उत्तर – (ग) डेडलाइन तक

प्रश्न 24 – विभिन्न समाचार संगठनों की समाचारों के चयन और प्रस्तुति को लेकर एक नीति होती है। उस नीति को क्या कहते हैं?
(क) राजनितिक नीति
(ख) संपादकीय नीति
(ग) सामाजिक नीति
(घ) सार्वजानिक नीति
उत्तर – (ख) संपादकीय नीति

प्रश्न 25 – संपादन का क्या अर्थ है?
(क) किसी सामग्री से उसकी शुद्धियों को दूर करके उसे अपठनीय बनाना
(ख) किसी सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर न करना और जैसे का तैसा रहने देना
(ग) किसी सामग्री से उसकी शुद्धियों को दूर करके उसे प्रस्तुत करना
(घ) किसी सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके उसे पठनीय बनाना
उत्तर – (घ) किसी सामग्री से उसकी अशुद्धियों को दूर करके उसे पठनीय बनाना

 

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