CBSE Class 11 Hindi Vitan Bhag 1 Book Chapter 4 भारतीय कलाएं Question Answers
Bhartiya Kalaein Class 11 – CBSE Class 11 Hindi Vitan Bhag-1 Chapter 4 Bhartiya Kalaein Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter, extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions.
सीबीएसई कक्षा 11 हिंदी वितान भाग-1 पुस्तक पाठ 4 भारतीय कलाएं प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है।
Also See : भारतीय कलाएं पाठ सार Class 11 Chapter 4
Bhartiya Kalaein Question and Answers (भारतीय कलाएं प्रश्न-अभ्यास )
प्रश्न 1 – कला और भाषा के अंतर्संबंध पर आपकी क्या राय है? लिखकर बताएँ।
उत्तर – प्रस्तुत पाठ में भारतीय कलाओं जैसे- चित्रकला, संगीत कला, इत्यादि का बड़ा ही सुंदर और स्पष्ट रूप से वर्णन किया गया है। इसके अतिरिक्त यह पाठ हमें यह जानकरी देता है कि भारत की विभिन्न कलाएँ किस प्रकार से विकसित हुईं। कलाकारों के साथ-साथ प्रस्तुत पाठ में कई प्रसिद्ध कलाकारों के विषय में भी पढ़ने को मिलता है। कला और भाषा के बीच घनिष्ठ सम्बन्ध है। जिस प्रकार मनुष्य अपने भावों व् विचारों को भाषा द्वारा प्रकट करता है उसी प्रकार कलाकार भी अपनी कला के माध्यम से अपने विचार व् भावों को सभी के समक्ष रखता है। समुद्र में उठती गिरती लहरों को देखकर चित्रकार उसे रंगों में सजाता है। चिड़िया की चहचहाट को गायक स्वरों में सजाता है तो नर्तक मन के भावों को विभिन्न मुद्राओं में सजाता है। चित्रकारी प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। जब हम भाषा नहीं जानते थे, तब भी चित्रकारी थी और यही अपनी बात को दूसरों के सामने प्रकट करने का माध्यम थी। भारतीय संगीतज्ञ किसी भी वस्तु से संगीत निकाल सकते हैं। वीणा, जलतरंग, रवाब, दोतार या बांसुरी सुनकर हम इस बात को समझ सकते हैं। इन सब में प्रयोग किए जाने वाली चीजें हमारे आस-पास के रोज़मर्रा में प्रयोग होने वाली हैं। यह सहजता और प्रकृति से जुड़ाव भारतीय कला की विशेषता रही है। भारतीय नृत्य में सभी अंगों की गति/लय महत्वपूर्ण है। भारतीय नर्तकों को आँख भौंहों या फिर नासिका के माध्यम से ही खुशी, दुख, क्रोध, वीभत्स आदि भावों को अभिव्यक्त करने में महारत हासिल है। यही कारण है कि हमारे भारत की कलाओं में श्रद्धा रखने वाला आज पूरा विश्व है।
प्रश्न 2 – भारतीय कलाओं और भारतीय संस्कृति में आप किस तरह का संबंध् पाते हैं?
उत्तर – भारतीय कलाओं और भारतीय संस्कृति में घनिष्ठ संबंध है। भारतीय संस्कृति के विकास में कलाओं का भी महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हमारे देश भारत में न जाने कितने उत्सव-त्यौहार मनाए जाते है। विविधता ही हमारी पहचान है। जिस तरह अलग-अलग संस्कृतियाँ और अलग-अलग त्योहार हमारी पहचान हैं वैसे ही अलग-अलग कलाएँ भी हमारी अनूठी पहचान हैं। भारत के अलग-अलग राज्यों की अपनी-अपनी विशिष्ट कलाएँ हैं। भारतीय कलाओं को भारतीय संस्कृति में मनाए जाने वाले त्योहारों, उत्सवों से अलग नहीं किया जा सकता। भारतीय कलाएँ जन्मोत्सव से लेकर शादी-ब्याह, पूजा तथा खेती-बाड़ी से भी जुड़ी हैं। मनुष्य के जीवन से जुड़ी होने के कारण ही भारत की ये विशिष्ट कलाएँ भारतीय संस्कृति के विरासत के प्रति हमें उत्साह और विश्वास से भर देती हैं।
प्रश्न 3 – शास्त्रीय कलाओं का आधर जनजातीय और लोक कलाएँ हैं – अपनी सहमति और असहमति के पक्ष में तर्क दें।
उत्तर – शुरूआती दौर में सभी कलाओं का संबंध लोक या समूह से ही था। बाद में चलकर जब इसका संबंध व्यवसाय से जुड़ा तो धीरे-धीरे कालाएँ व्यक्ति केंद्रित होती चली गई। मध्यकाल तक आते-आते साहित्य, चित्र, संगीत, नृत्य कलाएँ राजाओं और विभिन्न शासकों के संरक्षण में चली गई और धीरे-धीरे शास्त्रीय नियमों में बँधी। इस तरह मंदिरों और महलों में विकसित होती हुई ये कलाएँ शास्त्रीय स्वरूप ग्रहण करती गई। शास्त्र ने संगीत, नृत्य – अभिनय कलाओं को एक शास्त्रीय कला का स्वरूप दिया। फिर भी लोक कलाएँ अपनी जड़ों से पूरी तरह जुड़ी रही। आज की कलाओं की जड़े लोक में ही हैं, चाहे चित्रकला हो, संगीतकला हो या फिर नृत्य कला। प्राचीन शैल चित्रों से प्रारम्भ हुई चित्रकारी से गुप्तकाल तक आते-आते चित्रकला की निपुणता चरम स्थिति पर पहुँच गयी। गुरु-शिष्य परंपरा ने कलाओं के शास्त्रीय स्वरूप को और भी पुष्ट और अनुशासित बना दिया। अतः मैं इस तर्क से सहमत हूँ कि जनजातीय कलाएँ और लोक कलाएँ ही शास्त्रीय कलाओं की आधार हैं।
अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर – (Important Question Answers)
प्रश्न 1 – ‘कलाओं की भी अपनी भाषा होती है’ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – जैसे हमारी अपनी बोलचाल की भाषा होती है वैसे ही कलाओं की भी अपनी भाषा होती है जैसे – हम अपने आस-पास के परिवेश, प्रकृति या भावों और विचारों को अपनी भाषा में व्यक्त करते हैं। वैसे ही चित्रकारी, संगीत या नृत्य के माध्यम से भी हम अपने आस-पास और प्रकृति को प्रकट कर सकते हैं। जैसे हम जो कुछ भी अपने आस-पास देखते हैं – सुनते हैं उसे हम किसी न किसी रूप में और नए-नए तरीके से किसी से सामने कहना या प्रकट करना चाहते हैं। समुद्र में उठती गिरती लहरों को देखकर चित्रकार उसे रंगों में सजाता है। चिड़िया की चहचहाट को गायक स्वरों में सजाता है तो नर्तक मन के भावों को विभिन्न मुद्राओं में सजाता है।
प्रश्न 2 – हमारी कलाओं को त्योहारों, उत्सवों से अलग करके क्यों नहीं देखा जा सकता?
उत्तर – हमारे देश भारत में न जाने कितने उत्सव-त्यौहार मनाए जाते है। विविधता ही हमारी पहचान है। जिस तरह अलग-अलग संस्कृतियाँ और अलग-अलग त्योहार हमारी पहचान हैं वैसे ही अलग-अलग कलाएँ भी हमारी अनूठी पहचान हैं।
हमारी कलाओं को त्योहारों, उत्सवों से अलग नहीं किया जा सकता। ये कलाएँ जन्मोत्सव से लेकर, शादी-ब्याह, पूजा तथा खेती-बाड़ी से भी जुड़ी हुई हैं। मनुष्य के जीवन से जुड़ी होने के कारण ही भारत की ये विशिष्ट कलाएँ जो हमें विरासत से मिली है, उसके प्रति हमें उत्साह और विश्वास से भर देती हैं।
प्रश्न 3 – चित्रकारी को प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का अभिन्न अंग क्यों माना गया है?
उत्तर – चित्रकारी प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। जब हम भाषा नहीं जानते थे, तब भी चित्रकारी थी और यही अपनी बात को दूसरों के सामने प्रकट करने का माध्यम थी। प्रागैतिहासिक समय में अपने वातावरण, रहन–सहन, भावों और विचारों को मनुष्य ने चित्रों के माध्यम से ही प्रकट किया। सबसे प्राचीन चित्रों के नमूने शैल चित्रों को ही माना जाता है। ये चट्टानों पर प्राकृतिक रंगों से बने हुए चित्र हैं। इन चित्रों में जीवन की रोजमर्रा की गतिविधियाँ जैसे शिकार, नृत्य, संगीत, जानवर, युद्ध, साज-सज्जा सभी कुछ दिखाई पड़ता है।
प्रश्न 4 – अजंता की गुफाएं किस शताब्दी की हैं?
उत्तर – अजंता की गुफाएं चौथी से छठी शताब्दी के बीच गुप्त साम्राज्य के शासन काल के दौर में बनाई गई थी। इन गुफाओं पर बौद्ध भिक्षुओं ने अपनी कला का प्रदर्शन भी किया था।
प्रश्न 5 – प्राचीन चित्रकला के प्रमाण कहाँ मिलते हैं?
उत्तर – मध्य प्रदेश में स्थित भीम बेटका की गुफाओं में प्राचीन चित्र कलाओं के प्रमाण मिलते हैं। गुफाओं में शैल-चित्रों के जरिए मनुष्य की उस समय की रोजमर्रा की जिंदगी को बहुत ही सुंदर ढंग से चित्रित किया गया है।
प्रश्न 6 – भारत में संगीत कला का जन्म कब माना जाता है?
उत्तर – भारत के प्राचीनतम संगीत का वर्णन वैदिक काल में मिलता है। विद्वान लगभग पाँच हजार ई. वर्ष पूर्व के समय को वैदिक काल मानते हैं।
प्रश्न 7 – प्राचीन भारत में संगीत कितने प्रकार के होते थे?
उत्तर – प्राचीन भारत में संगीत के दो प्रकारों का उल्लेख मिलता है- एक मार्गी तथा दूसरा देसी। मार्गी संगीत धार्मिक समारोहों से जुड़ा था और नियम और अनुशासन से बंधा हुआ था। देसी संगीत लोक से जुड़ा था लोक रूचि के अनुसार यह समूह में ही गाया जाता था।
प्रश्न 8 – भारतीय कला का जुड़ाव प्रकृति से है। स्पष्ट करें।
उत्तर – भारतीय कला का जुड़ाव प्रकृति से है इसके हमें कई प्रमाण मिलते हैं। जैसे – वीणा, जलतरंग रवाब, दोतार या बांसुरी सुनकर हम इसे समझ सकते हैं। इन सब में प्रयोग किए जाने वाली चीजें हमारे आसपास के रोजमर्रा में प्रयोग होने वाली हैं। इस अद्भुत विशेषता के कारण यहां की कला सबसे अलग है। यह सहजता और प्रकृति से जुड़ाव भारतीय कला की विशेषता को प्रदर्शित करती है।
प्रश्न 9 – पाठ के आधार पर लघुचित्रों पर टिप्पणी करें।
उत्तर – लघु चित्र दो प्रकार के होते हैं एक – स्थायी, जो कपड़ों, किताबों ,लकड़ी या कागज पर किया जाता है। इनमें आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ की कलमकारी, पंजाब की फुलकारी, महाराष्ट्र की वरली इत्यादि प्रसिद्ध हैं। इसमें प्रयोग होने वाली सभी सामग्री प्राकृतिक ही होती हैं। और दूसरा अस्थाई कला जिनमें कोहबर ,ऐपण, अल्पना रंगोली जैसी कलाएं काफी प्रचलित हैं। इन कलाओं का संबंध शादी- त्यौहार और उत्सवों से है। इन्हें क्षेत्रीय भाषाओं में अलग अलग नाम से जाना जाता है।
प्रश्न 10 – ‘भारतीय कलाएँ’ पाठ पर आधारित नृत्य कला के बारे में अपने शब्दों में लिखें।
उत्तर – भारतीय संगीत की तरह नृत्य में भी कम बदलाव आए हैं। इसका भी मूलशास्त्र भरतमुनि का ‘नाट्यशास्त्र ’ही रहा है। हर राज्य के अलग-अलग समुदायों की अपनी नृत्यकला रही हैं जो हमारे रोजमर्रा के जीवन से जुड़ी हुई हैं। जीवन में जितने अनुष्ठान हैं उन सब से नृत्य कलाओं का भी संबंध है। कश्मीर से दार्जिलिंग तथा समूचे हिमालय क्षेत्र में एक ओर शास्त्रों और युद्ध को नृत्य कला शालीनता से प्रस्तुत करते हैं तो दूसरी ओर गेहूं की फसल बोने को भी एक उत्सव बना देते हैं। सभी लोक नृत्य में एक गोलाई में नर्तक हाथ में हाथ मिलाए तरह-तरह के करतब करते हैं। पंजाब की महिलाएं गिद्दा करती हैं, राजस्थानी महिलाएं घूमर, गुजरात में गरबा नृत्य तो महाराष्ट्र का लावणी नृत्य अपने अद्भुत आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। गुजरात का टिप्पणी नृत्य भी समूह के साथ होता है। यह फसल की कटाई के बाद खलिहान में किया जाता है। अलग-अलग राज्यों के ये नृत्य भिन्न–भिन्न नामों से जाने जाते हैं। पर इनमें एक समानता भी है। ये सभी नृत्य समूह में होते हैं, सभी का संबंध प्रकृति और जीवन से है, सभी में स्त्री-पुरुष एक साथ मिलकर नाचते हैं। नृत्यों का संबंध विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों से भी है पर यह किसी एक धर्म में नहीं बल्कि लगभग सभी धर्मों में दिखाई पड़ता है।
प्रश्न 11 – गुप्तकाल को स्वर्ण युग क्यों कहा गया?
उत्तर – गुप्तकाल को कलाओं के लिए स्वर्ण युग कहा गया है। अजंता और एलोरा की गुफाएं इस समय की कलाकृतियों के लिए विख्यात हैं। इस काल में भारत में संगीत, चित्र ,साहित्य और नृत्य कला का सबसे अधिक विकास हुआ। इस काल की चित्रकला विकास और समृद्धि के प्रमाण हैं। मध्यप्रदेश में भीमबेटका की गुफाएं जो शैल चित्रों के लिए जानी जाती हैं। उनमें रोजमर्रा की गतिविधियां शिकार, नृत्य, संगीत, जानवर, युद्ध साज सज्जा सभी प्रदर्शित होता है। गुफाओं में कला सृजन की अति प्राचीन परंपरा रही है। अजंता की गुफाएं उन्हीं दिनों की मानी जाती हैं, जिन्हें दीवारों पर चित्रित किया गया है। वे इतनी मनमोहक और आकर्षक थे कि आज तक कलाकारों पर उनका गहरा प्रभाव रहता है। बाग और बादामी की गुफाएं भी इसी समय की मानी जाती हैं। एलीफेंटा की गुफाएं और दक्षिण भारत के महाबलीपुरम की विशाल मूर्ति कला और तंजौर की चित्रकला, कला कौशल के अद्भुत उदाहरण हैं।
प्रश्न 12 – भारतीय कलाओं के बारे में संक्षिप्त टिप्पणी करें।
उत्तर – भारत की विविधता ही इसकी पहचान है। हमारी कलाओं को त्योहारों ,उत्सवों से अलग नहीं किया जा सकता। यह कलाएं जन्मोत्सव से लेकर शादी-ब्याह पूजा तथा खेतीबाड़ी से भी जुड़ी है। मनुष्य के जीवन से जुड़ी होने के कारण ही भारत की ये विशिष्ट कलाएं विरासत के प्रति हमें उत्साह और विश्वास से भर देती हैं। शुरुआती दौर में सभी कलाओं का संबंध लोक या समूह से ही था, बाद में व्यवसाय से जुड़ने के कारण यह व्यक्ति केंद्रित होती चली गयीं। मध्यकाल तक आते-आते साहित्य, चित्र, संगीत नृत्यकलाएंं राजाओं और विभिन्न शासकों के संरक्षण में जाने के कारण शास्त्रीय नियमों में बँधी। इस तरह मंदिरों और महलों में विकसित होती हुई ये कलाएँ शास्त्रीय स्वरूप ग्रहण करती गई। शास्त्र ने संगीत, नृत्य – अभिनय कलाओं को एक शास्त्रीय कला का स्वरूप दिया। फिर भी लोक कलाएँ अपनी जड़ों से पूरी तरह जुड़ी रही। आज की कलाओं की जड़े लोक में ही हैं, चाहे चित्रकला हो, संगीतकला हो या फिर नृत्य कला।
बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।
प्रश्न 1 – त्योहारों व् उत्सवों से किसे अलग नहीं किया जा सकता?
(क) संस्कृति
(ख) लोक
(ग) कलाएँ
(घ) खेती-बाड़ी
उत्तर – (ग) कलाएँ
प्रश्न 2 – विरासत के प्रति हमें उत्साह और विश्वास से कौन भर देती है?
(क) भारत की विशिष्ट कलाएँ
(ख) भारत की विशिष्ट संस्कृति
(ग) भारत की विशिष्ट चित्रकारी
(घ) भारत की विशिष्ट भाषाएँ
उत्तर – (क) भारत की विशिष्ट कलाएँ
प्रश्न 3 – शुरुआती दौर में सभी कलाओं का संबंध् किससे था?
(क) शास्त्र से
(ख) लोक या समूह से
(ग) व्यक्ति से
(घ) समाज से
उत्तर – (ख) लोक या समूह से
प्रश्न 4 – नाट्यशास्त्र किसकी कृति है?
(क) रघुवंशी की
(ख) विश्वामित्र की
(ग) भरतमुनि की
(घ) मुनिवशिष्ठ की
उत्तर – (ग) भरतमुनि की
प्रश्न 5 – प्रागैतिहासिक समय मे अपने वातावरण, रहन-सहन, भावों और विचारों को मनुष्य ने किसके माध्यम से व्यक्त किया?
(क) संगीत के माध्यम से
(ख) नृत्य के माध्यम से
(ग) भाषा के माध्यम से
(घ) चित्रों के माध्यम से
उत्तर – (घ) चित्रों के माध्यम से
प्रश्न 6 – सबसे प्राचीन चित्रों के नमूने किन्हें माना जाता है?
(क) रंगीन चित्रों को
(ख) प्राचीन चित्रों को
(ग) गुफाओं के चित्रों को
(घ) शैल चित्रों को
उत्तर – (घ) शैल चित्रों को
प्रश्न 7 – भीम बेटका की गुफाएँ कहाँ स्थित हैं?
(क) मध्य प्रदेश में
(ख) हिमाचल प्रदेश में
(ग) पंजाब में
(घ) उत्तर प्रदेश में
उत्तर – (क) मध्य प्रदेश में
प्रश्न 8 – एलोरा और अजंता की गुफाएँ किसके लिए विख्यात हैं?
(क) चित्रकारी के लिए
(ख) विशिष्ठ पत्थरों के लिए
(ग) कला कृतियों के लिए
(घ) रंगो के लिए
उत्तर – (ग) कला कृतियों के लिए
प्रश्न 9 – कौन सा साम्राज्य कलाओं के लिए स्वर्ण युग कहलाता है?
(क) पाषाण
(ख) मुगल
(ग) चोल
(घ) गुप्त
उत्तर – (घ) गुप्त
प्रश्न 10 – बाग और बादामी की गुफाएँ किस समय की हैं?
(क) चोल साम्राज्य के समय की
(ख) गुप्त साम्राज्य के समय की
(ग) मुगल साम्राज्य के समय की
(घ) पाषाण साम्राज्य के समय की
उत्तर – (ख) गुप्त साम्राज्य के समय की
प्रश्न 11 – अजंता के दीवारों पर बने चित्रों को किसने बनाया है?
(क) बौद्ध भिक्षुओं
(ख) जैन भिक्षुओं
(ग) मुगल भिक्षुओं
(घ) चोल भिक्षुओं
उत्तर – (क) बौद्ध भिक्षुओं
प्रश्न 12 – कौन सी सदी में चट्टानों को काटकर एलोरा की गुफाएँ तैयार की गई?
(क) पाँचवी-छठी सदी में
(ख) नवीँ-दसवीं सदी में
(ग) सातवीं-आठवीं सदी में
(घ) दूसरी-चौथी सदी में
उत्तर – (ग) सातवीं-आठवीं सदी में
प्रश्न 13 – लघु चित्र कितने प्रकार के हैं?
(क) तीन
(ख) चार
(ग) पाँच
(घ) दो
उत्तर – (घ) दो
प्रश्न 14 – स्थायी लघुचित्र क्या है?
(क) जो कपड़ों पर किया जाता है
(ख) जो किताबों पर किया जाता है
(ग) जो लकड़ी या कागज़ पर किया जाता है
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 15 – मार्गी संगीत की क्या विशेषता थी?
(क) धर्मिक समारोहों से जुड़ा था और नियम और अनुशासन से बँध था
(ख) लोक से जुड़ा था
(ग) लोक रुचि के अनुसार यह समूह में ही गाया जाता था
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) धर्मिक समारोहों से जुड़ा था और नियम और अनुशासन से बँध था
प्रश्न 16 – भारतीय संगीत किससे सम्बद्ध है?
(क) सुर/ताल से
(ख) राग से
(ग) काल से
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 17 – ब्रह्ममुहुर्त में कौन सा राग गाय जाता है?
(क) भैरव
(ख) कौशिक और हिंडोला
(ग) मेघ राग
(घ) दीपक और श्रीराग
उत्तर – (क) भैरव
प्रश्न 18 – गुजरात का प्रसिद्ध नृत्य क्या कहलाता है?
(क) बालाकल
(ख) लावणी
(ग) टिप्पणी
(घ) घूमर
उत्तर – (ग) टिप्पणी
प्रश्न 19 – अलग-अलग राज्यों के नृत्य भिन्न-भिन्न नामों से जाने जाते हैं। पर इनमें कौन सी एक समानता है?
(क) सभी नृत्य केवल पुरुष करते हैं
(ख) सभी नृत्य केवल महिलाएँ करती हैं
(ग) सभी नृत्य समूह में होते हैं
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (ग) सभी नृत्य समूह में होते हैं
प्रश्न 20 – शास्त्राीय नृत्यों मे मुख्यरूप किन नृत्यों मे शामिल किया गया है?
(क) केरल का कथकलि, मोहिनीअट्टम, उत्तर प्रदेश का कत्थक
(ख) कर्नाटक और तमिलनाडु का भरतनाट्यम, असम का सत्रिय
(ग) आंध्र प्रदेश का कुचिपुड़ी, उड़ीसा का ओड़िशी, मणिपुर का मणिपुरी
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
सार-आधारित प्रश्न Extract Based Questions
सार-आधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)
1 –
हमारा देश भारत उत्सवर्ध्मी है। विविधता हमारी पहचान है। विभिन्न संस्कृतियों और विभिन्न त्योहारों के साथ-साथ विविध् कलाएँ भी हमारी अनूठी पहचान हैं। आपने देखा होगा कि भारत के अलग-अलग राज्यों की अपनी-अपनी विशिष्ट कलाएँ हैं। आपने यह भी देखा होगा कि हमारी कलाओं को त्योहारों, उत्सवों से अलग नहीं किया जा सकता। ये कलाएँ जन्मोत्सव से लेकर, शादी-ब्याह, पूजा तथा खेती-बाड़ी से भी जुड़ी हैं। मनुष्य के जीवन से जुड़ी होने के कारण ही भारत की ये विशिष्ट कलाएँ विरासत के प्रति हमें उत्साह और विश्वास से भर देती हैं। क्या आपको यह नहीं लगता कि पर्वों-त्योहारों या फिर फसलों से कलाओं का जुड़ाव ही एक ओर इसे केवल मनोरंजन या अलंकरण होने से बचाता है, तो दूसरी ओर यही पहलू, प्राचीन परंपराओं की सतत निरंतरता को बनाए रखता है। वास्तव में यही अतीत और वर्तमान के बीच जुड़ाव की कड़ी भी है। अगर हम आज पीछे मुड़कर देखें तो पाएँगे कि जनजातीय और लोककला शैलियों के सभी रूपों में एक व्यवस्था भी दिखाई पड़ती है, जो आगे चलकर शास्त्रीय कलाओं का आधार बनीं। एक बात ध्यान देने की है कि शुरुआती दौर में सभी कलाओं का संबंध् लोक या समूह से ही था। बाद में चलकर जब इनका संबंध् व्यवसाय से जुड़ा तो व्यक्ति केंद्रित होती चली गईं।
प्रश्न 1 – भारत देश की क्या पहचान है?
(क) उत्सव
(ख) त्यौहार
(ग) विविधता
(घ) संस्कृति
उत्तर – (ग) विविधता
प्रश्न 2 – कलाओं को किससे अलग करके नहीं देखा जा सकता?
(क) संस्कृति से
(ख) त्योहारों, उत्सवों से
(ग) लोगों से
(घ) संगीत से
उत्तर – (ख) त्योहारों, उत्सवों से
प्रश्न 3 – मनुष्य के जीवन से जुड़ी होने के कारण ही भारत की ये विशिष्ट कलाएँ विरासत के प्रति हमें ———– से भर देती हैं –
(क) उमंग और खुशी
(ख) प्यार और स्नेह
(ग) उत्साह और विश्वास
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) उत्साह और विश्वास
प्रश्न 4 – शुरुआती दौर में सभी कलाओं का संबंध् किससे था?
(क) लोक
(ख) समाज से
(ग) व्यक्ति विशेष से
(घ) लोक या समूह से
उत्तर – (घ) लोक या समूह से
प्रश्न 5 – कलाएँ व्यक्ति केंद्रित क्यों होती चली गई?
(क) जब कला का सम्बन्ध व्यवसाय से जुड़ा
(ख) जब कला का सम्बन्ध विशेष व्यक्ति से जुड़ा
(ग) जब कला का सम्बन्ध राजा व् अधिकारियों से जुड़ा
(घ) जब कला का सम्बन्ध व्यवसाय से जुड़ा
उत्तर – (घ) जब कला का सम्बन्ध व्यवसाय से जुड़ा
2 –
चित्रकारी प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। जब हमारे पास भाषा नहीं थी तब भी चित्रकारी थी और यही अभिव्यक्ति का माध्यम थी। प्रागैतिहासिक समय मे अपने वातावरण, रहन-सहन, भावों और विचारों को मनुष्य ने चित्रों के माध्यम से ही व्यक्त किया। सबसे प्राचीन चित्रों के नमूने शैल चित्रों को ही माना जाता है। ये चट्टानों पर प्राकृतिक रंगों से बने हुए चित्र हैं। ये गुफाओं में मिलते हैं। मध्य प्रदेश में भीम बेटका की गुफाएँ शैल चित्रों के लिए जानी जाती हैं। इन चित्रों में जीवन की रोजमर्रा की गतिविध्यिाँ शिकार, नृत्य, संगीत, जानवर, युद्ध, साज-सज्जा सभी कुछ दिखाई पड़ता है। गुफाओं में कला सृजन की अति प्राचीन परंपरा रही है। एलोरा और अजंता की गुफाएँ कला कृतियों के लिए विख्यात हैं। चौथी से छठी सदी के बीच गुप्त साम्राज्य कलाओं के लिए स्वर्ण युग कहलाता है। अजंता की गुफाएँ उन्हीं दिनों खोदी गयीं। उनकी दीवारों पर चित्र बनाए गए। बाग और बादामी की गुफाएँ भी इसी ज़माने की हैं। अजंता की गुफाओं के चित्र इतने आकर्षक हैं कि वे आज तक के कलाकारों पर गहरा असर डालते हैं। ऐसा मानना है कि अजंता के दीवारों पर बने चित्रों को बौद्ध भिक्षुओं ने बनाया है।
प्रश्न 1 – जब भाषा नहीं थी तब अभिव्यक्ति का माध्यम क्या था?
(क) इशारे
(ख) चित्रकारी
(ग) नमूने
(घ) हस्त कला
उत्तर – (ख) चित्रकारी
प्रश्न 2 – शैल चित्र क्या है?
(क) चट्टानों पर प्राकृतिक रंगों से बने हुए चित्र
(ख) चट्टानों पर कृत्रिम रंगों से बने हुए चित्र
(ग) कागजों पर प्राकृतिक रंगों से बने हुए चित्र
(घ) कपड़ों पर कृत्रिम रंगों से बने हुए चित्र
उत्तर – (क) चट्टानों पर प्राकृतिक रंगों से बने हुए चित्र
प्रश्न 3 – मध्य प्रदेश में भीम बेटका की गुफाएँ किसके लिए जानी जाती हैं?
(क) कृत्रिम चित्रों के लिए
(ख) पाषाण चित्रों के लिए
(ग) बौद्ध चित्रों के लिए
(घ) शैल चित्रों के लिए
उत्तर – (घ) शैल चित्रों के लिए
प्रश्न 4 – चौथी से छठी सदी के बीच ——– साम्राज्य कलाओं के लिए स्वर्ण युग कहलाता है-
(क) गुप्त
(ख) मौर्य
(ग) चोल
(घ) मुगल
उत्तर – (क) गुप्त
प्रश्न 5 – मान्यताओं के अनुसार अजंता के दीवारों पर बने चित्रों को किसने बनाया है?
(क) आदि मानवों ने
(ख) आदि पुरुषों ने
(ग) जैन भिक्षुओं ने
(घ) बौद्ध भिक्षुओं ने
उत्तर – (घ) बौद्ध भिक्षुओं ने
3 –
भारत के प्राचीनतम संगीत का वर्णन वैदिक काल में मिलता है। विद्वान लगभग पाँच हजार ई.वर्ष पूर्व के समय को वैदिक काल मानते हैं। इस समय में दो प्रकार के संगीत का उल्लेख मिलता है। एक-मार्गी तथा दूसरा-देसी। मार्गी संगीत धर्मिक समारोहों से जुड़ा था और नियम और अनुशासन से था। देसी लोक से जुड़ा था। लोक रुचि के अनुसार यह समूह में ही गाया जाता था। सामवेद मे गाने के जो निर्देश दिए गए हैं उससे यह पता चलता है कि वैदिक महर्षियों के पूजा और मंत्रोच्चार के तरीकेको ही साम कहते थे। हमारे यहाँ आगे चलकर संगीत का जो विकास हुआ इसकी जानकारी बहुत नहीं मिलती। उसका कारण यह भी है कि हम भारतीय दस्तावेजीकरण नही करते थे। अन्य कलाओं की तरह संगीत का वर्णन भी भरत मुनि के नाट्यशास्त्र में ही सबसे प्रामाणिक ढंग से मिलता है। यह आज के शास्त्रीय संगीत से बहुत अलग नहीं था। अगर आपने वीणा पर दक्षिण भारतीय संगीतज्ञ को सुना हो तो अंदाजा लगा सकते हैं कि आज से हज़ार साल पहले का संगीत कैसा रहा होगा और यह उसके कितना करीब था। भारतीय संगीत सुर/ताल, राग और काल से संबद्ध है। भिन्न-भिन्न समय के अनुसार राग भी अलग-अलग हैं। जैसे ब्रह्ममुहुर्त में भैरव, मेघ राग का संबंध् सुबह से, दीपक और श्रीराग का संबंध् दोपहर से तो कौशिक और हिंडोला रात मे गाए जाते हैं।
प्रश्न 1 – भारत के प्राचीनतम संगीत का वर्णन कहाँ मिलता है?
(क) वैदिक काल में
(ख) द्वापर काल में
(ग) त्रेता काल में
(घ) वर्तमान काल में
उत्तर – (क) वैदिक काल में
प्रश्न 2 – मार्गी संगीत की विशेषता क्या है?
(क) लोक से जुड़ा था, नियम और अनुशासन से था
(ख) धर्मिक समारोहों से जुड़ा था और नियम और अनुशासन से था
(ग) लोक रुचि के अनुसार यह समूह में ही गाया जाता था
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ख) धर्मिक समारोहों से जुड़ा था और नियम और अनुशासन से था
प्रश्न 3 – देसी संगीत की विशेषता क्या है?
(क) नियम और अनुशासन से था
(ख) धर्मिक समारोहों से जुड़ा था
(ग) लोक रुचि के अनुसार यह समूह में ही गाया जाता था
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (ग) लोक रुचि के अनुसार यह समूह में ही गाया जाता था
प्रश्न 4 – संगीत का जो विकास हुआ उसकी जानकारी बहुत नहीं मिलती – क्यों?
(क) हम भारतीय दस्तावेजीकरण नही करते थे
(ख) हम भारतीय किसी को संगीत नही सिखाते थे
(ग) हम भारतीय किसी को बताना उचित नही समझते थे
(घ) इनमें से कोई नहीं
उत्तर – (क) हम भारतीय दस्तावेजीकरण नही करते थे
प्रश्न 5 – रात मे गाए जाने वाला राग कौन सा हैं?
(क) भैरव
(ख) मेघ राग
(ग) दीपक और श्रीराग
(घ) कौशिक और हिंडोला
उत्तर – (घ) कौशिक और हिंडोला
4 –
खेती से जुडे़ समुदाय के जीवन में ऋतुओं का बदलना, फसलों की बुवाई या कटाई सभी महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं। ऋतुओं का बदलना उनके पाँवों को चंचल कर देता है। वर्षा होती है तो उनके पाँव थिरक उठते हैं। भारत के हर राज्य में यही भाव मिलते हैं। कश्मीर से दार्जिलिंग तथा समूचे हिमालय क्षेत्र में एक ओर शस्त्रों और युद्धों को नृत्य कला शालीनता से प्रस्तुत करते हैं तो दूसरी ओर गेहूँ की फसल बोने को भी एक उत्सव बना देते हैं। सभी लोक नृत्यों में एक गोलाई में नर्तक हाथ मे हाथ मिलाए तरह-तरह के करतब दिखाते हैं। पंजाब की महिलाएँ गिद्दा करती हैं। राजस्थानी महिलाएँ अपनी ओढ़नी से चेहरे को ढंक कर घूमर करती हैं। गुजरात में डंडियों के सहारे स्त्रियाँ गर्बा नृत्य करती हैं। पुरुष भी दांडिया रास करते हैं जो गर्बा का ही एक और ऊर्जा भरा रूप है। महाराष्ट्र के मछली पालन से जुड़े समुदाय हाथों में हाथ डालकर एक-दूसरे के कन्धों पर चढ़कर एक पिरामिड सा बना लेते हैं। महाराष्ट्र का लावणी नृत्य अपनी अद्भुत ऐंद्रिक आकर्षण के लिए प्रसिद्ध है। मैसूर में डोडवा कबीले के लोग बालाकल नृत्य करते हैं। इसमें रंगीन वेशभूषा के साथ-साथ हाथ में तलवारें होती हैं। केरल के कुरूवांजी नृत्य को भरतनाट्यम का प्रेरणा स्रोत माना जाता है। गुजरात का टिप्पणी नृत्य भी समूह के साथ होता है। यह फसल की कटाई के बाद खलिहान में किया जाता है। असम का सत्रिय नृत्य लोक नृत्यों में भी निकोबारी-अंडमान निकोबार से जुड़ा है। अरुणाचल प्रदेश मे निशि, असम का बिहु, आंध्रप्रदेश का कोलहम तो वहीं पंथी और राउत छत्तीसगढ़ तथा झारखंड के लोक नृत्य हैं। गुजरात का गर्बा और रास टिप्पणी, हिमाचल का नागमेन और किन्नौरी, बंगाल, उड़ीसा, झारखंड का छाओ उल्लेखनीय है।
प्रश्न 1 – खेती से जुडे़ समुदाय के जीवन में ——————– महत्वपूर्ण घटनाएँ हैं –
(क) ऋतुओं का बदलना
(ख) फसलों की बुवाई या कटाई सभी
(ग) फसलों की कटाई
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 2 – लोक नृत्यों में क्या समानता है?
(क) सभी नृत्य केवल संगीत पर निर्भर होते है
(ख) सभी नृत्य ऋतुओं के बदलने पर किये जाते हैं
(ग) सभी में संगीत एक सामान रहता है
(घ) एक गोलाई में नर्तक हाथ मे हाथ मिलाए तरह-तरह के करतब दिखाते हैं
उत्तर – (घ) एक गोलाई में नर्तक हाथ मे हाथ मिलाए तरह-तरह के करतब दिखाते हैं
प्रश्न 3 – टिप्पणी नृत्य क्या है?
(क) गुजरात का समूह नृत्य
(ख) फसल की कटाई के बाद किया जाने वाला नृत्य
(ग) खलिहान में किया जाने वाला नृत्य
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (क) गुजरात का समूह नृत्य
प्रश्न 4 – निशि कहाँ का लोक नृत्य है?
(क) हिमाचल प्रदेश
(ख) मध्य प्रदेश
(ग) अरुणाचल प्रदेश
(घ) आंध्र प्रदेश
उत्तर – (ग) अरुणाचल प्रदेश
प्रश्न 5 – किन्नौरी लोक नृत्य कहाँ का प्रसिद्ध लोक नृत्य है?
(क) हिमाचल प्रदेश
(ख) मध्य प्रदेश
(ग) अरुणाचल प्रदेश
(घ) आंध्र प्रदेश
उत्तर – (क) हिमाचल प्रदेश
5 –
भारतीय कलाएँ लोक से शास्त्राीय रूप तक अचानक नहीं पहुँची हैं। वर्षों इनके बीच संवाद होता रहा है। आज के मंचों या फिल्मों में जो संगीत या नृत्य मिलता है उनमें दोनों का मिला-जुला रूप अधिक दिखाई पड़ता है। हमारा ध्यान इस पर भी जरूर जाना चाहिए कि हरेक राज्य में सभी कलाओं के बीच भी एक अंतर्संबंध् दिखेगा। उत्तर भारत में बाँस नृत्य, बाँस क्राफ्रट कला या फिर बाँस के वाद्य यंत्र इसके उदाहरण हैं। ध्यान देने की बात यह भी है कि सभी कलाएँ धीरे-धीरे समूह से व्यक्ति कला का रूप धरण करती गई हैं। इसका कारण निश्चित रूप से व्यवसाय भी रहा। सभी लोक नृत्यों में साथ-साथ एक ताल में पैरों का उठना, हाथों का एक-दूसरे से जुड़ना अपने आप में भारत की अद्भुत साहचर्य और प्रेमभावना के संकेत हैं। क्या यह अनायास रूप से कलाओं में आया होगा? समूचा मानव जीवन, समूची प्रकृति क्या अनायास ही कला का विषय बने होंगे? इनका संबंध् भारत की प्रेम भावना के साथ-साथ भारतीय संस्कृति में निहित वसुधैव कुटुंबकम की भावना से भी अवश्य होगा। यही कारण है कि यहाँ की कलाओं का मुरीद आज पूरा विश्व है।
प्रश्न 1 – आज के मंचों या फिल्मों में जो संगीत या नृत्य मिलता है उनमें किन दोनों का मिला-जुला रूप अधिक दिखाई पड़ता है?
(क) लोक और सामाजिक कलाएं
(ख) लोक और शास्त्रीय कलाएं
(ग) सामाजिक और शास्त्रीय कलाएं
(घ) लोक और जनजातीय कलाएं
उत्तर – (ख) लोक और शास्त्रीय कलाएं
प्रश्न 2 – सभी कलाएँ धीरे-धीरे समूह से व्यक्ति कला का रूप धरण करती गई हैं। इसका कारण क्या है?
(क) व्यवसाय
(ख) खेती-बाड़ी
(ग) राजा व् साम्राज्य
(घ) लोक व् समाज
उत्तर – (क) व्यवसाय
प्रश्न 3 – सभी लोक नृत्यों में साथ-साथ एक ताल में पैरों का उठना, हाथों का एक-दूसरे से जुड़ना किसके संकेत हैं?
(क) अपने आप में भारत की अद्भुत साहचर्य के
(ख) अपने आप में भारत की अद्भुत प्रेमभावना के
(ग) अपने आप में भारत की अद्भुत साहचर्य और प्रेमभावना के
(घ) केवल (क)
उत्तर – (ग) अपने आप में भारत की अद्भुत साहचर्य और प्रेमभावना के
प्रश्न 4 – किस कारण भारतीय कलाओं का मुरीद आज पूरा विश्व है?
(क) भारत की प्रेम भावना के
(ख) भारतीय संस्कृति में निहित वसुधैव कुटुंबकम की भावना के
(ग) भारत की अद्भुत साहचर्य के
(घ) उपरोक्त सभी
उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न 5 – भारतीय कलाएँ लोक से शास्त्राीय रूप तक कैसे पहुँची हैं?
(क) वर्षों इनके बीच संवाद होता रहा है
(ख) वर्षों इनके बीच संघर्ष होता रहा है
(ग) वर्षों इनके बीच फेर-बदल होता रहा है
(घ) वर्षों इनके बीच बदलाव होता रहा है
उत्तर – (क) वर्षों इनके बीच संवाद होता रहा है
Also See :
Hindi Vitan Bhag 1 Book Question Answers
- भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ – लता मंगेशकर Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 1
- राजस्थान की रजत बूंदें Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 2
- आलो आँधारि Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 3
Hindi Vitan Bhag 1 Book Lessons
- भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ – लता मंगेशकर पाठ सार Class 11 Chapter 1
- राजस्थान की रजत बूंदें पाठ सार Class 11 Chapter 2
- आलो आँधारि पाठ सार Class 11 Chapter 3
Hindi Aroh Bhag 1 Book Lessons
- नमक का दरोगा Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 1
- नमक का दरोगा पाठ सार Class 11 Chapter 1
- मियाँ नसीरुद्दीन Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 2
- मियाँ नसीरुद्दीन पाठ सार Class 11 Chapter 2
- अपू के साथ ढाई साल Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 3
- अपू के साथ ढाई साल पाठ सार Class 11 Chapter 3
- विदाई संभाषण Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 4
- विदाई संभाषण पाठ सार Class 11 Chapter 4
- गलता लोहा Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 5
- गलता लोहा पाठ सार Class 11 Chapter 5
- रजनी Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 6
- रजनी पाठ सार Class 11 Chapter 6
- जामुन का पेड़ Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 7
- जामुन का पेड़ पाठ सार Class 11 Chapter 7
- भारत माता Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 8
- भारत माता पाठ सार Class 11 Chapter 8
- कबीर के पद Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 9
- कबीर के पद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 9
- मीरा के पद Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 10
- मीरा के पद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 10
- घर की याद Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 11
- घर की याद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 11
- चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 12
- चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 12
- ग़ज़ल Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 13
- ग़ज़ल पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 13
- वचन Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 14
- वचन पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 14
- सबसे खतरनाक Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 15
- सबसे खतरनाक पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 15
- आओ मिलकर बचाएँ Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 16
- आओ मिलकर बचाएँ पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 16
Hindi Abhivyakti Aur Madhyam Book Lessons
- जनसंचार माध्यम पाठ सार Class 11 Chapter 1
- जनसंचार माध्यम Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 1
- पत्रकारिता के विविध आयाम पाठ सार Class 11 Chapter 2
- पत्रकारिता के विविध आयाम Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 2
- डायरी लिखने की कला आयाम पाठ सार Class 11 Chapter 9
- डायरी लिखने की कला Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 9
- कथा-पटकथा पाठ सार Class 11 Chapter 10
- कथा-पटकथा Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 10
- कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया पाठ सार Class 11 Chapter 14
- कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 14