CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag 1 Book Chapter 2 मियाँ नसीरुद्दीन Summary
इस पोस्ट में हम आपके लिए CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag 1 Book के Chapter 2 मियाँ नसीरुद्दीन का पाठ सार लेकर आए हैं। यह सारांश आपके लिए बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे आप जान सकते हैं कि इस कहानी का विषय क्या है। इसे पढ़कर आपको को मदद मिलेगी ताकि वे इस कहानी के बारे में अच्छी तरह से समझ सकें। Miya Nasiruddin Summary of CBSE Class 11 Hindi Aroh Bhag-1 Chapter 2.
Also See : मियाँ नसीरुद्दीन Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 2
मियाँ नसीरुद्दीन पाठ सार (Miya Nasiruddin Summary)
मियाँ नसीरुद्दीन अध्याय को “हम हशमत” नामक संग्रह से लिया गया हैं। जिसकी लेखिका “कृष्णा सोबती” हैं। इसमें खानदानी नानबाई मियाँ नसीरुद्दीन के व्यक्तित्व, रुचियों और स्वभाव का शब्दचित्र खींचा गया है। मियाँ नसीरुद्दीन अपने मसीहाई अंदाश से रोटी पकाने की कला और उसमें अपने खानदानी महारत को बताते हैं। वे ऐसे इनसान का भी प्रतिनिध्त्वि करते हैं जो अपने पेशे को कला का दर्जा देते हैं और काम करके सीखने को असली हुनर मानते हैं।
लेखिका कहती हैं कि एक ओर जहाँ दिल्ली में राजनीति, साहित्य और कला के हुनरमंद व प्रतिभाशाली लोग रहते हैं। वही दूसरी ओर इसी दिल्ली में एक खानदानी व हुनरमंद नानबाई (छप्पन किस्म की तंदूर रोटी बनाने में निपुण व्यक्ति) मियाँ नसीरुद्दीन भी रहते हैं। मियाँ नसीरुद्दीन को अपने खानदान व खानदानी पेशे पर बहुत नाज हैं । और वो अपने काम के प्रति पूरी तरह से समर्पित हैं।
लेखिका कहती हैं कि जब वो एक दिन दोपहर के वक्त जामामस्जिद के आड़ा पड़े मटिया महल के गढ़ैया मोहल्ले की तरफ से गुजरी तो, वहां एक अंधेरी व छोटी सी दुकान पर आटे का ढेर सनता देख लेखिका ने सोचा कि शायद दुकान में सिवानियाँ बनाने की तैयारी चल रही होगी। मगर पूछने पर पता चला की यह दुकान तो खानदानी नानबाई मियां नसीरुद्दीन की हैं जो छप्पन प्रकार के नान बनाने के लिए मशहूर हैं।
लेखिका ने जब दुकान के अंदर झाँक कर देखा तो मियां नसीरुद्दीन चारपाई में बैठे बीड़ी का मजा ले रहे थे। उनके चेहरे पर उनकी उम्र व काम का अनुभव साफ-साफ़ झलक रहा था। लेखिका को ग्राहक समझकर मियां नसीरुद्दीन ने उनकी तरफ देख कर पूछा “क्या चाहिए”। लेखिका ने जब उनसे कहा कि वो उनसे कुछ सवाल पूछना चाहती हैं तो मियां नसीरुद्दीन ने उनकी तरफ किसी पंचहजारी यानि 5000 सैनिकों के सेनापति की तरह देखा अर्थात अकड़ कर देखा। फिर वो बोले कहीं आप अखबार वाले तो नहीं हैं क्योंकि मियां नसीरुद्दीन अखबार बनाने वाले और अखबार पढ़ने वाले, दोनों को ही निठ्ठला समझते हैं। लेखिका के मना करने पर उन्होंने लेखिका से प्रश्न पूछने को कहा। इस पर लेखिका प्रश्न पूछती हैं कि उन्होंने इतने प्रकार की रोटियों को बनाने का हुनर कहां से सीखा।
इस पर वो थोड़ा उखड़ कर कहते हैं कि रोटियाँ बनाने का हुनर हमने कही से नहीं सीखा। यह तो हमारा खानदानी पेशा है। हमने जो भी सीखा अपने पिता और दादा से सीखा। और उनकी मृत्यु के बाद हम दुकान में बैठने लगे। इसके बाद मियां नसरुद्दीन अपने दादा व पिता के नाम बताते हुए कहते हैं कि वो अनेक प्रकार की रोटियाँ बनाने के लिए बहुत मशहूर थे। लेखिका जब उनसे पूछती हैं कि क्या अपने पिता या दादा की कोई नसीहत उनको याद है। इस पर वो जवाब देते हुए कहते हैं कि “काम करने से आता हैं नसीहतों से नहीं” ।
वो अपनी इस बात को एक उदाहरण के जरिए लेखिका को समझाते हुए कहते हैं कि बच्चा जब उस्ताद के साथ पढ़ने बैठता है तो वह उस्ताद की कही हुई बातों को दोहराता रहता है मगर थोड़ी सी गलती होने पर उस्ताद की मार भी खाता है। और इस तरह वह धीरे-धीरे चीजों को सही तरीके से सीखता चला जाता है। इसके बाद वो कहते हैं कि एक दूसरी तरह की पढ़ाई भी होती है। लेखिका के यह पूछने पर कि दूसरी तरह की पढ़ाई कौन सी होती है। अब मियां नसीरुद्दीन थोड़े दार्शनिक अंदाज में बताते हैं कि अगर किसी बच्चे का मदरसे में जाकर सीधे तीसरी कक्षा में दाखिला करा दिया तो, वह बच्चा पहली व दूसरी कक्षा की शिक्षा कैसे हासिल करेगा। पहली व दूसरी कक्षाओं की शिक्षा ग्रहण करने के लिए उसे उन कक्षाओं में बैठकर पढ़ना पड़ेगा। इसी तरह मैंने भी शुरुआत में बर्तन धोना, भट्टी जलाना आदि सीखा। फिर नानबाई बनने का हुनर सीखा। वो कहते हैं कि “तालीम की तालीम” भी बड़ी चीज होती है। यहां पर “तालीम की तालीम” से मतलब हैं कि किसी हुनर को सीखने के लिए लिये जाने वाले प्रशिक्षण के दौरान कैसा शिक्षण हुआ। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षण भी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि शिक्षक व शिक्षा दोनों गुणवत्तापूर्ण होंगें तो, प्रशिक्षण भी अच्छा ही होगा।
लेखिका के शहर के और नानबाईयों के बारे में पूछने पर मियां नसीरुद्दीन जोश में आकर कहते हैं कि “शहर में हैं तो बहुत सारे नानबाई , मगर खानदानी कोई नहीं है”। फिर वो अपने बुजुर्गों की प्रशंशा करते हुए कहते हैं कि उनके बुजुर्गों से बादशाह सलामत ने कहा कि मियां कोई ऐसी नई चीज बना कर खिला सकते हो, जो ना तो आग में पके और न ही पानी से पके ।
लेखिका ने बड़ी हैरान से मियां नसीरुद्दीन से पूछा कि क्या आपके बुजुर्गों से ऐसी कोई चीज बनी? मियां नसीरुद्दीन बोले क्यों ना बनती साहेब, बनी भी और बादशाह सलामत ने खूब खाई और खूब सराही भी। लेखिका के बार-बार उस पकवान का नाम पूछने पर वो पकवान का नाम बताने पर आनाकानी करने लगे।
मगर मियां नसीरुद्दीन ने बड़े गर्व के साथ यह जरूर बताया कि “खानदानी नानबाई तो कुँए में भी रोटी बना सकता है”। यह कहावत कब बनाई गई होगी, यह तो मियां नसीरुद्दीन को पता नहीं था। मगर उनके अनुसार यह कहावत उनके बुजुर्गो के करतब पर बिल्कुल खरी उतरती हैं।
लेखिका ने मियां नसीरुद्दीन से अगला सवाल किया कि आपके बुजुर्गों ने किस बादशाह के यहाँ शाही खानसामे का काम किया था। वो इस प्रश्न का जबाब देने के बजाय टालने लगते हैं। लेकिन लेखिका के यह कहने पर कि अगर वो दिल्ली के उस बादशाह का नाम बता देते जिनके यहाँ उनके बुजुर्गों ने काम किया हैं तो वो “वक्त से वक्त” मिला लेती। यहां पर “वक्त से वक्त” मिलाने का मतलब यह हैं कि अगर उन्हें बादशाह का नाम पता चल जाता तो, वो आसानी से यह पता कर सकती थी कि कौन से वर्ष में उनके बुजुर्गों ने बादशाह के यहाँ काम किया होगा। इस प्रश्न का जबाब वो जरा चिढ़कर देते हुए कहते हैं कि “वक्त को वक्त” से किसी ने मिलाया हैं आजतक। खैर उस बादशाह का नाम था “जहाँपना बादशाह सलामत”।
लेखिका के यह कहने पर कि कही वो बादशाह, बहादुर शाह जफर तो नहीं थे। वो नाराज होते हुए कहते हैं कि यही लिख लीजिए। आपको कौन से उनके नाम चिट्ठी भेजनी है जो एकदम सही पता चाहिए। इसके बाद वो अपने कारीगर को आवाज लगाते हैं। लेखिका के यह पूछने पर कि क्या ये आपके शागिर्द हैं। उन्होंने जबाब दिया नहीं ये उनके कारीगर हैं जिनको वो दो रुपए मन आटा और चार रुपए मन मैदा गूँदने के देते हैं। लेखिका ने जब मियां नसीरुद्दीन से यह जानना चाहा कि वो कितने प्रकार की रोटी बनाते हैं। इसके जबाब में वो कई प्रकार की रोटियों के नाम बताते हैं। फिर पुरानी बातों को याद करते हुए कहते हैं कि कभी लोग उनकी रोटियों के कद्रदान हुआ करते थे। अब वो बात नहीं रही। अब तो लोग आते हैं, खाते हैं और रोटियों को पचा देते हैं। यहाँ मियां नसीरुद्दीन पुराने लोगों द्वारा उनकी रोटियों की, की जाने वाली तारीफ़ को याद कर रहे हैं। उनके अनुसार अब लोगों को रोटियों की कद्र नहीं रही है।
Also See :
Hindi Aroh Bhag 1 Book Lessons
- नमक का दरोगा Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 1
- नमक का दरोगा पाठ सार Class 11 Chapter 1
- मियाँ नसीरुद्दीन पाठ सार Class 11 Chapter 2
- अपू के साथ ढाई साल Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 3
- अपू के साथ ढाई साल पाठ सार Class 11 Chapter 3
- विदाई संभाषण Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 4
- विदाई संभाषण पाठ सार Class 11 Chapter 4
- गलता लोहा Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 5
- गलता लोहा पाठ सार Class 11 Chapter 5
- रजनी Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 6
- रजनी पाठ सार Class 11 Chapter 6
- जामुन का पेड़ Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 7
- जामुन का पेड़ पाठ सार Class 11 Chapter 7
- भारत माता Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 8
- भारत माता पाठ सार Class 11 Chapter 8
- कबीर के पद Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 9
- कबीर के पद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 9
- मीरा के पद Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 10
- मीरा के पद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 10
- घर की याद Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 11
- घर की याद पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 11
- चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 12
- चंपा काले-काले अच्छर नहीं चीन्हती पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 12
- ग़ज़ल Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 13
- ग़ज़ल पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 13
- वचन Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 14
- वचन पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 14
- सबसे खतरनाक Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 15
- सबसे खतरनाक पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 15
- आओ मिलकर बचाएँ Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 16
- आओ मिलकर बचाएँ पाठ सार और व्याख्या Class 11 Chapter 16
Hindi Vitan Bhag 1 Book Lessons
- भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ – लता मंगेशकर पाठ सार Class 11 Chapter 1
- भारतीय गायिकाओं में बेजोड़ – लता मंगेशकर Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 1
- राजस्थान की रजत बूंदें पाठ सार Class 11 Chapter 2
- राजस्थान की रजत बूंदें Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 2
- आलो आँधारि पाठ सार Class 11 Chapter 3
- आलो आँधारि Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 3
- भारतीय कलाएं पाठ सार Class 11 Chapter 4
- भारतीय कलाएं Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 4
Hindi Abhivyakti Aur Madhyam Book Lessons
- जनसंचार माध्यम पाठ सार Class 11 Chapter 1
- जनसंचार माध्यम Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 1
- पत्रकारिता के विविध आयाम पाठ सार Class 11 Chapter 2
- पत्रकारिता के विविध आयाम Question Answers| NCERT Solutions Class 11 Chapter 2
- डायरी लिखने की कला आयाम पाठ सार Class 11 Chapter 9
- डायरी लिखने की कला Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 9
- कथा-पटकथा पाठ सार Class 11 Chapter 10
- कथा-पटकथा Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 10
- कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया पाठ सार Class 11 Chapter 14
- कार्यालयी लेखन और प्रक्रिया Question Answers | NCERT Solutions Class 11 Chapter 14