Silver Wanding Question Answers

 

CBSE Class 12 Hindi Vitan Bhag 2 Book Chapter 1 सिल्वर वैंडिंग Question Answers 

 

Silver Wedding Class 12 – CBSE Class 12 Hindi Vitan Bhag-2 Chapter 1 Silver Wedding Question Answers. The questions listed below are based on the latest CBSE exam pattern, wherein we have given NCERT solutions of the chapter, extract based questions, multiple choice questions, short and long answer questions. 

 सीबीएसई कक्षा 12 हिंदी वितान भाग-2 पुस्तक पाठ 1 सिल्वर वैंडिंग प्रश्न उत्तर | इस लेख में NCERT की पुस्तक के प्रश्नों के उत्तर  तथा महत्वपूर्ण प्रश्नों का व्यापक संकलन किया है। 

 Also See : सिल्वर वैंडिंग पाठ सार Class 12 Chapter 1

Silver Wedding Question and Answers (सिल्वर वैंडिंग प्रश्नअभ्यास )

 

प्रश्न 1 – यशोधर बाबू की पत्नी समय के साथ ढल सकने में सफल होती है, लेकिन यशोधर बाबू असफल रहते हैं। ऐसा क्यों? चर्चा कीजिए।

उत्तरयशोधर बाबू के मातापिता का देहांत उनके बचपन में ही हो गया था। वे बचपन से ही जिम्मेदारियों के बोझ से लद गए थे। उनका पालनपोषण उनकी विधवा बुआ ने किया था। अपनी मैट्रिक होने के बाद जब वे दिल्ली आए तब किशन दा जैसे कुंआरे के पास रहे। इस तरह बचपन से युवा अवस्था तक वे हमेशा  पुरानी विचारधारा के लोगों के साथ रहे, पले और बढ़े। अत: उनके मन पर पुरानी परंपराओं का ऐसा रंग चढ़ा की वे उन परम्पराओं को छोड़ नहीं सके। सबसे अधिक प्रभाव उन पर किशन दा के सिद्धांतों का हुआ। इन सब कारणों के कारण यशोधर बाबू समय के साथ बदलने में असफल रहते हैं। परन्तु इसके विपरीत दूसरी तरफ, उनकी पत्नी भले ही पुराने संस्कारों की थीं। और वे एक संयुक्त परिवार में आई थीं जहाँ उन्हें कभी सुखद अनुभव नहीं हुआ। उनकी इच्छाएँ अतृप्त रहीं। उन्हें जबरदस्ती उन रीति रिवाजों को अपनाना पड़ता था जो किसी बुजुर्ग महिला के लिए थे। वे हमेशा मातृ सुलभ प्रेम के कारण अपनी संतानों का पक्ष लेती हैं और अपनी बेटी के कहने पर समय के साथ बदलने का निर्णय लेती हैं। कहीं कहीं उनके मन में पहले से ही पुरानी परम्पराओं के प्रति रोष था जिस कारण वह समय के साथ ढल सकने में सफल होती है।

 

प्रश्न 2 – पाठ मेंजो हुआ होगावाक्य की आप कितनी अर्थ छवियाँ खोज सकते/सकती हैं?

उत्तर – ‘जो हुआ होगावाक्यांश का प्रयोग किशनदा की मृत्यु के संदर्भ में होता है। यशोधर ने किशनदा के बरादरी में किसी से उनकी मृत्यु का कारण पूछा तो उसने जवाब दियाजो हुआ होगा अर्थात् क्या हुआ, पता नहीं। इस वाक्य की अनेक छवियाँ बनती हैं

पहला अर्थ खुद कहानीकार ने बताया है कि पता नहीं, क्या हुआ।

दूसरा अर्थ यह है कि किशनदा हमेशा अकेले रहे। उन्होंने विवाह नहीं किया। जीवन के अंतिम क्षणों में भी किसी ने उन्हें सहारा नहीं दिया, जबकि उन्होंने हमेशा से सभी को आश्रय दिया था। इस कारण उनके मन में जीने की इच्छा समाप्त हो गई होगी। क्योंकि कहानीकार ने भी जिक्र किया है कि अंतिम क्षणों में वे बुझते ही चले जा रहे थे।

तीसरा अर्थ समाज की मानसिकता है। जो किशनदा जैसे व्यक्ति का समाज के लिए कोई महत्त्व नहीं समझती। क्योंकि वे हमेशा सामाजिक नियमों के विरोध में रहे। इस कारण समाज ने भी उन्हें दरकिनार कर दिया।

 

प्रश्न 3 – ‘समहाउ इंप्रापरवाक्यांश का प्रयोग यशोधर बाबू लगभग हर वाक्य के प्रारंभ में तकिया कलाम की तरह करते हैं? इस वाक्यांश का उनके व्यक्तित्व और कहानी के कथ्य से क्या संबंध बनता है?

उत्तरयशोधर बाबूसमहाउ इंप्रॉपरवाक्यांश का प्रयोग तकिया कलाम की तरह करते हैं। उन्हें जब भी कुछ अनुचित लगता या उन्हें किसी में कोई कमियाँ नजरआती तो वे इस वाक्यांश का प्रयोग करते थे। पाठ में अनेक स्थानों परसमहाउ इंप्रॉपरवाक्यांश का प्रयोग हुआ है। जैसे

जब दफ़्तर में उनकी सिल्वर वैडिंग का वाक्य हुआ।

जब उन्हें अपने साधारण पुत्र को असाधारण वेतन मिलने पर शंका हुई।

जब उनके अपनों से उन्हें परायेपन का व्यवहार मिलने लगा।

जब डी०डी०ए० फ़्लैट का पैसा भरना उन्हें उनुचित लगा।

जब उनके बड़े पुत्र द्वारा वेतन उनके हाथ में नहीं दिया गया और जब बड़ा बेटा अपने वेतन से लाइ चीजों पर अपना एकाधिकार समझने लगा।

जब उनकी पत्नी पुराने तौरतरीकों को छोड़ कर आधुनिक बन गई।

जब घर पर उनकी सिल्वर वैडिंग पार्टी रखी गई।

जब केक काटने की विदेशी परंपरा निभाने को कहा गया।  इत्यादि।

इन सभी जगहों पर इस वाक्यांश के प्रयोग से यशोधर बाबू के व्यक्तित्व के बारे में पता चलता है कि वे जमाने के हिसाब से अप्रासंगिक हो गए हैं। यह पीढ़ियों के अंतराल को दर्शाता है। वे अपनी पीढ़ी में ही अटक कर रह गए हैं और अपने परिवार को भी उसी तरह रखने का प्रयास करते हैं।

 

प्रश्न 4 – यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशनदा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। आपके जीवन को दिशा देने में किसका महत्त्वपूर्ण योगदान है और कैसे?

उत्तरजिस तरह यशोधर बाबू की कहानी को दिशा देने में किशनदा की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। उसी तरह हमारे जीवन में भी कई महत्वपूर्ण व्यक्ति होते हैं जिनसे हम अपने जीवन की सही राह पहचानने योग्य बनते हैं। मेरे जीवन को दिशा देने में सबसे महत्त्वपूर्ण योगदान मेरे मातापिता व् गुरुओं का रहा है। उन्होंने हमेशा मुझे मेरे कठिन समय में सही राह दिखाई है। मातापिता के बाद गुरु ही ऐसे व्यक्ति होते हैं जो सभी के जीवन में मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं। अपने मातापिता व् गुरुओं की बात को जो व्यक्ति हमेशा याद रखते हैं वे जीवन के किसी भी मोड़ पर कठिनाइयों का सामना करने के लिए तैयार रहते हैं।

 

प्रश्न 5 – वर्तमान समय में परिवार की संरचना, स्वरूप से जुड़े आपके अनुभव इस कहानी से कहाँ तक सामंजस्य बिठा पाते हैं?

उत्तरवर्तमान समय में परिवार की संरचना, स्वरूप इस कहानी में दर्शाए गए परिवार के स्वरूप संरचना आज भी लगभग हर परिवार में पाई जाती है। संयुक्त परिवार आज के समय में लगभग समाप्त हो गए है। पुरानी पीढ़ी की बातों, रीति रिवाज या सलाह, नयी पीढ़ी को कुछ ख़ास महत्वपूर्ण नहीं लगती। जहाँ एक और पुराने बुजुर्ग परंपराओं के निर्वाह में विश्वास रखते हैं, वहीँ दूसरी ओर युवा पीढ़ी हर समय कुछ नया करने में विश्वास करती है। युवा पीढ़ी पुराने रीति रिवाजों को बंधन के सिवा कुछ नहीं समझती। यशोधर बाबू की तरह आज के कई मध्यवर्गीय पिता विवश हैं। वह अपने बच्चों के किसी विषय पर अपना निर्णय नहीं दे सकता। आज के आधुनिक युग में जहाँ यदि पिता बच्चों को कुछ रीतिरिवाज़ समझाना भी चाहे तो माताएँ बच्चों के समर्थन में खड़ी नजर आती हैं। आज बच्चे अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने में अधिक खुश रहते हैं। वे आधुनिक जीवन शैली को ही सब कुछ मानते हैं। लड़कियाँ फ़ैशन के अनुसार वस्त्र पहनती हैं। कहानी में यशोधर बाबू की लड़की उसी का प्रतिनिधि है। अत: यह कहना गलत नहीं होगा कि यह कहानी आज लगभग हर परिवार से सामंजस्य बिठाती है।

 

प्रश्न 6 – निम्नलिखित में से किसे आप कहानी की मूल संवेदना कहेंगे/कहेंगी और क्यों?

() हाशिए पर धकेले जाते मानवीय मूल्य

() पीढ़ी अंतराल

() पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव।

उत्तरहमारी समझ में पीढ़ी अंतराल हीसिल्वर वैडिंगशीर्षक कहानी की मूल संवेदना है। क्योंकि यशोधर बाबू और उसके बच्चों में एक पीढ़ी का अंतराल है। जहाँ यशोधर बाबू पुरानी परम्पराओं में जकड़े हुए हैं वहीँ उनके बच्चे उन परम्पराओं को कोई महत्त्व नहीं देते। इसी कारण यशोधर बाबू अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ सामंजस्य नहीं बिठा पाते हैं। यशोधर बाबू के विचार पूरी तरह से पुराने हैं जो नयी पीढ़ी के साथ कहीं भी तालमेल नहीं रखते। पीढ़ी का अंतराल और उनके विचारों का अंतराल यशोधर बाबू और उनके परिवार के सदस्यों में वैचारिक अलगाव पैदा कर देता है।

 

प्रश्न 7 – अपने घर और विद्यालय के आसपास हो रहे उन बदलावों के बारे में लिखें जो सुविधाजनक और आधुनिक होते हुए भी बुजुर्गों को अच्छे नहीं लगते। अच्छा लगने के क्या कारण होंगे?

उत्तरहमारे घर विद्यालय के आसपास निम्नलिखित बदलाव हो रहे हैं जो बुजुर्गों को अच्छे नहीं लगते

युवाओं द्वारा मोबाइल का अत्यधिक प्रयोग करना।

युवाओं द्वारा व्यायाम को कोई महत्त्व देना व् देरी से सोना व् देरी से उठना।

युवाओं द्वारा पैदल चलकर तीव्र गति से चलाते हुए मोटरसाइकिल या स्कूटर का प्रयोग करना।

लड़कियों द्वारा आधुनिक कपड़ों को अधिक महत्त्व देना।

लड़केलड़कियों का पार्क में घूमना व् सिनेमा देखना।

भोजन करने के लिए फर्श पर बैठने को नकारना।

तेज आवाज व् अंग्रेजी संगीत सुनना।

बुजुर्ग पीढ़ी को ये सभी परिवर्तन अच्छे नहीं लगते। उन्हें लगता है कि युवा पीढ़ी हमारी संस्कृति के खिलाफ़ हैं। कुछ सुविधाओं को वे स्वास्थ्य की दृष्टि से खराब मानते हैं तो कुछ उनकी परंपरा को खत्म कर रहे हैं। उनका मानना है कि महिलाओं लड़कियों को अपनी सभ्यता संस्कृति के अनुसार आचरण करना चाहिए।

 

प्रश्न 8 – यशोधर बाबू के बारे में आपकी क्या धारणा बनती है? दिए गए तीन कथनों में से आप जिसके समर्थन में हैं, अपने अनुभवों और सोच के आधार पर उसके लिए तर्क दीजिए

() यशोधर बाबू के विचार पूरी तरह से पुराने हैं और वे सहानुभूति के पात्र नहीं है।

() यशोधर बाबू में एक तरह का द्वंद्व है जिसके कारण नया उन्हें कभीकभी खींचता तो है पर पुराना छोड़ता नहीं। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है।

() यशोधर बाबू एक आदर्श व्यक्तित्व हैं और नई पीढ़ी द्वारा उनके विचारों को अपनाना ही उचित है।

उत्तरयशोधर बाबू के बारे में हमारी यही धारणा बनती है कि यशोधर बाबू में एक तरह का द्वंद्व है जिसके कारण नया उन्हें कभीकभी खींचता है पर पुराना छोड़ता नहीं, इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है। एक ओर यह सही है कि वे सिद्धांतवादी हैं परन्तु वे व्यावहारिक पक्ष भी अच्छी तरह समझते है। परन्तु सिद्धांत और व्यवहार के इस द्वंद्व में यशोधर बाबू कुछ भी निर्णय लेने में असमर्थ हैं। अपने बच्चों की तरक्की देखकर उन्हें कई बार तो पत्नी और बच्चों का व्यवहार अच्छा लगता है परन्तु दूसरे ही क्षण वे अपने सिद्धांत की ओर खींचे चले जाते हैं। इस द्वंद्व के साथ जीने के लिए वे मजबूर हैं क्योंकि चाह कर भी वे अपने आपको आधुनिकता में नहीं ढाल पा रहे हैं। उनका दफ्तरी जीवन जहाँ सिद्धांतवादी है वहीं पारिवारिक जीवन व्यवहारवादी। दोनों में सामंजस्य बिठा पाना उनके लिए लगभग असंभव है। इसलिए उन्हें सहानुभूति के साथ देखने की जरूरत है।

 

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर – (Important Question Answers)

 

प्रश्न 1 – सिल्वर वैडिंग नामक कहानी में क्या वर्णन किया गया है?

उत्तर – सिल्वर वैडिंग नामक कहानी के लेखक मनोहर श्याम जोशी जी हैं। इस कहानी के द्वारा उन्होंने पुरानी पीढ़ी व नई पीढ़ी के विचारों व जीने के तौर तरीकों के अंतर को स्पष्ट करने का सफल प्रयत्न किया है। कहानी के मुख्य पात्रों में यशोधर बाबू, उनकी पत्नी, उनके बच्चे व् किशनदा आदि शामिल हैं। एक और जहाँ यशोधर बाबू पुराने ख्यालात के व्यक्ति हैं जो अपने परंपरागत आदर्शों और अपने संस्कारों को जीवित रखना चाहते है वहीँ दूसरी ओर उनके बच्चे नए जमाने के हिसाब से जीवन जीने में विश्वास रखते है। कहानी में भी इसी नई पीढ़ी व् पुरानी पीढ़ी के बीच के द्वंद्व को दर्शाया गया है। 

 

प्रश्न 2 – यशोधर बाबू अपनी घड़ी को सही और दफ़्तर की घड़ी को सुस्त क्यों कहते हैं?

उत्तर – यशोधर बाबू जो की सेक्शन ऑफिसर हैं वे अपने दफ़्तर की पुरानी दीवार घड़ी पर नजर दौड़ाते हैं जो पाँच बजकर पच्चीस मिनट बजा रही थी। उसके बाद वे अपनी कलाई घड़ी को देखते हैं जिसमें साढ़े पाँच बज रहे थे। यशोधर बाबू अपनी घड़ी रोजाना सुबह-शाम रेडियो समाचारों से मिलाते हैं इसलिए उन्होंने अपने दफ़्तर की घड़ी को ही सुस्त ठहराया। वैसे तो उनका ऑफिस पाँच बजे ही समाप्त हो जाता था किन्तु यशोधर बाबू के कारण सभी को पांच बजे के बाद भी दफ़्तर में बैठना पड़ता हैं। चलते-चलते उन्होंने व्यंग्य कसते हुए कहा कि ऑफिस के लोगों की देखादेखी में सेक्शन की घड़ी भी सुस्त हो गई है! 

 

प्रश्न 3 – चड्डा के साथ बहस में यशोधर बाबू को किशनदा की याद क्यों आई?

उत्तर – जब चलते-चलते यशोधर बाबू ने व्यंग्य कसते हुए कहा कि ऑफिस के लोगों की देखादेखी में सेक्शन की घड़ी भी सुस्त हो गई है! तब उनकी पुरानी कलाई घडी पर चड्डा ने व्यंग्य करते हुए कहा कि क्या उनकी अपनी चूनेदानी वक्त सही देती है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि मिनिट-टू-मिनिट करेक्ट चलती है। जब उन्हें डिजिटल घड़ी लेने की सलाह दी गई तब उन्होंने बताया कि उनकी यह घड़ी उनकी शादी का उपहार है। इस तरह जब वे नहले पर दहला जवाब दे रहे थे तब उन्हें किशनदा की याद आ गई। क्योंकि इस तरह की परंपरा किशनदा के क़्वार्टर में भी थी। 

 

प्रश्न 4 – किशनदा का व्यक्तित्व कैसा था?

उत्तर – किशनदा कुँआरे थे और पहाड़ से आए हुए न जाने कितने लड़के ठीक-ठिकाना होने से पहले उनके यहाँ रह जाते थे। यशोधर बाबू भी जिस समय दिल्ली आए थे उनकी उम्र सरकारी नौकरी के लिए कम थी। तब किशनदा ने उन्हें मैस का रसोइया बनाकर रख लिया। यही नहीं, उन्होंने यशोधर बाबू को पचास रूपये उधार भी दिए थे ताकि वह अपने लिए कपड़े बनवा सके और गाँव पैसा भेज सके। बाद में किशनदा ने ही अपने ही नीचे नौकरी दिलवाई और दफ़्तरी जीवन में उनका मार्ग-दर्शन भी किया। 

 

प्रश्न 5 – सिल्वर वैडिंग की पार्टी देने पर यशोधर बाबू की क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर – शादी के बारे में पूछने पर यशोधर बाबू ने बताया कि उनकी शादी सिक्स्थ फरवरी नाइंटिन फोर्टी सेवन में हुई थी। जब एक कर्मचारी ने हिसाब लगाया तो पता कि आज तो उनकी ‘सिल्वर वैडिंग’ है। सभी के जोर देने पर न चाहते हुए भी यशोधर बाबू ने तीस रूपए चाय पार्टी के लिए दिए परन्तु खुद उस पार्टी में शामिल नहीं हुए क्योंकि चाय-पानी और गप्प-गप्पाष्टक में वक्त बरबाद करना किशनदा की परंपरा के विरुद्ध है। 

 

प्रश्न 6 – यशोधर बाबू दफ़्तर पैदल क्यों जाते थे? 

उत्तर – वैसे तो यशोधर बाबू अपने बटुए में सौ-डेढ़ सौ रुपये हमेशा रखते हैं परन्तु उनका दैनिक खर्च बिलकुल न के बराबर है। क्योंकि पहले तो गोल मार्केट से ‘सेक्रेट्रिएट’ तक वे साइकिल में आते-जाते थे, मगर अब पैदल आने-जाने लगे हैं क्योंकि उनके बच्चों को उनका साइकिल-सवार होना सख्त नागवार है। बच्चों के अनुसार साइकिल तो चपरासी चलाते हैं। स्कूटर उन्हें पसंद नहीं और कार वे ‘अफोर्ड’ नहीं कर सकते। 

 

प्रश्न 7 – यशोधर बाबू का रोज की क्या दिनचर्य थी?

उत्तर – यशोधर बाबू रोज दफ्तर से बिड़ला मंदिर जाते हैं और उसके उद्यान में बैठकर प्रवचन सुनते हैं। यह बात उनके पत्नी-बच्चों को अच्छी नहीं लगती। क्योंकि उनके अनुसार वे इतने बुड्डे नहीं हैं कि रोज़-रोज़ मंदिर जाएँ, इतने ज़्यादा व्रत करें। बिड़ला मंदिर से यशोधर बाबू पहाड़गंज जाते हैं और घर के लिए साग-सब्जी खरीद लाते हैं। ये सब काम निपटाते हुए वे घर आठ बजे से पहले नहीं पहुँचते। यशोधर बाबू का अपनी पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात में मतभेद होने लगा है और इसी वजह से वह घर जल्दी लौटना पसंद नहीं करते। 

 

प्रश्न 8 – यशोधर बाबू के बच्चों व् पत्नी के बारे में बताइए?

उत्तर – यशोधर बाबू का बड़ा लड़का एक प्रमुख विज्ञापन संस्था में नौकरी कर रहा है। यशोधर बाबू को अपने साधारण पुत्र को असाधारण वेतन देने वाली यह नौकरी कुछ समझ में आती नहीं। दूसरा बेटा आई.ए.एस. की तैयारी कर रहा है, तीसरा बेटा स्कालरशिप लेकर अमरीका चला गया है और उनकी एकमात्र बेटी भी डाक्टरी की उच्चतम शिक्षा के लिए स्वयं भी अमरीका जाना चाहती है। यशोधर बाबू एक ओर तो बच्चों की इस तरक्की से खुश होते हैं वहीँ दूसरी और अनुभव करते हैं कि वह खुशहाली भी कैसी जो अपनों में परायापन पैदा करे। यशोधर बाबू की पत्नी अपने मूल संस्कारों से किसी भी तरह आधुनिक नहीं है परन्तु बच्चों की तरफदारी करने की मातृसुलभ मजबूरी ने उन्हें भी मॉड बना डाला है। धर्म-कर्म, कुल-परंपरा सबको ढोंग-ढकोसला कहकर घरवाली आधुनिकाओं-सा आचरण करती है तो यशोधर बाबू ‘शानयल बुढ़िया’, ‘चटाई का लँहगा’ या ‘बूढ़ी मुँह मुँहासे, लोग करें तमासे’ कहकर उसके विद्रोह को मजाक में उड़ा देना चाहते हैं, अनदेखा कर देना चाहते हैं लेकिन यह स्वीकार करने को बाध्य भी हो जाते हैं कि तमाशा स्वयं उनका बन रहा है। 

 

प्रश्न 9 – यशोधर बाबू के बच्चों व् पत्नी को उनका परिवार के लिए एकतरफा लगाव अच्छा नहीं लगता। क्यों? 

उत्तर – यशोधर बाबू ने जब गीता महिमा की व्याख्या में जनार्दन शब्द सुना तो उन्हें अपने जीजा जनार्दन जोशी की याद हो आई। परसों ही कार्ड आया था कि उनकी तबीयत खराब है। यशोधर बाबू सोचने लगे कि जीजाजी का हाल पूछने अहमदाबाद जाना ही होगा। परन्तु उनके बच्चों व् पत्नी को उनका परिवार के लिए एकतरफा लगाव अच्छा नहीं लगता। पत्नी का कहना है कि यशोधर जी का स्वयं का देखा हुआ कुछ नहीं है। माँ के मर जाने के बाद छोटी-सी उम्र में वह गाँव छोड़कर अपनी विधवा बुआ के पास अल्मोड़ा आ गए थे। बुआ का कोई ऐसा लंबा-चौड़ा परिवार तो था नहीं जहाँ कि यशोधर जी कुछ देखते और परंपरा के रंग में रंगते। मैट्रिक पास करते ही वह दिल्ली आ गए और यहाँ रहे कुँआरे कृष्णानंद जी के साथ। कुँआरे की गिरस्ती में देखने को होता क्या है? परन्तु यशोधर बाबू कहते हैं कि जब उन्होंने बच्चों व् पत्नी के आधुनिक होने पर रोक-टोक नहीं कि तो उन लोगों को भी उनके जीने के ढंग पर कोई एतराज़ होना नहीं चाहिए।

 

प्रश्न 10 – यशोधर बाबू अपने बच्चों से क्या उम्मीद रखते हैं? क्या उनके बच्चे उस उम्मीद पर खरा उतरते हैं?

उत्तर – यशोधर बाबू को भी हर पिता की तरह यह अच्छा लगता अगर उनके बेटे बड़े होने पर घर की कुछ जिम्मेदारी अपने पिता से छुड़वा कर खुद करने का प्रस्ताव रखते जैसे कि दूध लाना, राशन लाना, सीजी. एच. एस. डिस्पेंसरी से दवा लाना, सदर बाजार जाकर दालें लाना, पहाड़गंज से सब्जी लाना, डिपो से कोयला लाना। खुद से तो कभी उनके बच्चों ने जिम्मेदारी उठाना मुनासिब नहीं समझा और जब यशोधर बाबू ने खुद बेटों से कहा तब उनके बेटे एक-दूसरे से काम करने को कहने लगे। घर में इतना कलेश हुआ कि यशोधर बाबू ने इस विषय पर बात करना ही बंद कर दिया। यशोधर बाबू भी चाहते कि उनका बेटा अपना वेतन उनके हाथों में रखे या झूठे ही सही एक बार यह कह तो दे। परन्तु इसके विपरीत यदि उसके किसी काम में यशोधर बाबू कोई नुक्स निकालते तो वह कह देता कि यह काम मैं अपने पैसे से करने को कह रहा हूँ, आपके से नहीं जो आप नुक्ताचीनी करें।

 

प्रश्न 11 – पाठ में ऐसा क्यों लगता है कि यशोधर बाबू के बड़े बेटे को पैसों का घमंड आ गया है?

उत्तर – जब से यशोधर बाबू का बेटा विज्ञापन कंपनी में बड़ी नौकरी करने लगा है तब से ऐसा मालूम होता है जैसे उसे अपने पैसों पर घमंड आ गया हो। क्योंकि वह यशोधर बाबू से घर के कामों को करने के लिए नौकर रखने की बात करता है और उसकी तनख्वाह भी वह स्वयं देगा इस तरह रौब दिखता है। अपना वेतन वह अपने ढंग से वह घर पर खर्च कर रहा है। कभी कारपेट बिछवा रहा है, कभी पर्दे लगवा रहा है। कभी सोफा आ रहा है कभी डनलपवाला डबल बैड और सिंगार मेज़। कभी टी. वी., कभी फ्रिज। यशोधर बाबू भी चाहते कि उनका बेटा अपना वेतन उनके हाथों में रखे या झूठे ही सही एक बार यह कह तो दे। परन्तु इसके विपरीत यदि उसके किसी काम में यशोधर बाबू कोई नुक्स निकालते तो वह कह देता कि यह काम मैं अपने पैसे से करने को कह रहा हूँ, आपके से नहीं जो आप नुक्ताचीनी करें। 

 

प्रश्न 12 – यशोधर बाबू को क्यों लगा कि वे गलत घर में आ गए हैं? और उनकी क्या प्रतिक्रिया थी?

उत्तर – जब यशोधर बाबू सब्जी का झोला लेकर अपने क़्वार्टर पहुंचे तो  क़्वार्टर के बाहर कार, कुछ स्कूटर-मोटर साइकिल, बहुत से लोग विदा ले-दे रहे थे। बाहर बरामदे में रंगीन कागज़ की झालरें और गुब्बारे लटके हुए थे और रंग-बिरंगी रोशनियाँ जली हुई थीं। एक पल के लिए उन्हें लगा कि वे गलत घर आ गए हैं किन्तु अपने बड़े बेटे भूषण को पहचान लिया किन्तु उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि उनके घर में यह क्या हो रहा है। उनकी बेटी, पत्न्नी और सभी मेहमान यशोधर बाबू को आधुनिक किस्म के लग रहे थे। इन आधुनिक किस्म के अजनबी लोगों की भीड़ देखकर यशोधर बाबू अँधेरे में ही दुबके रहे। और जब सभी कार वाले मेहमान चले गए तब वे अपने घर में दाखिल हुए और देखा कि भीतर अब भी पार्टी चल रही थी। 

 

प्रश्न 13 – यशोधर बाबू को उनके बेटे ने जब तौफा दिया तो उनकी आँखों की नमी क्यों स्पष्ट नहीं थी?

उत्तर – यशोधर बाबू की दृष्टि जब मेज़ पर रखे कुछ पैकेटों पर पड़ी। तो उन्हें लगा कि कोई अपना सामान भूल गया है लेकिन जब उनके बेटे ने कहा कि ये तोफे आपके लिए हैं तो वे शर्माते हुए बोले कि इस उम्र में वे तोफों का क्या करेंगे। तुम सभी खोल लो और इस्तेमाल कर ले। तब भूषण ने सबसे बड़ा पैकेट उठाकर उसे खोलते हुए कहा कि यह तोफा वह उनके लिए लाया है। इसको तो ले लीजिए। इसमें ऊनी ड्रेसिंग गाउन है। जब वे सवेरे दूध लेने जाते हैं तो फटा पुलोवर पहन के चले जाते हैं, वह बहुत ही बुरा लगता है। जब बेटी के आग्रह पर उन्होंने उस गाउन को पहना। तो उनकी आँखों की कोर में जरा-सी नमी चमक गई। लेकिन यह कहना मुश्किल है कि इस समय उन्हें कौन सी बात चुभ गई थी। क्या उन्हें इस बात का बुरा लगा होगा कि उनका बेटा उन्हें गाउन पहनकर दूध लेने जाने को कह रहा है न कि यह कि कल से वह दूध लाने जाएगा वे आराम करे। या उन्हें इस गाउन को पहनकर किशनदा के उस अकेलेपन का एहसास हो रहा था जिसका किशनदा ने अपने आखरी दिनों में किया होगा क्योंकि आज उन्हें अपना पूरा परिवार उन्हें छोड़कर आधुनिक लग रहा था और वे अपने आपको बहुत अकेला महसूस कर रहे थे।

 

प्रश्न 14 – यशोधर बाबू को अपने बेटे से शिकायतें होते हुए भी उन्हें किस  बात की ख़ुशी होती है? उदाहरण दे कर समझाए। 

उत्तर – यशोधर बाबू को अपने बेटों से तमाम तरह की शिकायतें हैं लेकिन कुल मिलाकर उन्हें यह अच्छा लगता है कि लोग-बाग उन्हें ईर्ष्या का पात्र समझते हैं। भले ही उन्हें भूषण का गैर-सरकारी नौकरी करना समझ में न आता हो तथापि वह यह बखूबी समझते हैं कि इतनी छोटी उम्र में डेढ़ हजार माहवार प्लस कनवेएंस एलाउंस एंड तुम्हारा अदर पर्क्स पा जाना कोई मामूली बात नहीं है। इसी तरह भले ही यशोधर बाबू ने बेटों की खरीदी हुई हर नयी चीज़ के संदर्भ में यही टिप्पणी की हो कि ये क्या हुई, समहाउ मेरी तो समझ में आता नहीं, इसकी क्या ज़रूरत थी, तथापि उन्हें कहीं इस बात से थोड़ी खुशी भी होती है कि इस चीज़  के आ जाने से उन्हें नए दौर के, निश्चय ही गलत, मानकों के अनुसार बड़ा आदमी मान लिया जा रहा है। मिसाल के लिए जब बेटों ने गैस का चूल्हा जुटाया तब यशोधर बाबू ने उसका विरोध किया और आज भी वह यही कहते हैं कि इस पर बनी रोटी मुझे तो समहाउ रोटी जैसी लगती नहीं, तथापि वह जानते हैं, गैस न होने पर वह इस नगर में चपरासी श्रेणी के मान लिए जाते। इसी तरह फ्रिज के संदर्भ में आज भी यशोधर बाबू यही कहते हैं कि मेरी समझ में आज तक यह नहीं आया कि इसका फायदा क्या है? बासी खाना खाना अच्छी आदत नहीं ठहरी। और यह ठहरा इसी काम का कि सुबह बना के रख दिया और शाम को खाया।इस में रखा हुआ पानी भी मेरे मन तो आता नहीं, गला पकड़ लेता है। कहते हैं मगर इस बात से संतुष्ट होते हैं कि घर आए साधारण हैसियत वाले मेहमान इस फ्रिज का पानी पीकर अपने को धन्य अनुभव करते हैं।

 

सारआधारित प्रश्न Extract Based Questions

 

सारआधारित प्रश्न बहुविकल्पीय किस्म के होते हैं, और छात्रों को पैसेज को ध्यान से पढ़कर प्रत्येक प्रश्न के लिए सही विकल्प का चयन करना चाहिए। (Extract-based questions are of the multiple-choice variety, and students must select the correct option for each question by carefully reading the passage.)

 

1 – 

जब सेक्शन ऑफिसर वाई.डी. (यशोधर) पंत ने आखिरी फाइल का लाल फीता बाँधकर निगाह मेज़ से उठाई तब दफ़्तर की पुरानी दीवार घड़ी पाँच बजकर पच्चीस मिनट बजा रही थी। उनकी अपनी कलाई घड़ी में साढ़े पाँच बज रहे थे। पंत जी अपनी घड़ी रोजाना सुबह-शाम रेडियो समाचारों से मिलाते हैं इसलिए उन्होंने दफ़्तर की घड़ी को ही सुस्त ठहराया। फाइल आउट ट्रे में डालकर उन्होंने एक निगाह अपने मातहतों पर डाली जो उनके ही कारण पाँच बजे के बाद भी दफ़्तर में बैठने को मजबूर होते हैं। चलते-चलते जूनियरों से कोई मनोरंजक बात कर दिन भर के शुष्क व्यवहार का निराकरण कर जाने की कृष्णानंद (किशनदा) पांडे से मिली हुई परंपरा का पालन करते हुए उन्होंने कहा, “आप लोगों की देखादेखी सेक्शन की घड़ी भी सुस्त हो गई है!” सीधे ‘असिस्टेंट ग्रेड’ में आए नए छोकरे चड्डा ने, जिसकी चौड़ी मोहरीवाली पतलून और ऊँची एड़ी वाले जूते पंतजी को, ‘सम हाउ इंप्रापर’ मालूम होते हैं, थोड़ी बदतमीशी-सी की। ‘ऐज यूजुअल’ बोला, “बड़े बाऊ, आपकी अपनी चूनेदानी का क्या हाल है? वक्त सही देती है?” पंतजी ने चड्डा की धृष्टता को अनदेखा किया और कहा, “मिनिट-टू-मिनिट करेक्ट चलती है।” चड्डा ने कुछ और धृष्ट होकर पंतजी की कलाई थाम ली। इस तरह की धृष्टता का प्रकट विरोध करना यशोधर बाबू ने छोड़ दिया है। मन-ही-मन वह उस ज़माने की याद जरूर करते हैं जब दफ़्तर में वह किशनदा को भाई नहीं ‘साहब’ कहते और समझते थे। घड़ी की ओर देखकर वह बोला, “बाबा आदम के ज़माने की है बड़े बाऊ यह तो! अब तो डिजिटल ले लो एक जापानी। सस्ती मिल जाती है।”

 

प्रश्न 1 – दफ़्तर की पुरानी दीवार घड़ी कितना बजा रही थी?

(क) चार बजकर पच्चीस मिनट

(ख) पाँच बजकर तीस मिनट

(ग) पाँच बजकर पच्चीस मिनट

(घ) पाँच बजकर पच्चास मिनट

उत्तर – (ग) पाँच बजकर पच्चीस मिनट

 

प्रश्न 2 – किशनदा का पूरा नाम क्या था?  

(क) कृष्णानंद पांडे

(ख) किशन पांडे

(ग) कृष्ण पांडे

(घ) किशनदा पांडे

उत्तर – (क) कृष्णानंद पांडे

 

प्रश्न 3 -यशोधर बाबू ने क्यों कहा कि  “आप लोगों की देखादेखी सेक्शन की घड़ी भी सुस्त हो गई है!”

(क) क्योंकि सभी को घर जाने की जल्दी लगी रहती थी 

(ख) क्योंकि दफ़्तर की घड़ी पर कोई ध्यान नहीं देता था 

(ग) क्योंकि दफ्तर के कर्मचारी अपने काम करने में आलस दिखाते थे 

(घ) क्योंकि दफ़्तर की घड़ी सही वक्त से पीछे चल रही थी 

उत्तर – (घ) क्योंकि दफ़्तर की घड़ी सही वक्त से पीछे चल रही थी

 

प्रश्न 4 – “बड़े बाऊ, आपकी अपनी चूनेदानी का क्या हाल है? वक्त सही देती है?” 

(क) किशनदा का 

(ख) चड्डा का 

(ग) यशोधर बाबू का 

(घ) घड़ी वाले का 

उत्तर – (ख) चड्डा का 

 

प्रश्न 5 – चड्डा ने उन्हें क्या राय दी?  

(क) डिजिटल घड़ी लेने की 

(ख) नई घड़ी लेने की 

(ग) पार्टी देने की 

(घ) थोड़ा आधुनिक होने की 

उत्तर – (क) डिजिटल घड़ी लेने की 

 

2 – 

“यह घड़ी मुझे शादी में मिली थी। हम पुरानी चाल के, हमारी घड़ी पुरानी चाल की। अरे यही बहुत है कि अब तक ‘राईट टाईम’ चल रही है-क्यों कैसी रही?”

इस तरह का नहले पर दहला जवाब देते हुए एक हाथ आगे बढ़ा देने की परंपरा थी, रेम्जे स्कूल, अल्मोड़ा में जहाँ से कभी यशोधर बाबू ने मैट्रिक की परीक्षा पास की थी। इस तरह के आगे बढ़े हुए हाथ पर सुनने वाला बतौर दाद अपना हाथ मारा करता था और वक्ता-श्रोता दोनों ठठाकर हाथ मिलाया करते थे। ऐसी ही परंपरा किशनदा के क़्वार्टर में भी थी जहाँ रोजी-रोटी की तलाश में आए यशोधर पंत नामक एक मैट्रिक पास बालक को शरण मिली थी कभी। किशनदा कुँआरे थे और पहाड़ से आए हुए कितने ही लड़के ठीक-ठिकाना होने से पहले उनके यहाँ रह जाते थे। मैस जैसी थी। मिलकर लाओ, पकाओ, खाओ। यशोधर बाबू जिस समय दिल्ली आए थे उनकी उम्र सरकारी नौकरी के लिए कम थी। कोशिश करने पर भी ‘बॉय सर्विस’ में वह नहीं लगाए जा सके। तब किशनदा ने उन्हें मैस का रसोइया बनाकर रख लिया। यही नहीं, उन्होंने यशोधर को पचास रूपये उधार भी दिए कि वह अपने लिए कपड़े बनवा सके और गाँव पैसा भेज सके। बाद में इन्हीं किशनदा ने अपने ही नीचे नौकरी दिलवाई और दफ़्तरी जीवन में मार्ग-दर्शन किया।

 

प्रश्न 1 – अपनी कलाई की घड़ी के बारे में यशोधर बाबू क्या कहते हैं?

(क) यह उनकी शादी का उपहार है 

(ख) यह उनकी पत्नी ने उन्हें दी है 

(ग) यह उनके बेटे ने पहली तनख्वा से उन्हें दी हैं 

(घ) यह उनके पिता की निशानी है 

उत्तर – (क) यह उनकी शादी का उपहार है 

 

प्रश्न 2 – किशनदा के क़्वार्टर में कैसी परंपरा थी?

(क) नहले पर दहला जवाब देते हुए एक हाथ आगे बढ़ा देने की परंपरा 

(ख) आगे बढ़े हुए हाथ पर सुनने वाला बतौर दाद अपना हाथ मारने की परंपरा 

(ग) वक्ता-श्रोता दोनों के ठठाकर हाथ मिलाने की परंपरा 

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी 

 

प्रश्न 3 – यशोधर बाबू जिस समय दिल्ली आए थे वे सरकारी नौकरी क्यों नहीं कर पाए थे? 

(क) उनकी उम्र सरकारी नौकरी के लिए अधिक थी

(ख) उनकी योग्यता सरकारी नौकरी के लिए कम थी

(ग) उनकी उम्र सरकारी नौकरी के लिए कम थी

(घ) उनकी कार्य-क्षमता सरकारी नौकरी के लिए कम थी

उत्तर – (ग) उनकी उम्र सरकारी नौकरी के लिए कम थी

 

प्रश्न 4 – किशनदा ने यशोधर बाबू को अपने यहाँ क्या काम दिया?  

(क) किशनदा ने यशोधर बाबू को मैस का रसोइया बनाकर रख लिया

(ख) किशनदा ने यशोधर बाबू को बाग़ में माली बनाकर रख लिया

(ग) किशनदा ने यशोधर बाबू को लड़कों की देखभाल बनाकर रख लिया

(घ) किशनदा ने यशोधर बाबू को घर का काम करने के लिए रख लिया

उत्तर – (क) किशनदा ने यशोधर बाबू को मैस का रसोइया बनाकर रख लिया

 

प्रश्न 5 – किशनदा ने यशोधर को कितने रूपए उधार दिए थे?

(क) सौ रूपये

(ख) पचास रूपये

(ग) तीस रूपये

(घ) दो सौ रूपये

उत्तर – (ख) पचास रूपये

 

3 – 

सारा सेक्शन जानता है कि यशोधर बाबू अपने बटुए में सौ-डेढ़ सौ रुपये हमेशा रखते हैं भले ही उनका दैनिक खर्च नगण्य है। और तो और, बस-टिकट का खर्च भी नहीं। गोल मार्केट से ‘सेक्रेट्रिएट’ तक पहले साइकिल में आते-जाते थे, इधर पैदल आने-जाने लगे हैं क्योंकि उनके बच्चे आधुनिक युवा हो चले हैं और उन्हें अपने पिता का साइकिल-सवार होना सख्त नागवार गुजरता है। बच्चों के अनुसार साइकिल तो चपरासी चलाते हैं। बच्चे चाहते हैं कि पिताजी स्कूटर ले लें। लेकिन पिताजी को ‘समहाउ’ स्कूटर निहायत बेहूदा सवारी मालूम होती है और कार जब ‘अफोर्ड’ की नहीं जा सकती तब उसकी बात सोचना ही क्यों?

चड्डा के जोर देने पर बड़े बाऊ ने दस-दस के नोट दो और दे दिए लेकिन सारे सेक्शन के इसरार करने पर भी वह अपनी ‘सिल्वर वैडिंग’ की इस दावत के लिए रुके नहीं। मातहत लोगों से चलते-चलाते थोड़ा हँसी-मजाक कर लेना किशनदा की परंपरा में है। उनके साथ बैठकर चाय-पानी और गप्प-गप्पाष्टक में वक्त बरबाद करना उस परंपरा के विरुद्ध है। इधर यशोधर बाबू ने दफ्तर से लौटते हुए रोज़ बिड़ला मंदिर जाने और उसके उद्यान में बैठकर कोई प्रवचन सुनने अथवा स्वयं ही प्रभु का ध्यान लगाने की नयी रीत अपनाई है।

 

प्रश्न 1 – यशोधर बाबू अपने बटुए में हमेशा कितने रूपए रखते हैं?

(क) सौ-दो सौ रुपये 

(ख) सौ-डेढ़ सौ रुपये 

(ग) सौ-ढाई सौ रुपये 

(घ) दो-तीन सौ रुपये 

उत्तर – (ख) सौ-डेढ़ सौ रुपये

 

प्रश्न 2 – यशोधर बाबू दफ़्तर पैदल आने-जाने क्यों लगे?  

(क) क्योंकि उनके बच्चे आधुनिक युवा हो चले हैं और उन्हें अपने पिता का साइकिल-सवार होना सख्त नागवार गुजरता है

(ख) क्योंकि उनके बच्चे चाहते हैं वे स्कूटर लें किन्तु यशोधर बाबू को यह सख्त नागवार गुजरता है

(ग) क्योंकि उनके बच्चे चाहते है कि वे कार ले परन्तु कार लेना उनके बजट से बाहर है

(घ) इनमें से कोई नहीं 

उत्तर – (क) क्योंकि उनके बच्चे आधुनिक युवा हो चले हैं और उन्हें अपने पिता का साइकिल-सवार होना सख्त नागवार गुजरता है

 

प्रश्न 3 – चड्डा के जोर देने पर यशोधर बाबू ने कितने रूपए दिए?

(क) दस 

(ख) बीस 

(ग) पच्चास 

(घ) तीस 

उत्तर – (घ) तीस

 

प्रश्न 4 – यशोधर बाबू और किशनदा की परंपरा के विरुद्ध क्या है?

(क) अपने परिवार को आधुनिक बनाने देना 

(ख) मंदिर जाना व् प्रवचन सुनना 

(ग) कर्मचारियों के साथ बैठकर चाय-पानी और गप्प-गप्पाष्टक में वक्त बरबाद करना

(घ) सभी को शरण देने के बदले उनसे काम करवाना 

उत्तर – (ग) कर्मचारियों के साथ बैठकर चाय-पानी और गप्प-गप्पाष्टक में वक्त बरबाद करना

 

प्रश्न 5 – यशोधर बाबू दफ्तर से लौटते हुए रोज़ कहाँ जाते थे?

(क) बिड़ला मंदिर 

(ख) गोल मार्किट  

(ग) किशनदा के घर 

(घ) प्रवचन देने 

उत्तर – (क) बिड़ला मंदिर 

 

4 –  

यह बात उनके पत्नी-बच्चों को बहुत अखरती है। बब्बा, आप कोई बुड्डे थोड़ी हैं जो रोज़-रोज़ मंदिर जाएँ, इतने ज़्यादा व्रत करें-ऐसा कहते हैं वे। यशोधर बाबू इस आलोचना को अनसुना कर देते हैं। सिद्धांत के धनी की, किशनदा के अनुसार, यही निशानी है! बिड़ला मंदिर से उठकर यशोधर बाबू पहाड़गंज जाते हैं और घर के लिए साग-सब्जी खरीद लाते हैं। किसी से मिलना-मिलाना हो तो वह भी इसी समय कर लेते हैं। तो भले ही दफ़्तर पाँच बजे छूटता हो वह घर आठ बजे से पहले नहीं पहुँचते। आज बिड़ला मंदिर जाते हुए यशोधर बाबू की निगाह उस अहाते पर पड़ी जिसमें कभी किशनदा का तीन बैडरूम वाला क़्वार्टर हुआ करता था और जिस पर इन दिनों एक छह मंज़िला इमारत बनाई जा रही है। इधर से गुज़रते हुए कभी के ‘डी.आई.जैड.’ एरिया की बदलती शक्ल देखकर यशोधर बाबू को बुरा-सा लगता है। ये लोग सारा गोल मार्केट क्षेत्र तोड़कर यहाँ एक मंज़िला क़्वार्टरों की जगह ऊँची इमारतें बना रहे हैं। यशोधर बाबू को पता नहीं कि वे लोग ठीक कर रहे हैं कि गलत कर रहे हैं। उन्हें यह ज़रूर पता है कि उनकी यादों के गोल मार्केट के ढहाए जाने का गम मनाने के लिए उनका इस क्षेत्र में डटे रहना निहायत ज़रूरी है। उन्हें एंड्रयूज़गंज, लक्ष्मीबाई नगर, पंडारा रोड आदि नयी बस्तियों में पद की गरिमा के अनुरूप डी-2 टाइप क़्वार्टर मिलने की अच्छी खबर कई बार आई है मगर हर बार उन्होंने गोल मार्केट छोड़ने से इंकार कर दिया है। जब उनका क़्वार्टर टूटने का नंबर  आया तब भी उन्होंने इसी क्षेत्र की इन बस्तियों में बचे हुए क़्वार्टरों में एक अपने नाम अलाट करा लिया। पत्नी के यह पूछने पर कि जब यह भी टूट जाएगा तब क्या करोगे? उन्होंने कहा-तब की तब देखी जाएगी। कहा और उसी तरह मुसकुराए जिस तरह किशनदा यही फ़िकरा कह कर मुसकुराते थे।

 

प्रश्न 1 – यशोधर बाबू के पत्नी-बच्चों को क्या बात अखरती है? 

(क) कि यशोधर बाबू बुड्डे थोड़ी हैं जो रोज़-रोज़ मंदिर जाएँ

(ख) कि यशोधर रोज़-रोज़ घर लेट आते हैं 

(ग) कि यशोधर बाबू किसी भी पार्टी या आधुनिक चीजों को नहीं मानते 

(घ) कि यशोधर बाबू रीति-रिवाजों व् परम्पराओं को अत्यधिक मानते हैं 

उत्तर – (क) कि यशोधर बाबू बुड्डे थोड़ी हैं जो रोज़-रोज़ मंदिर जाएँ

 

प्रश्न 2 – दफ़्तर से पाँच बजे छूटने पर भी यशोधर बाबू कब घर पहुँचते थे।

(क) नौ बजे से पहले कभी नहीं पहुँचते थे 

(ख) दस बजे से पहले कभी नहीं पहुँचते थे 

(ग) आठ बजे से पहले कभी नहीं पहुँचते थे 

(घ) सात बजे से पहले कभी नहीं पहुँचते थे 

उत्तर – (ग) आठ बजे से पहले कभी नहीं पहुँचते थे

 

प्रश्न 3 – जिस जगह इन दिनों छह मंज़िला इमारत बनाई जा रही है वहाँ पहले क्या था?

(क) किशनदा का तीन बैडरूम वाला क़्वार्टर हुआ करता था 

(ख) यशोधर बाबू का दो बैडरूम वाला क़्वार्टर हुआ करता था

(ग) सरकारी लोगों के क़्वार्टर हुआ करते थे 

(घ) किशनदा द्वारा मैस चलाई जाती थी 

उत्तर – (क) किशनदा का तीन बैडरूम वाला क़्वार्टर हुआ करता था 

 

प्रश्न 4 –  ‘डी.आई.जैड.’ एरिया की बदलती शक्ल देखकर यशोधर बाबू को बुरा-सा क्यों लगता है?

(क) क्योंकि उनका मन पुरानी चीजों से नहीं हटता 

(ख) क्योंकि यशोधर बाबू की यादे वहाँ से जुडी है और अब उसे तोडा जा रहा है 

(ग) क्योंकि अब किशनदा की मृत्यु हो गई है 

(घ) क्योंकि यशोधर बाबू का परिवार उनकी बातों को नहीं समझता 

उत्तर – (ख) क्योंकि यशोधर बाबू की यादे वहाँ से जुडी है और अब उसे तोडा जा रहा है

 

प्रश्न 5 – पत्नी के जब यशोधर बाबू से पूछा कि यदि उनके द्वारा बुक किया गया क़्वार्टर भी टूट जाएगा तब यशोधर बाबू ने क्या कहा?

(क) गाँव चले जाएंगे 

(ख) दूसरा देख लेंगे 

(ग) तब की तब देखी जाएगी

(घ) मकान ले लेंगे 

उत्तर – (ग) तब की तब देखी जाएगी

 

5

सच तो यह है कि पिछले कई वर्षों से यशोधर बाबू का अपनी पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात में मतभेद होने लगा है और इसी वजह से वह घर जल्दी लौटना पसंद नहीं करते। जब तक बच्चे छोटे थे तब तक वह उनकी पढ़ाई-लिखाई में मदद कर सकते थे। अब बड़ा लड़का एक प्रमुख विज्ञापन संस्था में नौकरी पा गया है। यद्यपि ‘समहाउ’ यशोधर बाबू को अपने साधारण पुत्र को असाधारण वेतन देने वाली यह नौकरी कुछ समझ में आती नहीं। वह कहते हैं कि डेढ़ हजार रुपया तो हमें अब रिटायरमेंट के पास पहुँच कर मिला है, शुरू में ही डेढ़ हजार रूपया देने वाली इस नौकरी में ज़रूर कुछ पेंच होगा। यशोधर जी का दूसरा बेटा दूसरी बार आई.ए.एस. देने की तैयारी कर रहा है और यशोधर बाबू के लिए यह समझ सकना असंभव है कि जब यह पिछले साल ‘एलाइड सर्विसेज़’ की सूची में, माना काफी नीचे आ गया था, तब इसने ‘ज्वाइन’ करने से इंकार क्यों कर दिया? उनका तीसरा बेटा स्कालरशिप लेकर अमरीका चला गया है और उनकी एकमात्र बेटी न केवल तमाम प्रस्तावित वर अस्वीकार करती चली जा रही है बल्कि डाक्टरी की उच्चतम शिक्षा के लिए स्वयं भी अमरीका चले जाने की धमकी दे रही है। यशोधर बाबू जहाँ बच्चों की इस तरक्की से खुश होते हैं वहाँ ‘समहाउ’ यह भी अनुभव करते हैं कि वह खुशहाली भी कैसी जो अपनों में परायापन पैदा करे। अपने बच्चों द्वारा गरीब रिश्तेदारों की उपेक्षा उन्हें ‘समहाउ’ जँचती नहीं। ‘एनीवे-जेनरेशनों में गैप तो होता ही है सुना’-ऐसा कहकर स्वयं को दिलासा देता है पिता।

 

प्रश्न 1 – किस वजह से यशोधर बाबू घर जल्दी लौटना पसंद नहीं करते?

(क) पिछले कई वर्षों से उनका पत्नी के साथ मतभेद होने लगा है

(ख) पिछले कई वर्षों से उनका बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात में मतभेद होने लगा है

(ग) पिछले कई वर्षों से अपनी पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात में मतभेद होने लगा है

(घ) पिछले कई वर्षों से उनका मन धार्मिक कार्यों में ज्यादा लगने लगा है 

उत्तर – (ग) पिछले कई वर्षों से अपनी पत्नी और बच्चों से हर छोटी-बड़ी बात में मतभेद होने लगा है

 

प्रश्न 2 – यशोधर बाबू का बड़ा लड़का कितना वेतन पाता है?  

(क) डेढ़ हजार रुपया

(ख) ढ़ाई हजार रुपया

(ग) दो हजार रुपया

(घ) एक हजार रुपया

उत्तर – (क) डेढ़ हजार रुपया

 

प्रश्न 3 – यशोधर बाबू का दूसरा बेटा कौन सी बार आई.ए.एस. देने की तैयारी कर रहा है?

(क) पहली बार 

(ख) तीसरी बार 

(ग) पांचवीं बार 

(घ) दूसरी बार 

उत्तर – (घ) दूसरी बार 

 

प्रश्न 4 – यशोधर बाबू की एकमात्र बेटी शादी के लिए माना क्यों कर रही थी? 

(क) क्योंकि डाक्टरी की उच्चतम शिक्षा के लिए वह अमरीका जाना चाहती है 

(ख) क्योंकि वह इतनी जल्दी शादी के झमेले में नहीं पड़ना चाहती है

(ग) क्योंकि वह अपने पिता की आर्थिक स्थिति जानती है कि वे अभी उसका विवाह नहीं कर सकते 

(घ) क्योंकि वह अभी कॉलेज जाना चाहती है 

उत्तर – (क) क्योंकि डाक्टरी की उच्चतम शिक्षा के लिए वह अमरीका जाना चाहती है 

 

प्रश्न 5 – यशोधर क्या कहकर स्वयं को दिलासा देता है?

(क) बच्चे हैं बड़े होते ही समझ जाएंगे 

(ख) जेनरेशनों में गैप तो होता ही है 

(ग) जिम्मेदारी पड़ने पर समझ आ जाएगी 

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (ख) जेनरेशनों में गैप तो होता ही है 

 

6 – 

जिस जगह किशनदा का क़्वार्टर था उसके सामने खड़े होकर एक गहरा निःश्वास छोड़ते हुए यशोधर जी ने अपने से पूछा कि क्या यह ‘बैटर’ नहीं रहता कि किशनदा की तरह, घर-गृहस्थी का बवाल ही न पाला होता और ‘लाइफ’ कम्यूनिटी के लिए ‘डेडीकेट’ कर दी होती। फिर उनका ध्यान इस ओर गया कि बाल-जती किशनदा का बुढ़ापा सुखी नहीं रहा। उसके तमाम साथियों ने हौज़खास, ग्रीनपार्क, कैलाश कहीं-न-कहीं ज़मीन ली, मकान बनवाया, लेकिन उसने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया। रिटायर होने के छह महीने बाद जब उसे क़्वार्टर खाली करना पड़ा तब, हद हो गई, उसके द्वारा उपकृत इतने सारे लोगों में से एक ने भी उसे अपने यहाँ रखने की पेशकश नहीं की। स्वयं यशोधर बाबू उसके सामने ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं रख पाए क्योंकि उस समय तक उनकी शादी हो चुकी थी और उनके दो कमरों के क़्वार्टर में तीन परिवार रहा करते थे। किशनदा कुछ साल राजेंद्र नगर में किराए का क़्वार्टर लेकर रहा और फिर अपने गाँव लौट गया जहाँ साल भर बाद उसकी मृत्यु हो गई। ज़्यादा पेंशन खा नहीं सका बेचारा! विचित्र बात यह है कि उसे कोई भी बीमारी नहीं हुई। बस रिटायर होने के बाद मुरझाता-सूखता ही चला गया। जब उसके एक बिरादर से मृत्यु का कारण पूछा तब उसने यशोधर बाबू को यही जवाब दिया, “जो हुआ होगा।” यानी ‘पता नहीं, क्या हुआ।’

 

प्रश्न 1 – अपने परिवार से संतुष्ट न होकर यशोधर बाबू क्या सोचने लगे? 

(क) कि काश उन्होंने भी शादी का झंझट न पला होता और अपना जीवन समाज सेवा के लगा लेते 

(ख) कि काश वे भी संयुक्त परिवार में रहते तो बच्चों को भी सयुंक्त परिवार का महत्त्व पता चलता 

(ग) कि काश वे गाँव में ही रहते तो उनके परिवार पर आधुनिकता का भूत सवार न होता 

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (क) कि काश उन्होंने भी शादी का झंझट न पला होता और अपना जीवन समाज सेवा के लगा लेते 

 

प्रश्न 2 – किशनदा का बुढ़ापा सुखी क्यों नहीं रहा? 

(क) उसके तमाम साथियों ने हौज़खास, ग्रीनपार्क, कैलाश कहीं-न-कहीं ज़मीन ली, मकान बनवाया, लेकिन उसने कभी इस ओर ध्यान ही नहीं दिया

(ख) जब उसे क़्वार्टर खाली करना पड़ा तब, हद हो गई, उसके द्वारा उपकृत लोगों में से एक ने भी उसे अपने यहाँ रखने की पेशकश नहीं की

(ग) किशनदा कुछ साल राजेंद्र नगर में किराए का क़्वार्टर लेकर रहा और फिर अपने गाँव लौट गया जहाँ साल भर बाद उसकी मृत्यु हो गई

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 3 – यशोधर बाबू भी किशनदा के सामने अपने घर में रहने का कोई प्रस्ताव क्यों नहीं रख पाए? 

(क) क्योंकि उस समय तक उनकी शादी हो चुकी थी 

(ख) उनके दो कमरों के क़्वार्टर में तीन परिवार रहा करते थे

(ग) केवल (क)

(घ) (क) और (ख) दोनों 

उत्तर – (घ) (क) और (ख) दोनों

 

प्रश्न 4 – किशनदा रिटायरमेंट के बाद कहाँ गए थे? 

(क) वे राजेंद्र नगर गए 

(ख) वे अपने गाँव चले गए 

(ग) वे गोल चॉक की मार्किट गए 

(घ) वे यशोधर बाबू के घर गए 

उत्तर – (ख) वे अपने गाँव चले गए

 

प्रश्न 5 – जब किशनदा के एक बिरादर से उनकी मृत्यु का कारण पूछा तब उसने यशोधर बाबू को क्या जवाब दिया? 

(क) “जो हुआ होगा।” यानी ‘पता नहीं, क्या हुआ।’

(ख) उनकी तबियत खराब थी 

(ग) उनका कोई पूछने वाला नहीं था 

(घ) वे दिन ब दिन बस सूखते ही जा रहे थे 

उत्तर – (क) “जो हुआ होगा।” यानी ‘पता नहीं, क्या हुआ।’

 

7

यशोधर बाबू ने फिर अपने को झिड़का कि यह भी क्या हुआ कि मन को समझाने में फिर भटक गए। गीता महिमा सुनो। सुनने लगे मगर व्याख्या में जनार्दन शब्द जो सुनाई पड़ा तो उन्हें अपने जीजा जनार्दन जोशी की याद हो आई। परसों ही कार्ड आया है कि उनकी तबीयत खराब है। यशोधर बाबू सोचने लगे कि जीजाजी का हाल पूछने अहमदाबाद जाना ही होगा। ऐसा सोचते ही उन्हें यह भी खयाल आया कि यह प्रस्ताव उनकी पत्नी और बच्चों को पसंद नहीं आएगा, सारा संयुक्त परिवार बिखर गया है। पत्नी और बच्चों की धारणा है कि इस बिखरे परिवार के प्रति यशोधर जी का एकतरफा लगाव आर्थिक दृष्टि से सर्वथा मूर्खतापूर्ण है। यशोधर जी खुशी-गम के हर मौके पर रिश्तेदारों के यहाँ जाना ज़रूरी समझते हैं। वह चाहते हैं कि बच्चे भी पारिवारिकता के प्रति उत्साही हों। बच्चे क्रुद्ध ही होते हैं। अभी उस दिन हद हो गई। कमाऊ बेटे ने यह कह दिया कि आपको बुआ को भेजने के लिए पैसे मैं तो नहीं दूँगा। यशोधर बाबू को कहना पड़ा कि अभी तुम्हारे बब्बा की इतनी साख है कि सौ रुपये उधार ले सकें। यशोधर जी का नारा, ‘हमारा तो सैप ही ऐसा देखा ठहरा’-हमें तो यही परंपरा विरासत में मिली है। इस नारे से उनकी पत्नी बहुत चिढ़ती है। पत्नी का कहना है, और सही कहना है कि यशोधर जी का स्वयं का देखा हुआ कुछ नहीं है। माँ के मर जाने के बाद छोटी-सी उम्र में वह गाँव छोड़कर अपनी विधवा बुआ के पास अल्मोड़ा आ गए थे। बुआ का कोई ऐसा लंबा-चौड़ा परिवार तो था नहीं जहाँ कि यशोधर जी कुछ देखते और परंपरा के रंग में रंगते। मैट्रिक पास करते ही वह दिल्ली आ गए और यहाँ रहे कुँआरे कृष्णानंद जी के साथ। कुँआरे की गिरस्ती में देखने को होता क्या है? 

 

प्रश्न 1 – गीता की महिमा सुनते हुए व्याख्या में जब जनार्दन शब्द सुना तो यशोधर बाबू को अपने जीजा जनार्दन जोशी के बारे में क्या याद आया? 

(क) कि उनका देहांत हो गया है

(ख) कि उनकी तबीयत खराब है

(ग) कि उन्हें उनसे मिलने जाना है

(घ) कि उनकी तबीयत अब बिलकुल ठीक है 

उत्तर – (ख) कि उनकी तबीयत खराब है

 

प्रश्न 2 – यशोधर जी का कौन सा प्रस्ताव उनकी पत्नी और बच्चों को पसंद नहीं आएगा?

(क) जीजाजी का हाल पूछने अहमदाबाद जाना

(ख) बुआ जी का हाल पूछने अल्मोड़ा जाना

(ग) किशनदा का हाल पूछने गाँव  जाना

(घ) इनमें से कोई नहीं 

उत्तर – (क) जीजाजी का हाल पूछने अहमदाबाद जाना

 

प्रश्न 3 – पत्नी और बच्चों का बिखरे परिवार के प्रति यशोधर जी के एकतरफा लगाव की क्या धारणा है?

(क)  कि यह सामाजिक दृष्टि से सर्वथा मूर्खतापूर्ण है

(ख)  कि यह रीति-रिवाजों की दृष्टि से सर्वथा मूर्खतापूर्ण है

(ग)  कि यह आर्थिक दृष्टि से सर्वथा मूर्खतापूर्ण है

(घ)  कि यह पारंपरिक दृष्टि से सर्वथा मूर्खतापूर्ण है

उत्तर – (ग)  कि यह आर्थिक दृष्टि से सर्वथा मूर्खतापूर्ण है

 

प्रश्न 4 – माँ के मर जाने के बाद छोटी-सी उम्र में वह गाँव छोड़कर यशोधर बाबू कहाँ आ गए थे?

(क) विधवा बुआ के पास अल्मोड़ा

(ख) दिल्ली किशनदा के पास 

(ग) विधवा चाची के पास दिल्ली 

(घ) विधवा मौसी के पास अल्मोड़ा

उत्तर – (क) विधवा बुआ के पास अल्मोड़ा

 

प्रश्न 5 – पत्नी का यह कहना सही क्यों है कि यशोधर जी का स्वयं का देखा हुआ कुछ नहीं है? 

(क) छोटी-सी उम्र में वे अनाथ हो गए थे 

(ख) बचपन में विधवा बुआ के पास अल्मोड़ा आ गए थे, बुआ का कोई ऐसा लंबा-चौड़ा परिवार तो था नहीं जहाँ कि यशोधर जी कुछ देखते और परंपरा के रंग में रंगते

(ग) मैट्रिक के बाद दिल्ली में कुँआरे कृष्णानंद जी के साथ रहे। कुँआरे की गृहस्थी में देखने को होता ही क्या है

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी 

 

8 – 

जब तक किशनदा दिल्ली में रहे तब तक यशोधर बाबू ने उनके पट्टशिष्य और उत्साही कार्यकर्ता की भूमिका पूरी निष्ठा से निभाई। किशनदा के चले जाने के बाद उन्होंने ही उनकी कई परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश की और इस कोशिश में पत्नी और बच्चों को नाराज़ किया। घर में होली गवाना, ‘जन्यो पुन्यूं’ के दिन सब कुमाउँनियों को जनेऊ बदलने के लिए अपने घर आमंत्रित करना, रामलीला की तालीम के लिए क़्वार्टर का एक कमरा दे देना-ये और ऐसे ही कई और काम यशोधर बाबू ने किशनदा से विरासत में लिए थे। उनकी पत्नी और बच्चों को इन आयोजनों पर होने वाला खर्च और इन आयोजनों में होने वाला शोर, दोनों ही सख्त नापसंद थे। बदतर यही कि इन आयोजनों के लिए समाज में भी कोई खास उत्साह रह नहीं गया है। यशोधर जी चाहते हैं कि उन्हें समाज का सम्मानित बुजुर्ग माना जाए लेकिन जब समाज ही न हो तो यह पद उन्हें क्योंकर मिले? यशोधर जी कहते हैं कि बच्चे मेरा आदर करें और उसी तरह हर बात में मुझसे सलाह लें जिस तरह मैं किशनदा से लिया करता था। यशोधर बाबू डेमोक्रेट बाबू हैं और हरगिज़ यह दुराग्रह नहीं करना चाहते कि बच्चे उनके कहे को पत्थर की लकीर समझें। लेकिन यह भी क्या हुआ कि पूछा न ताछा, जिसके मन में जैसा आया करता रहा। ग्रांटेड तुम्हारी नॉलेज ज्यादा होगी लेकिन एक्सपीरिएंस का कोई सबस्टीट्यूट ठहरा नहीं बेटा। मानो न मानो, झूठे मुँह सेसही, एक बार पूछ तो लिया करो-ऐसा कहते हैं यशोधर बाबू और बच्चे यही उत्तर देते हैं, “बब्बा, आप तो हद करते हैं, जो बात आप जानते ही नहीं आपसे क्यों पूछें?”

 

प्रश्न 1 – यशोधर बाबू ने किस कोशिश में पत्नी और बच्चों को नाराज़ किया?

(क) पुरानी परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश में 

(ख) रीति-रिवाजों को जीवित रखने की कोशिश में 

(ग) किशनदा की कई परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश में 

(घ) अपने द्वारा बनाई परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश में 

उत्तर – (ग) किशनदा की कई परंपराओं को जीवित रखने की कोशिश में

 

प्रश्न 2 – कौन से काम यशोधर बाबू ने किशनदा से विरासत में लिए थे?

(क) घर में होली गवाना 

(ख) ‘जन्यो पुन्यूं’ के दिन सब कुमाउँनियों को जनेऊ बदलने के लिए अपने घर आमंत्रित करना

(ग) रामलीला की तालीम के लिए क़्वार्टर का एक कमरा दे देना

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 3 – यशोधर जी किसकी तरह चाहते थे कि बच्चे उनका आदर करें और हर बात में उनसे सलाह लें? 

(क) जिस तरह वे किशनदा से लिया करते थे 

(ख) जिस तरह वे अपने पिता से लिया करते थे

(ग) जिस तरह वे अपने गुरु से लिया करते थे

(घ) जिस तरह वे अपने बड़ों से लिया करते थे

उत्तर – (क) जिस तरह वे किशनदा से लिया करते थे

 

प्रश्न 4 – यशोधर बाबू अपने बच्चों से क्या चाहते हैं?  

(क) उनके बच्चे भले ही उनके कहे को पत्थर की लकीर न समझें परन्तु ऐसा न करे कि पूछा न ताछा, जिसके मन में जैसा आया करता रहा

(ख) माना बच्चों की नॉलेज ज्यादा होगी लेकिन एक्सपीरिएंस का कोई सबस्टीट्यूट ठहरा नहीं होता अतः वे कभी-कबार उनसे सलाह लें 

(ग) मानो न मानो, झूठे मुँह से सही, एक बार पूछ तो लिया करें 

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 5 – “बब्बा, आप तो हद करते हैं, जो बात आप जानते ही नहीं आपसे क्यों पूछें?” किसका कथन है?

(क) यशोधर बाबू का 

(ख) किशनदा का

(ग) यशोधर बाबू के पुत्र का

(घ) यशोधर बाबू के कर्मचारियों का

उत्तर – (ग) यशोधर बाबू के पुत्र का

 

9 –

यशोधर बाबू को अपने बेटों से तमाम तरह की शिकायतें हैं लेकिन कुल मिलाकर उन्हें यह अच्छा लगता है कि लोग-बाग उन्हें ईर्ष्या का पात्र समझते हैं। भले ही उन्हें भूषण का गैर-सरकारी नौकरी करना समझ में न आता हो तथापि वह यह बखूबी समझते हैं कि इतनी छोटी उम्र में डेढ़ हजार माहवार प्लस कनवेएंस एलाउंस एंड तुम्हारा अदर पर्क्स पा जाना कोई मामूली बात नहीं है। इसी तरह भले ही यशोधर बाबू ने बेटों की खरीदी हुई हर नयी चीज़ के संदर्भ में यही टिप्पणी की हो कि ये क्या हुई, समहाउ मेरी तो समझ में आता नहीं, इसकी क्या ज़रूरत थी, तथापि उन्हें कहीं इस बात से थोड़ी खुशी भी होती है कि इस चीज़  के आ जाने से उन्हें नए दौर के, निश्चय ही गलत, मानकों के अनुसार बड़ा आदमी मान लिया जा रहा है। मिसाल के लिए जब बेटों ने गैस का चूल्हा जुटाया तब

यशोधर बाबू ने उसका विरोध किया और आज भी वह यही कहते हैं कि इस पर बनी रोटी मुझे तो समहाउ रोटी जैसी लगती नहीं, तथापि वह जानते हैं, गैस न होने पर वह इस नगर में चपरासी श्रेणी के मान लिए जाते। इसी तरह फ्रिज के संदर्भ में आज भी यशोधर बाबू यही कहते हैं कि मेरी समझ में आज तक यह नहीं आया कि इसका फायदा क्या है? बासी खाना खाना अच्छी आदत नहीं ठहरी। और यह ठहरा इसी काम का कि सुबह बना के रख दिया और शाम को खाया।इस में रखा हुआ पानी भी मेरे मन तो आता नहीं, गला पकड़ लेता है। कहते हैं मगर इस बात से संतुष्ट होते हैं कि घर आए साधारण हैसियत वाले मेहमान इस फ्रिज का पानी पीकर अपने को धन्य अनुभव करते हैं।

 

प्रश्न 1 – यशोधर बाबू को अपने बेटों से तमाम तरह की शिकायतें होने पर भी उन्हें क्या अच्छा लगता है? 

(क) कि लोग-बाग उन्हें अच्छा आदमी समझते हैं

(ख) कि लोग-बाग उन्हें ईर्ष्या का पात्र समझते हैं

(ग) कि लोग-बाग उन्हें बड़ा आदमी समझते हैं

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (ख) कि लोग-बाग उन्हें ईर्ष्या का पात्र समझते हैं

 

प्रश्न 2 – यशोधर बाबू को किस बात से थोड़ी खुशी होती है? 

(क) कि नई चीज़ के आ जाने से उन्हें नए दौर के, निश्चय ही गलत, मानकों के अनुसार बड़ा आदमी मान लिया जा रहा है

(ख) कि नई चीज़ के आ जाने से उन्हें नई पीढ़ी के साथ चलने में सहायता मिलेगी 

(ग) कि इस चीज़ के आ जाने से उन्हें बड़ा आदमी मान लिया जा रहा है

(घ) कि इस चीज़ के आ जाने से समाज में उनकी साख बन गई है 

उत्तर – (क) कि नई चीज़ के आ जाने से उन्हें नए दौर के, निश्चय ही गलत, मानकों के अनुसार बड़ा आदमी मान लिया जा रहा है

 

प्रश्न 3 – फ्रिज के संदर्भ में आज भी यशोधर बाबू क्या कहते हैं? 

(क) कि मेरी समझ में आज तक यह नहीं आया कि इसका फायदा क्या है

(ख) कि बासी खाना खाना अच्छी आदत नहीं ठहरी। और यह ठहरा इसी काम का कि सुबह बना के रख दिया और शाम को खाया

(ग) इस में रखा हुआ पानी भी मेरे मन तो आता नहीं, गला पकड़ लेता है

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी 

 

प्रश्न 4 – यशोधर बाबू बेटों द्वारा खरीदी हुई हर नयी चीज़ के संदर्भ में क्या टिप्पणी करते हैं?  

(क) मेरी तो समझ से इसकी बहुत ज़रूरत थी

(ख) ये क्या हुई, इसकी क्या ज़रूरत थी

(ग) ये क्या हुई, समहाउ मेरी तो समझ में आता नहीं, इसकी क्या ज़रूरत थी

(घ) समहाउ यह मुझसे कह देते, मैं इससे अच्छी चीज़ ले आता 

उत्तर – (ग) ये क्या हुई, समहाउ मेरी तो समझ में आता नहीं, इसकी क्या ज़रूरत थी  

 

प्रश्न 5 – गद्यांश के अनुसार यशोधर बाबू का अपने बेटे के सन्दर्भ में क्या समझ आता है?

(क) उनका बेटा स्वार्थी है 

(ख) यशोधर बाबू को अपने बेटे पर गर्व है 

(ग)  यशोधर बाबू अपने बेटे से नाराज रहते हैं 

(घ)  यशोधर बाबू को अपने बेटे से कोई उम्मीद नहीं है 

उत्तर – (ख) यशोधर बाबू को अपने बेटे पर गर्व है 

 

बहुविकल्पीय प्रश्न और उत्तर (Multiple Choice Questions)

 

बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) एक प्रकार का वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन है जिसमें एक व्यक्ति को उपलब्ध विकल्पों की सूची में से एक या अधिक सही उत्तर चुनने के लिए कहा जाता है। एक एमसीक्यू कई संभावित उत्तरों के साथ एक प्रश्न प्रस्तुत करता है।

 

प्रश्न 1 –  सिल्वर वेडिंग कहानी में किस का मुख्य वर्णन किया गया है? 

(क) यशोधर बाबू के जीवन का 

(ख) पीढ़ियों के अंतराल का 

(ग) किशनदा के जीवन का 

(घ) आधुनिक जीवन का 

उत्तर – (ख) पीढ़ियों के अंतराल का 

 

प्रश्न 2 – यशोधर बाबू के विवाह की कौन सी वर्षगांठ मनाई जा रही थी? 

(क) 25वीं

(ख) 5वीं

(ग) 50वीं

(घ) 15वीं

उत्तर – (क) 25वीं

 

प्रश्न 3 –  यशोधर बाबू का विवाह कब हुआ था? 

(क) 6 फरवरी 1948 को

(ख) 6 फरवरी 1949 को

(ग) 6 फरवरी 1947 को

(घ) 6 फरवरी 1950 को

उत्तर – (ग) 6 फरवरी 1947 को

 

प्रश्न 4 – यशोधर बाबू किसे अपना आदर्श मानते थे?

(क) किशनदा

(ख) उनके गुरु 

(ग) उनके पिता 

(घ) चड्डा 

उत्तर – (क) किशनदा

 

प्रश्न 5 – किशन दा का पूरा नाम क्या था?

(क)  कृष्णनंद पांडे

(ख)  कृष्ण पांडे

(ग)  किशन पांडे

(घ) कृष्णानंद पांडे

उत्तर – (घ) कृष्णानंद पांडे

 

प्रश्न 6 –  किशनदा, यशोधर बाबू को क्या कहकर बुलाते थे?  

(क) मित्र 

(ख) भाऊ

(ग) यशोधर 

(घ) बाबू 

उत्तर – (ख) भाऊ

 

प्रश्न 7 –  पाठ में “जो हुआ होगा” वाक्य किसके सन्दर्भ में कहा गया है? 

(क) किशनदा के  

(ख) यशोधर बाबू के  

(ग) यशोधर बाबू के पिता के  

(घ) किशनदा के बारादरी वाले के  

उत्तर – (क) किशनदा के  

 

प्रश्न 8 – यशोधर बाबू के कितने बच्चे थे? 

(क) चार (एक बेटा और तीन बेटी)

(ख) चार (दो बेटे और दो बेटी)

(ग) चार (तीन बेटे और एक बेटी)

(घ) तीन (दो बेटे और एक बेटी)

उत्तर – (ग) चार (तीन बेटे और एक बेटी)

 

प्रश्न 9 – यशोधर बाबू को कौन सी सवारी बिलकुल पसंद नहीं है? 

(क) स्कूटर

(ख) साईकिल 

(ग) कार 

(घ) मोटर 

उत्तर – (क) स्कूटर

 

प्रश्न 10 – यशोधर बाबू अपने ऑफिस कैसे जाते थे? 

(क) स्कूटर से 

(ख) कार से 

(ग) साइकिल से 

(घ) पैदल 

उत्तर – (घ) पैदल 

 

प्रश्न 11 – अपनी पत्नी के आधुनिक तरीकों को अपनाने पर यशोधर बाबू क्या कह कर उसका मजाक बनाते थे? 

(क) चटाई का लहंगा  

(ख) बूढ़ी मुँह मुहाँसे लोग करें तमाशे 

(ग) शायनल बुढ़िया 

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी 

 

प्रश्न 12 –  यशोधर बाबू के बड़े लड़के का प्रतिमाह वेतन कितना है?  

(क) 1000

(ख) 1500

(ग) 2000

(घ) 2500

उत्तर – (ख) 1500

 

प्रश्न 13 – यशोधर बाबू का तीसरा बेटा स्कॉलरशिप लेकर पढ़ने कहाँ चला गया?  

(क) यूरोप  

(ख) चीन  

(ग) अमेरिका

(घ) जापान 

उत्तर – (ग) अमेरिका

 

प्रश्न 14 – यशोधर बाबू की बेटी विवाह के लिए क्यों मना कर रही थी? 

(क) क्योंकि वह डॉक्टरी की पढाई के लिए अमेरिका जाना चाहती थी

(ख) क्योंकि वह इतनी छोटी उम्र में विवाह नहीं करना चाहती थी 

(ग) क्योंकि वह अभी अपनी कॉलेज की पढाई ख़त्म करना चाहती थी 

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (क) क्योंकि वह डॉक्टरी की पढाई के लिए अमेरिका जाना चाहती थी

 

प्रश्न 15 – ऑफिस से आने के बाद हमेशा यशोधर बाबू कहाँ जाते थे? 

(क) किशनदा के घर 

(ख) गोल मार्केट 

(ग) बिडला मंदिर

(घ) अपने घर 

उत्तर – (ग) बिडला मंदिर

 

प्रश्न 16 – माँ की मृत्यु के बाद यशोधर पंत किसके पास रहे? 

(क) अपनी बुआ के पास

(ख) अपने चाचा के पास 

(ग)  अपनी मौसी के पास

(घ) अपने मामा के पास

उत्तर – (क) अपनी बुआ के पास

 

प्रश्न 17 – यशोधर पंत के घर पर उनकी सिल्वर वेडिंग का प्रबंध किसने किया था?

(क) उनके सहकर्मचारियों ने 

(ख) उनकी बेटी ने 

(ग) उनके बड़े बेटे ने 

(घ) उनकी धर्मपत्नी ने 

उत्तर – (ग) उनके बड़े बेटे ने 

 

प्रश्न 18 – किशन दा से प्रेरणा लेकर यशोधर बाबू अपने घर में कौन सा त्यौहार मनाते थे? 

(क) होली का उत्सव 

(ख) जनेऊ पूजन 

(ग) रामलीला

(घ) उपरोक्त सभी 

उत्तर – (घ) उपरोक्त सभी

 

प्रश्न 19 – “हम लोगों के यहाँ सिल्वर वेडिंग कब से होने लगी”। यह कथन किसका है? 

(क) यशोधर बाबू का 

(ख) यशोधर बाबू की पत्नी का 

(ग) किशनदा का 

(घ) यशोधर बाबू के बेटे का 

उत्तर – (क) यशोधर बाबू का 

 

प्रश्न 20 – यशोधर बाबू को छोड़ कर उनका पूरा परिवार किस आचरण में ढल गया था? 

(क) परंपरागत 

(ख) आधुनिक 

(ग) सांस्कृतिक  

(घ) धार्मिक 

उत्तर – (ख) आधुनिक

 

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