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Hindi Essay and Paragraph Writing – चंद्रयान 3  (Chandrayaan-3) for all classes from Class 1 to Class 12

 

चंद्रयान 3 पर संक्षिप्त निबंध –  इस लेख में हम चंद्रयान 3 मिशन क्या है, चंद्रयान-3 के मिशन का उद्देश्य, समयरेखा, चंद्रयान 3 मिशन के मुख्य भाग आदि के बारे में जानेगे। चंद्रयान-3 मिशन की चंद्रमा पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग भारत की महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा से जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III (LVM3) का उपयोग करके चंद्रयान -3 मिशन लॉन्च किया|। इस पोस्ट में चंद्रयान 3 पर कक्षा 1 to 12 स्टूडेंट्स के लिए 100, 150, 200, 300 और 400 शब्दों में निबंध/अनुच्छेद दिए गए हैं।

चंद्रयान 3 पर 10 लाइन हिन्दी में

 

  1. चंद्रयान -3 मिशन ने 14 जुलाई 2023 शुक्रवार को दोपहर 2:35 बजे सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा केंद्र से उड़ान भरी थी।
  2. चंद्रयान-3 के मिशन का उद्देश्य था ‘चंद्र सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना’।
  3. चंद्रयान-3 05 अगस्त 2023 को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया था।
  4. चंद्रयान-3 योजना के अनुसार 23 अगस्त, 2023 को शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की।
  5. इस प्रकार भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला देश बन गया।
  6. भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है।
  7. चंद्रयान-3 मिशन में दो मॉड्यूल “प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और लैंडर मॉड्यूल (एलएम)” हैं, लैंडर मॉड्यूल में एक लैंडर (विक्रम) और एक रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं।
  8. चंद्रमा के जिस स्थान पर चंद्रयान-3 उतरा है अब उस Point को ‘शिवशक्ति’ के नाम से जाना जाएगा और हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा | यह घोषणा प्रधानमंत्री मोदी ने की है।
  9. चंद्रयान 3 मिशन को LVM3 रॉकेट प्रणाली का उपयोग करके लॉन्च किया गया है।
  10. चंद्रयान-3 चाँद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्र मिशन है।

Short Essay on Chandrayaan-3 in Hindi  चंद्रयान 3 पर अनुच्छेद कक्षा 1 to 12 के छात्रों के लिए 100, 150, 200, 300 से 400 शब्दों में

चंद्रयान 3 पर अनुच्छेद

चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 शुक्रवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से दोपहर 2:35 मिनट पर लॉन्च किया गया था। चंद्रयान-3 के मिशन के उद्देश्य था चंद्र सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना, रोवर को चंद्रमा पर भ्रमण का प्रदर्शन करना और यथास्थान वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन करना। चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है। यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 06:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। चंद्रयान 3 की जीत और विक्रम लैंडर की चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग के उपलक्ष्य में, पीएम मोदी की घोषणा के अनुसार हर साल 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया जाएगा।  

चंद्रयान 3 पर अनुच्छेद – कक्षा 1, 2, और 3 के छात्रों के लिए 100 शब्दों में

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चांद पर खोजबीन करने के लिए 22 अक्टूबर 2008 को पहला चंद्र अन्वेषण मिशन ‘चंद्रयान’ लॉन्च किया था। चंद्रयान का लक्ष्य चंद्रमा पर पानी की बर्फ की मौजूदगी की पुष्टि करना था। परन्तु अगस्त 2009 में, संचार समस्या के कारण चंद्रयान-1 मिशन को समाप्त कर दिया गया। 22 जुलाई, 2019 को इसरो ने दूसरा चंद्र अन्वेषण मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया लेकिन यह भी मिशन अपने अंतिम चरण में विफल हो गया। इसके बाद इसरो ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया और यह यान 23 अगस्त 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग करके पहला देश बन गया है।

चंद्रयान-3 पर अनुच्छेद – कक्षा 4 और 5 के छात्रों के लिए 150 शब्दों में

चंद्रयान 3 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा चलाया गया एक मिशन है। जिसका उद्देश्य चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करके चंद्रमा के सतह पर मौजूद रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों की जांच करना इस मिशन को इसरो ने 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया और यह यान 05 अगस्त 2023 को सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में स्थापित हो गया था। इसके बाद 23 अगस्त, 2023 को लैंडर (विक्रम) और एक रोवर (प्रज्ञान) को ले जाने वाले चंद्रयान-3 के लैंडर मॉड्यूल ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर ऐतिहासिक सॉफ्ट लैंडिंग की। इसी के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया है। इसरो ने चंद्रयान-3 मिशन से पहले अक्टूबर 2008 में चंद्रयान-1 और जुलाई 2019 में चंद्रयान-2 को चांद पर भेजने की कोशिश कर चुका है। लेकिन ये दोनों मिशन असफल रहा था। चंद्रयान-3 के मिशन का वित्तीय बजट 615 करोड़ रुपये है। 

चंद्रयान-3 पर अनुच्छेद – कक्षा 6, 7, और 8 के छात्रों के लिए 200 शब्दों में

चंद्रयान-3 चाँद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्र मिशन है। चंद्रयान-3 चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है। इसरो ने चंद्रयान-3 को 14 जुलाई 2023 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया और इस यान ने 23 अगस्त, 2023 को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की। इस यान को LVM3 रॉकेट प्रणाली के द्वारा लॉन्च किया गया है। इस मिशन का प्राथमिक उद्देश्य चंद्रमा के निर्माण और विकास के बारे में हमारे ज्ञान को आगे बढ़ाने के लिए चंद्रमा के भूविज्ञान, खनिज विज्ञान और बाह्यमंडल की जांच करना है।

चंद्रयान-2, चंद्रयान-1 के बाद इसरो द्वारा विकसित दूसरा चंद्र अन्वेषण मिशन था। इसे 22 जुलाई, 2019 को इसरो ने श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार दोपहर 02:43 बजे सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया था। चंद्रयान-2 में एक लैंडर और एक रोवर और एक चंद्र ऑर्बिटर शामिल था ये सभी भारत में ही विकसित किए गए थे। इसका मुख्य उद्देश्य चंद्र सतह की संरचना में विविधताओं के साथ-साथ चंद्र जल के स्थान और प्रचुरता का मानचित्रण और अध्ययन करना है लेकिन यह यान सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में लैंडर लैंडिंग से लगभग 2.1 किमी की दूरी पर अपने इच्छित पथ से भटक गया और इस तरह यह मिशन अधूरा रह गया।

चंद्रयान-1 को भी इसरो द्वारा 22 अक्टूबर 2008 को श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था। परन्तु संचार समस्या के कारण अगस्त 2009 में इस मिशन को समाप्त कर दिया गया।

चंद्रयान-3 पर निबंध –  कक्षा 9, 10, 11, 12 छात्रों के लिए 300 से 400 शब्दों में

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (ISRO) कई सालों की मेहनत के बाद तीसरी बार में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक पहुंचने वाला भारत पहला देश बना है। भारत के पहले चंद्र अन्वेषण मिशन को चंद्रयान कहा गया था। इसरो ने इसे 22 अक्टूबर 2008 को लॉन्च किया था। चंद्रयान का लक्ष्य चंद्रमा पर पानी की बर्फ की मौजूदगी की पुष्टि करना था। लेकिन अगस्त 2009 में, संचार समस्या के कारण चंद्रयान-1 मिशन को समाप्त कर दिया गया था। 22 जुलाई, 2019 को दूसरा चंद्र अन्वेषण मिशन चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया लेकिन यह मिशन सफलतापूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अंतिम समय में मार्गदर्शन सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग में विफल हो गया था। इसके बाद चंद्रयान-3 को 14 जुलाई, 2023 को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से दोपहर 2:35 बजे लॉन्च किया गया और यह यान 23 अगस्त 2023 को शाम 06:04 बजे के आसपास चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके साथ ही भारत अमेरिका, रूस और चीन के साथ चंद्रमा की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रक्षेपण करने वाला चौथा देश बन गया है। चंद्रयान-3 को जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क III (LVM3) का उपयोग करके लॉन्च किया है। चंद्रयान-3 में एक स्वदेशी लैंडर मॉड्यूल (एलएम), प्रोपल्शन मॉड्यूल (पीएम) और एक रोवर शामिल है। पीएम का मुख्य कार्य एलएम को लॉन्च वाहन इंजेक्शन से अंतिम चंद्र 100 किमी गोलाकार ध्रुवीय कक्षा तक ले जाना और एलएम को पीएम से अलग करना। इसके अलावा, प्रोपल्शन मॉड्यूल में मूल्यवर्धन के रूप में एक वैज्ञानिक पेलोड भी है जो लैंडर मॉड्यूल के अलग होने के बाद संचालित होगा । चंद्रयान-3 के तीन मुख्य उद्देश्य: –

  • लैंडर की चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग कराना।
  • चंद्रमा पर रोवर की विचरण क्षमताओं का अवलोकन और प्रदर्शन।
  • चंद्रमा की संरचना को बेहतर ढंग से समझने और उसके विज्ञान को अभ्यास में लाने के लिए चंद्रमा की सतह पर उपलब्ध रासायनिक और प्राकृतिक तत्वों, मिट्टी, पानी आदि पर वैज्ञानिक प्रयोग करना।

 

चंद्रयान 3 भारत के लिए एक बड़ी सफलता है चंद्रयान 3 रोवर प्रज्ञान 23 अगस्त को लैंडिंग के कुछ देर बाद लैंडर से नीचे उतर गया था। प्रज्ञान रोवर लगातार चंद्रमा पर चल रहा था और विभिन्न विवरण इसरो केंद्र को भेज रहा था। लेकिन अभी इसरो के नवीनतम अपडेट के अनुसार, रोवर ने अपना कार्य पूरा कर लिया है और अब इसे सुरक्षित रूप से पार्क कर स्लीप मोड में सेट कर दिया गया है। अब इसे दोबारा तब शुरू किया जाएगा जब 22 सितंबर के करीब सूर्य चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर फिर से उगेगा।